Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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koushal
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Re: Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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रीमा को जितेश की बडबडा हट से कोई लेना देना नहीं था - जितेश मुझे दर्द हो रहा है बहुत दर्द हो रहा है क्या मिलेगा तुम्हें मुझे इतनी तकलीफ देकर |
जितेश - इस तकलीफ के आगे ही तो सारे मजे का संसार है|
रीमा - नहीं चाहिए मुझे ऐसा मजा जो इतनी तकलीफ देने के बाद मिले | बेबी मेरी गांड बहुत दुख रही है बेबी प्लीज मत करो |
जितेश - थोड़ा सा बर्दाश्त करो बेबी इसके बाद में तुम्हारी गांड में कभी दर्द नहीं होगा |
जितेश - मैं तुम्हारी गांड को हमेशा के लिए ट्रेनिंग दे रहा हूं ...........थोड़ी तो तकलीफ उठाओ न बेबी |
जितेश - जब तुम्हारे जिस्म में बड़े-बड़े लंड चारों तरफ से घुसेंगे तो उस वासना की आग को बुझाने के लिए तुम्हारे जिस्म की सुरंगों को मजबूत होना पड़ेगा बेबी | मैं बस तुम्हारी गांड को मजबूत बना रहा हूं ताकि आगे चलकर वह बड़े से बड़ा लंड आसानी से घोंट जाए बेबी | बस उस हद तक गांड मरवा लो | इसके बाद तुम्हारी गांड की मांसपेशियां मजबूत हो जाएगी तुम्हारी गांड की दीवारें मजबूत हो जाएंगी और तुम्हारी गांड का छल्ला नरम और फ्लैक्सिबल हो जाएगा | उसके बाद में तुम कितना भी बड़ा लंड इसमें लोगी वह खुशी-खुशी अपने अंदर पूरा लंड घोंट लेगी | तुमारी गुलाबी दीवारे मजबूती से उसे जकड़ देगी |
जितेश - अब तुम्ही बताओ जब तक अपनी कसी गांड को ट्रेनिंग नहीं दोगे तब तक कैसे वो मजबूत होगी और मोटे से मोटे लंड को घोटेगी |
रीमा - मैं भी क्या करूं मैं जितना बर्दाश्त कर सकती हूं कर रही थी लेकिन अब बर्दाश्त से बाहर हो रहा है बेबी बहुत दर्द हो रहा है मैं इस दर्द को नहीं बर्दाश्त कर सकती प्लीज मत मारो मेरी गांड रुक जाओ ना क्यों इतनी तकलीफ दे रहे हो आखिर क्या मिल रहा है तुम्हें मुझे इतनी तकलीफ देकर ..............क्या तुम अपनी रीमा को इतनी तकलीफ देना चाहते हो जिसे तुम इतना दिलो जान से चाहते हो | मेरी गुलाबी चूत मार लो ना बेबी प्लीज मत करो पीछे बहुत दर्द हो रहा है | अभी बेबी मेरी चूत में डाल दो बेबी प्लीज |

जितेश भी अपनी हवस की जिद पर अड़ा था | जितेश बस सुपाडा ही अन्दर बाहर कर रहा था लेकिन रुक नहीं रहा था - नहीं बेबी मुझे तुम्हारी गाड़ ही मारनी है मैं नहीं चाहता कि तुम वासना की ऐसी आग में तड़पती रहो | मुझे पता है तुम्हारी वासना की आग तब तक नहीं बुझेगी जब तक तुम्हारी गांड ढ़ंग से नहीं मारी जाएगी और बेबी इसीलिए मैं तो बस तुम्हारी गांड को ट्रेनिंग दे रहा हूं ताकि वह अच्छी तरह से मैदान में उतरने के लिए तैयार हो सके | वहां तो तुम्हें ऐसे हालातों का सामना रोज करना होगा वहां तो तुम्हें ना कोई सहलाएगा न तुम्हे गरम करेगा न तुमारी गांड को चिकना करेगा | कोई कुछ नहीं करेगा सीधे-सीधे लंड उठाकर तुम्हारी गांड में घुसा देंगे |
koushal
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Re: Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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रीमा हैरान थी जितेश क्या बकवास कर रहा है - कौन से वासना के मैदान की बात कर रहे हो बेबी |
जितेश - वह तो तुम्हें आगे वक्त ही बताएगा जब तुम खुशी-खुशी किसी भी सड़क चलते लंड से अपनी गांड मरवाने के लिए लालायित हो उठेगी | जब भी तुम्हें कोई मुसल मोटा लंड दिखेगा | पक्का है तुम्हारे मुंह में पानी आ जाएगा |
रीमा - मै तुम्हे लंड खोर लगती हूँ | मै तुम्हे चुदक्कड़ लगाती हूँ |
जितेश - हाँ तुम चुदक्तुकड़ हो और एक नंबर की लंड खोर भी बस मानती नहीं हो | इसीलिए कह रहा हूँ एक बार ढंग से लंड घोट लो फिर सब ठीक हो जायेगा |

