अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete

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rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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अमन-फ़िज़ा क्या?

रेहाना-उसे भी चाहिए।

अमन-क्या चाहिए?

रेहाना अमन के कान में धीरे से-“वो भी आपसे चुदना चाहती है…”

अमन-क्याअ?

रेहाना-“हाँ… उसे हमारे बारे में सब पता है। और मैं चाहती हूँ कि आप उसे कसकर चोदें ताकी वो जिंदगी भर हमारी मुट्ठी में रहे…”

अमन के चेहरे पे मुश्कान आ जाती है-“ठीक है, जैसा तू कहे…”

रेहाना-“हाँ… कमीनी मेरी सौतन कहीं की… देखो ना कैसे मरे जा रहे हैं, और आपकी तो चांदी ही चांदी है। सील-पैक मिल रही है आज…”

अमन रेहाना को किस करते हुए-“जलन हो रही है? तू फिकर क्यों करते है? बीवी तो तू ही है मेरी…” और रेहाना को अपनी बाँहों में कस के वापस हाल में चला जाता है।

कुछ देर बाद रेहाना दूध का ग्लास मलिक को देती है जिसमें नींद के गोलियाँ थी।

मलिक गटागट दूध पी लेता है। फिर कहता है-“अरे भाई, अमन को भी दूध दे दो, थका हुआ है बच्चा…”

अमन-“नहीं अभी नहीं चाचू, मैं बाद में पी लूंगा…” और रेहाना की चुचियों को घूरते हुए उसे आँख मार देता है।

रेहाना मुस्कुराते हुए किचिन में चली जाती है।

रात 10:00 बजे-

मलिक-मुझे बहुत नींद आ रही है, मैं चलता हूँ।

और रेहाना भी उसके साथ रूम में चली जाती है। वो कन्फर्म करना चाहती थी कि मलिक सो चुका है।

अमन फ़िज़ा के रूम में चला जाता है, वहाँ फ़िज़ा खड़ी थी। अमन पीछे से फ़िज़ा को पकड़ लेता है।

फ़िज़ा-“अह्म्मह… क्या है भाई?”

अमन-“मैंने सुना है कि तेरी चूत जवान हो चुकी है…” और फ़िज़ा के चूत सहलाने लगता है।

फ़िज़ा-“उंह्म्मह… क्या कर रहे हो अमन्न?” पहली बार जब कोई मर्द किसी लड़के को मसलता है तो उसका वो हाल होता है। वही अभी फ़िज़ा का हाल था जल-बिन-मछली।

अमन-“देखने दे ना कितनी बड़ी हो गई है…” और अमन उसे घुमाकर अपनी तरफ कर लेता है, और उसका सिर पकड़कर उसके नाज़ुक होंठ चूसने लगता है।

फ़िज़ा-“उंह्म्मह… उम्म्म्म… मुआह्म्मह…”

अमन उसे पीछे से सहलाते हुए उसकी एक चुचियाँ मसलने लगता है, और उसके मुँह में जीभ डालकर सलाइवा चूसने लगता है।

फ़िज़ा का बुरा हाल था-“उंह्म्मह… अम्मी अह्म्मह… क्या है ये हरकत? अमन जाओ यहाँ से…”

अमन उसे बेड पे पटकते हुए-“साली नखरे करती है…” और अमन अपनी शर्ट-पैंट उतारने लगता है। उसे पता था पहली चुदाई है। इसलिये सब काम उसे ही करने होंगे, वो पूरा नंगा हो चुका था।

फ़िज़ा जब उसके 8” इंच लंबे लण्ड को देखती है तो डर जाती है-“अम्मी…”

अमन-“डर मत फ़िज़ा डर मत… रेहाना तो इसे गाण्ड में भी लेकर नहीं डरती…” और अमन फ़िज़ा को नंगी करने लगता है। उसे सिर्फ़ नाइटी तो उतारनी थी।

फ़िज़ा चुदने के लिये पहले से तैयार थी। इसलिये ना उसने पैंटी पहनी थी, ना ब्रा। वो एक मिनट में नंगी हो चुकी थी। अमन उसके ऊपर चढ़कर उसकी चुचियाँ चूसने लगता है, और नीचे हाथ डालकर उसकी चूत सहलाने लगता है।

फ़िज़ा तो जैसे पागल हो जा रही थी-“उंन्ह… अम्मी नहीं अम्मी उंन्ह… अह्म्मह… अमन्न उंन्ह…”

अमन फ़िज़ा के हाथ में अपना लण्ड दे देता है-“पकड़ इसे फ़िज़ा और सहला…”

फ़िज़ा काँपते हाथों से अमन के लण्ड को पकड़ लेती है। वो बहुत डरी हुई थी-“अमन मुझे डर लग रहा है। कुछ होगा तो नहीं ना?”

अमन-“साली, ना चूत ना चुचियाँ, चुदाने का बड़ा शौक… कुछ नहीं होता ज़रा सा दर्द फिर जिंदगी भर की खुशी…” अमन जल्द से जल्द फ़िज़ा की सील तोड़ना चाहता था, क्योंकी उसे फ़िज़ा पे भरोसा नहीं था। छिनाल पलट गई तो?

