कहीं वो सब सपना तो नही complete

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

Ankit wrote: 29 Nov 2017 15:50superb update
xyz wrote: 30 Nov 2017 18:33nice update bhai
Thanks dosto
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

सन्नी जैसे जैसे सीढ़ियाँ चढ़ता जा रहा था उसको उपर से सिसकियों की तेज आवाज़ सुनाई दे रही थी,,,जैसे
जैसे वो उपर वाले ड्रॉयिंग रूम के नज़दीक जा रहा था वैसे वैसे आवाज़ तेज होती जा रही थी,,,ऑर जैसे
ही वो भुआ के साथ ड्रॉयिंग रूम मे एंटर हुआ तो सामने का नजारा उसके लिए सबसे बड़ा सर्प्राइज़ ही
था,,,,

सामने ज़मीन पर लगे मॅट्रेस पर रेखा थी ,,जो बिल्कुल नंगी थी ऑर झुक कर कुतिया बनी हुई थी,,
पीछे से मामा उसकी गान्ड मे लंड डालके उसको चोद रहा था जबकि सामने से उसका बाप अशोक अपने
छोटे लेकिन मोटे लंड को रेखा के मूह मे अंदर बाहर कर रहा था,,,सन्नी देख कर दन्ग रह गया
उसको कुछ समझ नही आ रहा था ऑर इस से पहले सन्नी आगे बढ़ता उसने एक नज़र पीछे मूड के माँ
ऑर भुआ की तरफ देखा तो उसके फिर से होश उड़ गये,,,पीछे विशाल ,,भुआ ऑर उसकी माँ किस कर रहे
थे,,विशाल के हाथ भुआ ऑर माँ की पीठ पर थे ऑर उसने दोनो को अपने करीब कर लिया था,,


कभी विशाल भुआ को किस करता तो कभी माँ को ऑर कभी उसकी माँ ऑर भुआ दोनो आपस मे किस करती
सन्नी को कुछ समझ नही आ रहा था ये सब क्या हुआ ,,कैसे हुआ,,कब हुआ,,,,सन्नी को झटके पे
झटका लग रहे थे,,उसका सर घूम रहा था ऑर तभी पीछे से किसी ने उसके शोल्डर पर हाथ रखा
ऑर सन्नी को अपनी तरफ घुमा लिया,,सन्नी जैसे ही पलटा उसके पास रेखा खड़ी हुई थी जिसने पल भर की
देर किए बिना सन्नी के लिप्स को अपने लिप्स मे जाकड़ लिया ऑर एक ही पल मे सन्नी के लिप्स को खा जाने वाले
अंदाज़ मे चूस कर किस करने लगी,,,सन्नी बेसूध था उसको कुछ समझ नही आ रहा था इसलिए वो
किस का रेस्पॉन्स भी नही दे पा रहा था लेकिन रेखा उसके लिप्स को अच्छी तरह से चूस रही थी उसके
मूह मे ज़ुबान डालके इधर उधर घुमा रही थी,,,वो कभी सन्नी के उपर वाले लिप्स को अपने मूह मे
भर लेती तो कभी नीचे वाले लिप्स को ऑर कभी सन्नी के मूह मे अपनी ज़ुबान घुसा देती तो कभी सन्नी
की ज़ुबान को अपने मूह मे खींच कर चूसने लगती,,,,सन्नी उसकी किसी भी हरकत का कोई जवाब नही
दे रहा था हालाकी वो नंगी थी लेकिन सन्नी फिर भी उसको टच नही कर रहा था कहीं भी,,ऑर तभी
रेखा ने जल्दी से पॅंट के उपर से सन्नी के लंड को पकड़ लिया जो सोया हुआ था,,सन्नी को खुद को
भी हैरत हो रही थी कि रूम मे चुदाई की महफ़िल लगी हुई है ऑर रेखा नंगी उसके पास खड़ी उसको
किस कर रही है फिर भी उसका दीन दयाल नींद से नही जागा अभी तक,,,,,लेकिन रेखा भी कम नही
थी उसने सन्नी को किस करते हुए उसके लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर हल्के हल्के दबाने लगी जिस से लंड
मे खून हल्के हल्के पंप होने लगा ऑर लंड की नसों मे आई हुई सुस्ती दूर होने लगी ऑर नसों
मे बहने वाले खून की रवानी से लंड ने अंगड़ाई लेना शुरू कर दिया ऑर तभी रेखा ने अपने दोनो
हाथों से सन्नी की पॅंट को खोल दिया ऑर अपने हाथों से पॅंट को नीचे की तरफ सन्नी के घुटनो तक
उतार दिया ऑर बाकी की पॅंट को अपने पैर से नीचे कर दिया ऑर सन्नी को किस करती हुई सन्नी के लंड
को हाथ मे लेके जो अब सर उठाने लगा था उसको हाथ मे लेके उपर से नीचे तक आगे से पीछे तक
सहलाने लगी,,,


