thanks dear
असली या नकली
- Kamini
- Novice User
- Posts: 2188
- Joined: 12 Jan 2017 13:15
Re: असली या नकली
शादी का मन्त्र viewtopic.php?t=11467
हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
- Kamini
- Novice User
- Posts: 2188
- Joined: 12 Jan 2017 13:15
Re: असली या नकली
बाथरूम के अंदर पहुंचते ही आनंद ने अपने मुसल लंड को अपनी अंडरवियर की कैद से आजाद किया , उसका लंड तो जैसे खुली हवा में साँस लेने के लिए ही तड़प रहा था, जैसे ही आनंद ने अंडरवियर नीचे की, उसका लंड स्प्रिंग की तरह उछलकर हवा में कलाबजिया दिखाने लगा, दरअसल ये आनंद के साथ लगभग रोज़ ही होता था, जब भी सुबह वो सोकर जगता उसका लंड भी उसके साथ ही जगा मिलता , जिसे वो छुपता छुपाता बाथरूम में जाकर मुठ मारकर शांत करता
पर आज आनंद को इस हालत में मोहिनी ने देख लिया था , और उसे इस बात से बड़ी शर्म महसूस हो रही थी, पर उसके लंड को तो जैसे कोई शर्म नही थी, वो तो अभी भी पूरी तरह तनकर सलामी दिए जा रहा था, आनंद को ऑफिस भी जाना था, इसलिए वो मुठ मारने में वक्त बर्बाद नही कर सकता था, क्यूंकि अक्सर उसका पानी बहुत देर से निकलता था,
इसलिए वो फटाफट नहाने धोने लगा, लगभग २० मिनट में ही वो पूरी तरह तैयार था, उसका पप्पू भी अब थोडा शांत था, वो अब बाथरूम से निकलकर रूम की तरफ जाने लगा, उसने अपने बदन पर सिर्फ एक टॉवल लपेटा था,
वो अभी जस्ट अपने रूम में पहुंचा ही था ,कि तभी मोहिनी दोबारा उसके सामने आकर खड़ी हो गयी,
मोहिनी ने अब एक लेग्गिंग्स पहन ली थी , लेग्गिंग्स एक प्रकार की पजामी होती है जो बदन से बिलकुल चिपकी रहती है सो लड़कियां उन्हें लम्बे कुर्तों के साथ पहना करती हैं,
उस जमाने में भी ये ट्रेंड चलता था , इस ट्रेंड को शुरू करने में एक बॉलीवुड की एक्ट्रेस का नाम शुमार किया जाता है, वो थी मुमताज़, जिसने उस जमाने में भी बदन से चिपकी कुर्ती पाजामी का चलन शुरू किया था,
लेग्गिंग्स में ढंके मोहिनी के जवान बदन के उभार आज पूरी तरह से नज़र आ रहे थे. उसकी कुर्ती भी स्लीवेलेस और गहरे गले की थी, आनंद अपनी बहन को इस रूप में देखकर बुरी तरह झेंप गया और उनसे तुरंत नज़रे घुमा ली,
भले ही उसने नज़रे घुमा ली हो पर उसके नागराज ने तो नजरें गडाना शुरू कर दिया था, मतलब अब उसका लंड दोबारा धीरे धीरे सर उठाने लगा, उसके टॉवल में अब हल्का सा तम्बू बनने लगा , पर इससे पहले की ये तबू का उभार मोहिनी को नज़र आता , आनंद तुरंत दूसरी तरफ पलट कर बैठ गया,
“ओय बच्चू, अभी तक तैयार नही हुआ क्या तू, 8:30 बजने वाले है, और ये जनाब अभी तक टॉवल लपेटे घूम रहे है, भूल मत तुझे 9 बजे ऑफिस पहुंचना ही है, वरना तू दादाजी को जानता ही है,समझा” मोहिनी इढ्लाते हुए बोली
“ठिक्क्क्क ....है.....मैं ..समझ गया तू जा यहाँ से , मुझे कपड़े पहनने दे” आनंद हिचकिचा के बोला
“नही,,,,,तेरा कोई भरोसा नही , तू लेट कर देगा, दादाजी ने तुझे तैयार कर ऑफिस भेजने की जिम्मेदारी मुझे दी है, और मैं नही चाहती कि तेरी वजह से से मुझे भी दादाजी की डांट खानी पड़े” मोहिनी ने कहा और वहीं पास पड़ी कुर्सी पर धम्म से बैठ गयी
