बहू नगीना और ससुर कमीना

Post Reply
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

उधर राजीव क़रीब १० बजे गुरुजी से मिलने अकेले ही गया और उसके घर के सामने पहुँचकर घंटी बजाया। गुरुजी ने दरवाज़ा खोला। वो एक ४५ साल का हट्टा कट्टा आदमी था। उसने बनियान और धोती पहनी थी। उसने ड्रॉइंग रूम को ही क्लासरूम बनाया हुआ था। वहाँ सब वाद्य यंत्र रखे थे।

राजीव: गुरुजी नमस्कार। मैं ही राजीव हूँ।

गुरुजी: आइए बैठिए । जब दोनों बैठ गए तो राजीव पूछा: गुरुजी आप यहाँ अकेले रहते हैं?

गुरुजी: हाँ जी अकेला रहता हूँ। पर मेरी एक सहयोगी महिला है जो १० बजे से शाम के ६ बजे तक रहती है। वो मुझे बच्चों को सिखाने में सहयोग देती है। वो अभी आती ही होगी।

राजीव: हमारी बिटिया ने डान्स सीखा हुआ है उसे बस प्रैक्टिस कराना है ताकि वो स्टेज पर्फ़ॉर्मन्स से सके।

गुरुजी: हाँ हाँ क्यों नहीं । मेरे सिखाए कई बच्चे बहुत नाम कमायें हैं।

राजीव हल्की सी आवाज़ में बोला: वैसे मैंने सुना है कि आप लड़कियों को डान्स के साथ और बहुत कुछ सिखाते हैं। ये कहते हुए उसने आँख मारी।

गुरुजी: क्या क्या मतलब? ये क्या कह रहे हैं आप?

राजीव: वो सतीश बता रहा था कि उसकी बहू के साथ आप कुछ ग़लत काम किए थे?

गुरुजी: नहीं नहीं वो लड़की ही बदमाश थी। वो मुझे फँसाना चाहती थी, जब मैंने मना किया तो मुझे ही बदनाम कर दिया।

राजीव उठते हुए : ओह तब तो आप मेरे किसी काम के नहीं। असल में मैं चाहता था कि आप बिटिया को डान्स भी सिखाए और जवानी का पाठ भी पढ़ाएँ। पर आप तो शायद इसके लिए तय्यार नहीं हैं । कोई दूसरा ढूँढता हूँ।

गुरुजी: अरे अरे ऐसा नहीं है । अगर आप चाहते हो तो सब हो जाएगा। हे हे ।

राजीव वापस बैठा और बोला: ध्यान से सुनो मैं चाहता हूँ कि आप उसको डान्स के साथ थोड़ा छेड़ो भी। उसके अंगों से खेलो और उसको गरम करके मज़ा दो जवानी का पर उसकी चुदाई नहीं करना। वरना मैं तुम्हारा सत्यानाश कर दूँगा। समझे?

गुरुजी: अरे जैसा आप चाहोगे वैसा ही होगा। पर मुझे क्या मिलेगा?

राजीव: तुमको मैं काफ़ी पैसा दूँगा और मज़ा भी तो लोगे कमसीन जवानी का?

दोनों हँसने लगे तभी एक औरत अन्दर आयी । उसने साड़ी पहनी थी और स्लीव्लेस ब्लाउस पहना था। उसकी आधी चूचियाँ नंगी दिख रही थी। साथ ही पूरी पीठ भी नंगी थी। साफ़ लगता था कि बहुत आधुनिक महिला है। वह झुकी और गुरुजी के पैर छुए और राजीव के सामने उसकी बड़ी सी गाँड़ आ गयी। वो उफफक कर उठा। अब उसने राजीव को भी नमस्ते किया।

राजीव समझ गया कि ये औरत इसकी साथी है उलटे सीधे कामों में। वो उठते हुए बोला: तो मैं कब लाऊँ बिटिया को?

