मा की मस्ती compleet

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Rohit Kapoor
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Re: मा की मस्ती

Post by Rohit Kapoor »

redradbloom wrote:wah ab to aarti ko chodne ke jaldi karo na
mitr aarati to bahut pahle hi chud chuki hai apne yaar or bete se
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Rohit Kapoor
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Re: मा की मस्ती

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आरती ने भी देखा कि मनु का लंड तन गया है,और चुदाई के लिए तैयार हो गया है,पर अभी वो उसका लंड गान्ड मे लेने के मूड मे नही थी,तो वो मनु से बोली कि तुम्हारा तो ये तैयार है आ जाओ और इसको मेरी चूत मे डाल कर मेरी चुदाई करो,मेरी चूत में भी खुजली हो रही है.

मनु अपनी माँ की ये बात सुन कर थोड़ा सा निराश हो गया,वो तो आज अपनी माँ की नयी-2 गान्ड मारने की फिराक में था.

ये बात आरती को भी समझ मे आ रही थी,पर वो अभी अपनी गान्ड दुबारा नही मरवा सकती थी,इसलिए वो मनु को बोली कि बेटा अभी ऐसे निराश होने की क्या ज़रूरत है मैं या मेरी गान्ड कहीं भागी नही जा रही हैं,आज-2 रहने दो इसमे दर्द है,कल से तुम भी इसको खूब मारना मैं तुमको नही रोकूंगी.

ये सुन कर मनु खुश हो गया कि आज नही तो कल तो उसको अपनी माँ की गान्ड मारने को मिलने ही वाली है,और फिर उसने अपनी माँ की नाइटी उतार दी,नाइटी के नीचे तो आरती ने कुछ पहना ही नही था और वो नाइटी उतरते ही बिल्कुल नंगी हो गयी,जब से ये दोनो उसको चोदने लगे थे,उसको नंगे रहने मे बहुत मज़ा आने लगा था,और वो घर मे हर समय नंगा ही रहना चाहती थी,अब कपड़े तो वो किसी के आने पर या बाहर जाने पर ही पहनती थी,नही तो घर मे सिर्फ़ नाइटी मे ही घूमती रहती थी.

मनु को भी अपनी माँ के इस नंगे पन में बहुत मज़ा आता था,और वो रात दिन अपनी माँ को ऐसे ही देखना चाहता था,वो तो उसका बाप घर पर आता था,नही तो वो अपनी माँ को घर में हर समय ऐसे ही पसंद करता था.

आरती के नंगे होते ही मनु सबसे पहले उसकी गोद मे लेट गया और उसके मम्मों को चूसने लगा,आरती भी उसके सिर पर हाथ फेरने लगी और एक चुचि को प्कड़ कर उसके मूह में दे दिया ,जिस-से मनु को और मज़ा आने लगा,आरती की गोद में लेटे -2 ही मनु अपनी एक उंगली उसकी नंगी चूत में डाल देता है,तो आरती की सिसकारी निकल गयी और वो मदहोश होने लगी.

फिर आरती बोली कि ले बेटा आज अपनी माँ की चुचियो का सारा दूध पी जा,मैं कब से तुझको अपना दूध ऐसे ही गोद मे पिलाना चाहती थी,आज इनको निचोड़ ले ,हाई ये तू क्या कर रहा है,अपनी नंगी माँ की चूत में भी अपनी उंगली डाल रहा है और चुचि भी चूस रहा है,हाई बेटा आज तो मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा है.

कुछ ही देर मे मनु ने आरती की दोनो चुचियो को बुरी तरह से चूस लिया और वो उन पर अपने दाँत भी गढ़ा रहा था,जब भी वो उसकी चुचि को अपने दाँत से काट-ता था आरती की तेज़ सिसकारी निकल जाती थी.फिर वो थोड़ा सा घुमा और उसने अपना मूह वैसे ही हालत में अपनी माँ की चूत पर लगा दिया,अब तो आरती के आनंद का कोई हिसाब ही नही रहा था,और वो आनंद के सागर में घूम रही थी,जब मनु उसकी चूत को ऐसे चाट रहा था,तो उसने अपने पाँव थोडा खोल दिए जिस-से कि मनु को उसकी चूत चाटने में परेशानी ना हो.

