कहीं वो सब सपना तो नही complete

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jay
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by jay »

super hot .............update bro
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

Kamini wrote: 27 Nov 2017 15:59Mast update
pongapandit wrote: 27 Nov 2017 16:19 superb............masti
jay wrote: 27 Nov 2017 17:36 super hot .............update bro
Thanks dosto
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

भाभी चिल्लाती रही लेकिन मैं उसी स्पीड से चुदाई करता हुआ भाभी के लिप्स पर किस करता रहा जिस से
भाभी की आवाज़ कुछ कम हो जाती लेकिन भाभी फिर भी चिल्ला रही थी,,,,मेरा झटका काफ़ी तेज था
ऑर स्पीड भी काफ़ी तेज थी,,मैं जल्दी झड़ने वाला भी नही था अब,,तभी मैं भाभी के उपर से
उठा ऑर भाभी की टाँगों के बीच मे बैठ गया,,भाभी बेड पर लेटी हुई थी जबकि मैं भाभी
की टाँगों के बीच मे बैठा हुआ था,,मैने अपने लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर भाभी की चूत मे
घुसा दिया ऑर भाभी की टाँगों को अपने शोल्डर पर रख लिया ऑर दोनो तरफ से हाथ घुमा
कर भाभी के बूब्स पर रख दिए,,जिस से मुझे अच्छी ख़ासी पकड़ मिल गई ऑर मैं तेज़ी से भाभी
की चुदाई करने लाग,,,,अब भाभी के लिप्स मेरे लिप्स से आज़ाद थे इसलिए भाभी की सिसकियाँ ऑर चिल्लाना
शुरू हो गया,,,,,,,


हईीई री क्काममिन्न्नी जानं क्क्ययउउू नीईकाल्ल राहहा हहाइी आरामम्म ससीए कच्छूड्द ल्ली
मायन्न्न क्कोन्न्न्स्सा क़ाहहिन्न भ्ागगीइ जेया राहहिि हहूऊवंन्न हहयईए माआआ क्कीिट्त्न्ना
ब्बुउराअ छ्छूओद्द राहहा हाइी तुउउउ सुउन्नयययी कककुउक्च्छ ट्टू ररीहामम्म कार्ररर आपपंनी
बभ्ब्भिि पीरररर आहह उउउहह हमम्म्ममममममममममम
म्माआअ माआररर गगयइिीईईईईईईईईई आर्रामम्म ससी क्काररल्लीए क्काममिन्नीईई बभभिईीईईई
हूऊवंन्न ट्तीररीई क्कूविइ रर्रांन्दडीईईई न्ंहिईीईईईईईई ज्जूऊ ईट्त्न्निईिइ जजूर्र ज्जोर्र ससीए ककूट्त
राहहा हहाइईइ मेररीईई चहूवतत ककूऊऊओ म्म्माईआआअ हयीईईईईईई


