वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

Post Reply
User avatar
pongapandit
Novice User
Posts: 971
Joined: 26 Jul 2017 16:08

Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by pongapandit »

Super hit kahani hai
User avatar
Kamini
Novice User
Posts: 2112
Joined: 12 Jan 2017 13:15

Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by Kamini »

mast update
User avatar
rajaarkey
Super member
Posts: 10097
Joined: 10 Oct 2014 10:09
Contact:

Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

sexi munda wrote: 01 Nov 2017 16:14 hattttttttttttttt update plz continue ............
pongapandit wrote: 02 Nov 2017 09:12 Super hit kahani hai
Kamini wrote: 03 Nov 2017 12:21mast update
shukriya dosto
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
User avatar
rajaarkey
Super member
Posts: 10097
Joined: 10 Oct 2014 10:09
Contact:

Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

ज़ाहिद ने आते ही अम्मी का फुद्दा खाती शाज़िया को परे हटिया. और अपनी अम्मी की खुली टाँगों के दरमियाँ बैठ कर शाज़िया की जगह अपनी अम्मी की मोटी फुद्दि में अपनी ज़ुबान फेरने लगा.

ज्यों ही ज़ाहिद ने फर्श पर बैठ कर अपनी अम्मी की गरम चूत को चाटना शुरू किया. तो शाज़िया सोफे पर नीम नंगे अंदाज़ में लेटी हुई अपनी अम्मी रज़िया बीबी के पहलू में जा बैठी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईई में इस दुनिया की खुश नसीब तरीन माँ हूँ,जिसे इतना प्यार करने वाली औलाद नसीब हुई है” ज्यों ही शाज़िया अपनी अम्मी के पहलू में बैठी.

तो ज़ाहिद के चाटने से मस्त होते हुए रज़िया बीबी ने शाज़िया के एक मोटे मम्मे को अपने मुँह में भरा.

और अपनी सोतन बेटी के बड़े मम्मे अपने मुँह में ले कर शाज़िया के भारी मम्मे को मज़े से सक करने लगी.



अब कमरे में हालत ये थी. कि रज़िया बीबी की टाँगों के दरमियाँ बैठा ज़ाहिद अपनी अम्मी के गरम फुद्दे को अपनी ज़ुबान से चोद कर रज़िया बीबी को नीचे से मज़ा दे रहा था.

जब कि इस दोरान रज़िया बीबी ज़ाहिद की ज़ुबान से मज़े लेते हुए, शाज़िया के मोटे मम्मे को चूस चूस, अपने बेटे ज़ाहिद के मुँह से हसल कारदा मज़े को अपने मुँह के रास्ते अपनी बेटी शाज़िया के जिस्म में मुन्तिकल कर रही थी.

“हाईईईईईईईईईईईईईई आप की बातों ने तो मेरी फुददी में एक आग सी भर दी है अम्मिईीईई” ज्यों ही रज़िया बीबी ने शाज़िया के मम्मे को अपने मुँह में डाला. तो अपनी अम्मी के सर के पीछे हाथ रख कर रज़िया बीबी के मुँह का दबाब अपने मम्मे पर बढ़ाते हुए शाज़िया सिसकारी.

“तो मेरे होते हुए तुम्हे फिकर की क्या बात है, तुम दोनो की मेहरबानी से में भी अब एक सेक्स एक्सपर्ट बन चुकी हूँ, ज़ाहिद नीचे से मेरी चूत की आग को ठंडा कर रहा है, तुम उपर से मेरे मुँह पर अपनी चूत रख दो, तो में चन्द ही मिनट में तुम्हारी फुद्दि की आग को ठंडा कर देती हूँ मेरी बच्ची” अपनी बेटी की बात सुन कर रज़िया बीबी ने शाज़िया के मोटे मम्मे को मुँह से निकाला. और अपनी बेटी की तरफ देखते हुए उस की बात का जवाब दिया.

“हां ये ठीक रहे गा, जैसे ज़ाहिद आप की फुद्दि को खा कर आप की गर्मी निकाल रहे हैं,वैसी आप भी मेरी चूत में अपनी ज़ुबान डाल कर इसे सकूँ पहुँचाए अम्मी जान” ये कहते हुए शाज़िया उठी.



और अपनी अम्मी के जिस्म के उपर चढ़ कर अपनी गरम फुद्दि को अपनी अम्मी के खाली मुँह पर रख दिया.