मनु अपनी माँ की चूत को अब अपनी जीभ से अच्छी तरह से चाट रहा था,फिर वो उसकी चूत की दोनो पुट्टियो को अपने दाँतों से काटने लगा जब उसने आरती की चूत को ऐसे काटा तो आरती ने अपने पाँव बिल्कुल ही खोल दिए और वो अपना सिर इधर-उधर पटाकने लगी,और बड़बड़ाने लगी-साले आज क्या मेरी चूत को खा ही जाएगा क्या ,इसको अपने मूह मे भर ले और इसको ऐसे ही काट -2 कर खा जा,अब आरती को बहुत ही मज़ा आ रहा था,और उसकी चूत बहुत ज़्यादा पानी छोड़ने लगी थी,ऐसे ही करते-2 और पानी छोड़ते -2 ही मज़े -2 मे आरती का थोड़ा सा पिशाब भी निकल गया,जब ऐसा हुआ तो उसका अलग ही नमकीन स्वाद मनु को आया,और उसने उसको भी चूस लिया पर वो बहुत ही गरम लगा तो उसने अपना मूह हटा लिया पर आरती अब अपना मूत रोक नही सकी और उसने मनु का सिर पकड़ा और फिर से अपनी चूत पर लगा दिया.


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Rohit Kapoor
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Re: मा की मस्ती

Post by Rohit Kapoor »

मनु फिर से अपनी माँ की चूत के पास आया तो उसने देखा कि ये तो उसकी माँ पिशाब कर रही,और उसका दिल उसको पीने का नही था,पर क्यूंकी आरती उसके सिर को लगातार अपनी चूत पर ही लगा रही थी,फिर अपनी माँ की गुलाबी चूत से निकलते हुए मूत को देख कर उसकी वासना ने अंगडाई ली और उसका दिल किया कि इसको पी ही लेना चाहिए तो उसने अपना मूह अपनी माँ की पिशाब करती हुई चूत पर लगा दिया और वो आरती के सारे पिशाब को पी गया,जब वो मूत पी रहा था तो उसको वो अपने गले से पेट में जाता हुआ गरम-2 लग रहा था,जब उसने अपनी माँ का सारा मूत पी लिया तो आरती ने उसका सिर छोड़ दिया,अब आरती के जिस्म की आग भी थोड़ी सी कम हो गयी थी.

पर मनु ने जब देखा कि उसकी माँ का सारा मूत ख़तम हो गया तो वो उठा और उसने आपनी माँ को वहीं गीले बेड पर लिटा दिया और उसके मूह पर अपना मूह रख दिया,और जो आरती का पिशाब उसके मूह मे था वो सारे का सारा आरती के मूह में डाल दिया,अब बारी आरती की थी जब मनु ने ऐसे किया और उसका ही मूत उसको ही पिलाया तो उसको बहुत ही अजीब लगा पर मनु ने भी अपनी माँ का सिर कस के पकड़ रखा था और उसने भी अपने मूह का सारा मूत आरती के मूह में जाने तक उसका सिर नही छोड़ा.

अब दोनो मा-बेटे को मूत का ही नशा चढ़ गया था,और उन दोनो को चुदाई की इच्छा बहुत बढ़ गयी थी तो मनु ने जल्दी से अपनी माँ को लिटा कर उसके उपर आ कर अपना लंड एक ही धक्के में उसकी चूत में बाड़ दिया और जल्दी-2 धक्के मारने लगा,आरती भी उसके साथ-2 धक्के लगा रही थी,दोनो माँ बेटे जबरदस्त चुदाई में मगन हो गये और कुछ ही देर में दोनो झड़ने लगे.

जब दोनो जने अच्छी तरह से झड गये तो वहीं पर गीले बेड पर ही ढेर हो गये.

और इसी तरह आरती रमण और मनु के साथ चुदाई करके अपनी प्यास बुझा लेती थी मनु भी खुश था कि अब उसे चूत के लिए कोई समस्या नही थी आरती की चुदास इतनी बढ़ चुकी थी कि वो हमेशा चुदने के लिए तैयार रहती थी बस इसी तरह उनकी जिंदगी मज़े से चलती जा रही थी . पर कहते हैं ना कि पाप का घड़ा जल्दी ही भर जाता है एक दिन अरविंद जल्दी घर आ गया और उसने आरती को रमण और मनु के साथ नंगी अवस्था में चुदाई करते हुए देख लिया . उस दिन अरविंद ने आरती और मनु की खूब पिटाई की . फिर आरती को तलाक़ देकर अपने से अलग कर दिया . ऐसी खबरें जल्दी ही फैल जाती है आरती ने आत्मग्लानी से आत्महत्या कर ली . मनु आज भी उस दिन को कोसता है जब उसे अपनी माँ के प्रति आकर्षण पैदा हुआ था ..




एंड.
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