कहीं वो सब सपना तो नही complete

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007
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

रूम मे चुदाई तो सब कर रहे थे लेकिन सबसे ज़्यादा आवाज़ थी रेखा की क्यूकी उसकी चुदाई मैं कर
रहा था,,,,जैसे वो मस्त हो गई थी वैसे मैं भी काफ़ी मस्त हो गया था उसकी भरी हुई गान्ड मार के
मुझे इतना ज़्यादा मज़ा आ रहा था कि मुझे लगा अब मैं झड़ने वाला हूँ लेकिन मैं इतनी मस्ती
ऑर मज़े को इतनी जल्दी ख़तम नही करना चाहता था इसलिए मैं जल्दी से उसकी गान्ड से लंड बाहर
निकाल लिया ऑर उसको पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया,,,,मैने सब कुछ जल्दी जल्दी से किया तो रेखा भी
कुछ समझ नही सकी,,,,,मैं उसको सोफे पर लिटा कर उसकी टाँगे खोल दी ऑर जल्दी से खुद ज़मीन'
पर बैठ गया ऑर अपने सर को उसकी टाँगों के बीच मे उसकी चूत पर ले गया ऑर एक ही पल मे उसकी
पूरी चूत को मूह मे भर लिया,,,,जैसे रेखा के बूब्स माँ ऑर अलका आंटी से बड़े थे वैसे ही
उसकी चूत का चमड़ा यानी के चूत के लिप्स भी माँ ऑर अलका आंटी की चूत के लिप्स से काफ़ी बड़े थे
फिर भी मैने उसकी चूत के लिप्स को पूरा का पूरा मूह मे भर लिया ऑर तेज़ी से चूसने लगा ,,,वो एक
दम से सिहर उठी ओर मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने लगी मैने भी अपनी ज़ुबान की उसकी चूत
मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से ज़ुबान को अंदर बाहर करने लगा ऑर साथ ही बीच बीच मे चूत के
लिप्स को मूह मे भरके चूसना शुरू कर देता,,,,उसके हाथ मेरे सर पर थे इसलिए मेरे हाथ फ्री
थे जिनको मैं जल्दी से उसके बूब्स पर ले गया ऑर उसके बूब्स को ज़ोर से मसल्ने लगा,,,,,

हईीई रीए तूऊ ब्बाद्दा ख्िल्लाददीई हाइईईई सुउन्नयी बीत्ताअ गगाणन्दड़ माररत्ता हहाई टू बही
म्मासत्त कारर दीतता हाइी र जबब्ब्ब छ्छूत्त क्का स्ववाद्द छ्चाकखताअ हहाीइ तूओ डील्ल्ल्ल्ल
ससीए च्चाककत्ता हाईईईईई ज्जििट्त्न्नीी अच्चिईिइ छ्छूत्त तुऊउ च्छुउस्स्टता हाइईइ क्कू नाहहीी छ्छूस्स्ट्ता
आअहह हयइईईई क्कीिट्त्न्ना याद्द क्कीिय्या तुउज़्झहही गाऊंन म्मीई हयीईईई
रीईए ऊरर तेजज्ज़ छ्छूस्स ग्घुस्स्सा द्दी पुउर्रिि ज्जुउब्बाआन्णन्न् मेरेरी छ्छूतततत मीई ऊहह
म्म्मा्आआआ आहह ,,,,,,,,,,,उसकी सिसकियाँ रूम के माहौल को पूरी तरह गर्म
कर चुकी थी बाकी सब लोगो की मस्ती भी अब काफ़ी तेज़ी पकड़ चुकी थी माँ की सिसकियाँ भुआ की सिसकियाँ
सब मिलकर एक अजीब सा मस्ती भरा माहौल पैदा कर रही थी,,,कहीं पच पच की आवाज़ तो कहीं
सिसकियों की आवाज़ ,,इतना मज़ा मुझे भी कभी नही आया था ऑर इतने लोगो के साथ आज तक मैने कभी
चुदाई नही की थी ,,,,,,,


