चुदाई का सिलसिला

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rajaarkey
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Re: चुदाई का सिलसिला

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चुदाई का सिलसिला पार्ट-6



शास...मस्ती मैं चुदाई का मज़ा ले रहा था.....अओर पूजा दर्द से मरी जा रही थी......

पूजा...शास प्लीज़ एक बार निकाल लो....प्लीज़ मैं मरी जा रही हूँ....दुबारा डाल लेना.....पूजा से दर्द सहेन नही हो पा रहा था.....जैसे किशी ने ब्लेड से चीर दी हो उसकी चूत......पूजा पछता रही थी..... लंड खाने के चक्कर मैं पड़कर उसे नही पता था.....ये दर्द भी झेलना पड़ सकता है..... उसने तो शिरफ़ चुदाई के मज़े के बारे मैं ही सुना था......चूत की मीठी मीठी खुजली का एहसास ही किया था.......शास के पहली बार स्पेर्श का आनंद ही लिया था......चुदाई के एक मीठे एहसास ने पूजा को यहाँ तक पहुचा दिया था.....पूजा की एस छटपटाहट का शास पर कोई अशर नही था.....उसका लंड तो कुँवारी चूत का रस पीकेर अओर मस्त अओर मोटा हो रहा था......वो तो चूत के अंदर मस्त होकेर झटके मार रहा था.......लंड की अकड़ बता रही थी की उसने चूत पर विजय हाशील कर ली है......शास ने लंड की अकड़ को भाप कर पूजा पर अपनी पकड़ अओर मजबूत की.......होंठो को मूह मैं लिया..... अओर एक ओर जोरदार धक्का लगा दिया....पूजा अभी इसके लिए अपने को तय्यार भी नही कर पाई थी......उसकी चीख शास के मूह मैं ही समा गयी........उसकी छटपटाहट....शास की मजबूत बाँहो मैं दब कर रह गयी........पूजा की चुचिया शास की छाती के नीचे मसली जा रही थी.......अओर शास के लंड ने पूजा की चूत के पूरी गहराई को नाप लिया था......लंड का सूपड़ा....पूजा की बच्चेदानि को छू रहा था.......पूजा छटपटा रही थी...आँखो से पानी बह रहा था......अओर शास उसके होंठो कारस पीने मैं मस्त था.....एसी तरह लगभत 10-15 मिनूट गुजर गये......अब पूजा का दर्द कुछ कम हो रहा था.....उसकी उखड़ी साँसे फिर गरम होने लगी थी......शास की बाँहो की पकड़ भी कुछ ढीली पड़ने लगी थी......पूजा की दर्दीली चीखे अब सिसकारियों मैं बदलने लगी थी......उउउउउउउईईईईएम्म्म्म्म्म्म आआआअहह सस्स्स्स्स्स्स्शहाआआआसस्स्स्स्स्सस्स म्‍म्म्ममाआअरर्र्र्ररर ह्ह्ह्ह्हीई द्द्द्दाआआल्ल्ल्ल्लाआआआआ.....आआआआआहह हह...........

अब शास का मूह पूजा के होंठो को छोड़ कर पूजा की चुचियो पर आ चुक्का था.....वह मस्ती मैं चुचिया मसल मसल कर दूध पी रहा था.........पूजा के शेरर से खेल रहा था.....पूजा का दर्द मीठी उत्तेजना मैं बदलने लगा था.....अओर अब पूजा की चूत ने फिर पानी चोदना शुरू कर दिया.......पूजा के हाथ धीरे धीरे अब शास की कमर पर आने लगे थे........पूजा ने धीरे धीरे अपने चूतड़ हिलाने जैसे ही शुरू किए.........शास ने लंड को हल्के से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.....पूजा की चूत की मीठी पयास जागने लगी.......चूत कुछ ही देर पहले के दर्द को भूलकर....लंड को अपनी दीवारो मैं दबाने लगी......ये कैसा एहसास......दर्द की चीखे अब मज़े की मीठी सिसकारियो मैं बदलने लगी थी.......शास की कमर पर पूजा की बाँहो का बढ़ता कसाव.....शास को अओर उत्तेजित करने लगा.....लंड के, अंदर बाहर की रफ़्तार बढ़ने लगी थी........कमरे मैं अब पूजा की कामुक सिसकारिया गूंजने लगी थी.........आआआआआआहह उउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह शास.....मेरे शास.....अओर ज़ोर से.....आआआआआहह हा...... ही.......उउउउउम्म्म्म्म्म्म आआअहह की धुन पर शास के लंड की रफ़्तार बढ़ती ही जा रही थी..........चुदाई का संगीत रूम मैं गूजने लगा था.......शास के लंड की स्पीड के साथ पूजा के चूतड़ उछालने की क्रिया भी बढ़ रही थी....अब पूजा पूरा चुदाई का मज़ा ले रही थी.........भूल चुकी थी उस दर्द को......अब तो शास के लंड को अओर अंदर तक लेने लगी थी....... जैसे ही शास के लंड का सूपड़ा अंदर जाकर बच्चेदानी पर ठोकर मारता पूजा की मीठी सिसकारी निकल जाती....उउउउउउम्म्म्म्म्म्म्माआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.......सी चूत लंड का घामाशाण पूजा अओर शास को सातवे आसमान की सैर करा रहा था.......पूजा की उत्तेजना अब चरम पर पहुत चुकी थी...उसके बदन मैं अजीब सा खिचाव......सारा सरीर...मस्ती की अओर........आँखे बंद होने लगी.....सिसकारियाँ लंबी होने लगी......शास...आआआआहह.....उउउउउम्म्म्म्म ये मैं कहाँ जा रही हूँ .................................................. ..............................................

शास.......उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म आआहह अओर पूजा अपने पहले स्खलन (झड़ने) की अओर...... एकाएक पूजा ने शास को बाँहो मैं जाकड़ किया अओर ज़ोर से.....सस्स्शहाआअसस्सस्स उउउउम्म्म्म्म्म्माआआआ एम्मॅयेयीन गाईइईईईईईईईईईईईए..अओर उसकी चूत से गरम पानी के फ़ौवारे शास के लंड पर गिरे.....तभी शश के लंड ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया......गरम-गरम वीर्या(गुम) की कई पिचकारी पूजा की चूत मैं छोड़ दी जो सीधे बच्चेदानी पर गिरी.....पूजा ने अओर ज़ोर से शास को दबोच लिया.........शास भी उउउउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्हाआल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्लीईईईईईईईईए की आवाज़ के साथ झाड़ गया... एक दूसरे को बाँहो मैं जकड़े.....पूजा अओर शास......लंबी साँसे.....आँखे बंद......दोनो...दूर-बहुत दूर...सातवे आसमान की सैर पर......एक दूसरे को प्यार से भिंचे हुवे..........कितने ही देर तक.....एआसे ही.......सारी दुनिया से बेख़बर......लगभत 15 मिनूत्स तक ऐसे ही...एक दूसरे की बाँहो मैं........फिर लौटआए इसी दुनिया मैं.....पूजा ने शास ...के होंठ चूम लिए अओर चेहरा शास के सीने मैं छुपा लिया.......

शास... ने पूजा का चेहरा अपने हाथों मैं लिया अओर उप्पेर किया......अओर पूजा के होंठ चूमकर...धीरे से बोला........ पूजा तुम्हारी चूत तो बहुत ही टाइट थी....मज़ा आ गया......आज पूरे यक़ीन के साथ कह रहा हूँ आज वास्तव मैं स्वर्ग की सैर की है......आज पहली बार इतना मज़ा आया...??????????? कह नही सकता......मन करता है तुझे तो बस चोदता ही जाऊ.....शास का लंड अभी तक पूजा की टाइट चूत मैं ही फँसा हुवा था.........तुम्हे अओर तुम्हारी इस चूत को पाकर तो मैं निहाल हो गया........पूजा.!

पूजा...तो मना किसने किया है......?????

शास...कया मतलब है...????

पूजा...आपने ही तो कहा है....कि “मन करता है तुझे तो बस चोदता ही जाउ.” ..?????

शास...तो फिर...??????

पूजा...मैने कब मना किया है मेरे राजा जी.....पूजा ने कामुक मुस्कुराहट के साथ कहा.....उसकी आँखूं मैं चमक सी आ गयी थी.....

शास...तो मैं कब अभी रुका हूँ...??? लंड तो चूत मैं ही है........????

पूजा...पूजा ने शास के होंठ चूमकर...अभी मन नही भरा कया.????

शास...बस एक ही बार मैं कया मन भरता है...????

पूजा...थक नही जाओगे..??? रात भर तो सीमा दीदी को चोदा है...????

शास...तुम्हारी चूत का रस पीकर थकान मिट गयी.......

पूजा...अच्छा जी....मेरी चूत के रास मैं कया विटमिन्स अओर मिनरल्स मिले थे..???

शास...जान तुम्हारी चूत के रस मैं तो..केशर..मिली थी....अभी भी उसी की डकारे आ रही हैं.......उसी की खुसबू अभी तक महक रही है साँसों मैं...

पूजा... कया चूत का रस हजम नही हुवा.????? जो डकारे आ रही है......????

पूजा... शास...अभी दूध पीकर हजम कर लेता हूँ.......

पूजा...कोई आ जाएगा.. ????जानते हो कितना समय हो गया है....???.अभी रहने दो बाद मैं पी लेना.....सीमा दीदी भी आनेवाली होंगी.........

शास...तो कया हुवा....आजाने दो...अओर शास ने पूजा की दोनो चुचिया अपने हाथों मैं भर ली.....अओर मस्त होकर दबा दबा कर दूध पीने लगा......शास का लंड फिर एन्ठने लगा अओर धीरे धीरे पूजा की चूत मैं अंदर बाहर होने लगा.......पूजा भी फिर से गरम होने लगी.....उसके चूतड़ भी उप्पेर नीचे होने लगे....

पूजा....कया इरादा है शास...दूध पीकर चूत का रास हजम करना है,,??? या फिर फिर से चूत का रस्स पीने का इरादा बना लिया है.......?????

शास...नही चूत का रस पीने का नही......एकबार अओर चोदने का इरादा ज़रूर बन गया है.......लगता है इस लंड को तुम्हारी चूत जीयादा ही पसंद आ गयी है....बाहर आने के लिए तय्यार ही नही हो रहा है...........

पूजा भी तो यही चाह रही थी.....शास ने उसके मन की बात कहकर.....उसकी उत्तेजना अओर बढ़ा दी थी.......पर शास की बात सुनकर उसके गालो पर लालिमा दौड़ गई थी......उसके कान लाल हो गये.....चूत फिर पानी छोड़ने लगी थी.......

शास कभी चुचियाँ कभी पूजा के होंठ चूमने लगा......अओर उसके लंड की स्पीड एक बार फिर बढ़ने लगी थी......पूजा के चुटटर भी तेज..तेज उप्पेर नीचे होकर पूरा लंड अंदर ले रही थी.......साँसे तेज होने लगी...चुदाई की स्पीड बढ़ने लगी......चूत मैं पहले से वीर्या (गुम) अओर पानी भरा होने के कारण चूत से फूच..फूच....फुचा...फूच..की आवाज़ होने लगी थी......इससे शास अओर जोरदार ढंग से धक्के मारने लगा........लूब्रिकेटेड हुई चूत मैं लंड दना..दान....अंदर बाहर हो रहा था........शास...पूजा की चुचियों को बेरहमी से मसल्ने लगा......पूजा की सिसकारियाँ फिर गूजने लगी थी.....पूरे रूम मैं कामुक आवाज़े गूँज रही थी...उउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउ ऊवूऊवूयूयूवख शास अओर पूजा की मिलीजुली आवाज़े.....जैसे रति. अओर कामदेव चुदाई कर रहे हों.....एक बार फिर दोनो की पकड़ मजबूत होने लगी........सिसकारिया...तेज होने लगी......अओर एक बार फिर बंद होती आँखे............पूजा................पानी छोड़ने के लिए पूरी तरह तय्यार.....अओर उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मीईईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्साआअ आआआआआआअहह्की धून पर पूजा शास मैं सामने की कोशिस करने लगी............वो फिर सातवे आसमान पर..स्वर्ग लोक मैं पहुँच गई......उसकी चूत का गरम गरम पानी शास के लंड पर गिरकर उसको भी पानी छोड़ने के लिए विवस कर रहा था......आख़िर....शास के लंड ने भी...धूम मचाते हुवे......जोरदार पिचकारी पूजा की चूत मैं छोड़ दी........दोनो इस तरह चिपक गये जैसे वे दो नही एक ही हूऊऊऊऊओ...................

ऊउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह्ष्छ्ह्हीयीयियूयूवूऊवूऊवूऊवूयूवक चहाआआआआअहह की धून के साथ दोनो तेज तेज सांसो के साथ आपस मैं चिपक कर शांत हो गये..........

लगभग 10 मिनिट्स तक दोनो...एक दूसरे को बाँहो मैं भिंचे हुवे लेते रहे....शास ने पूजा की गर्देन मैं दिया हुवा अपना चेहरा बाहर निकाला........पूजा को गौर से देखा...उसके चेहरे पर परम संतुष्टि के भाव थे.....आँखे बंद थी...अओर होठों पर मुस्कुराहट थी........मानो अभी भी स्वारग्लोक की सैर पर ही हो.....मुस्कुराहट लिए पूजा के गुलाबी छोटे..छोटे होंठो ने बरबस ही शास को अपनी और खिच लिया.....शास ने अपने होंठ पूजा के होंठो पर रख दिए.......पूजा ने आँखे खोल दी.....प्रितिउत्तर मैं उसने भी शास के होंठ चूम लिए.......

पूजा... जानू अब कया इरादा है....???

शास...एक बार अओर चोदने का..????

पूजा...पागल हो गये कया...??????? कितने मेहमान है नीचे...कोई आ गया तो..????

शास...तो कया हो जाएगा....शादी हो रही है...सभी कहेंगे की ...शादी से पहले की सुहग्रात चल रही है.....

पूजा...नही शास....बस अब बाहर निकाल लो...तुम्हे आपनी परवाह नही....??? रात से अब तक इस कच्ची उमर मैं 5 बार चुदाई कर चुके हो.... जानते हो चुदाई के बाद आदमी मैं कितनी कमज़ोरी आती है..????

शास...कितनी आती है...?????

पूजा...हटो अब मैं नही बात करती....इसके बाद मम्मी हमेशा पापा को मीठा गरम दूथ देती है.....

शास...कया तुम मम्मी.पापा को देखती रहती हो...???

पूजा...सस्स्स्स्स्स्सीईईककककककचह.. नही बस एक बार बाते सुनी थी.....

शास...कया बाते सुनी थी...?????

पूजा...हट्तो अब ...हमे नही पता......चलो अब ... अपने इस लंड को बाहर निकालो...मुझे ज़ोर से टाय्लेट आ रहा है.......

