अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete

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shubhs
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by rajaarkey »

ख़ान साहब रजिया और अनुम को देखते हुए-डिनर लगाओ।

रजिया और अनुम अमन को देखते हुए डाइनिंग टेबल पे खाना लगाने लगती हैं। खास तौर पे अनुम तो जैसे जल के राख हो रही थी। अनुम दिल में-“क्या ज़रूरत थी इसे इतना बनठन के आने की, जैसे इसके लिये रिश्ता आया है। मुझे तो देख भी नहीं रहा कमीना कहीं का…”

पाशा खाना खाते हुए-“खाना आपने बहुत अच्छा बनाया है। भाभीजी अब तो बहुत कम ही घर का खाना नशीब होता है। महीने भर आउट डोर जो रहना पढ़ता है।

रजिया मुश्कुराते हुए-“इनका भी यही हाल है…”

पाशा-“सच कहें तो ख़ान साहब आपको फैक्टरी देकर हम बहुत खुश हैं। ऐसा लग रहा है, मानो फैक्टरी घर के किसी मेंबर के पास रहेगी।

ख़ान साहब-“आप बिल्कुल सही फर्मा रहे हैं पाशा साहब और आगे भी आप जब अपनी फैक्टरी में आएंगे तो आपको यही एहसास होगा…”

इन सब बातों से अलग अमन और महक एक दूसरे को चोर नज़रों से देख-देखकर मुश्कुरा रहे थे।

पाशा-“भाई हम तो बाहर ही रहते हैं। फैक्टरी की असली मालकिन तो हमारी बीवी महक है। यही फैक्टरी संभालती है, और यही अमन को ट्रेनिंग देगी। मैं कल अमेरिका जा रहा हूँ, एक महीने बाद आऊँगा। उसके बाद डील फायनल करेंगे।

ख़ान साहब-जैसा आप ठीक समझें।

अनुम से बर्दाश्त नहीं हुआ, इस तरह अमन का महक को घूरना। वो टेबल के नीचे से अमन के पैर पे जोर से पैर मारती है।

अमन-औचक्क।

ख़ान साहब-क्या हुआ बेटा?

अमन-“कुछ नहीं अब्बू…” और अनुम को घूरने लगता है।

खाना खाने के बाद बातें हुईं और पाशा और महक ने जाने का फैसला किया।

महक अमन से हाथ मिलाते हुए-“तो अमन आप कल से फैक्टरी आ जाएं। जितने जल्दी आप सीखेंगे, उतनी आसानी होंगी

अमन महक का हाथ दबाते हुए-“मैं पूरी कोशिश करूंगा कि आपको किसी किस्म की शिकायत नहीं हों…”

महक-“गुड बाय…” महक जान चुकी थी कि लड़का काम का है।

मेहमानों के जाने के बाद रजिया और ख़ान साहब सोने चले जाते हैं। सुबह से काम से रजिया थक चुकी थी।

अनुम अपनी रूम में जाकर आईने के सामने खड़े होकर खुद को देखने लगती है। तभी अमन पीछे से उसके पास खड़ा हो जाता है। अमन अनुम के पीछे खड़ा था।
अनुम-क्या है?

अमन-अच्छी लग रही हो।

अनुम-“हो गया? अब जाओ मुझे सोना है…” और अनुम रूम की लाइट आफ करके बेड पे जाकर बैठ जाती है।

अमन उसके पास जाकर बैठ जाता है-नाराज हो?

अनुम-मैं क्यों होने लगी तुमसे नाराज?

