समीर कोल्ड-ड्रिंक पिज़्ज़ा वगैरह लेकर सामने बने पार्क में पहुँच जाता है। पार्क में बहुत चहल पहल थी। समीर और हुमा नीचे घास पर बैठ जाते हैं, और समीर हुमा को अपने हाथ से पिज़्ज़ा का एक टुकड़ा पकड़ाता है। हुमा पिज़्ज़ा खाने लगती है। चारों तरफ पार्क में लड़के लड़कियां एक दूजे से चिपके बैठे थे।
तभी एक फोटोग्राफर आता है- “सर फोटो खिंचवायेंगे?"
समीर- नहीं भाई।
फोटोग्राफर थोड़ी रिक्वेस्ट करने लगता है।
बोलती है- “सर, एक फोटो साथ में खिंचवा लेते हैं..."
समीर- अरे... मगर हमारे पास इतना टाइम नहीं की हम फोटो कापी के लिए रुकेंगे।
फोटोग्राफर चला जाता है।
समीर को फोटो खिंचवाना अच्छा लगता है?
-
हुमा - जी सर। मुझे तो फोटो खिंचवाने का बहुक शौक है।
समीर- अरें... वाह... मुझे भी फोटोग्राफी करने का बड़ा शौक है।
हुमा- सर, फिर तो आप मेरी फोटो खिचिये।
समीर अपना मोबाइल निकालता है, और हुमा के गाल से गाल छूकर एक सेल्फी लेता है। समीर हुमा के साफ्ट साफ्ट गाल अपने गाल पर महसूस करता है, और फिर हुमा सेल्फी देखते हुए।
हुमा- वाउ सर, कितनी प्यारी फोटो आई है।
समीर- ये तो कुछ भी नहीं। जब कैमरे से फोटो खींचूंगा तब देखना।
हुमा - तो सर खींचिये ना।
समीर- ऐसे थोड़ी खींची जाती है।
हुमा- फिर?
समीर- तुम्हारी माडेलिंग टाइप फोटो खींचूंगा अगर तुम खिंचवाओगी तो?
हुमा - क्यों नहीं सर? मैं जरूर खिबचवाऊँगी।
फिर थोड़ी देर बाद दोनों वहां से निकल जाते हैं, और बातें करते हुए कब फिरोजबाद आ गया। हुमा के साथ समीर का 4:00 घंटे का सफर यूँ लग रहा था जैसे बस अभी 5 मिनट हुए हों। समीर हुमा को गाड़ी में ही बैठाकर अंदर कंपनी में चला जाता है।
हुमा गाड़ी में बैठी म्यूजिक सुनती रहती है। करीब आधे घंटे बाद समीर सैम्पल लेकर आता है।
"
समीर- बोर तो नहीं हुई?
हुमा- नहीं सर, म्यूजिक सुन रही थी।
समीर- चलें?
हुमा- जी।
समीर- ताजमहल देखोगी?
हुमा मुश्कुराते हुए- “जी..."
Incest घर की मुर्गियाँ
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Re: Incest घर की मुर्गियाँ
समीर गाड़ी ताजमहल की तरफ दौड़ा देता है। एक घंटे बाद दोनों ताज का दीदार करते हैं।
हुमा- वाउ सर कितना खूबसूरत है।
समीर- पता है ये एक प्यार करने वाले ने अपनी बेगम की याद में बनवाया है।
हुमा - जी सर। प्यार की निशानी है।
यहां भी काफी सारे कपल एक दूजे की बाँहो में बाँहे डाले फोटो खींचवा रहे थे। तभी समीर सामने बैठी लड़की के पास जाता है, और अपना मोबाइल उसे दे देता है। हुमा ये सब देख रही थी। तभी समीर हुमा के करीब बैठ जाता है, और वो लड़की दोनों के फोटो खींचने लगती है। समीर कभी हुमा का हाथ पकड़कर खिंचवाता, कभी अपना हाथ हुमा की कमर में डालकर खिंचवाता।
तभी समीर को जाने क्या हुआ की समीर ने एकदम से हुमा को बाँहो में भर लिया, और उस लड़की के चेहरे पर भी स्माइल आ गई, और एकदम से फोटो क्लिक कर दिया।
लड़की समीर को मोबाइल देते हुए- “बहुत प्यारी जोड़ी है आप दोनों की.."
