बहू नगीना और ससुर कमीना
- 007
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
awesome update
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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- pongapandit
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
Hot. ....... Waiting next
- Kamini
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
mast update
हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
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- Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
उस दिन शिवा के आने तक और कुछ नहीं हुआ। शिवा के आने के बाद सब खाना खाए और फिर ड्रॉइंग रूम में बैठ कर बातें करने लगे। तीनो लड़कियों ने रात के कपड़े पहने थे। मुन्नी और चारु ने टॉप और पाजामा पहना था और मालिनी ने गाउन पहना था। तभी सरला आयी और धम्म से सोफ़े पर बैठ कर बोली: बहुत मुश्किल से सोयी है गुड़िया, थका दिया उसने। वो एक गाउन में थी जिसमें से उसका भरा बदन मस्त उत्तेजक दिख रहा था।
राजीव: मुन्नी अब सोना नहीं है क्या? चलो सुबह स्कूल है ना?
मुन्नी बुरा सा मुँह बनाकर सबको गुड नाइट कहकर चली गयी। सब हँसने लगे और शिवा बोला: लगता है उसको अभी सोना नहीं था। आपने उसे ज़बरदस्ती भेज दिया।
राजीव: वो इसलिए ताकि हम सोच सकें कि कौन किसने साथ सोएगा?
मालिनी: मेरे साथ जो भी सोना चाहे सो सकता है पर चुदाई तो होगी नहीं। इसलिए मैं जा रही हूँ जो चाहे आ कर सो सकता है जब उसकी मर्ज़ी हो।मैं क्यों कबाब में हड्डी बनूँ? यह कह कर वो चली गयी।
राजीव: फिर शिवा क्या कहते हो? कौन किसके साथ सोएगा?
शिवा अपने लंड को हाफ़ पैंट के ऊपर से दबाकर : पापा आप बताइए आप बड़े हैं मैं तो आपके आदेश का पालन करूँगा।
सरला राजीव से : आपने उसे असली बात तो बताई नहीं है कि आप चारु को चोद चुके हो।
शिवा ने देखा कि चारु का चेहरा लाल हो गया। वो शर्मा कर अपना मुँह छिपा ली।
शिवा: वाह ये तो बड़ी मस्त बात हुई। अगर ऐसा है तो पापा हम सब आपके बेडरूम में चलते हैं और वहीं मस्त चुदाई करते हैं । मुझे भी अपनी साली की बुर लेने का मन हो रहा है।
सरला: हाँ हाँ मस्त लौंडिया मिल गयी हैं तो अपनी बूढ़ी सास का क्यों सोचेगा तू?
शिवा: क्या मम्मी क्या बोल रही हो। आप और बूढ़ी? आप तो अभी भी मस्त गदराई हुई रखी हो। आपको चोदने में तो स्वर्ग का मज़ा आता है। फिर वो उठ कर सरला के पास जाकर बैठा और उसके गाल चूमने लगा। तभी राजीव भी उठा और उसकी दूसरी तरफ़ जाकर बैठा और उसके दूसरे गाल को चूमने लगा। चारु हैरानी से देख रही थी किबाप बेटा दोनों उसकी चाची को चूम रहे थे और अब उनके एक एक हाथ उसकी एक एक चूचि को दबाने लगे थे।
राजीव: अरे सरला तुम तो मस्त माल हो, बूढ़ी होगी तुम्हारी दुश्मन। हम बाप बेटा तो तुम्हारे आशिक़ हैं ।
इस पर सरला हँसने लगी और बोली: अरे अच्छा बस करो। वो देखो मेरी भतीजी अपना जवान बदन लेकर बैठी है, उसका भी तो ध्यान रखो।
राजीव: तुमने चारु को अब तक नहीं चोदा है ना। चलो उसको गोद में उठाके बिस्तर पर ले चलो । हम अभी आते है। वो सरला को अपनी गोद में खींचकर बोला।
शिवा उठा और चारु को किसी फूल की तरह उठाकर अपनी गोद में लेकर राजीव के बेडरूम में चला गया।
उधर राजीव सरला को चूमकर बोला: जानू तुमसे एक बात करनी थी।
सरला: हाँ बोलिए।
राजीव: वो क्या है ना मुन्नी भी अब जवान हो चली है। पर अभी उसकी सील टूटी नहीं है। ओरल सेक्स तो मस्ती से करती है और करवाती है। क्या अब उसकी सील भी तोड़ देनी चाहिए?