शास...आच्छा जी... पहले डलवाने की...अओर अब निकालने की जल्दी है...जाओ नही निकलता है....

पूजा...प्लीज़ शास...दिन मैं या रात मैं जब भी समय मिलेगा...तब चोद लेना...अब प्लीज़ छोड़ दो....निकालो अपने इस बॅमबू लंड को.....

शास...एक शर्त पर.....

पूजा... कया है...???????

शास...जब भी बुलाउन्गा...तुम्हे आना पड़ेगा....

पूजा...कया मतलब...?????????

शास...चुदाई के लिए......

पूजा...देखूँगी...समय मिला तो ही आ पऔन्गि....

शास...पहले वादा करो....

पूजा ...अच्छा बाबा...वादा....अब तो निकाल लो......

शास ने अपने चूत मैं धन्से लंड को बाहर निकाला....ढेर सारा वीर्या खून से मिला हुवा चूत से बाहर निकलने लगा.........पूजा ने अपनी चूत एक साफ कपड़े से साफ की अओर बाथरूम मैं भाग गई.... अब शास उसी कपड़े से अपने लंड को साफ करने लगा......अओर पूजा के आने का एंतजार करने लगा.....कुछ देर बाद पूजा अपनी चूत को पानी से धोकर वापस आई....

पूजा...शास तुमने तो मेरी चूत को फाड़ ही दिया....मुझसे ठीक से चला नही जा रहा है... पानी भी चूत मैं लग रहा था....चलते हुवे दुखती है.....

शास...चलो बाद का काम आज ही निपट गया....

पूजा...कया मतलब...??????????

शास...बाद मैं फटती तो ज़यादा दर्द होता....

पूजा... चलो हटो...मैं नीचे जा रही हूँ तुम जल्दी से नहा कर तय्यार होकर नीचे आ जाना...मैं नीचे ही तुम्हार एंतजार करूँगी......इतना कह कर पूजा दरवाजे से निकल कर नीचे चली गये ....पूजा को देखकर लग रहा था की उसे चलने मैं कुछ प्राब्लम हो रही थी...............

दोस्तों ये स्टोरी है शास की जिंदगी से जुड़े उन लम्हो की जो यादगार बन गये.....कहते है...पहला कदम रखना, पहली औलाद, पहला पयार अओर पहली चुदाई जीवन मैं एक अलग ही स्थान रखता है..... लॅकिन सामाजिक बंधन, समय की चाल, अलग ही कहानी लिखते है.....पूजा जब नीचे पहुँची ! उसके दिलोड़िमाग़ मैं शिरफ़ शास ही..शास था..... अभी कुछ समय पहले ही शास के साथ बिताए लम्हे...पूजा के जहाँ मैं हलचल पैदा कर रहे थे.....आज उसके लिए शास दुनिया का सबसे प्यारा इंसान था.....उसके दिलो-दिमाग़ मैं शिरफ़ शास ही बस चुक्का था......घर मैं शादी का मौहोल था....कितने ही मेहमान.....आदमी..अओरते...लड़के,लड़कियाँ अओर बच्चो से घर भरा था....मगर पूजा तो बस शास के बारे मैं ही सोच रही थी, रह रह कर उसे शास याद आ रहा था.....वो हरपल शास के साथ रहना चाहती थी....मगर समाज,...सामाजिक बंधन,,, शर्म-लिहाज....बाँध देती है दिलो को भी.....आख़िर जब पूजा से नही रहा गया तो वो किचन मैं गयी.....वहाँ पर हलुवाई का काफ़ी सामान था...उसमें से पूजा ने धीरे से कुछ बादाम, केशर, छुवारे, काजू एत्यादि कई ड्राइफ्रूट्स उठा लिए अओर एकगिलास दूध मैं डालकर शास के लिए गरम करने लगी.....साथ साथ डर भी रही की अगर किशी ने देखा लिया तो वो कया कहेगी.????? परंतु मन था जो मानता ही नही था....आख़िर पूजा ने वह गरम दूध एक ग्लास मैं लिया अओर ओपेर प्लेट से ढक कर उप्पेर के रूम की तरफ चल दी....जहाँ पर शास था......शास जैसे ही नहा-धोकर बाथरूम से निकला.....सामने पूजा को पाया.....पूजा तुम?????????????

पूजा...है तुम्हारे लिए ये लाई हूँ.........

शास...कया है इसमे...??????

पूजा ...देखा लो ना...अओर पास पड़ी टेबल पर रख दिया.....

शास ने पास जाकर देखा..अओर गिलास मैं गरम दूध देखकर....उसे पूजा की बताईं याद आ गयी और मुस्कुरा कर पूजा की अओर देखा..... हां तो दूध लाई हो..???????

पूजा ने शर्मा के करें धीरे से मुस्कुरा कर नीचे गर्देन करके आँखे नीचे कर ली.....शास ने पूजा के हाथ अपने हाथों मैं लेकर चूम लिया.....पूजा का चेहरा शर्म से लाल हो गया .....शास ने पूजा का चेहरा हाथों मैं लेकर, पूजा की आँखों मैं देखा....अओर धीरे से कहा...तुम कितनी अच्छी हो पूजा..???? पूजा ने आँखें उठाकर देखा अओर मुस्कुरा दी......

पूजा...शास तुम ये दूध पीकर नीचे आ जाओ...मेरा बार बार यहाँ आना ठीक नही है.....

शास...केयूं..????

पूजा...कोई देखलेगा तो कया कहेगा..????

शास...कया कहेगा....यही कि पूजा अपने शास से मिलने आई है अओर कया...?????

पूजा...बड़े ही दार्शनिक अंदाज मैं...नही शास,...ये दुनिया,ऐसी नही है.....???

शास...तो कैसी है...??????

पूजा....छोड़ो शास...तुम नही समझोगे.....जल्दी से नीचे आ जाना.....मैं नीचे जा रही हूँ.

शास...पूजा के होंठ चूमकर...जानू तूमे उदास आछी नही लगती....मुस्कुरा कर तो जाओ...

पूजा एक कतिलि मुस्कुराहट छोड़कर दरवाजे से बाहर निकल गयी.....शास ने मुस्कुरकर दूध का गिलास उठाया.....अओर धीरे धीरे मुस्कुराते हुवे पीने लगा... सायेद उसे पूजा की बताई उसके मूमी-पापा की दूध की बात याद आ रही थी......

शास दूध पीते हुए सोच रहा था की पूजा कितनी भोली है....दूध मैं से भी पूजा की चूत वाली केशर की गंध आ रही थी.....एसलिए शास दूध को मस्त होकर चुस्किया लेकर पी रहा था.......

शास ने दूध ख़तम कर....कपड़े बदेले.....अओर नीचे आ गया.....उसकी आँखें पूजा को ढूँढ रही थी.....काफ़ी देर हो गयी पर शास को पूजा कही नज़र नही आई......सीमा भी अभी ब्य्टिपार्लर से नही लौटी थी.....दोप-हर के बाद लगभग 4 बज चुके थे पर पूजा शास को नज़र नही आई.....अओर अभीतक सीमा भी नही लौटी थी...शास परेशान सा हो गया.....अओर उप्पेर के रूम मैं जाकर बेड पर लेट गया....कुछ ही देर मैं उसे नींद आ गयी अओर शास सो गया........

जब शास की आँखें खुली तो नीचे काफ़ी शोर हो रहा था वो नीचे गया....वहाँ पर काफ़ी गहमा-गहमी हो रही थी.....उसे पता चला की बारात आ गयी है अओर उनके नाश्ते एत्यादि की तय्यरी चल रही है एसीलिए ये शौर-शराबा हो रहा है.....शाम के लगभग 6 बज चुके थे.....सीमा भी ब्य्टिपार्लर से लौट चुकी थी.....सीमा अपने रूम मैं अपनी सहेलियों से घिरी बैठी थी.........

शास सीधा....सीमा के रूम मैं गया.....अओर सीमा की सुंदरता को देखत ही रह गया......कितनी सुंदर है सीमा दीदी ये तो उसने आज ही जाना था......मानो आसमान से परी उतार आई हो.....शास सीमा दीदी के पास गया.......

शास...सीमा दीदी...???????

सीमा....सीमा ने आँखें उठाकर शास की अओर देखा....बड़ा उदास सा लग रहा था....कया बात है शास...??????????सीमा ने अस्चर्ये से शास से पूछा...???????

शास...कोई बात नही..दीदी....आपने बड़ी देर! कर दी , बहुत ही देर के बाद लौटी है....बड़ी सुंदर लग रही है. आप दीदी...?????

सीमा ...सच शास......???

शास...रियली दीदी....सीमा की सहेलिया हंस पड़ी....हमारी बन्नो लाखो मैं एक है.....कहीं नज़र ना लग जाए किशी की....

सीमा ..... ने शर्मकार आँखें नीचे करके मुस्कुरा दी....उसकी गालो पर शर्म की लालिमा शाफ़ नज़र आ रही थी....शास का पुन्ह ध्यान आते ही सीमा को पूजा का ख़याल आया......अओर शास के चेहरे की अओर देखाकर उसकी उदासी का कारण पढ़ने लगी..........

सीमा....पूजा कहाँ है शास...????

शास... मालूम नही दीदी....मैं भी काफ़ी देर से डुनध रहा हूँ.....पर कहीं नज़र नही आई.....लागफग 2-3 घंटे से गायब है........

सीमा सोचने लगी...मेरे जाने के बाद कया हुवा होगा ????? जो पूजा गायब है.....उसके मंन मैं काफ़ी बाते आने जाने लगी.....अपनी दूसरी सहेलियो केआमने वह शास से अओर कुछ पूछ भी नही पा रही थी.......

सीमा सोचने लगी कहा गयी होगी पूजा,??? सायेद मूमी को कुछ पता हो यही सोच कर सीमा ने शास से कहा, शास ज़रा अपनी मामी को तो बुला लाना........
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Re: चुदाई का सिलसिला

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चुदाई का सिलसिला पार्ट -7

शास दूसरी तरफ गया जहाँ पर मामी शादी के कार्यो मैं बिज़ी थी.....शास ने मामी के पास जाकर कहा ममीज़ी आपको सीमा दीदी बुला रही ही....

मामी...कयूं...???

शास... मालूम नही...सायेद पूजा के बारे मैं कुछ पूछना है........

मामी... अर्रे है..... मैं तो भूल ही गयी थी उसका भाई आया था अचानक उसकी मम्मी की तबीयत ज़यादा खराब हो गई अओर उसे हॉस्पिटल ले जाना पड़ा इसीलिए पूजा को लेकर गया है....और मामी सीमा के रूम मैं गई.......

सीमा पूजा की मम्मी की तबीयत ज़यादा खराब है....उसका बही लेगया है......ये कहकर मामी फिर वापस चली गयी........

सीमा...ओह!!!!!!!!!

लॅकिन सीमा पूजा के बारे मैं शास से बात करना चाहती थी...एसलिए...मौके तो तलाश रही थी......बाहर बारात आ चुकी थे...वे लोग नाश्ता कर रहे थे.......बारात के साथ बहुत सी लॅडी भी आई थी.....मगर वे अलग से नाश्ता कर रही थी......

सीमा...शास...उपर के रूम मैं कोन है.......?????

शास...कोई नही दीदी.....लॉक है अओर चाबी मेरे पास है....

सीमा...ओह !!! मुझे टाय्लेट जाना है चलो ज़रा दरवाजा तो खोल देना.....अओर अपनी सहेलियो की अओर इशारा करते हुए....मैं अभी आई.........अओर उपर के रूम की तरफ चल दी......शास भी साथ साथ चल दिया.....उपर पहुँच कर....शास ने दरवाजा खोल दिया...... सीमा अओर शास दोनो रूम मैं चले गये.......सीमा ने पीछे से दरवाजा लॉक कर दिया.....

शास...सीमा दीदी आज तो आप गजब ढा रही हो....

सीमा...अच्छा .!!!!! शास तुम्हे भी पता चल गया कि कोन गजब ढा रहा है..????

शास...आपने ही तो सिखाया है ना दीदी.......दी सच कहूँ बहुत देर से अलग से बात करने की सोच रहा था पर समय ही नही मिल पा रहा था.....

सीमा...बोलो ना शास कया कहना है....?????

शास...दीदी कया मैं एक बार आपके होंठो को चूम सकता हूँ, ??? मैं अपने को रोक नही पा रहा हूँ.............

सीमा...किसने रोका है शास मैं तो खुद कबसे तुमसे अलग से बात करना चाह रही थी...ये टाय्लेट तो एक बहाना बनाया है......

शास...कया ????? दीदी सच मैं...?????

सीमा... हाँ शास.....तुमने जो सुख रात मैं दिया है मैं कभी नही भूल पाऊँगी......

शास ने सीमा के चेहरे को अपने हाथों मैं लेकर धीरे से सीमा के होंठ चूम लिए.....बड़े ही टेस्टी है......हनी की तरह स्वीट भी है......

सीमा...कुछ अओर चूमने की इच्छा नही है....???????

शास....है तो दीदी...मैं तो डर रहा था....आज आपकी शादी है...कही दीदी बुरा ना मान जाए...????

सीमा...शास ये तूने कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारी किसी बात का बुरा मानूँगी..????? शास ये सीमा दीदी अपने इस शास की पहले ही हो चुकी है....अब भी है...अओर कल भी रहेगी.....तुम मुझे कभी भी किशी भी समय कुछ भी कह,... या कर सकते हो...समझ गये ना शास....???????????????

शास...जी दीदी...अओर कह कर शास ने सीमा को बाँहो मैं भर लिया.....

सीमा....शास थोड़ा धीरे और ये ध्यान रख कर की ये मेकअप खराब नही हो......

शास...फिर तो दीदी मैं आपके ये कपड़े ही उतार देता हूँ...जिससे....मैं संभाल कर धीरे से ही कुछ कर सकूँ........अओर शास ने सीमा के सभी कपड़े उतारने सुरू कर दिए....कुछ ही देर के बाद सीमा शास के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी....अओर शास......?????

और शास निहार रहा था सीमा दीदी के इस कमसिन जिस्म को.....भगवान ने कया खूब बनाया था .....भारी,सुडोल गोलगॉल कसी हुई चुचियाँ... सुरहिदार गर्देन....नैन नखश दिल को घाएल कर जाएँ आह! होंठ जिनसे शहद (हनी) टपक रहा था.....शास का लंड झटके मारने लगा था......सीमा ने आज अपनी चूत को रेजर से शायद सॉफ किया था.....कितनी सुन्दर लग रही थी.....शास का खाने को मन कर रहा था.....

सीमा...शास जो भी करना है आज जल्दी करना है...थोड़ी देर होने पर सब हमे ढुड़ने लगेंगे......तुमने पूजा के साथ कुछ किया था कि नही...?????????