कुछ देर मे सन्नी का लंड काफ़ी हार्ड हो गया ऑर सन्नी को भी मस्ती चढ़ने लगी ऑर सन्नी ने रेखा
को किस का रेस्पॉन्स देना शुरू कर दिया रेखा ने जल्दी से सन्नी की इस हरकत से खुश होके मोका देखा
ऑर सन्नी के दोनो हाथ पकड़ कर अपने बूब्स पर रख दिए ऑर सन्नी ने भी उनको बड़े प्यार से अपने
हाथों मे पकड़ कर सहलाना शुरू कर दिया,,,,रेखा के बूब्स सन्नी की माँ ऑर अलका आंटी से भी
कहीं ज़्यादा बड़े थे जो सन्नी को बड़े अच्छे लगते थे,,इसलिए सन्नी ने एक ही पल मे बूब्स को ज़ोर
ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया था,,,कुछ देर बाद रेखा ने सन्नी के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद किया ,,

कहाँ था ज़ालिम इतने दिन से ,,,पता है कितना याद किया मैने तुझे ऑर मेरे से ज़्यादा मेरे इस जिस्म
ने ,,इन बड़े बड़े उरोजो ने,,इस चूत ने मस्त गान्ड ने जो तेरे मूसल के लिए इतना तड़प रही थी,
रेखा खुद सन्नी को अपने जिस्म पर हाथ फिराते हुए अपना जिस्म दिखा रही थी ऑर बता रही थी,तभी'
वो जल्दी से नीचे बैठ गई,,,,,,,,जितना मुझे तडपाया है तूने उतना ही मैं मज़ा दूँगी तुझे आज इतना
बोलकर रेखा ने जल्दी से सन्नी के लंड को मूह मे भर लिया ऑर एक ही बार मे पूरा गले से अंदर
तक ले गई ओर फिर पूरा बाहर निकाल दिया ऑर वापिस मूह मे भर लिया ऑर गले तक ले गई,,,सन्नी एक दम
से मस्ती के आसमान पर पहुँच गया था ऑर उसके जिस्म मे रुक रुक कर एक झटका लग रहा था मस्ती
का,,,,रेखा सन्नी के लंड को इतनी मस्ती से चूस रही थी कि सन्नी पूरी ओकात मे आ गया था ऑर उसका
लंड भी,,,,,सन्नी ने रेखा के सर को दोनो हाथों से पकड़ा ओर कमर हिला हिला कर लंड को उसके
मूह मे पेलने लगा ,,,पहले तो सन्नी की कमर स्लो स्पीड मे आगे पीछे हो रही थी लेकिन रेखा के
सर की स्पीड सन्नी के लंड पर काफ़ी तेज थी इसलिए सन्नी ने भी अपनी कमर की स्पीड को तेज कर दिया ऑर
ज़्यादा से ज़्यादा लंड रेखा के मूह मे घुसा कर उसके मूह को चोदने लगा,,,ऐसा करते हुए सन्नी
का ध्यान गया सामने की तरफ अपने बाप ऑर मामा पर जो अपने हाथों मे अपने अपने लंड पकड़ कर
सहला रहे थे,,सन्नी के आने की वजह से रेखा उन दोनो को बीच मजधार मे छोड़ कर सन्नी
के पास जो आ गई थी,,इसलिए दोनो को हाथ से काम चलाना पड़ रहा था लेकिन तभी विशाल ,,भुआ ऑर
माँ आगे बढ़ कर सन्नी ऑर रेखा के करीब से गुजर कर अशोक ऑर मामा के पास चले गये,,,,अब तक
माँ भुआ ऑर विशाल नंगे हो चुके थे......सन्नी का ध्यान उन लोगो की तरफ था,,,