कुछ देर बाद मैने उसकी चूत से मूह हटा लिया ऑर अब तक लंड भी कुछ ठीक हो गया था ,,अब मैं
जल्दी से सोफे पर बैठ गया ऑर रेखा को अपने उपर आने को बोला उसने भी कोई देर नही की ऑर जल्दी से
टाँगे खोल कर मेरे लंड पर बैठ गई लेकिन इस बार उसने लंड को अपने हाथ मे पकड़ कर गान्ड
मे नही बल्कि चूत मे घुसा लिया ,,मैं उसकी इस हरकत से थोड़ा हंस कर उसकी तरफ देखने लगा तो उसने
जल्दी से मेरे लिप्स पर किस करदी ऑर तक तब लंड उसकी चूत की गहराई मे उतर चुका था ,,उसने मुझे
किस करते हुए अपने जिस्म को उपर नीचे उछालना शुरू कर दिया जिस से लंड उसकी चूत की गहराई तक
अंदर बाहर होने लगा ऑर फिर से एक मस्ती भरने लगी पूरे जिस्म मे,,गान्ड की टाइट पकड़ की वजह
से लंड का पानी जल्दी निकलने वाला था लेकिन चूत काफ़ी खुली थी रेखा की अब लंड काफ़ी देर तक मैदान
मे टिका रह सकता था ,,रेखा ने एक बार मेरे लिप्स पर किस की ऑर फिर हंस कर मुझे देखा मैं उसकी
हसी का मतलब समझ गया उसकी गान्ड मे मेरे मूसल की वजह से दर्द होने लगा था तभी तो उसने
लंड को चूत मे घुसाया था,,,,वो तेज़ी से उपर नीचे उछल रही थी ऑर उसके हाथ मेरे शोल्डर्स
पर थे ,,उसके बूब्स भी हवा मे उपर नीचे हो रहे थे जिन पर मेरा ध्यान गया तो मैने अपने
हाथ उसके बूब्स पर रख दिए ऑर ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा तभी वो आगे की तरफ हो गई ऑर बूब्स की
मेरे फेस के करीब कर दिया मैने भी जल्दी से मूह खोला ऑर एक बूब्स को मूह मे भरके चूसने
लगा जबकि दूसरा बूब जो मेरे हाथ से था उसको ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा ,,रेखा के बूब्स बहुत बड़े
थे एक बूब्स जो मूह मे लेके चूस रहा था मैं उसने मेरे पूरे फेस को कवर किया हुआ था अब
मुझे रेखा की शकल भी नज़र नही आ रही थी लेकिन पूरे फेस पर एक मखमली एहसास हो रहा था
उसका बूब जितना बड़ा था उतना ही सॉफ्ट था ,,मैं उसके बूब्स को कभी उसकी कॅप से मूह मे भरता तो
कभी कहीं ऑर से,,,मैं उसके बूब्स को हर जगह से पकड़ पकड़ कर मूह मे भरके चूसने लगा
था ,,उसके बूब पर जगह जगह निशान पड़ने लगे थे तो उसने जल्दी से अपने दूसरे बूब को हाथ मे
पकड़ा ऑर मेरे मूह एक करीब करके हँसने लगी,,,,,मानो बोल रही हो कि इस ग़रीब पर थी थोड़ा करम
कर्दे ज़ालिम,,,,मैं भी हंस कर उसके दूसरे बूब को चूसना शुरू कर दिया,,,,मैं फुल मस्ती मे था
दिल तो कर रहा था कि खुद उसकी चूत मे झटके लगा दूं लेकिन रेखा काफ़ी तेज थी ऑर उसी तरह उसकी
स्पीड भी काफ़ी तेज थी मेरे लंड पर उछलने की,,,,वो तेज़ी से उपर नीचे हो रही थी,,,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


उधर माँ जो विशाल ऑर मामा से चुद रही थी वो मामा के उपर से उठा गई ऑर डॅड ने भी भुआ को
अपने नीचे से उठा दिया फिर माँ भुआ की जगह लेट गई और डॅड ने जल्दी से माँ की चूत मे लंड
घुसा दिया ऑर माँ के लिप्स पर किस करने लगा जबकि भुआ जाके विशाल का लंड चूसने लगी जो उठकर
खड़ा हो गया था ,,,मामा अभी भी नीचे लेटा हुआ था भुआ ने अपनी टाँगे खोली ऑर मामा के उपर
मामा की तरफ पीठ करके मामा के लंड पर बैठ गई ऑर लंड को हाथ मे पकड़ कर चूत मे लेने
लगी लेकिन तभी मामा ने अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ा ऑर भुआ की गान्ड पर रख दिया भुआ ने
एक पल के लिए विशाल के लंड को मूह से निकाला ऑर मामा की तरफ पीछे मूड के देखा ऑर फिर अपनी
टाँगों को थोड़ा ज़्यादा खोल दिया ऑर मामा के लड पर नीचे की तरफ बैठने लगी लेकिन लंड गान्ड
मे नही घुसा तो मामा ने जल्दी से अपने हाथ पर थूक लगा कर लंड पर लगा दिया ऑर फिर से भुआ
को नीचे होने का इशारा किया ऑर लंड भुआ की गान्ड मे घुसता चला गया,,,,भुआ ने धीरे धीरे
उपर नीचे उछलना शुरू किया लेकिन मामा पक्का कमीना था उसने भुआ की कमर को पीछे से पकड़ा
ऑर खुद अपनी कमर को ज़मीन से उछल उछल कर भुआ की गान्ड मारने लगा,,भुआ को हल्का दर्द
होने लगा था इसलिए भुआ ने विशाल के लंड को मूह से निकाला ऑर सिसकियाँ लेते हुए अपने दर्द का इज़हार
करने लगी लेकिन तभी विशाल ने भुआ के सर को पकड़ा ऑर लंड को वापिस भुआ के मूह मे घुसा दिया ऑर
भुआ की आवाज़ को बंद कर दिया लेकिन दर्द की वजह से फिर भी भुआ की हल्की हल्की आवाज़ कमरे
मे गूँज रही थी,,,मेरा ऑर रेखा का ध्यान उसी तरफ था फिर रेखा ने मेरी तरफ देखा ऑर नज़रो
ही नज़रो मे ये बोला कि कुछ देर पहले तूने भी मेरी एसी ही हालत की थी ज़ालिम,,