सरला: मैं क्या बताऊँ? क्या वो तय्यार है?
राजीव: यही तो पता करना है। मैं चाहता हूँ कि तुम ये पता करो। वैसे भी वो अभी जाग रही होगी। तुम्हारा क्या ख़याल है मेरा लंड ले लेगी वो?
सरला: अरे आजकल तो इससे भी छोटी लड़कियाँ मज़े से चुदवा रहीं हैं तो भला ये तो ओरल कर ही रही है। आप चोद डालो उसे।
राजीव: नहीं एक बार तुम थोड़ा चेक कर लो कि वो अभी तय्यार हुई है या नहीं?
सरला: अच्छा तो क्या अभी ये करना है?
राजीव: हाँ मैं चाहता हूँ कि अभी शिवा एक राउंड चारु को चोद ले तभी हम उस कमरे में जाएँ। तुम मुन्नी से बात करो और अगर लगे तो मुझे बुला लेना।
सरला हँसकर उसका लंड दबायी और उठ कर मुन्नी के कमरे में गयी। वहाँ मुन्नी एक किताब पढ़ रही थी। वो चाची को देखकर चौंक गयी।
वो: चाची आप? कुछ चाहिए क्या?
सरला मुस्कुरा कर उसके पास बिस्तर में बैठी और बोली: नहीं बस ऐसे ही, सोचा तेरा हाल चाल पूछ लूँ। कैसी है? मन लग गया? स्कूल कैसा है?
मुन्नी: हाँ चाची सब ठीक है। मन भी लग गया है। स्कूल भी अच्छा है।
सरला: स्कूल में लड़के तंग तो नहीं करते? ख़ास कर तेरे अमरूद इतने बड़े हो गए हैं ना? इसलिए पूछ रही हूँ। वह हाथ बढ़ाकर उसके एक अमरूद को सहला दी।
मुन्नी लाल होकर: आह चाची क्या बोल रही हो? आऽऽऽऽह छोड़ो ना। गुदगुदी होती है। वैसे मेरे इतने भी बड़े नहीं हैं। कई लड़कियों के तो मेरे से भी बहुत बड़े हैं । ज़्यादा लड़के उन्ही लड़कियों के पीछे भागते हैं । वह सरला का हाथ अपनी चूची से हटा कर बोली।
सरला: अरे तेरे भी जल्दी ही बड़े हो जाएँगे। शिवा और उसके पापा दबा तो रहे ही हैं ना। उसने अंधेरे में तीर मारा।
मुन्नी चौंक कर: नहीं तो आपको किसने कहा?
सरला: अरे दोनों बाप बेटा ही बोले। मस्त दबवाती है मुन्नी और चूसती भी है और ये भी चूसवाती है। सरला उसकी बुर को पजामा के ऊपर से दबा कर बोली।
मुन्नी: आऽऽऽऽह बड़े गंदे हैं दोनों। आपको सब बता दिया?
सरला: कहाँ तक पहुँची? सील टूट गयी क्या?
मुन्नी शर्मा कर नहीं में सिर हिलाई।
सरला: अच्छा कौन ज़्यादा मज़ा देता है? शिवा या उसके पापा?
मुन्नी शर्माकर: उफ़्फ़्फ़्फ चाची क्या क्या पूछ रही हैं आप?
मुझे दोनों अच्छे लगते हैं पर जीजू ज़्यादा पसंद हैं । वो बड़े प्यार से मज़ा देते हैं। वो जवान भी है ना।
सरला: तो किससे सील तुड़वाएगी ? जीजू से ?
मुन्नी शर्मा कर : जी ।
सरला: तो कब तुड़वाएगी? आज या बाद में?