“परर......मैं.....कपडे .....मेरा मतबल तू यहाँ है ना तो ....तेरे सामने....” आनंद झिझकते हुए बोला
“मुझे कुछ नही पता ,तू बस फटाफट तैयार होजा, तुझे लिए बिना मैं कही नही जाने वाली” अब मोहिनी भी मजाक के मूड में आ चुकी थी, वो तो बस आनंद के मजे लेना चाहती थी
इधर अब आनंद को कुछ सूझ नही रहा था कि वो क्या करे , क्यूंकि अगर वो खड़ा हुआ और पलटा तो उसका तम्बू साफ नजर आ जाने वाला था
इससे पहले की आप लोग सोचे कि कहानी के मुख्य किरदार ये दोनों भाई बहन है तो आप गलत है , कहानी का असली हीरो कोई और है जिसके बारे में आपको जल्द ही पता चलेगा
बस्ती में ही एक और किरदार है- बंशी, ये इस बस्ती में इकलौता मैकेनिक था, बंशी कोई 35 साल का आदमी था, इसके घर मे इसकी बीवी रूपा और एक प्यारी सी छोटी सी बेटी और एक छोटा बेटा है, बंशी और मोहन एक दूसरे के पक्के दोस्त थे, ओर साथ ही साथ पड़ोसी भी, बंशी थोड़ा अंध विश्वासी इंसान था पर भगवान में भरोषा भी बहुत था
इधर अब आनंद को कुछ सूझ नही रहा था कि वो क्या करे , क्यूंकि अगर वो खड़ा हुआ और पलटा तो उसका तम्बू साफ नजर आ जाने वाला था, पर उसके पास कोई और चारा भी तो नही था , उसे हर हालत में 9 बजे से पहले पहले ऑफिस पहुंचना था,
इसलिए आनंद ने भी अब शर्म छोड़ कर तुरंत तैयार होने का फैसला किया, वो मोहिनी की तरफ पीठ किये हुए ही धीरे धीरे चलकर वार्डरॉब (अलमारी ) की तरफ गया, वो जान बुझकर धीरे धीरे चल रहा था क्यूंकि उसके टॉवल में उसका लंड बड़ा सा तम्बू बनाये था और उसे डर था कि अगर वो थोडा सा भी और तेज़ चला तो उसका टॉवल खुल सकता था
धीरे धीरे सम्भलते हुए आखिर वो किसी तरह अलमारी तक पहुंच ही गया, और उसने झटपट अलमारी खोल अपनी अंडरवियर बनियान और बाकि कपडे भी निकल लिए, पर असल समस्या तो अब शुरू होनी थी, दर असल आज से पहले आनंद हमेशा टॉवल निकाल कर ही अंडरवियर पहनता था, और उसे डर लग रहा था कि कही टॉवेल के उपर से चड्डी पहनने के चक्कर में टॉवेल ही न निचे गिर जाये, पर मरता क्या न करता
इधर मोहिनी सोफे पर बैठी आनंद को ही देखे जा रही थी, क्यूंकि वो चाहती थी कि आनंद जल्द से जल्द तैयार हो जाये , पर उसे इस बात का जरा भी एहसास नही था कि आनंद बेचारा उससे शर्माता ही दूसरी तरफ मुंह करके खड़ा है
अब आनंद भी बेचारा परेशान था, कि आखिर तोलिये के उपर से अंडरवियर कैसे पहने, पर जल्दी ही उसे समझ आ गया कि ये कलाबाजी उसके बस की बात नही है, उसे मोहिनी को ही थोड़ी देर के लिए दूसरी तरफ मुंह करके बैठने को बोलना होगा
“अम्म्म......दीदी.........” आनंद थोडा झिझकता हुआ बोला
“मुझे तू दीदी बोल रहा है मतलब जरुर कुछ काम है तुझे मुझसे ...”मोहिनी उसकी तरफ आश्चर्य से देखते हुए बोली
दरअसल आनंद मोहिनी को दीदी तभी बोलता था जब उसे कुछ काम हो वरना तो वो उसे सिर्फ मोहिनी या कभी कभी मोहि कहकर ही बुलाता था,
“हम्म्म्म .....दीदी.....वो ....मैं......वो.....मुझे टॉवेल के उपर से ......वो ..पहनने में दिक्कत हो रही है..आप प्लीज़ थोड़ी देर उस तरफ मुंह कर लो ना..” आनंद ने आखिर झिझकते हुए कहा