अमन-ये बात मेरे आँखों में देखकर बोलो।

अनुम-“तुम जाते हो कि नहीं? या मैं बुलाऊँ अम्मी को…” अनुम अपनी नज़रें नीचे कर लेती है।


अमन एक गाना गुनगुनाने लगता है-
झुकी झुकी सी नज़र, बेकरार है कि नहीं,
दबा दबा सा सही, दिल में प्यार है कि नहीं,
तू अपनी दिल की जवान धड़कनों को गिन के बता,
मेरी तरह तेरा दिल बेकरार है की नहीं।


अनुम गुस्से से-“ये गाना अपनी मेडम को सुनाना, जिसके चेहरे से तेरी नज़र हट ही नहीं रही थी।

अमन-ऊ हो तो ये बात है? अरे दीदी वो ही मुझे घूर रही थी।

अनुम-हाँ आप तो प्रिंस चार्म्स हैं ना कि लड़कियां आपको देखते ही मर मिटती हैं।

अमन अपने बाल संवारता हुआ-“ये बात तो आपने सोलह आने सही कहा। अब इसमें मेरा क्या कुसूर है?

अनुम-बुरा सा मुँह बनाते हुए-“देख अमन, तुझे मेरी कसम, तू सिर्फ़ फैक्टरी में काम सीखेगा और वो भी उस चुदैल से दूर रहकर…” अनुम के चेहरे पे फिकर और उदासी दोनों साफ नज़र आ रही थी।

अमन मामला समझते हुए-“उफफ्र्फहो दीदी चिंता मत करो। ओके, मैं महक से दूर बैठकर बात करूंगा और कुछ नहीं…”

अनुम गुस्से से-“नाम ना ले उस भूतनी का मेरे सामने। देखा मैंने कैसे हँस-हँस के बातें कर रही थे तुझसे।

अमन अतनम के गले में बाँहें डालते हुए, उसकी आँखों में देख रहा था।

अनुम-“क्या देख रहा है?” जीरो वॉट की लाइट की रोशनी में भी अनुम की आँखें चमक रही थीं।

अमन-“देख रहा हूँ कि मेरी प्यारी सी दीदी मुझसे कितना प्यार करती है…”

अनुम जज्बाती होते हुए-“अपनी जान से भी ज्यादा और मुझसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होता कि तुझे कोई ऐसे घूरे…”

अमन-और जब मेरी बीवी मुझे घूरेगी तब?

अनुम-“मैं क्यों तुझे…” वो बोलते-बोलते रुक गई, उसकी आँखें झुक गई थीं। उसे अपनी कही बात पे पछतावा तो नहीं था, पर एक डर था कि अमन क्या सोचेगा?

अमन गम्भीर हो चुका था। वो अनुम का चेहरा ऊपर उठाता है, और उसके आँखों में गौर से देखने लगता है। फिर धीरे से-“अनुम एक बात कहूँ?”

आज पहली बार अमन ने अनुम को नाम से पुकारा था। अनुम को उसका नाम आज तक इतना अच्छा नहीं लगा था जितना आज अमन के मुँह से। अनुम काँपते लंबों से-बोलो।
अमन-क्या तुम मुझसे प्यार करने लगी हो?

अनुम के होंठ हाँ बोलने के लिये तरस रहे थे। वो बोलना चाहती थी कि वो अमन से कितना प्यार करती है, और दिल ही दिल में अमन को अपना सबकुछ मान चुकी है। और ये प्यार सिर्फ़ जिस्म की भूख का नहीं, बल्की इसमें ज़ज्बात भी मिले हुए हैं। वो सिर्फ़ एक सच्चा प्यार करने वाला ही समझ सकता है। लेकिन अनुम कुछ नहीं कहती।

अमन उसके इतने करीब आ जाता है कि अनुम की साँसों की खुश्बू भी सूंघ सकता था-बोलो ना अनुम?

अनुम-“मैं इस वक्त कुछ नहीं कह सकती अमन। बस इतना ही कहूँगी कि जो फीलिंगस मेरे दिल में तेरे लिये हैं, और रहेंगी, वो शायद ही आने वाली जिंदगी में किसी के लिये हो।

अमन-मुझे महसूस करने दो।

अनुम उसे सवालिया नज़रों से देखते हुए-कैसे?