जितेश - अब तुम्हारी गांड का छेद ढंग से खुला है बेबी अभी इसे और मजबूत करने की जरूरत है अभी अगर तुमने इसे मजबूत नहीं किया तो आगे जिंदगी भर के लिए ऐसे ही दुखता रहेगा अभी जितना दर्द है इतना दर्द बर्दाश्त करने के बाद में इसकी इस तरह से लंड घोटने की आदत पड़ जाएगी | फिर उसके लिए यह दर्द कोई मायने नहीं रखेगा और तुम हमेशा जब भी गांड मरवाओगी तब समझ लो स्वर्ग की सैर करोगी |

रीमा - अभी क्या करूं बेबी अभी तो मेरी जान निकली जा रही है प्लीज धीरे धीरे करो ना इतनी तेज क्यों गांड मार रहे हो मेरी | थोड़ा स्लो स्लो करो |
जितेश - ठीक है बेबी मैं तुम्हारी धीरे-धीरे गांड मारता हूं प्लीज मुझे गांड मारने से मना मत करो | बेबी देख रहे हो मेरा लंड कितना तना हुआ है फूला हुआ है | मै चाहता हूँ मेरा फूला हुआ मोटा लंड तुमारी गांड को अच्छे से खोलकर पूरा जड़ तक तुमारी गांड में धंस जाये | तभी तुमारी वासना की आग बुझेगी |
रीमा - नहीं बेबी प्बेर लंड जाने से मैं मर जाऊंगी....अभी इतना दर्द हो रहा है इतना दर्द मैंने कभी नहीं झेला है मेरी गांड तो ऐसा लग रहा जैसे फट गई है बहुत दर्द हो तकलीफ हो रहा है बेबी क्यों क्यों मार रहे हो मेरी गांड को .........मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं मेरी जान निकली जा रही है मैं क्या करूं अभी |

अगर उसने कभी गिरधारी को बुलाया ही नहीं होता तो आज जितेश को दृढ़ता से मना कर सकती थी लेकिन अब वो जितेश की सेक्स स्लेव बनकर रह गयी थी | उसे दर्द हो रहा था उसे तकलीफ हो रही थी उसकी खुद की इच्छा के खिलाफ कोई उसकी गांड में लंड पेल रहा था | लेकिन किस नैतिक बल से उसको मना करें | आखिर उसने ही तो अपने आप को इस लेवल तक गिरा लिया था जहां पर वह जितेश को रोक नहीं सकती थी | अब उसके हाथों की कठपुतली बन कर के उसके हाथों में खेलना ही उसकी नियति गई थी | जितेश बेतहाशा रीमा के चूतड़ों पर धक्के लगा रहा था |



आखिरकार उसके साथ क्या हो रहा था उसको भी नहीं पता था | चौबीस घंटे के अंदर लगातार तीसरी बार जितेश उसे चोद रहा था और वह उसके हाथो की लौड़ी बनी अब उससे गांड मरवा भी रही थी | चुताड़ो और गांड पर लगती तेज ठोकरों ने रीमा के कमर और जांघो में एक नया दर्द पैदा कर दिया | गांड के सिसकते छल्ले के साथ कमर और जांघो के तिहरे दर्द से रीमा के लिए सब कुछ बर्दाश्त से बाहर हो गया | असल में वो कमर का दर्द नहीं थकावट थी जिसने उसके जिस्म को चूर चूर कर रखा था | जितेश के नीचे पड़ी रीमा पता नहीं क्यों दर्द बर्दाश्त कर रही थी इसमें भी उसे कुछ अलग सा सुख नसीब हो रहा था यह कतई आरामदायक या मजे लूटने वाले जैसी बात नहीं थी उसे गांड में अच्छा खासा दर्द हो रहा था लेकिन जितेश का मोटे लंड से लड़ते हुए उसकी गांड की गाने वाली पता नहीं कौन सा सुख मिल रहा था उसकी आंखों में आंसू थे पीछे जितेश लगातार दनादन अपनी कमर हिला कर के उसकी गांड मार रहा था रीमा की गांड का छेद पूरी तरह से खुल चुका था और उसका लंड उसकी गांड में जा रहा था |
koushal
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Re: Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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इसके जितेश दनादन रीमा की गांड में लंड पेल रहा था लेकिन वो वासना में इतना भी अँधा नहीं था की रीमा की हालत का अंदाजा न लगा पाए | भले ही उसने गुस्से में रीमा की गांड बुरी तरह मारनी शरू कर दी हो लेकिन उसका मकसद रीमा को तकलीफ पहुचना कतई नहीं था | वो रीमा के दर्द भरे चेहरे को देखने लगा | वो समझ गया रीमा बुरी तरह से पस्त है और अपने जिस्म की ताकत बटोर कर उसकी ठोकरों का दर्द बर्दाश्त कर रही है | जितेश थम गया | उसे पिछले कुछ दिनों में ये अंदाजा तो हो गया था की रीमा जीतनी वाइल्ड है उतनी ही भावुक है और सेंसिटिव भी | भले ही वो जितेश का विरोध नहीं कर पा रही हो लेकिन इतना तो तय था वो राजी ख़ुशी से तो उसका लंड अपने गांड में नहीं ले रही थी | जितेश के वासना भरे दिमाग में पता नहीं कहाँ से ये ख्याल आ गया, कही ऐसा करके वो रीमा का दिल तो नहीं दुखा रहा | नहीं वो रीमा का दिल कैसे दुखा सकता है | नहीं उसे रुकना होगा, आखिर क्या करे | रीमा आंखे बंद किये हुए बस अपनी तकलीफों का इन्तजार कर रह थी | जिएश थम गया |
जितेश - बेबी ....|
रीमा चुप रही |
जितेश - रीमा बेबी .....मैडम हेल्लो नाराज हो |