आनंद की बात सुनकर मोहिनी को जोर से हंसी आ गयी
“अरे तू इतना बड़ा हो गया और तुझे चड्डी पहननी भी नही आती, बेवकूफ” मोहिनी हँसते हुए बोली
आनंद को मोहिनी पर बड़ा गुस्सा आया
“अगर तुझे टॉवेल के उपर से चड्डी पहननी आती है तो तू पहना दे ना मुझे , आयी बड़ी” आनंद गुस्से में बोल तो गया पर उसे पता ही नही चला कि वो बोला क्या है
इधर मोहिनी आनंद की बात सुनकर बिलकुल सुन्न हो गयी, उसकी आंखे फैलकर बड़ी हो गयी
“तू....तूने क्या अभी....”मोहिनी हैरान होते हुए बोली, मोहीनी के चेहरे की हंसी अब बंद हो चुकी थी और उसकी जगह हैरानी के भाव आ गये थे
पर आज आनंद को इस हालत में मोहिनी ने देख लिया था , और उसे इस बात से बड़ी शर्म महसूस हो रही थी, पर उसके लंड को तो जैसे कोई शर्म नही थी, वो तो अभी भी पूरी तरह तनकर सलामी दिए जा रहा था, आनंद को ऑफिस भी जाना था, इसलिए वो मुठ मारने में वक्त बर्बाद नही कर सकता था, क्यूंकि अक्सर उसका पानी बहुत देर से निकलता था,
इसलिए वो फटाफट नहाने धोने लगा, लगभग २० मिनट में ही वो पूरी तरह तैयार था, उसका पप्पू भी अब थोडा शांत था, वो अब बाथरूम से निकलकर रूम की तरफ जाने लगा, उसने अपने बदन पर सिर्फ एक टॉवल लपेटा था,
वो अभी जस्ट अपने रूम में पहुंचा ही था ,कि तभी मोहिनी दोबारा उसके सामने आकर खड़ी हो गयी,
मोहिनी ने अब एक लेग्गिंग्स पहन ली थी , लेग्गिंग्स एक प्रकार की पजामी होती है जो बदन से बिलकुल चिपकी रहती है सो लड़कियां उन्हें लम्बे कुर्तों के साथ पहना करती हैं,
उस जमाने में भी ये ट्रेंड चलता था , इस ट्रेंड को शुरू करने में एक बॉलीवुड की एक्ट्रेस का नाम शुमार किया जाता है, वो थी मुमताज़, जिसने उस जमाने में भी बदन से चिपकी कुर्ती पाजामी का चलन शुरू किया था,
लेग्गिंग्स में ढंके मोहिनी के जवान बदन के उभार आज पूरी तरह से नज़र आ रहे थे. उसकी कुर्ती भी स्लीवेलेस और गहरे गले की थी, आनंद अपनी बहन को इस रूप में देखकर बुरी तरह झेंप गया और उनसे तुरंत नज़रे घुमा ली,
भले ही उसने नज़रे घुमा ली हो पर उसके नागराज ने तो नजरें गडाना शुरू कर दिया था, मतलब अब उसका लंड दोबारा धीरे धीरे सर उठाने लगा, उसके टॉवल में अब हल्का सा तम्बू बनने लगा , पर इससे पहले की ये तबू का उभार मोहिनी को नज़र आता , आनंद तुरंत दूसरी तरफ पलट कर बैठ गया,
“ओय बच्चू, अभी तक तैयार नही हुआ क्या तू, 8:30 बजने वाले है, और ये जनाब अभी तक टॉवल लपेटे घूम रहे है, भूल मत तुझे 9 बजे ऑफिस पहुंचना ही है, वरना तू दादाजी को जानता ही है,समझा” मोहिनी इढ्लाते हुए बोली
“ठिक्क्क्क ....है.....मैं ..समझ गया तू जा यहाँ से , मुझे कपड़े पहनने दे” आनंद हिचकिचा के बोला
“नही,,,,,तेरा कोई भरोसा नही , तू लेट कर देगा, दादाजी ने तुझे तैयार कर ऑफिस भेजने की जिम्मेदारी मुझे दी है, और मैं नही चाहती कि तेरी वजह से से मुझे भी दादाजी की डांट खानी पड़े” मोहिनी ने कहा और वहीं पास पड़ी कुर्सी पर धम्म से बैठ गयी
“परर......मैं.....कपडे .....मेरा मतबल तू यहाँ है ना तो ....तेरे सामने....” आनंद झिझकते हुए बोला
