Adultery दिव्या का सफ़र

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Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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मनीष पूजा को गले लगा लेता है और उसको सॉरी बोलता है. पूजा मन ही मन सोचती है की अब सलमान उसका पीछा नहीं छोड़ने वाला.

मनीष: मैं तुमको जिस हाल में छोड़ गया था तुम्हारी जगह कोई और भी होता तो शायद यही करता तो गलती मेरी भी है. आज जो हुआ उसे भूल जाओ. मेरे प्यार में इस बात से कोई फर्क नहीं आयेगा. चलो तुम तैयार हो जाओ तो मैं तुम्हे घर छोड़ दूं.

पूजा थोड़ी देर में रेडी हो जाती है और मनीष उसको घर छोड़ कर वापस सलमान के पास आ जाता है.

मनीष: यार तुमने तो ऐसे रगड़ दिया बेचारी को की किसी को भी शक हो जाये. कुछ ज्यादा नहीं कर दिया तुमने.

सलमान: तू टेंशन न ले. साली पूरी रांड है. संभाल लेगी. तू भी चोदता ही है न.

मनीष: हाँ चोदता तो हूँ लेकिन...

सलमान: अरे छोड़ न. ले दिव्या मैम का नंबर ले. 9999xxxxxx. खुश? लेकिन इस नंबर का करेगा क्या?

मनीष: यार ये तो मैंने सोचा ही नहीं.

सलमान: हा हा हा. सोचा भी नहीं और पूजा को मुझसे चुदवा भी दिया. कोई नहीं. मुझे सोचने दे कुछ आईडिया. करवाता हूँ तेरी सेटिंग. चल जा मुझे अब पीने दे. थका दिया है तेरी पूजा ने आज मुझे.

मनीष भी घर चला जाता है और रात भर दिव्या के ख्वाब देखता रहता है. अगले दिन दिव्या एक बहुत ही सुन्दर साड़ी में स्कूल आती है.

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हालाँकि साड़ी में उसका बदन ज्यादा नहीं दिख रहा होता लेकिन फिर भी उसके उभरे हुए मम्मे और भारी गांड देख कर मनीष का बुरा हाल हो जाता है. वो क्लास में बस दिव्या को ही देख रहा है. तभी वो देखता है की दिव्या के ब्लाउज का एक हुक पीछे से टूटा हुआ है.

दरअसल शादी के बाद दिव्या की चून्चिया काफी बड़ी हो गयी है लेकिन आज वो अपना पुराना ब्लाउज पहन कर आ गयी थी. ब्लाउज टाइट हो रहा था फिर भी उसने जबरदस्ती हुक लगा लिये थे. उसे अंदाजा नहीं था की हुक टूट जाएगा. मनीष हँसते हुए पूजा को बताता है की मैम के ब्लाउज का हुक टूटा है.

क्लास ख़तम होने के बाद सब बच्चे घर के लिए निकल जाते हैं लेकिन पूजा से रहा नहीं जाता और वो दिव्या के पास जाकर कहती है.

पूजा: एक्सक्यूस मी मैम.

दिव्या: क्या हुआ पूजा? तुम घर नहीं जा रहीं.

पूजा: वो मैम एक्चुअली आपके ब्लाउज का हुक टूट गया है. साड़ी का पल्ला होने से क्लास में तो किसी ने नहीं देखा लेकिन...

दिव्या: ओह्हो. ब्लाउज थोडा कस गया है लेकिन देर हो रही थी तो मैं यही पहन कर आ गयी. आज तो मैं स्कूटी से आई हूँ. कहीं रस्ते में कोई और हुक न टूट जाए.

पूजा: आप टॉयलेट में चलिए. मैं एडजस्ट कर देती हूँ.

दिव्या पूजा को लेकर टीचर टॉयलेट में चली जाती है लेकिन दोनों के पास कोई सेफ्टी पिन नहीं थी और ब्लाउज काफी टाइट था तो कोई फायदा नहीं होता और इसी चक्कर में दुसरा हुक भी टूट जाता है और ब्लाउज काफी खुल जाता है. अब दिव्या घबरा जाती है.