वो मुस्कुराकर बोला: ४ से ५ शाम को भीड़ नहीं रहती मैं बिटिया का स्पेशल ध्यान रख सकूँगा।

राजीव: ठीक है मैं शाम को लेकर आता हूँ। वैसे भी ये जगह हमारे घर से बिलकुल पास है। फिर वो उस महिला को घूरते हुए चला गया।

घर पहुँचकर वो चारु को ख़ुशख़बरी सुनाया और कहा: बेटी शाम को ४ से ५ एक घंटे की ट्रेनिंग होगी। ठीक है ना?

वो ख़ुशी से: जी अंकल। जब तक कोलेज नहीं खुलेगा मैं ट्रेनिंग लेती रहूँगी।

उस दिन फिर से राजीव ने अश्लील फ़ोटो भेजे। पर उसने एक भी फ़ोटो चुदाई का नहीं भेजा था। चारु मस्ती में आकर बाथरूम में टोयलेट की सीट पर बैठी और फ़ोटो देखकर गरम होती रही। फिर उसने मोबाइल से सभी फ़ोटो डिलीट कर दिया । फिर वो बाहर आयी और आने के पहले अपनी गीली बुर को खुजाई।

दोपहर को फिर से करन का मेसिज आया: क्या कर रही हो?

चारु: बस खाना खाया अभी।

करन: बाल साफ़ किए या नहीं?

चारु के गाल गुलाबी हो गए । उफ़्फ़्फ़क क्या अंकल हैं बस एक ही सवाल बार बार? वो: जी हाँ कर लिया।

करन: वाउ ।मस्त चिकनी हो गयी होगी? आऽऽहाह मेरा मन कर रहा है अभी मैं तुम्हारे पास आ जाऊँ और तुम्हारी चिकनी बुर को चूम लूँ।

चारु: छी क्या कह रहे हैं? पर उसे लगा कि ये पढ़ कर ही वो गरम हो गयी थी। फिर उसके आँखों के आगे वो फ़ोटो घूम गयीं जिसने आदमी एक लड़की की बुर चाट रहा था। उफफ क्या सच में करन अंकल वैसे ही उसकी बुर चाटेंगे। हे भगवान ये सोच कर ही मेरी बुर कितनी गरम हो गयी है।

करन: चलो बाई ।

चारु: बाई। चारु का हाथ अपनी बुर पर चला गया और वो वहाँ खुजाने लगी।

उधर राजीव ने करन को फ़ोन किया और पूछा: कहाँ तक बात आगे बढ़ी चारु के साथ?

करन : आज तो उसने मेरी बात मान कर अपनी झाँटें साफ़ कर ली। आप फ़ोटो भेज रहे हो ना जैसे बात हुई थी।

राजीव: हाँ वो बड़े चाव से देख रही है। आजकल वो टोयलेट में थोड़ा ज़्यादा ही समय लगाती है।

करन: बस अब आप बोलो क्या करना है?

राजीव: अब वो एक गुरुजी से डान्स सीखेगी और मज़े भी लेगी। तब तक आप इंतज़ार करो। फिर उसका डान्स पर्फ़ॉर्मन्स करेंगे । यही ठीक रहेगा। चलो रखता हूँ ।

तभी बहुत ज़ोर से गिरने की आवाज़ आयी । वो बाहर आया और देखा किमुन्नी फिसलकर ज़मीन में गिरी हुई थी और उसका स्कर्ट ऊपर हो गया था और उसकी पैंटी दिखाई रही थी। हमेशा की तरह चारु टोयलेट में फ़ोटो देख रही थी और मालिनी शायद सो रही थी। राजीव ने देखा कि मुन्नी की स्कर्ट पूरी ऊपर हो जाने से उसकी पैंटी दिखाई दे रही थी जो शायद ढीली थी पुरानी होने के कारण । क्योंकि उसकी जाँघें अलग अलग पड़ी थीं इसलिए वो एक साइड में हो गयी थी। वहाँ से उसकी बुर की एक फाँक और थोड़े से घुंघराले बाल साफ़ दिखाई दे रहे थे। राजीव की हालत ख़राब होने लगी ऐसा मादक दृश्य देखकर। फिर उसे होश आया कि बच्ची गिरी हुई है तो वो मुन्नी को प्यार से उठाया और वो चिल्लाई: आऽऽऽं दर्द हो रहा है।

