चुदाई का ज्ञान

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Rakeshsingh1999
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Re: चुदाई का ज्ञान

Post by Rakeshsingh1999 »

प्रिया- आह्ह.. आई.. भाई आह्ह.. अब मना करूँगी तो आप मानोगे थोड़ी.. आह डाल दो आह्ह.. अब आधा गया तो पूरा भी पेल दो. आह्ह..

बस इसी पल दीपक ने लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाला और तेज झटका मारा। प्रिया की गाण्ड को चीरता हुआ लौड़ा जड़ तक उसमें समा गया। ना चाहते हुए भी प्रिया के मुँह से चीख निकल गई.. मगर वो इतनी ही चीखी कि बस उसकी आवाज़ कमरे से बाहर ना जा पाए। दीपक अब रफ्तार से पूरा लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा.. कसी हुई गाण्ड में लौड़ा बड़ी मुश्किल से जा रहा था।

प्रिया- आआआ आआआ उयाया.. भाई मर गई आह्ह.. उह..

दीपक- आह्ह.. उहह बहना.. बस एक मिनट आह्ह.. मेरा पानी निकलने वाला है आह्ह.. सब्र कर आह्ह…

दीपक ने तीन-चार जोरदार झटके मारे और उसके लौड़े का जवालामुखी फट गया। वो प्रिया की गाण्ड में वीर्य की धार मारने लगा। दीपक के गर्म-गर्म वीर्य से प्रिया को गाण्ड में बड़ा सुकून मिला। उसने एक लंबी सांस ली।

प्रिया- आई ससस्स.. भाई आह.. आपने तो मेरी गाण्ड का हाल बिगाड़ दिया उफ़ अब लौड़ा निकाल भी लो मर गई रे आह्ह…

दीपक ने ‘फक्क’ की आवाज़ के साथ लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाल लिया और एक साइड होकर लेट गया.. फ़ौरन प्रिया भी उसके सीने पर सर रख कर लेट गई.. लौड़े की ठापों से उसकी गाण्ड एकदम लाल हो गई थी।

दीपक- आह्ह.. मज़ा आ गया बहना.. तेरी टाइट गाण्ड में साला लौड़ा बड़ी मुश्किल से जा रहा था.. उफ़ क्या गर्मी थी गाण्ड में.. साली लौड़े को झड़ने पर मजबूर कर दिया।

प्रिया- भाई आपके लौड़े ने मेरी गाण्ड का क्या हाल कर दिया.. देखो नर्म बिस्तर पर भी ठीक से नहीं टिक पा रही है।

दीपक- मेरी जान, ये तो तूने लंड को चूस-चूस कर अधमरा कर दिया था.. गाण्ड में ज़्यादा देर टिक ना सका। अबकी बार बराबर ठोकूँगा ना.. सारा दर्द हवा हो जाएगा और देखना तुझे मज़ा भी खूब आएगा।

प्रिया- बाप रे बाप.. आप दोबारा मेरी गाण्ड मारोगे.. ना बाबा, अबकी बार चूत से काम चला लो.. मुझे नहीं मरवानी गाण्ड.. बड़ा दर्द होता है…

दीपक- अरे रानी, तू फिकर क्यों करती है.. बस आज की रात ही हम साथ-साथ हैं.. कल से कहाँ ऐसा मौका मिलेगा.. ला इन रसीले मम्मों का थोड़ा रस पिला.. ताकि जल्दी से लौड़े में ताक़त आए और अबकी बार जम कर तेरी ठुकाई करूँ।

प्रिया- अच्छा कर लेना.. पहले मुझे बाथरूम जाना है.. आपके लौड़े ने गाण्ड में हलचल मचा दी है.. मैं आती हूँ अभी…

प्रिया के जाने के बाद दीपक कल के बारे में सोचने लगा कि मैडी और सोनू की नज़र में वो हीरो बन जाएगा मगर हक़ीकत कोई नहीं जान पायेगा कि ये हीरो ऐसे ही नहीं बना बल्कि अपनी बहन को चोदने के बाद बना है।