हुमा थोड़ा झेंप सी जाती है। मगर समीर के चेहरे पर स्माइल दौड़ जाती है, और थोड़ी देर बाद दोनों वहां से निकाल जाते हैं। शाम के 4:00 बज चुके थे।
समीर- हुमा बोलो कहां चलें? कहो तो आज किसी होटल में रुक जायें वरना अभी 4:00 बजे हैं, और हम नोयेडा 7:00 बजे तक पहुँच जायेंगे।
हुमा- घर ही चलते हैं।
समीर- ओके। मगर तुमको आज रात मेरे घर पर रुकना पड़ेगा।
हुमा- मगर सर... आपके घर पर आपके मम्मी पापा क्या कहेंगे?
समीर- आज घर पर कोई नहीं है।
हुमा- ओके
समीर कार नोयेडा की तरफ दौड़ा देता है। समीर ने आज ऐसी फास्ट गाड़ी चलाई की 7:00 बजे से पहले समीर हुमा को लेकर अपने घर आ चुका था। दोनों फ्रेश होकर खाना खाते हैं। समीर सामने बैठा हुमा को देखता रहता है।
समीर- हुमा आज का सफर कैसा लगा?
हुमा- सर आज तो बहुत मजा आया।
समीर थोड़ा सा आगे को खिसक जाता है, और अपना हाथ हुमा के हाथ के ऊपर रख देता है, और हल्का-हल्का सहलाने लगता है। समीर अपने हाथों को हुमा की कमर में भर लेता है और हुमा को अपने करीब खींच लेता है। हुमा का चेहरा समीर के इतने करीब आ जाता है की बस होंठों का फासला मुश्किल से एक-दो इंच का रह जाता है। हुमा की नजरें नीचे की तरफ झुक जाती हैं, जैसे समीर को ये सब करने की इजाजत दे रही हो।
समीर भी ऐसा मोका कहां छोड़ने वाला था, और समीर अपने होंठों को हुमा के होंठों पर रख देता है। इस वक्त हुमा की आँखें बंद हो चुकी थी, और समीर के होंठ हुमा के साफ्ट साफ्ट गुलाब की पंखुड़ियों समान होंठों को किस कर रहे थे। हुमा आँखें बंद किए किसी दूसरी दुनियां में पहुँच चुकी थी। करीब 10 मिनट समीर हुमा के होंठों को किस करता रहा। फिर समीर हुमा के होंठों को आजाद कर देता है, और ऊपर अपने कमरे में चला जाता है।
हुमा खामोश सोफे पर बैठी थी। हुमा की सांसें बहुत तेजी से चल रही थीं। उसकी लाइफ का ये पहला किस था। तभी समीर एक कैमरा लेकर नीचे आता है।
समीर- चलो तुम्हारे फोटो खींचते हैं, तैयार हो?
हुमा- जी।
समीर रूम की सारी लाइटें ओन कर देता है। हुमा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है, और समीर एकदम से हुमा की फोटो खींच लेता है।
हुमा- वाउ सर कितना खूबसूरत है।
समीर- पता है ये एक प्यार करने वाले ने अपनी बेगम की याद में बनवाया है।
हुमा - जी सर। प्यार की निशानी है।
यहां भी काफी सारे कपल एक दूजे की बाँहो में बाँहे डाले फोटो खींचवा रहे थे। तभी समीर सामने बैठी लड़की के पास जाता है, और अपना मोबाइल उसे दे देता है। हुमा ये सब देख रही थी। तभी समीर हुमा के करीब बैठ जाता है, और वो लड़की दोनों के फोटो खींचने लगती है। समीर कभी हुमा का हाथ पकड़कर खिंचवाता, कभी अपना हाथ हुमा की कमर में डालकर खिंचवाता।
तभी समीर को जाने क्या हुआ की समीर ने एकदम से हुमा को बाँहो में भर लिया, और उस लड़की के चेहरे पर भी स्माइल आ गई, और एकदम से फोटो क्लिक कर दिया।
लड़की समीर को मोबाइल देते हुए- “बहुत प्यारी जोड़ी है आप दोनों की.."
