मैंने दिव्या से पुछा "कैसा लगा मेरी जान." वो मुस्कुरा कर बोली "मजा आ गया. तुम राजेश से इक्कीस ही हो." मुझे जान कर ख़ुशी हुई की दिव्या को मेरी चुदाई से संतुष्टि हुई थी फिर हम बाथरूम चले गए. कुछ देर में फिर से मेरा लण्ड खड़ा हो गया. अब दिव्या घुटनो के बल बैठ गई और मेरे लण्ड को मुंह में ले कर चूसने लगी. क्या बताऊ दोस्तों ऐसा लग रहा था जैसे कि स्वर्ग में पहुंच गया हु.
फिर मैंने उसको आगे की तरफ झुकाया और पीछे खड़ा हो गया. मैंने अपने लण्ड को पीछे की तरफ से उनकी चूत में लगा दिया और उनकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया. वो भी अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी और लण्ड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी. मैंने पूरा लण्ड दिव्या की चूत में डाल दिया और उसकी कमर को पकड़ कर धक्के लगाने लगा.
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Re: नए पड़ोसी
वो फिर से अहहह अहहहह अहहह कर के अपनी कमर को जोर से हिला रही थी. उसके मुंह से ये आवाजे और कामुक लग रही थी. थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड उसकी छुट से निकाला और गांड में डाल दिया. लंड दिव्या की चूत के रस से भीगा हुआ था इसीलिए आराम से गांड में घुस गया पर दिव्या को हल्का सा दर्द हुआ. "वो बोली यार कम से कम गांड में क्रीम तो लगा देते."
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Re: नए पड़ोसी
मैंने कहा अब तो घुस ही गया और फिर से धक्के मारने लगा. कुछ देर दिव्या की गांड मारने के बाद मैंने फिर से लंड उसकी चूत में डाल दिया. कुछ देर बाद हम दोनों एकसाथ झड़ गए. थोड़ी देर आराम करने के बाद दिव्या अपने कपडे पहनने लगी तो मैंने उसे रोका "क्या हुआ जान, क्या कर रही हो."
"काफी रात हो गयी है. कल सुबह मुझे स्कूल भी जाना है." दिव्या कपडे पहनते हुए बोली.
"पर राजेश भैया तो कह गए थे की तुम पूरी रात रुकोगी." मैंने उसका हाथ पकड़ा तो हसने लगी "बोली रुक तो जाऊंगी पर सोने देना वरना कल दिक्कत होगी."
मैंने कहा "ठीक है पर सोना बिना कपड़ो के ही". दिव्या ने वापस कपडे उतारे और मेरे साथ बेड में घुस गयी. हम दोनों चिपक कर सो गए. उस रात और कुछ नहीं हुआ. अगले दिन सुबह ६ बजे दिव्या ने मुझे जगाया और बोली "मैं जा रही हूँ. तुम आज बैंक से छुट्टी ले लेना."
मैंने उसी दिन बैंक में छुट्टी के लिए बात कर ली और बुधवार की सुबह मैं दिव्या और राजेश दिल्ली के लिए निकल पड़े. शाम को हम तीनो दिल्ली में थे. राजेश ने हम दोनों को एअरपोर्ट ड्राप किया. उसने पहले से ही हम दोनों के टिकट करवा दिये थे और गोवा में हम लोगो के लिए होटल भी बुक करवा दिया था. राजेश ने मुझसे कहा "देखो तुम दोनों का लौटने का टिकट वाया मुंबई है. तुम दोनों को २-३ दिन मुंबई में रुकना पड़ेगा. वहां भी होटल बुक है. दिव्या के पास सब डिटेल्स है. अगर सब ठीक रहा तो मैं तुम दोनों को उसी होटल में मिलूंगा. अब तुम लोग जाओ. मैं रात किसी होटल में काट कर सुबह रेणुका के पास जाऊँगा." ये कह कर राजेश चला गया और मैं और दिव्या फ्लाइट पकड़ कर गोवा चले गए.
"काफी रात हो गयी है. कल सुबह मुझे स्कूल भी जाना है." दिव्या कपडे पहनते हुए बोली.
"पर राजेश भैया तो कह गए थे की तुम पूरी रात रुकोगी." मैंने उसका हाथ पकड़ा तो हसने लगी "बोली रुक तो जाऊंगी पर सोने देना वरना कल दिक्कत होगी."
मैंने कहा "ठीक है पर सोना बिना कपड़ो के ही". दिव्या ने वापस कपडे उतारे और मेरे साथ बेड में घुस गयी. हम दोनों चिपक कर सो गए. उस रात और कुछ नहीं हुआ. अगले दिन सुबह ६ बजे दिव्या ने मुझे जगाया और बोली "मैं जा रही हूँ. तुम आज बैंक से छुट्टी ले लेना."
मैंने उसी दिन बैंक में छुट्टी के लिए बात कर ली और बुधवार की सुबह मैं दिव्या और राजेश दिल्ली के लिए निकल पड़े. शाम को हम तीनो दिल्ली में थे. राजेश ने हम दोनों को एअरपोर्ट ड्राप किया. उसने पहले से ही हम दोनों के टिकट करवा दिये थे और गोवा में हम लोगो के लिए होटल भी बुक करवा दिया था. राजेश ने मुझसे कहा "देखो तुम दोनों का लौटने का टिकट वाया मुंबई है. तुम दोनों को २-३ दिन मुंबई में रुकना पड़ेगा. वहां भी होटल बुक है. दिव्या के पास सब डिटेल्स है. अगर सब ठीक रहा तो मैं तुम दोनों को उसी होटल में मिलूंगा. अब तुम लोग जाओ. मैं रात किसी होटल में काट कर सुबह रेणुका के पास जाऊँगा." ये कह कर राजेश चला गया और मैं और दिव्या फ्लाइट पकड़ कर गोवा चले गए.
- jay
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Re: नए पड़ोसी
nice update bro
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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- Smoothdad
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Re: नए पड़ोसी
Shaandaar updates aise hi likhte raho