चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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मैं बाथरूम मे आकर फिर से सोचने लगा , रात के बारे मे…
कि जो मैने सुना वो क्या सच है..या मेरा वहम

अगर सच है तो आज से उनको सबक सिखाने के प्लान पर काम करना होगा …
ऑर हाँ मेरे रूम मे आने वाली…वो कौन थी ….ऐसा क्यो कर रही है….कैसे पता लगाउन्गा…..

थोड़ी देर बाद मेरा माइंड ये सब छोड़ कर आज के बारे मे सोचने लगा कि आज आंटी के साथ सफ़र करना है….आंटी को चुदाई के लिए रेडी करना है….
बट करूगा कहाँ….ह्म्म्मछ…देखते है…चलने तो दो….

यही सब सोचते हुए मैं नहा कर रूम मे आ गया ऑर मस्त तरीके से रेडी हुआ ऑर कुछ सामान ऑर कपड़े साथ मे लिए….शादी मे जाने को….ऑर नीचे चला गया..



मैने जाते ही बोला

मैं-गुड’मॉर्निंग एवेरिवन

अचानक से वहाँ सब लोग मुझे देखने लगे ऑर स्माइल देने लगे….

अंकल 1-आओ-आओ हीरो
मैं-हीरो??

अंकल1-हाँ भाई हीरो…आज बिल्कुल हीरो लग रहे हो…है ना??

अंकल2- हाँ भैया सच कहा आपने

आंटी2- हां…हीरो ही है ये तो

अनु-सच मे भैया कमाल दिख रहे हो….सब आपको ही देखेगे

मैं-आप लोग मुझे चने के झाड़ पे मत चढ़ाओ

पूनम-नही भाई सच मे

आंटी1(किचन से आते हुए)-तू तो है ही मेरा हीरो….मतलब सब सच बोल रहे है …आज तू कमाल लग रहा है

मैने आंटी को देखा ऑर हमारी आँखे मिल गई….आंटी की आँखो मे खुशी दिख रही थी….

संजीव(धीरे से)-भाई सच मे आज तो चूत वाली पीछे पड़ जाएगी

मैं(संजीव के कान मे)-तेरी माँ आ जाय बस…ऑर हम हँसने लगे

अंकल1-क्या बाते कर रहे हो हमे भी बताओ

मैं(मन मे)-अब तुझे क्या बोलू गन्दू…कि तेरी बीवी को चोदने का बोल रहा हूँ…ऑर वो भी तेरे ही बेटे से…हाहहाहा

मैं-कुछ नही अंकल

अंकल1-ओके नाश्ता करो…फिर तुम्हे जाना भी है…पर बेटा तुम्हारा स्कूल…???

संजीव(बीच मे बोला)-डॅड वो एग्ज़ॅम था क्लास नही होगी

अंकल1-ओके

और हम नाश्ता करने लगे…

मैने नज़र घुमा के देखा …कि शायद रात वाली का कुछ पता चले…जिससे भी नज़रें मिलती वो स्माइल कर देता ऑर मैं भी…..बट रक्षा आज फिर मुझे गुस्से से घूरे जा रही थी…जैसे ही मैने उसे देखा उसने मुँह नीचे कर लिया ऑर नाश्ता करने लगी

मैं(मन मे)-साला इसे क्या हो गया….ऐसा तो नही कि यही हो….लेकिन अगर ये होती तो नज़रे चुराती….गुस्सा क्यो होती….नही-नही ये नही हो सकती….तो फिर साला कौन होगा….दिमाग़ का दही कर दिया…लंड चाहिए तो सीधे माँग ले ना…चोरी-चोरी क्यो….दिमाग़ हिल गया

आंटी1-बेटा ऑर कुछ लोगे

मैं(होश मे आते हुए)-अभी नही …(मैं मुस्कुरा दिए)

आंटी-(शरारती हँसी के साथ)-ओके बेटा जो भी चाहिए , माँग लेना… समझ गये….ऑर हँसते हुए दूसरो को सर्व करने लगी