हुमा थोड़ा झेंप सी जाती है। मगर समीर के चेहरे पर स्माइल दौड़ जाती है, और थोड़ी देर बाद दोनों वहां से निकाल जाते हैं। शाम के 4:00 बज चुके थे।
समीर- हुमा बोलो कहां चलें? कहो तो आज किसी होटल में रुक जायें वरना अभी 4:00 बजे हैं, और हम नोयेडा 7:00 बजे तक पहुँच जायेंगे।
हुमा- घर ही चलते हैं।
समीर- ओके। मगर तुमको आज रात मेरे घर पर रुकना पड़ेगा।
हुमा- मगर सर... आपके घर पर आपके मम्मी पापा क्या कहेंगे?
समीर- आज घर पर कोई नहीं है।
हुमा- ओके
समीर कार नोयेडा की तरफ दौड़ा देता है। समीर ने आज ऐसी फास्ट गाड़ी चलाई की 7:00 बजे से पहले समीर हुमा को लेकर अपने घर आ चुका था। दोनों फ्रेश होकर खाना खाते हैं। समीर सामने बैठा हुमा को देखता रहता है।
समीर- हुमा आज का सफर कैसा लगा?
हुमा- सर आज तो बहुत मजा आया।
समीर थोड़ा सा आगे को खिसक जाता है, और अपना हाथ हुमा के हाथ के ऊपर रख देता है, और हल्का-हल्का सहलाने लगता है। समीर अपने हाथों को हुमा की कमर में भर लेता है और हुमा को अपने करीब खींच लेता है। हुमा का चेहरा समीर के इतने करीब आ जाता है की बस होंठों का फासला मुश्किल से एक-दो इंच का रह जाता है। हुमा की नजरें नीचे की तरफ झुक जाती हैं, जैसे समीर को ये सब करने की इजाजत दे रही हो।
समीर भी ऐसा मोका कहां छोड़ने वाला था, और समीर अपने होंठों को हुमा के होंठों पर रख देता है। इस वक्त हुमा की आँखें बंद हो चुकी थी, और समीर के होंठ हुमा के साफ्ट साफ्ट गुलाब की पंखुड़ियों समान होंठों को किस कर रहे थे। हुमा आँखें बंद किए किसी दूसरी दुनियां में पहुँच चुकी थी। करीब 10 मिनट समीर हुमा के होंठों को किस करता रहा। फिर समीर हुमा के होंठों को आजाद कर देता है, और ऊपर अपने कमरे में चला जाता है।
हुमा खामोश सोफे पर बैठी थी। हुमा की सांसें बहुत तेजी से चल रही थीं। उसकी लाइफ का ये पहला किस था। तभी समीर एक कैमरा लेकर नीचे आता है।
समीर- चलो तुम्हारे फोटो खींचते हैं, तैयार हो?
हुमा- जी।
समीर रूम की सारी लाइटें ओन कर देता है। हुमा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है, और समीर एकदम से हुमा की फोटो खींच लेता है।
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समीर रूम की सारी लाइटें ओन कर देता है। हुमा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है, और समीर एकदम से हुमा की फोटो खींच लेता है।
समीर- “वाउ अमेजिंग पिक..” और समीर हुमा पिक दिखाता है।
हुमा - सर आप तो बहुत अच्छी फोटो खींचते हो, आपको तो फोटोग्राफर होना चाहिए था।
समीर- "मुझे बचपन से ही फोटोग्राफेरी का शौक है। मगर आज तक कोई ऐसी माडल नहीं मिली, जिसके मैं फोटो शूट कर सकूँ..” समीर ये बात थोड़ी मायूसी से कहता है।
हुमा- अरे... सर इसमें क्या है? मैं हूँ ना... आप मेरे फोटो शूट कीजिए।
समीर- मगर ये काम थोड़ा मुश्किल है, तुम कर सकोगी?
हुमा - कोशिश करूँगी।
समीर- "ठीक है तो तुम यहीं बैठो, मैं अभी आया...” कहकर समीर ऊपर जाकर दिव्या के अंडरगर्मेस ले आता है,
और कहता है- “हुमा, तुमको ड्रेस चेंज करनी होगी.."