शास...हाँ दीदी पूजा बड़ी ही मस्त लड़की थी अओर उसकी चुचियाँ अओर चूत तो बड़े ही मजेदार थी....मन करता था कि पूजा की चूत को तो बस चूस्ता ही रहू...उसकी चूत की गंध तो कॅशर जैसी थी दीदी......

सीमा... चुदाई भी की नही या बस चूमते ही रहे...????????

शास...नही दीदी दो बार चुदाई भी की...बड़ा मज़ा आया....दीदी......

सीमा...कया मेरी चूत की गंध अच्छी नही थी.....????

शास...कया बात करती है दीदी....कया स्वदिस्त (डेलीशियस) टेस्ट है.....बस बता नही सकता हूँ.........

सीमा...अब शास जल्दी से एक बार अओर मुझे चोद दो......आज देर नही लगा सकते है....सब हमे ढूँढते हुवे यही आ जाएगे......अब जल्दी से अपना ये लंड मेरी चूत मैं डाल दो.....अंदर ही अंदर बड़ी खुजली हो रही है.....बस दो मिनुट मैं ही मेरा पानी निकाल दो....

शास...पर दीदी इतनी जल्दी कैसी होगा.....कम से कम आधा घंटा तो चाहिए ही..???????

सीमा ...नही शास ये नही हो सकता है....तुम जल्दी से अपना लंड मेरी चूत मैं डाल दो अओर सीमा बेड पर दोनो टाँगे चौड़ी करके लेट गयी....

शास...दीदी कया इतनी जल्दी मैं आपको हो जाएगा..????????????

सीमा...तुम जल्दी करो शास....आज देर करने का समय नही है....अओर देखो...ये मेकअप खराब ने होने पाए...नहीं तो सब गड़बड़ हो जाएगी.......

शास...ठीक है दीदी....अओर शास सीमा की टॅंगो के बीच मैं आया अओर सीमा की चूत को मस्ती मैं चाटने लगा.........

सीमा...शास जल्दी से अपना लंड डाल दो....चाटने का समय नही है....

शास...दीदी थोडा स्वाद तो ले लेने दो....बाद मैं तो समय मिलेगा नही....

सीमा...हस्ते हुए...शास...मैं एक दो दीनो मैं लौट आउन्गि तब खूब स्वाद ले लेना....बस अब तो मुझे जल्दी से चोद दे.....

शास...तब तो दीदी जीजू ने सारा स्वाद चूस लिया होगा..????

सीमा...अर्रे नही...ऐसा नही होगा....सीमा को समय की नज़ाकत का पता था...उसने शास को मुस्कुराते हुवे कहा अच्छा वादा करती हूँ...चूत का रस तेरे लिए ही संभाल कर वापस ले आउन्गि.....

शास...ठीक है दीदी....अओर शास ने आपना मोटा, तगड़ा,,फुनफुनता हुवा लंड सीमा की चूत के मूह पर रखा दिया......अओर अंदर को दबाव बढ़ाया.....पर लंड अंदर नही गया....शास ने दुबारा लंड को चूत पर अड्जस्ट करके सीमा की चुचियाँ मूह मैं भरकर एक जानदार धक्का मार दिया........अओर सनसनता हुवा आधा लंड सीमा की चूत मैं समा गया.....सीमा की सिसकारी निकल गयी....आउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआ आआआअ.........ईईईईईईईईएउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म म्‍म्म्मममम शास तुम्हारा लंड तो रात से भी मोटा हो गया लगता है.....बहुत दर्द कर रहा है........अभी रूकजाओ...अओर अंदर नही करना......मगर शास....उसने तो सीमा की चुचियो का दूध पीते हुवे दुसरा एक अओर जोरदार धक्का लगा...दिया......सीमा अगर खुद ही अपना हाथ अपने मूह पर ना रख लेती तो उसकी चीख की आवाज़ दूर तक जा सकती थी.......आआआअहहययययययययययययययी य्य्य्यीईईईईईईईईईईईउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म म्‍म्म्ममम स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स सस्स म्‍म्म्माआआआआअरर्र्र्र्ररर ह्षियैआइयैआइयीयीयियी द...आ...ल्ल्ल....आआ...मगर शांत शास मस्ती मैं दूध पीटा रहा........... .दोस्तो ये पार्ट यहीं ख़तम होता है फिर मिलेंगे अगले पार्ट के साथ

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Re: चुदाई का सिलसिला

Post by rajaarkey »

चुदाई का सिलसिला पार्ट -८

दोस्तो मैं यानी आपका दोस्त राज शर्मा पार्ट ८ लेकर हाजिर हूँ दोस्तो ये होती है समय की चाल, उधर सीमा का दूल्हा....जनवासे मैं सीमा की कल्पनाओ मैं खोया था....कयूँकी वह सीमा को पहले ही देख चुक्का था...अओर सीमा के सुंदरता पर फिदा था.....ना जाने कितनी कल्पनाए वो सजो रहा था कितनी खुशियाँ थी वहाँ पर , अओर इधर, सीमा अपनी चूत मैं अपने ही छोटे भाई का लंड अपनी चूत मैं लेकर उसको फडवा रही थी.....

कुछ देर मैं सीमा की चूत भी पानी छोड़ने लगी अओर वो उछल-उछल कर शास के लंड को पूरा अपनी चूत मैं ले रही थी.....ज्यूँ=ज्यूँ शास के धक्को के स्पीड बढ़ रही थी...वेसे वेसे सीमा के चूतदो की उप्पेर-नीचे होने की रफ़्तार भी बढ़ रही थी....सीमा के दोनो हाथ शास के चूतड़ो पर उसको अओर स्पीड देने की कोशिस कर रहे थे.....उउउउउउम्म्म्म्माआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउ उुउउक्कककककचह जैसे कामुक ढूनो की गूँज मैं शास राजधानी की स्पीड मैं सीमा को चोद रहा था....लगभग 5 मिनुट मैं ही सीमा ने लंबी सांसो के साथ....पानी छोड़ दिया.....उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्मा आआआआआआआआआआआआआआआआअहह हह............................................ ...............सीमा धीरे धीरे शांत होने लगी थी पर शास की स्पीड ज्यों-की-त्यों दना डन चल रही थी...मगर शास अभी पानी छोड़ने से कोषो दूर था....

शास का लंड सीमा की चूत मैं जोरदार धक्को के साथ अंदर बाहर हो रहा था...सीमा पानी छोड़ने के बाद शांत हो चुकी थी.....उसे अब नीचे जाने की जल्दी थी.....

सीमा...शास प्लीज़ अब रहने दो देर हो रही है.....

शास... मगर दीदी, अभी तो मेरे पानी निकालने मैं काफ़ी देर है......

सीमा...इसलिए तो कह रही हूँ....अब अपना लंड चूत से निकल लो.....आज इतना ही समय था.....जल्दी नीचे जाना है....सब इंतजार कर रहे होंगे,....बाद मैं कभी फिर अपना पानी निकाल लेना.......बेचारा शास ....मन मसोष कर रह गया.....उसे अपना लंड सीमा की चूत से निकलना पड़ा.....अओर फौच की आवाज़ के साथ फुनफुनता हुवा लंड बाहर निकल आया ....उसने देखा...की सीमा की चूत अभी तक पाइप की तरह खुली हुई है....

शास...पर कया दीदी मैं तुम्हारी इस राशीली चूत का रस तो पी सकता हूँ...बड़ी ही अच्छी लग रही है....झील की तरह खुली हुई रसीली चूत......

सीमा...तुम्हारा लंड ही इतना मोटा अओर बड़ा है ये तो झील बनाकर ही छोड़ता.....

शास ....तो दीदी मैं इस मे जीभ डालकर चूस लू ???????????

सीमा...नही शास अभी नही...अब मैं नीचे जाती हून...कभी बाद मैं जी भरके पीलेना........ अओर सीमा बाथरूम मैं चली गयी......इधर शास का टाइट लंड फुन्फुना रहा था.....उसकी अकड़न से शास को अब परेशानी हो रही थी....चूत के लेस्श (लसलषा पानी) मैं सना हुवा था......तभी सीमा बाथरूम से वापेस आई.....अओर शास के टाइट हो रहे लंड पर नज़र पड़ते ही मुस्कुरकर बोली......कितना अकड़ रहा है....अगर अभी समय होता तो फिर से चूत मैं डाल लाती.....अओर मुस्कुराते हुवे दरवाजे से बाहर निकल गयी......शास बेचारा....अपने इस टाइट आकड़े हुवे लंड को लिए बैठे रहा.....लंड अकड़ कर दर्द कर रहा था.....

हिम्मत करके शास उठा अओर बाथरूम मैं जाकर ठंडे पानी की टोंटी लंड पर खोल दी.......थोड़ी देर मैं लंड की अकड़न कम हुई अओर शास टाय्लेट के बाद बाहर निकल आया....अओर कपड़े पहन कर नीचे आ गया........

नीचे आकर शास ने देखा.....एक रूम मैं सीमा की सहेलियाँ उसे तय्यार कर रही थी...चारो अओर शादी की धूम....बाराती नस्ता करके जनवासे मैं लओट गये थे.....एक से एक सुन्‍दर तितलियाँ (लड़कियाँ) इधर उधर घूम रही थी.....दूल्हे की तरफ से आई हुई कुछ लड़किया अओर अओरते (लॅडीस) भी सीमा दीदी को तय्यार करने मैं सह-योग कर रही थी.... जनवासे मैं बाजा – ढोल बजे रहे थे उसी आवाज़ यहा तक आ रही थी....शास जनवासे की तरफ चला गया.....दूल्हा एक घोड़ी पर सवार होकर बारह-द्वारी..(वर-माला) के लिए चल दिया था...जिसके आगे बाजे वाले अओर ढोल वाले अपनी अपनी धुँए बजा रहे थे कुछ लड़के सामने डांस करते हुवे चल रहे थे..... लाइटों से सारा एरिया चमक रहा था...उस पर वीडियो रेकॉर्डिंग की लाइट, फोटोमेन की लाइट आँखों को चुन्धिया रही थी....दूल्हा एक सुंदर सजीला नोजवान रोबीला चेहरा, सर पर पगड़ी अओर मुकुट, बड़ा ही सुन्दर दिख रहा था....आसपास की लॅडीस दूल्हे की तारीफों के पुल बाँध रही थी.....बड़ी सुन्दर जोड़ी रहेगी....सीमा के पिता ने अच्छी जोड़ी मिलाई है.....एत्यादि शब्द सुनाई दे रहे थे.....दूल्हे के साथ कुछ लड़कियाँ अओर अओरते (लॅडीस) भी चल रही थी......शास की नज़र बार-बार जाकर एक लड़की पर रुक जाती.....जो उसे पूजा से कही अधिक सुंदर नज़र आ रही थी....मानो उपेरवाले ने बड़ी ही फुरशत के साथ उसे बनाया होगा.....20-21 साल की....नाज़ुक सी....पर उसकी चुचियो के उभार...शास को आकर्षित कर रहे थे ...उसके चलने का अंदाज अलग था....उसके देखने का अंदाज...निराला कातिल था..... उसकी सुंदरता की बिजलियों का असर अब शास पर पूरी तरह से हो चुक्का था.....चलते हुवे बड़े ही अंदाज से उप्पेर नीचे होते चूतड़....शास का लंड पता नही कब...हरकत मैं आकर डॅन्स कर रहा था......शास के पेंट मैं फँसे लंड का उभार दूर से ही नज़र आने लगा था....शास की नज़रे उसी लड़की पर जम गयी थी....कई बार...उस लड़की ने शास की अओर देखा....पर कोई प्रतिक्रिया नही दी....जब शास लंड को काबू मैं नही रख पाया तो वहाँ से घर की तरफ चल दिया....रास्ते मैं उसने अंधेरे का फयडा उठाकर ...पेंट की चैन खोलकर...लंड को बाहर निकाला....अओर टाय्लेट करके कुछ ढीला किया....अओर घर लओट आया........वहाँ पर बारह-द्वारी की सभी तय्यारी पूरी हो चुकी थी....सीमा दीदी को पूरी तरह से तय्यार किया जा चुक्का था.....शास ने सीमा दीदी को गौर से देखा....उसका रंग-रूप अओर निखर आया था....अब वो एक अप्सरा सी लग रही थी......पर जो लड़की शास ने दूल्हे के साथ देखी.....उसकी बात कुछ अलग ही थी.....सीमा ने शास की अओर देखा....अओर धीरे से मुस्कुरा दी....इस मुकुराहट मैं ना जाने कया..कया छुपा हुवा था......जो शायद अब शास समझने लगा था......दूल्हे के साथ हो रही आतिस्बाजि की आवाज़ अब अओर नज़दीक आ चुकी थी.....

अचानक सभी लोग बाहर की तरफ भागे.....एक जोरदार शोर सराबा सुरू हो गया.....शास नही समझ पाया की अचानक के हुवा.....तभी सीमा दीदी की एक सहेली दौड़ती हुई अंदर आए अओर सीमा के पास आकर बोली सीमा दीदी.....आतिस्बाजि की आवाज़ से घोड़ा बिदक गया....दूल्हा भी उससे नीचे गिरगया...उसे भी चोट लगी है....अओर कई आदमी अओर लॅडी भी जखमी हो गये है......तुरंत डॉक्टर को बुलाया गया है......किस-किस को चोटे लगी अभी सही पता नही चला है......सभी आदमी वही पर इकट्ठा हो रहे है.... राम जाने अब कया होगा.....कई-यो को खून भी निकल रहा है.....सुनकर सीमा की मानो साँसे अटक गयी थी......वो चेतना सुन्य सी चुपचाप सब सुन रही थी.....शास के चेहरे पर कई भाव...आ..जा रहे थे....कही वह सबसे सुन्दर लड़की भी तो ज़ख्मी नही हो गयी होगी...????????????ऐसा मन मैं विचार आते ही शास भी बाहर की अओर दौड़ा..... शास को बाहर की अओर दौड़ते हुवे देख कर सीमा को बड़ा अस्चर्य हुवा पर वो कुछ नही बोली.......शास दौड़कर उस जगह पहुँचा.....भीड़ के बीच से होता हुवा शास......वहाँ पहुँच गया....जहाँ पर घायलो को डॉक्टर देख रहा था......शास का ख़याल सच ही निकला वह सुन्दर लड़की भी घायलो मैं बैठी थी...... शास को एक झटका सा लगा.....अओर शास उसके करीब पहुँच कर खड़ा हो गया......जब शास से नही रुका गया तो शास ने उस लड़की से पूछ ही लिया......जियादा चोटे लगी है कया......लड़की ने शास की अओर देखा....यह तो वही लड़का था.....जो बारात के साथ उसे घूर-घूर कर देख रहा था......पर लड़की ने धीरे से....दर्दीली आवाज़ मैं जबाब दिया,.......हाँ !!!!!

