अब दीपाली ने स्कर्ट को नीचे करना शुरू किया। जैसे-जैसे स्कर्ट नीचे हो रहा था.. उनकी साँसें बढ़ रही थीं। जब स्कर्ट पूरा नीचे हो गया.. तो दीपाली की काली पैन्टी में फूली हुई चूत दिखने लगी। दीपाली के होंठों पर क़ातिल मुस्कान थी। अब बस ब्रा-पैन्टी में खड़ी वो.. किसी काम-वासना की मूरत ही लग रही थी। एकदम सफेद बेदाग जिस्म पर काली ब्रा-पैन्टी किसी को भी हवस का पुजारी बनाने के लिए काफ़ी थी।
ये तीनों तो पहले से ही हवसी थे।
दीपक- अबे सालों, मुँह फाड़े क्यों खड़े हो.. कुछ तो बोलो….
सोनू- चुप कर यार.. ये नजारा देख कर मेरी तो धड़कन ही रुक गई है और तू बोलने की बात कर रहा है।
मैडी- हाँ यार, क्या मस्त जवानी है.. साली एकदम मक्खन जैसी चिकनी है।
दीपाली- मेरे नाकाम प्रेमियों.. अब असली जादू देखो.. ये ब्रा भी निकाल रही हूँ.. लौड़े को कस कर पकड़ लेना, कहीं तनाव खा कर टूट ना जाए.. हा हा हा हा…
दीपक- दिखा दे साली.. अब नखरे मत दिखा.. जल्दी कर मेरा लौड़ा ज़्यादा बर्दास्त नहीं कर सकता.. इसको चूत चाहिए बस….
दीपाली ने कमर के पीछे हाथ ले जाकर ब्रा का हुक खोल दिया और घूम गई.. ब्रा निकल कर फेंक दी.. अब उसकी कमर उन लोगों को दिखाई दे रही थी और उसके मदमस्त चूतड़ भी उनके सामने थे। सोनू ने तो लंड को पकड़ कर हिलाना शुरू कर दिया था।
अब दीपाली ने पैन्टी को नीचे सरकाया और होश उड़ा देने वाला नजारा सामने था। मैडी के लौड़े पर कुछ बूंदें आ गई थीं। सोनू के लंड ने तो पहले ही लार टपकाना शुरू कर दिया था और रहा दीपक.. भले ही वो दीपाली को चोद चुका हो.. मगर हालत तो उसकी भी खराब हो गई थी।
दीपाली एकदम नंगी हो गई थी और जब वो पलटी तो उसके तने हुए चूचे और उसकी कसी हुई गुलाबी चूत की फाँकें देख कर तीनों मद-मस्त हो गए।
दीपाली- हा हा हा! मैंने कहा था ना.. लौड़े पानी फेंक देंगे.. हा हा! कैसी हालत हो गई तीनों की.. हा हा!
दीपक आगे बढ़ा और उसने दीपाली को गोद में उठा लिया।
दीपक- चुप कर, साली रंडी.. ऐसे जिस्म की नुमाइस करेगी तो लौड़ा तो अकड़ेगा ही ना…
सोनू- ले आओ साली को बिस्तर पर, बहुत हंस रही है.. जब लौड़े घुसेंगे तो देखना कैसे रोएगी….
मैडी- साली, हम तो जवान हैं. लौड़े पानी छोड़ेंगे ही.. ये नजारा तो कोई बूढ़ा भी देख ले तो उसका लौड़ा भी खड़ा हो कर तेरी चूत को सलामी देने लगे।
दीपक ने बिस्तर के करीब आकर दीपाली को बिस्तर पर लिटा दिया। सोनू और मैडी भूखे कुत्ते की तरह लार टपकाते हुए बिस्तर पर चढ़ गए और दीपाली के मम्मों को दबाने लगे। वो दोनों दीपाली के आजू-बाजू लेट गए.. जैसे वो बस उन दोनों की ही हो।
दीपक अब भी नीचे खड़ा था।
दीपाली- आह्ह.. आई कमीनों.. आराम से दबाओ.. आह्ह.. दुख़ता है…
मैडी- आह्ह.. साली.. तेरे इन रसीले आमों का मज़ा लेने के लिए कब से तरस रहे थे.. आज मौका मिला है तो पूरा मज़ा लेंगे इनका…
सोनू एक कदम आगे निकला.. मैडी तो बस बोल रहा था. उसने तो एक निप्पल मुँह में लेकर चूसना भी शुरू कर दिया था।
दीपक- अबे सालों, आराम से मज़ा लो.. ये कौन सा भाग कर जा रही है।
सोनू- भाग कर जाना भी चाहे तो जाने नहीं दूँगा.. आज तो साली छिनाल को चोद कर ही दम लूँगा.. आह्ह.. क्या रस है तेरे चूचों में.. मज़ा आ गया….