विशाल ने अपने लंड को कुछ देर भुआ के मूह मे रखा ऑर फिर भुआ को पीठ के बल मामा की
तरफ झुका दिया मामा ने भी भुआ की पीठ पर हाथ रखा ताकि उसकी झुकने मे सहारा मिल सके ऑर
इसी दौरान मामा ने अपने झटके लगाना बंद कर दिया ऑर भुआ को अपने पेट पर झुका लिया भुआ ने
भी अपने दोनो हाथ ज़मीन पर रख दिए ऑर सहारा लेके झुक गई ऑर अपनी टाँगों की आगे विशाल की
तरफ कर दिया ऑर खोल दिया ,,विशाल ने कोई देर किए बिना भुआ की चूत मे लंड घुसा दिया ऑर एक
ही पल मे तेज़ी से भुआ की चूत को चोदना शुरू कर दिया,,,भुआ के मूह मे अब विशाल का लंड
नही था ऑर अब भुआ 2-2 लंड से चुद रही थी इसलिए रूम मे सबसे तेज सिसकियों की आवाज़ भुआ
की थी,,रेखा भी सिसकियाँ ले रही थी लेकिन रेखा की आवाज़ अब उतनी तेज नही थी जितनी तेज गान्ड मे लंड
लेते टाइम थी,,,,माँ ऑर डॅड की आवाज़ तो बिल्कुल भी नही आ रही थी क्यूकी डॅड माँ के उपर लेट कर उनकी
चुदाई करते हुए उनके लिप्स पर किस कर रहे थे ऑर उनके दोनो हाथ माँ के बूब्स पर थे शायद
पकड़ बना कर वो माँ की चुदाई कर रहे थे,,,,,माँ भी पूरी मस्ती मे डॅड की पीठ पर अपने
हाथ घुमा रही थी माँ ने अपनी टाँगों से भी डॅड की पीठ को जकड कर डॅड को अपने पास
कर लिया था,,,डॅड का लंड छोटा था लेकिन मोटा था आंड उनकी स्पीड तो हम सबसे तेज थी जैसे एशियन
आंड जापानी लोगो की होती है,उनके लंड भी पतले होते है लेकिन स्पीड काफ़ी तेज होती है,,,