हुमा- “ओके..." और हुमा एक नाइटी उठाकर दूसरे रूम में जाने लगती है।
समीर- हुमा, यही चेंज कर लो मैं पलट जाता हूँ।
हुमा - जी ठीक है।
समीर पलट जाता है, और हुमा अपनी शर्ट के बटन खोलने लगती है। तभी समीर पलट जाता है। हुमा ने नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी। हुमा की आधी चूचियां समीर की नजरों के सामने थीं।
समीर- वाउ... बस यूँ ही रुक जाओ, एक फोटो इसी पोज में।
हुमा एकदम से अपनी चूचियां ढक लेती है।
समीर- "मैंने तो पहले ही कहा था की ये सब तुमसे नहीं होगा.." और समीर हुमा से ये सब बड़ी मायूसी से कहता है।
हुमा को समीर का यूँ मायूस होना अच्छा नहीं लगा। हुमा नजरें झुकाए समीर से बोलती है- "सर, अगर ये फोटो किसी ने देख लिए तो क्या होगा?"
समीर- क्या तुम्हें मुझपर भरोसा नहीं है? मैं ये सारी पिक बाद में डेलिट कर दूंगा।
अभी समीर ये सब कह रहा था की हुमा एकदम शर्ट से अपना हाथ छोड़ देती है। समीर को फिर से हुमा की आधी चूचियां दिखने लगती है। समीर की हल्की सी उफफ्फ... निकल जाती है, और समीर कैमरा तैयार करके हुमा की फोटो खींचता है।
समीर- हुमा अपने दोनों हाथ सिर के पास ले जाओ।
हुमा अपने हाथों को सिर के पास ले जाती है, और कहती है- "ऐसे?"
हुमा की चूचियां और क्लियर दिखने लगती हैं। ये नजारा देखकर समीर के लण्ड में झुरझुरी सी दौड़ने लगती है। मगर समीर अभी जल्दबाजी करने के मूड में नहीं था। समीर इस पोज में 3-4 फोटो खींचता है।
अब हुमा की शर्म भी धीरे-धीरे कम होने लगी थी, और इसका फायदा समीर उठना जानता था। अब तक हुमा पूरी तरह टापलेश हो चुकी थी। समीर के लण्ड में पूरा जोश आ चुका था, और समीर अब हुमा को पूरी तरह नंगी देखने चाह रहा था।
समीर- हुमा जीन्स की बेल्ट खोल दो।
हुमा थोड़ा झिझकते हए अपने हाथ से जीन्स की बेल्ट खोलने लगी। समीर के चेहरे पर विजय मुश्कान दौड़ जाती है। एक-दो फोटो इस पोजीशन में खींचकर समीर हुमा की पूरी जीन्स उतरवा देता है। हुमा का ये रूप देखकर समीर अपने होश खोने लगा था। क्या हुश्न पाया था हुमा ने?
हुमा चेयर के ऊपर बैठ जाती है। समीर की नजर जब चूत की गुलाबी दरार पर पड़ती है, बस समीर का कंट्रोल
जवाब दे देता है, और समीर कैमरे को सोफे पर रखकर हुमा को इस हालत में अपनी बाँहो में भर लेता है।
हुमा - सर... ययययई आप क्या कर रहे हैं?"
समीर- हुमा तुम बहुत खूबसूरत हो, तुम्हें प्यार करने को मन कर रहा है।
हुमा- नहीं सर, हमें बहुत डर लग रहा है।
समीर के हाथ अब तक हुमा की चूचियों को सहलाने लगे थे। हुमा की हालत किसी बिना पानी की मछली जैसी हो गई थी। समीर के हाथ जैसे ही हुमा की चूचियों पर पहुँचे, हुमा खुद में सिमटने की कोशिश करने लगी। और समीर के हाथों को अपनी चूचियों से हटाने लगी।
मगर समीर धीरे-धीरे हुमा की चूचियां सहलाता रहा। इतनी साफ्ट मुलायम चूचियां थी हुमा की कि बस समीर तो दीवाना सा हो गया।
समीर- “वाउ अमेजिंग पिक..” और समीर हुमा पिक दिखाता है।
हुमा - सर आप तो बहुत अच्छी फोटो खींचते हो, आपको तो फोटोग्राफर होना चाहिए था।
समीर- "मुझे बचपन से ही फोटोग्राफेरी का शौक है। मगर आज तक कोई ऐसी माडल नहीं मिली, जिसके मैं फोटो शूट कर सकूँ..” समीर ये बात थोड़ी मायूसी से कहता है।
हुमा- अरे... सर इसमें क्या है? मैं हूँ ना... आप मेरे फोटो शूट कीजिए।
समीर- मगर ये काम थोड़ा मुश्किल है, तुम कर सकोगी?