दीपक ने अपना लौड़ा दीपाली के होंठों पर टिका दिया.. दीपाली ने झट से लौड़े को मुँह में ले लिया और चूसने लगी। जब सोनू की नज़र इस नजारे पर गई वो चौंक गया और मम्मों को चूसना भूल गया।
सोनू- अरे! तेरी माँ की लौड़ी, साली लौड़ा भी चूस रही है.. वाह.. आज तो मेरी सारी तमन्ना पूरी हो जाएगी.. यार दीपक, मेरा लौड़ा चुसवा दे ना.. बड़ा मन था मेरा कि कोई लड़की मेरा लौड़ा चूसे…
मैडी- आह्ह.. मज़ा आ रहा है साले.. कभी तू बोलता था कि इसके होंठ बड़े रसीले हैं.. एक बार इनको चूसने का मौका मिल जाए तो मज़ा आ जाए.. वो तो तूने चूसे नहीं.. अब लौड़ा चुसवाना चाहता है।
दीपक- आ जा साले, कैसे कुत्ते की तरह लार टपका रहा है.. चुसवा ले अपना लौड़ा.. अरे चोदू, ये तो लौड़े की प्यासी है ... ख़ुशी-ख़ुशी तेरा लौड़ा चूसेगी…
दीपक एक तरफ हट गया.. सोनू जल्दी से बिस्तर के नीचे आ गया और अपना लौड़ा दीपाली के होंठों के पास ले आया। मगर दीपाली ने होंठ सख्ती से भींच लिए।
सोनू- अरे क्या हुआ? चूस ना यार, प्लीज़.. प्लीज़.. चूस ले.
सोनू किसी बच्चे की तरह गिड़गिड़ा रहा था।
चुदाई का ज्ञान
- Rakeshsingh1999
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Re: चुदाई का ज्ञान
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हाय रे ज़ालिम....(Complete)..माँ बेटी की मज़बूरी(Complete)परिवार(दि फैमिली) Completeपापा की दुलारी जवान बेटियाँ(Complete)....परिवार की लाड़ली(complete)....दीदी से सेटिंग(Complete)...
नाना ने बनाया दीवाना(Complete)...तीन बेटियाँ (complete) -----मेरे गाँव की नदी(complete)....,मेरी कमसिन भांजी और बेटी -1(complete) मेरी कमसिन भांजी और बेटी-2 (complete)-----पापा तुम गंदे हो(complete).......माँ की अधूरी इच्छा(Complete.....मेरी बहु की मस्त जवानी(Complete)....ठरकी अंकल(Complete)
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Re: चुदाई का ज्ञान
दीपाली- तेरा लौड़ा भी चूसूंगी पर पहले तू मेरे होंठों का रस पी.. आज तेरी सारी इच्छा पूरी करना चाहती हूँ मैं.. आ जा, चूस मेरे रसीले होंठ…
सोनू तो जैसे उसके हुकुम का गुलाम था.. उसने फ़ौरन दीपाली के होंठों पर होंठ टिका दिए और बड़ी बेदर्दी से चूसने लगा। ... इधर मैडी उसके मम्मों को चूस-चूस कर मज़ा ले रहा था.. उसका हाथ दीपाली की चूत पर था.. जो अब गीली हो गई थी।
दीपक- अबे साले, चूचे ही चूसता रहेगा क्या? इसकी कमसिन चूत का रस नहीं पियेगा? बड़ा मज़ा आता है.. एक बार चख कर देख.
मैडी का ये पहली बार था और चूत चाटना उसे अजीब सा लग रहा था.. उसने थोड़ा ना नुकुर किया।
दीपक- अबे साले, कभी तेरे बाप ने भी देखी है ऐसी कच्ची कली की चूत जो ‘ना’ बोल रहा है. साले, चाट कर देख. मज़ा ना आए तो कहना..
मैडी ने ना चाहते हुए भी अपना मुँह चूत पर रख दिया और जीभ से चूत को स्पर्श किया.. उसको अजीब सी महक आ रही थी चूत से.. मगर उसको वो बड़ी मादक लगी और बस फिर क्या था.. उसने चूत को चाटना शुरू कर दिया..
सोनू- वाह.. साली, मज़ा आ गया. तेरे होंठों में बड़ा रस है रे.. ले अब मेरे लौड़े को चूस कर मुझे धन्य कर दे।
दीपाली- आह.. मैडी उफ़ उई.. अबे आराम से चाट ना.. उफ़ मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. ला साले, पूछ क्या रहा है.. आई डाल दे लौड़ा.. मेरे मुँह में.. आह्ह.. उफ़..
दीपक अब भी साइड में खड़ा.. उन दोनों को देख रहा था। उसका लौड़ा झटके खा रहा था.. उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी।
इधर दीपाली भी काम वासना में जल रही थी.. उसका जिस्म आग की भट्टी की तरह गर्म हो गया था। कुछ देर ये सिलसिला चलता रहा।
सोनू- आह.. चूस आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. उफ़ सस्स साली.. तेरे मुँह में इतना मज़ा आ रहा है.. चूत में तो आह्ह.. कितना मज़ा आएगा आह्ह.. चूस उई.. मेरा पानी निकलने वाला है आह..