दिव्या: अरे पूजा ये क्या किया? अब मैं घर कैसे जाऊंगी?

पूजा: सॉरी मैम लेकिन ये अपने आप ही टूट गया. आप एक काम करो की ब्लाउज उतार कर मुझे दे दो. मैं स्कूल के सामने वाले टेलर से हुक लगवा लाती हूँ. तब तक आप यही वेट करो.

दिव्या: बिना ब्लाउज के?

पूजा: अरे मैम. अब तो छुट्टी हो गयी है तो सारे टीचर्स तो घर चले गए होंगे तो यहाँ कौन आयेगा. मैं 15 मिनट में आ जाऊंगी.

दिव्या को भी कोई रास्ता समझ नहीं आता तो वो अपना ब्लाउज उतार कर पूजा को दे देती है. पूजा जैसे ही टॉयलेट से बाहर आती है उसे सामने सलमान दिख जाता है.

सलमान: अरे रांड तू घर नहीं गयी और ये टीचर्स के बाथरूम में क्या कर रही थी.

पूजा: ओफ्फो. मैं दिव्या मैम का ब्लाउज ठीक करवाने ले जा रही हूँ. बहुत टाइट था तो इसके हुक टूट गए हैं. बेचारी अन्दर वेट कर रही हैं.

सलमान: अच्छा! एक काम कर. ये ब्लाउज मुझे दे दे और तू जा. तेरी बस जाने ही वाली है. मैं इसके हुक लगवा कर मैम को दे देता हूँ.

पूजा: लेकिन?

सलमान (पूजा से ब्लाउज ले लेता है): लेकिन वेकिन न कर. तेरी बस छूट जाएगी. तू जा. मैं इसे ठीक करवा के मैम को दे देता हूँ. अब अपनी रांड के लिए इतना तो करना ही पड़ेगा.

पूजा: ठीक है. मैं जा रही हूँ लेकिन ये जल्दी से मैम को दे देना. बेचारी काफी परेशान हैं.

सलमान जाकर ब्लाउज के हुक तो लगवा देता है लेकिन दर्जी से कहता है की सारे हुक थोड़े और टाइट कर दे. दर्जी ऐसा ही करता है और सलमान ब्लाउज लेकर वापस आ जाता है और गार्ड रूम में बैठ जाता है.

उधर दिव्या की हालत ख़राब है. उसके पास पूजा का नंबर भी नहीं था की वो उसे फोन ही कर लेती. इधर 15-20 मिनट में सब बस निकल जाती हैं और स्कूल खाली हो जाता है तब सलमान दिव्या का ब्लाउज लेकर टीचर्स के बाथरूम की तरफ चल देता है. सलमान बाथरूम का दरवाजा खटखटाता है तो दिव्या को लगता है की पूजा आ गयी.
Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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दिव्या: अन्दर आ जाओ पूजा. इतनी देर क्यों लगा दी?

सलमान भी बिना कुछ कहे अन्दर आ जाता है जहाँ दिव्या सिर्फ ब्रा में खड़ी होती है. उसके शानदार मम्मे देख कर सलमान के मुहँ में पानी आ जाता है. दिव्या का तराशा हुआ बदन सलमान पर कहर ढाने लगता है. उसका मन करता है की अभी यही दिव्या को घोड़ी बनाकर चोद दे. तभी दिव्या की आवाज से वो अपने ख्यालों से बाहर आता है. अब तक दिव्या ने साड़ी से अपने मम्मो को कवर कर लिया था.

दिव्या: हाउ डेयर यू. ऐसे लेडीस टॉयलेट में घुसने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई.

सलमान: वो वो सॉरी मैडम लेकिन आपने ही तो बोला की अन्दर आ जाओ. मैं तो वो आपका ब्लाउज देने के लिए डोर नॉक किया था.

दिव्या: मैंने पूजा को अन्दर आने को बोला था. वो कहाँ गयी?

सलमान: मैडम उसकी बस जा रही थी तो वो मेरे को देकर घर चली गयी की मैं ये आपको दे दूं.

दिव्या: अच्छा अच्छा. लाओ दो मुझे और तुम बाहर जाओ.

