चिकने पेट पर जो उनके नजर गई।
फिसल कर सीधे चूत में उतर गई।।
चूत में ही नजर जाकर सो गई मेरी,
हम खोजते रहें कि आखिर किधर गई।
उनकी चूत गुलाब की पंखुड़ी जैसी थी,
शबनम बनकर ये नजर बिखर गई।
बार-बार लंड पर ही हाथ जाता है,
उनकी जवानी गजब का जादू कर गई।
बदतमीजों की तरह खुल गई है वो,
जबसे गाँव से निकलकर शहर गई।
रुकी जहाँ जिस जगह पर जा करके,
दुनिया की भीङ वहीं पर ठहर गई।
खङाकर देती है उन लोगों का भी,
जिनकी उम्र सत्तर साल के उपर गई।
बतमीज न जब एक बार बदतमीजी की,
गीली चूत हुई उसकी वो सिहर गई।
Adult Joks for you
- rajsharma
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Re: Adult Joks for you
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
बुझाने का प्रयत्न करेंगे तुम्हारी आग को।।
.
हृदय स्पन्दन लड़खड़ाता सा प्रतीत होता है
अब तो व्यर्थ में ही ये क्षण व्यतीत होता है
यदि आप आदेश करें तो छेड़ें प्रेम-राग को।
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
.
मराली-चालवाली अथवा गजगामिनी हो
यौवन की टंकार लिए तुम कोई दामिनी हो
उड़ा देती हो गूंज से होश रूपी काग को।
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
.
गौर वर्ण स्वर्ण की खान को दर्शाता है ये
रूप के चोर को ललचाता-तरसाता है ये
उत्तेजित करता दबा मन में कामानुराग को।
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
.
दे दो अन्तर्पट को लौह दण्ड पर लपेट लूं
बदतमीजी में कहें तो लण्ड पर लपेट लूं
ले जाओं चड्ढी पर मेरे वीर्य के दाग को
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
.
चमकविहीन जननांग तुम्हारा धुमिल है
सूना-सूना खाली-खाली अभी ये बिल है
कहो तो प्रविष्ट करा दें अपने इस नाग को।
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
बुझाने का प्रयत्न करेंगे तुम्हारी आग को।।
बुझाने का प्रयत्न करेंगे तुम्हारी आग को।।
.
हृदय स्पन्दन लड़खड़ाता सा प्रतीत होता है
अब तो व्यर्थ में ही ये क्षण व्यतीत होता है
यदि आप आदेश करें तो छेड़ें प्रेम-राग को।
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
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मराली-चालवाली अथवा गजगामिनी हो
यौवन की टंकार लिए तुम कोई दामिनी हो
उड़ा देती हो गूंज से होश रूपी काग को।
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
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गौर वर्ण स्वर्ण की खान को दर्शाता है ये
रूप के चोर को ललचाता-तरसाता है ये
उत्तेजित करता दबा मन में कामानुराग को।
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
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दे दो अन्तर्पट को लौह दण्ड पर लपेट लूं
बदतमीजी में कहें तो लण्ड पर लपेट लूं
ले जाओं चड्ढी पर मेरे वीर्य के दाग को
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
.
चमकविहीन जननांग तुम्हारा धुमिल है
सूना-सूना खाली-खाली अभी ये बिल है
कहो तो प्रविष्ट करा दें अपने इस नाग को।
दिखाओ अपने उस ज्वलनशील भाग को।
बुझाने का प्रयत्न करेंगे तुम्हारी आग को।।
- 007
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Re: Adult Joks for you
एक बार एक धर्म गुरु बीमार पर गए. काफी बड़े बड़े डॉक्टर देख कर चले गए पर किसी को उनकी बीमारी पकड़ में नहीं आ रही थी.
एक दिन धर्मगुरु का पुराना डॉक्टर उनको देखने आया और देख कर धर्मगुरु के चेलों से बोला " ये अच्छे तो हो सकते हैं पर इसका इलाज जरा इनके लिए मुश्किल हैं "
चेलों ने पुछा " बीमारी क्या है ?, क्या इलाज है ? और मुश्किल क्या है ?"
डॉक्टर " देखो इनके पेलरे सूज गए हैं क्योकि उनमें संक्रमण फ़ैल गया है. इलाज है इनको एक दिन कम से कम चार पांच बार ***** करनी पड़ेगी
जिससे ये संक्रमण बाहर आ जायेगा "
चेलों ने पुछा " इसमें मुश्किल क्या है ?"
डॉक्टर " धर्म गुरु तैयार नहीं होंगे "
चेलों ने कहा " हम कोशिश करके देखते हैं "
चेलों ने धर्म गुरु को काफी समझाया बुझाया और वो तैयार होकर बोले " में इलाज के लिए तैयार हूँ पर मेरी चार शर्तें हैं "
चेलों ने पुछा " कैसी चार शर्तें ?"