मैं(मन मे)-साली आज तेरी चूत ऑर गान्ड ही खाउन्गा….देखती जा


नाश्ता ख़त्म होने के बाद….सब अपने -2 काम मे लग गये….
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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अंकल लोग शॉप पर निकल गये ऑर आंटी को अच्छे से जाने का बोल गये….ऑर मुझे भी…

पूनम अपनी फ्रेंड के घर निकल गई , अनु ऑर रक्षा अपने कमरे मे….आंटी 2 किचन मे ऑर आंटी1 मुझसे बोली

आंटी-ओके, बेटा अब मैं तैयार हो कर आती हूँ…चलो चलते है

मैं(मन मे)-हाँ साली मैं तो इसी लिए रेडी हू

संजीव-भाई इतनी जल्दी क्यो…शादी तो कल है ऑर संगीत रात मे…ऑर 4 घंटे मे तो पहुच जाओगे

मैं(मन मे)-भाई थोड़ा टाइम तो तेरी माँ को चोदने मे ही निकल जायगा

संजीव-क्या सोचने लगा

मैं –कुछ नही भाई…वो आंटी ने कहा था कि जल्दी पहुच जाएगे तो अपनी फरन्ड के काम मे हेल्प कर पाएँगी

संजीव-ओके..तो भाई आगे क्या सोचा

मैं(मन मे-इसे कल जो हुआ वो नही बताना)-अर्रे कुछ नही अभी तक तो आगे बात नही बढ़ी…आज देखते है

संजीव-भाई जल्दी कर ना

मैं(गुस्सा दिखाते हुए)-साले तेरी माँ है…रंडी नही…जो सीधा बोल दूं…थोड़ा टाइम लगता है यार

संजीव-गुस्सा मत कर…तू अपने तरीके से काम कर ..हुआ तो ठीक…ऑर नही हुआ तो कोई नही यार…कुछ ऑर सोचेगे

मैं-ओके…ये हुई ना बात

मैं पता नही क्यो ये सोचने लगा था कि संजीव को गोली मारो ऑर इसकी फॅमिली की जितनी चूत मिलेगी उनको मैं मारूगा...

संजीव की बात कौन करे किसी से...जब मैं सबकी ले लूँगा...तब इसका सोचूँगा...हाँ, ये ठीक रहेगा...नही तो पता चला इसे चूत दिलाने के चक्कर मे मेरे हाथ भी कुछ ना लगे

इतने मे आंटी रेडी हो कर हॅंड बेग के साथ आ गई...

आंटी-आइ एम रेडी

मैने आंटी को देखा तो देखता रह गया…क्या माल थी यार…लाइट ब्लू साड़ी, स्लीवलेशस ब्लाउस…पिंक लिप्स…गोरे-2 हाथ…ऑर बड़े-बड़े बूब्स…आज तो मेरी निकल पड़ी

संजीव-मोम आपने कपड़े नही लिए

ये सुनकर आंटी चुप रह गई…मैं भी सोचने लगा कि आंटी का समान तो मेरे घर पर है…जो आंटी ले जाने वाली है…अब क्या बोलेगी ये

आंटी(बहाना बनाकर)-संजू,वो मेरी फरन्ड अपने सामान के साथ मेरे कपड़े भी ले गई….मैने सोचा जाना तो वही है तो अलग से क्या ज़रूरत है

संजीव- ओके

आंटी(राहत की साँस लेते हुए)-चले बेटा , लेट ना हो जाएँ

मैं-ओके आंटी चलो….ओके संजीव जाते है…

संजीव-ओके बाइ…बाइ मोम…सेफ जर्नी

आंटी…बाइ बेटा…थॅंक्स न्ड टेककेअर

इतना बोलते हुए हम घर से बाहर आए ऑर कार से निकल गये…संजीव अपने रूम मे निकल गया.....

( कार के अंदर आते ही)

आंटी-चलो जल्दी…सामान उठा लेते है

मैं-हाँ चलते है…बट सामान उठना ही नही है…ऑर भी कुछ करना है

आंटी- ऑर क्या??

