Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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koushal
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Re: Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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जितेश उसके चूतड़ थामे अपनी कमर का पूरा जोर उसके चुताड़ो पर लगा रहा है | उसने जिदेस को अपने ऊपर पाया और उसके लंड को अपनी गांड में यह क्या है | आखिर जितेश कर क्उया रहा है बिना उसकी मर्सजी के बिना उसकी सहमती के आखिर जितेश उसके जिस्म में घुस कैसे सकता है | जितेश की तरफ गर्दन घुमाकर कर देखा जो एक हाथ से उसके चूतड़ को और एक हाथ से उसके कंधे को थामे उसके कानों पर अपनी गरम गरम सांसे छोड़ रहा था |
रीमा हैरान परेशान, हाय जितेश तो मेरी गांड मार रहा है बिना मुझसे पूछे बिना मुझे बताये | आखिर ये हो क्या रहा है | क्या इसने भी मुझे रंडी ही बना दिया | रीमा ये क्या हो रहा है तुमारे साथ |
रीमा - जितेश यह क्या है |
जितेश - वही जो तुम चाहती थी |
रीमा गुस्से से - क्या चाहती थी, प्लीज निकालो इसे मुझे दर्द हो रहा है |
जितेश - वही जो तुम नीद में बडबडा रही थी, मुझे भींच कर अपनी तरफ खीच कर मांग रही थी |
रीमा - आह्ह्ह्हीईईईईईइ जितेश दुःख रहा है |
जितेश - मुझे माफ कर दो, लेकिन नीद में तुम यही तो मुझसे मांग रही थी |
रीमा - बकवास मत करो, प्लीज रुक जावो, निकालो अपने लंड को मुझे दुःख रहा है |
जितेश ने कमर हिलानी बंद नहीं करी | रीमा की गांड सच में दुःख रही थी |
रीमा - जितेश प्लीज .............रुक जावो मान जावो ....................बहुत दुःख रहा है |
जितेश नहीं रुका | उसे पता था अभी रुक गया तो वो रीमा की गांड फिर नहीं मार पायेगा | रीमा अपनी बेबसी लाचारी पर रोने लगी |
रीमा रोते हुए - कब मैंने कहा तुमसे ये करने के लिए |
जितेश - झूठ मत बोलो |
रीमा - तो अब रुकने को कह रही हूँ मान जावो | आआआआअह्ह्ह्ह बहुत दर्द हो रहा है |
उसकी गांड सच में किसी नए जख्म की तरह दुःख रही थी | उसकी आंखे आंसुओं से डबडबा आई | आखिर वो क्या करे, कैसे रोके | लड़ भी तो नहीं सकती, हाथा पाई करे क्या, उसमे भी तो नहीं जीतेगी | आखिर जिसको अपना जिस्म सौंप दिया उससे हाथा पाई का क्या मतलब है | दर्द से सिसकती रीमा जितेश ने नीचे बिस्तर से चिपकी हुई थी |


आखिर जितेश को अपने वासना के नशे में रीमा का ख्याल आया | रीमा की आंसू से भरी आँखे देखा कम से कम उसके अन्दर उससे झूठ बोलने की ग्लानी तो आई |
आखिर वो रीमा से झूठ कैसे बोल सकता है | उसे कम से कम सच तो बताना ही चाहिए |
जितेश - मुझे माफ़ कर दो रीमा बेबी मुझसे रहा नहीं गया था | बहुत कोशिश करी खुद को रोकने की लेकिन तुमारे जिस्म ने मुझे पागल बना दिया | मैंने तुमसे झूठ बोला था की तुमने नीद में अपनी गांड मारने के लिए कहा | प्लीज बेबी मुझे माफ़ कर दो | मुझसे खुद पर काबू नहीं हो रहा था | गिरधारी जब तुम्हारी गांड मार रहा था तो उसे देख मैं पागल हो गया था | उसे देखकर मुझसे रुका नहीं गया |
रीमा - जितेश तुमने मुझसे झूठ भी बोला | आआआआह्ह ओह गॉड ये दुःख रहा है |
जितेश - बेबी बस थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो , फिर सब ठीक हो जायेगा | मुझे पता है तुम्हे तकलीफ हो रही है लेकिन जितना खुद को रोक सकता था रोकने की कोशिश करी मैंने |