अमन अपने होंठ अनुम के काँपते होंठों पे रख देता है। अमन ने कहीं पढ़ा था कि अगर किसी की सच्ची मोहब्बत का पता लगाना हो तो उसे एक बार किस करो, उसके तमाम ज़ज्बात जाहिर हो जाएंगे और एक लड़की भी यही चाहती है।

अनुम अमन की इस हरकत से नाराज होने के बजाए उसका साथ देने लगती है। जितने शिद्दत से वो अमन से प्यार करती थी, उतनी शिद्दत से वो अमन को किस कर रही थी। अमन जब भी किसी को किस करता था तो उसके होंठ चूस लिया करता था। मगर इस बार वो अनुम को पूरा मौका दे रहा था, अपनी फीलिंगस बताने का।

अनुम उसके नीचे के होंठ को अपने होंठों में फँसाती, तो कभी दांतों में। वो एक माशूका की तरह अमन के होंठों को चूम रही थी, उसके सांसें फूली हुई थीं, दिल जोरों से धड़क रहा था, मगर वो अमन को छोड़ने को तैयार ना थी। करीब 15 मिनट के बाद वो अमन को छोड़ देती है। दोनों अब ये जान चुके थे कि अनुम क्या सोचती है। और अमन क्या सोचता है।

अमन उठकर चला जाता है।

अनुम उसे जाता हुआ देखती रह जाती है।

अमन अपनी जिंदगी में इतना गम्भीर कभी नहीं हुआ था, जितना आज। वो तो औरत को सिर्फ़ और सिर्फ़ चोदने की मशीन समझता था और औरत पे कैसे काबू पाया जाए यही उसकी सोच हुआ करती थी। अनुम को तो वो सिर्फ़ चोदना चाहता था। उसने ये नहीं सोचा था कि आगे क्या होगा? उसकी लाइफ का एक ही फंडा था-“पटट तो सो, नहीं तो उठकर बैठ…”
पर आज अनुम की उस किस ने उसे एहसास ज़रूर दिला दिया था कि प्यार नाम की भी कोई चीज़ होती है। आज भले ही वो अनुम से उतना प्यार ना करता हो, जितना अनुम उससे करती थी। पर कहीं ना कहीं दिल के किसी कोने में मोहब्बत की एक छोटे से कोंपल ने अपना सिर ज़रूर उठाया था। इन्हें सोचों में गुम अमन सो जाता है।



सुबह 8:00 बजे-

अमन नाश्ता कर चुका था। उसे 10:00 बजे तक फैक्टरी जाना था। पर अभी तो वो गार्डन में सुबह की धूप का मज़ा ले रहा था और महक के साथ आने वाले वक्त को सोच-सोचकर मुस्कुरा रहा था।

रजिया उसके पास बैठते हुए-क्या बात है अमन, आज बड़े खुश लग रहे हो?

अमन-“कुछ नहीं अम्मी बस ऐसे ही…” और वो रुक जाता है। उसे याद आ गया था कि वो तो रजिया से नाराज है।

रजिया मुस्कुराते हुए-अच्छा ये बताओ कि नाश्ते में क्या बनाऊँ? अमन के बदले रवैये ने उसे खुश कर दिया था। उसे लगा कि अमन उसका थप्पड़ भुलाकर नये सिरे से शुरुआत करना चाहता है।

अमन फिर से गम्भीर होते हुए-“कोई ज़रूरत नहीं, झूठा प्यार दिखाने की…”

रजिया का चेहरा उतर जाता है। कुछ पल पहले आई खुशी फिर से गायब हो जाती है-“अमन वो हुआ उसके लिये मैं दिल से शर्मिंदा हूँ। प्लीज़… अमन ऐसा ना कर, तू जानता है ना कि मैं तेरी ये बेरूखी बर्दाश्त नहीं कर सकती। तू वो कहेगा, मैं वो करूंगी, मुझे तेरे और रेहाना के रिश्ते को लेकर कोई परेशानी नहीं अमन…” रजिया ने एक सांस में अपने दिल की बात कह दी थी, वो वो कई दिनों से अमन से बोलना चाहती थी।