हुमा - कोशिश करूँगी।
समीर- "ठीक है तो तुम यहीं बैठो, मैं अभी आया...” कहकर समीर ऊपर जाकर दिव्या के अंडरगर्मेस ले आता है,
और कहता है- “हुमा, तुमको ड्रेस चेंज करनी होगी.."
हुमा- “ओके..." और हुमा एक नाइटी उठाकर दूसरे रूम में जाने लगती है।
समीर- हुमा, यही चेंज कर लो मैं पलट जाता हूँ।
हुमा - जी ठीक है।
समीर पलट जाता है, और हुमा अपनी शर्ट के बटन खोलने लगती है। तभी समीर पलट जाता है। हुमा ने नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी। हुमा की आधी चूचियां समीर की नजरों के सामने थीं।
समीर- वाउ... बस यूँ ही रुक जाओ, एक फोटो इसी पोज में।
हुमा एकदम से अपनी चूचियां ढक लेती है।
समीर- "मैंने तो पहले ही कहा था की ये सब तुमसे नहीं होगा.." और समीर हुमा से ये सब बड़ी मायूसी से कहता है।
हुमा को समीर का यूँ मायूस होना अच्छा नहीं लगा। हुमा नजरें झुकाए समीर से बोलती है- "सर, अगर ये फोटो किसी ने देख लिए तो क्या होगा?"
समीर- क्या तुम्हें मुझपर भरोसा नहीं है? मैं ये सारी पिक बाद में डेलिट कर दूंगा।
अभी समीर ये सब कह रहा था की हुमा एकदम शर्ट से अपना हाथ छोड़ देती है। समीर को फिर से हुमा की आधी चूचियां दिखने लगती है। समीर की हल्की सी उफफ्फ... निकल जाती है, और समीर कैमरा तैयार करके हुमा की फोटो खींचता है।
समीर- हुमा अपने दोनों हाथ सिर के पास ले जाओ।
हुमा अपने हाथों को सिर के पास ले जाती है, और कहती है- "ऐसे?"
हुमा की चूचियां और क्लियर दिखने लगती हैं। ये नजारा देखकर समीर के लण्ड में झुरझुरी सी दौड़ने लगती है। मगर समीर अभी जल्दबाजी करने के मूड में नहीं था। समीर इस पोज में 3-4 फोटो खींचता है।
अब हुमा की शर्म भी धीरे-धीरे कम होने लगी थी, और इसका फायदा समीर उठना जानता था। अब तक हुमा पूरी तरह टापलेश हो चुकी थी। समीर के लण्ड में पूरा जोश आ चुका था, और समीर अब हुमा को पूरी तरह नंगी देखने चाह रहा था।
समीर- हुमा जीन्स की बेल्ट खोल दो।
हुमा थोड़ा झिझकते हए अपने हाथ से जीन्स की बेल्ट खोलने लगी। समीर के चेहरे पर विजय मुश्कान दौड़ जाती है। एक-दो फोटो इस पोजीशन में खींचकर समीर हुमा की पूरी जीन्स उतरवा देता है। हुमा का ये रूप देखकर समीर अपने होश खोने लगा था। क्या हुश्न पाया था हुमा ने?
हुमा चेयर के ऊपर बैठ जाती है। समीर की नजर जब चूत की गुलाबी दरार पर पड़ती है, बस समीर का कंट्रोल
जवाब दे देता है, और समीर कैमरे को सोफे पर रखकर हुमा को इस हालत में अपनी बाँहो में भर लेता है।
हुमा - सर... ययययई आप क्या कर रहे हैं?"
समीर- हुमा तुम बहुत खूबसूरत हो, तुम्हें प्यार करने को मन कर रहा है।
हुमा- नहीं सर, हमें बहुत डर लग रहा है।
समीर के हाथ अब तक हुमा की चूचियों को सहलाने लगे थे। हुमा की हालत किसी बिना पानी की मछली जैसी हो गई थी। समीर के हाथ जैसे ही हुमा की चूचियों पर पहुँचे, हुमा खुद में सिमटने की कोशिश करने लगी। और समीर के हाथों को अपनी चूचियों से हटाने लगी।
मगर समीर धीरे-धीरे हुमा की चूचियां सहलाता रहा। इतनी साफ्ट मुलायम चूचियां थी हुमा की कि बस समीर तो दीवाना सा हो गया।
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