शरीफ़ या कमीना

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ritesh
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Re: शरीफ़ या कमीना

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आज दीपू भैया और तनु से फ़ोन पर बातें हुईं और फ़िर दीपू भैया का मेल आया, पेरिस से। उद्देश्य था कि वो फ़ोटो भेजें। उन दोनों की करीब ८० फ़ोटो थी। उन्होंने सब को जिप करके भेजा था और साथ में एक लिंक भी दिया था ड्राईव का एक मैसेज के साथ कि वहाँ पर विडियो है, अगर देखना चाहो तो। मम्मी-पापा दोनों खुब जोश में थे कि बेटी हनीमून पर पेरिस गई थी। हमारे परिवार में या आस-पास से भी कोई ऐसे हनीमून पर नहीं गया था। उन फ़ोटो को देखने के लिए मैं भी एक्साईटेड था, पर नेट का तो ऐसा ही है, जब आप सबसे ज्यादा उसकी सेवा लेना चाहेंगे तभी वो ससुरा धीमा हो जाएगा। करीब ६८ एमबी का जिप फ़ाईल डाऊनलोड होने का नाम ही नहीं ले रहा था। मम्मी-पापा को भी जल्दी पडी थी कि वो कब अपने बेटी-दामाद के हनीमून की फ़ोटो देखेंगे। पता नहीं क्यों मुझे लग रहा था कि कहीं उन फ़ोटो को मम्मी-पापा के सामने खोलना नहीं चाहिए, सो मैं कन्नी कटाने की कोशिश करते हुए बोला -


मै: अभी नेट बहुत धीमा है, शाम में ट्राई करता हूँ... फ़िर आपलोग को फ़ोटो दिखा दूँगा।
मम्मी: अरे बेटा, जरा एक बार और ट्राई कर लो ना.... चार दिन हो गया है बेटी का मुँह देखे हुए।

पापा के चेहरे पर भी कुछ ऐसा ही भाव था, तो मैंने फ़िर से ट्राई किया और लिंक पर क्लिक कर दिया। इसबार नेट मेहरबान हुआ और करीब ७ सेकेण्ड में वो जिप फ़ाईल मेरे कंप्यूटर पर था। मैंने नेट की स्पीड का लाभ लेते हुए उस विडियो वाले लिंक पर भी क्लीक कर दिया और जब तक वो डाऊनलोड हो रहा था तब तक जिप फ़ाईल को "तनु-हनीमून" नाम के फ़ोल्डर में खोल लिया।


मम्मी-पापा दोनों अब पूरे ध्यान से मेरे कम्प्यूटर स्कीन पर नजर गराए हुए थे और मैंने भी खुशी-खुशी "फ़ोटो-००१" को क्लीक कर दिया और सामने तनु दिखी एफ़िल टावर के सामने खडी हुई। गहरे चटख पीले रंग की लेगिंग्स और हरे रंग के गोल गले के टी-शर्ट में। मैंने अब F11 दबा कर स्लाई-शो चला दिया और अब बारी-बारी से एक-एक फ़ोटो करीब दस सेकेंड के अंतराल पर बदलने लगा। करीब ३० फ़ोटो निकल गया और सब में तनु या दीपू भैया या दोनों दिख रहे थे। कभी सडक किनारे खाना खाते, कभी बाजार में घुमते, एक कपडे की दुकान से शायद उन्होंने खरीदारी की थी, तनु एक फ़्रौक को अपने कंधों से लगा कर ऐसे नाप रही हो। उसी दुकान पर तनु के पीछे कई तरह की पैन्टी शो-केस में लगी दिख रही थी। मेरी नजर तो अब तनु से हट कर उन्हीं टुकडों पर थी। मम्मी-पापा अपनी लाड़ली बेटी को ऐसे खुश देख कर गदगद हो रहे थे। तभी एक फ़ोटो आ गया जिसमें दोनों एक बड़ी सी बिल्डिंग की सीढी पर बैठ कर एक-दूसरे को चूम रहे थे। ऐसा नहीं था कि वहाँ सिर्फ़ वही दोनों थे, आसपास भी कई जोड़ा थ्हा जो चुम्मा लेने में मग्न था, पर इसके साथ के अगले फ़ोटो में दोनों के चहरे का क्लोज-अप था और साफ़ दिख रहा था कि तनु की जीभ दीपू भैया के मुँह के भीतर है। मम्मी-पापा अब थोडा घबडाए, पर तभी फ़ोटो बदल गया और अगला फ़ोटो सामान्य था दोनों एक-दूसरे के हाथ को पकड़ कर ऊपर उठाए खडे थे।