मुन्नी: आऽऽज? नहीं चाची परसों छुट्टी है। कल तुड़वा लूँगी। क्योंकि एक दिन तो सही तरीक़े से चल नहीं पाऊँगी ना।
सरला: अच्छा कौन बताया तुमको कि ऐसा होगा?
मुन्नी: चाची मेरी सभी सहेलियाँ चुदवा चुकी हैं । वो ही बतायीं थीं।और वैसे भी दोनों बाप बेटा बहुत बड़ा हथियार लेकर घूम रहे हैं।
सरला: ठीक है कल चुदवा लेना। जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। मैं शिवा को बोलूँगी कल तुम्हारी सील तोड़ देगा। अभी राजीव अंकल को बुलाऊँ थोड़ा सा ओरल कर लेना।
मुन्नी: वो कहाँ है?
सरला: बाहर इंतज़ार कर रहे हैं। बुलाऊँ?
मुन्नी ने शर्मा कर हाँ में सिर हिला दिया।
सरला उठकर बाहर आयी और राजीव को बोली: वो शिवा से भी मज़े ले रही है। जैसे आपसे ले रही है।
राजीव: ओह ऐसा क्या है? मस्त माल है गरम गरम।
सरला: वह बोली है कि वो शिवा से चुदवाएगी और वो भी कल। अभी आपको ओरल देने के लिए तय्यार है।
राजीव: चलो ये अच्छा ही है कि वो शिवा से सील तुड़वाएगी । वैसे भी चारु की सील तोड़ने में मुझे थोड़ा दिक़्क़त हुई थी। शिवा जवान है वही तोड़ेगा तो सही रहेगा।
सरला: जाओ आप अपना लौड़ा चूसवा लो आप। मैं यहाँ आपका इंतज़ार करती हूँ।
राजीव: अरे ऐसा थोड़े होगा तुम भी चलो ना अंदर । वह सरला का हाथ पकड़ा और अंदर ले गया। मुन्नी वहाँ बिस्तर पर बैठी थी। राजीव और सरला अंदर आए। राजीव मुस्कुराकर अपनी लूँगी खोल दिया। उसका लम्बा लौड़ा अभी नरम था और लटक रहा था। वो बिस्तर पर बैठा और मुन्नी को अपनी गोद में खींच लिया और उसे चूमने लगा। मुन्नी भी शर्मा कर उसकी छाती में मुँह छिपा ली। उसे सरला के सामने शर्म आ रही थी।
राजीव: सरला इसे तुम्हारे सामने शर्म आ रही है। इसकी झिझक दूर कर दो। वह सरला को अपने लंड की ओर इशारा करके बोला।
राजीव: मुन्नी अब सोना नहीं है क्या? चलो सुबह स्कूल है ना?
मुन्नी बुरा सा मुँह बनाकर सबको गुड नाइट कहकर चली गयी। सब हँसने लगे और शिवा बोला: लगता है उसको अभी सोना नहीं था। आपने उसे ज़बरदस्ती भेज दिया।
राजीव: वो इसलिए ताकि हम सोच सकें कि कौन किसने साथ सोएगा?
मालिनी: मेरे साथ जो भी सोना चाहे सो सकता है पर चुदाई तो होगी नहीं। इसलिए मैं जा रही हूँ जो चाहे आ कर सो सकता है जब उसकी मर्ज़ी हो।मैं क्यों कबाब में हड्डी बनूँ? यह कह कर वो चली गयी।
राजीव: फिर शिवा क्या कहते हो? कौन किसके साथ सोएगा?
शिवा अपने लंड को हाफ़ पैंट के ऊपर से दबाकर : पापा आप बताइए आप बड़े हैं मैं तो आपके आदेश का पालन करूँगा।
सरला राजीव से : आपने उसे असली बात तो बताई नहीं है कि आप चारु को चोद चुके हो।
शिवा ने देखा कि चारु का चेहरा लाल हो गया। वो शर्मा कर अपना मुँह छिपा ली।
शिवा: वाह ये तो बड़ी मस्त बात हुई। अगर ऐसा है तो पापा हम सब आपके बेडरूम में चलते हैं और वहीं मस्त चुदाई करते हैं । मुझे भी अपनी साली की बुर लेने का मन हो रहा है।
सरला: हाँ हाँ मस्त लौंडिया मिल गयी हैं तो अपनी बूढ़ी सास का क्यों सोचेगा तू?