शास की आँखें दुख के कारण सिकुड सी गयी.......लड़की ने धीरे से शास की अओर देखा अओर उसके चेहरे पर दुख के भाव देखकर....सोचने लगी ये लड़का कोन हो सकता है......जो उसको इतनी देर से देख रहा था अओर इसे मेरे चोट लगने से दुखा हुवा है.................

डॉक्टर बारी बारी से चेकप कर रहा था....शास वही पर शांत पर गंभीर मुद्रा मैं खड़ा रहा, जैसे उसका कोई खास घायल हो गया हो.......वह सुन्दर लड़की कई बार कनखियों से देख चुकी थी.....वह नही जान पा रही थी...की ये कोन है......ना जाने कयो उस लड़की को भी शास से हमदर्दी....सी होने लगी थी.....तभी डॉक्टर ने उस लड़की, का चेकप करना शुरू किया.....उससे सबकुछ पूछने के बाद डॉक्टर ने उसे खड़े होकर चलने के लिए कहा.......लड़की खड़ी होकर जैसे ही चलने लगी.....अगर अचानक शास ने उसे संभाल ना लिया होता तो नीचे गिर जाती....उसके पैर मैं ज़बरदस्त मोच आई थी....अओर सर मैं भी चोट थी......लड़की ने एक बार फिर शास की अओर देखा.....कया नाम है आपका..????????????डॉक्टर ने लड़की से पूछा......जी मुस्कान ......शास के होंठो से कई बार मुस्कान, निकली अओर जो होंठो मैं ही दबकर रह गयी....पर मुस्कान तो इसका आभास कर चुकी थी......शास के फड़कते होंठ मुस्कान की आँखों से कहाँ छुपने वाले थे......डॉक्टर ने मुस्कान के सर पर पट्टी की अओर पैर पर एयेयोडीक्स लगाकर गरम पट्टी बांधने को कहा.....चलने फिरने को मना कर दिया.......बाकी सभी को मामूली चोटे ही आई थी.....उनको पेन किल्लर एत्यादि मेडिसिन्स देकर डॉक्टर चला गया.....अओर बारात पुनेह....बारह-द्वारी के लिए चल दी.....मगर मुस्कान तो चल ही नही पा रही थी...उसको सीमा दीदी के पिताजी (शास के मामा ) की अड्वाइस पर शास अओर मुस्कान के एक भाई ने सहारा देकर घर मैं ले गये अओर सीमा दीदी के रूम मैं उसके पास बिठा दिया.....

सीमा...म सॉरी मुस्कान दीदी, आपको काफ़ी चोट लग गयी.....

मुस्कान...नही भाभी इसमे आपका कया दोस है....ये तो होनी थी...हो गयी.....

सीमा...फिर भी...आप चल नही पा रही है.....अपने भाई की शादी को आप अब पूरी तरह से तो एंजाय नही कर पाएगी....मैं भी अपने आपको ही इसके लिए दोषी मानती रहूंगी......

मुस्कान...नही भाभी आप एसा कियों सोचती है....आप तो भाभी लाखों मैं नही करोड़ो मैं एक है.....मैं बहुत खुस हूँ....अओर फिर मामूली सी मोच है एक दो दिन मैं ठीक हो जाएगी.....भाभी ये कोन है मुस्कान ने धीरे से शास की अओर इशारा किया.....यही मुझे सहारा देकर यहाँ तक लाया है.....??????

सीमा...मुस्कान दीदी ये मेरा छोटा फुफेरा भाई है.....बहुत अच्छा है....किशी का दुख इससे देखा ही नही जाता.....(सीमा ने रहस्यमाई आँखों से शास की अओर देखा.....अओर उसके होंठो पर कातिल मुस्कुराहट तेर गयी.....),...अर्रे हाई दीदी.....इसको ( शास ) मैं आपकी सेवा मैं लगा देती हूँ....एक मिनूट के लिए भी आपसे डोर नही जाएगा.....

मुस्कान...ये तो बेचारा पहले ही से मैरे पास है....पर कया ये हमेशा उदास ही रहता है..???????????

सीमा...नही बड़ा ही हँसमुख है वो आपकी चोट के कारण सायेद..???????

मुस्कान...ओह!!! पर मैं तो इसको जानती नही थी..अओर सायेद ये भी मुझे नही जानता होगा...फिर कयूं उदास है.....????

सीमा... मैने कहाँ नही उसे किशी का दुख देखा ही नही जाता है....सायेड इस लिए उदास होगा!!!!!!!! तब तक शास एक गिलास मैं गरम पानी लेकर आ गया था.......

शास...लो मुस्कान जी आप वो टॅबलेट्स ले लो पानी लाया हूँ....

मुस्कान...तुम्हें मेरा नाम कैसे पता चला शास..????????

शास...आपने ही तो बताया था...जब डॉक्टर शहाब ने पूछा था....

मुस्कान...ओह...!!!!

अब मुस्कान को इस बात का एहसास हो चुक्का था कि शास की दिलचस्पी उसमे है..अओर उसकी हर बात पर शास ध्यान रख रहा है....मुस्कान ने शास के हाथ से पानी का गिलास लिया अओर वो टॅब्लेट्स ले ली जो डॉक्टर शहाब ने उसे दी थी.....अओर गिलास शास को वापस लौटा दिया.....शास खाली गिलास लेकर बाहर चला गया......

मुस्कान...बहुत अच्छा लड़का है.....

सीमा... हा दीदी.....सभी काम बड़ी ही मेहनत से भाग-भाग कर करता है.....सभी इसकी तरीफ्फ करते है.....अगर दीदी आपको जीयादा चोट हो अओर दर्द जीयादा हो तो आप उप्पेर के रूम मैं आराम कर ले....????.

मुस्कान...नही भाभी मैं आपके पास ठीक हूँ....अओर फिर अपने भाई को भाभी के गले मैं वर-माला डालते हुवे भी तो देखना है....इस पर सीमा ने शर्माकर अपना चेहरा नीचे कर लिया...अओर हल्के से मुस्कुरा दी......इस पर मुस्कान ने सीमा की धीरे से चुटकी काट ली....आज शर्माकर दिखा रही हैं.....अओर कल को......???? मुस्कान अपनी बात पूरी करते- करते रुक गई...सीमा ने मुस्कान की तरफ देखा....????

सीमा...कल को कया दीदी...????

मुस्कान...सुहाग रात....अओर कया...????

सीमा...दीदी..!!!

मुस्कान...कयूं कया मैं ग़लत कह रही हूँ.....भैया तो रिंग सेरेमनी के बाद हमेसा किशी ना किशी बात पर आपका जीकर ज़रूर कर देते है....वो तुम्हे पाने के लिए कितने बैचेन होंगे कया तुम्हे नही पता...??????

सीमा...मुझे कया पता...????

मुस्कान...इतनी भोली ना बनो भाभी....मुझे सब पता है....आप भी तो भैया से मोबाइल पर बात करती हो...???????

सीमा ... केवेल मुस्कुरा कर रह गयी.........

मुस्कान...भाभी मुझे टाय्लेट जाना है.....कहाँ है...????

सीमा...कया चल पाओगि...????

मुस्कान...देखती हूँ....

सीमा ने शास को आवाज़ लगाकर इशारा किया वह रूम के बाहर पर उनके सामने ही बैठा था.....शास अंदर आया......

शास...हा सीमा दीदी...कया बात है,,???

सीमा...शास मुस्कान दीदी को टाय्लेट आ रहा है...एन्को टाय्लेट दिखा दो....

शास...जी दीदी.... आओ मुस्कान जी....मुस्कान ने खड़ा होकर जैसे ही चलने का प्रियत्न किया.....वह दर्द से चिल्ला उठी....अओर वही बैठ गई...

मुस्कान...नही भाभी मैं नही जा पाऊँगी...कुछ करो....बहुत दर्द होता है....मैं चल नही सकती हूँ......

सीमा ने शास की अओर देखा...शास तुम मुस्कान को सहारा देकर टाय्लेट तक ले जा सकते हो???? शास ने कहा दीदी कयूं नही...कोशिस करता हूँ.......अओर शास ने आगे बढ़कर मुस्कान के पीछे से बाँहो मैं हाथ देकर मुस्कान को उठाने लगा.... शास की बाँहो का सहारा पाकर मुस्कान खड़ी हो गयी....

मुस्कान...ऐसे तो मैं नही जा पाऊँगी..शास...तुम मारे राइट कंधे को नीचे से सहारा दो तो सायेद चल पाऊँ......शास ने ऐसा ही किया अओर अपने दोनो हाथों को मुस्कान की बगल मैं देकर संभालना चाहा....नही शास मैं तुम्हरे कंधे का सहारा लेकर चलने की कोशिस करती हूँ....मुस्कान ने अपना लेफ्ट हॅंड शास के कंधे पर रखा अओर शास ने अपना हाथ बढ़ाकर मुस्कान की कमर से लेकर दूसरी बगल तक पहुँचा दिया......

शास का राइट...हॅंड मुस्कान की कमर से होता हुवा उसकी राइट बगल मैं पहुँच चुक्का था......इस प्रकार मुस्कान की लेफ्ट सॉलिड अओर भारी चुचि शास के सरीर से पूरी तरह से रगड़ खा रही थी.... अओर शास का राइट हॅंड मुस्कान की बगल से होकर, हाथ उसकी राइट चुचि पर भी हल्का सा दबाव बना रहा था.....किशी मर्द के हाथ के अहसास से मुस्कान के सरीर मैं शिहरन सी दौड़ गई.....किशी मरद ने इस तरह उसे पहली बार छुवा था.....मुस्कान ने बड़ी हिम्मत करके एक पैर आगे बढ़ाया.....एक दम पैर मैं दर्द की लहर सी दौड़ गई जिससे मुस्कान का दबाव अओर शास के कंधे पर पड़ा.....जिससे उसकी चुचि ने शास के सरीर से अओर रगड़ खाई अओर दूसरा हाथ भी दूसरी चुचि पर अओर कस गया......मुस्कान को एक अजीब सा अहसास हो रहा था......मगर उसके पास शास से मदद लेने के सिवाय अओर कोई चारा भी तो नही था......

शास... मुस्कान जी आप पैर पर कम मेर कंधे पर जीयादा ज़ोर दे तो सायेद कमदर्द हो मुस्कान ने अपना सारा वेट शास के टाइट कंधे पर डाल दिया ....

मुस्कान.....जी....

मुस्कान ने शास के कंधे पर अब अपना पूरा भार डाल दिया....अओर अपना दूसरा हाथ भी शास की चेस्ट,गले से लेकर अपने दूसरे हाथ से जोड़ दिया.....मुस्कान का सर अब शास के कंधे पर लग चुक्का था....अओर शास मुस्कान की बाहों मैं......अब मुस्कान ने धीरे धीरे कदम बढ़ाए...... उसे अभी भी चलने मैं तकलीफ़ हो रही थी...एसलिए वह शास के अओर करीब...अओर करीब....मुस्कान की चुचि....शास के सरीर की गर्मी...अओर शास के सरीर से चुचि का निप्पल रगड़ खाने के कारण......कुछ अओर टाइट हो कर शास से रगड़ खा रही थी अओर उनका निप्पल.....खड़ा होकर मुस्कान के कपड़ो से उभर आया था......उधर शास का राइट हॅंड भी तो मुस्कान की राइट चुचि पर लगभग पहुच चुक्का था.....चुचि पर शास के हाथ का दबाव मुस्कान महसूस कर रही थी.....अब सायेद मुस्कान का पूरा ध्यान पैर के दर्द से हटकर शास पर कन्द्रित होता जा रहा था.......पहली बार किसी मारद के वो इतनी करीब थी.....उसकी तेज साँसे...अओर चेहरे की लालिमा...इस बात की गवाह थी....कि सायेड अब शास की नज़दीकी उसे भी अच्छी लग रही थी.......शास भी एशी तरह के हालत का शिकार....मुस्कान की चुचिय्यों की रगड़..उनकी गर्मा-हट....उसकी चुचि के उभार पर शास का हाथ..... मुस्कान की तेज गरम सांसो की खुसबू....उसे भी परेशान कर रही....थी....अब तक उसने जितनी लड़कियो को छुवा था.....जिनकी चुदाई उसने की थी...उन सबसे अलग ही अहसास....उसे मुस्कान के अओर करीब ला रहा था......उसके लंड की टाइटनेस बढ़ती जा रही थी......उसे डर भी लग रहा था....कि..कोई उसे इस हालत मैं देख ना ले.....उसका लंड पेंट मैं ही बम्बू..बन कर दूर से ही अपने स्थिति का अहसास करा रहा था.....धीरे धीरे दोनो टाय्लेट की तरफ बढ़ रहे थे....टाय्लेट से उनकी दूरी घट रही थी....अओर सायेद मुस्कान....अओर...शास...के दिलों के बीच की दूरी भी कम हो रही थी......मुस्कान की तेज साँसों की महक शास की नथुनो मैं घुसकर उसे मद-होश कर रही थी....

शास सोच रहा था....मुस्कान कितनी सुंदर....सभ्य...उसके सरीर का हर हिस्सा....मानो एंच..एंच नाप कर ईश्वर ने बनाया है.....पूजा कम सुंदर नही थी...लाखों मैं एक ....पर मुस्कान तो सायेद करोड़ो मैं एक होगी....उससे नज़दीकी का ख़याल उसे अओर रोमांचित कर रहा था......अओर वे टाय्लेट के पास पहुँच गये......शास ने टाय्लेट का दरवाजा खोलकर मुस्कान को उसमें अंदर ले गया.....

शास...मुस्कान आप टाय्लेट कर लो मैं बाहर खड़ा होकर एंतजार करता हूँ......

मुस्कान...पर मेरे से तो खड़ा ही नही हुवा जा रहा है...फिर मैं बैठूँगी कैसे????

शास... तो कया हुवा....खड़े- खड़े ही कर लो....कया बताना ज़रूरी है..???????

मुस्कान...नही शास ऐसे नही हो सकता है......

शास कियूं नही हो सकता है....हम भी तो करते है,....????????????

मुस्कान... समझो शास तुम्हारी बात अलग है.....कुछ अओर करो.....

शास... बताओ कया करूँ....?????????

मुस्कान... अच्छा तुम मुझे बैठाकर मूह उधर फेर कर खड़े हो जाओ......

शास...कया यहीं पेर....?????????

मुस्कान तो फिर कर ही कया सकते है......?????

शास...कोई आ गया तो....कया कहेगा....समझो...मुस्कान....????????

मुस्कान ...अब तुम्हे एधर उधर की पड़ी है....मुझे ज़ोर से टाय्लेट आ रहा है अओर मैं बैठ नही पाओँगी बिना तुम्हारे सहारे के.....अब तुम मुझे नीचे बिठाओ...अओर उधर मूह कर के खड़े हो जाओ....