अचानक मैंने गौर किया कि "नेक्स्ट पिक" के नाम में एक "X'' जोडा गया है, यह शायद कोई इशारा था, पर अब मैं जबतक कुछ सोचूँ वो फ़ोटो स्क्रीन पर था। वो फ़ोटो उनके होटल के कमरे का था जिसमें तनु शायद नहा कर बाथरुम से बाहर आई थी और उसके बदन पर सिर्फ़ एक तौलिया था, जो शायद थोड़ा कम चौड़ा था। उस फ़ोटो में तनु की करीब २५% चुच्ची तौलिये के ऊपर से दिख रही थी और ऐसे नीचे से लपेटने के कारण उसकी चूत अभी ढ़की हुई थी, पर उसकी गोरी पतली सी पुष्ट जाँघ स्पष्ट दिख रही थी। तनु ने मुस्कुराते हुए अपने दाहिने हाथ की बीच वाली ऊँगली ऊपर कर रखी थी, पता नहीं चल रहा था कि वो चुदने के बाद नहा कर आई थी या चुदाने के लिए नहा कर आई थी.... पर उसके पोज से लग रहा था कि अब इसके बाद आदम और हव्वा वाला खेल खेला गया था शायद। अगली फ़ोटो में वो बिस्तर पर बैठी दिखी, पैर उसने मोड़ा हुआ था जिससे उसकी चूत नहीं दिखी, पर एक तरफ़ झुके होने की वजह से उसके एक चुतडा का दीदार लगभग आधा हो रहा था उस फ़ोटो में। उस चुतड़ पर एक काला तिल साफ़ दिख रहा था और मम्मी तब बोली भी, "ये तिल इसके बदन पर बचपन से रह गया... है न जी?" वो मेरे पापा से पूछी, और पापा अब वहाँ से खिसक लेना चाहते थे कि अगली फ़ोटो फ़िर सामान्य आ गयी तो वो रुक गये। फ़ोटो-६२ अब सामने था। एक बार फ़िर हम सब आराम से फ़ोटो देखने लगे और तभी फ़िर ७०वें फ़ोटो में हमने देखा कि एक समुद्र है और करीब ३० लोग उसमें खेल रहे हैं, उसमें न दीपू भैया दिखे और ना ही तनु। यह फ़ोटो था उनका पलोमा बीच पर का। अगले फ़ोटो में तनु एक नीले टू-पीस बिकनी में समुद्र के सामने खड़ी मुस्कुरा रही थी, जबकि उसके ठीक पीछे एक जवान लड़की दिख रही थी जो सिर्फ़ एक पैन्टी पहने थी। मम्मी अब थोडा असहज हुई।
मेरा क्या है जो भी लिया है नेट से लिया है और नेट पर ही दिया है- (इधर का माल उधर)
शरीफ़ या कमीना.... Incest बदलते रिश्ते...DEV THE HIDDEN POWER...Adventure of karma ( dragon king )



ritesh
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Re: शरीफ़ या कमीना

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मम्मी: कैसा-कैसा जगह ये दोनों चला गया है?
पापा: अब यूरोप में है तो समुद्र किनारे ही न जाएगा। मंदिर थोडे न घुमेगा....

मैं यह सुन कर मुस्कुराया। अगली फ़ोटो में दीपू भैया अपने एक शौर्ट्स में बालू पर बैठे हुए दिखे और उनके एक तरफ़ एक लडकी पूरी नंगी लेटी हुई थी और उसका साथी उसकी मालिश कर रहा था शायद। गनीमत था कि वो पेट के बल लेटी थी, पर उसकी सुन्दर गोरी मस्त गाँड का नजारा क्या जबरद्स्त था यार। अगली फ़ोटो (नं ७३) में दीपू भैया बालू पर सीधा लेटे दिखे और तनु उनके ऊपर लेटी हुई थी उसी टू-पीस बिकनी में और उनके होठ को चूम रही थी। इस फ़ोटो में हमने उसके बिकनी को पीछे से देखा। पीठ पर एक पतली सी डोर, और ऐसी ही पतली डोर उसकी चुतड़ की फ़ाँक में से गुजरा हुआ था, वो अब पीछे से ९९% नंगी दिखी।

मम्मी: छी:.... कैसी बेशर्म हो गयी है यह लड़की.... बताओ तो जरा!!!!!!!!