राजीव ने उसको अपनी गोद में एक छोटे से बच्चे की तरह उठा लिया उसका एक हाथ उसकी गोरी जाँघों के नीचे था और दूसरा हाथ उसकी बग़लों के बीच में था और उसके मस्त अमरूदों से टकरा रहा था। वो उसको ले जाकर बिस्तर पर लिटाया और बोला: कैसे गिर गयी बेटी?

मुन्नी: वो अंकल जी फिसल गयी थी ना।

राजीव उसकी जाँघों को सहलाकर कहा: कहाँ दुःख रहा है बेटी?

मुन्नी अपने घुटने के ऊपर छू कर बोली: यहाँ दर्द हो रहा है।

राजीव अपना हाथ ले जाकर उसके घुटने के ऊपर से उसकी जाँघ को दबाने लगा। राजीव मस्ती से भर गया । उफफफ क्या चिकनी मस्त जाँघें हैं ।वह स्कर्ट उठाया और पैंटी को घूरते हुए उसकी जाँघ सहलाते हुए पैंटी को छुआ और बोला: यहाँ भी दर्द हो रहा है क्या?

मुन्नी: नहीं इसके नीचे।

तभी उसे किसी के आने की आवाज़ आयी और चारु कमरे में आयी और मुन्नी को देखकर बोली: क्या हुआ?

तब मुन्नी ने उसे पूरी बात बताई और वो मूव क्रीम लाकर उसकी जाँघ में लगाकर उसे आराम देने लगी। फिर राजीव ने आख़री बार उसकी मस्त जाँघों को देखा और कमरे से बाहर आते हुए बोला: मुन्नी बेटा अब आराम है ना?

मुन्नी : जी अंकल ।
फिर वो बोला: चारु, अब एक घण्टे में हम गुरुजी के पास जाएँगे। तय्यार रहना।

चारु: जी अंकल।

राजीव अपने कमरे में आया और सीधे बाथरूम में गया और आज बहुत दिनों के बाद मुन्नी की फाँक याद करके मूठ्ठ मारने लगा। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या गोरी बुर थी जिसके अंदर की गुलाबी पंखुड़ी भी थोड़ी सी दिखी थी। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कहकर वो ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा। तभी नरम नरम बाल उसकी आँखों के सामने आए और वो झड़ने लगा। वो हाँफते हुए सफ़ाई किया और आकर बिस्तर पर लेता और गुरुजी और चारु के बारे में सोचने लगा।
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

friends mujhe lagta hai ye kahani mujhe ab update nahi karni chahiye kyonki bahut kam user is kahani par aakar honsala badhate hain
User avatar
jay
Super member
Posts: 9115
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by jay »

शानदार अपडेट।
जारी रखे, आगे की प्रतीक्षा में
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

jay wrote: 13 Jul 2017 07:34 शानदार अपडेट।
जारी रखे, आगे की प्रतीक्षा में
thanks mitr chalo aj kisi ne reply dya
User avatar
Smoothdad
Novice User
Posts: 914
Joined: 14 Mar 2016 08:45

Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »

चार बजे के कुछ पहले राजीव तय्यार होकर ड्रॉइंग रूम में आया तभी चारु भी बाहर आयी । वो उसे देखता ही रह गया। नीले टॉप और नीली जींस में वह बहुत प्यारी लग रही थी। राजीव: अब मुन्नी का दर्द कैसा है?

चारु: ठीक है अंकल । अब चलें?