शास ने धीरे से मुस्कान को नीचे बिठाया...इस दौरान मुस्कान की दोनो चुचियो पर शास के हाथो का पूरा दबाव पड़ गया था......

मुस्कान....ऊवूऊवूवमायायायेयात्त कया करते हो शास......???

शास...मैने कया किया....मैं तो आपको बैठा रहा था....????

मुस्कान मुस्कुरकर रह गई...अओर बोली अच्छा...चलो अब मूह उधर करो....अओर हैं एक हाथ से मेरे इस कंधे को पकड़े रहना...नही तो पैर मैं दर्द जीयादा होगा.....मगर मैं ऐसे कैसे आपको पकड़ कर रख सकूँगा.....????

मुस्कान...अच्छा बाबा....जैसे तुम चाहो...पकड़ लो....अब मुझसे रुका नही जा रहा है........अच्छा...है...तुम मूह उप्पेर को कर लो.....शास ने मुस्कान को दोनो कंधो से पकड़ा.....अओर उप्पेर को मूह करके खड़ा हो गया.....मुस्कान मंद-मंद मुस्कुरा रही थी.....उसने धीरे से अपनी सलवार अओर पेंटी नीचे खिसकाई अओर टाय्लेट करना शुरू किया....पीईईईईई.....उउउउस्स्स्स्स्सीईईईईईईई की आवाज़ शास को सुनाई देने लगी.....शास जीयादा रोमांचित हो गया...... उसका लंड अब कंट्रोल से बाहर हो चला था..........

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Re: चुदाई का सिलसिला

Post by rajaarkey »

चुदाई का सिलसिला पार्ट -9

पेयेस्स्सवूऊवूऊवूऊयूयुवयन्न्नन्नन्नन्न्न्नस्स्स्स ईईईईई की आवाज़ बढ़ने के साथ शास का लंड झटके खाने लगा.......

शास...कया मैं बैठ कर आपको संभालू मुस्कान जी....??????????

मुस्कान...कियूं......कया खड़े रहने मैं दिक्कत हो रही है...???

शास...हा....तुम्हारी इस पीईईई सीईईईईजइसी आवाज़ ने धड़कन बढ़ा दी है...

मुस्कान...कया मतलब...????

शास...मैं देखना चाहता हूँ तुम्हारी सूसू से ये आवाज़ कैसे निकल रही है हमारे तो निकलती नही.....????

मुस्कान...कया.....????????????

शास...कयूं कया हुवा....मैने कुछ ग़लत कहा कया...???????

मुस्कान...हा..किसी कुँवारी लड़की की सुसू नही देखनी चाहिए....

शास....क्यू....????

मुस्कान...बस यू हीं...नही देखनी नही चाहिए....मुस्कान हल्के से मुस्कुरा रही थी...उसे कोई जबाब नही सूझ रहा था......

शास...तुम्हारी प्प्प्प्पीईईकककककककककक्सीईईईईई तो रुक रुक कर लंबी होती जा रही है....??????????????

मुस्कान...तो कया हुवा....ऐसे तो सभी की होती है......

शास...आपको कैसे पता...कि सबकी होती है....?

मुस्कान बस पता है......हम लड़कियाँ आपेस मैं बात कर लेते है....

शास...जब आप आपस मैं बात कर लेती है...तो कया मैं नही देख सकता हूँ????

मुस्कान...शास की बाते मुस्कान को भी रोमांचित कर रही थी...फिर भी उसने अपने को संभालते हुवे कहा....नही शास...ऐसे नही देखते है.....

शास...तो फिर कैसे देखते है....????????

तभी मुस्कान की नज़र शास के बॅमबू हुवे लंड पर पड़ी...जो पेंट दो फड़कर बाहर निकलना चाह रहा था......मुस्कान की नज़रे वही पर ठहर गयी.......तभी शास ने मुस्कान का ध्यान भंग किया....आपने बताया नही मुस्कान जी कैसे देखते है..???

मुस्कान...शर्मकार रह गई....उसके मूह से शिरफ़ इतना ही निकला...मुझे नही मालूम..???

शास...कया मैं सीमा दीदी से पुच्छू....????

मुस्कान...नही शास...दीदी से नही..पूछते है ऐसी बाते....

शास...तो फिर आप ही बताओ ना...???? नही तो मैं दीदी से पूछ लूँगा की मुस्कान जी ने मुझे सुसू मैं पीईईईकककक़स्स्स्स्स्सीईईईईई कैसे होती है नही देखने दी.....

मुस्कान...शर्माकर फिर बोली नही शास ये बताईं दीदी से नही पूछते है...कभी समय मिला तो मैं ही बता दूँगी......

शास...कया मैं एक बार देख लू...????

मुस्कान...एक शर्त पर...ये बात तुम किसी से नही कहोगे...

शास... नही कहूँगा...???

मुस्कान...पक्का वादा करो....

शास...वादा है नही बताउन्गा.....

मुस्कान...पर पहले ये बताओ...मुस्कान ने शास की पेंट मैं बॅमबू बने लंड पर हाथ रखकर कहा...ये कया है......????????????

मुस्कान का हाथ टच होते ही शास के लंड ने ठुमका मार दिया.....अओर मुस्कान हंस पड़ी.....अर्रे..???? बड़ा करंट मारता है.....????....कया खिलाते हो इसे शास...???

शास...मुस्कान जी ये तो बस..............................?????????????

मुस्कान...बस कया...???????????????

शास...आप बुरा मान जाएँगी....????

मुस्कान...नही....मानूँगी बुरा...बताओ...???

शास....ये तो बस चूत का पानी पीकर ही रहता है...............

शास के मूह से सीधे चूत जैसा सब्द सुनकर मुस्कान एक पल के लिए झेप सी गयी....पर अगले ही पल....अपने को सामान्य बनाकर....किसकी उसका पानी पीता है.....???????????

शास...मुस्कान जी मैने बताया ने ये उसका नही...शिरफ़ चूत का पानी ही पीता है.....

मुस्कान...मगर किसका...????

शास...मेड्म चूत का.........

मुस्कान...ओह! तुम समझ ही नही रहे हो...मैं पुंछ रही हूँ किसका....????

शास...मैने बताया ने मुस्कान जी...शिरफ़ चूत का....इसका.उसका..नही........

अब मुस्कान शास से काफ़ी खुल चुकी तो सीधे ही पूछना उचित समझा....मुस्कान ने कहा...शास मैं पूछ रही हूँ कि ये किसकी चूत का पानी पिता है.....????

शास...जो भी पीला दे....उसीकि चूत का पानी पी लेता है.....आपकी पीयेस्सियेयूयूवूऊवूऊवूयूवक्ज़ सस्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ से इसलिए तो ये चोंक गया....अओर पेंट से बाहर निकलने की कोशिस कर रहा है......

मुस्कान...अच्छा...तो मैरी प्प्प्पीईसस्स्स्सीई की आवाज़ से सावधान हो गया है...???

शास...जी मुस्कान जी...

मुस्कान...च्चा शास इसे पेंट से बाहर निकाल कर दिखाओ तो ????

शास...नही मेड्म मुस्कान....अगर ये बाहर आ गया तो फिर अंदर नही जाएगा.....बड़ी मुस्किल हो जाएगी.....फिर इसका शांत होना बहुत मुस्किल है.....

मुस्कान... अच्छा................???? मुस्कान ने कातिल मुस्कान के साथ कहा...अस्ल बात तो ये थी कि अब मुस्कान भी मज़ा ले रही थी....अपने पैर के दर्द को भूलकर.....उसे बड़ा मज़ा आ रहा था.....उसके शरीर मैं अजीब सी लहरे दौड़ने लगी थी....उसके मन मैं शास के लंड को देखने की इच्छा बढ गई थी......

शास...मुस्कान जी कया मैं अब आपकी पीईईईईईस्स्स्स्स्सीईईएस्स्स्स्सुउउउउउउउउउउ वाली चूत को देख लूँ ये ऐसी आवाज़ कैसे निकाल रही है....जिससे मेरा ये टाइट हो गया है......???

मुस्कान...अच्छा मैं आँखें बंद करती हूँ तुम जल्दी से एक पल के लिए देखलो....देर मत लगाना.....अब मेरा पैर भी जीयादा दर्द कर रहा है....

शास..नीचे बैठ गया अओर नीचे झाँककर मुस्कान की चूत को देखा...बिल्कुल चिकनी...चूत...दोनो दरवाजो के उपरी भाग पर एक लाल रंग का उभरा हुवा दाना....नीचे खुलती..बंद होती गुलाबी...गुलाबी चूत का बंद मूह.....अभी भी कोई कोई बूँद पैसाब की गिर रही थी....अओर चूत खुल अओर बंद हो रही थी......ना चाहते हुवे भी शास की एक उंगली चूत को छू गयी......उउंमाआआआआअहह......

मुस्कान...शास कया करते हो...तुमने शिरफ़ देखने के लिए कहा था...छूने के लिए नही....

शास...कया करूँ मुस्कान जी रुका ही नही गया....छू कर चूमने की एच्छा हो गयी थी....

मुस्कान...अच्छा बस अब रहने दो.....अओर उसने...अपने पेंटी ओर शलवार ठीक किया.....शास अब सहारा देकर मुझे उठाओ....शास ने धीरे से आगे होकेर मुस्कान की बगलों मैं हाथ दिया...अओर जैसे ही मुस्कान को उठाने लगा उसके हाथों का दबाव उसकी चुचियो पर पड़ा......शास धीरे से मेरी ये दबा दी तुमने.......

शास...कया दबा दी मैने मेडम....???????

मुस्कान...आररी ये...उसने अपनी चुचियो की तरफ इशारा किया.......

शास...ओह! तो कया हुवा मेडम मुस्कान....कया दर्द हुवा....????

मुस्कान...नही दारद तो नही...कुछ अओर होता है....????

शास...कुछ अओर कया होता है...????

मुस्कान...कुछ नही....चलो मुझे सम्भालो.....जैसे ही शास ने मुस्कान को पकड़ कर शीधा खड़ा किया उसका पेंट मैं बॅमबू बना लंड शलवार के अप्पर से उसकी चूत के द्वार को रगड़ का गया............मुस्कान के सरीर मैं जुर्झुरि सी आ गयी.....

शास...कया हुवा मेड्म...??????

मुस्कान...कुछ नही....तुम्हारे इसने........

शास...इसने-किसने कया किया.....???

मुस्कान...तुम बड़े ही बेशरम हो शास.....सारी बाते ही ओपन करते हो....

शास...तो कैसे करूँ, आप ही बता दो ????????

मुस्कान...कुच्छ बताईं कही नही जाती....बस समझी जाती हैं.......

शास ने एक आग्या-कारी शिस्य की तरह गर्देन हिला दी.....जिस पर मुस्कान हंस पड़ी....शास ने मुस्कान की अओर प्रस्न्वाचक? आँखों से देखा.......मुस्कान ने शास की गाल पर एक किस दे दिया.....अब समझे या नही...बुध्धु कही के....कह कर मुस्कान ने शास की आँखों मैं देख कर मुस्कुरादिया...साथ मैं शास भी मुस्कुरा दिया.......

शास का सहारा लेकर चलते हुवे मुस्कान की चुचि शास से रगड़ खा रही थी...अओर उसकी एक चुचि पर शास के हाथ का दबाव.....अओर शास से हुए बाते.....मुस्कान के मन अओर सरीर मैं एक अजीब सा अहसास पैदा कर रहे थे...मुस्कान कुछ जानबूझ कर भी शास के साथ चिपकी हुई थी.....उसके साँसों की गर्मी शास भी महसूस कर रहा था.....उसका लंड अभी तक तंबू की तरह तना हुवा था......मुस्कान भी इस नये अनुभव को अपने अंदर महसूस कर उत्तेजित हो रही थी....ये पहलिबार ही हुवा था कि किशी मर्द ने मुस्कान को छुवा हो....उसकी चुचि कड़ी हो रही थी...उनके निपल्स खड़े थे अओर कुर्ते के बाहर निपल्स के उभार नज़र आ रहे थे.....आँखों मैं एक अजीब सा नशा.....इस परिवेर्तन से मुस्कान खुस थी...वह अओर शास के करीब...अपनी चुचियो को शास के करीब कर रही थी.....

जैसे ही मुस्कान की नज़र नीचे शास के उभेरे हुवे लंड पर पड़ी.....उसका चेहरा शर्म अओर उत्तेजना से शुर्ख हो गया था.....

जब वे सीमा के रूम मैं उसके पास पहुँचे....सीमा को समझते देर नही लगी....कि कुछ दाल मैं काला है....मुस्कान का शुर्ख चेहरा, अओर शास का ताना हुवा लंड जो पेंट से झाँकने की कोशिस मैं था.....

सीमा...कोई दिक्कत तो नही हुई मुस्कान दीदी....?????????

मुस्कान... भाभी दर्द तो बहुत हुवा...पर शास ने सहारा देकर संभाले रखखा ,

सीमा...मेरा भाई शास ध्यान रखने मैं तो माहिर हो चुक्का है दीदी....ये सब्द सीमा ने जिस अंदाज से कहे.....मुस्कान अओर शास ने एक साथ सीमा की अओर देखा...????????...अरेरे

तुम लोग ग़लत ना समझो...मेरा मतलब है शास मेहमान का पूरा ध्यान रखता है, अओर फिर मुस्कान तुम तो मेरी एक मात्र प्यारी ननद हो.....अओए सीमा मुस्कुरा दी....

शास ने मुस्कान को सीमा के पास चेर पर बैठाया...अओर बिना कुछ कहे ही बाहर निकल गया..................................सीमा अओर मुस्कान शास जो जाते हुवे देखती रही............

मुस्कान... भाभी लगता है शास को कुछ बुरा लग गया है..?????

सीमा.....दीदी....ऐसी कोई बात नही है...वो मेरा छोटा भाई है मैं उसे अच्छी तरह से जानती हूँ....उसने बुरा नही माना....फिर मेरा मतलब ग़लत नही था....कया मैं तुम्हारे बारे मैं कुछ ग़लत कह सकती हूँ...???????

मुस्कान...नही ये तो ठीक है पर वो बिना बोले ही बाहर चला गया एसलिए मुझे लगा.....

सीमा....तुम परेशान ना हो मैं देख लूँगी.......

अओर मुस्कान चुप हो गयी...उसके जेहन मैं बार बार शास का चेहरा घूम रहा था.....इस छोटी से उमर मैं ही कितना बलिश्त है उसका बदन,,गठा हुवा,, चेहरे पर तेज अओर लालिमा,सुंदर आँखें,, गुलाबी होंठ....जिन्हे चूमने को मन करता है....अओर पेंट के अंदर झाँकता हुवा लंड भारी मजबूत नज़र आ रहा था....भले ही उसने आज तक किसी मरद को नही छुवा था...ना ही किसी का लंड देखा था.....पर उसकी सहेलियाँ इस तरह की बाते तो करती ही रहती थी......मुस्कान आज पहली बार अपने को किशी के बंधन मैं बँधा महसूस कर रही थी.....शास मानो उसकी दुनिया बन चुक्का था....कुछ ही लम्हों मैं....शास मुस्कान के रोम रोम मैं बस चुक्का था.....उसी की कल्पना....उसी का ख़याल....