मैं चुप, मुझे तो उसको बेशर्म बनाने का ठीका मिला था दीपू भैया की तरफ़ से।

पापा: अरे मालती, अब यह सब सोचना छोडो.... अब तो उसका पति जिसमें खुश वही सही है।
मम्मी: हाँ.... पर, ऐसे भी कोई फ़ोटो खींचता है भला.... अब इस फ़ोटो को तो कोई और से ही खींचवाया होगा ना।

अगली फ़ोटो में तनु नीचे बालू पर अपने बाँहों को बगल में फ़ैलाए लेटी थी और दीपू भैया उसकी नाभी को चूम रहे थे। मम्मी से अब वहाँ रहना मुश्किल हो रहा था तो बोली, मैं चाय बनाने जा रही हूँ, अब कितना फ़ोटो बचा है? मैंने जवाब दिया - पाँच (फ़ोटो -७५) स्क्रीन पर था, दोनों अब समुद्र में घुटनों तक पानी में दिख रहे थे। मम्मी चली गयी, एक तरह से अच्छा ही हुआ क्यों कि इसके बाद के पाँचों फ़ोटो में तनु ने एक-के-बाद-एक गजब के सेक्सी पोज दिए थे। फ़ोटो-७६ में उसने अपना ब्रा उतार दिया था और अपने बाँए हाथ में अपनी ब्रा पकड कर अपबे दाँए हाथ से अपनी चुच्चियों को ढक रखा था। इस फ़ोटो में न चाहते हुए भी उसकी एक चुच्ची करीब ७०% दिख रही थी जबकि दूसरी ठीक-ठाक ही ढकी हुई थी। इसके बाद की फ़ोटो में वो टाईटैनिक पोज दे रही थी, पीछे दीपू भैया भी थे, पर सामने खड़ी तनु की दोनों गोल-गोल ठ्स्स चुच्चियाँ तेज धूप में चमक रही थी। मुझे पता था कि पापा आज पहली बार अपनी जवान बेटी की चुच्ची को ऐसे खुले में देख रहे थे। मुझे बुरा भी लग रहा था कि मैं पापा के साथ अपनी बहन को ऐसे देख रहा हूँ, पर जब पापा ही चुप थे तो मैं क्यों कुछ बोलता। फ़ोटो-७८ में तनु अपने दोनों हाथों के अँगुठे को अपने पैन्टी के दोनों तरफ़ फ़ँसा कर खडी थी कि कब इशारा हो और वो पैन्टी उतारे। मैं अब सच में घबड़ा गया, क्या तनु ऐसे ही नंगी हो कर फ़ोटो खींचवा कर भेज दी है हमसब के लिए। फ़ोटो-७९.... तनु का फ़ोटो पीछे से था, पूरी नंगी.... उसके एक हाथ में उसकी पैन्टी झुल रही थी। अब आखिरी फ़ोटो... मैं भगवान को याद करने लग गया था और यह फ़ोटो शायद सबसे आर्टिस्टिक था। दीपू भैया और तनु दोनों एक-दूसरे से चिपके हुए थे, पूरी तरह से नंगे और सामने कैमरे में देखते हुए मुस्कुरा रहे थे। उनहोंने कैमरे के लिए अपने ऊँगलियों से V का निशान बनाया हुआ था। तनु की एक चुच्ची दीपू भैया के सीने से दबी हुई दिख तो रही थी, पर न तो उसका कोई निप्पल किसी फ़ोटो में दिखा था और ना ही उसकी चूत। पापा पता नहीं क्या सोच रहे थे, पर मेरी इज्जत बच गई और पापा के सामने तनु की चूत को मुझे नहीं देखना पड़ा। मेरी छॊटी बहन सच में मस्त गुडिया बन गई थी हनीमून पर जा कर।

मैं अब समझ रहा था कि ऐसे सब के साथ विडियो देखना खतरे से खाली नहीं है, क्या पता वो क्या भेजें होंगे, तो मैं अपना कम्प्यूटर बन्द करने लगा। मम्मी भी चाय ले कर मेरे ही कमरे में आ गई।