मैं-आप चलो तो, मैं बताता हूँ…आप बस वेट करो

आंटी(शरमाते हुए)-अच्छा, इसी लिए तो जल्दी आई हूँ

मैं-हहे मेरी रानी….मज़ा आ गया

आंटी-रानी ????, ओके तो तुम मेरे राजा…पर याद है ना

मैं-क्या

आंटी-वही जो रात को बोला था

मैं(अंजान बनते हुए)-क्या???

आंटी-भूल गया

मैं- बता भी दो ना

आंटी-यही कि अगर मैं खुश हो गई तो मैं हमेशा के लिए तुम्हारी…नही तो आगे से कुछ भी नही

मैं-आंटी…आज आप मेरी हो जाओगी…ओर उसके बाद मैं अंकल के पास भी नही जाने दूँगा…सोच लो

आंटी-अगर तूने खुश कर दिया तो…उसके पास जाउन्गी भी नही….तेरे पास ही आउन्गी.

मैं-ओके…तो वेट करो बस

( इसके बाद मैं सोचने लगा कि साली मेरे साथ गेम…कोई बात नही खेलो …स्टार्ट तुमने कर दिया अब अंजाम मैं दिखाउन्गा…साली जिंदगी भर पछताएगी कि मुझसे पंगा क्यो लिया…)

ऐसे ही बाते करते हुए ऑर सोचते हुए मेरा घर भी आ गया…


मैं-कैसी हो रश्मि…सब लोग कहाँ है???

रश्मि-सविता ताई मार्केट गई है...ऑर रेखा अपने ससुराल

मैं-तुम नही गई रेखा के साथ

रश्मि-नही….घर खाली छोड़ कर कैसे जाती..आप भी नही थे

मैं-ओके…2 कॉफी बनाओ…जल्दी(मैने रश्मि को आँख मार दी)…हमे जाना भी है
रश्मि-(मेरी बात समझ कर) – जी वो कॉफी ख़त्म हो गई...आप चलो मैं मग़वा लेती हूँ....जल्द से जल्द आती हूँ
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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मैं ऑर आंटी मेरे रूम मे गये ओर मैने जाते ही आंटी को बाहों मे भर लिया
आंटी-अरे अभी नही….जाना है ना…वहाँ मज़े करेगे

मैं-नही …आपको खुश तो यहीं करूगा …मेरे रूम मे…ऑर इतना बोल कर मैने आंटी को कस के बाहों मे भर लिया ऑर लिप किस करने लगा..

आंटी मेरी बाहों मे झटपटाने लगी…

आंटी-सुनो तो….आआहह..मेरी बात …उउउंम्म..सस्सुनो तो
मैने(रुक कर)-क्या ??

आंटी-ओके…लेकिन साड़ी तो निकालने दो…खराब हो जाएगी तो दूसरी शादी भी नही है

मैं(कुछ सोचकर)-वो टेन्षन मुझ पर छोड़ दो….ओर मैने फिर से आंटी के होंठो को चूसना स्टार्ट कर दिया….

अब आंटी भी मेरा साथ दे रही थी ओर देखते ही देखते आंटी मुझसे भी ज़्यादा तेज़ी से होंठो को चूसने लगी….ऐसे ही हम 5 मिनट होंठो की चुसाइ मे लगे रहे…
फिर….

मैं-आंटी, अब आगे बढ़ें…टाइम कम है

आंटी-शरमाते हुए..स्माइल दे देती है…

मैने तुरंत ही आंटी की साड़ी को निकालना चालू किया….आंटी बोलती रही कि आराम से…बट मैने 1 ना सुनी ऑर आंटी की साड़ी निकाल दी….