दीपक- लौड़ा बाहर मत निकालना, पिला दे साली को.. अपने लौड़े का पानी निकाल दे इसके मुँह में।
सोनू अब मुँह को ऐसे चोदने लगा जैसे चूत हो.. झटके पर झटके दे रहा था। इधर मैडी भी चूत को अब बड़े मज़े से चाट रहा था। उसको चूतरस भा गया था… ‘सपड़-सपड़’ की आवाज़ के साथ वो चूत को चाट और चूस रहा था।
सोनू के लौड़े ने गर्म वीर्य की तेज धार दीपाली के मुँह में मारी.. उसका लौड़ा लावा उगलने लगा.. आज तक मुठ मारने वाला.. आज मुँह में झड़ रहा था तो उसका वीर्य भी काफ़ी निकला।
सोनू- आह.. मज़ा आ गया रे.. उफ़ साली.. बड़ी कुतिया चीज है तू.. आह्ह.. उफ़…
दीपाली ने लौड़े को होंठों में कस कर भींच लिया और उसकी आख़िरी बूँद तक निचोड़ डाली। मैडी की चटाई अब दीपाली को सातवें आसमान पे ले गई थी। उसकी आँखें बन्द हो गई थीं मगर उसका ये मज़ा दीपक ने किरकिरा कर दिया।
दीपक- अबे उठ साले, पहले चूचों से चिपक गया.. अब चूत पर कब्जा कर के बैठ गया.. मेरे लौड़े में दर्द होने लगा है.. अब हट.. चोदने दे साली को।
दीपाली- आह.. हटा क्यों दिया, हरामी.. मज़ा आ रहा था उफ़.. मैडी को चूत चाटने दो.. आह्ह.. लाओ.. तुम्हारा लौड़ा चूस कर मैं शान्त कर देती हूँ।
दीपक- ये एक तो साला भड़वा मुँह चोद कर ठंडा हो गया.. अब सबका पानी मुँह में निकालेगी क्या.. चल आ जा.. एक साथ गाण्ड और चूत में लौड़ा लेने का आनन्द ले.. वरना ये हरामी मैडी भी ठंडा हो कर बैठ जाएगा।
दीपाली बैठ गई और दीपक ने मैडी को नीचे सीधा लेटा दिया। उसका लौड़ा किसी बंदूक की तरह खड़ा था।
दीपक- चल जानेमन, बैठ जा लौड़े पर. दिखा दे मैडी को अपनी चूत का जलवा..
दीपाली टांगों को फैला कर लौड़े पर धीरे-धीरे बैठने लगी और चेहरे पर ऐसे भाव ले आई.. जैसे उसे बहुत दर्द हो रहा हो..
दीपाली- आह्ह.. आई मर गई रे.. आह्ह.. माँ उफ़फ्फ़..
दीपक ने उसके कंधे पकड़ कर ज़ोर से उसे लौड़े पर बिठा दिया.. जिससे ‘घप’ से पूरा लौड़ा चूत में समा गया। मैडी को पता भी नहीं चला कि कब लौड़े को चूत खा गई।
दीपाली- उह.. माँ मर गई रे.. साले हरामी.. ये क्या कर दिया… मेरी चूत फट गई.. आह आह…
सोनू- वाह.. दीपक एकदम सही किया. तड़पाओ साली रंडी को.. छिनाल बहुत तड़पाती थी हमें…
मैडी- आह्ह.. मज़ा आ गया.. साली चूत ऐसी होती है पता ही नहीं था. उफ़.. ऐसा लग रहा है जैसे लौड़ा किसी जलती भट्टी में चला गया हो..
दीपाली अब धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी.. लौड़ा चूत से टोपी तक बाहर आता.. वापस अन्दर चला जाता। मैडी की तो हालत खराब हो गई।
दीपक- चल रंडी.. अब तेरे यार पर लेट जा.. मैं पीछे से तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसाता हूँ.. तब आएगा असली मज़ा.. वो कहते है ना दो में एक से ज़्यादा मज़ा आता है।
दीपाली अब मैडी पर लेट गई.. पीछे से दीपक ने गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया। अब दीपक गाण्ड को पेलने लगा और नीचे से मैडी चूत की ठुकाई में लग गया।
सोनू तो जैसे उसके हुकुम का गुलाम था.. उसने फ़ौरन दीपाली के होंठों पर होंठ टिका दिए और बड़ी बेदर्दी से चूसने लगा। ... इधर मैडी उसके मम्मों को चूस-चूस कर मज़ा ले रहा था.. उसका हाथ दीपाली की चूत पर था.. जो अब गीली हो गई थी।
दीपक- अबे साले, चूचे ही चूसता रहेगा क्या? इसकी कमसिन चूत का रस नहीं पियेगा? बड़ा मज़ा आता है.. एक बार चख कर देख.
मैडी का ये पहली बार था और चूत चाटना उसे अजीब सा लग रहा था.. उसने थोड़ा ना नुकुर किया।
दीपक- अबे साले, कभी तेरे बाप ने भी देखी है ऐसी कच्ची कली की चूत जो ‘ना’ बोल रहा है. साले, चाट कर देख. मज़ा ना आए तो कहना..
मैडी ने ना चाहते हुए भी अपना मुँह चूत पर रख दिया और जीभ से चूत को स्पर्श किया.. उसको अजीब सी महक आ रही थी चूत से.. मगर उसको वो बड़ी मादक लगी और बस फिर क्या था.. उसने चूत को चाटना शुरू कर दिया..
सोनू- वाह.. साली, मज़ा आ गया. तेरे होंठों में बड़ा रस है रे.. ले अब मेरे लौड़े को चूस कर मुझे धन्य कर दे।
दीपाली- आह.. मैडी उफ़ उई.. अबे आराम से चाट ना.. उफ़ मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. ला साले, पूछ क्या रहा है.. आई डाल दे लौड़ा.. मेरे मुँह में.. आह्ह.. उफ़..
दीपक अब भी साइड में खड़ा.. उन दोनों को देख रहा था। उसका लौड़ा झटके खा रहा था.. उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी।
इधर दीपाली भी काम वासना में जल रही थी.. उसका जिस्म आग की भट्टी की तरह गर्म हो गया था। कुछ देर ये सिलसिला चलता रहा।
सोनू- आह.. चूस आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. उफ़ सस्स साली.. तेरे मुँह में इतना मज़ा आ रहा है.. चूत में तो आह्ह.. कितना मज़ा आएगा आह्ह.. चूस उई.. मेरा पानी निकलने वाला है आह..