भाभी तेज़ी से चिल्ला रही थी जबकि मैं तेज़ी से चुदाई कर रहा था उधर शोबा की हालत ठीक हुई तो
वो भाभी की हालत देख कर ऑर मेरी तरफ देख कर हँसने लगी,,,,,तभी उसने ज़मीन पर पड़ा हुआ
नकली लंड उठा लिया ऑर जल्दी से भाभी के पास आ गई ऑर नकली लंड को अपने मूह मे भर लिया ऑर
चूसने लगी ऑर कुछ देर बाद उस लंड को भाभी के मूह मे घुसा दिया ,,भाभी लंड नही चूस
रही थी तो शोबा ने खुद ही लंड को उनके मूह मे अंदर बाहर करना शुरू कार दिया,,फिर कुछ देर
बाद वो मेरे पास आई ऑर मुझे किस करते हुए भाभी को पलट कर लेटने को बोलने लगी,,मैने भी
जल्दी से भाभी की टाँगों को अपने शोल्डर से नीचे उतारा ओर भाभी को बेड पर एक तरफ करवट लेके
लेटा दिया ऑर खुद उनके पीछे चला गया,,,तभी शोबा ने भाभी की एक टाँग को पकड़ा ऑर उपर हवा
मे उठा कर मेरे हाथ मे पकड़ा दिया फिर नीचे होके मेरे लंड को मूह मे भर लिया ओर चूस
कर भाभी की गान्ड पर रखा ओर गान्ड पर तोड़ा थूक लगा दिया,,मैं भी एक ही पल मे भाभी
की गान्ड मे लंड घुसा दिया,,,लेकिन भाभी की गान्ड शोबा की गान्ड से काफ़ी टाइट थी इसलिए मुझे
8-10 तेज तेज झटके मारने पड़े तो जाके लंड पूरा घुसा भाभी की गान्ड मे ,,लेकिन इतने झटको मे
भाभी की हालत खराब हो गई ऑर वो तेज़ी से चिुल्लती रही,,,उनका चिल्लाना कम करने के लिए शोबा ने
नकली लंड को उनके मूह मे घुसा दिया ऑर उनकी आवाज़ को बंद कर दिया ,,फिर शोबा सामने की तरफ
भाभी के साथ लेट गई ऑर नकली लंड को भाभी के मूह से बाहर निकाल लिया ऑर भाभी की चूत
मे घुसा दिया भाभी इस के लिए तैयार नही थी इसलिए हिलने जुलने लगी लेकिन भाभी की एक टाँग मेरे
हाथ मे थी जिस से मैने भाभी को क़ाबू किया हुआ था ऑर सामने से शोबा ने भाभी को क़ाबू
कर लिया था,,शोबा ने अपने लिप्स से भाभी के लिप्स पर किस करना शुरू कर दिया ऑर साथ ही भाभी
की चूत मे नकली लंड को पेलना शुरू कर दिया,,,,,ऑर एक हाथ से शोबा ने भाभी के एक बूब को
पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया,,


गान्ड मे मेरा मूसल लेके भाभी को तकलीफ़ हो रही थी लेकिन नकली लंड से भाभी को चूत मे
मस्ती चढ़ने लगी जिस से भाभी को आराम मिलने लगा ऑर अब लिप्स पर शोबा का किस करना ऑर बूब्स को
मसलना ,,ये सब काफ़ी था भाभी का दर्द कम करने के लिए ऑर उनको मस्त करने के लिए,,,शोबा का हाथ
बड़ी नज़ाकत से भाभी की चूत मे नकली लंड घुसा रहा था ऑर दूसरा हाथ भाभी के बूब्स को
मसल रहा था लेकिन मैं उसी स्पीड ओर जोरदार धक्के से भाभी की गान्ड मार रहा था,,दिल कर रहा
था भाभी को किस करने का इसलिए भाभी की गर्दन के पास ऑर शोल्डर के पास के मास को मूह मे
भरके चूसने लगा ऑर हल्के हल्के काटने लगा,,,जहाँ जहाँ काट रहा था वहाँ निशान पड़ता जा रहा
था लेकिन मुझे इसकी कोई टेन्षन नही थी,,,मैं तो मस्ती मे बहुत ज़्यादा पागल हो गया था,,,,भाभी
की चूत तो नही लेकिन गान्ड ने मुझे ज़्यादा पागल कर दिया था क्यूकी उनकी गान्ड इतनी ज्याद टाइट
थी अभी तक कि मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं दोनो हाथों से कस्के अपने लंड को पकड़ कर
मूठ मार रहा हूँ,,,इसी मस्ती मे स्पीड तेज की तेज बरकरार थी मेरी ऑर भाभी भी अब मस्त
हो गई थी शोबा की वजह से,,चूत मे जाते हुए नकली लंड की मस्ती से भाभी की गान्ड आगे पीछे
हिलने लगी थी जिस वजह से मेरा लंड भी थोड़ी ज़्यादा तेज़ी से अंदर बाहर होने लगा था भाभी की
गान्ड मे ,,,शोबा ने अपने हाथ की स्पीड को तेज कर दिया ऑर भाभी की चूत मे तेज़ी से नकली लंड
आगे पीछे करने लगी ऑर भाभी ने भी अपने हाथों से शोबा को कस्के अपनी बाहों मे भर लिया
ऑर शोबा को किस करती हुई शोबा की पीठ पर हाथ घुमाने लगी,,भाभी मस्ती मे जोददार
सिसकियाँ लेने लगी थी ,,शोबा को किस कर रही थी फिर भी उसकी आवाज़ बहुत तेज थी,,,इधर मैं भी
झड़ने वाला था ऑर भाभी भी 2-3 तरफ़ा वार ज़्यादा देर तक नही झेल सकती थी इसलिए भाभी के
बदन ने झटके मारने शुरू कार दिए थे ऑर मैने भी स्पीड स्लो करते हुए झटका तेज ऑर ज़्यादा
ज़ोर से मारना शुरू कर दिया था जिस से हर बार लंड गान्ड की गहराई तक घुसता चला जाता ऑर मेरे
स्पर्म निकलने की उम्मीद ज़्यादा होने लगती ऑर ऐसा ही हुआ जब तक भाभी की चूत ने पानी बहाना शुरू
किया मेरे भी लंड ने भाभी की गान्ड मे जड़ तक घुस कर पिचकारियाँ मारना शुरू कर दिया था,
जब मैं झड गया तो अपने लंड को भाभी की गान्ड से निकाल कर पीछे हटके लेट गया ऑर जब भाभी
की चूत से पानी बह चुका था तो शोबा ने भी भाभी को छोड़ दिया ऑर पीछे हट गई,,,,