मम्मी: बताओ तो भला, कोई ऐसी फ़ोटॊ खींचता है, तनु उसकी बीवी है और तनु भी तो.... कैसी हो गई है शादी के बाद।
पापा: अब समय बदल गया है मालती। वैसे भी कहा गया है, जैसा देश वैसा भेष.... तो वो दोनों भी तो फ़्रांस में हैं।
मम्मी: हाँ..... ठीक है, पर फ़िर भी कुछ तो लिहाज करना था ना। बताओ तो यहाँ भेज रही है यह सब। घर में दो-दो मर्द हैं, जरा
भी ख्याल नहीं आया?
मै: अब छोड़ों भी मम्मी... आप भी ना, क्या सब बात ले कर बैठ गयीं। तनु खुश है शादी के बाद.... बस इतना ही हमारे लोग के
लिए काफ़ी है।
मम्मी: हाँ, ऐसे नंगी खडी हो कर रिझाएगी तो कोई भी मर्द उसको खुश रखेगा ही, दीपू तो वैसे भी उसका पति है।
पापा: क्या बोल रही हो मालती, तुमको मैंने खुश नहीं रखा है क्या? तुम कौन सा मुझे रिझा रही होती हो?

हम बाप-बेटे उनकी इस बात पर ठहाके लगाने लग गए और मम्मी बेचारी झेंप गई।
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ritesh
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Re: शरीफ़ या कमीना

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मम्मी का मूड अब कुछ-कुछ सही होने लगा था और पापा उनको समझाते हुए बोले।
पापा: मालती अब इस सब बातों पर ज्यादा ध्यान मत दो भई। बेटी की शादी हो जाने के बाद बेटी को उसके दामाद के हिसाब से
रंग जाने का मौका दो। अब अगर दीपू को ऐसी ही तनु पसंद है तो हम क्यों आपत्ति होनी चाहिए। अब तो दोनों एक-दूसरे के
साथ खुश रहें, बस यही हमारी इच्छा होनी चाहिए।
मम्मी: हाँ, आप ठीक कह रहे हैं... फ़िर भी, क्या ऐसी फ़ोटो उसको इस तरह हमारे पास भेजनी चाहिए? समधी-समधिन जी के
पास भी यही सब फ़ोटो भेजा होगा उन्होंने तो, सोच कर देखो...? फ़िर उस घर में एक कुँवारी बेटी भी है, बब्ली...।
पापा: यह बात भी ठीक है.... पर छोड़ो न उस घर की बात, वहाँ क्या भेजें या ना भेजें यह सब दीपू का काम है, न कि मेरी तनु
का। बब्ली उनलोगों की जवाबदेही है, न कि हमारी।

मम्मी को बब्ली का जिक्र आने के साथ थोडा बेहतर लगा, क्योंकि तब उनको लगा कि उनका समधियाना उनसे ज्यादा पेशोपेश में पड़ा होगा, अगर वो लोग भी यही सब फ़ोटो देख रहे होंगे। हरेक को अपने दुःख कम लगने लगता है अगर सामने वाला का दुःख अपने दुःख से बड़ा दिखे। हालाँकि मुझे कोई फ़र्क नहीं पड रहा था, मुझे पता था कि तनु हो या बब्ली.... दोनों को अब ऐसी फ़ोटो से कोई खास फ़र्क नहीं पडने वाला। वो दोनों ही लड़कियाँ हम तीनों लडकों के साथ चुदाई कर चुकी हैं और वो भी बेहिचक, एक-दूसरे की उपस्थिति में। वैसे मेरे बोलने को कुछ था नहीं अपने मम्मी-पापा के बीच में, सो मैं चुपचाप चाय की चुस्की लेता रहा और सोचता रहा कि विडियो में क्या सब है। थोडी देर में चाय खत्म होने के बाद मम्मी कप वगैरह समेट यह कह कर चली गई कि अब मैं नास्ता बनाने जा रही हूँ. आप दोनों नहा-धो कर तैयार हो जाइए। उनके जाने के बाद मैंने पापा के साथ एक रिस्क लिया।