दीपक- लौड़ा बाहर मत निकालना, पिला दे साली को.. अपने लौड़े का पानी निकाल दे इसके मुँह में।
सोनू अब मुँह को ऐसे चोदने लगा जैसे चूत हो.. झटके पर झटके दे रहा था। इधर मैडी भी चूत को अब बड़े मज़े से चाट रहा था। उसको चूतरस भा गया था… ‘सपड़-सपड़’ की आवाज़ के साथ वो चूत को चाट और चूस रहा था।
सोनू के लौड़े ने गर्म वीर्य की तेज धार दीपाली के मुँह में मारी.. उसका लौड़ा लावा उगलने लगा.. आज तक मुठ मारने वाला.. आज मुँह में झड़ रहा था तो उसका वीर्य भी काफ़ी निकला।
सोनू- आह.. मज़ा आ गया रे.. उफ़ साली.. बड़ी कुतिया चीज है तू.. आह्ह.. उफ़…
दीपाली ने लौड़े को होंठों में कस कर भींच लिया और उसकी आख़िरी बूँद तक निचोड़ डाली। मैडी की चटाई अब दीपाली को सातवें आसमान पे ले गई थी। उसकी आँखें बन्द हो गई थीं मगर उसका ये मज़ा दीपक ने किरकिरा कर दिया।
दीपक- अबे उठ साले, पहले चूचों से चिपक गया.. अब चूत पर कब्जा कर के बैठ गया.. मेरे लौड़े में दर्द होने लगा है.. अब हट.. चोदने दे साली को।
दीपाली- आह.. हटा क्यों दिया, हरामी.. मज़ा आ रहा था उफ़.. मैडी को चूत चाटने दो.. आह्ह.. लाओ.. तुम्हारा लौड़ा चूस कर मैं शान्त कर देती हूँ।
दीपक- ये एक तो साला भड़वा मुँह चोद कर ठंडा हो गया.. अब सबका पानी मुँह में निकालेगी क्या.. चल आ जा.. एक साथ गाण्ड और चूत में लौड़ा लेने का आनन्द ले.. वरना ये हरामी मैडी भी ठंडा हो कर बैठ जाएगा।
दीपाली बैठ गई और दीपक ने मैडी को नीचे सीधा लेटा दिया। उसका लौड़ा किसी बंदूक की तरह खड़ा था।
दीपक- चल जानेमन, बैठ जा लौड़े पर. दिखा दे मैडी को अपनी चूत का जलवा..
दीपाली टांगों को फैला कर लौड़े पर धीरे-धीरे बैठने लगी और चेहरे पर ऐसे भाव ले आई.. जैसे उसे बहुत दर्द हो रहा हो..
दीपाली- आह्ह.. आई मर गई रे.. आह्ह.. माँ उफ़फ्फ़..
दीपक ने उसके कंधे पकड़ कर ज़ोर से उसे लौड़े पर बिठा दिया.. जिससे ‘घप’ से पूरा लौड़ा चूत में समा गया। मैडी को पता भी नहीं चला कि कब लौड़े को चूत खा गई।
दीपाली- उह.. माँ मर गई रे.. साले हरामी.. ये क्या कर दिया… मेरी चूत फट गई.. आह आह…
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मैडी- आह्ह.. मज़ा आ गया.. साली चूत ऐसी होती है पता ही नहीं था. उफ़.. ऐसा लग रहा है जैसे लौड़ा किसी जलती भट्टी में चला गया हो..
दीपाली अब धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी.. लौड़ा चूत से टोपी तक बाहर आता.. वापस अन्दर चला जाता। मैडी की तो हालत खराब हो गई।
दीपक- चल रंडी.. अब तेरे यार पर लेट जा.. मैं पीछे से तेरी गाण्ड में लौड़ा घुसाता हूँ.. तब आएगा असली मज़ा.. वो कहते है ना दो में एक से ज़्यादा मज़ा आता है।
दीपाली अब मैडी पर लेट गई.. पीछे से दीपक ने गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया। अब दीपक गाण्ड को पेलने लगा और नीचे से मैडी चूत की ठुकाई में लग गया।
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Re: चुदाई का ज्ञान
दीपाली- आह्ह.. आई.. चोदो आह्ह.. मज़ा आ रहा है उफ़ ऐसी ज़बरदस्त ठुकाई आह्ह.. करो आई कककक.. मर गई रे.. आह्ह.. अबे ओ नामर्द इधर आ.. मादरचोद वहाँ बैठा क्या कर रहा है.. आह्ह.. पास आ.. अपना लौड़ा मेरे मुँह में दे.. ताकि 3 का तड़का लग जाए और मज़ा बढ़ जाए..
सोनू का लंड ना खड़ा था ना पूरी तरह नरम था.. बस आधा अधूरा सा लटक रहा था।
सोनू- हाँ रंडी.. आ रहा हूँ ले चूस.. साली खड़ा कर मेरा लौड़ा.. तेरी चूत और गाण्ड मारने के लिए बहुत बेताब हुआ जा रहा हूँ..
दीपाली ने सोनू के लंड को पूरा मुँह में ले लिया और किसी टॉफी की तरह उसे मुँह में घुमाने लगी.. जीभ से उसको चाटने लगी।
मैडी- आह्ह.. उहह ले रंडी.. आह्ह.. तेरी चूत बहुत मस्त है..आह्ह..