कुछ देर बाद भुआ की सिसकियाँ काफ़ी तेज हो गई ,,मतलब वो झड़ने वाली थी ऑर तभी भुआ तेज़ी से आवाज़
करती ऑर चिल्लाती हुई झड़ने लगी विशाल ने तो अपना लंड निकाल लिया भुआ की चूत से लेकिन मामा उसको
अपने से दूर करने को तैयार नही था ,,मामा ने भुआ को कस्के पकड़ा हुआ था ऑर भुआ की सिसकियाँ
फिर से तड़प ऑर दर्द मे बदल गई तभी माँ ने डॅड के लिप्स से अपने लिप्स दूर किए ऑर मामा के
हाथ पर हाथ मारा ऑर भुआ को आज़ाद करने को बोला ऑर साथ ही डॅड को अपने उपर से उठने को बोला
डॅड भी माँ के उपर से उठ गये ऑर मामा ने भी भुआ को आज़ाद कर दिया था,,,अभी माँ जल्दी से मामा
के उपर चढ़ गई ऑर झुक कर मामा के लंड को चूत मे ले लिया ऑर डॅड ने पीछे से माँ की
गान्ड मे लंड घुसा दिया ऑर फिर से चुदाई शुरू हो गई,,,भुआ जल्दी से हटा कर साइड पर लेट गई ऑर
विशाल चलके मेरे ऑर रेखा के पास आ गया ,,रेखा ने विशाल को देखा ऑर मेरे उपर से उतारकर
सोफे पर बैठ गई ऑर अपने सर को सोफे से पीछे की तरफ कर लिया ऑर विशाल का हाथ पकड़ कर उसको
भी सोफे से पीछे की तरफ भेज दिया ऑर मुझे सोफे से खड़ा करके अपने पीछे भेज दिया ,,मैने
उसके पीछे जाके लंड को हाथ मे पकड़ा ऑर उसकी चूत पर रखा ऑर अंदर घुसने लगा क्यूकी अब
मेरा दिल उसको ज़्यादा दर्द देने का नही कर रहा था इसलिए लंड को चूत मे डालने लगा था मैं
लेकिन तभी रेखा ने मेरे हाथ से लंड पकड़ा ऑर अपनी गान्ड के होल पर रखा लंड चूत के पानी
से चिकना था इसलिए एक ही बार मे आधे से ज़्यादा अंदर घुस गया लेकिन इस बार रेखा की दर्द भरी
आवाज़ नही निकली क्यूकी सोफे के पीछे से विशाल भाई ने अपने लंड को रेखा के मूह मे घुसा दिया
था शायद रेखा भी यही चाहती थी कि जब मेरा लंड उसकी गान्ड मे जाए तो वो दर्द से चिल्ला नही
सके तभी तो उसने विशाल को सोफे के पीछे अपने सर के पास खड़ा किया था ऑर उसके लंड को मूह मे
ले लिया था,,,,अब फिर से मैं पीछे से उसकी गान्ड मारने लगा ऑर विशाल उसके सर को पकड़ कर उसके
मूह मे लंड पेलने लगा,,मैं भी उसकी कमर को पकड़ कार तेज़ी से उसकी चुदाई कर रहा था,,रेखा
की आवाज़ तो बंद थी लेकिन माँ की आवाज़ काफ़ी तेज थी रूम मे अब वो लंड का स्वाद ले रही थी फिर से
ऑर मस्त हो चुकी थी,,,,डॅड अकेले माँ को खुश नही कर सकते थे क्यूकी माँ को 2 लंड से ही
मज़ा आता था,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »

भुआ तो शांत हो गई थी लेकिन बाकी सब टिके हुए थे ऑर तभी मामा भी तेज़ी से सिसकियाँ लेने लगा
मामा अक्सर कोई बात नही करता था चुदाई करते टाइम उसके मूह से एक भी लफ़्ज नही निकलता था लेकिन
जब पानी निकलने वाला होता तो उस से पहले उसकी सिसकियाँ शुरू हो जाती माँ भी ये जानती थी इसलिए माँ
ने भी अपनी चूत को मामा के लंड पर मारना शुरू कर दिया ताकि मामा जल्दी झड जाए ऑर ऐसा
ही हुआ मामा तेज़ी से माँ की चूत मारते हुए ऑर चिल्लाते हुए माँ की चूत मे झड गया ऑर सारा
पानी माँ की चूत मे छुड़वा दिया लेकिन माँ मामा के उपर से नही उठी क्यूकी डॅड पीछे से उनकी
गान्ड मार रहे थे मामा का लंड सिकुड कर अपने आप माँ की चूत से निकल गया ऑर साथ मे माँ
की चूत से निकल कर वो सारा स्पर्म भी मामा के पेट पर गिर गया जो मामा के लंड से निकल कर माँ
की चूत मे गया था,,,डॅड की स्पीड काफ़ी तेज थी लेकिन डॅड का लंड भी काफ़ी मोटा था जिस से डॅड का भी
काम जल्दी हो जाना था इस बात के डर से माँ ने खुद अपनी चूत मे उंगली करना शुरू कर दिया
करीब 2-3 मिनट बाद डॅड की सिसकियाँ तेज हुई तो माँ के हाथ की स्पीड भी तेज हो गई ऑर फिर माँ
की चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया ऑर जब डॅड के लंड से पानी निकलने लगा तो डॅड ने जल्दी से
अपना लंड निकाला ऑर माँ के मूह के पास जाके लंड को माँ के मूह मे घुसा दिया माँ उपर को
उठ गई ऑर डॅड के लंड को मूह मे भर लिया तभी डॅड के लंड ने पानी निकालना शुरू कर दिया इतने
मे भुआ उठी ऑर जल्दी से मामा के पास आ गई और माँ की चूत से निकला पानी भुआ ने मामा के
पेट से चाट कर सॉफ कर दिया फिर मामा के लंड को भी अच्छी तरह चूस ऑर चाट कर सॉफ कर दिया
डॅड के लंड से भी सारा पानी निकल गया तो माँ ने उनके लंड को भी अच्छी तरफ साफ कर दिया,,,