मैं: पापा... तनु जो दो विडियो भेजी है, वो भी डाऊनलोड हो गया है। देखना है क्या?
पापा: हाँ... हाँ... क्यों नहीं? अभी ही चला लो, मम्मी भी अब किचेन में ही है। कहीं कुछ ऐसा-वैसा देख लेगी अगर विडियो में तो
फ़िर से हंगामा खडा कर देगी।
मैं: अब क्या ऐसा-वैसा.... तनु समझदार है, जो भेजी होगी, देख-समझ कर भेजी होगी।

यह कहते हुए मैंने पहली क्लीप चला दी। यह क्लीप उनके बीच वाले रिसार्ट की थी। लोग घूम-टहल रहे थे, रंग-बिरंगी तितलियाँ... उससे भी ज्यादा रंग-बिरंगी बिकनी में खिलखिलाती। उनके साथी उन्हें कहीं गोद में ले कर चुम रहे थे तो कहीं उनकी मालिश कर रहे थे, कुछ अधनंगे तो कुछ पूरे नंगे। मुझे थोडा असहज लग रहा था कि मैं यह सब पापा के साथ देख रहा हूँ और पापा को भी शायद, तभी वो बोले।

पापा: वैसे अगर कहा जाए तो तनु को यह सब ऐसा नहीं भेजना चाहिए था। थोड़ा ओवर है.... नहीं?
मैं: जी पापा..... पर शायद माहौल का असर हो...
पापा: हाँ.... हो सकता है। वैसे भी जैसा देश, वैसा भेष। अब जब सब यहाँ ऐसे हीं है तो बेचारी साड़ी थोडे ना पहनेगी बीच पर।
मैं: जी पापा। वैसे तनु ने जो भी फ़ोटो भेजा है, इतना ख्याल रखा है कि उसका कोई भी प्राईवेट पार्ट किसी फ़ोटो में ना दिखा जरा
भी, वर्ना यहाँ का माहौल तो दिख ही रहा है कि कैसा है। (तब विडियो में एक जोडा की चुदाई दिखी, पर जरा सा पाँच-सात
सेकेन्ड के लिए।)
पापा: हाँ.... फ़िर भी बाकी के लिए नहीं पर, लास्ट फ़ोटो तो... यार-दोस्तों के लिए ठीक है, पर अपने माँ-बाप-भाई को भेजने
लायक नहीं था। वो थोड़ा ज्यादा ही खुला हुआ था और कुछ सोचने के लिए बाकी ही नहीं था।
मैं: अच्छा छोडिए, अब जो भेज दी... सो भेज दी। हनीमून पर गये हैं तो यही सब न करेंगे वहाँ।
पापा: बदमाश...... तनु तुम्हारी छोटी बहन है।

उन्होंने "छोटी" पर जोर देकर कहा था और मैंने भी उसी फ़्लो में कह दिया।

मैं: अगर "बडी" बहन होती तब यह सब भेजना उसका ठीक हो जाता?
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ritesh
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Re: शरीफ़ या कमीना

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हमदोनों एक-दूसरे को देखकर हँसने लगे और तभी वो विडियो खत्म हो गया। दूसरा विडियो के नाम में फ़िर मुझे XX जुडा हुआ दिखा और मैं जरा हिचका। पर पापा के चेहरे से लगा कि वो अब उस विडियो को भी देखना चाह रहे हैं तो मैंने भी उसको चला दिया। यह विडियो उनके होटल के कमरे का था, बिस्तर पर तनु नीचे लेटी हुई थी और दीपू भैया उसके ऊपर चढकर उसको चोद रहे थे। सोचने के लिए कुछ भी बाकी नहीं था इस विडियो में। गनीमत बस इतना ही था कि विडियों में दोनों का आधा शरीर ही दिख रहा था सर से पेट तक। दीपू भैया के धक्कों के साथ तनु भी हिल रही थी। उसका सर कभी एक तरफ़ तो कभी दूसरी तरफ़ घूम रहा था। आँख बन्द और चेहरे के भाव से साफ़ लग रहा था कि वो मस्त हो कर चुद रही है। कभी-कभी उसकी गोल नंगी चुचियाँ भी दिख जा रही थी। करीब दो मिनट का विडियो था....और साफ़ लग रहा था कि तनु खुद अपने हाथों से अपने जाँघ खोल कर चुदा रही है। उसकी आह-आह-ओह-ओह की आवाज विडियो में साफ़ सुनाई दे रही थी। हर बीतते क्षण के साथ मेरा दिमाग खराब हो रहा था कि कहीं उसकी चुद रही चूत ना दिख जाए। बेचारे पापा का होठ सुख गया था। वो बेचारे भौंचक हो कर अपनी बेटी की हनीमून पर ऐसी चुदाई देख रहे थे। हम दोनों बस चुपचाप देखते रहे और विडियो अंत हो गया और तब एक मैसेज दिखा जो तनु की तरफ़ से था।