दीपक- चोद मैडी.. आह्ह.. इस रंडी की चूत का चूरमा बना दे.. आह्ह.. मैं गाण्ड का भुर्ता बनाता हूँ उहह उहह.. आह्ह.. ले छिनाल आह्ह.. उहह..
करीब 5 मिनट तक दोनों दे-घपाघप लौड़ा पेलते रहे। इधर सोनू का लौड़ा भी एकदम तनाव में आ गया था।
मैडी- आह उहह उहह मेरा पानी आ निकलने वाला है.. आह्ह.. क्या करूँ?
दीपक- उह उह.. करना क्या है आह्ह.. निकाल दे चूत में.. भर दे साली की चूत पानी से.. ओह.. मज़ा आ गया.. क्या गाण्ड है साली की आह्ह..
दीपाली ने सोनू का लौड़ा मुँह से निकाल दिया और सिसकने लगी।
दीपाली- ससस्सअह.. मैडी रूको प्लीज़ आह्ह.. मेरी चूत भी ओह उईईइ.. दीपक आह.. ज़ोर से गाण्ड मारो आह मैडी तेज झटके मारो मेरी आईईइ चूत आईईइ उयाया गई…
मैडी के लौड़े ने पानी छोड़ दिया और उसके अहसास से ही दीपाली की चूत भी झड़ गई। इधर दीपक ने अपनी रफ्तार तेज कर ली थी.. अब वो गाण्ड में सटासट लंड पेल रहा था.. शायद उसका लौड़ा भी गाण्ड की गर्मी से पिघल रहा था।
सोनू- साली, चूस लौड़ा देख.. कैसे सख्त हो गया है।
दीपाली- आई आईईइ दीपक आह्ह.. बस भी करो.. आहह मेरी गाण्ड में दर्द होने लगा है आह्ह..
दीपक- रुक छिनाल.. बस आह्ह.. निकलने वाला है.. आह्ह.. उहह ले आ आह्ह..
मैडी का लौड़ा अब ढीला पड़ गया था और चूत से बाहर आ गया था। दोनों का मिला-जुला वीर्य मैडी की जाँघो पर लग गया था।
मैडी- यार दीपक, मुझे तो नीचे से निकलने दे.. पूरा चिपचिपा हो गया है।
दीपाली- आह उई हाँ दीपक.. आह तुम मेरे मुँह में पानी निकाल दो.. आह्ह.. गाण्ड को बख्श दो आह्ह.. प्लीज़ आह उईईइ…
दीपक को उसकी बात समझ आ गई एक झटके से उसने लौड़ा गाण्ड से निकाल लिया और उसी रफ्तार से दीपाली के बाल पकड़ कर उसे मैडी के ऊपर से नीचे उतार दिया… अब दीपाली बिस्तर पर बैठ गई और फ़ौरन दीपक ने लौड़ा उसके मुँह में घुसा दिया। बस एक दो झटके ही मारे होंगे कि उसका भी बाँध टूट गया.. दीपाली ने उसका भी सारा पानी गटक लिया। दीपाली ने लौड़े को चाट कर साफ कर दिया. अब दीपक भी मैडी के पास लेट गया और हाँफने लगा।
सोनू- अरे साली छिनाल.. मेरे लौड़े को खड़ा कर के रख दिया. ये दोनों तो ठंडे हो गए.. मुझे तो शान्त कर, साली.. असली मर्द हूँ मैं.. देख लौड़ा कैसे तना हुआ खड़ा है…
दीपाली- हा हा हा! साला भड़वा.. नामर्द कहीं का… हा हा! बोलता है असली मर्द हूँ.. अबे बहनचोद.. गोली का असर है ये.. जो दोबारा खड़ा हो गया वरना अभी किसी कोने में दुबका हुआ बैठा रहता…
सोनू- त..त..तुझे कैसे पता?
दीपक- साले चूतिए, मैंने बताया है इसको. और तेरे को गोली ले कर भी क्या हुआ.. साला बहनचोद मुँह में झड़ गया. भोसड़ी के, हमें देख. चूत और गांड को रगड़ कर के ठंडे हुए हैं. तेरी तरह नहीं जो मुँह से ही झड़ जाए. हा हा हा हा हा हा!
तीनों हँसने लगे. सोनू को गुस्सा आ गया और वो झट से बिस्तर पर चढ़ गया और दीपाली के पाँव फैला कर लौड़ा चूत पर टिका दिया.. चूत पहले से ही वीर्य से सनी हुई थी.. सो उसका लौड़ा फिसलता हुआ अन्दर चला गया।
दीपाली- आह! तेरा तो इन दोनों से छोटा है ... हा हा हा हा हा!
दीपक- हा हा हा! वाह.. दीपाली क्या बात बोली है.. हा हा हा! साला नामर्द! हा हा हा!
सोनू का लंड ना खड़ा था ना पूरी तरह नरम था.. बस आधा अधूरा सा लटक रहा था।
सोनू- हाँ रंडी.. आ रहा हूँ ले चूस.. साली खड़ा कर मेरा लौड़ा.. तेरी चूत और गाण्ड मारने के लिए बहुत बेताब हुआ जा रहा हूँ..
दीपाली ने सोनू के लंड को पूरा मुँह में ले लिया और किसी टॉफी की तरह उसे मुँह में घुमाने लगी.. जीभ से उसको चाटने लगी।
मैडी- आह्ह.. उहह ले रंडी.. आह्ह.. तेरी चूत बहुत मस्त है..आह्ह..
