अजी सरकार साथ तो हम आपके हमेशा रहेंगे क्योंकि हम आपके बहुत पुराने फ़ैन हैंkomaalrani wrote:jay wrote:Jaunpur wrote:.
इंतेजार की घड़ियां समाप्त।
बस चल पड़ी है तो अब मंज़िल पर ही रुकेगी…
इह कहानी को हिंदी में पढ़ने का बहुत दिनों से इंतेजार था
.
सही कहा आपने जौनपुर भाई
मैं तो कोमल जी का जलवा कोमल के किस्से में पढ़ और देख चुका हूँ
लिखने में हिंदी में थोड़ा वक्त लग रहा है , बस थोड़ा इन्तजार और साथ
कुछ रिश्ते अनजाने में हो जाते हैं !
पहले दिल फिर जिंदगी से जुड़ जाते हैं !!
कहते हैं उस दौर को दोस्ती....!
जिसमे लोग जिंदगी से भी प्यारे हो जाते हैं