उधर सीमा....मुस्कान की मनोदसा अच्छी तरह से समझ रही थी....,वो भी तो सायेद यही चाहती थी......उसकी एक ही तो ननद थी...उसको बस मैं करने....उसकी किशी कम-ज़ोरी को पकड़े रखना.....उसकी किशी भूल के सहारे उस पर राज करना....आदि...आदि.....सीमा खुस थी....भगवान ने बिना माँगे ही उसको मानो सब कुछ दे दिया हो.....सीमा मौके का फायेदा उठना खूब जानती थी.....

सीमा...कया सोच रही हो दीदी...???

मुसकन...कुछ नही भाभी....बस सोच रही थी....कि पैर मैं चोट/मौच के कारण मैं आपकी शादी को फुल्ली एंजाय नही कर पा रही हूँ.......

सीमा....तो कया हुवा दीदी....मैं तो आपके साथ ही हूँ ना...शादी के बाद भी एंजाय कर लेंगे.....अगर जीयादा दर्द है तो आप उप्पेर के रूम मैं आराम कर ले......

मुस्कान...मैं तो चल ही नही पा रही हूँ....अगर शास ना होता तो सायेद मैं टाय्लेट भी ना जा पाती.......

सीमा... तो चिंता कयूं करती हो दीदी....शास को आपके साथ ही छोड़ दूँगी....ताकि आपका ध्यान रख सके.....?????????

मुस्कान...भी तो यही चाहती थी....पर फिर भी बोली, नही भाभी....अभी नही...आपकी वर-माला के बाद ही सोचूँगी.....हो सकता है तबतक दर्द कुछ कम हो जाए......

पर सीमा तो जान चुकी थी की अब ये दर्द कम होने वाला नही है.....अब इस दर्द को तो केवल शास ही कम कर सकता है.....अओर इस दर्द के कम होने के बाद मुस्कान कभी भाभी के सामने बोल ही नही पाएगी........सीमा इसी एंतजार मैं थी...कि कैसे उसे शास के सुपुर्द किया जाए...???????????? अओर शास रात भर उसे चोद-चोद कर उसकी चूत का भोसड़ा बना दे.......जिससे मुस्कान के मुँह पर हमेशा के लिए ताला (लॉक) लग जाए......

सीमा...अओर...मुस्कान दोनो अपने अपने ख़यालों मैं खोई हुई थी......सीमा मुस्कान को शास के ज़रिए अपने बस मैं करना चाहती थी तो दूसरी तरफ मुस्कान को शास इतना भा (पसंद) आ गया था कि उसने शास को पाने की पूरी तय्यारी कर ली थी.......बारात बारह-द्वारी के लिए पहुचने ही वाली थी......सीमा बैचेन थी कि शास कहाँ चला गया....वह चाहती थी कि मुस्कान को शास के साथ....उपेर के रूम मैं भेज दे....अओर शास को समझा दे कि इसे चोद चोद कर रात भर कुतिया बना दे.....पर शास है कहाँ.....मुस्कान सोच रही थी कि भाभी वर-माला के लिए चली जाए अओर शास यहाँ आ जाए.....

तभी...मुस्कान की मम्मी उस रूम मैं आई.....सीमा ने उठाकर उनके पैर छू लिए....मम्मी ने सीमा को ढेरसारा असिर्वाद दिया.....

मम्मी... अब कैसी ही मुस्कान बेटे...??????

मुस्कान ... ठीक हूँ मम्मी....यहाँ भाभी ने पूरा ध्यान रखखा है....

मम्मी ने सीमा की अओर देखकर अओर आशीर्वाद दिया.....अओर मुस्कान से बोली चलो बेटा....तुम्हारे भैया बुला रहे है....वर-माला के समय तुम्हें वहाँ होना चाहिए....

मुस्कान...जी मम्मी....पर मैं चलूंगी कैसे....मेरे पैर मैं तो काफ़ी दर्द होता है....???

मम्मी...कोई बात नही...मैं सहारा देकर ले चलती हूँ....भाई के लिए थोड़ा दर्द तो से लेना.....उसके बाद तुम्हारी बाकी सहेलियाँ जेनवासे मैं जाएगी....तुम उनके साथ जनवासे मैं चली जाना....????

मुस्कान...ठीक है मम्मी...ना चाहते हुवे भी मुस्कान ने कहा....अओर मम्मी ने मुस्कान को सहारा देकर उठा लिया....मुस्कान मम्मी के कंधे का सहारा लेकर वर-माला के लिए बनाए गये स्थान की अओर चल दी.........................

सीमा के उप्पेर तो मानो बिजली गिर गयी थी.....उसके अरमानो पर तो पानी फिर गया था.....उसकी तो सारी प्लान धरा का धरा रह गया था.....उसका गला सूखने लगा था.....उसे रह रह कर शास पर गुस्सा आ रहा था , ना जाने कहा गायब हो गया था.....वह अब चाह कर भी कुछ नही कर पा रही थी......बस मुस्कान को जाते हुवे देखती रह गयी.........

तभी सीमा की मम्मी...उसकी सहेलियाँ अओर भाभियाँ, उसके पास आ गयी....चलो बन्नो...अब तुम्हारा दूल्हा...स्टेज पर आ चुक्का है...किशी ने छेड़ा.....कया खूब लग रही हो....कहीं बिजली ना गिर जाए, किशी दूसरी ने कहा.....बिजली तो बेचारे दूल्हे पर ही गिरेगी आज...किशी अन्य ने कहा...किशी ने चुटकी काटी...वेग़ैरह...वेग़ैरह...के साथ उन्होने सीमा को दोनो अओर से पकड़ लिया अओर ले चली.....दूल्हे राजा के पास......

मुस्कान अपनी मम्मी के साथ अपने भाई के पास पहुँची....भाई...मुस्कान को देखकर स्टेज से उठ कर मुस्कान के पास आया....कैसी हो मुस्कान.....????

मुस्कान...ठीक हूँ भाय्या...आप कैसे हो जीयादा चोट तो नही आई आपको...?????

भाई ने आपनी लाडली बेहन को देखा अओर मुस्कुरा दिया, नही मुस्कान मैं ठीक हूँ मुझे कोई चोट नही लगी.....जिसकी तुम्हारी जैसी बेहन हो उसके भला चोट कैसे लग सकती है..?????

मुस्कान खुस होकर भाई के गले लग गयी....अओर मम्मी दोनो भाई -_बहन का प्यार देख कर गदगद हो गयी..........

मुस्कान को एक चेर पर बैठा कर उसका भाई वापेस स्टेज पर जाकर बैठ गया....सारा पंडाल मह-मानो से भरा था.....तभी सीमा अपनी सहेलियो के साथ स्टेज पर आई अओर सभी लाइट चमक उठी....विडिया फ्लश....मुस्कान का भाई (दूल्हा ) भी स्टेज से खड़ा हो गया....अओर विडैया, फ्लश,फोटो सेस्शेन के बाद सीमा ने दूल्हे के गले मैं वर-माला डाल दी उसका चेहरा नीचे झुका हुवा था अओर आँखें भी नीचे थी....... उसके बाद दूल्हे ने भी सीमा के गले मैं वर-माला डाल दी...सारा पंडाल तालियों से गूँज उठा...फूलो की वर्सा हुई ....अओर दूल्हा-दूल्हें स्टेज पर बैठ गये.....उसके बाद हुवा फोटो सेसेन...सभी ने दूल्हा-दुल्हन के साथ पोटो खिचवाए........अओर अपनी अपनी जगह पर जाकर बैठ गये.......

सीमा ने धीरे से आँखें उठा कर मुस्कान की अओर देखा जो सामने ही चेर पर अपनी मम्मी के साथ बैठी थी....अओर उसकी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी....सीमा को लगा जैसे वे सीमा का मज़ाक बना रही हो..????...वैसे तो सीमा भी मुस्कुरा दी....पर अंदर ही अंदर वो झूलेस रही थी....वह जिस प्रकार अपनी विजय चाहती थी....उसमे वो फैल हो चुकी थी.....शास कही भी उसे नज़र नही आ रहा था....सीमा परेशान थी आख़िर शास कहाँ चला गया...?????

मुस्कान मम्मी आप कहे तो मैं जनवासे मैं जाकर लेट जाउ....मेरी तबीयत ठीक नही लग रही है...?????

मम्मी...पर कैसे जाओगी....वो तो कुछ दूर है....???

मुस्कान ...किशी का सहारा लेकर चली जाती हूँ....

मम्मी...दूल्हे के पास जाकर धीरे से बोली की मुस्कान जनवासे मैं जाना चाहती है.....उसकी तबीयत खराब है अओर उसके पैर मैं दरद भी काफ़ी है....कया मैं ही उसे सहारा देकर छोड़ आउ ....????

दूल्हा...ठीक है मम्मी....आप ही छोड़ आओ....सीमा का ध्यान तो वही था...उसे अपनी पूरी प्लान पूरी तरह से ख़तम होता नज़र आई...जो थोड़ी- बहुत उम्मीद थी अब वो भी टूट गयी.......अओर मम्मी मुस्कान को सहारा देकर जनवासे की अओर ले गयी.....

जनवासे मैं पहुँच कर उन्होने देखा वहाँ पर कोई भी नही था.....सभी इधर उधर...या पंडाल मैं थे.....

मम्मी...मुस्कान तुम यहाँ अकेली कैसे रहोगी....????

मुस्कान...कोई बात नही मम्मी......मैं अंदर वाले कमरे मैं लेट जाती हूँ.....अओर अंदर से बंद कर लेती हूँ....आप जाओ...यहाँ मैं बिल्कुल सुरक्षित हूँ....अओर मुस्कान ने अंदर के रूम मैं जाकर दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.......जिससे मम्मी की चिंता कम हो गयी ......

मम्मी मुस्कान को रूम मैं छोड़कर वापिस पंडाल मैं दूल्हे के पास चली गयी.....अओर मुस्कान,. एक गद्दे पर पिल्लो के सहारे लेट गयी....उसने आँखें बंद कर ली.....रह रह कर उसे अब शास की याद आ रही थी.......मुस्कान आँखें बंद करके लेटी हुई थी.....तभी किसी ने बाहर से दरवाजा कटखटाया....मुस्कान...मुस्कान.....?????? मुस्कान सोचने लगी इस समय कोन हो सकता है.....उसे आवाज़ कुछ जानी-पहचानी सी लगी.............ओह! ये तो शास की आवाज़ है......अओर मुस्कान धीरे से उठी....अओर दरवाजे तक गई....उसने पूछा....कोन है.????????????

मैं शास हूँ मुस्कान......दरवाजा खोलो......

मुस्कान के चेहरे पेर मुस्कान लौट आई...अओर उसने दरवाजा खोल दिया.....सामने शास को देखकर मुस्कान मुस्कुरा दी.....शास तुम...????

शास...है मैं...कया मुझे नही आना चाहिए था...????

मुस्कान...नही शास...ये बात नही...मुस्कान ने मुस्कुरा कर कहा...वास्तव मैं मैं तुम्हे ही याद कर रही थी.....?????

शास...अच्छा जी...आप हमें ही याद कर रही थी...????

मुस्कान...कियूं कोई सक है...आपको...???

शास...नही...मैं पिछले एक घंटे से याहि बैठा हूँ....अओर आपका एंतजार कर रहा हूँ....आप इतनी देर से कयूं आई...???

मुस्कान...कया...??? आप तब से यहीं बैठे है...???

शास... जी हां.....पर आपने इतनी देर कयूं लगाई....????

मुस्कान...मुझे कया मालूम था कि आप यहाँ एंतजार कर रहे हैं....आप तो मुझे सीमा भाभी के पास बैठा कर चले गये थे......कुछ कहा भी नही था.....???

शास...मुझे सीमा दीदी का अंदाज मालूम नही कियूं कुछ अटपटा सा लगा था...मैं उनके सामने आपसे कोई बात नही करना चटा था.....एसीलिए मैं आपको उप्पेर के रूम मैं नही ले गया था......

मुस्कान...लगा तो मुझे भी कुछ अजीब सा था....पर मैं कुछ बोली नही.....भाभी बार बार...उपेर वाले रूम मैं आराम करने की बात कर रही थी....????

शास...मुझे पता नही ये कयूं लगा कि सीमा दीदी आपको बाद मैं ब्लॅक मैल कर सकती है.....एसीलिए मैं यहाँ आ गया....अओर आपका एंतजार करने लगा.....

मुस्कान...शास ये तो मैने सोचा भी नही था.....कि एसा भी हो सकता है......???

शास...मुस्कान इस दुनियाँ मैं कुछ भी हो सकता है....मुझे आपकी एज़्जत अपने से प्यारी है....एसलिए मैं चाह कर भी वहा नही गया......

मुस्कान...ने दरवाजा बंद किया अओर अंदर से लॉक कर दिया....अओर शास के होंठ चूम लिए...तुम कितने अच्छे अओर समझदार हो शास.....??????

शास अओर मुस्कान ने एक दूसरे की आँखों मैं देखा अओर मुस्कुरा दिए.....मानो उन्हे उनकी मंज़िल मिल गयी थी.....शास ने मुस्कान को सहारा दिया अओर फर्श पर बिछे गद्दे पर लेजा कर बैठा दिया.....अओर समुंदर सी गहरी मुस्कान की आँखों मैं देखता हुवा बोला.....मुस्कान तुम जितनी सुन्‍दर हो तुम्हारा मन भी उतना ही सुंदर है......तुम्हारी सुंदरता पर मैं कोई सबध कहकर उस पर दाग नही लगाना चाहता हूँ......मुस्कान ने शास की अओर देखा.....शास की आँखों मैं प्यार ही प्यार नज़र आया.....उसकी आँखें मानो बहुत कुछ कहना चाह रही हो पर उसे वर्ड्स नही मिल पा रहे हो......शास की एक टॅक मुस्कान को देखती आँखें....उसके रूप को निहारती आँखें......मुस्कान ने शर्मा कर आँखें नीचे कर ली.....शास ने अपने दोनो हाथ बढ़ाकर मुस्कान का चेहरा अपने हाथों मैं ले लिया.......अओर उसे निहारता गया.....मुस्कान ने आँखें उठाकर देखा.....शास मुस्कुरा दिया....मुस्कान ने फिर आँखें झुका ली.....उसकी गालो की लालिमा उसकी शर्म जो अओरत का गहना होता है को बता रही थी.......अओर शास ने बड़े ही भाव,प्यार अओर अपने पन से मुस्कान के होंठो की गुलाबी महकती पंखु-डियो को अपने होंठो मैं दबा लिया.......कुछ देर ऐसे ही शास मुस्कान के होंठो को चूमता चूस्ता रहा.....