भुआ आगे बढ़ कर डॅड को किस करने लगी जबकि माँ ने आगे बढ़ कर मामा के लंड को हाथ मे लिया ऑर
ज़मीन पर बैठ गई ऑर लंड को मूह मे भर लिया लेकिन तभी विशाल ने माँ को पकड़ा ऑर उनको
कुतिया की तरह झुका दिया ओर खुद माँ के पीछे चला गया ऑर अपने लंड पर थूक लगाने लगा ऑर
तभी गीता उसके पास आई ऑर उसके लंड को मूह मे भर लिया ऑर चूस चूस कर थूक से सराबोर
कर दिया फिर अपने मूह से थोड़ा थूक निकाल कर माँ की गान्ड पर लगा दिया ऑर आपने हाथ से विशाल
के लंड को पकड़ कर माँ की गान्ड पर रख दिया ,,विशाल ने भी एक झटके मे पूरा लंड उतार दिया
अपनी माँ की गान्ड मे ऑर माँ को कमर से पकड़ कर तेज़ी से उनकी गान्ड मारने लगा,,सामने से मामा
नीचे बैठ गया जिस से उसका लंड फिर से माँ के मूह के सामने आ गया ऑर माँ ने बिना देर किए लंड
को मूह मे भर लिया ,,,,विशाल के झटके के साथ माँ का जिस्म हिलने लगा ऑर खुद-ब-खुद मामा के
लंड पर माँ का सर आगे पीछे होने लगा लेकिन मामा को इतने से आराम नही मिलने वाला था इसलिए
उसने माँ, को सर से पकड़ा ओर अपनी कमर हिला हिला कर तेज़ी से पूरा लंड माँ के गले से नीचे तक
उतारने लगा,,,पीछे से विशाल भी अपना लंड माँ की गान्ड मे जड़ तक घुसा रहा था,,उसकी माँ
कुतिया की तरह झुकी हुई थी जिस वजह से उसकी माँ के बूब्स हवा मे लटक रहे थे ऑर विशाल के
हर झटके के साथ वो हवा मे लहरा रहे थे,,,,उनके पीछे डॅड ऑर भुआ फिर से किस करने लगे
थे ऑर डॅड भी अपने हाथों से भुआ के बूब्स को सहला रहे थे ऑर भुआ भी अपने हाथ से डॅड
के लंड को मसल रही थी,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

कुछ देर बाद डॅड ने भुआ को माँ के साथ ही नीचे उनकी बगल मे लेटा
दिया ऑर उनकी टाँगें खोल कर अपने सर को उनकी चूत तक ले गये ऑर भुआ की चूत को मूह मे भर
लिया भुआ ने भी एक ही पल मे अपने हाथ डॅड के सर पर रख दिए ऑर डॅड के सर को अपनी चूत से
चिपका लिया,,,,डॅड अपनी ज़ुबान निकाल कर बड़ी तेज़ी से भुआ की चूत को उपर से नीचे तक चाटने
लगे थे ऑर भुआ ने जब डॅड के सर को चूत पर दबाया तो डॅड ने भुआ की चूत के लिप्स को अपने
मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगे,,,,,