धर्म गुरु " पहली शर्त तो ये है कि लड़की अंधी होनी चाहिए, ताकि वो देख ना पाए कि वो धर्म गुरु के साथ सेक्स कर रही है. "
चेलों ने कहा " ठीक है"
धर्म गुरु " दूसरी शर्त ये है कि वो बहरी भी होनी चाहिए ताकि वो सुन ना सके कि किसके साथ सेक्स कर रही है."
चेलों ने कहा " ठीक है"
धर्मं गुरु " तीसरी शर्त ये है कि लड़की गूंगी होनी चाहिए ताकि अगर उसे किसी तरह पता चल भी जाए कि वो किसके साथ सेक्स कर रही है तो
वो ये बात किसी को बता ना सके "
चेलों ने कहा " ठीक है"
धर्म गुरु " और चोथी शर्त है कि ...... "
चेलों ने कहा " धर्म गुरु जी चोथी शर्त बताओ तो सही, हम पूरी करने की पूरी कोशी करेंगे "
धर्म गुरु " चोथी शर्त है कि माल मस्त होना चाहिए
एक दिन धर्मगुरु का पुराना डॉक्टर उनको देखने आया और देख कर धर्मगुरु के चेलों से बोला " ये अच्छे तो हो सकते हैं पर इसका इलाज जरा इनके लिए मुश्किल हैं "
चेलों ने पुछा " बीमारी क्या है ?, क्या इलाज है ? और मुश्किल क्या है ?"
डॉक्टर " देखो इनके पेलरे सूज गए हैं क्योकि उनमें संक्रमण फ़ैल गया है. इलाज है इनको एक दिन कम से कम चार पांच बार ***** करनी पड़ेगी
जिससे ये संक्रमण बाहर आ जायेगा "
चेलों ने पुछा " इसमें मुश्किल क्या है ?"
डॉक्टर " धर्म गुरु तैयार नहीं होंगे "
चेलों ने कहा " हम कोशिश करके देखते हैं "
चेलों ने धर्म गुरु को काफी समझाया बुझाया और वो तैयार होकर बोले " में इलाज के लिए तैयार हूँ पर मेरी चार शर्तें हैं "
चेलों ने पुछा " कैसी चार शर्तें ?"
धर्म गुरु " पहली शर्त तो ये है कि लड़की अंधी होनी चाहिए, ताकि वो देख ना पाए कि वो धर्म गुरु के साथ सेक्स कर रही है. "
चेलों ने कहा " ठीक है"
धर्म गुरु " दूसरी शर्त ये है कि वो बहरी भी होनी चाहिए ताकि वो सुन ना सके कि किसके साथ सेक्स कर रही है."
चेलों ने कहा " ठीक है"
धर्मं गुरु " तीसरी शर्त ये है कि लड़की गूंगी होनी चाहिए ताकि अगर उसे किसी तरह पता चल भी जाए कि वो किसके साथ सेक्स कर रही है तो
वो ये बात किसी को बता ना सके "
चेलों ने कहा " ठीक है"
धर्म गुरु " और चोथी शर्त है कि ...... "
चेलों ने कहा " धर्म गुरु जी चोथी शर्त बताओ तो सही, हम पूरी करने की पूरी कोशी करेंगे "
धर्म गुरु " चोथी शर्त है कि माल मस्त होना चाहिए
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Re: Adult Joks for you
संता सिंह के घर में काम करने वाली नौकरानी ने एक दिन संता की पत्नी जीतो से कहा, "मेमसाब, अब मुझे लगता है, मेरी तनख्वाह बढ़ जानी चाहिए..."
जीतो ने मुंह बनाकर सवाल किया, "क्यों, तुझे ऐसा क्यों लगने लगा है...?"
नौकरानी ने बहुत गर्व-भरे स्वर में कहा, "मेमसाब, इसकी तीन वजह हैं..."
जीतो ने नौकरानी के आत्मविश्वास पर हैरान होते हुए फिर सवाल किया, "कौन-सी वजह...?"
नौकरानी ने बहुत शिष्ट स्वर में जीतो को बताया, "मेमसाब, पहली वजह यह है कि मैं कपड़ों को आपसे बेहतर इस्त्री करती हूं..."
जीतो ने तुरंत पूछा, "यह तुझे किसने कहा...?"
नौकरानी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "साहब ने, यानि आपके पति ने..."
जीतो का मुंह उतर गया, लेकिन फिर पूछा, "और क्या वजह हैं...?"
नौकरानी ने कहा, "मेमसाब, दूसरी वजह यह है कि मैं खाना आपसे बेहतर पकाती हूं..."