भाभी काफ़ी टाइम तक अपनी सांसो पर क़ाबू करने की कोशिश करती रही जबकि शोबा मेरे लंड पर
लगे स्पर्म को चाट कर सॉफ करने लगी,,,,,


उस दिन डिन्नर तक हम लोगो ने एक बार ऑर चुदाई की ऑर रात को तो पता नही किसकी चूत से या किसके
लंड से कितना पानी निकला ,,रात भर इतना थक गये थे कि जब आँख खुली तो नून टाइम के 12 बज रहे
थे,,,,,,शायद हम लोग सुबह 5-6 बजे सोए थे,,,,,


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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by Kamini »

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

उठकर फ्रेश होके तैयार हो गये घर जाने के लिए,,,,,शोबा मुझे गेट तक छोड़ने आई,,,

दीदी तुमको आज बुटीक पर नही जाना क्या,,,,,

नही सन्नी आज शिखा भी नही आने वाली,,,अभी बोल रही थी 1-2 दिन घर रहके भाई ऑर माँ के साथ
मस्ती करना चाहती है वो,,,,तूने अच्छा किया जो उन लोगो की प्रोबलम सॉल्व करदी,,,

हाँ दीदी ,,ये बहुत ज़रूरी था करण ऑर शिखा के लिए,,,,ओर अब उनकी माँ के लिए भी,,,,तो ठीक है दीदी मैं
चलता हूँ रात को वापिस आउन्गा,,,,अगर सूरज भाई वापिस नही आए तो मुझे कॉल कर देना,,

ठीक है सन्नी ,,,,घर पर बोलना मत कि मैं यहाँ हूँ,,, बोलना कि मैं किसी सहेली के घर
पर हूँ ,,,,

ठीक है दीदी आप भी मत बोलना किसी को,,,,

मैने ऑर दीदी ने किसी को नही बताया था भाभी के बारे मे ,,

मैं वहाँ से घर की तरफ चल पड़ा,,2 दिन से इतनी चुदाई कर रहा था कि थक गया था,,अब दिल नही
था ऑर चुदाई करने का,,,,अगर दिल होता तो भाभी को छोड़ कर क्यू जाता ऑर चाहता तो करण के घर
अलका आंटी ऑर शिखा के पास चला जाता लेकिन अब दिल नही था चुदाई का ऑर घर जाके अपने सर्प्राइज़
यानी कि न्यू कार पर ड्राइव करना चाहता था,,,,,इसलिए खुशी खुशी घर की तरफ चल पड़ा,,,,

घर पहुँच कर गेट खोला ऑर बाइक अंदर करदी,,,तभी न्यू कार देख कर दिल खुश हो गया,,एक बार
करीब जा कर को टच किया ,,आगे पीछे से अच्छी तरह देखा,,,,ये वही कार थी जिसके बारे मे मैने डॅड
को बोला था,,,,तो क्या डॅड घर वापिस आ गये थे,,,नही उन्होने तो आज कल मे आना था ,लेकिन ये कार को
आए तो 2-3 दिन हो गये थे,,,,क्यूकी 2 दिन पहले कविता ने सर्प्राइज़ के बारे मे बोला था कॉलेज मे,,