राजीव बोला: हाँ चलो। वो जानबूझकर उसके पीछे पीछे चलने लगा ताकि उसकी छोटी गोल गोल गाँड़ जो जींस से चिपकी हुयी थी,को देखने का मज़ा ले सके। राजीव यह भी सोच रहा था कि उसने आज पहली बार आदमी के लंड सहलाती हुई लड़की का फ़ोटो भी भेजा है। ज़रूर इसको पसंद आया होगा।

क्योंकि गुरुजी का घर पास ही था तो वो पैदल ही निकले और वहाँ पहुँचकर राजीव ने घंटी बजाई। दरवाज़ा थोड़ी देर बार गुरुजी ने खोला। उनका चेहरा लाल सा था। राजीव सोचा लगता है कुछ मज़ा ले रहा था ये।गुरुजी की आँखें चारु की कमसिन जवानी को मानो तौल सी रही थी। राजीव सोचा कि साला बड़ा ठरकी लगता है। चारु ने उसके पैर छुए और वो उसकी नंगी बाहों से उसे पकड़कर उसे उठाया और उसके सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। फिर तीनों ड्रॉइंग रूम में बैठे और तभी वो औरत आयी । गुरुजी ने उसका नाम रुचि बताया। अब राजीव बोला: गुरुजी ये नृत्य सीखी हुई है। बस थोड़ी सी आप प्रैक्टिस करा दीजिए ताकि स्टेज पर बढ़िया पर्फ़ॉर्मन्स दे सके।

गुरुजी: बेटी, चलो कुछ नृत्य कर के दिखाओ। हम भी देखें कि कितना सीखी हुई हो?

चारु झिझकी फिर खड़ी हुई और अपना नृत्य दिखाने लगी। उसकी टॉप में फँसे अमरूद जब ऊपर नीचे होते तो दोनों मर्दों के हाथ बरबस ही अपने लंड पर चले जाते। उसकी गाँड़ का मटकना भी उनको मदहोश किए जा रहा था। फिर वो हाँफते हुए रुकी तो गुरुजी बोले: बेटी बहुत शानदार। पर अभी तुमको बहुत कुछ और भी सीखना है। ठीक है ना?

चारु: जी गुरु जी।

गुरुजी: बेटी चलो मैं नृत्य करता हूँ तुम मेरी नक़ल करो।

अब गुरुजी नृत्य करने लगे और चारु उनकी नक़ल करने लगी। राजीव की आँखें चारु के ऊपर नीचे होते हुए स्तनों से हट ही नहीं पा रही थी। अब गुरुजी चारु को बोले: बेटी तुम जब आगे झुकती हो तो तुम्हारे पैर ठीक से नहीं फैलते । चलो मैं सिखाता हूँ।

अब वो उससे चिपक कर उसके पीछे खड़ा हुआ और चारु को आगे की ओर झुकने को बोला। जैसे ही चारु झुकी उसकी गाँड़ पीछे को होकर गुरुजी के आगे के हिस्से से चिपक गयी। वो हल्का हल्का हिलने लगा और राजीव ने साफ़ देखा कि वो अपना लौड़ा उसकी गाँड़ में रगड़ रहा था चारु को भी वहाँ कुछ कड़ा सा अहसास हुआ। उधर रुचि राजीव को देखी और आँख मार दी। वो भी मुस्कुराया और अपना लंड एडजस्ट किया जिसे रुचि ने बड़े प्यार से देखा। वो अब अपने साड़ी का पल्लू गिरा दी थी ताकि राजीव उसके आधे नंगे बूब्ज़ देख सके। उधर अब गुरुजी उसकी बग़ल में हाथ डालकर उसको एक पैर पर घूमना सिखा रहे थे और ये करते हुए उसके हाथ उसके सख़्त अमरूदों से बार बार छू रहे थे। इस तरह की गुरुजी की हरकतों से चारु गरम होने लगी।

