मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete

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rajsharma
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by rajsharma »

achha update hai dost
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

थॅंक्स बंधुओ
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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »


वीर्य पीने और खाने खाने के बाद मैं आलस से काउच पे लेट गई, मेरी ड्रेस शायद भाई ने मेरे रूम में उतार के फेंक दी थी, सही से याद नहीं। फिर मैं अपना फोन लेकर चैट करने के मूड में थी। पर मेरी सभी दोस्त आफलाइन थीं। फिर एक स्टुपिड लड़के ने फालतू की बातें कर-करके मुझे इतना बोर कर दिया की मुझे नींद आ गई।

मोम- “कल तू मार्निंग में मेरे साथ चलना, क्योंकी तूने वो आर्डर लिया है, इसलिए तुझे कल ही काम शुरू कर देना चाहिए…”

भाई- “लेकिन बाइक को मार्निंग में दे आऊँ तो वो ठीक रहेगा ना कोई और होगा भी नहीं…” भाई मोम की बात नकारते हुए बोला।

मोम- “बाइक को तो बाद में भी मेकैनिक को दे सकता है…” कहकर मोम रुक गई और हैरानी भरी साँस खींची।

भाई और मोम ने मुझे काउच पे लेटी हुई देखकर वहीं अपनी जगह पे जम गये। मैं अभी-अभी आवाजें सुनकर, नंगे बदन, नींद से जाग गई थी, पर होश गुम था। मैंने काउच पे बैठे हुए देखा की भाई अपनी जगह पे खड़े-खड़े मुझे देख रहा था।

मोम जल्दी से मेरे पास आई, कहा- “ये लड़की भी ना… मोना तू ऐसे क्यों बैठी है? और कपड़े कहां है तेरे?”

भाई ने हैरानी से कहा- “ये आज हो क्या रहा है, पहले मोम और अब दीदी?”

मोम ने भाई से कहा- “तू जा अपने रूम में…”

भाई- “अरे मैं क्यों जाऊँ? खुद तो नंगे होकर घूमते हैं और ऊपर से मुझपे चिल्लाते हैं। हद है?”

मोम- “एक काम कर तू भी नंगा हो जा, एक तू ही रह गया है…”

वो दोनों झगड़ने लगे और मैं किसी ज़ॉंबी की तरह चलते हुए जाने लगी, तो मोम ने मुझपे चिल्लाते हुए कहा- “मोना जल्दी कर…”

मैं भी नींद की वजह से झल्ला पड़ी- “जा तो रही हूँ ना, वैसे भी सबने देख तो लिया है ना?”

मोम- “क्या कहा?” मेरे जवाब से मोम को और गुस्सा आ गया- “क्या मतलब? मतलब क्या है तेरा?”

मैं- “भाई ने पहली बार थोड़े ही ना मुझे नंगा देखा है?”

मोम बालों को लहराते हुए भाई की तरफ मुड़कर बोली- “ये लड़की तो पागल हो गई है, तुझे तो शर्म है ना, जाता क्यों नहीं यहां से?”

भाई भी टेश में बोला- “हाँ… मैं ही चला जाता हूँ, फिर जो करना है, वो करते रहना आप दोनों मिलकर। प्राब्लम तो आप दोनों को है मुझसे, जब मैं नहीं होता तो सबको कपड़ों से आलर्जी हो जाती है। और मेरे आते ही छुपते फिरते हैं, फिर शर्म आने लगती है, धूम-धड़ाका होने लगता है…”

मोम- “मैं मार्निंग में हाट योगा कर रही थी…”

भाई- “बड़ी अच्छी बात है…” उसने ताना मारते हुए कहा- “और फिर उसके बाद क्या करने का प्लान था, कृपा करके वो भी बता दीजिए?”

उसकी बात सुनकर मुझे हँसी आ जाती है, पर मोम हम दोनों को थप्पड़ ना मार दें। इससे की पहले मोम दुर्गा माता का रूप धारण कर लें, मैं मुड़कर अपने रूम में जाने लगी।

फिर भाई ने आगे कहा- “एक बात बताओ, आप दोनों को मैं पहली बार तो नंगी नहीं देख रहा हूँ, फिर भी आप हर बार मुझ पे ही क्यों चिल्ला पड़ती हो?”

ये सुनकर मैं अपने रूम की तरफ जाते-जाते रुक गई।

भाई और मैंने मोम को बचपन में एक बार मोम के नहाने के बाद नंगी ही कपड़े धोते देखा था, जब हम दूसरे स्टेट में रहते थे और वो घर भी एक बेडरूम का था। लेकिन अभी भाई ने ‘हर बार’ कहा, इसका क्या मतलब है?

भाई आगे बोलता रहा- “दीदी ने कपड़े नहीं पहने हैं, तो दीदी को भगाओ, आपने नहीं पहने तो खुद चली जाओ, लेकिन आपका काम तो हर बार मुझे ही पकड़ना है बस…”

मोम ने कहा- “क्योंकी तू लड़का है…” उनका चेहरा एकदम लाल हो गया था।

भाई- “हाँ… तो इसमें भी मेरी गलती है?”

मोम- “नहीं, पर?”