ज्यों ही शाज़िया की चूत रज़िया के खुले मुँह के उपर आई. तो सोफे पर लेटी रज़िया बीबी ने अपनी बेटी की पानी पानी होती फुद्दि को अपने मुँह में कबूल कर लिया.

शाज़िया की चूत को उस की अम्मी की बातों ने पहले ही काफ़ी गरमा दिया था.

इसीलिए रज़िया बीबी के होंठो ने जैसे ही अपनी बेटी शाज़िया की फुद्दि को छुआ. तो शाज़िया एक दम “हाईईईईईईईईईईईईईई में गैिईईईईईईईईईईईईई अम्मिईीईईईईईईईईईईईईईईई” चिल्लाते हुए अपनी फुद्दि का गरम और नमकीन पानी अपनी अम्मी के मुँह मे छोड़ते हुए फारिग हो गई.

शाज़िया की चूत का पानी एक झरना बन कर उस की गरम फुद्दि से तेज़ी के साथ खारिज होने लगा.

शाज़िया की चूत से बहते हुए पानी की रफ़्तार इतनी तेज थी. कि दूसरे ही लम्हे शाज़िया की चूत का वो पानी उस की फुद्दि की दीवारों से निकल कर सीधा सोफे पर उस की टाँगों के दरमियाँ लेटी उस की अम्मी के खुले मुँह में गिरा.

और फिर मुँह से होता हुए हलक के रास्ते रज़िया बीबी के हमला पेट में जा कर ज़ाहिद के बच्चे के पानी से अपना मिलाप करने लगा था.



शाज़िया के फारिग होने की आवाज़ ज्यों ही ज़ाहिद के कान में गूँजी. तो उस ने भी नीचे से अपनी अम्मी की चूत के दाने पर अपनी ज़ुबान को जोश से घुमाया. तो इस के साथ ही रज़िया बीबी की चूत ने भी अपना मुँह खोल दिया.

शाज़िया की तरह रज़िया बीबी की गरम फुद्दि से भी पानी बहता हुआ ज़ाहिद के मुँह में आया. और रज़िया बीबी की तरह ज़ाहिद भी अपनी अम्मी की चूत के नमकीन पानी को मज़े ले के अपने हलक में उतारने लगा.

अब रज़िया बीबी और शाज़िया तो अपनी अपनी चूत का पानी खारिज कर के बहुत पुरसकून हो चुकी थी.

मगर ज़ाहिद अपनी अम्मी और बहन के इस हसीन शो का नज़ारा देखने और फिर अपनी बीवी रज़िया बीबी की फुद्दि का स्वाद चखने के दोरान ज़ाहिद का लौडा अब फौलादी रूप में आ चुका था.

इसीलिए अपनी अम्मी रज़िया बीबी की टाँगों के दरमियाँ से उठ कर ज़ाहिद शाज़िया और रज़िया बीबी के साथ सोफे पर आन बैठा.

और अपनी दोनो गरम बीवियों के सामने अपने मोटे लंड पर हाथ मारते हुए बोला “तुम दोनो ने तो अपनी अपनी फुद्दि की आग बुझवा ली है, अब जल्दी से आ कर मेरे लंड को भी ठंडा कर दो मेरी रानियो”

ज़ाहिद की बात सुन कर रज़िया बीबी और शाज़िया मुस्करते हुए सोफे से उठिएं.



और फिर सोफे पर लेटे ज़ाहिद के राइट और लेफ्ट साइड में बैठ कर रज़िया बीबी और शाज़िया ने अपना मुँह खोला.

अपने अपने मुँह खोल कर दोनो माँ बेटी ने अपनी गरम ज़ुबान बाहर निकालीं. और अपनी लंबी ज़ुबानो से अपने खाविंद ज़ाहिद के मोटे लंड को दोनो साइड से सक करना शुरू कर दिया.

“देखो तो सही इस लंड को, आप की चूत का रस पी कर ज़ाहिद का लंड कुछ ही दिनो में कितना मोटा हो गया है अम्मी जान” ज़ाहिद के मोटे लंड के उपर अपनी ज़ुबान और हाथ एक साथ फेरते हुए शाज़िया ने अपनी अम्मी से कहा.

ज़ाहिद का लंड इतना मोटा था. कि उसे अपनी गिरफ़्त में लेते वक्त शाज़िया को अपने दोनो हाथों का इस्तेमाल करना पड़ रहा था.