शिवा: क्या मम्मी क्या बोल रही हो। आप और बूढ़ी? आप तो अभी भी मस्त गदराई हुई रखी हो। आपको चोदने में तो स्वर्ग का मज़ा आता है। फिर वो उठ कर सरला के पास जाकर बैठा और उसके गाल चूमने लगा। तभी राजीव भी उठा और उसकी दूसरी तरफ़ जाकर बैठा और उसके दूसरे गाल को चूमने लगा। चारु हैरानी से देख रही थी किबाप बेटा दोनों उसकी चाची को चूम रहे थे और अब उनके एक एक हाथ उसकी एक एक चूचि को दबाने लगे थे।
राजीव: अरे सरला तुम तो मस्त माल हो, बूढ़ी होगी तुम्हारी दुश्मन। हम बाप बेटा तो तुम्हारे आशिक़ हैं ।
इस पर सरला हँसने लगी और बोली: अरे अच्छा बस करो। वो देखो मेरी भतीजी अपना जवान बदन लेकर बैठी है, उसका भी तो ध्यान रखो।
राजीव: तुमने चारु को अब तक नहीं चोदा है ना। चलो उसको गोद में उठाके बिस्तर पर ले चलो । हम अभी आते है। वो सरला को अपनी गोद में खींचकर बोला।
शिवा उठा और चारु को किसी फूल की तरह उठाकर अपनी गोद में लेकर राजीव के बेडरूम में चला गया।
उधर राजीव सरला को चूमकर बोला: जानू तुमसे एक बात करनी थी।
सरला: हाँ बोलिए।
राजीव: वो क्या है ना मुन्नी भी अब जवान हो चली है। पर अभी उसकी सील टूटी नहीं है। ओरल सेक्स तो मस्ती से करती है और करवाती है। क्या अब उसकी सील भी तोड़ देनी चाहिए?
सरला: मैं क्या बताऊँ? क्या वो तय्यार है?
राजीव: यही तो पता करना है। मैं चाहता हूँ कि तुम ये पता करो। वैसे भी वो अभी जाग रही होगी। तुम्हारा क्या ख़याल है मेरा लंड ले लेगी वो?
सरला: अरे आजकल तो इससे भी छोटी लड़कियाँ मज़े से चुदवा रहीं हैं तो भला ये तो ओरल कर ही रही है। आप चोद डालो उसे।
राजीव: नहीं एक बार तुम थोड़ा चेक कर लो कि वो अभी तय्यार हुई है या नहीं?
सरला: अच्छा तो क्या अभी ये करना है?
राजीव: हाँ मैं चाहता हूँ कि अभी शिवा एक राउंड चारु को चोद ले तभी हम उस कमरे में जाएँ। तुम मुन्नी से बात करो और अगर लगे तो मुझे बुला लेना।
सरला हँसकर उसका लंड दबायी और उठ कर मुन्नी के कमरे में गयी। वहाँ मुन्नी एक किताब पढ़ रही थी। वो चाची को देखकर चौंक गयी।
वो: चाची आप? कुछ चाहिए क्या?
सरला मुस्कुरा कर उसके पास बिस्तर में बैठी और बोली: नहीं बस ऐसे ही, सोचा तेरा हाल चाल पूछ लूँ। कैसी है? मन लग गया? स्कूल कैसा है?
मुन्नी: हाँ चाची सब ठीक है। मन भी लग गया है। स्कूल भी अच्छा है।
सरला: स्कूल में लड़के तंग तो नहीं करते? ख़ास कर तेरे अमरूद इतने बड़े हो गए हैं ना? इसलिए पूछ रही हूँ। वह हाथ बढ़ाकर उसके एक अमरूद को सहला दी।
मुन्नी लाल होकर: आह चाची क्या बोल रही हो? आऽऽऽऽह छोड़ो ना। गुदगुदी होती है। वैसे मेरे इतने भी बड़े नहीं हैं। कई लड़कियों के तो मेरे से भी बहुत बड़े हैं । ज़्यादा लड़के उन्ही लड़कियों के पीछे भागते हैं । वह सरला का हाथ अपनी चूची से हटा कर बोली।
सरला: अरे तेरे भी जल्दी ही बड़े हो जाएँगे। शिवा और उसके पापा दबा तो रहे ही हैं ना। उसने अंधेरे में तीर मारा।
मुन्नी चौंक कर: नहीं तो आपको किसने कहा?