रीमा दर्द सिसकते हुए - आआआऐईईईईइरीईईईई जितेश तुम्हें पता है मेरी गांड कितना दर्द कर रही है |
जितेश - हां बेबी मैं जानता हूं लेकिन गिरधारी जो तुम्हारी गांड मार रहा था तो मुझे लग रहा था शायद कुछ अधूरा रह गया है मैं उसे ही पूरा करने की कोशिश कर रहा हूं |
रीमा - ओहोहोहो जितेश तुम्हें एहसास भी है मुझे कितना तीखा दर्द हो रहा है, कितना दुःख रहा है |
जितेश - हां जानता हूं बेबी अब इसके बाद में कभी दर्द नहीं होगा | मैं तुमारी गांड के छल्ले को पूरी तरह से खोल दूंगा |
रीमा - आआअईईई रिरिरिरिरिर्नरी नहीं जितेश तुम मेरी पहले से चिरी गांड के जख्मो को और गहरा कर रहे हो | तुम एक औरत के दर्द को कभी नहीं समझ पाओगे |
जितेश - ऐसी बात नहीं है |
जितेश की लगातार कमर हिल रही थी |
रीमा - तुम मर्द हो बस पेलना जानते हो, कितना दर्द हो रहा है ऊहोहोहोहो ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़ गॉड गॉड माआआअय्य्यीईईईईरेरेरेरे |
जितेश - बेबी बस कुछ सेर और बर्दाश्त कर लो |
रीमा - तुम मर्द कुछ नहीं समझते तुम्हे लंड के पेलने से मतलब है , किसी की दुखती गांड का दर्द क्या जानो |
जितेश - अब जो हो गया सो हो गया प्लीज कुछ देर बर्दाश्त करो न | मैं क्या करूं तुमने मुझे पागल कर दिया है तुमने मुझे अपना दीवाना बना लिया है | जब मैंने गिरधारी को तुम्हारी गांड को इस तरह से बेशर्मी से लंड पेलते हुए देखा तो मुझे बहुत दुख हुआ था | इसीलिए मैं प्यार से तुम्हारी गांड मारना चाहता हूं और तुम्हें गांड मारने का सुख देना चाहता हूं जिसकी तुम्हें शायद तलाश थी बेबी |
रीमा - नहीं जितेश मेरी गांड अभी बहुत दुख रही है प्लीज अपना लंड बाहर निकाल लो बेबी |
जितेश - रीमा बेबी अब मैं लंड को तो बाहर नहीं निकाल सकता प्लीज थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो......... तुम्हें भी बड़ा मजा आएगा | मैंने इसीलिए ढेर सारी क्रीम तुम्हारी गांड में उड़ेल दी है ताकि तुम्हें किसी तरह की कोई दिक्कत ना हो | तुमारे गांड के छल्ले को तो किसी ने किसी दिन फैलना ही था | वर्ना जब ही यदा कदा लंड जायेगा तो ऐसे ही दुखेगी | जब लगातार दो बार मुसल लंड की ठोकरें पड़ेगी तो तुमारी गांड हमेशा के लिए हर तरह का लंड को लेने की आदी हो जाएगी | फिर चाहे जीतनी गाड़ मरवाना कभी नहीं दुखेगी |
रीमा - नहीं जितेश अभी बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा है, बहुत दर्द कर रहा है प्लीज मत करो |
जितेश ने और गहराई तक लंड पेलते हुआ - जानता हूं बेबी ....... बस थोड़ी देर और बर्दाश्त कर लो उसके बाद में सब ठीक हो जाएगा, बस थोड़ा सा |
रीमा - नहीं जितेश प्लीज बहुत दर्द हो रहा है प्लीज रुक जाओ |
जितेश - बेबी मेरी जान प्लीज बस कुछ देर और बस कुछ देर और दर्द भरी गांड में लंड ले लो , बर्दाश्त कर लो उसके बाद में तुम अपनी गांड में चाहे जितना बड़ा मोटा लंड लेना हो ले लेना बिल्कुल दर्द नहीं होगा | ये बस एक बार की तकलीफ है, एक बार अपनी गांड पूरी तरह से रवां हो जाने दो बस इसके बाद तुम्हारी गांड में कभी कोई तकलीफ नहीं होगी |
रीमा - अभी मुझसे बर्दाश्त के बाहर है प्लीज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज् जितेश हहह्हहहह्हहाईईईईईईईईई रेरेरेरेरेरेरेरे |
koushal
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Re: Adultery वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना

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जितेश हालात को सँभालने की कोशिश बहुत कर रहा था लेकिन रीमा की हालत देखकर अब उसे भी लगने लगा था उसे थमना न पड़ जाए | जितेश ने आखिरी कोशिश करी - बेबी बस एक बार बर्दास्त कर लो, पहली बार जब चूत चुदती है तो उसके फटने पर भी दर्द होता है न | उसके बाद जिंदगी भर के मजे | बेबी मै बोल रहा हूँ थोड़ी सी हिम्मत रखो, बस एक बार तुमारी गांड के कपाट खुल जाये अच्छे से, फिर मनचाहा लंड घोटती रहना | तुम्हे पता है बेबी आर्मी में हमें पहले छ महीने इतना रगड़ के ट्रेनिंग करायी जाती है पूछो मत | लगता है अब निपट गए तब निपट गए | हर दिन किसी नरक की तरह होता है, उन पहले 6 महीनो में हमें रगड़ कर इतना मजबूत कर देते है की पूछो मत | वो शुरुआत की ट्रेनिंग इतनी तकलीफदेह होती है की बर्दाश्त करना मुश्किल होता है | पता है जब हम यहाँ से जाते है तो हमारा शरीर उतना कठिन मेहनत का आदि नहीं होता इसलिए ज्यादा तकलीफ होती है | एक बार वो ट्रेनिंग कम्पलीट हो गयी फिर जिंदगी भर मुश्किलों से जूझने के काम आती है | समझ लो तुमारी गांड की आर्मी स्टाइल ट्रेनिंग हो रही है | जितना ज्यादा दर्द से गुजर अपनी गांड मसलाओगी, उतना ही आगे चलकर तुमारी गांड लंड लेने के लिए मजबूत हो जाएगी |

जितेश - एक बार सह लो इसके बाद तुम्हे गांड मरवाते कभी कोई तकलीफ नहीं होगी, एक बार तुमारी गांड का छल्ला लंड से रगड़ खाकर मजबूत हो गया फिर क्या लंड क्या मुसल लंड सब गपागप लील लोगी | एक बार लंड से रगड़ खाकर अपने गांड के छल्ले को फैलने तो दो ढंग से | फिर तुम मेरा क्या मेरे जैसे दो दो लंड एक साथ घोंट लेना अपनी गांड में |


रीमा दर्द से बिलखती हुई - तुम समझ क्यों नहीं रहे बेबी बहुत दर्द हो रहा है, बहुत दुःख रही है मेरी गांड, पहले से जख्मी गांड की और दुर्गति मत करो प्लीज | प्लीज रुक जावो |

जितेश भी वासना के नशे में बुरी तरह डूबा हुआ था - बेबी बस यह तुम्हारे दर्द की आखिरी घड़ी है उसके बाद तुम्हें कभी कोई दर्द नहीं होगा, बस एक बार अच्छे से मरवा लो....... यह जो भी दर्द हो रहा है बस यह समझ लो तुम्हारे जिंदगी का आखरी दर्द है इसके बाद तुम्हें गांड मरवाने में कभी दर्द नहीं होगा | बेबी बस एक बार.....मेरी प्यारी बेबी स्वीट बेबी प्लीज |
रीमा बिलखती हुई - बेबी मर जाऊंगी......... बेबी बहुत दुख रहा है प्लीज देखो न बहुत दुख रहा है |
जितेश - बस कुछ देर और ...... बेबी थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो नहीं पता है ना तुमने इतना मोटा लंड घोंट लिया है कुछ देर इसे अपनी गांड की मालिश करने दो उसके बाद तुम्हारी कोमल गांड की सारी मांसपेशियां की जकड़न ये दूर कर देगा | तुमारे जिद्दी गांड के छल्ले को रबर की तरह नरम बना रहा हूँ | फिर तुमारी गांड रबर की तरह नरम फ़ैलने वाली और मजबूत हो जाएगी | फिर तुम्हारी गांड किसी भी मोटे से मोटे खूंटे जैसे लंड को लेने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हो जाएगी |
रीमा की नाजुक गांड का तीखा दर्द अब बर्दाश्त से बाहर था - कैसे बर्दाश्त करूं इस दर्द को ..... बहुत तकलीफ हो रही है, लग रहा है पहले किसी ने नस्तर चला दिया हो गांड के अन्दर और अब तुम अपने मोटे मुसल से उस कटी फटी गांड को कूट रहे हो | नहीं मै मर जाउंगी जितेश प्लीज रूक जावो .....................ह्हाआआआआआआआआआआआआआ ईईईईईईईइ माआआआआआआ रीईईईईईईईईईए |