फिर गुरुजी आकर सोफ़े में बैठे और रुचि से बोले: अब तुम इसको सिखाओ।

राजीव ने गुरुजी को मुस्कुरा कर कहा: आपने बड़े अच्छे से सिखाया।

उधर रुचि अब अपनी साड़ी का पल्लू बांधी और उसकी दोनों चूचियाँ बाहर को निकली हुई साफ़ दिखाई से रही थी। वो चारु के सामने खड़ी हुई और उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ चारु के अमरूदों से टकरा रहे थे। अब वो उसके दोनों हाथों को पकड़कर अपनी कमर हिलाकर नाचने लगी। चारु भी अपनी कमर उसके साथ हिलाने लगी। कहाँ चारु की पतली कमर और छोटी सी मस्त गाँड़ और कहाँ रुचि की मोटी कमर और बड़ी सी गाँड़। उफफफ क्या दृश्य था । दोनों नाचे जा रहीं थी।

फिर जब वो रुकी तो राजीव और गुरुजी खड़े होकर ताली बजाए। तब रुचि ने गुरुजी के पाँव छुए और गुरुजी ने उसको अपनी बाहों में भींचकर कहा: शाबाश बहुत अच्छे । रुचि की बड़ी बड़ी चूचियाँ गुरुजी के चौड़े सीने में मानो मसली जा रही थी। उसकी देखा देखी चारु भी गुरुजी के पाँव छुई और गुरुजी ने उसे भी अपनी बाँह में भींच लिया। चारु के अमरूद मानो उनके चौड़े सीने में धँस गए। आज पहली बार वो किसी मर्द की बाँह में आयी थी। पिछले दिनों से कुछ नंगी तस्वीरों का भी असर उसपर होने लगा था। उसे गुरुजी का कड़ा बदनबहुत आनंद दे रहा था। अब रुचि राजीव के भी पाँव छुई तो राजीव हैरानी से गुरुजी को देखा तो वो उसे आँख मार दिया। राजीव ने भी गुरुजी की देखा देखी उसको अपने से चिपका लिया और उसकी बड़ी बड़ी छातियों को अपने सीने से दबाकर मस्त हो गया।

अब चारु भी रुचि की नक़ल करते हुए राजीव के पैर छुई और अब राजीव ने उसको भी पहली बार अपनी बाहों में लपेट लिया और उसके सख़्त अमरूदों को अपनी छाती पर महसूस करके अपना लौड़ा खड़ा कर बैठा। उसकी पैंट से उभरा हुआ लौड़ा चारु की नाभि में धँसने लगा था। वो वहाँ अपने पेट पर उसके कड़ेपन का अहसास करके हैरानी से अंकल को देखी। वो उसको देखकर मुस्कुराए और बोले: वाह बिटिया क्या नृत्य किया है। तुम तो स्टेज में आग लगा दोगी। यह कहकर राजीव उसकी पीठ सहलाया और उसके ब्रा के स्ट्रैप को सहलाया और फिर धीरे से उसे अलग किया। चारु पीछे हुई और कनख़ियों से उसके पैंट के उभार को देखी और अब उसको कोई शक नहीं था कि वो अंकल का लिंग ही था। उफफफ कितना बड़ा लग रहा है। जब राजीव ने देखा की वो छिपी निगाह से उसके लौड़े को देख रही है तो वो अपने लौड़े को पैंट के ऊपर से दबा दिया। अब चारु की आँखें फैल गयीं और वो शर्माकर अपना चेहरा घुमा ली।

गुरुजी की तेज़ आँखों से ये मंज़र बच नहीं सका।
वो बोला: चलो थोड़ा सा ब्रेक ले लो फिर बाक़ी की प्रैक्टिस करते हैं। रुचि बोली: चलो मैं आप सबके लिए चाय लाती हूँ। वो अपनी बड़ी गाँड़ मटकाती हुई चली गयी। अब चारु को राजीव ने अपने पास बिठाया और वो बैठी और दोनों मर्दों के बीच में आ गयी। गुरुजी ने उसकी एक जाँघ पर हाथ रखा और उसे ऊपर नीचे सहलाते हुए बोले: बेटी तुममें अद्भुत प्रतिभा है। बस थोड़ा मेहनत करोगी तो बहुत आगे तक जा सकती हो। अब राजीव भी उसकी दूसरी जाँघ सहलाने लगा और बोला: बेटी मैं आज बहुत ख़ुश हुआ तुम्हारे अंदर का कलाकार देख कर। वाह क्या नाचती हो। शाबाश ।