साड़ी निकालने के बाद आंटी स्लीव्लेस्स ब्लाउस ऑर पेटीकोटे मे थी….मैने साड़ी को 1 तरफ फेका ओर आंटी के पास जाकर फिर से किस करने लगा

आंटी भी गरम होने लग गई ऑर किस करने मे पूरा साथ देने लगी…
मैने अपने हाथ नीचे करके…होंठो को चूमते हुए आंटी के दोनो बूब्स प्रेस कर दिए

आंटी-आआहह…आराम से …

मैं-आंटी क्या बूब्स है आपके….1 हाथ मे भी नही आते ….चूसने मे मज़ा आयगा…ऑर मैं बूब दबाते हुए होंठो को चूस रहा था

आंटी-उम्म्म्ममम….तो रोका किसने है…चूस डाल…हो सकता है अब इन पर तेरा ही राज हो जाय….उम्म्म्मममम

मैने फिर बूब्स दावाना चालू किया….

थोड़ी देर तक दवाने के बाद मैने दोनो हाथो से ब्लाउज पकड़ा ऑर फाड़ डाला…जिससे आंटी चौक गई

आंटी-उम्म्म…ये क्या किया….अब मैं क्या पहनूँगी….निकाल नही सकते थे

आंटी गुस्सा थी बट मैने दूसरे ही पल आंटी की ब्रा भी वैसे ही फाड़ दी…ऑर आंटी के दोनो बड़े-2 बूब्स उछल कर बाहर आ गये

आंटी(गुस्से मे)-ये क्या है….फाड़ क्यो रहा है…मैं पहनूगी क्या

मैं अब भी चुप रहा ऑर मैने अपने हाथ आंटी के पेटिकॉट मे फसा कर उसे भी फाड़ कर अलग कर दिया…नाडा टूट गया ऑर पेटिकोट फट गया

अब आंटी का गुस्सा बढ़ गया …उन्होने मुझे पीछे धकेला ऑर बोली

आंटी-जानवर हो क्या….कपड़े फाड़ कर कोई,,,चुदाइ करता है..???

मैं-गुस्सा मत हो जान…

आंटी-गुस्सा क्यो ना होऊँ….सब कपड़े फाड़ दिए ..अब क्या पहन के जाउन्गी

मैं आंटी के पेटिकोट को नीचे करके बोला

पहले आप ये फटे हुए कपड़े निकाल के फेक दो…फिर मैं बताता हूँ

आंटी ने गुस्से मे ब्लाउस ब्रा ऑर पेटिकोट निकाल फेका ओर सिर्फ़ पैंटी मे खड़ी थी..


आंटी(गुस्से से)-अब बोलो

मैं-आंटी….आप वही ड्रेस पहन कर चलेगी जो हम लाए थे….ऑर वही ब्रा-पैंटी भी
आंटी-पर शादी के दिन क्या करूगी

मैं – उसका इंतज़ाम हो गया है

आंटी-ऑर बाकी के दिन...???

मैं- मिनी ड्रेस…जिसमे आप हॉट लगेगी
आंटी-ठीक है फिर

मैं(मन मे)-साली मान गई…लगता है इसकी फरन्ड के घर सब ऐसे ही कपड़े पहन के आने वाले होंगे

आंटी-बेटा ,,,एक बात बताओ ..तुम मुझे वैसी ही ड्रेस क्यो पहनाना चाहते हो

मैं-आप सिर्फ़ मान जाओ …वो मैं आपको बाद मे सम्झाउन्गा

आंटी-अब कर भी क्या सकते है…ठीक है पर यहाँ कोई देख ना ले…ऑर शादी के टाइम ..संभाल लेना

मैं- वो मैं संभाल लूँगा
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Re: चूतो का समुंदर

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थोड़ी देर सोच कर आंटी बोली…

आंटी-ठीक है तुम कहते हो तो…..ओके

मैं जाकर बेड पर बैठ गया…आंटी वैसी ही खड़ी थी…

मैं-अब आ जाओ रानी

आंटी पलटी ओर मैने एक झटके से उन्हे खींच कर गोद मे बिठा लिया

आंटी-आओउउक्च्छ…आराम से

मैं(आंटी के बूब को मसल्ते हुए)- इन्हे देखने के बाद कौन कम्बख़्त आराम कर सकता है

आंटी अपने बूब्स की तारीफ़ सुन कर शरमा गई…मैने उसी समय 1 बूब को मुँह मे भर लिया

आंटी-आआअहह….