रीमा ने तकिये में मुहँ धकेल दिया | जितेश दुविधा में फंस गया, क्या करे, एक तरफ दर्द से तड़पती रीमा और दूसरी तरफ उसकी गांड में धंसा उसका फूला हुआ मोटा लंड | बीच मझधार में जब लंड को थमना पड़ता है तो बहुत खराब लगता है | जितेश हर हाल में रीमा की गांड ही मारना चाहता था | वो भी एक नंबर का जिद्दी था | कुछ देर चूत में डाल कर चोद सकता था लेकिन उसकी भी जिद थी, जब रीमा गिरधारी से अपनी गांड फड़वा सकती है तो फिर उसके लिए थोड़ी दी तकलीफ नहीं बर्दाश्त कर सकती |
जितेश - मै समझ सकता हूँ |

रीमा बिफर पड़ी - तुम कुछ नहीं समझते, तुम्हे सिर्फ अपनी पड़ी है |
जितेश को भी लगा रीमा कुछ ज्यादा ही नाटक कर रही है - ऐसा नहीं है |
रीमा उसी रौ में - तुम्हे मेरी कोई परवाह नहीं, यहाँ दर्द से पूरी गांड रो रही है और तुम उसे कुचले जा रहे हो कुचले जा रहे हो |
जितेश - बकवास मत करो .........परवाह न होती तो इतना आराम से करता, तुमारी गांड को गिरधारी ने कुचला है कूटा है जानवरों की तरह चोदा है, मैंने नहीं | ये दर्द उसका दिया हुआ है मेरा नहीं | क्यों बुलाया था उसे अपने पीछे, क्या जरुरत थी उसकी | तुमारी वो मुराद क्या मै नहीं पूरी कर सकता था | मुझे पता है तुम्हे बहुत तकलीफ हो रही क्योंकि तुमने ही उसे अपनी गांड मारने के लिए बुलाया हुआ था | ......................................................कोई बात नहीं बेबी कभी-कभी दर्द और तकलीफ भी बहुत मजा देते हैं |
रीमा भी ताव में - तुम कुछ नहीं जानते मेरे बारे, मुझे पर रौब झाड़ना बंद करो |
जितेश - मै तुम्हे अच्छी तरह से जान गया हूँ | तुम्हे लगता है परवाह नहीं तुमारी | मुझे ही दुनिया भर के नखरे दिखा रही हो क्यूंकि मै नखरे झेल रहा हूँ, गिरधारी फ्री फंड में तुमारी गांड बुरी तरह कूट के चला गया क्या उखाड़ लिया उसका, उसके दिए दर्द को मै ही तो सहला रहा हूँ |
रीमा - हाँ तो बुला लिया था मेरी मर्जी ....,मेरा जिस्म है मुझे लगा उसे बुलाना चाहिए तो बुला लिया | मेरी मर्जी ने उसने मेरी गांड में लंड घुसेड़ा था तुमारी तरह चोर बनकर सोते समय नहीं |
जितेश - मै चोर हूँ |
रीमा - नहीं असल में तुम जलनखोर हो | मैंने गिरधारी को अपनी गांड सौंप दी ये तुमसे बर्दास्त नहीं हुआ | तुमारे मर्दानगी को ठेस पहुची | इसलिए सोते हुए मेरी गांड मार कर गिरधारी का मुकाबला कर रहे थे क्योंकि तुम्हे पता था अपने होशो हवास में तुम्हे मै ऐसा करने नहीं दूँगी |
जितेश भी उसी ताव में बोल गया - हाँ मुझे बुरा लगा, और लगना भी चाहिए | मुझे तुमारी परवाह है, मै तुमसे प्यार करता हूँ |
रीमा - झूठ सरासर झूठ , कितनी परवाह करते हो वो तो साफ़ दिख रहा है |
जितेश - अच्छा अब मै झूठा भी हो गया, तुम राह चलते किसी से भी गांड मरवा लो तो कुछ नहीं, मै अपनी दिल की ख्वाइश का इजहार भी कर दू तो झूठा, लापरवाह , हवस का दरिंदा |
रीमा - मैंने ये तो नहीं कहा |
जितेश - मतलब तो यही था न |
रीमा - तुम होते कौन हो मुझ पर इस तरह से हुकुम चलाने वाले | मै तुमारी गुलाम नहीं हूँ, मेरी जो मर्जी होगी वो करूंगी, तुम हो कौन तुमारा मेरा रिश्ता क्या है जो इतना हक़ जता रहे हो |
जितेश को ये बात चुभ गयी - ठीक है मै कोई नहीं, अजनबी हूँ फिर तुमारी परवाह क्यों करू, जैसा करोगी वैसा भुगातोगी |