रीमा को झकझोरने के बाद रीमा ने आँखे खोली | थकी मादी दर्द से भरी आँखे | जितेश को रीमा को देख कर अपनी ग़लती का अहसास हुआ | क्या करे एकतरफ पस्त दर्द से कराहती रीमा दूसरी तरह उसका फुंफकारता मोटा मुसल लंड तीसरी तरफ उसकी अपने मन में गिरधारी को हराने कुचलने का मनोवैज्ञानिक युद्ध | जितेश इन तीनो से घिरा हुआ द्वन्द में फंसा था |
जितेश ने रीमा की आंखे चूम ली | रीमा ने चेहरा फेर लिया | जितेश समझ गया रीमा नाराज है |
जितेश - बेबी नाराज हो |
औरते भी अजीब होती है | नखरे भी उन्हें ही दिखाती है जो उनके नखरे बर्दाश्त करता है |
जितेश - बोलो न |
रीमा - नहीं |
जितेश - देखो अब तो मै रुक गया हूँ | आई ऍम सॉरी | मुझे माफ़ कर दो | प्लीज ........|
रीमा चुप रही |
जितेश - आई ऍम सॉरी प्लीज ..............देखो मुझे लगा जिस तरह से गिरधारी के साथ तुमने गांड में लंड लिया मुझे लगा तुमारी ख्वाइश के अरमानो में ये भी शामिल है | मै बस तुम्हे खुश देखना चाहता था | मुझे लगा तुम्हे अच्छा लगेगा कोई तुमारी दिल की दबी ख्वाइश पूरी कर रहा है | मुझे नहीं पता था तुम हर्ट हो जाओगी |
रीमा चुप रही |
जितेश - अरे बाबा सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी सॉरी , ठीक है लो मै तुमारी गांड से लंड भी निकाले ले रहा हूँ और बिना तुमारी इजाजत के तुम्हे चूमुंगा भी नहीं |
रीमा का सारा गुस्सा जैसे छूमंतर हो गया | जितेश के चुताड़ो पर हाथ लगाकर उसे अपने अन्दर ही रहने का इशाराकिया |
रीमा - नौटंकीबाज, ड्रामा मत करो |
जितेश - मैडम ने सॉरी एक्सेप्ट कर ली |
रीमा - बेबी बोलो |
जितेश - सॉरी बेबी, अब तुमारी मर्जी के बिना कभी ऐसा नहीं करूंगा |
रीमा - प्रोमिस करो
जितेश - प्रोमिस बेबी प्रोमिस |
रीमा - एक बार बता देते तुम्हे पीछे करने की ख्वाइश है |
जितेश - कुछ चीजे बोलने की नहीं महसूस करने की होती है | तुम नहीं चाहती तो क्या ?
रीमा - क्या करू दर्द में कुछ सूझ ही नहीं रहा |
जितेश - ये दर्द भी बस इसी बार का है, अगली बार नहीं होगा |
रीमा - मुझे पता है लेकिन अभी तो बर्दाश्त से बाहर है | मेरे जिस्म में इतनी ताकत नहीं बची है की तुमारा मुसल लंड की ठोकरे झेल पाऊँ | ऊपर से गांड दुःख रहीहै सो अलग |
जितेश कुछ सोचता रहा फिर उसके दिमाग में कुछ स्ट्राइक किया | वो रीमा के ऊपर से तेजी से उठा, रीमा बिस्तर में मुहँ धसाए लेती रही | जितेश ने गिरधारी से छीनी पुड़िया उठाई और उसके अन्दर के सफ़ेद पाउडर को अपने लंड के सुपाडे पर मल लिया | उसे पता था सीदे सीधे रीमा कोकीन नहीं चाटेगी लेकिन उसके पस्त थके बदन को इस वक्त जिस चुस्ती फुर्ती की जरुरत थी वो उसे वही दे सकती थी इसलिए अपने लंड पर चुपड़ ली | उसके बाद रीमा के मुहँ के पास जाकर बैठ गया |
जितेश बेबी - चुसो न इसे |
रीमा हैरानी से - मन नहीं है |
जितेश - अरे एक बार मुहँ में लो तो सही फिर देखो सारा मूड बदल जायेगा |
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