“मुझे कुछ नही पता ,तू बस फटाफट तैयार होजा, तुझे लिए बिना मैं कही नही जाने वाली” अब मोहिनी भी मजाक के मूड में आ चुकी थी, वो तो बस आनंद के मजे लेना चाहती थी
इधर अब आनंद को कुछ सूझ नही रहा था कि वो क्या करे , क्यूंकि अगर वो खड़ा हुआ और पलटा तो उसका तम्बू साफ नजर आ जाने वाला था
इससे पहले की आप लोग सोचे कि कहानी के मुख्य किरदार ये दोनों भाई बहन है तो आप गलत है , कहानी का असली हीरो कोई और है जिसके बारे में आपको जल्द ही पता चलेगा
बस्ती में ही एक और किरदार है- बंशी, ये इस बस्ती में इकलौता मैकेनिक था, बंशी कोई 35 साल का आदमी था, इसके घर मे इसकी बीवी रूपा और एक प्यारी सी छोटी सी बेटी और एक छोटा बेटा है, बंशी और मोहन एक दूसरे के पक्के दोस्त थे, ओर साथ ही साथ पड़ोसी भी, बंशी थोड़ा अंध विश्वासी इंसान था पर भगवान में भरोषा भी बहुत था
इधर अब आनंद को कुछ सूझ नही रहा था कि वो क्या करे , क्यूंकि अगर वो खड़ा हुआ और पलटा तो उसका तम्बू साफ नजर आ जाने वाला था, पर उसके पास कोई और चारा भी तो नही था , उसे हर हालत में 9 बजे से पहले पहले ऑफिस पहुंचना था,
इसलिए आनंद ने भी अब शर्म छोड़ कर तुरंत तैयार होने का फैसला किया, वो मोहिनी की तरफ पीठ किये हुए ही धीरे धीरे चलकर वार्डरॉब (अलमारी ) की तरफ गया, वो जान बुझकर धीरे धीरे चल रहा था क्यूंकि उसके टॉवल में उसका लंड बड़ा सा तम्बू बनाये था और उसे डर था कि अगर वो थोडा सा भी और तेज़ चला तो उसका टॉवल खुल सकता था
धीरे धीरे सम्भलते हुए आखिर वो किसी तरह अलमारी तक पहुंच ही गया, और उसने झटपट अलमारी खोल अपनी अंडरवियर बनियान और बाकि कपडे भी निकल लिए, पर असल समस्या तो अब शुरू होनी थी, दर असल आज से पहले आनंद हमेशा टॉवल निकाल कर ही अंडरवियर पहनता था, और उसे डर लग रहा था कि कही टॉवेल के उपर से चड्डी पहनने के चक्कर में टॉवेल ही न निचे गिर जाये, पर मरता क्या न करता
इधर मोहिनी सोफे पर बैठी आनंद को ही देखे जा रही थी, क्यूंकि वो चाहती थी कि आनंद जल्द से जल्द तैयार हो जाये , पर उसे इस बात का जरा भी एहसास नही था कि आनंद बेचारा उससे शर्माता ही दूसरी तरफ मुंह करके खड़ा है
अब आनंद भी बेचारा परेशान था, कि आखिर तोलिये के उपर से अंडरवियर कैसे पहने, पर जल्दी ही उसे समझ आ गया कि ये कलाबाजी उसके बस की बात नही है, उसे मोहिनी को ही थोड़ी देर के लिए दूसरी तरफ मुंह करके बैठने को बोलना होगा
“अम्म्म......दीदी.........” आनंद थोडा झिझकता हुआ बोला
“मुझे तू दीदी बोल रहा है मतलब जरुर कुछ काम है तुझे मुझसे ...”मोहिनी उसकी तरफ आश्चर्य से देखते हुए बोली
दरअसल आनंद मोहिनी को दीदी तभी बोलता था जब उसे कुछ काम हो वरना तो वो उसे सिर्फ मोहिनी या कभी कभी मोहि कहकर ही बुलाता था,
“हम्म्म्म .....दीदी.....वो ....मैं......वो.....मुझे टॉवेल के उपर से ......वो ..पहनने में दिक्कत हो रही है..आप प्लीज़ थोड़ी देर उस तरफ मुंह कर लो ना..” आनंद ने आखिर झिझकते हुए कहा
आनंद की बात सुनकर मोहिनी को जोर से हंसी आ गयी