चलो अंदर चलके माँ से पूछ लेते है,,,,यही सोच कर सन्नी बेल बजाने लगा लेकिन काफ़ी टाइम तक
दरवाजा खोलने कोई नही आया,,,सन्नी समझ गया,,,,डॅड ऑर भुआ नही थे,,शोबा भाभी के घर पर थी
ऑर सोनिया कविता के साथ थी,,,,यानी घर पर माँ ओर मामा थे इसलिए इतना टाइम लग रहा था दरवाजा
खोलने मे,,,,


तभी कुछ देर बाद माँ ने आके दरवाजा खोला ऑर सन्नी ने माँ को देखा तो समझ गया कि जो वो
सोच रहा था वो सही था,,,क्यूकी उसकी माँ ने अभी भी नाइटी पहनी हुई थी,,,,

क्या माँ इतना टाइम क्यू लगा दिया,,,कब्से बेल बजा रहा हूँ,,,सन्नी इतना बोला लेकिन उसकी माँ ने उसकी
बात को अनसुना कर दिया ऑर जल्दी से उसको अपनी बाहों मे भर लिया,,

आ गया मेरा बेटा,,,,तुझे नही पता कितनी बैसब्रि से तेरा इंतेज़ार कर रही थी मैं,,,,कल कहाँ चला
गया था एक दम से मुझे गेट पर छोड़ कर,,,पता है कितना तड़प रही थी मैं ,,,कहाँ रहा रात
भर,,,

अरे माँ छोड़ो ना बताता हूँ,,,,,,माँ दूर हुई तो सन्नी बोलने लगा,,,,मैं रात को अपने दोस्त के
घर पर था,,,,,

किसके घर पर,,,करण के ,,,,,अलका के साथ मस्ती को इतना दिल कर रहा था कि माँ को अकेली छोड़ कर
वापिस उसके घर चला गया,,,,,

नही माँ करण के घर पर नही ,,उसके घर जाना होता तो वहाँ से आता ही क्यूँ,,,,ऑर आपको क्या है,,आपके
पास तो मामा है ना तभी तो इतना टाइम लगा दिया दरवाजा खोलने मे,,,,

अभी सन्नी माँ से बात कर ही रहा था तभी किचन के अंदर से आवाज़ आई,,,,,सरिता दीदी दाल बन गई
है कुक्कर की सीटी बजने लगी है गॅस बंद कर्दू क्या,,,,सन्नी को आवाज़ जानी पहचानी लगी ऑर सन्नी
एक दम से चोंक गया वो आवाज़ सुनके,,

तभी उसकी माँ किचन की तरफ जाने लगी,,,,ऑर सन्नी भी अपनी मा के पीछे-पीछे किचन मे चला
गया,,ऑर वहाँ जाके देखा तो दंग रह गया,,,,किचन मे गीता भुआ थी,,,,

दीदी दाल बन गई है गॅस बंद कर दिया है,,,आटा गुंथना है तो बोलो,,,,,

सन्नी को यकीन नही हो रहा था गीता ऑर सरिता एक किचन मे,,,,वो भी बातें कर रही थी,,गीता
उसकी माँ को दीदी बोल रही थी ऑर काम पूछ रही थी,,,,सन्नी अपनी आँखों मे मुक्के दे दे कर अपनी
आँखों को मल्ता है उसको यकीन नही हो रहा जो वो देख रहा है क्या वो सच है,,,,फिर सन्नी
का सर चकराने लगता है तो वो ज़ोर से अपने सर पर हाथ मारता है,,,,

अरे सन्नी बेटा क्या हुआ,,सर पर इतनी ज़ोर से क्यूँ मार रहा है,,,,इतना बोलकर गीता उसके पास आती है ऑर
उसके सर पर हाथ फिराने लगती है ऑर उसको गले से लगा लेती है,,,,गीता भी अभी नाइटी मे थी,,

