Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

Post by Dolly sharma »

राज दूध का ग्लास टेबल पर रखकर ..

फूलो से सजे बॅड पर बैठी अपनी दुल्हन के पास बैठते हुए अपने हाथो से राज डॉली का घूँघट हटाता है ...

राज ... ये चाँद सा चेहरा क्यूँ
घूँघट में छुपा रखा है ...

राज डॉली का चेहरा अपने हाथो में लिए हुए डॉली की खूबसूरती को एक टक देखता रह जाता है ...

डॉली को आज राज से बहुत शरम
आ रही थी...और इस वजह से डॉली की आँखे नही खुल रही थी ...

राज डॉली की खूबसूरती देखकर इस कदर
दीवाना हो जाता है की डॉली की तारीफ किए बिना रह नही पाता.....

तुमसे कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है
क्या चीज़ हो तुम खुद तुम्हें मालूम नहीं है

लाखों हैं मगर तुमसा यहाँ कौन हसीन है
तुम जान हो मेरी तुम्हें मालूम नहीं है

सौ फूल खिले जब ये खिला रूप सुनहरा
सौ चाँद बने जब ये बना चाँद सा चेहरा
इतना भी कोई प्यार की राहों में ना गुम हो
बस होश है इतना की मेरे साथ में तुम हो
धड़कन है कहीं, दिल है कहीं, जान कहीं है
तुम जान हो मेरी तुम्हें मालूम नहीं है
ये चाँदनी इन आँखों का साया तो नहीं है
क्या चीज़ हो तुम खुद तुम्हें मालूम नहीं है

ये होंथह ये पलकें ये निगाहें ये अदाएं
मिल जाए खुदा मुझको तो मैं ले लूँ बालाएँ
दुनिया का कोई गम भी मेरे पास ना होगा
तुम साथ चलोगे तो ये एहसास ना होगा
आकाश है पैरों में हमारे की ज़मीन है
तुम जान हो मेरी तुम्हें मालूम नहीं है
ऐसा कोई महबूब ज़माने में नहीं है
क्या चीज़ हो तुम खुद तुम्हें मालूम नहीं है..
.................
राज डॉली को मूह दिखाई गिफ्ट में
गोल्ड की चेन गले में पहनाने लगता है ...और फिर डॉली को अपनी बाँहो में भरते हुए डॉली के ऊपर आने लगता है ..........
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Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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डॉली कल तक राज की बड़ी बहन होने का राज पर हक़ जताया करती थी...
मगर आज डॉली जैसे ही राज की दुल्हन बनती है ...
उसको राज से आँखे मिलाते हुए भी शरम आ रही थी...

राज डॉली के ऊपर आ चुका था. मगर डॉली अभी तक भी अपनी आँखे बंद किए हुए थी..

राज बाँहो में लिए हुए डॉली की ज़ुल्फो से खेल रहा था ...
उसके खूबसूरत चेहरे को अपनी आँखो से निहार रहा था...
आज दुल्हन बनकर डॉली पर अलग ही निखार आ गया था ....


राज ... डॉली अपनी आँखे खोलो
ना देखो आज अपने मिलन की रात है.. क्या तुम इस मिलन में मेरा साथ नही दोगि ........

राज की बाते सुन डॉली धीरे से अपनी पलके खोलती है..

राज एक टक अपनी नज़रो से डॉली को देखे जा रहा था ...

डॉली... ऐसे क्या देख रहे हो राज ..

राज ... देख रहा हूँ ये चाँद से चेहरे वाली लड़की मेरी किस्मत में
कहाँ से आ गई...

डॉली.. ओह राज मेरी इतनी तारीफ ना करो मुझे शरम आ रही है ....

राज ... सच डॉली तुम दुनिया की सबसे हसीन खूबसूरत लड़की हो..

राज के मूह से अपनी तारीफ सुनना डॉली को अच्छा लग रहा था. ऐसा दिल कर रहा राज बस उसकी तारीफ करते करते सारी उमर गुज़ार दे ....

राज अपना चेहरा डॉली के करीब बहुत करीब ले आता है...
इतना करीब की दोनो के होंटो आपस में टच होने लगे थे ....

डॉली.. राज पहले लाइट्स बंद कर दो ना ....

राज ... अब हमारे रूम की लाइट कभी बंद नही होगी डॉली ..
इस खूबसूरती का दीदार अपनी आँखो से हर पल करना चाहता हूँ ...

डॉली... ओह राज वादा करो मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करोगे ना ..

राज .. हा डॉली में वादा करता हूँ
मरते दम तक सातो जनम तक तुम्हे ऐसे ही अपनी बाँहो में लेकर प्यार करता रहूँगा..

ये सुनकर डॉली राज के होंटो से अपने होत लगा लेती है ...

डॉली के गुलाबी लिपस्टिक लगे होंठ जेसे ही राज के होंटो से मिलते है..राज अपने होंटो से उनका रस निचोड़ने लगता है .... ....

आज डॉली के होंठ राज को बहुत रसीले लग रहे थे ..जिनकी मिठास राज को दीवाना बना रही थी...