"थैंक्यू पापा... थैंक्यू मम्मी.... मैं इनसे शादी करके बहुत खुश हूँ। अब इन्हीं के साथ मेरा परिवार होगा। आपने मेरे लिए जो सब किया उसका एक बार फ़िर से धन्यवाद.... भैया को प्यार। आपसब ने मेरे लिए बहुत अच्छा जीवनसाथी चुना है....थैंक्स अ लौट.... आपकी तनु", और यही स्क्रीन अंत में स्थिर हो गया। पापा ने थूक गटकते हुए कहा, "यह विडियो तुम हटा दो, किसी भी हाल में मालती ना देख पाए, वर्ना वो गदर मचा देगी..... तनु भी ना....क्या कहा जाए"। बेचारे अब कमरे से बाहर निकल गए और मैंने उस विडियो को अपने प्राईवेट फ़ोल्डर में मूव कर दिया।

दिन में खाकर आराम करते समय मैंने बब्लू को बता दिया कि हमें कुछ फ़ोटो और दो विडियो क्लीप तनु ने भेजी है आज। मैंने फ़िर सुबह उनको देखते हुए जो-जो हुआ सब बताया। बब्लू तब बोला।

बब्लू: लगता है जिस विडियो क्लीप में दोनों सेक्स कर रहे हैं उसी का पूरा विडियो उन्होंने मेरे इ-मेल पर भेजा है। पूरे ३४ मिनट
का विडियो है, घनघोर चुदाई वाला। लगता है दोनों ने अपने-अपने मोबाइल से दो अलग-अलग वर्जन फ़िल्माया है। वैसे बाकी
की कई फ़ोटो और विडियो उन्होंने बब्ली की इ-मेल पर भेजी है, साथ में एक नोट भी कि पहले वो देख ले और फ़िर कुछ
फ़ोटो को हटा कर मम्मी-पापा को दिखाए। बीच पर दोनों की नंगी फ़ोटो भी हैं कुछ उस सेट में, और कुछ चुम्मा-चाटी वाली,
जो हमने मम्मी-पापा को नहीं दिखाया है। वो विडियो जो मेरे पास उन्होंने भेजा है, वो इतना गर्म है कि मुझे भी हिम्मत
नहीं पडी के एकबारगी से बब्ली को दिखा दूँ। एकदम पूरा ब्लू-फ़िल्म है तुम्हारी बहन का यार.... मस्त चुदी है।

बब्लू की ऐसी बात सुनकर मेरा लंड ठनक गया। मैंने उसको बोला।

मैं: ठीक है, शाम को मिलते हैं... मैं अपने पास वाली विडियो लेता आऊँगा, न होगा तो वही बब्ली को दिखा देंगे.... उसमें उनके
पेट तक ही हिस्सा दिखा है और है भी सिर्फ़ २ मिनट के करीब।
बब्लू: आओ ना... न होगा तो फ़िर से आज उनकी सुहागरात देखेंगे साथ में।
मैं: ठीक है.... वैसे तू तो साले अब बब्ली के साथ खुब मजे कर रहा होगा।
बब्लू: कहाँ यार...? वो अभी भी मेरे से बिदकती रहती है। ऊपर-ऊपर से करवाएगी सब, पर कहती है कि इस तरह से वो अपने
भाई से खुल कर हमेशा नहीं कर पाएगी। कहती है कि मेरे साथ महिने में एक-बार ही बहुत है, और इस माहिने का मेरी कोटा
हो गया है।
मैं: ठीक है फ़िर... आता हूँ शाम को तो उसको चोद दूँगा एक बार। मेरा लंड भी किसी चूत के इंतजार में सूख गया है यार"।
मेरा क्या है जो भी लिया है नेट से लिया है और नेट पर ही दिया है- (इधर का माल उधर)
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