उसने रीमा की कमर ऊपर को उचकाते हुए - अपने चूतड़ ऊपर को उठावो | रीमा को पता था अगर वो उसकी बात नहीं मानती तो जितेश जबरदस्ती करता |
koushal
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गुस्से और दर्द से भरी रीमा ने घुटनों के बल पर बिस्तर पर बैठ गई और उसने अपनी गांड को हवा में उड़ा दिया था | अब जितेश रीमा के ऊपर आ गया था और उसकी पीठ झुककर किसी कुत्ते की तरह उसकी गांड में लंड ठूंस दिया | जितेश ने रीमा के चूतड़ को थामा और अपना लंड उसकी गांड में गहराई तक उतार दिया | जितेश कुत्ते की तरह उसे कुतिया बनाकर उसकी गांड को मारने लगा था | रीमा की आंखों में सचमुच में आंसू थे आखिर रीमा कहां से कहां पहुंच गई | उसके अंदर की वासनाओं ने आज उसे सचमुच का जानवर बना दिया था | क्या वह सचमुच में इस तरह से कुत्तिया बन कर के किसी अनजान आदमी से अपनी गांड मरवाना चाहती थी | उसकी गांड की सुरंग की गहराइयों में एक अनजाने आदमी का मुसल लंड अंदर तक उसकी गहराइयों को न केवल नाप रहा था बस उसे मसल रहा था और कुचल रहा था | अपने बेतहाशा ठोकरों से उसके पूरे वजूद को हिलाए हुए पड़ा था | रीमा को सचमुच में अंदर से ऐसा लगा जैसे रो पड़ेगी लेकिन जितेश की ठोकरें कम ही नहीं हो रही थी | वह तो दनादन बढ़ती जा रही थी | जैसे-जैसे रीना का गांड का छेद नरम होकर फ़ैल गया था पूरी तरह से खुल गया था वैसे-वैसे जितेश का लंड के अन्दर जाने की स्पीड भी बढ़ गई थी | अब तो बिल्कुल फरारी कार की टॉप स्पीड के अंदाज में तेजी से सटासट रीमा की गांड में लंड पेला रहा था | उसके लंड की ठोकरे के साथ में ऐसा लग रहा था जैसे कोई रीमा से उसका वजूद...... उसका अस्तित्व उससे कोई छीन कर के लिए जा रहा हो | रीमा एक जिंदा लाश की तरह बन गई थी | कोई भी आ सकता है उसे लूट सकता है और उसको लूट भी रहा था | आखिर उसका अपना कोई वजूद नहीं है क्या वह बस अपनी वासना की दासी बनकर रह गई है और इसी तरह से अनजान लोगों के द्वारा अपने जिस्म को लूटने देना उसकी नियति बन गई है |अभी सुबह तक तो आपकी जो मर्जी से चुद रही थी तो अब किसी दूसरे की मर्जी से चोदने में क्या अंतर है | इस अंतर को नहीं समझ पा रही थी उसे लग रहा था जब तक वह अपनी ख्वाहिशों से चुद रही है तब तक उसका खुद का अस्तित्व बना हुआ था लेकिन अब उसकी बिना ख्वाहिश के भी उसे कोई चोद रहा है तो उसे ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने उसका वजूद ही खत्म कर दिया हो | रीमा हीनता के बहुत गहरे अवसाद में थी और उसकी आंखें आंसुओं से भरी हुई थी | जितेश अपनी वासना में अँधा होकर उसके आंसुओं को नहीं देख पा रहा था | जितेश के अपने चौड़े मांसल चूतड़ों पर पड़ती उसके मुसल लंड की ठोकरों से रीमा कराह रही थी |


उसके दर्द में वासना कम और दर्द ज्यादा था | वह दर्द शारीरिक पीड़ा के साथ-साथ उससे ज्यादा मानसिक पीड़ा का था| जितेश उसके साथ ऐसा कैसे कर सकता है | वासना के रौ में बहकर करके मैंने जो गलती कर दी क्या जितेश ने उसे हकीकत मान लिया | आखिर जितेश उसे इस तरह इस हद तक गिरा हुआ कैसे समझ सकता है क्या मैं बस जितेश की लौंडी बनकर रह गई हैं जब चाहे जिस तरह से इस्तेमाल कर ले , उसके मन में मेरी मर्जी के खिलाफ मेरे जिस्म के अंदर घुसने का ख्याल भी कैसे आ गया आखिर जितेश के जानवर बन गया है क्या .. वासना ने उसे भी पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है क्सया रीमा कुछ भी समझ नहीं पा रही थी | वह बस नीचे की तरफ झुकी हुई बिस्तर में अपना मुंह छुपाए हुए दर्द को बर्दाश्त करने की कोशिश कर रही थी जो लगातार उसे जितेश के लंड से उसकी गांड पर पड़ने वाली ठोकरों से मिल रहा था |