इधर रेखा का सर मेरे हाथ मे था ऑर मैं तेज़ी से रेखा के मूह मे गले से नीचे तक अपना लंड
घुसा कर अंदर बाहर कर रहा था जितनी तेज़ी से मेरी कमर चल रही रही उतनी तेज़ी से रेखा का सर भी
आगे पीछे हो रहा था ,,रेखा को 5 मिनट हो गये थे मेरा लंड चूस्ते हुए इस दौरान उसने एक
बार भी मेरे लंड को मूह से नही निकाला था जिस वजह से उसका मूह थूक से भर गया था ऑर थूक
उसके मूह से बहता हुआ उसके बूब्स पर गिरने लगा था ,,,,रेखा ने जल्दी से अपने हाथ अपने बूब्स पर
रखे ऑर गिरते हुए थूक को जाया नही करते हुए अपने हाथों से अपने बूब्स पर मलने लगी ,,रेखा
कुछ साँवले रंग की थी लेकिन थूक की वजह से लाइट मे उसके बड़े बड़े बूब्स बहुत ज़्यादा चमक
रहे थे ऑर खुद अपने हाथों से थूक मल्ति हुई अपने बूब्स को सहलाने लगी थी,,सन्नी ये सब से
मस्त हो गया था अब उस से बर्दाश्त नही हो रहा था उसने अपने हाथों से रेखा के सर को छोड़ा
ऑर अपने लंड को रेखा के मूह से बाहर निकाल लिया तभी रेखा ने मूह मे जमा सारा थूक सन्नी
के लंड पर उगल दिया ऑर अपने हाथों से अच्छी तरह मल भी दिया, ऑर जल्दी से सामने पड़े सोफे पर
एक पैर रख कर झुक गई ऑर सन्नी के सामने अपनी मस्त मोटी गान्ड करदी ऑर सन्नी ने भी बिना कोई
देर किए अपना मूसल घुसा दिया रेखा की गान्ड मे तभी रेखा ज़ोर से चिल्ला उठी,,,,,,हईए रे
कामिनीई अर्रामम सीए कार्रररर

रेखा इतना ज़ोर से चिल्लाई कि रूम मे मौजूद सब लोगो का ध्यान उनकी तरफ आ गया,,,माँ ने मामा
के लंड को मूह से निकाल दिया था ऑर डॅड ने अपने सर को भुआ की चूत से उठा लिया था सन्नी ऑर
रेखा की तरफ देखने क लिए,,,लेकिन सन्नी ने उन लोगो की तरफ ज़्यादा ध्यान नही दिया ऑर रेखा को
कमर से पकड़ कर तेज़ी से उसकी गान्ड मारने लगा,,,,,जैसे जैसे सन्नी की स्पीड तेज ऑर धक्का जोरदार
होता गया वैसे वैसे रेखा की मस्ती भरी सिसकियाँ ऑर हल्के दर्द से मिली जुली आवाज़ रूम मे तेज होती
गई,,,,,,आअहह माआआअ जाअंणन्न् ननीईकाल्लीगाआअ क्क्य्या मेरेइईईईईई आहह
हइईए रीईई मारररर गगयइिीईईईईई उऊहह इट्त्न्नईए डििईन्न्न्न् ससीई त्टाद्दाप्प
राहहिईिइ त्तहिईिइ त्तीररीए ल्लुउन्न्ञदड़ सीसी ल्लीइयईी क्कीिई ससुउन्नयी ककबब्ब्बब आयईगगाआअ ओर्र्र्र्ररर
काअब्ब्ब्ब मेरेइईईईई गाणन्दड़ मी म्मूससाअलल्ल्ल्ल ग्घुउस्स्साअ काअररर मम्मूउज़्ज्झहहीए छ्छूड्देगा
ल्लीककिन्न आब्ब्ब्ब मूस्साल्ल ग्घुउस्स्स्सा तटूऊ ससूचहटिीई हूओंन्न द्दूर्र र्रेहहककी वऊू
त्टद्दाप्प हहीी आक्च्छिईीई थ्हीइ इश्स मूसाल्ल सीसी ददार्रद्द क्कीी जज़ग्घाा हयईई रीईई सुउन्नयी
मार डाल्लाअ रीईई रेखा की आवाज़ सुनकर सब थोड़ा हंस रहे थे ख़ासकर माँ ऑर भुआ उनको
भी पता था मैं कैसी चुदाई करता हूँ,,,मैं तेज़ी से उसी स्पीड मे रेखा की गान्ड मारता रहा