“अरे तू इतना बड़ा हो गया और तुझे चड्डी पहननी भी नही आती, बेवकूफ” मोहिनी हँसते हुए बोली
आनंद को मोहिनी पर बड़ा गुस्सा आया
“अगर तुझे टॉवेल के उपर से चड्डी पहननी आती है तो तू पहना दे ना मुझे , आयी बड़ी” आनंद गुस्से में बोल तो गया पर उसे पता ही नही चला कि वो बोला क्या है
इधर मोहिनी आनंद की बात सुनकर बिलकुल सुन्न हो गयी, उसकी आंखे फैलकर बड़ी हो गयी
“तू....तूने क्या अभी....”मोहिनी हैरान होते हुए बोली, मोहीनी के चेहरे की हंसी अब बंद हो चुकी थी और उसकी जगह हैरानी के भाव आ गये थे
शादी का मन्त्र viewtopic.php?t=11467
हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
- Kamini
- Novice User
- Posts: 2188
- Joined: 12 Jan 2017 13:15
Re: असली या नकली
मोहिनी हैरानी से आनंद को देखते हुए
इधर आनंद को भी जल्दी ही समझ आ गया कि उसने क्या बोल दिया है,
“नही...दीदी.. मैंने तो कुछ नही कहा...”आनंद झिझकते हुए बोला
“नही तू बोला है ,जरुर बोला है...अब जल्दी बता क्या बोला है वरना मैं दादाजी से तेरी शिकायत कर दूंगी” मोहिनी को पता तो था कि आनंद ने क्या बोला है पर वो ये कन्फर्म करना चाहती थी कि कही ये उसकी गलत वहमी तो नही थी
दादाजी का नाम सुनते ही आनंद की गांड में पटाखे छुटने लगे, उसे समझ नही आ रहा था कि उसके साथ ये हो क्या रहा है, दो दिन में ही उसकी ज़िन्दगी में इतने सारे झटके कैसे लग रहे थे, आनंद ने एक बार और बात टालने की कोशिश की
“नही दीदी मैंने तो ...कुछ नही कहा” आनंद बोला
“देख आनंद मैं कोई बहरी नही जो मुझे सुनाइ ना दे,तू बता दे वरना तू मुझे जानता ही है कि मैं क्या कर सकती हूँ” मोहिनी ने थोड़ी धमक के साथ कहा
अब कोई और रास्ता न निकलते देख आनंद ने सच बोलने में ही भलाई समझी
“वो दीदी मैंने बोला था कि अगर आपको टॉवेल के उपर से अंडरवियर पहननी आती है तो आप ही पहना दो मुझे, पर दीदी वो मैं ऐसे ही गुस्से में बोल पड़ा, आपको उस तरह हँसते देख मुझे गुस्सा आ गया था, और फिर पता नही कैसे मैं वो बोल पड़ा , प्लीज़ दीदी मुझे माफ़ कर दो” आनंद ने भोली सी सूरत बनाते हुए कहा
“तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझसे ये बोलने की कि मुझे टॉवेल के उपर से पहननी नही आती, मैं तेरी तरह बच्ची नही की कि जिसे 23 साल की उम्र में भी टॉवेल पहने हुए अपनी अंडरवियर पहननी न आती हो, समझा” मोहिनी गुस्से में बोली
इधर मोहिनी की बात सुनकर आनंद को अपने गांड के पटाखे थोड़े बुझते हुए नज़र आने लगे,
“ बच गया आज तो, दीदी तो इस बात से खफा है कि मैंने उन्हें ये बोला कि उन्हें पहनना नही आता, कम से कम इस बात से नाराज़ नही कि मैंने उन्हें ये भी बोला था कि मुझे पहना दो” आनंद अपने मन में खुश होते हुए बोला
पर इधर मोहिनी के गुस्से का पारा अभी भी चढ़ा हुआ था,
“तुझे लगता है ना कि मुझे ये नही आता, तो तू देख, मैं अभी तुझे टॉवल के उपर से तेरी अंडरवियर पहना कर तुझे साबित कर दूंगी कि मुझे सब आता है, और तू ही एक बच्चा है,समझा” मोहिनी गुस्से से बोली