रीमा - आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ माआआआआआआआआईईईईईईईईई रीईईईईईईईईईए चीईईईईएरररररररररर
दादादादादादादाद्द्लालालालालाल |
रीमा - धीरेरेरेरेरेरेर करो जितेश, बहुत दर्द हो रहा है |



रीमा की कराहती आवाज से जितेश को और जोश आ गया | वो रीमा की दुखती गांड को बुरी तरह चीरने लगा |
रीमा हर धक्के के साथ - जितेश मत करो बहुत दुःख रहा, आआह्ह्ह प्लीज रुको मत करो आआऐईईईईईईईईईई माआआआ दर्द्द्दद्द्द्दद हो रहा है |
रीमा - आःह्ह्ह जितेश नहीं प्लीज जितेश नहीं रुको नहीं नहीं रुको प्लीज दर्द हो रहा है प्लीज |

इधर जितेश गुस्से में दनादन कमर हिला रहा था | रीमा ने उसे गुस्सा दिला दिया था | उसने मन में ठान ली थी अब और रीमा के नखरे बर्दाश्त नहीं करेगा | बिलखती है तो बिलखने दो, रोती है तो रोने दो, सिसकती है तो सिसकने दो, कराहती है तो कराहे, चीखती है तो चीखे वो नहीं रुकेगा | जितेश ने रीमा के चुताड़ो को उचका दिया और सटासट उसकी गांड में लंड पेलने लगा |

रीमा भी समझ गयी अब जितेश रुकने वाला नहीं है | उसे भीषण पीड़ा के दौर से गुजरना ही होगा | वो जितेश के बाहुबल के आगे कही नहीं टिकेगी | प्रतिरोध करे भी तो कैसे, कहाँ से लाये इतना नैतिक बल जो उसे जितेश की आक्रामक वासना के खिलाफ उसे खड़ा कर सके | उसके मन में किसी तरह की कोई खुशी नहीं थी उसकी आंखों में आंसू थे उसके साथ जो भी हो रहा था पता नहीं वह उसकी वासना की लाचारी थी या बेबसी थी लेकिन उसका मन इसकी गवाही नहीं दे रहा था लेकिन उसका जिस्म और परिस्थितियां कुछ ऐसी थी कि उसे वह सब करना पड़ रहा था | कहाँ वह खुशी-खुशी अपने अंदर की वासनाओं को पूर्ति करना चाहती थी लेकिन यहां अब वह अपनी वासनाओं की दासी बन गई थी, उसकी वासना ने उसे अपने जाल में फंसा लिया था | अब वह चाहकर भी अपने आसपास होने वाली चीजों को रोक नहीं सकती थी आखिर किस मुंह से जितेश को रोके प्रतिरोध करे |

रीमा जितेश के सामने गिडगिडाते हुए - प्लीज जितेश ऐसा मत करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है
जितेश- कोई बात नहीं रीमा बेबी मैं आराम से करूंगा |
रीमा - नहीं जितेश प्लीज प्लीज रुक जाओ सच में मुझे बहुत दर्द हो रहा है
जितेश - मैडम थोड़ा बहुत दर्द तो होगा ही थोड़ा बर्दाश्त कर लो ना .....|
रीमा कराहती हुई मिन्नतें कर रही थी - प्लीज रुक जाओ ना जितेश.... प्लीज नहीं...... जितेश ऐसा मत करो .......प्लीज मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं तुम मेरी बात क्यों नहीं मान रहे हो...... प्लीज मुझे दर्द हो रहा है बहुत दर्द हो रहा है |
जितेश भी अपनी जिद पर अड़ा हुआ था - मैडम दर्द तो तब भी हो रहा था जब गिरधारी आपकी गांड मार रहा था तब आपने उसे क्यों नहीं रोका प्लीज थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो बस इतनी देर में हो जाएगा |
रीमा इनकार करती हुए - नहीं जितेश प्लीज अपना लंड बाहर निकाल लो मेरी गांड फट जाएगी मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूं ...........प्लीज जितेश मेरी बात मान लो ..........प्लीज तुम मेरा क्यों रेप करने पर तुले हुए हो मैं नहीं चाहती तुम मेरी गांड मारो मुझे बहुत तकलीफ हो रही है , बहुत दुःख रही है |