प्रिया के बाथरूम से आने के बाद दीपक दोबारा शुरू हो गया.. उसके मम्मों को दबा कर रस पीने लगा। जब उसका लौड़ा फनफना गया तो दोबारा उसकी गाण्ड में पेल दिया और अबकी बार 35 मिनट तक दे-दनादन गांड मारता रहा।

रात भर में उसने 2 बार प्रिया की गाण्ड और एक बार चूत मारी.. बेचारी प्रिया का तो हाल बेहाल कर दिया।

(दोस्तो, कहानी लंबी हो रही है. हर एक चुदाई को पूरा लिख पाना अब मुमकिन नहीं. आपके भी सब्र का बाँध टूट गया है अब. खैर चलिए, आगे कहानी का रस लीजिए।)

सुबह का सूरज सब के लिए एक अलग ख़ुशी लेकर आया था। दीपक की मम्मी ने करीब 8 बजे उनको उठाया.. तब कहीं जाकर उनकी आँख खुली..

वैसे रात को दोनों ने कपड़े पहन लिए थे ताकि सुबह किसी के दरवाजे खटकाने पर तुरन्त दरवाजा खोल दिया जाए। और हुआ भी वैसा ही. दीपक जल्दी से उठा.. एक चादर ज़मीन पर डाली तकिया डाला और दरवाजा खोल दिया।

उसकी मम्मी के पूछने पर बता दिया कि प्रिया ऊपर सोई और वो नीचे.. सब ठीक रहा.. प्रिया की गाण्ड में दर्द था तो वो नहीं उठी.. रात की ठुकाई से उसे बुखार भी हो गया था। दीपक नहा-धोकर घर से निकल गया। उधर मैडी भी दीपक से मिलने को बड़ा उतावला था। तो फ़ौरन वो भी करीब 8.40 को घर से निकल गया।

दीपाली सुबह 7 बजे उठ गई और काम में अपनी मम्मी का हाथ बंटाने लगी।

विकास ने रात को अनुजा की खूब ठुकाई की थी. अब उसके दिमाग़ में प्रिया घूम रही थी।

(दोस्तो, कहानी में अब सोमवार आ गया है. कहानी अब अपने चरम पर आ रही है. तो चलिए देखते हैं आज क्या होता है?)
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Rakeshsingh1999
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Re: चुदाई का ज्ञान

Post by Rakeshsingh1999 »

दीपक, सोनू और मैडी करीब 10 बजे वहीं, जहाँ कल उनकी मुलाकात हुई थी, चाय का मज़ा ले रहे थे और साथ ही बातों का भी मज़ा ले रहे थे।

मैडी- यार दीपक, पूरी रात नींद नहीं आई.. साले, ऐसा क्या जादू कर दिया तूने कि एक ही मुलाकात में साली तेरे से चुद गई ... और आज हमसे भी चुदने को राज़ी हो गई।

दीपक- तूने वो कहावत तो सुनी होगी बेटा बेटा होता है और बाप बाप.. तो सालों, मैं तुम्हारा बाप हूँ।

सोनू- अरे मेरे बाप.. अब तू बता दे कसम से बड़ी चुल्ल हो रही है.. कल क्या हुआ था.. जब मेरे साथ तू बाहर आया उसके बाद वापस जाकर ऐसा क्या हुआ..? बता ना यार…

दीपक- बस तुम चूत का मज़ा लो.. बाकी सारी बातें भूल जाओ.. मेरे पास एक ऐसी बात है.. जिसकी वजह से अब दीपाली रोज हमसे चुदवाएगी समझे.. अब ज़्यादा सवाल किए ना.. तो सालों, लौड़े हिलाते रह जाओगे.. मैं रोज अकेला मज़ा लूँगा।

सोनू- अच्छा बाबा, माफ़ कर दे.. कब आ रही है और कहाँ?