दोस्तों कहते है न कि गुस्सा आदमी के विवेक को खा जाता है, यही शायद मोहिनी के साथ भी हो रहा था, पर सिचुएशन थोड़ी गंभीर हो गयी है, आपको क्या लगता है
मोहिनी की बात सुनकर तो जैसे आनंद को सांप सूंघ गया था, उसे तो जैसे कुछ कहते ही नही बन रहा था ,
“अगर मोहि ने मुझे अंडरवियर पहनाने की कोशिश की तो उसे साफ पता चल जायेगा कि मेरा लंड बुरी तरह फुंकार मार रहा हैं और अगर उसने मेरे लंड के उभार को महसूस कर लिया तो आफत आ जानी है,वो पक्का घर में किसी से शिकायत कर देगी और अगर उसने दादाजी से शिकायत कर दी तो वो तो मेरी गांड कुटाई जरुर कर देंगे” आनंद मन ही मन सोचे जा रहा था, उसकी हालत पतली हो चुकी थी
“ओये इडियट, क्या हुआ अब, चुप क्यों हो गया, तुझे शक है न मुझ पर, कि मैं तुझे टॉवल के उपर से अंडरवियर नही पहना सकती तो आज मैं तेरा ये शक जरुर दूर करके रहूंगी” मोहिनी ने कहा ,वो अभी भी हल्के गुस्से में थी
पर बेचारा आनंद क्या कहता उसकी तो फट के चार हो चुकी थी, पर फिर भी उसने बात सम्भालने की थोड़ी कोशिश की
“नही दीदी, आपको कोई जरूरत नही,.......मैं....मैं,,,,खुद पहन लूँगा, मुझे यकीन है कि आपको आता है, मैंने मान लिया है” आनंद आखिरी बार कोशिश करते हुए बोला , क्यूंकि यकीन तो उसे भी था कि मोहिनी बहुत जिद्दी किस्म की लडकी है और उसने एक बार कुछ ठान लिया तो फिर तो वो किसी सूरत में पीछे नही हटती, बैसे भी आनंद से उसका छतीस का आंकड़ा रहता था तो वो उससे तो किसी सूरत में नही हारती थी
और हुआ भी बिलकुल आनंद की सोच के मुताबिक ही
“नही , मुझे कुछ नही सुनना, तू चुपचाप इधर आकर खड़ा हो जा, मैं आज तुझे तेरी अंडरवियर पहना कर ही दिखाउंगी” मोहिनी ने लगभग धमकाते हुए कहा
कुछ और टॉपिक होता तो आनंद भी बराबर के जवाब दिया करता था और दोनों में अक्सर तीखी नोंक झोंक हुआ करती थी, पर यहाँ आनंद की हालत ख़राब थी, क्यूंकि उसका लंड आज उससे बगावत करने पर उतारू था,
“जल्दी कर मेरे पास पूरा दिन नही है, और वैसे भी तुझे जल्द से जल्द ऑफिस पहुंचना है” मोहिनी आनंद को डराते हुए बोली
मरता क्या न करता, आखिर आनंद धीरे से मोहिनी की और पलटा, उसके अंडरवियर का उभार इतना तो अभी भी था की टॉवल में से मोहिनी को दिखाई दे सके, इसलिए आनंद ने अपने लंड के उभार के सामने अपनी अंडरवियर कर ली ताकि मोहिनी को उसका उभार न दिख सके, अब आनंद धीरे धीरे चलता हुआ मोहिनी की ओर चलने लगा, डर के मारे उसके पांव भी कांप रहे थे,
आखिर कार वो चलता हुआ मोहिनी के पास आ ही पहुंचा
अब सिन कुछ इस प्रकार का था कि मोहिनी सोफे पर बैठी थी और आनंद उसके ठीक समने टॉवल लपेटे खड़ा था और उसके हाथ में उसकी अंडरवियर थी जिससे वो अपने लंड के उभार को छुपाने की एक नाकाम सी कोशिश कर रहा था,
अब मोहिनी ने तपाक से उसके हाथो से उसकी अंडरवियर छीन ली, अचानक हुए इस हमले से आनंद सम्भल नही पाया और हडबडाहट में उसने अपने उभार को छुपाने के लिए अपने दोनों हाथों को अपने लंड पर टॉवल के उपर से रख दिया
आनंद को इस तरह करते देख मोहिनी के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी जो जल्द ही हंसी में तब्दील हो गयी, वो जोर जोर से हंसने लगी,