जीतो के चेहरे पर नाराज़गी दिखने लगी, लेकिन उसने फिर पूछा, "यह बात तुझसे किसने कही...?"
नौकरानी ने फिर मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "साहब ने, यानि आपके पति ने..."
जीतो का चेहरा बिल्कुल उतर गया, लेकिन वह फिर भी बोली, "और तीसरी वजह क्या है...?"
नौकरानी ने बेहद कुटिल मुस्कुराहट के साथ कहा, "मेमसाब, तीसरी वजह यह है कि मैं बिस्तर में आपसे बेहतर हूं..."
अब तो जीतो का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया, और वह ऊंची आवाज़ में बोली, "क्या यह बात भी तुझसे साहब ने ही कही है...?"
नौकरानी ने धीमी-सी राज़दाराना आवाज़ में कहा, "नहीं मेमसाब, यह बात मुझे आपके ड्राइवर ने बताई थी..."
जीतो ने तुरंत कहा, "अच्छा, अच्छा... कितनी तनख्वाह बढ़वानी है...?"
कंजूस बाप के बेटे ने कहा : "पापा मेरी गर्ल फ्रेंड प्रेग्नेंट हो गयी हैं, 50,000 माँग रही हैं चुप रहने के"
कंजूस ने खामोशी से पैसे दे दिए.
दो महीने बाद दूसरा बेटा बोला: "मेरी गर्ल फ्रेंड प्रेग्नेंट है 75,000 माँग रही हैं चुप रहने के"
कंजूस ने खामोशी से दे दिए.
छ: महीने बाद कंजूस की कुँवारी बेटी बोली: "डैडी, मैं प्रेग्नेंट हूँ !"
कंजूस ने उसको गले से लगाया और बेटी का माथा चूम के कहा: "शाबाश बेटी, अब पैसे लेने की बारी हमारी है"
जीतो ने मुंह बनाकर सवाल किया, "क्यों, तुझे ऐसा क्यों लगने लगा है...?"
नौकरानी ने बहुत गर्व-भरे स्वर में कहा, "मेमसाब, इसकी तीन वजह हैं..."
जीतो ने नौकरानी के आत्मविश्वास पर हैरान होते हुए फिर सवाल किया, "कौन-सी वजह...?"
नौकरानी ने बहुत शिष्ट स्वर में जीतो को बताया, "मेमसाब, पहली वजह यह है कि मैं कपड़ों को आपसे बेहतर इस्त्री करती हूं..."
जीतो ने तुरंत पूछा, "यह तुझे किसने कहा...?"
नौकरानी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "साहब ने, यानि आपके पति ने..."
जीतो का मुंह उतर गया, लेकिन फिर पूछा, "और क्या वजह हैं...?"
नौकरानी ने कहा, "मेमसाब, दूसरी वजह यह है कि मैं खाना आपसे बेहतर पकाती हूं..."
जीतो के चेहरे पर नाराज़गी दिखने लगी, लेकिन उसने फिर पूछा, "यह बात तुझसे किसने कही...?"
नौकरानी ने फिर मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "साहब ने, यानि आपके पति ने..."
जीतो का चेहरा बिल्कुल उतर गया, लेकिन वह फिर भी बोली, "और तीसरी वजह क्या है...?"
नौकरानी ने बेहद कुटिल मुस्कुराहट के साथ कहा, "मेमसाब, तीसरी वजह यह है कि मैं बिस्तर में आपसे बेहतर हूं..."
अब तो जीतो का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया, और वह ऊंची आवाज़ में बोली, "क्या यह बात भी तुझसे साहब ने ही कही है...?"
नौकरानी ने धीमी-सी राज़दाराना आवाज़ में कहा, "नहीं मेमसाब, यह बात मुझे आपके ड्राइवर ने बताई थी..."
जीतो ने तुरंत कहा, "अच्छा, अच्छा... कितनी तनख्वाह बढ़वानी है...?"
कंजूस बाप के बेटे ने कहा : "पापा मेरी गर्ल फ्रेंड प्रेग्नेंट हो गयी हैं, 50,000 माँग रही हैं चुप रहने के"
कंजूस ने खामोशी से पैसे दे दिए.
दो महीने बाद दूसरा बेटा बोला: "मेरी गर्ल फ्रेंड प्रेग्नेंट है 75,000 माँग रही हैं चुप रहने के"
कंजूस ने खामोशी से दे दिए.
छ: महीने बाद कंजूस की कुँवारी बेटी बोली: "डैडी, मैं प्रेग्नेंट हूँ !"
कंजूस ने उसको गले से लगाया और बेटी का माथा चूम के कहा: "शाबाश बेटी, अब पैसे लेने की बारी हमारी है"