दीपक- इस मैडी को पूछो.. बड़ा होटल का प्लान बना रहा था ना साले…

मैडी- प्लान क्या.. शालीमार में कमरा बुक कर लिया है.. वो 11 बजे आएगी.. अच्छा, अब गोली-वोली की तो जरूरत नहीं है तो ऐसा करते हैं कि पावर वाली गोली हम ले लेते हैं.. फिर साली को जम कर चोदेंगे।

सोनू- हाँ यार, पहली बार चूत मिल रही है.. ऐसे न हो कि साली के नंगे जिस्म को देखते ही लौड़ा पानी निकाल दे.. गोली लेने में ही भलाई है.. तभी उसको ठीक से चोद पाएँगे।
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Rakeshsingh1999
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Re: चुदाई का ज्ञान

Post by Rakeshsingh1999 »

दीपक- जाओ, ले आओ.. अब मैं जाता हूँ. तुम वहाँ पहुँचो.. मैं उसको ले कर वहीं आता हूँ।

सोनू- अरे मेरे बाप.. अब तू बता दे कसम से बड़ी चुल्ल हो रही है.. कल क्या हुआ था.. जब मेरे साथ तू बाहर आया उसके बाद वापस जाकर ऐसा क्या हुआ..? बता ना यार…

दीपक- बस तुम चूत का मज़ा लो.. बाकी सारी बातें भूल जाओ.. मेरे पास एक ऐसी बात है जिसकी वजह से अब दीपाली रोज हमसे चुदवाएगी, समझे.. अब ज़्यादा सवाल किए तो सालों, तुम लौड़े हिलाते रह जाओगे और मैं रोज अकेला मज़ा लूँगा।

सोनू- अच्छा बाबा, माफ़ कर दे.. वो कब आ रही है और कहाँ?

दीपक- इस मैडी को पूछो, बड़ा होटल का प्लान बना रहा था ना, साले…

मैडी- प्लान क्या, शालीमार में कमरा बुक कर लिया है. वो 11 बजे आएगी.. अच्छा, अब गोली-वोली की तो जरूरत नहीं तो ऐसा करते हैं कि पावर वाली गोली हम ले लेते हैं.. फिर साली को जम कर चोदेंगे।

सोनू- हाँ यार, पहली बार चूत मिल रही है. ऐसा न हो कि साली के नंगे जिस्म को देखते ही लंड से पानी निकल जाए. गोली लेने में ही भलाई है.. तभी हम उसको जम कर चोद पाएँगे।

दीपक- जाओ, ले आओ.. अब मैं जाता हूँ. तुम वहाँ पहुँचो.. मैं उसको ले कर वहीं आता हूँ।

दीपक वहाँ से वापस घर आ गया तब तक प्रिया भी उठ गई थी। उसको बुखार था तो वो बस मुँह-हाथ धो कर बैठी थी। दीपक की माँ ने उसे नहाने नहीं दिया था और गुस्सा भी किया कि इतनी देर रात तक जागने की क्या जरूरत थी. मगर प्रिया ने पढ़ाई का बहाना बना दिया था।

दीपक- हाय माय स्वीट एंड सेक्सी सिस्टर, गुड मॉर्निंग।

प्रिया- गुड मॉर्निंग, भाई।

दीपक- आख़िर उठ ही गई मेरी प्यारी बहना.. चल जरा दीपाली को फ़ोन तो लगा. मुझे उससे बात करनी है।

दीपाली- हाँ जानती हूँ क्या बात करनी है.. रात भर तो चुदाई की है. आपका अब तक मन नहीं भरा क्या?

दीपक- तू भी कैसी बात करती है! चूत से भला कभी मन भरता है क्या? और दोस्तों के साथ मिल कर चुदाई करने पर तो दुगुना मज़ा आएगा.. चल अब बातें बन्द कर.. फ़ोन लगा उसको…

प्रिया ने दीपाली को फ़ोन लगाया तो उसकी मम्मी ने उठाया और दीपाली को दे दिया। तब दीपक ने उसे होटल की बात बता दी..

दीपाली ने कहा- दस मिनट में घर से निकल रही हूँ.. तुम भी जाओ…

दीपक ने ‘ओके’ बोल कर फ़ोन रख दिया और बाहर जाने लगा।

प्रिया- भाई, जा रहे हो आप? बेचारी को आराम से चोदना.. तुम तीन और वो अकेली.. कहीं कुछ हो ना जाए…

दीपक- अरे उसको क्या होगा? साली रंडी है वो.. तू टेन्शन मत ले.. बड़े प्यार से चोदेंगे उसको.. अच्छा अब चलता हूँ।

प्रिया- बेस्ट ऑफ फ़क, भाई।

दीपक घर से निकल गया.. उधर दीपाली भी आज अपनी मम्मी को प्रिया का नाम लेकर घर से निकल गई।

दीपाली ने सफेद टॉप और गुलाबी स्कर्ट पहना हुआ था.. वो एकदम गुड़िया जैसी लग रही थी। कुछ देर बाद दीपक वहाँ आ गया और दीपाली उसको देख कर मुस्कुराई।

दीपक- हाय रे जालिम, मार डाला. क्या लग रही हो यार..