चारु की दोनों जाँघें जींस के ऊपर से दोनों मर्द सहलाते जा रहे थे और उसको चने के झाड़ पर चढ़ाते जा रहे थे। चारु दोनों की बातों से बहुत ख़ुश हो रही थी और उनके हाथ भी उसे मस्त कर रहे थे। तभी गुरुजी ने अपना हाथ ज़रा ज़्यादा ही ऊपर लेकर उसकी जाँघों के जोड़ तक ही ले गए। चारु का बदन काँप उठा। राजीव ने इसे नोटिस किया । अब जब गुरुजी का हाथ घुटने की तरफ़ गया तो वह ख़ुद अपना हाथ उसकी जाँघों के जोड़ तक ले गया। एक बार फिर से वो सिहर गयी। अब बारी बारी से दोनों उसकी बुर के पास तक अपना हाथ ले जा रहे थे और बातें भी करते जा रहे थे।

तभी रुचि एक ट्रे में चाय लाई और सबको चाय देने लगी। दोनों मर्दों ने उसके आने के बाद भी उसकी जाँघों को सहलाना चालू रखा। चारु की पैंटी गीली होने लगी थी। उफ़्फ़्फ़क ये दोनों क्या कर रहे हैं। अब वो उठी और रुचि को बोली: आंटी बाथरूम कहाँ है?

रुचि ने इशारा किया और वो चली गयी। अब रुचि बोली: आप दोनों तो इस बेचारी के पीछे हाथ धो कर पड़ गये हैं।

तब गुरुजी मुस्कुरा कर बोले: चलो वो चली गयी है अब तुम्हारे पीछे पड़ जातें हैं। यह कहकर वो उसकी एक गाँड़ दबाने लगे और बोले: राजीव जी रुचि के बदन का ये हिस्सा सबसे सेक्सी है। आपका क्या ख़याल है?

राजीव हँसकर उसकी दूसरी गाँड़ दबाता हुआ बोला: हाँ ये सच है। वैसे भी ये भी बहुत मस्त हैं। वो उसकी चूचि दूसरे हाथ से दबाकर बोला। इस पर सब हँसने लगे।

उधर चारु बाथरूम में जाकर अपनी जींस और पैंटी नीचे की और अपनी बुर पर हाथ फेरी तो उसके गीलेपन से वो हैरान हो गयी। फिर वो मूतने लगी और बाद में साफ़ करने बाहर आयी।

जैसे ही वो बाहर आने लगी तो उसको कुछ आवाज़ें सुनाई दीं। वो चुपचाप उस दरवाज़े के झिरी से झाँकी और वो हैरान होकर देखी कि दोनों मर्द रुचि की गाँड़ और चूचियाँ मसल रहे थे। वो भौंचक्की रह गयी और उसकी आँखों ने सामने वो नंगी तस्वीरें आ गयीं जिनमे ये सब दिखाते हैं। रुचि ने भी हाथ बढ़ाकर राजीव के लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ा और दबाकर हँसने लगी। अब चारु के लिए ये सब बर्दाश्त के बाहर हो गया तो वो खाँसी और बाहर आयी। उसके आने की आवाज़ सुनकर सब सामान्य अवस्था में आ गए।

वो बाहर आयी और आकर सामने के सोफ़े में बैठी और चाय पीने लगी। सब चाय पी रहे थे।

गुरुजी चाय पीने के थोड़े देर बाद बोले: चलो अब प्रैक्टिस शुरू करें?