जितेश हलके हलके धक्के लगाता हुआ - तकलीफ तो हो रही है तुमको मैं तो बस थोड़ा सा ही तो........... मैं थोड़ी सी मोहलत मांग रहा हूं.............थोड़ा और बर्दाश्त कर लो .............. इतनी देर गिरधारी से गांड मरवाई है थोड़ा और बर्दाश्त कर लो |
जितेश अपनी कमर हौले हौले हिलाता हुआ - तब तुमको तकलीफ नहीं हो रही थी मैंने देखा कितनी बेतहाशा वो तुमारे चूतड़ों पर ठोकरे मार रहा था और अपना लंड पूरा का पूरा तुमारी गांड में घुसेड़े दे रहा था | किस तरह से उसने तुमारी गांड का कचूमर निकाल दिया था | मैंने अपनी आंखों से देखा है | उसकी ठोकर इतनी तेज होती थी कि मेरा लंड अपने आप ही तुमारी चूत में घुस जाता था |
फिर मेरे हल्के हल्के झटकों से आपको क्या दिक्कत है मैडम थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो बस मेरी भी इच्छा है मेरी भी कुछ तो तमन्ना है मेरी छोटी सी तमन्ना ही तो थी और वह पूरी हो जाएगी |
जितेश अब वासना की गर्मी में नहाने लगा था - आआआआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह मैडम कितनी कसी हुई आपकी गांड है | गिरधारी के द्वारा फ़ैलाने के बाद भी आपको छल्ला तो मानने को तैयार ही नहीं है | मेरे लंड की खाल को बिल्कुल नोच के रखे दे रहा है इतनी कसी हुई गांड है आपकी | मेरा तो दम निकला जा रहा है आपकी गांड में लंड पेलने में |

रीमा को भी पता था जितेश नहीं मानेगा - प्लीज जितेश मान जाओ तुम मुझे बहुत तकलीफ दे रहे हो मेरी गांड बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाऊंगी प्लीज ऐसा मत करो |
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रीमा की चिकचिक से जितेश को थोड़ा सा चिढ़ हो गयी थी | उसे लग रहा था रीमा को दर्क्याद कम हो रहा है नाटक ज्यादा कर रही है |

जितेश -क्या बात कर रही मैडम आज तक दुनिया की कौन औरत गांड मरवाने से मरी है | दुनिया की न जाने कितनी औरतो गांड मरवाती है या उनकी गांड मारी जाती है | कुछ तो एक ही गांड में दो दो लंड ले लेती है | मैडम अगर आप अच्छे से प्रैक्टिस करो तो आप भी एक साथ दो लंड ले सकती हो |अभी तो सिर्फ मेरा ही लंड आज आ रहा है वह भी आधा मैडम |
जितेश रीमा की सुनने को तैयार ही नहीं था - प्लीज जितेश मै तुमसे विनती कर रही हूं प्लीज रुक जाओ | मै चल नहीं पाऊंगी खड़ी नहीं हो पाऊंगी |
जितेश - कोई बात नहीं मैडम थोड़ा सा बर्दाश्त कर लो ...हां इतनी देर गिरधारी के लंड से इतनी बेदर्दी से ठोकर मारने के बाद उसको खुशी-खुशी लेती रही वहां मै तो बहुत आराम से पेल रहा हूँ थोड़ा सा दर्द बर्दास्त कर लो मेरी खातिर | एक बार मैं अपनी तमन्ना पूरा करना चाहता था एक बार अपनी जान की जमकर गांड मार लूं | उसके बाद मुझे मौत भी आ जाए तो मुझे कोई गिला शिकवा नहीं है |

जितेश - कितने नरम नरम चूतड़ है ऐसे लग रहा है जैसे मखमली रुई के पहाड़ो पर से फिसलता हुआ किसी गरम गुलाबी कसी सुरंग में जा रहा हूँ | मैडम आपकी पिछली सुरंग बहुत टाइट ......आआअह्ह्ह सच बहुत टाइट है | मैडम मैडम इतनी देर बाद भी आपकी गांड ने अभी हथियार नहीं डाले है | लगातार मेरे लंड को कस के रगड़कर निचोड़ने में लगी हुई है | आआआआह्ह्ह्ह कितनी कसी गुलाबी गांड है आपकी मैडम ..................कितनी कसी हुई गांड की मालकिन हो मैडम इतनी देर चोदने के बाद भी अभी भी आपकी गांड का छल्ला हार मानने को तैयार नहीं है देखो किस शक्ति के साथ मेरे लंड को पकड़ कर निचोड़ रहा है | रीमा मैडम आप सचमुच में बहुत कमाल की है आपका जिस्म बहुत कमाल का है इतनी बार अगर किसी औरत को चोद दिया जाता तो उठना तो छोड़ो वह आंखें तक नहीं खोलती और आप हैं तीन चार बार चोदने के बाद भी इतनी खुशी से अपनी गांड मरवा रही हो |