दीपाली- बस बस.. यहाँ रास्ते में ज़्यादा हीरोगिरी मत दिखाओ.. अब चलो, कोई देख लेगा तो गड़बड़ हो जाएगी।

दोनों चलने लगे.. रास्ते में दीपक ने उसको उन दोनों से हुई सारी बात बता दी।

दीपाली- ओह माँ! सब गोली लेंगे तो मेरी हालत खराब हो जाएगी.. तुम सब के सब हरामी हो.. आज मेरी चूत और गाण्ड को बुरी तरह बजाओगे।

दीपक- साली बरसों की तमन्ना आज पूरी होगी तो मज़ा तो लेंगे ना…

दीपाली- जाओ ले लो मज़ा. मेरी भी ‘ग्रुप सेक्स’ की तमन्ना आज पूरी हो जाएगी. चोदो जितना चोदना है.. आज मैं खूब मज़े से चुदवाऊँगी. पता है रात मैंने प्रिया की बताई हुई कहानी पढ़ी है.. उसमें से ऐसी-ऐसी गाली याद की हैं जो आज तुम्हें सुनाऊँगी।

दीपक- हा हा हा… साली गाली सीख कर आई है.. हमें तो सीखने की जरूरत भी नहीं है.. ऐसे ही निकाल देंगे.. वैसे एक बात तो है गाली देकर चोदने का मज़ा अलग आता है।

दीपाली- हाँ ये तो है… बड़ा मज़ा आता है।

यही सब बातें करते हुए दोनों होटल पहुँच गए.. मैडी बाहर खड़ा उनको आता हुआ देख कर बड़ा खुश हुआ।

मैडी- वेलकम वेलकम…

दीपाली- यहाँ ज़्यादा बात मत करो.. चलो अन्दर.. जो कहना है वहाँ कहना..

मैडी- ओके चलो.. मेरे पीछे आ जाओ तुम दोनों…

दीपाली- नहीं, तुम दोनों आगे जाओ.. मैं थोड़ा रुक कर आती हूँ।

मैडी- ठीक है.. ऊपर आ कर दाईं तरफ कमरा नम्बर 13 में आ जाना।

दीपाली- ओके.. आ जाऊँगी.. दरवाजा बन्द मत करना.. जाओ अब..

दोनों ऊपर चले गए.. जहाँ सोनू पहले से ही बैठा था।

सोनू- अरे क्या हुआ? दीपाली कहाँ है? नहीं आई क्या?

दीपक- चुप साले.. क्या बोले जा रहा है.. वो नीचे है.. आ रही है।

सोनू- अच्छा ले.. ये खा ले.. बड़ा मज़ा आएगा चोदने में..

मैडी- हा हा! साला कब से गोली हाथ में ले कर बैठा है.. मैंने कहा खा ले.. तो बोला अगर वो नहीं आई तो लौड़ा कैसे शान्त होगा… उसके आने के बाद ही खाऊँगा.. साला हा हा हा..
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Re: चुदाई का ज्ञान

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सोनू- हाँ तो इसमें गलत क्या बोला.. साली नहीं आती तो गोली का असर लौड़े पर होता.. साला फट ही जाता लौड़ा.. तो अब खाऊँगा.. लो तुम दोनों भी खा लो.. मज़ा आएगा।

तीनों ने गोली खा ली और दीपाली के इन्तजार में बैठ गए।

उधर दीपाली ने चारों तरफ़ ध्यान से देखा और कमरे की तरफ़ चलने लगी। कमरे के पास जाकर रफ्तार से उसने दरवाजा खोला और अन्दर चली गई।

दीपक- लो आ गई हुस्न की मलिका. जी भर के देख लो. आज तक स्कूल ड्रेस में देखा है तुमने.. आज सेक्सी कपड़ों में देख लो।

सोनू- कसम से यार दीपाली, बहुत सुंदर लग रही हो.. एकदम गुड़िया की तरह..