अमन दिल ही दिल में-“अरे वाह… कमाल हो गया। जैसे मैं चाहता था ये तो वैसे ही बोल रही है…” फिर अमन ने कहा-“मुझे अब इन सब बातों में कोई इंटेरेस्ट नहीं है। मैं अब जल्द से जल्द अपनी लाइफ सेट करना चाहता हूँ और कहीं दूर चला जाना चाहता हूँ, वहाँ कोई ना हो…”

रजिया का दिल बैठने लगा था। उसे अमन से ऐसी उम्मीद नहीं थी। रजिया की आँखों में पानी आ जाता है।

अमन जब ये देखता है तो उससे रहा नहीं जाता और उसके दिल पे जमी सारी बर्फ एक झटके में पिघल जाती है-“अरे, मैं तो मज़ाक कर रहा था और तुम हो कि रोने लगी?” अमन रजिया के चेहरे को अपने हाथों में थामते हुए उसकी आँखों में देखते हुए-“इधर देखो रजिया…”

रजिया भीगी पलकों से अमन को देखने लगती है।

अमन-“मुझे माफ कर दो, मैंने तुझे बहुत सताया, बहुत रुलाया, मैं तुझे छोड़कर कहीं नहीं जाऊँगा…”

रजिया-प्रोमिस।

अमन-“पक्के वाला प्रोमिस…” और धीरे से रजिया के होंठों पे किस कर देता है।

अनुम सो रही थी और ख़ान साहब नहा रहे थे इसलिये अमन को ये मौका मिल गया था।
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by rajaarkey »

रजिया इतनी खुश थी, जितनी वो पहली बार अपने शौहर से सुहगरात में चुदने के बाद भी नहीं हुई होगी। रजिया अपनी बाँहों में अमन को भर लेती है-“आई लव यू अमन…”

अमन-“आई लव यू टू स्जीट हार्ट…” अमन के हमेशा के अल्फ़ाज़ वो वो रेहाना को भी कह चुका था और ना जाने आगे किस-किस को कहने वाला था। अमन बोला-अब मुझे नाश्ता दोगे कि नहीं, मुझे फैक्टरी भी जाना है।

रजिया अमन के होंठ पे किस करते हुए-“अभी देती हूँ जी…” सुनिए रात को जल्दी घर आएंगे आप और बाइक धीरे चलाएंगे और हाँ लंच भी टाइम पे करेंगे…”

अमन उसके गाल पकड़ते हुए-“साली पक्की बीवी की तरह बोल रही है…”

रजिया-“अब बीवी, बीवी की तरह नहीं बोलेगी तो कैसे बोलेगी?” और दोनों हँसने लगते हैं। दिलों की वो रंजिश खत्म हो चुकी थीं। अब तो बस एक ही चीज़ बाकी रहने वाली थी प्यार प्यार और सिर्फ़ प्यार।

सबेरे 10 बजे-

अमन फैक्टरी पहुँच जाता है। और रिसेप्शन पे एक लड़की को अपना नाम बताता है। वो लड़की अपनी मेडम यानी महक को बताती है।

महक-उन्हें अंदर भेज दो।

अमन केबिन में दाखिल होता है। बेहद खूबसूरत डेकोरेटेड केबिन था, हर चीज़ सलीके से सजी हुई थी। अमन काफ़ी इंप्रेस्ड हो जाता है।

महक-आइए अमन बैठिए। क्या लेंगे आप चाय कोफी? ओह्म्मह… आई एम सारी, मैं भी क्या फार्मल बातें पूछ रही हूँ, होने वाले फैक्टरी के मालिक से।

अमन महक को ही देख रहा था, पिंक सिल्क साड़ी में गजब की लग रही थी, महक होंठों में रेड लिपिस्टिक। अमन दिल में-“साली क्या कयामत है? ये ऊपर वाले ने फ़ुर्सत से बनाया होगा इसे…”

महक अमन को अपने जिस्म को घूरता देखते हुए-क्या हुआ अमन?