दीपक- चोद मैडी.. आह्ह.. इस रंडी की चूत का चूरमा बना दे.. आह्ह.. मैं गाण्ड का भुर्ता बनाता हूँ उहह उहह.. आह्ह.. ले छिनाल आह्ह.. उहह..
करीब 5 मिनट तक दोनों दे-घपाघप लौड़ा पेलते रहे। इधर सोनू का लौड़ा भी एकदम तनाव में आ गया था।
मैडी- आह उहह उहह मेरा पानी आ निकलने वाला है.. आह्ह.. क्या करूँ?
दीपक- उह उह.. करना क्या है आह्ह.. निकाल दे चूत में.. भर दे साली की चूत पानी से.. ओह.. मज़ा आ गया.. क्या गाण्ड है साली की आह्ह..
दीपाली ने सोनू का लौड़ा मुँह से निकाल दिया और सिसकने लगी।
दीपाली- ससस्सअह.. मैडी रूको प्लीज़ आह्ह.. मेरी चूत भी ओह उईईइ.. दीपक आह.. ज़ोर से गाण्ड मारो आह मैडी तेज झटके मारो मेरी आईईइ चूत आईईइ उयाया गई…
मैडी के लौड़े ने पानी छोड़ दिया और उसके अहसास से ही दीपाली की चूत भी झड़ गई। इधर दीपक ने अपनी रफ्तार तेज कर ली थी.. अब वो गाण्ड में सटासट लंड पेल रहा था.. शायद उसका लौड़ा भी गाण्ड की गर्मी से पिघल रहा था।
सोनू- साली, चूस लौड़ा देख.. कैसे सख्त हो गया है।
दीपाली- आई आईईइ दीपक आह्ह.. बस भी करो.. आहह मेरी गाण्ड में दर्द होने लगा है आह्ह..
दीपक- रुक छिनाल.. बस आह्ह.. निकलने वाला है.. आह्ह.. उहह ले आ आह्ह..
मैडी का लौड़ा अब ढीला पड़ गया था और चूत से बाहर आ गया था। दोनों का मिला-जुला वीर्य मैडी की जाँघो पर लग गया था।
मैडी- यार दीपक, मुझे तो नीचे से निकलने दे.. पूरा चिपचिपा हो गया है।
दीपाली- आह उई हाँ दीपक.. आह तुम मेरे मुँह में पानी निकाल दो.. आह्ह.. गाण्ड को बख्श दो आह्ह.. प्लीज़ आह उईईइ…
दीपक को उसकी बात समझ आ गई एक झटके से उसने लौड़ा गाण्ड से निकाल लिया और उसी रफ्तार से दीपाली के बाल पकड़ कर उसे मैडी के ऊपर से नीचे उतार दिया… अब दीपाली बिस्तर पर बैठ गई और फ़ौरन दीपक ने लौड़ा उसके मुँह में घुसा दिया। बस एक दो झटके ही मारे होंगे कि उसका भी बाँध टूट गया.. दीपाली ने उसका भी सारा पानी गटक लिया। दीपाली ने लौड़े को चाट कर साफ कर दिया. अब दीपक भी मैडी के पास लेट गया और हाँफने लगा।
सोनू- अरे साली छिनाल.. मेरे लौड़े को खड़ा कर के रख दिया. ये दोनों तो ठंडे हो गए.. मुझे तो शान्त कर, साली.. असली मर्द हूँ मैं.. देख लौड़ा कैसे तना हुआ खड़ा है…
दीपाली- हा हा हा! साला भड़वा.. नामर्द कहीं का… हा हा! बोलता है असली मर्द हूँ.. अबे बहनचोद.. गोली का असर है ये.. जो दोबारा खड़ा हो गया वरना अभी किसी कोने में दुबका हुआ बैठा रहता…
सोनू- त..त..तुझे कैसे पता?
दीपक- साले चूतिए, मैंने बताया है इसको. और तेरे को गोली ले कर भी क्या हुआ.. साला बहनचोद मुँह में झड़ गया. भोसड़ी के, हमें देख. चूत और गांड को रगड़ कर के ठंडे हुए हैं. तेरी तरह नहीं जो मुँह से ही झड़ जाए. हा हा हा हा हा हा!
तीनों हँसने लगे. सोनू को गुस्सा आ गया और वो झट से बिस्तर पर चढ़ गया और दीपाली के पाँव फैला कर लौड़ा चूत पर टिका दिया.. चूत पहले से ही वीर्य से सनी हुई थी.. सो उसका लौड़ा फिसलता हुआ अन्दर चला गया।
दीपाली- आह! तेरा तो इन दोनों से छोटा है ... हा हा हा हा हा!
दीपक- हा हा हा! वाह.. दीपाली क्या बात बोली है.. हा हा हा! साला नामर्द! हा हा हा!
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Re: चुदाई का ज्ञान
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Thriller इंसाफ Running....बहुरुपिया शिकारी Running....
गुजारिश Running....वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना Running....वर्दी वाला गुण्डा / वेदप्रकाश शर्मा ....