डॉली भी अपने होंठ चलाते हुए किस करने में राज का साथ देने लगती है....
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Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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डॉली के गुलाबी लिपस्टिक लगे होंठ जेसे ही राज के होंटो से मिलते है..राज अपने होंटो से उनका रस निचोड़ने लगता है .... ....

आज डॉली के होंठ राज को बहुत रसीले लग रहे थे ..जिनकी मिठास राज को दीवाना बना रही थी...

डॉली भी अपने होंठ चलाते हुए किस करने में राज का साथ देने लगती है....
राज और डॉली दीवानो की तरह एक दूसरे के होंटो को चूस रहे थे ...
जाने कितनी बार राज किस करते हुए
डॉली के होंटो को काट भी लेता है..

मगर डॉली को आज राज के करने का बिल्कुल दर्द नही होता..बल्कि दर्द से ज़्यादा डॉली को मज़ा कटवाने में आ रहा था ....
और डॉली खुद भी राज के होंटो को
किस करते हुए कई बार काट लेती है ...
इतना मज़ा किस करते हुए दोनो को पहले कभी नही मिला था ...

राज के जिस्म में उत्तेजना आनी शुरू हो चुकी थी किस करते करते राज अपने हाथ नीचे सरकने लगता है.. और कपड़ो के ऊपर से ही डॉली के ब्रेस्ट पकड़ लेता है..और उन्हे अपने हाथो मसलने लगता है ...
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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डॉली... ओह्ह्ह राज ये क्या कर रहे हो ये मम्मी का लहंगा है सारा खराब हो जायगा ...

राज ... डॉली अपने मिलन की घड़ी आ चुकी है और अपने मिलन में ये कपड़े बढ़ा बने हुए है..
अब अपने जिस्म को इन कपड़ो की क़ैद से आज़ाद करा दो. में तुम्हारे जिस्म को छुना चाहता हूँ महसूस करना चाहता हूँ प्यार करना चाहता हूँ ...
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डॉली... राज अब में तुम्हारी हूँ मेरे जिस्म पर तुम्हारा हक़ है जेसा दिल चाहे वैसे मेरे जिस्म से खेलो प्यार करो ...

इतना कहकर डॉली अपने झुमके बिंदिया गहने चूड़िया उतारने लगती है ...
डॉली एक एक कर अपने जिस्म से सारी चीज़े उतार देती है..
अब डॉली खड़ी होकर अपने जिस्म से लहंगा भी उतारने लगती है ...

डॉली लहंगा उतार कर राज के सामने सिर्फ़ ब्रा पेंटी में आ चुकी थी ..

राज डॉली का ये सेक्सी रूप देखकर अपने होश ही खोने लगा था .बिल्कुल अप्सरा लग थी डॉली..

राज आगे बढ़कर डॉली को अपने गले से लगा लेता है..

डॉली राज की बाँहो में टूटे पत्ते की तरह आ जाती है ...

राज डॉली को अपनी बाँहो में लिए
बड़े ही कामुक आवाज़ में एक गाना गुनगुनाने लगता है ...
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जिसे सुनकर डॉली भी मदहोश सी होने लगती है ...
राज .....रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना भूल कोई हम से ना हो जाए..

राज गाना गाते गाते डॉली को अपने होंटो से चूमते हुए प्यार भी कर रहा था....

और ऐसे ही प्यार करते करते राज डॉली की ब्रा के ऊपर अपना मूह रख देता है और अपने हाथ पीछे ले जाकर ब्रा का हुक खोल देता है ...

ब्रा में क़ैद दोनो कबूतर अपने पर फड्फडा ते हुए आज़ाद हो जाते है ...
डॉली के उभारों की सुंदरता देखते ही बनती थी ..नॉकदार निप्पल लिए 32 साइज़ की चुचियाँ डॉली की खूबसूरती पर चार चाँद लगा रही थी ...

डॉली की नज़रे फिर से
शरमा रही थी ...
राज अपने गानो की लाइनों से डॉली को मदहोश किए जा रहा था ...

राज .. रात नशीली मस्त समा है आज नशे में सारा जहाँ है...
आए शराबी मौसम बहकआइई..

डॉली बहकने लगी थी ..
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राज अपने हाथो का कमाल डॉली की चुचियों को धीरे धीरे सहलाते हुए दिखा रहा था ...

राज के ऐसा करने से डॉली के जिस्म में वाक़ई चिंगारी सुलगने लगी थी.. डॉली के दिल की धड़कन भी तेज़ होने लगी थी ...
मूह से मीठी मीठी आ निकालने लगी थी.. डॉली को कुछ होने लगा था जिस्म मछली की तरह मचलने लगा था ..
डॉली यू ही तड़पति हुई राज की आँखो से आँखे मिलाती है ...

राज....आँखों से आँखें मिलती हैं ऐसे बेचैन होके तूफान में जैसे मौज कोई साहिल से टकराए .....

डॉली की चिंगारी सुलगते सुलगते शोला बन चुकी थी ...
डॉली... और कितना तड़पाओगे राज मुझे औरत बना दो राज..
अब ये कली फूल बनकर खिलना चाहती है..

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राज डॉली को चूमते हुए अपनी गोद में उठा कर फिर से बॅड पर लिटा देता है...
और राज अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो जाता है ...
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