अमन-“जी वो… मैं तो कुछ नहीं…” और अमन चेयर पे बैठ जाता है।

महक-“यहाँ बैठिए अमन मेरे पास…” महक उसे अपनी पास वाली चेयर आफर करती है।

अमन दिल में-बेटा क्या कर रहा है? फस्ट़ इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन। और अमन खुद को संभालते हुए-“सबसे पहले महक जी आप मुझे नाम से पुकारें, क्योंकी इससे हमें एक दूसरे को समझने में आसानी होंगी।

महक मुस्कुराते हुए-“ओके अमन, तो तुम भी मुझे महक कहोगे…”

अमन-फाइन महक।

महक अमन को फैक्टरी के बारे में समझाने लगती है। फैक्टरी के वर्कर्स से भी अमन का परिचय करिाया जाता है। अमन एक निहायत ही होशियार और महनती लड़का था। उसे अपने काम में पर्फेक्शन चाहिए थी और फैक्टरी उसके आने वाले फ्यूचर की सबसे अहम सीढ़ी थी, तो वो भी दिल लगाकर सब कुछ ठीक से समझना चाहता था। वो हर चीज़ को बड़े ध्यान से नोट करता जा रहा था।

जिसे महक ने भी नोटिस किया। वो जान चुकी थी कि अमन एक परफ़ेक्ट इंसान बनने के कगार पे खड़ा है। बस उसे सही गाइडेन्स की ज़रूरत है। महक अपने माँ-बाप की एकलौती औलाद थी। उसके मम्मी-पापा एक बिजनेसमैन थे, वो चाहते थे कि महक भी बिजनेस करे। उनके इसी सपने को पूरा करने कि लिये महक ने एम॰बी॰ए॰ किया। पर किस्मत देखिए कि जब वो अपनी खुद का बिजनेस शुरू करना चाहती थी, उसी वक्त उसके मम्मी-पापा की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। उसे जिस इंसान ने सहारा दिया, वो था पाशा।

पाशा महक का खालाजाद भाई था। उसकी पहले बीवी मर चुकी थी और उसे भी एक नये जीवनसाथी की तलाश थी। उनकी शादी को कई साल हो चुके थे, पर पाशा के बच्चे ना पैदा कर पाने के कारण उन दोनों में दूरियाँ बढ़ती जा रही थी।

रात 8:00 बजे-

अमन पूरी फैक्टरी का इनस्पेक्सन करके महक के केबिन में आकर बैठ जाता है। आज उसने बहुत सी चीज़ें सीखी थी।

महक उसे काफी आफर करते हुए-लो अमन काफी पिओ। चलो किसी रेस्टोरेंट में डिनर करने चलते हैं।

अमन-“नहीं अब मैं चलता हूँ महक, लेट हो जाएगा…”

महक-“ओह्म्मह… कम ओन अमन, डोंट बिहेव लाइक आ चाइल्ड…”

अमन-ओके चलो।

महक-“ये हुई ना बात…” और दोनों डिनर करने चल देते हैं।


होटेल स्काइ लाक़-

अमन और महक डिनर के लिये रेस्टोरेंट पहुँच जाते हैं। जैसे तो अमन कई बार अपने दोस्तों के साथ इस रेस्टोरेंट में आ चुका था, पर ना जाने क्यों उसे नर्वसनेस महसूस हो रही थी।
महक एकदम नॉर्मल बिहेव कर रही थी।

अमन एक टेबल बुक करता है, और दोनों वहाँ बैठकर डिनर ऑर्डर करते हैं। खाना खाते वक्त महक अमन को देख रही थी। पर अमन का ध्यान सामने डान्स फ्लोर पे था वहाँ कुछ जोड़े और कुछ लड़के-लड़कियां डान्स कर रहे थे। वहाँ थोड़ा अंधेरा था और एक हल्का म्यूजिक बज रहा था।

खाना खाने के बाद महक ने कहा-“क्या हुआ अमन, डान्स करने का इरादा है क्या किसी के साथ?”

अमन किसी और के साथ क्यों? जब मेरे सामने एक एंजल (परी) बैठी है।

महक मुस्कुराते हुए-“तो तुम मुझे इन डाइरेक्ट डान्स के लिये बोल रहे हो?”