मगर फिर भी ज़ाहिद का लौदा शाज़िया के हाथों में नही समा रहा था.

“हाईईईईईईईईईईईई इतना बड़ा लंड तो किसी औरत को बड़े नसीब से मिलता है, सच पूछो तो नीलोफर और तुम्हें ज़ाहिद के इस मोटे लंड से चुदवाते देख कर मुझे तुम दोनो से जलन होने लगी थी, मगर फिर तुम्हारी मेहरबानी से तुम्हारी तरह ज़ाहिद के इस मोटे लंड को अपनी चूत में लेने के बाद, अब में भी अपने आप को बहुत खुश नसीब समझती हूँ शाज़िया” रज़िया बीबी ने बड़े प्यार से ज़ाहिद के लंड की टोपी को अपने मुँह में भर कर सक करते हुए कहा.

अब दोनो माँ बेटी बहुत प्यार और जोश से ज़ाहिद के मोटे लंड को बारी बारी अपने गरम मुँह में लेती. और “शर्प शर्प” करते हुए ज़ाहिद के लंड का चुप्पा लगाने में मसरूफ़ हो गईं थी.

कुछ ही देर में ज़ाहिद ने भी अपनी अम्मी और बहन की गरम जोशी के आगे हथियार डाल दिए.

और“हाईईईईईईईईईई मेरे लंड का पानी निकलने लगा है मेरी जनंनननणणन्” कहते हुए ज़ाहिद ने अपने लंड को झटका दिया. तो ज़ाहिद के लंड के पानी ने लंड की टोपी से उबाल कर बाहर गिरना शुरू कर दिया.

जैसे ही ज़ाहिद के लंड का गरम वीर्य बाहर गिरा. तो रज़िया बीबी और शाज़िया ने अपने नये शोहर के लंड के नमकीन पानी को मज़े ले ले कर चाटना शुरू कर दिया.

रज़िया बीबी की तरह ज़ाहिद और शाज़िया को भी अपनी अम्मी के फिर से माँ बनने की खबर पर खुशी तो बहुत हुई थी.

मगर साथ ही साथ इन तीनो को इस बात की फिकर भी लग चुकी थी. कि ज्यूँ ज्यूँ रज़िया बीबी का पेट बच्चे की ग्रोत की वजह से बढ़ेगा .

त्यु त्यु मोहल्ले और उन के जानने वालों की ज़ुबान को रोकना मुश्किल ही नही बल्कि ना मुमकिन हो जाए गा.

इसीलिए शाज़िया से मेशवरे के बाद ज़ाहिद ने पोलीस की नौकरी से इस्तीफ़ा (रिज़ाइन) कर दिया. और अपनी दोनो बीवियों को साथ ले कर नीलोफर और जमशेद के पास मलेशिया चला आया.

कुआला लंपुर मॉलेसिया के एरपोर्ट के अराइवल लाउन्ज से बाहर निकल कर ज्यों ही ज़ाहिद वगेरा की मुलाकात जमशेद और नीलोफर से हुई.

तो नीलोफर का उभरा हुआ पेट देख कर सब को पता चल गया. कि ज़ाहिद की तरह जमशेद के लंड ने भी अपनी ही बहन नीलोफर की चूत में अपना काम दिखा दिया है.
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
User avatar
rajaarkey
Super member
Posts: 10097
Joined: 10 Oct 2014 10:09
Contact:

Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

इधर ज़ाहिद और जमशेद एक दूसरे के गले मिले. तो दूसरी तरफ शाज़िया ने अपनी उस सहेली को अपने गले से लगाया.

जिस सहेली ने आज से कई महीने पहले गुस्से मे आ कर ज़ाहिद से अल कौसेर होटेल दीना में की गई बे इज़्ज़ती का बदला लेने का सोचा था.

और अपने उसी गुस्से को परवान चढ़ाते हुए अंजाने में ज़ाहिद और शाज़िया के दिल और दिमाग़ में दोनो बहन भाई के जिस्मो के लिए जिन्सी आग को भड़का दिया था.

“हाईईईईईईईईई नीलोफर लगता है जमशेद का प्यार तुम्हारे पेट में पलने लगा है,मेरी बनो” नीलोफर के हमला पेट से अपना हमला पेट मिलाते हुए शाज़िया ने अपनी सहेली नीलोफर को अपनी बाहों में कसा. और बहुत प्यार से अपनी सहेली से बोली.