“चिंता मत कर इडियट, मैं तेरी इज्ज़त नही लुटने वाली” मोहिनी ने हँसते हुए कहा
इधर आनंद को भी जल्दी ही समझ आ गया कि उसने क्या बोल दिया है,
“नही...दीदी.. मैंने तो कुछ नही कहा...”आनंद झिझकते हुए बोला
“नही तू बोला है ,जरुर बोला है...अब जल्दी बता क्या बोला है वरना मैं दादाजी से तेरी शिकायत कर दूंगी” मोहिनी को पता तो था कि आनंद ने क्या बोला है पर वो ये कन्फर्म करना चाहती थी कि कही ये उसकी गलत वहमी तो नही थी
दादाजी का नाम सुनते ही आनंद की गांड में पटाखे छुटने लगे, उसे समझ नही आ रहा था कि उसके साथ ये हो क्या रहा है, दो दिन में ही उसकी ज़िन्दगी में इतने सारे झटके कैसे लग रहे थे, आनंद ने एक बार और बात टालने की कोशिश की
“नही दीदी मैंने तो ...कुछ नही कहा” आनंद बोला
“देख आनंद मैं कोई बहरी नही जो मुझे सुनाइ ना दे,तू बता दे वरना तू मुझे जानता ही है कि मैं क्या कर सकती हूँ” मोहिनी ने थोड़ी धमक के साथ कहा
अब कोई और रास्ता न निकलते देख आनंद ने सच बोलने में ही भलाई समझी
“वो दीदी मैंने बोला था कि अगर आपको टॉवेल के उपर से अंडरवियर पहननी आती है तो आप ही पहना दो मुझे, पर दीदी वो मैं ऐसे ही गुस्से में बोल पड़ा, आपको उस तरह हँसते देख मुझे गुस्सा आ गया था, और फिर पता नही कैसे मैं वो बोल पड़ा , प्लीज़ दीदी मुझे माफ़ कर दो” आनंद ने भोली सी सूरत बनाते हुए कहा
“तेरी हिम्मत कैसे हुई मुझसे ये बोलने की कि मुझे टॉवेल के उपर से पहननी नही आती, मैं तेरी तरह बच्ची नही की कि जिसे 23 साल की उम्र में भी टॉवेल पहने हुए अपनी अंडरवियर पहननी न आती हो, समझा” मोहिनी गुस्से में बोली
इधर मोहिनी की बात सुनकर आनंद को अपने गांड के पटाखे थोड़े बुझते हुए नज़र आने लगे,
“ बच गया आज तो, दीदी तो इस बात से खफा है कि मैंने उन्हें ये बोला कि उन्हें पहनना नही आता, कम से कम इस बात से नाराज़ नही कि मैंने उन्हें ये भी बोला था कि मुझे पहना दो” आनंद अपने मन में खुश होते हुए बोला
पर इधर मोहिनी के गुस्से का पारा अभी भी चढ़ा हुआ था,
“तुझे लगता है ना कि मुझे ये नही आता, तो तू देख, मैं अभी तुझे टॉवल के उपर से तेरी अंडरवियर पहना कर तुझे साबित कर दूंगी कि मुझे सब आता है, और तू ही एक बच्चा है,समझा” मोहिनी गुस्से से बोली
दोस्तों कहते है न कि गुस्सा आदमी के विवेक को खा जाता है, यही शायद मोहिनी के साथ भी हो रहा था, पर सिचुएशन थोड़ी गंभीर हो गयी है, आपको क्या लगता है
मोहिनी की बात सुनकर तो जैसे आनंद को सांप सूंघ गया था, उसे तो जैसे कुछ कहते ही नही बन रहा था ,
“अगर मोहि ने मुझे अंडरवियर पहनाने की कोशिश की तो उसे साफ पता चल जायेगा कि मेरा लंड बुरी तरह फुंकार मार रहा हैं और अगर उसने मेरे लंड के उभार को महसूस कर लिया तो आफत आ जानी है,वो पक्का घर में किसी से शिकायत कर देगी और अगर उसने दादाजी से शिकायत कर दी तो वो तो मेरी गांड कुटाई जरुर कर देंगे” आनंद मन ही मन सोचे जा रहा था, उसकी हालत पतली हो चुकी थी