सरला: अरे दोनों बाप बेटा ही बोले। मस्त दबवाती है मुन्नी और चूसती भी है और ये भी चूसवाती है। सरला उसकी बुर को पजामा के ऊपर से दबा कर बोली।
मुन्नी: आऽऽऽऽह बड़े गंदे हैं दोनों। आपको सब बता दिया?
सरला: कहाँ तक पहुँची? सील टूट गयी क्या?
मुन्नी शर्मा कर नहीं में सिर हिलाई।
सरला: अच्छा कौन ज़्यादा मज़ा देता है? शिवा या उसके पापा?
मुन्नी शर्माकर: उफ़्फ़्फ़्फ चाची क्या क्या पूछ रही हैं आप?
मुझे दोनों अच्छे लगते हैं पर जीजू ज़्यादा पसंद हैं । वो बड़े प्यार से मज़ा देते हैं। वो जवान भी है ना।
सरला: तो किससे सील तुड़वाएगी ? जीजू से ?
मुन्नी शर्मा कर : जी ।
सरला: तो कब तुड़वाएगी? आज या बाद में?
मुन्नी: आऽऽज? नहीं चाची परसों छुट्टी है। कल तुड़वा लूँगी। क्योंकि एक दिन तो सही तरीक़े से चल नहीं पाऊँगी ना।
सरला: अच्छा कौन बताया तुमको कि ऐसा होगा?
मुन्नी: चाची मेरी सभी सहेलियाँ चुदवा चुकी हैं । वो ही बतायीं थीं।और वैसे भी दोनों बाप बेटा बहुत बड़ा हथियार लेकर घूम रहे हैं।
सरला: ठीक है कल चुदवा लेना। जैसी तुम्हारी मर्ज़ी। मैं शिवा को बोलूँगी कल तुम्हारी सील तोड़ देगा। अभी राजीव अंकल को बुलाऊँ थोड़ा सा ओरल कर लेना।
मुन्नी: वो कहाँ है?
सरला: बाहर इंतज़ार कर रहे हैं। बुलाऊँ?
मुन्नी ने शर्मा कर हाँ में सिर हिला दिया।
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राजीव: ओह ऐसा क्या है? मस्त माल है गरम गरम।
सरला: वह बोली है कि वो शिवा से चुदवाएगी और वो भी कल। अभी आपको ओरल देने के लिए तय्यार है।
राजीव: चलो ये अच्छा ही है कि वो शिवा से सील तुड़वाएगी । वैसे भी चारु की सील तोड़ने में मुझे थोड़ा दिक़्क़त हुई थी। शिवा जवान है वही तोड़ेगा तो सही रहेगा।
सरला: जाओ आप अपना लौड़ा चूसवा लो आप। मैं यहाँ आपका इंतज़ार करती हूँ।
राजीव: अरे ऐसा थोड़े होगा तुम भी चलो ना अंदर । वह सरला का हाथ पकड़ा और अंदर ले गया। मुन्नी वहाँ बिस्तर पर बैठी थी। राजीव और सरला अंदर आए। राजीव मुस्कुराकर अपनी लूँगी खोल दिया। उसका लम्बा लौड़ा अभी नरम था और लटक रहा था। वो बिस्तर पर बैठा और मुन्नी को अपनी गोद में खींच लिया और उसे चूमने लगा। मुन्नी भी शर्मा कर उसकी छाती में मुँह छिपा ली। उसे सरला के सामने शर्म आ रही थी।
राजीव: सरला इसे तुम्हारे सामने शर्म आ रही है। इसकी झिझक दूर कर दो। वह सरला को अपने लंड की ओर इशारा करके बोला।