“हां,तुम्हारे भाई की तरह मेरे भाई ने भी मेरी खोख में अपने प्यार की निशानी को मुन्तिकल कर दिया है मेरी जान” नीलोफर ने भी शाज़िया से एक अरसे के बाद मिलने पर उसे जोश से अपनी बाहों में कसा. और शाज़िया की बात का उसी अंदाज़ में जवाब देते हुआ बोली.

“ज़ाहिद भाई की निशानी सिर्फ़ मेरे अंदर ही नही, बल्कि मेरे साथ साथ अब हमारी अम्मी की चूत में भी पल रही है निलो” शाज़िया ने नीलोफर की बात का जवाब देते हुए जमशेद और नीलोफर को इतला दी.

“किय्ाआआआआआआ आंटी आप भी ज़ाहिद से चुदवा चुकी हैंन्नननणणन्” शाज़िया के मुँह से ये धमाके दार खबर सुन कर नीलोफर ने शाज़िया को और जमशेद ने एक दम अपने आप से अलग किया.

तो रज़िया बीबी और ज़ाहिद की तरफ देखते हुए जमशेद और नीलोफर के मुँह से एक साथ ये इलफ़ाज़ निकल गये.

जमशेद और नीलोफर का हैरत भरा ये रियेक्शन देख कर ज़ाहिद और शाज़िया के मुँह पर एक शैतानी मुस्कराहट फैल गई.

मगर रज़िया बीबी को ना जाने क्यों इस वक्त जमशेद और नीलोफर का सामना करने में शरम सी महसूस होने लगी थी.

“ये वाकई है सच है आंटी” रज़िया बीबी को यूँ शरमाते देख कर नीलोफर आगे बढ़ी. और शाज़िया की अम्मी को अपने गले से लगाते हुए पूछने लगी.

“हां ये बात सच है कि शाज़िया की तरह, ना सिर्फ़ में भी अपने बेटे की बीवी बन चुकी हूँ,बल्कि अपनी बेटी शाज़िया के साथ साथ में खुद भी अपने ही बेटे ज़ाहिद के बच्चे की माँ बेनने वाली हूँ,और इस बात के लिए में तुम दोनो बहन भाई की बहुत अहसान मंद हूँ, क्यों कि तुम दोनो ही ख्वाहिश से हम दोनो माँ बेटी की सुखी ज़िंदगी में ना सिर्फ़ फिर से बहार आई है, बल्कि हम दोनो की बंजर फुद्दियो को अपने ही भाई और बेटे के मोटे लंड का गरम पानी नसीब हुआ है” ये बात कहते हुए रज़िया बीबी ने अपनी शरम का लबादा उतारा. और बहुत खुले अंदाज में नीलोफर का शुक्रिया अदा करते हुए नीलोफर को कस कर अपने गले से लगा लिया.

“तुम तो बहुत छुपे रुस्तम निकले,कि बहन चोद के साथ माँ चोद बनने का आज़ाज़ भी हासिल कर लिया है तुम ने ज़ाहिद “रज़िया बीबी के मुँह से ज़ाहिद से चुदवाने की बात सुन कर जमशेद का लौडा उस की पॅंट में खड़ा हुआ. और उस ने अपने दोस्त ज़ाहिद की कमर में प्यार से एक मुक्का मारते हुए कहा.

जमशेद की बात और हरकत पर ज़ाहिद ने मुस्कराते हुए जमशेद की गाड़ी में अपना समान रखा. और सब एक साथ कार में जमशेद के घर की तरफ रवाना हो गये.

घर के रास्ते में कार में बैठे हुए शाज़िया ने अम्मी और ज़ाहिद के दरमियाँ होने वाले सारे किसे की तफ़सील जमशेद और नीलोफर को सुना दी.

शाज़िया के मुँह से रज़िया बीबी और ज़ाहिद के जिन्सी ताल्लुक की डीटेल सुनते हुए नीलोफर की प्रेगेनेंट चूत और जमशेद का लंड भी गरम हो उठे .

“तुम्हारे हाथों रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद, मेने तो तुम को ज़लील करने की खातिर तुम्हें, तुम्हारी बहन शाज़िया के गरम बदन से रोशनाश करवाया था,मगर तुम तो बड़े खुस किस्मत हो कि बहन के साथ साथ अपनी अम्मी की चूत भी हासिल करने में कामयाब हो गये हो ज़ाहिद” शाज़िया के मुँह से सारी बात सुन कर नीलोफर ने ज़ाहिद को छेड़ते हुए कहा.