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Re: चुदाई का ज्ञान
सोनू अब जोश में आ गया और घपाघप लौड़ा चूत में पेलने लगा.. उसका जोश ऐसा था कि दीपाली भी उत्तेज़ित हो गई.. लौड़े का घर्षण चूत में करंट पैदा कर रहा था। अब दीपाली भी चूतड़ उछालने लगी।
दीपाली- आहह.. चोद रे. आहह.. मज़ा आ रहा है.. उई मैं तो समझी थी तेरे में जोश नहीं है. आहह.. मगर तू तो बड़ा पॉवर वाला है आहह.. आईई.. चोद.. मज़ा आ रहा है.. आह…
दीपाली की उत्तेजक बातें सोनू पर असर कर गईं.. उसने ताबड़तोड़ धक्कों से चोदना शुरू कर दिया। अब लौड़ा कब चूत से बाहर आता और कब पूरा अन्दर घुस जाता.. ये पता भी नहीं चल रहा था और ऐसी घमासान चुदाई का नतीजा तो आप जानते ही हो.. सोनू के लौड़े ने आग उगलना शुरू कर दिया। दीपाली भी ऐसी चुदाई से बच ना पाई और सोनू के साथ ही झड़ गई। अब दोनों बिस्तर पर पास-पास लेटे हुए थे.. सोनू की धड़कनें बहुत तेज थीं जैसे वो कई किलोमीटर भाग कर आया हो।
दीपाली- वाह.. सोनू, मज़ा आ गया.. तू तो बड़ा तेज निकला यार.. कसम से मज़ा आ गया…
दीपक- जानेमन, हमने मज़ा नहीं दिया क्या.. जो इस बच्चे की चुदाई से खुश हो रही है।
सोनू- कौन बच्चा बे.. भोसड़ी के कब से दोनों कुछ भी बोल रहे हो…
दीपक- अरे ओ मादरचोद.. चुप हो जा साले.. मेरी वजह से तुझे चूत मिली है.. अब ज़्यादा बात की ना तो इस छिनाल की गाण्ड नहीं मारने दूँगा, सोच ले..
सोनू- सॉरी यार ग़लती हो गई.. गाण्ड तो जरूर मारूँगा.. उसके बिना चुदाई अधूरी है…
मैडी- यार मैं बाथरूम जाकर आता हूँ. पूरी जाँघ चिपचिपी हो रही है.. आ कर साली की गाण्ड पहले मैं मारूँगा…
दीपाली- तू भी गाण्ड मारेगा.. ये भी गाण्ड मारेगा.. आख़िर मुझे क्या समझ रखा है? ... अब कोई कुछ नहीं मारेगा.. मुझे घर जाना है. आज के लिए बस हो गया.. कल इम्तिहान है.. मुझे तैयारी भी करनी है…
दीपक- अबे चुप साली रंडी.. इतनी जल्दी क्या है तुझे जाने की.. अभी एक-एक राउंड और लगाने दे.. उसके बाद चली जाना…
सोनू- अरे मेरी जान.. प्लीज़ ऐसा ज़ुल्म ना कर.. अभी जाने का नाम मत ले.. अभी पूरा मज़ा कहाँ आया है.. प्लीज़, एक बार तेरी गाण्ड मार लें.. उसके बाद चली जाना.
दीपाली- नहीं दीपक.. बात को समझो.. मैं अगर नहीं गई तो मम्मी को शक हो जाएगा.. प्लीज़…
दीपक- अरे यार, बस एक बार और.. साले कुत्तों ने गोली खिला दी थी मुझे भी.. अब ये लौड़ा साला बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है.. देख दोबारा कैसे तन कर खड़ा हो गया…
दीपाली- अच्छा ठीक है मगर जल्दी हाँ.. ज़्यादा वक्त खराब मत करो…
दीपक- ठीक है.. चल बन जा घोड़ी.. लौड़ा वापस खड़ा हो गया है.. अब तेरी गाण्ड मारूँगा…
दीपाली- उह माँ.. ये तुम तीनों को हो क्या गया है.. सबके सब मेरी गाण्ड के पीछे पड़ गए हो.. मैंने ये चूत क्या चटवाने के लिए रखी है…
दीपक- अरे मजाक कर रहा हूँ, जान.. मैंने तेरी गाण्ड तो अभी मारी है ना.. अब तेरी चूत लूंगा.. इन दोनों गाण्डुओं को गाण्ड मारने दे.