चारु जी कहकर खड़ी हुई। अब वो उसे बोले: बेटी अब मैं तुमको कुछ मुद्राएँ बताऊँगा तुम उनकी नक़ल करना। अब वो बहुत कठिन कठिन स्टेप्स लेने लगे जो चारु नहीं कर सकी। वो फिर उसके हाथ को पकड़ना अपने से सटा कर उसको मुद्राएँ सिखाने लगे। अब उसके बदन का एक एक हिस्सा चारु के बदन को रगड़ रहा था। चारु की गाँड़ उसकी धोती के सामने के हिस्से से , उसकी पीठ उसकी छाती से और उसके हाथ उसकी कमर पर थे। वो बार बार उसका पेट और कमर सहलाता था। राजीव ने देखा कि उसके हाथ अब सिखाने के बहाने उसकी चूचियों को भी बार बार छू जाते थे। राजीव ने उत्तेजनावश अपने पैंट के ऊपर एक तकिया रखा और फिर अपने बग़ल में बैठी रुचि का हाथ पकड़कर तकिए के नीचे डाल दिया। रुचि भी मोटे लंड को सहलाकर मस्ती से दबाने लगी।

नाचते हुए अचानक चारु का पैर फिसला और वो गिरने लगी। उसे बचाने के लिए गुरुजी लपके और उनके दोनों हाथ उसके अमरूदों पर आ गए और वो उसे दबाकर पकड़े और चारु को गिरने से बचा लिया। चारु की आऽऽऽऽऽह निकल गयी। अब वो सीधी खड़ी हुई पर गुरुजी के हाथ मानो वहाँ चिपक से गए थे। उधर अचानक चारु की निगाह तकिए के नीचे चल रहे अभियान पर पड़ी तो वो समझ गयी कि रुचि अंकल का लंड सहला रही है। वैसे है जैसे आज की फ़ोटो में देखा था। उसे दुगुना मज़ा आ रहा था। एक तो गुरुजी उसके अमरूद दबा रहे थे दूसरे अंकल रुचि से अपना लंड दबवा रहे थे। अचानक उसे होश आया और वो बोली: गुरुजी अब छोड़िए मैं अब नहीं गिरूँगी। गुरुजी झेंप कर उसके अमरूद से हाथ हटाए। रुचि ने भी हाथ निकाल लिया।

अब चारु गरम हो गयी थी वो बोली: आज के लिए इतना ही काफ़ी है। बस अंकल अब घर चलते हैं।

फिर वो दोनों बाहर आए तो रास्ते में राजीव पूछा: बेटी वो गुरुजी का हाथ तुम्हारे वहाँ ( वो उसके अमरूदों की ओर इशारा करते हुए) लग गया था इसलिए तुम घबरा गयी क्या?

चारु शर्म से लाल होकर बोली: नहीं अंकल वो तो – वो तो – मुझे गिरने से बचाने के किए उनका हाथ वहाँ चला गया था।

राजीव: बेटी थोड़ा सा ज़्यादा देर पकड़े रहे। ज़ोर से दबाया तो नहीं ना?

चारु ने शर्म से सिर झुकाकर कहा: नहीं अंकल ।

राजीव: अरे बेटी क्या होता है ना, कभी ज़ोर से दबा तो इनमे दर्द भी होता है। मेरे ख़याल से तुम्हारा कभी किसी ने दबाया नहीं है। कोलेज में बच कर रहना , लड़के बहुत बदमाश होते हैं। ज़ोर से भी दबा देते हैं।

अचानक चारु के मुँह से निकल गया: जैसे आप और गुरुजी आज रुचि आंटी का दबा रहे थे?

राजीव हैरानी से: क्या कह रही हो बेटी?

चारु: मैंने बाथरूम से सब देखा था।

अब राजीव सकपका कर: वो तो हम उससे मज़ाक़ कर रहे थे। बस ऐसे ही।

चारु: अंकल मैंने सब देखा है कि आप दोनों क्या क्या कर रहे थे?उसका सब कुछ दबा रहे थे और वो तकिया वाला भी देखा है।

अब राजीव थोड़ा बेशर्म हुआ और बोला: देखो बेटी , वो रुचि ख़ुद ही मेरा पकड़कर दबा रही थी तो मैं क्या करता। पर एक बात बोलूँ प्लीज़ ये सब मेरी बहू से मत कहना , वरना वो मेरे बारे में क्या सोचेगी?