फिर वो सब आराम से लेट कर मेरे रेखा ऑर विशाल भाई की तरफ देखने लगे,,,विशाल भाई भी अभी
तक टिका हुआ था उसका 7 इंच का लंड रेखा के मूह मे अंदर बाहर होके तेज़ी से रेखा के मूह की
चुदाई कर रहा था ओर मेरा 9 इंच से थोड़ा बड़ा लंड तेज़ी से रेखा की गान्ड तक घुस कर रेखा
की गान्ड की चुदाई कर रहा था,,,रेखा का हाथ भी अब उसकी चूत पर चला गया उसने अपने
सर को सोफे की बॅक पर टिका लिया ऑर एक हाथ को अपने बूब्स पर ले गई ऑर एक को चूत पर ऑर तेज़ी
से बूब्स मसल्ते हुए चूत मे उंगली करने लगी मैने देखा कि वो अपनी चूत मे 3 उंगलियाँ
डालके तेज़ी से अंदर बाहर कर रही थी इसका मतलब था कि वो झड़ने वाली है ऑर ये मतलब भी था
की उसको कम से कम 3 लंड चाहिए होते है एक बार मे ,,एक मूह मे एक गान्ड मे ऑर एक चूत
मे ,,,उसके हाथ की स्पीड जब तेज हो गई तो विशाल ने भी कस्के रेखा के सर को पकड़ा ऑर ज़ोर ज़ोर
से झटका लगा कर उसके मूह को चोदने लगा मेरी भी कमर तेज़ी से आगे पीछे होने लगी क्यूकी मुझे
लगा कि शायद विशाल ऑर रेखा झड़ने वाले है तो क्यू ना मैं भी उन लोगो के साथ ही झड जाउ ऑर
तभी विशाल ने तेज़ी से चिल्ला कर अपने लंड को बॉल्स तक रेखा के मूह मे उतार दिया जो गले से नीचे'
तक चला गया ऑर विशाल ने लंड के पानी को भी रेखा के मूह मे नही गिरने दिया सारा पानी सीधा
गले से नीचे जाके बहने लगा,,,जब सारा पानी निकल गया तो विशाल ने लंड को बाहर निकाला ऑर पीछे
हटके दूसरे सोफे पर गिर गया ऑर विशाल का लंड मूह से बाहर आते ही रेखा की सिसकियाँ निकलने लगी जो
काफ़ी तेज थी ऑर मेरी भी सिसकियाँ अब शुरू हो गई थी मतलब मेरा भी होने वाला था ऑर ये पता
चलते ही रेखा ने अपनी एक उंगली ऑर घुसा ली चूत मे अब उसकी चूत मे 4 उंगलियाँ थी,,,ऑर
उसका हाथ भी तेज़ी से चलने लगा था ऑर मेरी भी स्पीड तेज ऑर धक्का जोरदार हो गया था इस से पहले
कि उसकी चूत से पानी निकलता मेरे लंड ने उसकी गान्ड मे पिचकारी मारना शुरू कर दिया जब तक मेरा
पानी नही निकला मैने उसकी गान्ड से लंड बाहर नही किया ऑर जैसे ही मेरा लंड बाहर निकला उसकी चूत
से भी पानी की बरसात होने लगी ,,उसकी गान्ड से मेरा स्पर्म भी बाहर निकल आया ऑर उसकी चूत से
पानी के साथ मिलकर सोफे से होता हुआ ज़मीन पर गिरने लगा,,,,,मैं ज़मीन पर ही गिर गया जबकि
वो सोफे पर लेट कर तेज़ी से साँसे लेने लगी,,,

रूम मे हर कोई थक गया था क्यूकी ये चुदाई का खेल बहुत देर तक चला ऑर शायद आगे भी चलने
वाला था,,,,,

सब लोग थक कर अपनी अपनी सांसो पर क़ाबू करने की कोशिश कर रहे थे,,मैं भी ज़मीन पर
गिर गया था ऑर खुद की हालत को ठीक करने की कोशिश कर रहा था ,,,,तभी रेखा सोफे से उतर कर
ज़मीन पर मेरे पास आ गई ऑर मेरे लिप्स पर किस करने लगी,,अभी तक मेरी हालत ठीक नही हुई थी
मैं अभी भी तेज़ी से साँसे ले रहा था लेकिन उसकी हालत बहुत बेहतर हो गई थी,,,,साली इतनी दमदार
चुदाई के बाद इतनी जल्दी नॉर्मल भी हो गई थी,,,काफ़ी चुड़दकड़ थी रेखा,,,,,