शास ने मुस्कान के सरीर मैं दबी बरसों की आग को जगा दिया था...कुछ घंटे पहले तक सोई हुई आग....धीरे धीरे अब सोला बनने को तय्यार थी...चिगारी तो शास ने बाथरूम मैं ही सुलगा थी......अब तो उस आग से लपटें उठना ही बाकी था.....अओर इससे बचने का प्रयास ना ही मुस्कान अओर ना ही शास कर रहा था....दोनो जल जाना चाहते थे इस आग की जवाला मैं........

शास मुस्कान के होंठ,, उसकी गर्देन, उसके कान, उसकी गालो को चूम चूम कर उसने आने वाले तूफान की चेतावनी....तो...मुस्कान को दे ही दी थी....पर सायेड मुस्कान भी अपने को तय्यार कर चुकी थी.....इस तूफान मैं बह जाने के लिए.....काम (सेक्स) की उस ज्वाला मैं जल जाने के लिए......जो उसके मन मैं देस्तक दे चुकी थी..... शास मुस्कान को चूमता जा रहा था उसके हाथ मुस्कान की चुचियो को दबा दबा कर मसल्ने मे लगे थे...... अओर कोई विरोध नही था मुस्कान का.......आज वो भी जल जाना चाहती थी इस आग मैं.........धीरे धीरे उनकी सांसो की रफ़्तार तेज होने लगी थी....अओर होंठ थरथराने लगे थे....शास के हाथ अब मुस्कान के पूरे सरीर पर घूम रहे थे........

शास ने मुस्कान का कुर्ता उप्पेर को खिसकाया अओर अपने हाथ सीधे मुस्कान की चुचियों पर पहुचा दिए थे...... मुस्कान के होंठो की थरथराहट अब अंजाने मैं ही -स्पेस्ट बुद-बुदाने....अओर कामुक...धुन मैं बदेलने लगी थी.......उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआउउउउउउउम्म्म्म्म आआहह ईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईइउउउउउउउउउउउउम्म म्‍म्म्मममममममाआअहह ......

शास...ने धीरे धीरे मुस्कान के कपड़े उतारने सुरू कर दिए....मुस्कान भी अपने कपड़े उतारने मैं सहयोग करने लगी थी.......सभी शर्म लिहाज छोड़कर...शास चूमता चाटता जा रहा था....अओर मुस्कान के कपड़े उतरता जा रहा था......मुस्कान का गोरा....सुडोल सरीर शास को अओर उत्तेजित कर रहा था......अओर अब मुस्कान एक ब्लॅक...ब्रा....अओर एक ब्लॅक पॅंटी मैं ही रह गयी थी....मुस्कान की मांसल जांघे देख कर शास मस्त हो मुस्कान की जांघों को चाटने लगा था....उसके हाथ मुस्कान के पूरे सरीर को टटोल रहे थे.....इसी बीच शास ने अपने कपड़े भी उतार दिए......शास का डन-दानाता हुवा लंड झटके मार रहा था......मुस्कान ने शास के लंड को हाथों मैं ले लिया.....अओर उसके साथ खेलने लगी थी......जिससे शास की उत्तेजना अओर बढ़ रही थी......उउउउउउउउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म माआआआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउ ऊवूऊवूयूवूऊयूवख की मादक-तेज आवाज़े रूम मैं लगातार गूँज रही थी......

शास...मुस्कान ज़रा इसका (लंड का ) रस तो पीकर देखो....मगर मुस्कान ने मना कर दिया...नही शास मुझे नही मालूम कैसा लगेगा.....कभी बाद मैं......शास ने भी इसके लिए ज़ोर नही दिया.....अब शास ने मुस्कान की ब्रा अओर पॅंटी भी मुस्कान के सरीर से अलग कर दी....अओर मुस्कान के पैरों के बीच आकर उसकी चिकनी.....छोटी..छोटी फांकों के उभार वाली चूत को सहलाने लगा ......उसकी चूत का रंग....उसकी महक....ने शास को मद-होश सा कर दिया....अओर शास ने अपना मूह मुस्कान की चूत मैं दे दिया......उसकी जीभ कभी चूत की दीवारों को, कभी....उसकी जांघों को,,...अओर कभी.....चूत की क्लिट को चाट रही थी........फिर शास ने अपनी जिभा को मुस्कान की चूत मैं डालकर घुमाना शुरू कर दिया.....अओर मुस्कान की सिसकारिया रूम मैं गूंजने लगी थी......शास का फूँकारता लंड बेकाबू होता जा रहा था.....एसा लगता था जैसे उसका लंड इन तीन दीनो मैं अपना साइज़ बढ़ा चुक्का था.....शास ने मुस्कान की चूत को चाट चाट कर मुस्कान को इस कदर उत्तेजित कर दिया था.....कि मुस्कान आपे से बाहर होकर ना जाने कया..कया...बद्ब्ड़ाने लगी थी......अओर उसकी सिसकारियाँ अओर तेज हो गयी थी......शियी....उउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्माआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह हह मेरे राजा...मेरे जानू आआआआहह.......उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म एम्म आआआआआहह.....मैं कहाँ जा रही हूँ मेरे राजा.....आआआआहहााअ अब तो बस चोद दे ...चोद दे ....शास .....इस बरसो की प्यासी को....आआआआआआअहह शास......डाल दे इस लंड को.....अब नही रहा जा रहा है....मैने ये चूत तुम्हारे लिए ही आज तक कुँवारी रखी है.......मेरे .....मेरे......आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउउम्म्म्म म्‍म्म्मममम राजा र्रर्रााज्जजाआ

मुस्कान की चूत से चिकना—लावा बह कर बाहर निकल रहा था....शास दबा दबा कर चूत को चाट रहा था.......पी जाना चाहता था......इस प्यारी सी सुन्दर छोटी से चूत को..........अब शास के भी बर्दास्त से बाहर हो चला था........अओर उसने मुस्कान के दोनो पैरों के बीच पोज़िशन ली..........अओर डॅन्स कर रहे लंड को मुस्कान की चूत के छेद पर ठीक प्रकार से अड्जस्ट किया.......मुस्कान की चूत पर गरम गरम लंड का सूपड़ा टच होते ही उसकी मद-होश आवाज़...सिसकियो मैं बदल गयी......थी.........उउउउउउउउउउउउआआआआआअह्ह्ह्ह्ह ह्ह्हुउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म.......

मगर शास अभी अओर दूध पीकर लंड को अओर मजबूती देना चाहता था....शास का मूह.....मुस्कान की चुचियो को चूम चूम कर पीने लगा....कभी कभी उन्हे बेरहमी से दबा देता तो मुस्कान की चीख निकल जाती....जानू...मेरे शास ज़रा धीरे से यूवयहूवूऊवूऊवूऊवम्म्म्म्म्मम्मायाकह अब ये अपना लंड तो आगे बढ़ा....मेरी जान शास.....तुम अओर तुम्हारा ये लंड कितना प्यारा है...अब डाल भी दे इसे अंदर इस चूत मैं................
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Re: चुदाई का सिलसिला

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चुदाई का सिलसिला पार्ट -१०



मुस्कान के इशारे पर शास ने अपने ठुमके मार रहे लंड पर दबाव बढ़ाया.....पर शास का लंड फिशल कर मुस्कान की चूत की क्लिट को रगड़ता हुवा उप्पेर हो गया.....इस पर मुस्कान की तेज सिसकारी निकल गयी....उउउउउउउउउईईईईईईईईईईईएम्म्म्म्म्म्म्म्म. ...शास ने अपने लंड को दुबारा अड्जस्ट किया अओर इस बार एक भारी धक्का लगाया.....मुस्कान की चीख के साथ लंड का सूपड़ा चूत मैं दाखिल हो गया.....ऊवूऊवूयूवूऊवूऊवूऊवुयीईयियीयियायायेयीययाया आअहह.. चुदाई मैं माहिर हो चुके शास ने दूसरा धक्का अओर ताक़त से लगाया तो आधा लंड मुस्कान की चूत मैं समा गया.....मुस्कान की चीखे...अओर आँखों से आँसू छलक आए.....आसहनीया पीड़ा अओर दर्द से मुस्कान छटपटाने लगी......मुस्कान शास की पकड़ से निकलने की अ-सफल कोशिस मैं लग गयी....दर्द उससे अब बर्दास्त नही हो रहा था.....शास ने मुस्कान को चुम्म कर धीरे से कहा...मुस्कान जान....बस थोडा सा सब्र करो उसके बाद दर्द पीड़ा सब गायब हो जाएगी....पहली बार एसा होता ही है.......शास इस प्रकार समझा रहा था...जैसे वो चुदाई का विद्वान हो......मगर मुस्कान तो दर्द से मरी जा रही थी......उसे तो चूत मैं शास का लंड किशी शूल की तरह चुभ रहा था.....सारी उत्तेजना दर्द मैं बह गयी थी.....शास की बातों का कोई परभाव अब उस पर नही हो रहा था........दर्द की सिसकियाँ...आँखों से आँसू......दर्द की रेखाए उसके चेहरे, अओर सिसकारियों से झलक रही थी.......अब शास भी मुस्कान का दर्द देख कर परेशान हो चला था....लंड को बाहर निकाल ले....या नही..???? अगर आज लंड बाहर निकाल लिया तो मुस्कान हमेशा की लिए सायेद सेक्स से दूर हो जाएगी...???? इस दर्द का अहसास उसे सेक्स से दूर कर देगा.....???? इसी उलझन मैं शास......शास की निगाहें मुस्कान पर ही केंद्रित थी.....मुस्कान के चेहरे पेर आते जाते भाव व समझने का पारियास कर रहा था......

शास.....अब दर्द कुछ कम हुवा...???? मुस्कान......

मुस्कान............................................ ....????

शास......कुछ तो बोलो मुस्कान....???? ये तुम्हारी परेशानी अब मुझसे देखी नही जा रही है...???? है...अगर आज मैने ये लंड बाहर निकाल लिया तो तुम हमेशा के लिए उस सुख से सायेद दूर हो जाओगी..... जिसके लिए नर अओर मादा.... तरेस्ते है.....यही सुख तो उन्हे एक दूसरे के करीब...इतने करीब लाता है..... कि दुनिया तक से बागावत पर उतेर आते है.....जो दोनो के मिलन की बुनियाद है..... सेक्स....???? ये दर्द तो कुछ ही लम्हों मैं ख़तम हो जाएगा.....पर वो दूरी सायेद कभी कम ने हो पाए.....फिर ये भी तो सोचो की नर-मादा मैं आकर्षण की बुनियाद सेक्स ही तो है.... अगर इसमे सिर्फ़ दर्द ही होता तो कयूं ये संसार इसके पीछे पागलों की तरह भागता....बोलो मुस्कान..बोलो....अगर तुमने अब भी जवाब नही दिया...तो मैं ये लंड बाहर निकाल लूँगा....क्यूँ की तुम्हारा कोई भी दर्द मेरा अपना है....अओर मैं तुम्हे कोई दर्द देने की सोच भी नही सकता हूँ.....?????

मुस्कान...दर्द की रेखाए अभी तक उसके चेहरे पर थी.....मगर पहले से कुछ कम हुवा था......उसने सोचा ये तो एक दिन होना ही था..... कियूं ना आज कुछ देर के लिए बार्देस्ट कर लूँ.......फिर शास ने अगर अपना लंड बाहर निकाला तो सायेद उसका दिल टूट जाए......वह कितनी उम्मीदों के साथ, ने जाने कितनी ही देर से यहाँ मेरा ही एंतजार कर रहा था.....मेरी हर भावना का ध्यान रखखा, फिर उसे भी बड़ी बात तो ये है.....उसने कितनी दूर का सोच कर सीमा भाभी से दूर यहाँ पर मेरा एंतजार किया, कि कभी सीमा भाभी बाद मैं मुझे ब्लॅकमेल ने करे.....मेरा अओर शास का संबंध ही कया था....कियूं शास ने मेरे लिए इतना सोचा.......मुस्कान शास तुम्हे प्यार करता है.....अओर प्यार मैं त्याग होता है.....चाहे कष्ट भी कियूं ना उठाना पड़े.....फिर शास तो कह भी रहा है कि दर्द कुछ ही देर मैं समाप्त हो जाएगा........मुस्कान शास को मत रोको, अगर तूने जबाब नही दिया तो....????????? मुस्कान कह दे उसे , कह भी दे उसे

मुस्कान....शास मुझे नही मालूम था कि इतना दर्द होता ही.......

शास...शिरफ़ पहली बार ही होता है...वो भी कुछ देर के लिए...अगर तुम भी एंजाय करो तो अओर कम होगा......

मुस्कान...ठीक है शास अब जो भी हो तुम अपना काम करो....मेरी चिंता मत करो....

शास...नही मुस्कान तुम्हारी चिंता तो मुझे होगी ही....पर अगर तुम भी सह-योग करो तो तुम्हे दर्द कम होगा.......

मुस्कान...मैं कया करूँ...दर्द बहुत हुवा है.....????

शास...अब कैसा है...???

मुस्कान ... अब तो कम है.......

शास...ठीक है....मैं धीरे धीरे करता हूँ....मुस्कान दर्द के बाद भी धीरे से मुस्कुरा दी इस पर शास भी मुस्कुरा दिया.....अओर मुस्कान के होंठ चूम लिए....फिर मुस्कान की चुचियाँ दबाते हुवे बोला...कया लाजबाब है...तुम्हारी ये चुचियाँ...???? इस पर मुस्कान फिर से मुस्कुरा दी......अओर शास ने मुस्कान की चुचियाँ दबाते हुवे मुस्कान के होंठ चूमता रहा अओर चूत मैं लंड धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.....मुस्त टाइट लंबा तगड़ा...मोटा लंड चूत मैं मस्ती से आगे पीछे हो रहा था.......अब मुस्कान का दर्द लगभग ख़तम हो चुक्का था...वो भी इस चुदाई को एंजाय करने लगी थी.....लगभाफ़ 10-15 मिनूट तक ऐसे ही चलता रहा अओर अब मुस्कान फिर से मस्ती मैं आ चुकी थी.....उसकी उत्तेजना...फिर बढ़ चली थी.......मगर शास का आधा लंड अभी भी मुस्कान की चूत मैं जाने के लिए मचल रहा था....

शास...मुस्कान अभी आधा लंड तो बाहर ही है...इसे भी अब अंदर कर दूं????

मुस्कान...ब्स अओर रहने दो...इसी से कम चला लो....