कहाँ था इतने दिन से,,पता है कितना मिस कर रही थी तुझे,,,इतना बोलकर गीता सन्नी को गाल पर ऑर
माथे पर किस करने लगती है,,,,कितना तड़प रही थी तेरे से मिलने को,,,,कहाँ गएब थे इतने दिन से
,,,,सन्नी के होश गुम थे उसको कुछ समझ नही आ रहा था ,,,एक दूसरे की जान लेने वाली जानी दुश्मन
आज एक दूसरे की हेल्प कर रही थी किचन मे,,,,

क्या हुआ सुनी बेटा कहाँ खो गये,,,,,सन्नी ,,सन्नी,,,,,क्या हुआ बेटा,,,,

कुछ नही भुआ,,,,यही सोच रहा हूँ कि मैं अपने ही घर मे आया हूँ या ग़लती से किसी ग़लत घर
मे आ गया हूँ,,,,

सन्नी की बात सुनके भुआ ऑर उसकी माँ हँसने लगी,,,,सन्नी हैरत मे था ऑर वो दोनो हँस रही थी,,तभी
सन्नी की हैरत ऑर भी ज़्यादा बढ़ गई जब पीछे से आवाज़ आई,,,,

तुम सही समय पर घर मे आए हो सन्नी,,पीछे से आती आवाज़ से सन्नी भी पीछे पलट कर देखता है तो सामने
विशाल खड़ा हुआ था,,,,सन्नी हैरत मे तो था लेकिन अपने भाई के आने की खुशी से पागल होके वो
तेज़ी से भागता हुआ अपने भाई के गले लग जाता है,,,,

भैया,,,,इतना बोलकर सन्नी भाई के गले लगता है ऑर उसकी आँखें भी हल्की नम हो जाती है,,,,

विशाल भी उसको गले से लगा लेता है,,,,अरे पगले आँखें क्यू नम कर रहा है ,,मेरे वापिस आने पर
खुशी नही हुई क्या,,,,

ऐसा मत बोलो भाई,,,मैं बहुत खुश हूँ आपको देख कर,,,ये तो खुशी के आँसू है,,,ऑर मुझे ये
वाला सर्प्राइज़ बाहर वाले सर्प्राइज़ से अच्छा लगा,,,,,

गीता हैरान होते हुए,,,,कहाँ देखा तूने सर्प्राइज़,,,,बाहर कहाँ,,,,

अरे बाहर ही तो है ना,,न्यू कार ,,,मेरा सर्प्राइज़,,,,,

मेरी बात सुनके सब हँसने लगे,,,,भुआ माँ ऑर विशाल,,,,,,ऑर मैं चुप करके सबको देखने लगा,,

वो भी तेरा सर्प्राइज़ है सन्नी बेटा,,लेकिन तेरा एक सर्प्राइज़ विशाल भी तो है,,विशाल को देख कर तुझे
खुशी नही हुई क्या,,,,

बहुत खुशी हुई भुआ,,,आख़िर मेरा भाई है ये,,,ऑर वो तो सिर्फ़ एक कार है,,,,,

अच्छा 2 सर्प्राइज़ देख कर इतनी खुशी हुई तो सोच तीसरा देख कर कितनी खुशी होगी,,,,विशाल हँसते
हुए बोला,,,,

टेसरा सर्प्राइज़ ,,कॉन्सा,,,,,,,,,वैसे विशाल भाई तीन सर्प्राइज़ तो हो चुके,,,,पहले आप,,फिर कार,,ऑर फिर
माँ ऑर भुआ का आपस मे बातें करना भी तो सर्प्राइज़ है,,,मेरी बात सुनके विशाल हँसने लगा,,,

हाँ ये भी सर्प्राइज़ है लेकिन अभी सबसे बढ़िया सर्प्राइज़ बचा कर रखा है तेरे लिए,,जो कब्से तेरा
इंतेज़ार कर रहा है,,,,,

अच्छा क्या है वो,,,,बताओ मुझे,,,,,,

बताना नही बेटा दिखाना है,,,,,,इतना बोलकर भुआ ने मेरा हाथ पकड़ा ऑर मुझे उपर की तरफ लेके
चली ,,,,,,,,पीछे पीछे माँ ऑर विशाल भी आ गये,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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