हयी रे कमिने जान ही निकाल दी तूने तो आज मेरी,,,,इतनी जबरदस्त चुदाई की जो इतने दिनो कोई नही
कर सका ,,,इसलिए तो तेरे से मिलने को तरस रही थी मैं,,,साला ये मूसल है कि घोड़े का लंड जो
गान्ड मे जाता है तो पूरी तरह फाड़ कर रख देता है,,,लेकिन एक बात है मज़ा भी पूरा देता
है,,,,वो साथ साथ बोलती जा रही थी ऑर साथ साथ मेरे लंड पर हल्के हल्के हाथ से सहला रही थी जो
लंड अभी तक पूरी तरह से सोया नही था वो फिर से सर उठाने लगा था,,,

तभी विशाल उठा ऑर पीछे वाले सोफे से उठकर उस सोफे पर आ गया जिस पर से उठकर रेखा मेरे पास
आई थी,,,,,,तो छोटे भाई कैसा लगा ये सर्प्राइज़,,,,उसने सोफे पर बैठे हुए ही रेखा के एक बूब को
हाथ मे पकड़ा ओर ज़ोर से दबाते हुए बोला,,,,कितना याद कर रही थी तेरे को,,,हम सब से चुदाई
करवा चुकी है इतने दिन लेकिन फिर भी तेरा नाम लेती रहती थी पता नही क्या जादू कर दिया है
तूने,,,,

अच्छा लगा भाई ये सर्प्राइज़,,,,,मैने इतना ही बोला था कि भाई बीच मे बोल पड़ा,,,,

तो अच्छा क्यू नही लगता ,,मैं लेके आया हूँ तेरे लिए ये सर्प्राइज़,,एरपोर्ट से सीधा गाओं चला गया
थे इसको लेने के लिए,,,,,

भाई आप लेके आए हो इसको??,,,,वैसे अच्छा लगा ये सर्प्राइज़ लेकिन वो सर्प्राइज़ अच्छा नही लगा जो आपने
देल्ही मे दिया था मुझे,,,,


कॉन्सा सर्प्राइज़ छोटे भाई,,,,

वही दूध मे नींद की गोली वाला,,,,,,मैने इतना बोला तो सब लोग हँसने लगे,,,मामा ,,,माँ
भाई,,,दाद भुआ,,,,ऑर रेखा भी,,,,,


वो तो मजबूरी थी भाई,,,,लेकिन ये बता ये सर्प्राइज़ अच्छा लगा ना,,,,


हाँ भाई बहुत अच्छा लगा,,,,लेकिन वो सर्प्राइज़ अच्छा नही लगा,,,,


अब कॉन्सा सर्प्राइज़ अच्छा नही लगा,,विशाल चोन्क्ते हुए बोला,,,,अब क्या कर दिए मैने,,,,

तभी मैने माँ ऑर भुआ की तरफ इशारा किया,,,,ऑर फिर बोला,,,ये सब कैसे हुआ भाई,,,,

ये सब मेरा नही रेखा का चमत्कार है सन्नी,,इसी ने माँ ओर भुआ को एक किया है,,

मैने रेखा की तरफ देखा ऑर रेखा ने मुझे फिर से किस करदी,,,,,हाँ सन्नी ये सब मेरी वजह
से हुआ है,,,,इन दोनो ने मुझे गिफ्ट दिया है ,,,आपस मे बात करके ,,दुश्मनी ख़तम करके,,,

गिफ्ट कैसा गिफ्ट,,,,,,मैं हैरान होके बोला,,,,

तभी रेखा बोली,,,,,लो अब ये भी नही पता तुझे,,,,किसी ने बताया नही क्या तुझे,,,

क्या नही बताया मुझे,,,,??

यही कि मेरी शादी होने वाली है कुछ दिनो मे,,,तभी तो गीता ऑर अशोक आए थे मेरे पास गाओं
ताकि मेरी शादी की कुछ तैयारियाँ करवा सके मेरे साथ मिलकर ,,ऑर भला है कॉन मेरा गाओं मे,,

सच मे मैं खुशी से उछलता हुआ,,,आपकी शादी पक्की हो गई,,,,पर किस से,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by 007 »


वही आदमी तूने देखा था उसको जो चाचा जी के घर से दूध लेके शहर मे बेचने जाता है,,,
मैं सोचा कि अब शादी होने वाली है तो एक ही लंड के सहारे रह जाउन्गी क्यू ना शहर जाके
एक बार सबके साथ मिलकर मस्ती करली जाए,,,,इसलिए जब विशाल ने बताया कि वो घर आ रहा है तो मैने
उसको गाओं ही बुला लिया,,,,कुछ दिन अशोक गीता ऑर विशाल क साथ गाओं मे मस्ती की फिर कोई 4-5 दिन
पहले हम लोग यहाँ आ गये ऑर फिर मस्ती करने लगे,,सुबह शाम,,रात,,,,लेकिन हर टाइम मैं
तुझे ही याद करती रहती,,,,इतने दिनो मे सबने मिलकर इतना मज़ा नही दिया जितना तूने दिया,,,,4 लंड
वो नही कर सके जो तेरे इस अकेले मूसल ने कर दिया,,,,