“ओये इडियट, क्या हुआ अब, चुप क्यों हो गया, तुझे शक है न मुझ पर, कि मैं तुझे टॉवल के उपर से अंडरवियर नही पहना सकती तो आज मैं तेरा ये शक जरुर दूर करके रहूंगी” मोहिनी ने कहा ,वो अभी भी हल्के गुस्से में थी
पर बेचारा आनंद क्या कहता उसकी तो फट के चार हो चुकी थी, पर फिर भी उसने बात सम्भालने की थोड़ी कोशिश की
“नही दीदी, आपको कोई जरूरत नही,.......मैं....मैं,,,,खुद पहन लूँगा, मुझे यकीन है कि आपको आता है, मैंने मान लिया है” आनंद आखिरी बार कोशिश करते हुए बोला , क्यूंकि यकीन तो उसे भी था कि मोहिनी बहुत जिद्दी किस्म की लडकी है और उसने एक बार कुछ ठान लिया तो फिर तो वो किसी सूरत में पीछे नही हटती, बैसे भी आनंद से उसका छतीस का आंकड़ा रहता था तो वो उससे तो किसी सूरत में नही हारती थी
और हुआ भी बिलकुल आनंद की सोच के मुताबिक ही
“नही , मुझे कुछ नही सुनना, तू चुपचाप इधर आकर खड़ा हो जा, मैं आज तुझे तेरी अंडरवियर पहना कर ही दिखाउंगी” मोहिनी ने लगभग धमकाते हुए कहा
कुछ और टॉपिक होता तो आनंद भी बराबर के जवाब दिया करता था और दोनों में अक्सर तीखी नोंक झोंक हुआ करती थी, पर यहाँ आनंद की हालत ख़राब थी, क्यूंकि उसका लंड आज उससे बगावत करने पर उतारू था,
“जल्दी कर मेरे पास पूरा दिन नही है, और वैसे भी तुझे जल्द से जल्द ऑफिस पहुंचना है” मोहिनी आनंद को डराते हुए बोली
मरता क्या न करता, आखिर आनंद धीरे से मोहिनी की और पलटा, उसके अंडरवियर का उभार इतना तो अभी भी था की टॉवल में से मोहिनी को दिखाई दे सके, इसलिए आनंद ने अपने लंड के उभार के सामने अपनी अंडरवियर कर ली ताकि मोहिनी को उसका उभार न दिख सके, अब आनंद धीरे धीरे चलता हुआ मोहिनी की ओर चलने लगा, डर के मारे उसके पांव भी कांप रहे थे,
आखिर कार वो चलता हुआ मोहिनी के पास आ ही पहुंचा
अब सिन कुछ इस प्रकार का था कि मोहिनी सोफे पर बैठी थी और आनंद उसके ठीक समने टॉवल लपेटे खड़ा था और उसके हाथ में उसकी अंडरवियर थी जिससे वो अपने लंड के उभार को छुपाने की एक नाकाम सी कोशिश कर रहा था,
अब मोहिनी ने तपाक से उसके हाथो से उसकी अंडरवियर छीन ली, अचानक हुए इस हमले से आनंद सम्भल नही पाया और हडबडाहट में उसने अपने उभार को छुपाने के लिए अपने दोनों हाथों को अपने लंड पर टॉवल के उपर से रख दिया
आनंद को इस तरह करते देख मोहिनी के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी जो जल्द ही हंसी में तब्दील हो गयी, वो जोर जोर से हंसने लगी,
“चिंता मत कर इडियट, मैं तेरी इज्ज़त नही लुटने वाली” मोहिनी ने हँसते हुए कहा
शादी का मन्त्र viewtopic.php?t=11467
हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
हादसा viewtopic.php?p=164372#p164372
शैतान से समझौता viewtopic.php?t=11462
शापित राजकुमारी viewtopic.php?t=11461
संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा viewtopic.php?t=11464&start=10
- Ankit
- Expert Member
- Posts: 3339
- Joined: 06 Apr 2016 09:59
Re: असली या नकली
superb update
- pongapandit
- Novice User
- Posts: 976
- Joined: 26 Jul 2017 16:08
Re: असली या नकली
super hot super erotic incest