मैं बूब चूस रहा था ऑर दूसरे बूब को हाथ से मसल रहा था…

आंटी-आआहह…..आअककचहाअ चूस्ता है…आआहह….कचूवस्ससस बेटा

मैं बूब्स चूस्ता रहा ऑर मसलता रहा ….आंटी भी मस्ती मे सिसकारी लेकर मज़ा ले रही थी…तभी आंटी बोली

आंटी-बेटा वो आअहह…रश्मि

मैं(रुकते हुए)-रश्मि ..क्या???

आंटी-वो आ गई तो

मैं-आंटी…मेरे रूम मे नही आ सकती…जब तक मैं ना बुलाऊ…ऑर आयगी भी तो बता के आएगी

आंटी-पर उसने देख लिया तो ..या…शक हो गया तो???

मैं-तो उसे भी चोद दूँगा….ओर ये कहकर मैने आंटी की गांद दबा दी

आंटी-आअहह….सच मे

मैं-आंटी अब टाइम बर्बाद मत करो ना…ऑर मज़ा लो

आंटी-तो रोका किसने है

ओर मैं आंटी के बूब्स दबाते हुए मज़ा लेने लगा......

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Re: चूतो का समुंदर

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आंटी के ऐसा कहते ही मैने आंटी को अपने सामने खड़ा किया ओर उनकी पैंटी भी पकड़ कर फाड़ दी

अब आंटी मेरे सामने पूरी नंगी थी….लेकिन कमाल की बात ये थी कि वो शरमा नही रही थी

आंटी ने अपने दोनो हाथ अपने सिर के पीछे रख लिए,…


फिर आंटी ने इतराते हुए पूछा…

आंटी-पसंद आया माल

मैं-ऐसा माल किस्मत वालो को मिलता है

मैने इतना बोल कर आंटी को अपनी तरफ खींचा ऑर पलटा कर उनकी गंद को देखने लगा

आंटी-आअहह…क्या कर रहा है

मैं-उस गंद को देख रहा हूँ…जो मुझे मारनी है

आंटी(खुलकर बात कर रही थी)- मस्त है ना

मैं-आंटी …आप इतनी बोल्ड होगी ये सोचा भी नही था…ऐसे खुल कर बोल रही हो

आंटी(पलटकर)-अभी कहाँ…देखते जाओ मेरे जलवे….कि मैं चीज़ क्या हूँ…हहेहीहे

मैने – सब देखुगा…मेरी रानी….अब आ भी जा...

आंटी-हाँ जल्दी करो....मुझे मेरा माल दिखाओ

मैने जल्दी से आंटी को बेड पर पटक दिया…वो बेड पर पैर नीचे किए हुए…डाली थी..ओर मैने उठ कर अपनी जकेट ऑर टी-शर्ट निकाली

ऑर आंटी के पैरो के पास आकर दोनो हाथो से उनके दोनो पैरो को पकड़ कर उपेर किया…

मेरे सामने आंटी की बिना बालों की चूत आ गई…जिसे देखकर मेरे मुँह मे पानी आ गया ओर लंड कड़क होने लगा

मैं-आंटी…क्या मस्त चिकनी चूत है आपकी
आंटी-तेरे लिए ही चिकनी की है बेटा…

मैं-खा जाउन्गा इसे तो…..ऑर मैने जीभ से चूत को चाट लिया

आंटी-आअहह…खा जाओ बेटा….खा जाओ

मैं मुँह आंटी की चूत पर रख कर चाट ने लगा ओर आंटी सिसकने लगी

सीन कुछ ऐसा था...