सोनू- हाँ यार, चल साथ में मारते हैं. मैडी तो साला बाथरूम में घुस गया.. वो आएगा तब तक तो हम शुरू हो चुके होंगे…
दीपक- साले, मेरा मन था इसको घोड़ी बना कर चोदने का.. अब तू भी साथ आएगा तो मुझे नीचे लेटना पड़ेगा।
दीपाली- तो लेट जाओ ना.. प्लीज़ मुझे जाना है. एक-एक कर के आओगे तो बहुत वक्त लग जाएगा…
दीपक ने बात मान ली और लेट गया. दीपाली उसके लौड़े पर बैठ गई और उसे झुका कर पीछे से सोनू ने गाण्ड में लौड़ा घुसा दिया।
सोनू- आहह.. आह.. क्या नर्म-नर्म गाण्ड है यार.. मज़ा आ गया. साली लड़की की गाण्ड कितनी मस्त होती है यार.. उहह उहह मज़ा आ रहा है…
दीपक नीचे से शुरू हो गया और सोनू पीछे से लौड़ा पेलने लगा। अब चुदाई जोरों पर थी.. तभी मैडी भी बाहर आ गया और उनको देख कर बोलने लगा।
मैडी- अरे वाह.. चुदाई शुरू कर दी.. मैं भी आता हूँ.. ले जान, मेरा लौड़ा चूस कर खड़ा कर.. उसके बाद तेरी गाण्ड मारूँगा…
दीपाली लौड़ा चूसने लगी. इधर सोनू और दीपक मज़े से लौड़ा पेल रहे थे। अभी 5 मिनट भी नहीं हुए कि सोनू झड़ गया और बिस्तर पर लेट कर हाँफने लगा। इधर गाण्ड को खाली देख कर मैडी ने मुँह से लौड़ा निकाला और गाण्ड मारने के लिए बिस्तर पे चढ़ गया। वो भी लौड़ा गाण्ड में घुसा कर शुरू हो गया.. दे दनादन चोदने लगा। करीब 15 मिनट बाद तीनों झड़ गए.. अब दीपाली थक कर चूर हो गई थी। उसकी गाण्ड और चूत का बुरा हाल हो गया था।
दीपाली- उफ़फ्फ़! मर गई.. आज तो चूत और गाण्ड में बहुत जलन हो रही है.. आहह.. आईई.. अब तो जा कर सोना ही पड़ेगा.. मैं बहुत थक गई हूँ।
दीपाली ने बाथरूम जा कर अपने आपको साफ किया और फ्रेश होकर बाहर आ गई।
दीपाली- आहह.. चोद रे. आहह.. मज़ा आ रहा है.. उई मैं तो समझी थी तेरे में जोश नहीं है. आहह.. मगर तू तो बड़ा पॉवर वाला है आहह.. आईई.. चोद.. मज़ा आ रहा है.. आह…
दीपाली की उत्तेजक बातें सोनू पर असर कर गईं.. उसने ताबड़तोड़ धक्कों से चोदना शुरू कर दिया। अब लौड़ा कब चूत से बाहर आता और कब पूरा अन्दर घुस जाता.. ये पता भी नहीं चल रहा था और ऐसी घमासान चुदाई का नतीजा तो आप जानते ही हो.. सोनू के लौड़े ने आग उगलना शुरू कर दिया। दीपाली भी ऐसी चुदाई से बच ना पाई और सोनू के साथ ही झड़ गई। अब दोनों बिस्तर पर पास-पास लेटे हुए थे.. सोनू की धड़कनें बहुत तेज थीं जैसे वो कई किलोमीटर भाग कर आया हो।
दीपाली- वाह.. सोनू, मज़ा आ गया.. तू तो बड़ा तेज निकला यार.. कसम से मज़ा आ गया…
दीपक- जानेमन, हमने मज़ा नहीं दिया क्या.. जो इस बच्चे की चुदाई से खुश हो रही है।
सोनू- कौन बच्चा बे.. भोसड़ी के कब से दोनों कुछ भी बोल रहे हो…
दीपक- अरे ओ मादरचोद.. चुप हो जा साले.. मेरी वजह से तुझे चूत मिली है.. अब ज़्यादा बात की ना तो इस छिनाल की गाण्ड नहीं मारने दूँगा, सोच ले..
सोनू- सॉरी यार ग़लती हो गई.. गाण्ड तो जरूर मारूँगा.. उसके बिना चुदाई अधूरी है…
मैडी- यार मैं बाथरूम जाकर आता हूँ. पूरी जाँघ चिपचिपी हो रही है.. आ कर साली की गाण्ड पहले मैं मारूँगा…
दीपाली- तू भी गाण्ड मारेगा.. ये भी गाण्ड मारेगा.. आख़िर मुझे क्या समझ रखा है? ... अब कोई कुछ नहीं मारेगा.. मुझे घर जाना है. आज के लिए बस हो गया.. कल इम्तिहान है.. मुझे तैयारी भी करनी है…
दीपक- अबे चुप साली रंडी.. इतनी जल्दी क्या है तुझे जाने की.. अभी एक-एक राउंड और लगाने दे.. उसके बाद चली जाना…
सोनू- अरे मेरी जान.. प्लीज़ ऐसा ज़ुल्म ना कर.. अभी जाने का नाम मत ले.. अभी पूरा मज़ा कहाँ आया है.. प्लीज़, एक बार तेरी गाण्ड मार लें.. उसके बाद चली जाना.
दीपाली- नहीं दीपक.. बात को समझो.. मैं अगर नहीं गई तो मम्मी को शक हो जाएगा.. प्लीज़…
दीपक- अरे यार, बस एक बार और.. साले कुत्तों ने गोली खिला दी थी मुझे भी.. अब ये लौड़ा साला बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है.. देख दोबारा कैसे तन कर खड़ा हो गया…
दीपाली- अच्छा ठीक है मगर जल्दी हाँ.. ज़्यादा वक्त खराब मत करो…
दीपक- ठीक है.. चल बन जा घोड़ी.. लौड़ा वापस खड़ा हो गया है.. अब तेरी गाण्ड मारूँगा…
दीपाली- उह माँ.. ये तुम तीनों को हो क्या गया है.. सबके सब मेरी गाण्ड के पीछे पड़ गए हो.. मैंने ये चूत क्या चटवाने के लिए रखी है…
दीपक- अरे मजाक कर रहा हूँ, जान.. मैंने तेरी गाण्ड तो अभी मारी है ना.. अब तेरी चूत लूंगा.. इन दोनों गाण्डुओं को गाण्ड मारने दे.
सोनू- हाँ यार, चल साथ में मारते हैं. मैडी तो साला बाथरूम में घुस गया.. वो आएगा तब तक तो हम शुरू हो चुके होंगे…
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