4 लंड,,,,4 लंड कैसे ,,,यहाँ तो 3 मर्द है,,,,,

अरे वो आया था ना तेरा दोस्त करण,,,,,उसका भी लिया मैने,,,,

साला मैं तो सोच मे पड़ गया,,,,तभी माँ ऑर करण बात कर रहे थे सर्प्राइज़ की ऑर मुझे कुछ
समझ ही नही आ रहा था,,,,,

करण आया था यहाँ,,,,

हाँ ऑर उसकी बेहन भी आई थी सन्नी,,विशाल ने जब ये बात बोली तो उसकी आँखें चमक गई,,,,

तो क्या शिखा दीदी ने भी मस्ती की आप लोगो के साथ मिलकर,,,,,


हाँ बेटा,,,तभी तो मैं यहाँ आई थी ताकि मस्ती कर सकून ,,,इसलिए तो सोनिया को उसकी सहेली के
घर भेज दिया था,,,वो होती तो कों मस्ती कर सकता था,,,,

तभी माँ भी मेरे पास आ गई ऑर भुआ भी,,,,हाँ सन्नी बेटा ,,करण ऑर शिखा यहाँ आ चुके है
ऑर भुआ भी करण के साथ मस्ती कर चुकी है,,,जब ये लोग आए तो शाम को मैने किसी बहाने से
सोनिया को कविता के साथ भेज दिया था,,ताकि हम सब मिलकर मस्ती कर सके,,,

ये बात तो ठीक है मा लेकिन आप लोगो की तकरार कैसे ख़तम हुई,,,,

हम लोगो मे कोई तकरार नही थी बेटा,,,बस कुछ मन मुटाव था जो अब नही रहा,,,अब हम सब
मिलकर रहने वाले है ओर मस्ती करने वाले है,,,,

तभी रेखा बोली,,,,,सब कैसे कर सकते हो मस्ती,,,,आप लोगो की बड़ी अम्मा है ना सोनिया,,,उसको कॉन
शामिल करेगा खेल मे,,,,,

सोनिया का नाम सुनते ही रूम मे हर कोई चुप हो गया,,,,लगता था साँप सूंघ गया है सबको,,,


कॉन करेगा मतलब,,,किसमे है इतनी हिम्मत जो उस जलते अँगारे के पास से भी गुजर सके,,,ये बात
विशाल भाई ने बोली थी,,,

भाई आप हो ना,,आप कोशिश करो,,,,,मैं मज़ाक मज़ाक मे बोला,,,,

ना बाबा ना,,,,मैं नही करने वाला.,,,मुझे मरना नही अभी वापिस जाके जॉब करनी है

आप वापिस चले जाओगे भाई,,,,,


हाँ सन्नी ,,रेखा की शादी एक बाद मैं वापिस चला जाउन्गा,,,,

शादी कब है इनकी,,,,,,???

तभी डॅड बोल पड़े,,,शादी --- तारीख को है बेटा,,ऑर हम सबको जाना है,,,,

ओह्ह शिट दाद,,,,,मैं तो नही जा सकता,,,मेरे तो एग्ज़ॅम है तभी,,,,

रेखा बीच मे बोल पड़ी,,,,,कोई बात नही बेटा,,,,जितनी कसर बाकी है आज रात पूरी कर लूँगी मैं

आज रात,,क्यू कल का दिन भी है ना,,,,,

नही बेटा कल मुझे वापिस जाना है,,,,शादी के बाकी काम भी निपटाने है,,,,इतना बोलकर रेखा ने
माँ ऑर भुआ को बोला,,,,,अब आज रात सन्नी को कोई हाथ नही लगाएगा,,आज रात ये मेरा है बस,,
ज़ी भरके मस्ती करूँगी आज रात मैं इसके साथ,,,

सब लोग हँसने लगे,,,,,,,

लेकिन मैं परेशान हो गया था,,,,आख़िर ये रेखा कॉन थी,,,सब इसको नाम से बुला रहे थे कोई
अपना रिश्ता नही बता रहा था,,,,ऑर ऐसी क्या ख़ास्स बात इसमे जो माँ ऑर भुआ की दुश्मनी ख़तम
करदी इसने,,,ऑर भाई भी इसकी शादी के लिए वापिस आ गया,,,,,लगता है कोई ख़ास्स ही है ये रेखा लेकिन
कॉन है,,,,अब तो पूछ भी नही सकता किसी से,,,,माँ ने मना जो किया था,,,बोला था सही वक़्त आने पर
खुद ही बता देगी,,