उधर डॅड भुआ की चूत से मूह उठा चुके थे अब वो भुआ के उपर लेट कर उनकी चुदाई करने
लगे थे ऑर भुआ माँ के करीब ही थी तभी माँ ने मामा ऑर विशाल को रुकने को बोला ऑर जल्दी से
मामा को ज़मीन पर लिटा दिया ओर खुद माँ के उपर चढ़ गई ऑर मामा के लंड को अपनी चूत मे
घुसा लिया ऑर विशाल फिर पीछे से माँ की गान्ड मारने लगा ,,ऐसे लेट कर माँ थोड़ी साइड की तरफ
हो गई ऑर भुआ को किस करने लगी ,,,,कभी माँ नीचे लेटी हुई भुआ को किस करती ऑर कभी भुआ के
उपर चढ़के उनको चोदने वाले डॅड को किस करने लगती,,,,मुझे रेखा ऑर बाकी सब की टेन्षन नही
थी लेकिन माँ ऑर भुआ कैसे इतनी करीब आ गई यही बात मुझे सता रही थी,,,लेकिन रेखा की गान्ड की
मस्त चुदाई से आने वाली मस्ती ऑर मज़ा मुझे पागल कर रहा था इसलिए मैं उस बात को दिमाग़ से
निकाल कर बस मस्ती की तरफ ध्यान देने लगा था,,,रेखा का एक पैर सोफे पर था जबकि एक पैर अभी
ज़मीन पर था ऑर वो सोफे पर झुकी हुई थी ,उसके बूब्स हवा मे लटक रहे थे जैसे कुछ देर पहले
माँ के बूब्स लटक रहे थे जब वो कुतिया बनके झुकी हुई थी मेरे हाथ रेखा की कमर से उठकर
जल्दी से रेखा के बूब्स पर चले गये जिन पर अभी भी कुछ थूक लगा हुआ था रेखा का,,,मैने जल्दी
से रेखा एक बूब्स को हाथ मे पकड़ा ऑर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा,,,,अब तक जो रेखा मूसल के दर्द
से चिल्ला रही थी उसको कुछ राहत मिलने लगी थी ऑर मज़ा भी आने लगा था बूब्स पर हाथ लगते ही
उसकी आवाज़ निकलने लगी लेकिन इस बार वो आवाज़ दर्द की नही बल्कि मस्ती की थी ,,आहह आब्ब्ब्बब
आय्य्ाआअ माज्जाआअ आब्ब्ब्बब ज्जििट्त्न्नीी तीज्जीई ससी छ्छूड्ड़न्ना हाइी छूद्द लीयी मुुझहहीए
ससुउन्नयी बीत्ताआअ ज्जििट्त्न्नाआ ल्लुउन्न्ड्ड़ घहुउस्साआन्नाअ हहाइईइ ग्घुउस्साअ डदीए मेरेइईईईई
गगाणनद्दद्ड मीईए ऊओरर टीज्जििीइ ससी छ्छूओद्द म्मूउज़्झहीईई आहह ह्म्म्म्म मम
हयीईईईई उउउहह माआआआआआआअ ऊरर टीज़्जज काररर ब्बीत्ताआ ऊर्ररर जजूर्र्रर
ससीए म्मास्साल्ल मेरेरीए ब्बाददी बाददीए उूउउर्रूऊवजजज्ज्ज कककूऊऊओ जजूर्र्र ससीई
म्मास्सालल्ल्ल्ल्ल्ल हहययइईईई क्कीिट्त्न्नाअ माज्जाअ द्दीत्ताअ हहाइईइ त्तीर्रा यईी म्मूस्साल्ल
आहह प्पूउर्राा ग्घहूऊस्स्साअ डदीए बीत्ताआ उउन्नड़दीर्ररर ताअक्कककककककक


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