चारु राजीव के नाटक को नहीं समझ पायी। वो चाहता था कि इसी बहाने सेक्स की बातें होती रहें और चारु सोचे कि वो उसे कंट्रोल कर रही है।

चारु: पर अंकल आप ऐसे क्यों किए? आप इतने बड़े आदमी हैं , कितनी बदनामी हो सकती है आपकी?

राजीव भोला सा बन कर: सच कह रही हो बेटी। पर एक बात बताऊँ तुम किसी से कहना नहीं, ठीक है?

चारु: नहीं कहूँगी।

राजीव उसको दिखाकर अपने पैंट के ऊपर से लंड को दबाकर बोला: बेटी जब ये तंग करता है तो इंसान को कुछ नहीं दिखता। तुम तो जानती हो कि मेरी बीवी का देहांत हुए कई साल हो गए हैं। और ये प्यासा है इसलिए जब इसे रुचि सहलाने लगी तो मुझे बहुत मज़ा आया। प्यासे को जैसे पानी मिल गया हो।

चारु बड़ी अजीब सी स्तिथि में पड़ गयी थी क्योंकि वो बात को कहाँ से कहाँ ले गया था और अब उसको अपना लंड दबाकर भी दिखा रहा था। ये तो अच्छा था कि रास्ता सुनसान था वरना उफफफ क्या हाल होता। चारु की बुर फिर से पनियाने लगी। ब्रा के अंदर उसके निपल भी कड़े हो गए थे। वह अब चुपचाप चलती रही।

राजीव फिर बोला: लगता है बेटी नाराज़ हो गयी है। अच्छा अब मैं उस रुचि को अपना लण्ड कभी नहीं पकड़ने दूँगा, अब तो ठीक है ना?

राजीव ने जान बुझ कर लंड शब्द का इस्तेमाल किया था। चारु यह सुनकर स्तब्ध रह गयी कि अंकल ये कैसी भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं? वो बोली: जी जी ठीक है।

राजीव: और बेटी उसकी चूचियाँ और गाँड़ भी नहीं दबाऊँगा।

चारु को लगा कि वो शर्म से गड़ जाएगी। उफ़्फ़ ये अंकल उसके साथ ये कैसी बातें कर रहे हैं? वो बोली: गुरुजी भी तो ते सब कर रहे थे। कितनी अजीब बात है?

राजीव: बेटी दुनिया में कोई आदमी इस सबसे अछूता नहीं है और ना ही कोई औरत। अब गुरुजी को ही लो। वो इतने अच्छे कलाकार हैं पर हैं तो आदमी ना। आज जब ग़लती से तुम्हारी चूचियों पर उनका हाथ पड़ गया तो उनको वहाँ से हाथ हटाने का शायद मन ही नहीं कर रहा था। इसी लिए बड़ी देर तक पकड़े रहे। शायद बहुत मज़ा आ रहा होगा उनको?

चारु अब सन्न रह गयी की अंकल कैसी बातें कर रहे हैं और ये चूचियाँ शब्द जैसे हथोड़े सा लगा उसको। स्कूल में वो ये सब शब्द सुन चुकी थी और उनको वो गंदे शब्द मानती थी।

उसके मुँह से निकला : ओह ।

राजीव बोले जा रहा था: और जहाँ तक रुचि की बात है , वो भी तो एक भरीपूरी औरत है। अभी तक शादी नहीं हुई है। उसको भी मज़ा लेने का मन करता होगा। वो भी मेरी तरह बेचारी प्यासी होगी। शायद गुरुजी अपनी प्यास उससे बुझाते होंगे । तुम समझती हो ना प्यास बुझाने का मतलब?

चारु शर्म से लाल होकर: अंकल घर आ गया। और वो अपनी गाँड़ हिलाते हुए भागती हुई घर में घुस गयी।

राजीव मुस्कुराया और सोचा कि आज की घटनाएँ सही दिशा में जा रही है। वो अपना लंड मसल दिया।
Post Reply