अमन मुस्कुराते हुए-“तो ठीक है, डाइरेक्ट बात करते हैं। क्या तुम मेरे साथ उस कोपचे (कॉर्नर) में डान्स करना चाहोगी?”

महक खिलखिलाकर हँसते हुए-कोपचे में… मतलब क्या?

अमन-“आह्म्मह… कुछ नहीं चलो…” और अमन उसकी तरफ हाथ बढ़ाता है।

महक अमन का हाथ अपने हाथ में लेते हुए-“चलो…” और दोनों डान्स फ्लोर पे पहुँच जाते हैं। हालांकी दोनों को डान्स कुछ खास नहीं आता था, मगर फिर भी दोनों धीरे-धीरे एक दूसरे को कंपनी दे रहे थे। अचानक एक रोमांटिक म्यूजिक बजने लगता है।

अमन अपना एक हाथ महक के पीछे उसके पीठ पे रख देता है, और उसे अपने करीब कर लेता है। महक अमन के कंधे पे हाथ रखे हुए थी। दोनों एक दूसरे की आँखों में देखकर डान्स कर रहे थे।

अमन-एक बात कहूँ महक?

महक-ह्म्मम्म्म्म।

अमन-देखो अगर बुरा लगे तो आई एम सारी, लेकिन मैं एक साफ दिल का इंसान हूँ, वो दिल में होता है। वही जीभ पे।

महक मुस्कुराते हुए-अब बोलो भी अमन।

अमन-“तुम बहुत खूबसूरत हो और तुम्हें पता है, सबसे ज्यादा खूबसूरत तुममें क्या है?

महक-क्या?

अमन उसे अपने से थोड़ा और सटाते हुए-“तुम्हारे आँखें। जब भी तुम्हारी आँखें में देखता हूँ तो मुझे लगता है मैं इनमें डूब के मर जाऊँ…”

महक गम्भीर होते हुए-सच अमन?

अमन-बिल्कुल सच।

दोनों एक दूसरे की आँखों में ही देख रहे थे। ना जाने कितने सवाल थे उन दोनों की आँखों में, ना जाने कितनी ख्वाहिशें, अचानक लाइट ओन हो जाती है, और दोनों चौंक जाते हैं।
महक-हमें चलना चाहिए।

अमन-हाँ।

और दोनों बाहर कार के पास पहुँच जाते है। महक का ड्राइवर कार ही में बैठा था।

अमन-एक बात कहूँ महक?

महक-“मैं एक बात कहूँ? तुम मुझसे ये मत कहा करो कि एक बात पूछूं? तुम्हारा वो दिल कहे, वो बोला करो। प्लीज़ इजाजत मत मांगो, ओके…”

अमन-ठीक है बाबा। मैं ये कह रहा था कि तुम्हें ड्राइविंग नहीं आती क्या?

महक-नहीं मुझे नहीं आती, तुम्हें आती है?

अमन-हाँ… मैंने अपने दोस्त की कार कई बार चलाई है। उसने मुझे सिखाया था कार चलाना।

महक-मुझे सिखाओगे?

अमन-क्यों नहीं?

महक-कब?

अमन-जब तुम कहो।

महक-ठीक है, हम कल से कार चलाना सीखेंगे यहाँ एम॰जी॰रोड है, वहाँ कोई नहीं आता। मेरा मतलब है कि वहाँ इतना रश नहीं होता।

अमन-ठीक है।

फिर दोनों कार में बैठ जाते हैं। महक बोली-पहले मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ देती हूँ।

अमन-ओके, लेकिन मुझे रास्ते में कुछ दवा लेनी है।

महक ड्राइवर से-“रास्ते में मेडिकल शाप में गाड़ी रोक देना…”

ड्राइवर-ओके मेडम।

अमन मेडिकल से कुछ सामान लेने उतर जाता है। और उसे अपनी पाकेट में रख देता है। महक अमन को उसके घर ड्रॉप कर देती है। और दोनों एक दूसरे को फार्मल से बाइ कहते हैं।
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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