फ़िज़ा-“हाँ हाँ अह्म्मह… सहलाओ उसे आह्म्मह… अमन पी लो मेरा दूध उंह्म्मह…”

रेहाना दरवाजे में खड़ी सब देख रही थी और कहीं ना कहीं उसे भी जल्दी थी फ़िज़ा की कुँवारी चूत के फटने की। पर वो छुपी हुई थी इस डर से कि कहीं फ़िज़ा शरमाकर चुदने से इनकार ना कर दे।

अमन एक तकिया फ़िज़ा की कमर के नीचे रख देता है, जिससे फ़िज़ा की चूत ऊपर की तरफ उठ जाती है।

अमन अपने लण्ड पे थूक लगाते हुए फ़िज़ा पे झुक जाता है, और उसके होंठों पे अपने होंठ रख देता है।

फ़िज़ा दिल ही दिल में-“आ गई वो घड़ी…”

अमन अपने लण्ड को फ़िज़ा की चूत पे रखकर पूरी ताकत से चूत में पेल देता है।

फ़िज़ा-“अम्मी जी…” उसके आँखें बाहर को निकलने लगी थीं, जिस्म काँपने लगा था, मुँह बंद था अमन के होंठों से वरना पड़ोसी भी आ जाते। खून की एक धार बेडशीट पे गिरने लगती है। अब फ़िज़ा औरत बन चुकी थी।

अमन बिना हिले अपने हाथों से फ़िज़ा की चुचियाँ मसलने लगता है, जिससे फ़िज़ा का दर्द कम हो जाये। और जैसे ही अपनी होंठ उसके होंठों से हटाता है।

फ़िज़ा-“अह्म्मह… अम्मी जी निकाल इसे बाहऱ््र… उंह्म्मह… मैं मरी जा रही हूँ प्लीज़्ि… मुझे बख़्श दो अमन्न…”

अमन फिर से उसके होंठों पे होंठ रख देता है, और धीरे-धीरे लण्ड चूत में अंदर-बाहर करने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह…”

फ़िज़ा का दर्द कम हो रहा था। अब उसकी चीखें भी थम चुकी थी और उसे भी मज़ा आने लगा था। फ़िज़ा अपने पैर और खोल देती है, और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगती हैं-“उंन्ह… आह्म्मह… अह्म्मह… ओह्म्मह… उंन्ह… अम्मी औउच… अह्म्मह…”

अमन की स्पीड बढ़ने लगी थी और धक्कों की रफ़्तार के साथ फ़िज़ा की गाण्ड भी नीचे से उछलने लगी थी। दोनों एक साथ धक्के मार रहे थे।

फ़िज़ा-“हाँ… अह्म्मह… आह्म्मह… अमन्न चोदो मुझे उंन्ह… मैं आज से तेरी हूँ अह्म्मह… मेरी अम्मी भी तेरी और मैं भी तेरी हूँ अह्म्मह… हम दोनों माँ-बेटी को खूब चोदो अमन…”

फ़िज़ा के मुँह से ऐसे अल्फ़ाज़ सुनकर रेहाना की चूत भी पनिया गई थी। उसे भी अमन का लण्ड फ़िज़ा की चूत में अंदर-बाहर बिना किसी रुकावट के आता-जाता बड़ा अच्छा लग रहा था। रेहाना उन दोनों को देखकर अपनी चूत सहलाने लगती है। उसके मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकलने लगतेी हैं।

अमन पीछे मुड़कर देखता है, और रेहाना की आँखों में देखकर जोर-जोर से फ़िज़ा को चोदने लगता है-“हाँ मेरी रांड़ ले… तेरी माँ को चोदूं ले अह्म्मह…” रेहाना की और अमन की आँखें मिली हुई थीं और अमन फ़िज़ा को चोदे जा रहा था।

इस दौरान फ़िज़ा दो बार झड़ चुकी थी। उसे पता ही नहीं था कि रेहाना उन्हें देख रही है। फ़िज़ा सिसक रही थी-“हाँ उंन्ह… अम्मी जी…” और फ़िज़ा फिर से पानी छोड़ देती है।

अमन जोश और खुशी के आलम में फ़िज़ा को चोदते हुए-“अह्म्मह… अह्म्मह…” करके अपना पहला पानी फ़िज़ा की चूत में छोड़ने लगता है।

फ़िज़ा अपनी चूत में गरम-गरम अमन का पानी लेकर सिहर जाती है, और बेडशीट पकड़ लेती है। वो निढाल हो चुकी थी, पर अभी तो शुरुआत हुई थी। अभी सारी रात बाकी थी। दोनों एक दूसरे से चिपक जाते हैं।

रेहाना अंदर आते हुए दरवाजा बंद कर लेती है-“आख़िरकार आपने मेरी बेटी को चोद ही लिया, क्यों जी? मज़ा आया कुँवारी चूत का?”
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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अमन और फ़िज़ा रेहाना को देखते हैं। फ़िज़ा शरम के मारे अपना चेहरा अमन की छाती में छुपा लेती है।