मैडी- हाँ दीपाली, तुम्हारी जितनी तारीफ की जाए कम है.. तुम तो रूप की परी हो परी…

दीपाली- अच्छा परी हूँ.. तो ऐसा करो मैं यहाँ बैठ जाती हूँ. मेरी पूजा करो.. और उसके बाद मैं चली जाती हूँ. कोई भी मुझे टच नहीं करेगा।

इतना सुनते ही सोनू की तो गाण्ड फट गई.. ये तो आई नहीं कि जाने का नाम ले रही है।

सोनू- अरे न.. नहीं नहीं.. काहे की परी.. ये तो कुछ भी बोल दिया. हम दोस्त है सब..

सोनू के बोलने का अंदाज ऐसा था कि दीपक और मैडी की हँसी निकल गई.. दीपाली भी मुस्कुराने लगी।

दीपक- साला फट्टू.. कहीं का.. फट गई ना तेरी भोसड़ी के. ये परी ही है। मगर काम की परी.. समझे…

सोनू- यार ये बोली.. मेरी पूजा करो फिर चली जाऊँगी.. इसका क्या मतलब हुआ?

दीपक- हाँ ये एकदम सही बोली.. ये काम-वासना की परी है.. इसकी पूजा लौड़े से करो और चुदवा कर ये चली जाएगी.. समझे चूतिये…

दीपक की बात सुनकर मैडी और सोनू चौंक से गए कि दीपाली के सामने कैसे लौड़े और चुदाई की बात दीपक ने आसानी से कह दी.. उनको अभी तक भरोसा नहीं हो रहा था कि कल दीपक ने सच में दीपाली की ठुकाई की थी?
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Re: चुदाई का ज्ञान

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दीपाली- दीपक सही कह रहा है.. अब वक्त खराब करने से कोई फायदा नहीं.. मैडी केक कहाँ है.. जन्मदिन नहीं मनाना क्या?

मैडी- स..सॉरी वो तो मैं लाया नहीं. दीपक ने कहा था बस चू..

मैडी बोलता हुआ रुक गया.. उसमें अभी भी थोड़ी सी झिझक थी।

दीपाली- क्या चू.. इसके आगे भी बोलो या मैं बताऊँ. तुम तीनों हरामी.. बस खाली फोकट में चूत का मज़ा लेने आ गए…

अब तो मैडी और सोनू को पक्का यकीन हो गया कि दीपक ने कल इसको खूब चोदा होगा और ये खुद आज चुदवाने ही यहाँ आई है।

सोनू- हाँ तेरी चूत का मज़ा लेने आए हैं. अब फोकट में नहीं देना तो तू बोल दे क्या लेगी.. हम देने को तैयार है।

दीपक- अबे कुत्ते.. तेरे को ये रंडी दिखती है क्या.. जो क्या लोगी.. पूछ रहा है साले.. जब भी बोलेगा भोसड़ी के उल्टी बात ही बोलेगा…

मैडी- अब रंडी नहीं तो और क्या कहें, आप ही बता दीजिए दीपाली जी…

अबकी बार मैडी पूरे विश्वास के साथ बोला और अंदाज भी बड़ा सेक्सी था।

दीपाली- तुम्हें जो बोलना है बोलो. मैं तो तुम तीनों को भड़वा या कुत्ता बोलूँगी।

दीपक- तेरी माँ की चूत. साली छिनाल, हमें गाली देगी.. तो हम क्या तुझे दीपाली जी कहेंगे बहन की लौड़ी.. तू रंडी ही है.. हम भी तुझे रंडी ही कहेंगे।

सोनू- हाँ यार, तीन लौड़े एक साथ लेगी.. तो अपने आप रंडी बन जाएगी. अब बर्दास्त नहीं होता यार.. साली को पटक दो बिस्तर पर. मेरा लौड़ा पैन्ट फाड़ देगा अब…