उस दिन ऑर रात को मैं बस रेखा की चुदाई करता रहा,,,,बाकी कोई मेरे पास नही आया,,,ना माँ ऑर
ना ही भुआ,,,,,मर्द कोई ना कोई आता जाता था रेखा के पास,,क्यूकी उसको 1 लंड से मज़ा नही आता था,,,

पूरी रात मस्ती होती रही कोई नही सोया,,,,मुझे भाभी ऑर शोबा के पास भी नही जाने दिया किसी
ने,,,,,


जब सुबह रेखा की संतुष्टि हुई तो वो उस रूम से बाहर चली गई ऑर फिर सबको सोने के टाइम मिला
मैं भी सो गया ,,पूरी रात मे रेखा ने निचोड़ दिया था मुझे,,इतना थक गया कि सुबह सोया ऑर
शाम को उठा,,,,

शाम को उठा तो वहाँ रूम मे कोई नही था,,,,उठकर बाहर आया तो नंगा ही अपने उपर वाले
रूम की तरफ चला गया ऑर फ्रेश होके नीचे चला गया,,नीचे सीढ़ियाँ उतर रहा था तो माँ की तेज
आवा आई,,मैं भाग कर नीचे गया कहीं कुछ हो गया है शायद,,,मैं डर गया था,,,लेकिन जैसे ही
नीचे गया देखा कि माँ ऑर डॅड सोफे पर चुदाई कर रहे थे,,,,अभी माँ झड़ी थी इसलिए इतनी तेज़ी
से चिल्लाई थी,,,डॅड भी झड गये थे ऑर सोफे पर बैठ गये थे,,,,मैं जब पास पहुँचा तो
माँ डॅड के लंड पर लगा हुआ स्पर्म चाट कर सॉफ कर रही थी,,,,,

आ गया बेटा,,,रात को लगता है ज़्यादा ही थक गया था शायद ,,,,,,

थकता क्यू नही सरिता,,रेखा ने पूरी रात सोने कहाँ दिया इसको,,,लंड गान्ड मे लेके चिल्लाति
रही लेकिन फिर भी लंड गान्ड मे घुसाती ही रही,,,,ना खुद सोई ना किसी को सोने दिया,,देख
ज़रा पूरा निचोड़ कर गई है इसको,,,,

माँ ने मेरी हालत देखी ऑर हँसने लगी ,,,डॅड भी हँसने लगे,,,

मेरी हालत सच मे ऐसी थी ,,अभी फ्रेश होके आया था फिर भी किसी उजड़ी हुई सलतनत का फ़क़ीर बन
चुका राजा लगता था मैं,,,,सच मे बहुत थक गया था रात भर रेखा की चुदाई से,,,,

अच्छा हुआ रेखा चली गई वर्ना इस बच्चे की जान निकाल देती,,,,,

सही बोला अशोक,,,,ये खुद बड़ा खिलाड़ी बनता है लेकिन इसको नही पता रेखा कितनी बड़ी चुड़दकड़
है,,,

रेखा चली गई,??,,मैने हैरान ऑर उदास होके पूछा,,,,,

हाँ बेटा चली गई रेखा,,,,तू सो रहा था फिर भी सोते हुए तेरे लंड पर पता नही कितनी किस करके
गई है वो,,,,,

वो चली क्यूँ गई माँ,,,???

बेटा शादी को कुछ दिन ही रह गये है ,,काफ़ी काम करने वाले है,,,,ऑर उसका कोई है भी नही गाओं
मे इसलिए तो भुआ,,,मामा ,,विशाल ऑर शोबा सब उसके साथ चले गये है,,,,,

सब के सब क्यू चले गये,,,ऑर गाओं मे कोई क्यूँ नही है,,,,आपके चाचा जी है ना ,,वो रेखा की
शादी की तैयारियाँ कर देंगे,,,,,

तभी अशोक गुस्से से बोला,,,,,,नही सन्नी,,,वो उसकी शादी का कोई काम नही करेगा ऑर ना मैं उसको
करने दूँगा,,तभी तो सब लोगो को उसके साथ भेजा है ताकि हमे उस इंसान का कोई क़र्ज़ नही लेना
पड़े,,,,अशोक गुस्से से बोल रहा था तभी सरिता ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए उसको शांत रहने
को बोला,,,,,

आप गुस्सा नही करो ,,चाचा जी कोई हेल्प नही करने वाले रेखा की शादी मे,,,,

मैं कुछ समझ नही पा रह था मेरा बाप माँ के चाचा जी से इतना चिढ़ता क्यू था ,,,क्यू डॅड की
आँखों मे खून उतर आता था उस इंसान का नाम सुनके,,,आख़िर क्या वजह थी,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

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Re: कहीं वो सब सपना तो नही

Post by jay »

super hot update bhai
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