शानदार अपडेट।
जारी रखे, आगे की प्रतीक्षा में
अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete
- shubhs
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
Mst
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- jay
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
super hot update bhai
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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- rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
शुक्रिया दोस्तो
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- rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अमन-“डरो मत, सामने देखो और चलती रहो…” अमन का हाथ अब उसकी बेली (नाभी) में सरसराहट करने लगता है। अमन उसकी नाभी में उंगली करते हुए-“तुम बहुत साफ्ट हो महक…”
महक-“सच अह्म्मह… क्या कर रहे हो अमन? मुझे गुदगुदी होती है…” और अचानक महक एक्सिलेट कर देती है।
अमन झट से ब्रेक मार देता है। इस जल्दबाज़ी में अमन कस के महक की दोनों चुचियाँ पकड़ लेता है। महक के पूरे जिस्म में बिजली दौड़ जाती है। उसके मुँह से एक सिसकी निकल जाती है-“अह्म्मह…”
अमन के हाथ अभी भी महक की चुचियों को पकड़े हुए थे।
महक काँपते होंठों से-“तुम्हारे हाथ…”
अमन-“ओह्म्मह… ओह्म्मह… आई एम सो सारी…” और वो अपने हाथ हटा लेता है।
महक धीरे से-इट्स ओके।
अमन-“अब फैक्टरी चलें? आज के लिये इतना है। बाकी कल सीख लेंगे, मुझे थोड़ा जल्दी घर जाना है…”
महक का दिल तो नहीं कह रहा था फिर भी वो हाँ कर देती है। और दोनों फैक्टरी चली जातें हैं। अमन 7:00 बजे ही फैक्टरी से निकल जाता है। उसे तो रेहाना की चूत दिख रही थी पर उसे क्या पता था कि आज उसे एक नहीं दो चूतें मिलने वाली हैं… वो भी सील पैक। अमन अपने पाकेट में नींद के गोलियाँ ले लेता है। उसे मलिक और फ़िज़ा को सुलाना जो था।
अमन रेहाना के घर में दाखिल होता है। रेहाना और फ़िज़ा तो बेसबरी से उसका इंतजार कर रही थीं।
मलिक-“आओ बेटा, अच्छे वक्त पे आए हो। हम बस खाना खाने बैठ ही रहे थे। गरम-गरम खाने की बात ही कुछ और होती है…”
अमन सामने खड़ी रेहाना को देखने लगता है, वो उसे ही देख रही थी। फिर सब मिलकर खाना खाने लगते हैं।
मलिक-“और बताओ बेटा, फैक्टरी कैसी है? और तुम्हें काम सीखने में मज़ा तो आ रहा है ना?”
अमन-“हाँ बिल्कुल… चाचू फैक्टरी बहुत अच्छी है। बस वक्त नहीं मिल पाता कुछ जरूरी कामों के लिये। दिन निकल जाता है फैक्टरी में…”
मलिक-“धीरे-धीरे आदत पड़ जाएंगी बेटा, सारी जिंदगे पड़ी है। बाकी के कामों के लिए…”
अमन रेहाना की तरफ देखते हुए-“सही कहा आपने चाचू… जैसे खाना बहुत अच्छा बना है…”
मलिक-हाँ भाई, तुम्हारी चाचीज़ान के हाथों का खाना तो अच्छा ही बनता है।
रेहाना हल्की सी स्माइल देते हुए-“ये लो, मैंने खास हलवा बनाया है, आज के लिये…”
फ़िज़ा-“हाँ लो ना अमन भाई, मीठा खाने से ताकत आती है। आजकल आप कुछ ज्यादा ही मेहनत कर रहे हैं…”
अमन को झटका लग जाता है। वो सोचता है-“साली इसके तेवर कैसे बदले-बदले लग रहे हैं…”
रेहाना अमन को पानी का ग्लास देते हुए-“फ़िज़ा, खाने के वक्त मज़ाक नहीं…” और सब खाना खाने लगते हैं।
खाना खाने के बाद फ़िज़ा और रेहाना किचिन में बर्तन साफ करते हुए फ़िज़ा ने कहा-“अम्मी, अमन कितना हैंडसम लग रहा है। है ना?”
रेहाना-हाँ… वो तो है।
फ़िज़ा-अच्छी पसंद है अम्मी।
रेहाना शरमाते हुए-“चुप कर शैतान कहीं की… जैसे तू इतना क्यों खुश है? जाओ अपने रूम में और सो जाओ…”
फ़िज़ा-“ओहोहो… सो जाओ और आप मज़े मारोगी। नहीं, मैं नहीं सोने वाली…” और दोनों माँ-बेटी हँसने लगती हैं।
असल में जबसे अमन घर आया था, तबसे दोनों औरतों की चूत से पानी रिसने लगा था। हल्की-हल्की पानी की बूँदें उनकी पैंटी को भिगा रही थीं, और निपल खड़े हो गए थे।
रेहाना कुछ सोचते हुए-“फ़िज़ा, तू अपनी रूम में जा, मैं कुछ देर बाद अमन के साथ आती हूँ…”
फ़िज़ा खुश होते हुए-“ओके…” और वो अपने रूम में जाकर मेकअप करने लगतेी है।
रेहाना-अमन, यहाँ आओ एक मिनट।
अमन मलिक के पास से उठते हुए-“अभी आया चाची…” आमन पास आकर पीछे से रेहाना के गले में बाँहें डालते हुए-“हाँ बोल…”
रेहाना-“मलिक का क्या करना है। वो जगा रहा तो हम…”
अमन रेहाना की चुचियाँ मसलते हुए उसे नींद की टैबलेट देता है-“उसे दूध में दो गोलियाँ दे दे, रात भर नहीं उठेगा…”
रेहाना के चेहरे पे मुश्कान आ जाती है-कितने चालाक को जी आप? 91
अमन-शौहर किसका हूँ?
रेहाना-“और वो एक बात और है?”
अमन-क्या?
रेहाना-“फ़िज़ा आपसे…” वो बोलते-बोलते रुक गई।
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