रीमा ने प्रतिकार किया - नहीं जितेश ऐसा नहीं है मुझे सच में बहुत दर्द हो रहा है प्लीज अब तो निकाल लो |
जितेश - नहीं मैडम आपकी गांड के छल्ले की अकड़ दूर करने के बॉद ही मेरा लंड बाहर आएगा | पहली दूसरी बार जब गांड मरेगी तो थोड़ा बहुत तो दर्द होगा ही एक बार आपकी गांड का छेद खुल जाएगा फिर तो आप खुशी-खुशी पूरा लंड घोट लोगी | पहले से गांड मरवा रही होती तो चीखने हाथ पटकने की नौबत ही नहीं आती और मैं आराम से आपकी गांड मार रहा होता |
जितेश - कोई बात नहीं कुंवारी गांड खोलने का भी अपना एक मजा है | वो अलग बात है लंड पेलने वाले को गांड से पसीना आ जाता है | कोई बात नहीं मैडम मैं आपकी गांड का छेद पूरी तरह से खोल करके रहूंगा ताकि आगे जो भी आपकी गांड मारे उसे ऐसी तकलीफ ना हो |


जितेश रीमा की गांड में गहराई तक हौले हौले लंड पेलता हुआ - सचमुच में आप सेक्स गोडेस हो इतनी देर जुदाई के बाद आप कैसे दनादन लंड घोट रही हो | आआआआआअह्बहह्हुहह्तहह्ह सच में बहुत मजा आ रहा है मैडम गांड में लंड पेलने में |
रीमा - जितेश मुझे कोई मजा नहीं आ रहा है मुझे बहुत तकलीफ हो रही है |
जितेश - कोई नहीं मैडम तकलीफ में ही तो मजा है एक बार इसे महसूस करके तो देखो | दुनिया की कौन औरत है जिसको चोदते हुए दर्द नहीं होता | दुनिया की कौन सी औरत है जिसको गांड मरवाने में दर्द नहीं होता वो इस दर्द में इतना मजा खोजती है आप भी एक बार महसूस करके तो देखो जन्नत की सैर करोगी | थोड़ा सा दर्द बर्दाश्त कर लो उसके बाद सब ठीक हो जाएगा |


जितेश - मेरे मोटे मोटे लंड का अपनी गांड की दीवारों पर एहसास तो करके देखो एक बार | मैडम क्या चिकनी कसी हुई गुलाबी गांड है आपकी | मैं तो दीवाना हो गया हूं | मुझे तो लग रहा था आप की मक्खन मलाई जैसे गुलाबी चूत कमाल की है लेकिन आपकी कसी कोरी गांड तो उससे भी ज्यादा कमाल की है एक बार जिसका लंड इसके अंदर चला जाए वह तो फिर दोबारा आपकी गुलाबी चूत की तरफ घूम के भी नहीं देखेगा | इतनी चिकनी इतनी नाजुक नरम इतनी चिकनी और कसी हुई गांड बहुत कम औरतों की होती है मैं तो धन्य हो गया ऐसी गोरी चिकनी और कसी हुई गांड को चोद के | मैडम मैं बता नहीं सकता कि मै कितना खुश हूँ आप जो कहोगी सब कुछ आप पर निछावर है | आप जो मांगोगे वह आपको लाकर दूंगा | इस के बदले मेरी जान भी मांग लो तो मुझे मंजूर है | बस अपनी इस कसी गुलाबी चिकनी गांड को एक बार ठीक से चोदने दो | उसके बाद में मेरी जिंदगी आपकी............ मैं आपका गुलाम और आप मेरी मलिका हो |

जितेश - मैडम ऐसा कभी नहीं हुआ मेरे साथ ...... मैं किसी औरत का इस कदर दीवाना हो गया हूं | आप सचमुच में कमाल की हो चलती फिरती अप्सरा हो और जो आपके नाजुक नंगे जिस्म को देख ले वह क्यों ना फिर पागल हो जाए | एक अप्सरा से भी ज्यादा खूबसूरत जिस्म की मालकिन और उससे ज्यादा आपकी यह गुलाबी कसी कोमल सुरंगे आदमी को पागल बना देती है | मेरा बस चले तो मैं बस दिन रात आपकी चूत और गांड में अपना लंड डालकर आप को चोदता रहा और आपको चरम सुख का अहसास कराता रहा हूं | क्या कसी हुई गांड है अभी भी मेरे लंड को अंदर घुसने नहीं दे रही ठीक से |
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