दीपाली- रूको.. ऐसे नहीं, पहले तुम तीनों अपने कपड़े निकालो.. मुझे सब के लौड़े देखने है.. उसके बाद तुम तीनों मिल कर मुझे नंगी करना. असली मज़ा तब आएगा।

मैडी- हाँ मेरी जान, आज तो तू जो कहेगी वो मानने को तैयार हैं हम.. साली बहुत तड़पाया है तूने.. आज तुझे चोद-चोद कर सारा बदला लेंगे हम…

दीपाली- हाँ कुत्तों, ले लो बदला.. मैं भी तैयार हूँ. देखती हूँ किस के लौड़े में कितना दम है.. ये भड़वा सोनू हमेशा गंदी नज़र से घूरता था.. आज देखती हूँ ये मर्द है या नामर्द है, मादरचोद…

सोनू- तेरी माँ की गाण्ड मारूँ, माँ की लौड़ी.. साली नामर्द बोलती है.. ले देख रंडी मेरा लौड़ा. कैसे तन कर खड़ा है. अभी तेरी चूत फाड़ दूँगा.. इस लौड़े से….

सोनू ने गुस्से में पैन्ट और चड्डी एक साथ निकाल दी.. उसका लौड़ा खड़ा हुआ दीपाली को सलामी दे रहा था, जो कोई करीब 7″ लंबा और काफ़ी मोटा था।

दीपाली बस उसको देख कर मुस्कुरा दी…

दीपाली- अरे वाह.. लौड़ा तो बड़ा मस्त है तेरा.. मगर छोटा है. अब इसमें पावर कितना है.. ये भी पता चल जाएगा।

मैडी- साली राण्ड.. तुझे वो छोटा लगता है.. तो ये मेरा देख.. इससे तो तेरी चूत की आग मिट जाएगी ना.. या घोड़े का लौड़ा लेगी.. साली छिनाल….

मैडी ने भी लौड़ा बाहर निकाल लिया था.. जो सोनू के लौड़े से थोड़ा सा बड़ा था यानि कुल मिला कर दीपक का लौड़ा ही बड़ा और मोटा था.. जो करीब 7.5 इंच का होगा।

दीपक- मेरा लौड़ा तो तूने कल देख ही लिया ना.. तेरी चूत का मुहूरत तो मैंने ही किया था कल.. ले दोबारा देख ले साली…

(ना ना दोस्तों, भ्रमित मत हों.. दीपक बस इन दोनों को सुनाने के लिए कह रहा है.. सील तो विकास ने ही तोड़ी थी।)

दीपाली- चलो जल्दी करो.. पूरे नंगे हो कर खड़े हो जाओ.. उसके बाद तुम तीनों को एक जादू दिखाती हूँ।

बस उसके बोलने की देर थी तीनों उसके सामने एकदम नंगे खड़े हो गए।

दीपाली- हाँ ये हुई ना बात.. अब तीनों लग रहे हो एकदम चोदू किस्म के कुत्ते.. अब मेरे हुस्न का कमाल देखो.. लौड़े से तुम्हारा पानी टपकने लगेगा.. देखना है…?

सोनू- साली मत तड़पा.. अब दिखा भी दे तेरी तड़पती जवानी का नजारा. उफ़! अब तो लौड़े में दर्द होने लगा है।

दीपाली ने बड़ी अदा के साथ धीरे-धीरे टॉप को ऊपर करना शुरू किया.. उसका गोरा पेट उनके सामने आ गया। दीपाली धीरे-धीरे टॉप को सीने तक ले आई.. अब उसकी काली ब्रा में कैद उसके चूचे तीनों के सामने थे।

दीपक तो नॉर्मल था मगर बाकि दोनों ने आज तक ऐसा नजारा नहीं देखा था। उनकी हालत खराब हो गई ... लौड़े में तनाव बढ़ने लगा.. कुछ तो गोली का असर और कुछ दीपाली के यौवन का असर, बेचारे दो-धारी तलवार से हलाल हो रहे थे।

दीपाली ने टॉप उतार कर उनकी तरफ़ फेंक दिया.. जिसे मैडी ने लपक लिया और उसकी खुश्बू सूंघने लगा। दीपाली के जिस्म की महक उसको और पागल बना गई थी।
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