“वो एक पुरानी मिसल है ना. कि किसी क़ुबरे शक्स को किसी आदमी ने गुस्से में आ कर लात मारी, मगर उस लात के लगने की वजह से उस क़ुबरे शक्स का कुबरा पन ख़तम हो गया था, बिल्कुल उसी तरह तुम ने अपनी तरफ से तो नफ़रत में आ कर मेरा और शाज़िया का मिलाप करवाया था,मगर मुझे ये फ़ायदा हुआ कि मुझे अपने ही घर में एक नही दो दो फुद्दियाँ नसीब हो गई हैं मेरी जान” नीलोफर की बात के जवाब में ज़ाहिद हँसते हुए बोला. तो ज़ाहिद की बात सुन कर सब हँसने लग गये.

जमशेद और नीलोफर के घर में आ कर सब ने मिल कर खाना खाया. और फिर जमशेद ज़ाहिद को साथ ले कर उन का समान कार से निकालने लगा.

जमशेद ने ज़ाहिद और शाज़िया के लिए अपने घर के साथ ही एक घर रेंट पर लिया हुआ था. जहाँ ज़ाहिद, शाज़िया और रज़िया बीबी एक साथ रहने लगे.

जमशेद ने चूँके ज़ाहिद के दिए हुए हराम के पैसे से मलेशिया में आते ही अपना एक बिज्निस स्टार्ट कर लिया था. जिस वजह से ज़ाहिद को अब एक गैर मल में आ कर किसी किसम की परेशानी नही हुई.

ज़ाहिद भी जमशेद के साथ बिज्निस में उस का हाथ बटाने लगा. और इस अरसे में दोनो बहन भाई की जोड़ी एक दूसरे के साथ अच्छा वक्त गुजारने लगी.

डॉक्टर की हिदायत के मुतबलिक ज़ाहिद ने प्रेगनेन्सी के पहले चन्द महीनो में अपनी दोनो बिबीयों शाज़िया और रज़िया बीबी के साथ सेक्स से परहेज किया था.

इस दोरान जब भी ज़ाहिद गरम होता. तो शाज़िया या रज़िया बीबी ज़ाहिद की मूठ या चुसाइ लगा कर उस के जज़्बात को ठंडा कर देती थी.

जब कि इसी तरह ज़ाहिद भी अपनी बीवियों की फुद्ड़ियों को चाट चाट कर उन की गर्मी भी दूर करता रहा.

फिर प्रेगनेन्सी के चार पाँच महीने बाद लेडी डॉक्टर ने ज़ाहिद को चुदाई की इजाज़त तो दे दी.

मगर साथ ही साथ इहतियात से चुदाई करने का मसवरा भी दे दिया.

डॉक्टर की इजाज़त के बाद ज़ाहिद शाज़िया और रज़िया बीबी की चूत में अहतियात से अपना लंड डाल कर फिर से अपनी बहन और अम्मी की गरम चूत का मज़ा तो लेने लगा था.

मगर अपनी बहन और अम्मी को चोदते वक्त ज़ाहिद की अब भी पूरी कोशिश होती. कि वो रज़िया बीबी और शाज़िया को ज़ोर से ना चोदे.

इस चुदाई की वजह से ज़ाहिद के लंड का पानी तो चूत में निकलने ही लगा था.

मगर इस अहतियात की बदोलत ज़ाहिद को चुदाई का वो मज़ा नही मिल रहा था. जिस का वो आदि हो चुका था.

इसी तरह आहिस्ता आहिस्ता करते हुए,दिन,हफ्ते और फिर महीने गुज़रने लगे. और फिर वो दिन आ पहुँचा जिस दिन शाज़िया की डेलिवरी होनी थी.

हाला कि नीलोफर और शाज़िया की डेलिवरी डेट्स में चन्द दिन का फरक था.

मगर इस के बावजूद जिस दिन ज़ाहिद शाज़िया को साथ ले कर हॉस्पिटल जाने का तैयारी कर रहा था. ऐन उसी दिन नीलोफर की बच्चे दानी से भी उस की चूत पानी ब्रेक हो गया.

जमशेद ने जल्दी से आंब्युलेन्स को कॉल की और यूँ शाज़िया और नीलोफर साथ साथ एक ही आंब्युलेन्स में हॉस्पिटल पहुँच गईं.
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
Post Reply