भाई- “तो आप ऐसा क्यों करती हो फिर?” उसने मोम की बात काटते हुए कहा- “ये सब जान बूझ के तो कोई नहीं कर रहा है, तुम फीमेल्स के साथ रहूँगा तो, आक्सिडेंटली तो ऐसा होगा ही, इसलिए आप हर बार सब पे चिल्लाना बंद करो…” ये कहकर वो अपने रूम का दरवाजा जोर से बंद करता हुआ चला गया।

मोम तेज सांसें लेती हुई उसके रूम की तरफ देखती रही, फिर उन्होंने मुझे देखा। मैंने ना में सिर हिला दिया, क्योंकी भाई की बात सही थी। फिर मोम पैर पटकती हुई अपने रूम में गई और उन्होंने भी दरवाजा जोर से बंद किया।

एक पल मैं वहीं खड़ी रही, मुझे कोई आइडिया नहीं था की मोम नग्नता को लेकर इतना बड़ा हंगामा कर देंगी? जबकी लास्ट टाइम मैं शगुफ्ता के साथ नंगी आई थी तब मोम एकदम कूल थी। शायद मैंने हद पार कर दी थी? मैं भी कितनी बड़ी स्टुपिड हूँ, ये सब मेरी वजह से हुआ है। ऐसा सोचते हुए अपने रूम में चली गई।
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pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

Post by pongapandit »

अगली सुबह मेरा मूड खराब था कल की वजह से। इसीलिए, जब कालेज जाने का टाइम हुआ तब ही अपने रूम से निकली। लेकिन भाई और मोम घर पे थे ही नहीं। मुझे लगा की मोम ने खाना भी नहीं बनाया होगा। लेकिन टेबल पे ‘ब्रेकफ़ास्ट करके जाना’ का नॉट मिला।

मोम ने मुझे भीड़ में भी नंगा देख लिया होता तो कुछ भी ना कहती, मोम ऐसी फ्रीडम मुझे दे सकती हैं पर ये मामला मोम के प्यारे बेटे आदी का था, इसलिए ये सबसे बुरी बात बन गई थी और मोम बहुत गुस्से में थी।

मोम को हमारे घर के माहौल को नॉर्मल परिवार जैसे रखने में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी, वो भी तब जब हम सब सेक्सुअली एक्टिव टाइप के लोग हैं, और कल मोम की मेहनत से बनाए हुए सिस्टम को तोड़ने वाली बात हो गई थी।

मॉर्निंग में खुद उनपे हुए अटैक को वो झेल गई थीं, और रात वाला भी जल्दी ही काबू किया जा सकता था। पर जिस आदी के लिए ही मोम कर रही थी और उसी ने मोम से पंगा कर लिया था। मुझे मोम को सामना करने का डर नहीं था, लेकिन मुझे ये डर सताता रहा की अगर अकरम ने काल कर दिया तो क्या होगा? और अगर उसने मुझे और मोम को साथ में बुला लिया तो? मोम तो उसका खून ही कर डालेंगी।

अकरम के मामले में उसकी चलती है, वो हमें आदी तो क्या, पूरी सिटी में बदनाम कर सकता है। फिर हम कपड़ों में भी लोगों को नंगे ही नजर आएंगे। फिर मुझे पता था की मोम अकरम से लड़ने की बेवकूफी नहीं करेंगी।

कालेज क्लास के बाद मैं पूरे टाइम कामया के साथ उसकी मोम के ओफिस में ही रही। फोटोशूट चल रहा था और कामया भी बिजी हो गई। वहां फोटोशूट के टाइम मैं एक लड़के से मिली, डीसेंट और क्यूट सा था, उस विजुअल स्टाइलिस्ट का नाम तिलक था। वो मुझमें काफ़ी इंटेरेस्ट ले रहा था और हमने बातें करने के बाद नंबर एक्सचेंज किए।

ऐसा बहुत टाइम बाद हुआ जब घर जाने से मुझे प्राब्लम थी। 9:00 बजे मैंने अपनी एक्टिवा भाई की बाइक के पीछे पार्क करने के बाद, घर के अंदर चली गई। मोम फ़ोन पे कुछ टाइप कर रही थी और मैंने सोचा की भाई अपने रूम में ही होगा।

मैं मोम की तरफ बिना देखे जल्दी से अपने रूम चली गई। भाई मेरे रूम में ही था और लैपटाप से अपनी हार्ड ड्राइव में वो मूवी डाल रहा था जो मैंने पहले ही देख ली थी। बेड पे लेटी मैं आराम कर रही थी तब उसने दोस्ताना टोन में मुझसे लेट आने की वजह पूछी।

मैंने उससे पूछा - “तेरे और मोम के बीच ओफिस में ठीक था?”

भाई- “ठीक ही था, ज्यादा बात नहीं की हमने…” उसने बताया की मोम अब भी मुझसे गुस्सा हैं, और वो चाहता था की मैं मोम से बात करूं।

मैं- “अच्छा रायता फैलाओ तुम दोनों, और सॉफ करूं मैं?”

भाई- “रायता आप ही ने बनाया था और आपको ही उसको सही से रखना था…”

मैं- “या या…” कहते हुए मैं बेड से उठी और चेंज करने लगी- “एक बात बता तुझे मोम से इतना बोलने की क्या ज़रूरत थी?”

भाई- “मैंने मोम से कुछ गलत कहा क्या?”
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर

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Mast update
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