शास....मैं तो चला लूँगा पर तुम्हारी चूत प्यासी ही रह जाएगी.....अओर ये लंड भी तड़फता ही रह जाएगा......सारी चुदाई ही अधूरी ही रह जाएगी......

मुस्कान...तुम्हारी जो एच्छा...जब मैने इतना दर्द झेल लिया तो बाकी भी देखा जाएगा.....एक पुरानी कहावेत है जब ओखली मैं सर दे ही दिया तो अब मूसलों से कया डरना...मुस्कान ने मुस्कुराते हुवे जबाब दिया.....

शास...अच्छा...तो ये बात है....लो फिर बाकी भी झेल ही लो.....

मुस्कान...मैं तय्यार हूँ....इतना तो मैने अब जान ही लिया की एस दर्द के बाद फिर थोड़ी देर मैं सब ठीक हो जाता है.... अओर इस बार मैं पूरी तरह से तय्यार हूँ....

शास...ये हुई ना कुछ बात.....लो अब झेलो...अओर चूतड़ पीछे करके एक ही जूरदार धक्का लगा दिया.....मुस्कान की एक तेज चीख निकल गयी अओर शास का पूरा लंड चूत को फाडता हुवा मुस्कान की चूत मैं समा गया......मुस्कान दर्द से बेहाल होने लगी थी....दर्द उसे बिल्कुल भी बर्दस्त नही हो रहा था.....उधर शास मुस्कान की चुचियाँ दबा दबा कर उसके होंठ चूम रहा था.....अओर अब लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करते हुवे चुचियाँ पीना शुरू कर चुक्का था.....मुस्कान को शास का अंदर बाहर होता लंड किशी गरम रोड की तरह कंट मैं चुभ रहा था.....मुस्कान अपने टीत अओर हूथ भींच लिए...अओर दर्द को बर्दास्त करने की कोसिस करने लगी......मगर उसकी दर्दीली सिसकारिया नही रुक पा रही थी......उउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउ उउउउउईईईईईईस्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईईईइ लगभग 10 मिनिट्स तक एसे ही दर्दीली चुदाई के बाद अब मुस्कान को भी मज़ा आना शुरू हो गया था.....उसकी दर्दीली सिसकियाँ अब उतत्ज़क सिसरारियों मैं बदेलने लगी थी.....उसके चूतड़ भी हरकत करने लगे थे......अब मुस्कान पूरा लंड मस्ती से ले रही थी....इस अहसास से शास ने धड़कको की रफ़्तार कम कर दी अओर मुस्कान का चेहरा दोनो हाथों मैं लेकर मुस्कान की आँखों मैं झाँका....जो सुर्ख लाल हो चली थी.....मुस्कान ने मुस्कुरकर अपना चेहरा शास के सीने मैं छुपा लिया.....अओर...

मुस्कान...कया देखते हो शास.....???????

शास...देखता हूँ की मेरी जानम मुस्कान का अब कया हाल है...???

मुस्कान...कियूं, मेरी बहुत चिंता है...????

शास...कया तुम्हे नही मालूम की मुझे तुम्हारी कितनी चिंता है....????

मुस्कान...जब मेरी इतनी ही चिंता है.....तो धक्को की रफ़्तार कम कियूं कर दी....???? अब तो मज़ा आया है अओर तुमने स्पीड घटा दी......?????

शास...तो लो अभी बढ़ा देते है...अओर मुस्कान का चेहरा पकड़ कर उप्पेर उठाया....उसकी अंखँ बंद थी .....शास ने मुस्कान के होंठ चूमे....मुस्कान ने आँखें खोलकर शास को देखा अओर हंस कर फिर से मूह शास के शीने मैं छुपा लिया.........

शास का लंड अब तूफान मैल की तरह मुस्कान की चूत मैं आ जा रहा था......मुस्कान अब अपनी उत्तेजना छुपा नही पा रही थी....उसकी उउउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आआआआआआहह जैसी सिसकियाँ शास को अओर तूफ़ानी बना रही थी.....अओर मुस्कान शास से पूरी तरह से चिपक गयी थी.....उसकी उखड़ी साँसे बता रही थी की इस बीच उसका पानी चूत मैं ही निकल चुक्का था.......लंड की रफ़्तार पर फुच..फूच जैसी आवाज़....चूत के जीयादा गीले होने कई कारण थे.....इसका अहसास शास को भी ही चुक्का था.....कि मुस्कान एक बार झाड़ चुकी है......

मुस्कान..मुस्कान ने चेहरा उप्पेर किया अओर शर्मीली आँखों से शास की अओर देख कर बोली.....कयूं शास इतनी देर की चुदाई पर, भी अभी मन नही भरा है..?????.

शास...तुम्हारा मन भर गया कया.....????

मुस्कान...मैने एस्सा कब कहा...???

शास..... तो फिर कया कहा...???

मुस्कान....तुम्हारा लंड तो अभी भी चूत मैं ठुमके लगा रहा है....???

शास... लंड चूत मैं ठुमके लगाकर ही तो उसे पटा-ता है.....

मुस्कान...अच्छा जी....लंड के ठुमके से चूत पट जाती है....???

शास... बिना लंड के ठुमके के कया चूत पानी छोड़ती है.....???

मुस्कान...चलो...तुम बड़े वो हो ????

शास...बड़े वो कया....खराब..????

मुस्कान...नही अच्छे....अओर फिर से शास से चिपक गयी.....

शास पूरी रफ़्तार से चुदाई कर रहा था.....मुस्कान के हाथ उसकी पीठ अओर चुतदो पर घूम रहे थे तथा....उसका मूह...शास की चेस्ट के साथ छेड़छाड़ कर रहा था ....उत्तेजना चरम पर थी.....चुदाई अपने पूरे योवेन पर पहुँच चुकी थी.....शास अओर मुस्कान का कशाव एक दूसरे पर बढ़ता जा रहा था......मुस्कान का सरीर गुनगुनाने लगा था.....उसकी साँसे लंबी अओर तेज हो रही थी......उसके चूतड़ अब उछाल कर पूरा लंड अंदर लेने की कोशिस कर रहे थे.....धीरे धीरे मुस्कान का सरीर उसका साथ छोड़ने ही वाला था.....वो जाने लगी थी उस दुनिया मैं......जिसके लिए...उसने इतना दर्द झेला था.....उसकी आँखों पर , बेधता दबाव उन्हे बंद होने के लिए मजबूर कर रहा था.......यही स-तिति अब शास की भी हो चली थी.....अब वो डूबने ही वाले थे चुदाई के अंतिम भंवर मैं.....जहाँ शिरफ़ ...अपार शान्ती होता...है चेतना.....भी कुछ देर के लिए सू-न्य हो जाती है........

आख़िर बाँध टूट ही गया......दोनो एक दूसरे मैं सामने की कोशिस मैं....लंड चूत के अंतिम छोर पेर पहुँच कर होली की पिचकाई छोड़ने के लिए तय्यार......अओर चूत बाल्टी भरकर पानी लंड पर उदेलने ही वाली थी......उउउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्म्माआआआआआआआआ ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हुउउउउउउउउउस्म्म्म्म्म्म्म्म्म्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सी ईयियेयीययेयेयीयाथ्हीयीयियूयूवूऊवूऊयूयुयूवयू उउउउउस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स की लंबी धुन...अओर शास अओर मुस्कान पूरी तरह से चिपक गये...दोनो मजबूती से एक दूसरे को अपनी बाहों मैं बँधे हुवे......बंद आँखें.....बस...लंबी..छोटी साँसे अओर उउउउउउउउउउउम्म्म्म्म्म्म्म्म्मीईईईईईईईईह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ह की धुन......फिर उसके बाद एक लंबी शान्ती....को भंग करती तेज तेज साँसे............................एक दूसरे की बाहों मैं बँधे शास अओर मुस्कान............

कुछ देर शास अओर मुस्कान एक दूसरे की बाहों मैं बँधे यूँ ही पड़े रहे.....फिर शास ने अपना मूह मुस्कान के कंधे से निकाल कर मुस्कान को देखा.....वह अब भी शांत थी....शास ने मुस्कान के गुलाबी होंठ एक बार फिर चूम लिए..... अब मुस्कान ने आँखें खोलकर शास की तरफ देखा..... अओर शर्मा कर अपने चेहरे को अपने दोनो हाथों से ढक लिया.....

शास...कया हुवा मुस्कान...????

मुस्कान...कुछ नही....

शास...फिर चेहरा कियूं छुपा लिया....???

मुस्कान...हमे शर्म आती है...

शास....कैसी शर्म,...अब तो हम एक हो चुके हैं.....???

मुस्कान...एक कैसे हुवे...???

शास....लंड तो अभी भी तुम्हारी चूत मैं है...कया ये प्रमाण कम है...???

मुस्कान...चलो हम बात नही करते हैं....

शास...कियूं मुस्कान....बात कियूं नही करती है.....????

मुस्कान... चलो अब हटाओ...हमें छोड़ो.....आप को तो लज्जा नही है हमें तो शर्म आ रही है.......

शास....कया अपनो से शर्म होती है....???

मुस्कान...अब छोड़ो भी....कोई आ गया तो...????

शास ने सोचा ये तो मुस्कान ठीक कह रही है....कोई आ भी सकता है....अओर मुझे अओर मुस्कान को एक साथ देखकर, ??? सब मामला गड़बड़ हो जाएगा.....शास ने लंड को बाहर खिछा...जो फूच की आवाज़ के साथ बाहर निकल आया.....उसके साथ ढेरसारा वीर्या अओर हल्का सा खून मिला वीर्या भी मुस्कान की चूत से बाहर निकालने लगा था.....

मुस्कान...बस अब मन भर गया...???

शास...नही मन तो नही भरा...पर तुम्हारी एक बात ठीक लगी है....अगर कोई आ गया अओर हम दोनो को एक साथ देखार.....सारा मामला बिगड़ जाएगा.....तुम्हारी इस प्यारी सी चूत को तो सो बार चोद कर भी मन नही भरने वाला है.....

मुस्कान की चूत से बहता गर्म लावा....चूत अंदर से कई जगह से छिल गयी थी....अओर पहली चुदाई होने के कारण.....चूत का गुलाबी द्वार अब शुर्ख लाल मैं बदल गया था.....उसका मूह भी अब खुला नज़र आ रहा था.....उस से बहता खून मिला हुवा वीर्या....एसा लग रहा था जैसे ज्वलमुखी के मूह से गरम लावा बहार निकल कर बह रहा हो.......शास ने रुमाल निकाल कर मुस्कान की चूत को सॉफ किया......अभी भी कभी...कभी...चूत का मूह खुल-बंद हो रहा था.....इस द्रस्य को देख कर शास का ढीले पड़े लंड ने फिर ठुमका मार दिया अओर सरसराहट के साथ उसका साइज़ बढ़ने लगा.......शास कभी मुस्कान के कयामत सरीर अओर कभी उसकी चूत पर देखा रहा था......लगता था कि उसके लंड की भूख अभी नही मिटी थी...पर कोई आ जाएगा का डर......उसने मुस्कान के चेहरे की अओर देखा.....जो शास को ही निहार रही थी....आँखें मिलते ही दोनो मुस्कुरा दिए.......

मुस्कान...कया सोच रहे हो शास...???

शास....कुछ नही...बस देखा रहा था की तुम अओर तुम्हारी ये चूत कितनी सुंदर है....

मुस्कान...कया अब भी....????

शास...है.....अब तो अओर जीयादा सुंदर हो गयी ...???

मुस्कान...पहले से जीयादा सुंदर ...???? के. मतलब...????

शास...बस ये समझ लो की अब मैं तुम्है पहले से भी जीयादा प्यार करने लगा....

मुस्कान...मुस्कान ने मुस्कुरकर पूछा...कया पहले कम प्यार था..???

शास...नही....अब अओर जीयादा बढ़ गया है.....

मुस्कान...अच्छा जी....??? मुस्कान की मुस्कुराहट से मानो शास पर बिजलियाँ गिरा गयी हों....कया कामुक मुस्कुराहट थी मुस्कान की.......??? शास तो पहले से ही उसके रूप-योवेन से घायल था....इस पर उसके सरीर मैं अओर बिजलिया सी दौड़ गयी.....मुस्कान ने फिर कहा....ऐसे ही बैठे रहोगे की अब जाओगे भी....??? कया इरादा है जनाब का...???

शास...इरादा तो बुलंद हैं जाने-जान पर वही डर...कि कोई....????

मुस्कान...शास अपनी बात पूरी भी नही कर पाया था, मुस्कान बोल उठी.....आ जाएगा....??? यही ना...??? बड़े डरपोक हो शास तुम तो....???

शास...तुम्हारी वेजेह से ही.....???? तुम्हाइन किशी के सामने सरमिंदा ना होना पड़े....वेर्ना तुम्हे अओर तुम्हारी इस चूत को रात भर चोदने का इरादा था......

मुस्कान... अब नही है कया.....???

शास... मुस्कान के इस सवाल पर शास चोंक गया....???....कया...???

मुस्कान...कया हिन्दी समझ मैं नही आती है....??? अओर मुस्कान ने एक अदा के साथ मुस्कुरा कर मूह दूसरी तरफ फेर लिया....पर बिजली तो वो फिर से गिरा ही चुकी थी.....

शास... आती है अओर शास तुरंत मुस्कान के उप्पेर आ गया....अओर उसके चेहरे को अपने हाथों मैं लेकर मुस्कान के होंठ चूमकर बोला.....जानू-जान मैं तो तुम्हरी इस गुलाब से सुर्ख लाल हुई चूत को चाटने का पहले ही मन बना चुक्का था.....पर अब तो मेरा ये तनटनाता हुवा लंड ही इसकी पप्पी लेगा.........इसको तो बस हिन्दी ही आती है.....एसीलिए ये गुलाबी चूत पर फिदा होकर अब एस्को चूमने के लिए तय्यार है.......इस बीच शास के दोनो हाथ मुस्कान की चुचियों से खेल रहे थे......

मुस्कान...नही शास...कोई आ जाएगा....मैं तो मज़ाक कर रही थी....अब रहने दो...???

शास...तुमने ही कहा था मुस्कान जब ओखली मैं सर दे ही दिया तो अब मूसलों से कया डर्ना??????? अब तो जो भी होगा देखा जाएगा.....मैं तो मान ही चुक्का था....पर ये तो अभी भी नही मान रहा है....शास ने अपने लंड की अओर एशारा करते हुवे कहा.....

मुस्कान...सच क्यो नही कहते की तुम्हारा ही मन अभी नही भरा है.....???

शास...है...डियर मुस्कान...तुम भी तो काहदो...की मन अभी नही भरा...नही भरा...नही भरा...नही भरा....के मन अभी नही भरा......

इस बात पर शास अओर मुस्कान दोनो खिलखिलाकर हंस पड़े......
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