मैं-सस्स्ररुउउप्प…सस्ररुउउप्प्प…

आंटी-आअहह…आआहह्ा…आहहह

मैं-सस्स्ररुउउप्प्प…आआहह…आंटी मज़ा आया

आंटी-आअहह…हहाा…..कक्खहाअ ज्ज्ज्जाऊओ

मैने अचानक जीभ को नुकीला करके आंटी की चूत के अंदर डाल दिया

आंटी-आआहह…..उउउंम्म….

मैने जीभ से चूत को चोदना स्टार्ट किया ऑर आंटी मस्ती मे आके बड़बड़ाने लगी

आंटी-आअहह…ययययए कक्क्क्यय्य्ाआ…क्क्कीिईयय्य्ाआ
आऐईीससाअ तो संजू के पापा ने…भी नही…ककक्कीिईयय्याअ
…आअहह

मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी ओर जीभ से चुदाई चालू रखी

आंटी-आआहह…..म्म्म्मा ज़्ज़्ज़ाआ…एयेए गयगगयययाअ….आआववववीिइ त्ताआक्कक कक्खाअ त्ततहाअ…….तततुउउ

मैने मज़े से चूत चुदाई करते हुए आंटी की बाते सुन रहा था

आंटी—आऐईीइसस्साअ……पता होता……त्त्त्तूओ…कककाब्ब का तेरे.प्प्पाआससस्स…एयाया ज्ज्जात्त्तीइ…आआआहह…उूुुउउम्म्म्मम…आहह…माआईयईईई

इतना बोलते ही आंटी झड गई ऑर मैं चूत रस पीने लगा जब मैने चूत रस पूरा पी लिया.....
चूत रस पी कर मैं खड़ा होकर आंटी को देख कर बोला

मैं-आंटी ….मज़ा आया????

आंटी-आअहह…मेरे राजा इतना मज़ा पहली बार आया

मैं-खुश हो ना

आंटी-हाँ बेटा,….आज पहली बार जीभ से चुदि हूँ…खुश कर दिया तूने तो

मैं-अभी तो शुरुआत है…आगे-2 देखते जाओ

आंटी-हां बेटा…जल्दी दिखा…चूस्ता ऐसा है तो आगे तो कमाल करेगा….अब जल्दी आजा बेटा

मैने भी टाइम ना लेते हुए अपनी पेंट ऑर अंडरवर निकाल दी ….मेरा लंड जो लगभग पूरा खड़ा हो गया था…जैसे ही आंटी ने देखा तो…

आंटी-ओह माइ गॉड….ये तो...सच मे…बड़ा..

मैं-तो आपने क्या समझा था

आंटी बैठ कर लंड को हाथ मे लेकर देखने लगी ऑर

आंटी-इतना बड़ा कैसे……क्या ख़ाता है तू

मैं-आंटी…आपको पसंद आया कि नही

आंटी-बताती हूँ..ऑर आंटी मेरे लंड को किस करके मुँह मे ले गई ऑर चूसने लगी....



आंटी-सस्स्स्सुउउउप्प्प…ऊओंम्म….उउउंम्म….सस्स्रर्र्र्र्रप्प्प्प

मैं-आआहह…आंटी….क्कक्या चूस्ति हो….ओर तेज,…हहाअ …ऐसे ही

आंटी-सस्स्स्र्र्ररुउउप्प्प…..ऊओंम्म….उउउंम्म…सस्स्रररुउउप्प

मैं-आअहह…..पक्की रंडी हो….ऑर तेज…मेरी रंडी…आअहह…

जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैने आंटी के मुँह से लंड निकाल लिया
मेरे लंड निकलते ही आंटी का मुँह ऐसा हो गया जैसे भूके से रोटी छीन ली हो…उनकी हालत देख कर मेरी हँसी निकल गई

आंटी-एयेए…क्या हुआ…

मैं-आंटी अब आपके उपर के होंठो का काम ख़तम ऑर नीचे वाले होंठो का काम स्टार्ट…

इतना कहकर मैने आंटी के पैरो को पकड़ कर उन्हे लिटा दिया…ऑर बिना कुछ बोले…लंड को चूत पर सेट करने लगा…
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