अमन-“तेरी बेटी की चूत बिल्कुल तेरी जैसी है। मेरे जान ऐसे लग रहा था जैसे तुझे चोद रहा हूँ…” और पच्च की आवाज़ के साथ अपना लण्ड फ़िज़ा की चूत से बाहर निकाल लेता है। उसके लण्ड पे फ़िज़ा की चूत का खून लगा हुआ था।

रेहाना एक कपड़ा लेकर उसे साफ करती है, और फ़िज़ा की आँखों में देखते हुए अमन के लण्ड को अपने मुँह में ले लेती है-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”

फ़िज़ा और रेहाना के नज़रें मिली हुई थीं। अमन बेड पे लेटकर सांसें ले रहा था और रेहाना उसके लण्ड को आइसक्रीम की तरह चूसे जा रही थी।

फ़िज़ा की आँखें अपनी अम्मी पे से हट नहीं रही थीं। वो दिल में सोचने लगती है-“कितनी चुदक्कड़ है मेरी अम्मी…” फिर फ़िज़ा उठकर बैठ जाती है, और अपनी चूत देखने लगती है। उसकी चूत पे भी खून लगा हुआ था। जब वो अपनै हाथ से अपनी चूत को छूती है तो एक अजीब सा मीठा-मीठा दर्द उसके जिस्म में होने लगता है।

अमन की आँखें बंद थीं, पर रेहाना के लण्ड को लगातार चूसने से उसमें जान आने लगी थी।

फ़िज़ा उठकर बाथरूम में चली जाती है, और अपनी चूत पानी से साफ करके वापस रूम में आती है। सामने रेहाना अमन के ऊपर लेटी हुई थी और दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे।

अमन रेहाना की गाण्ड मसल रहा था। रेहाना ‘आह्म्मह’ की सिसकारियाँ भर रही थी। शायद वो बहुत गरम हो चुकी थी, फ़िज़ा और अमन की चुदाई देखकर।

अमन रेहाना को साइड में लेटा देता है-“एक मिनट रुक, मुझे पेशाब करके आने दे रेहाना…”

रेहाना साइड में होकर अपनी चूत रगड़ने लगती है। अमन के बाथरूम में जाते ही फ़िज़ा जो वहीं खड़ी थी रेहाना के पास आ जाती है। दोनों माँ-बेटी एक दूसरे को देखने लगती हैं। वहाँ फ़िज़ा के जवान छोटे-छोटे चूचे और उसपे गुलाबी निपल एकदम खड़े थे, वहीं रेहाना की हल्की भूरे रंग की बड़ी-बड़ी नरम चुचियाँ भी फ़िज़ा को आवाज़ दे रही थीं कि आ जा मेरी बेटी और चूस ले अपनी अम्मी की चुचियाँ।

फ़िज़ा के कदम रेहाना की तरफ बढ़ जाते हैं।

रेहाना फ़िज़ा को अपनी बाहों में ले लेती है।

फ़िज़ा-“अम्मी आज मैं बहुत खुश हूँ…” और फ़िज़ा अपनी चुचियाँ रेहाना की चुचियाँ पे रगड़ने लगती है।

रेहाना-“हाँन्न मेरी बेटी, अमन है ही ऐसा… वो जानता है किसे कैसे खुश किया जाए?” रेहाना दिल ही दिल में-“तेरी चूत ने मेरे शौहर का लण्ड वो निगल लिया है। अब तो तू खुश होगी ही बेटी…”

फ़िज़ा रेहाना की आँखों में देखते हुए अपने नाज़ुक होंठ रेहाना के होंठों पे रख देती है, और दोनों माँ-बेटी मज़े के गहरे समुंदर में डूब जाती हैं। दोनों जल्द से जल्द अमन का लण्ड लेना चाहती थीं। पर अभी तो एक दूसरे की चूत पे चूत रगड़कर अपने जिस्म की गरमी कम कर रही थीं।

रेहाना अपनी टाँगें खोलकर फ़िज़ा की कमर पे लपेट लेती है, और उसे किस किए जाती है।

फ़िज़ा-“मुआह्म्मह… उंन्ह… गलप्प्प श्स्स्सस्स उंह्म्मह… अम्मी… अम्मी मेरी चूत दुख रही है उंह्म्मह…”

रेहाना-“एक बार और वो तुझे चोद लेंगे, फिर दर्द नहीं होगा बेटा गलप्प्प…”

फ़िज़ा-“अम्मी, आप अमन का नाम क्यों नहीं लेती?”

रेहाना-“भला… शौहर का नाम कोई बीवी लेती है बेटा? अह्म्मह…”

फ़िज़ा-“अम्मी, मैं अमन को क्या कहूँ फिरर…”

रेहाना-“फ़िज़ा, अब्बू हैं वो तेरे अह्म्मह…”

फ़िज़ा-“हाँ हाँ…” और दोनों जमकर एक दूसरे की चूत के क्लिट से मज़ा लेने लगती हैं।
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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मस्ती भरा अपडेट है बंधु
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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Mast
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