सलमान जैसे ही ब्लाउज दिव्या के हाथ में देता है वैसे ही बाथरूम के दरवाजे पर किसी के कदमो की आहट होती है. सलमान फ़ौरन मौके का फायदा उठा कर दिव्या हा हाथ पकड़ कर एक टॉयलेट में घुस जाता है और दरवाजा अन्दर से बंद कर लेता है.

दिव्या (फुसफुसाते हुए): ये क्या बदतमीजी है?

सलमान (धीरे से): बाहर कोई है मैडम. कोई आपको बिना ब्लाउज के मेरे साथ देखता तो आपकी भी तो बदनामी होती मैडम.

दिव्या: तो तुमको छुपना था न. मुझे साथ में क्यों घसीटा?

सलमान: मुझे कुछ समझ नहीं आया मैडम. बस 2 मिनट की बात है.

इस सब में दिव्या की साड़ी खिसक गयी थी और उसके बूब्स ब्रा से उछल कर बाहर आने को बेताब थे. सलमान अब दिव्या के मम्मों की तरफ घूरे जा रहा था. उस छोटी से जगह में दोनों एक दुसरे की सांसे अपने बदन पर महसूस कर रहे थे. दिव्या सलमान से अपना ब्लाउज लेकर पहनने की कोशिश करती है लेकिन सलमान ने ब्लाउज और कसवा दिया था तो एक भी हुक बंद नहीं होता.

दिव्या: उफ़ क्या मुसीबत है.

सलमान ये देख कर बिना कुछ बोले दिव्या के ब्लाउज के हुक बंद करने का नाटक करने लगता है और इसी बहाने उसकी मखमली पीठ पर हाथ फेरने लगता है. इतनी देर में सलमान का लंड खड़ा हो गया है और उसे वो दिव्या की गांड में रगड़ने लगता है. दिव्या का बदन भी गरम हो जाता है.

सलमान: मैडम आपको बुखार है क्या? आपका बदन तो भट्टी की तरह ताप रहा है.

दिव्या: बकवास बंद करो और जल्दी से हुक लगाओ और यहाँ से बाहर निकलो.

सलमान: कोशिश तो कर रहा हूँ मैडम लेकिन आपके काफी बड़े हैं तो ये बदन ही नहीं हो रहा
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दिव्या शर्म से पानी पानी हो जाती है. इधर सलमान लगातार अपना लंड उसकी गांड के कोने कोने में रगड़ रहा है. दिव्या की चूत अब न चाहते हुए भी गीली होने लगती है.

सलमान (दिव्या के कान में): मैडम ये ब्लाउज तो आपको नहीं आयेगा. आपकी ब्रा को थोडा एडजस्ट करके ट्राई करूं क्या?
Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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दिव्या कुछ नहीं बोलती तो सलमान उसके बदन से पीछे से चिपक जाता है. दिव्या आगे होने की कोशिश करती है लेकिन तभी सलमान आपने हाथ आगे ले जाकर दिव्या की ब्रा के अन्दर डाल कर उसकी चून्चियों पर रख देता है.

दिव्या को इस तरह की उम्मीद बिलकुल नहीं थी. वो शॉक हो जाती है और सलमान का हाथ हटा कर उसे धक्का दे देती है तो वो टॉयलेट की दीवार से टकरा जाता है. ये आवाज बाहर खड़ी इंग्लिश की टीचर रश्मि को सुनाई देती है.

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रश्मि: कौन है अन्दर? सब ठीक तो है?

दिव्या को कुछ समझ नहीं आता की क्या कहे लेकिन सलमान उसको बोलने का इशारा करता है.

दिव्या: मैं हूँ रश्मि. थोडा पैर स्लिप हो गया.

रश्मि: छुट्टी हुए इतनी देर हो गयी और तू अभी घर नहीं गयी?

दिव्या: हाँ वो थोडा पेट गड़बड़ है इसीलिए. तू क्यों रुकी है?

रश्मि: अरे वो प्रिंसिपल सर ने मीटिंग के लिए बुला लिया था. चल मैं तेरा वेट करती हूँ. तू मुझे ड्राप कर देना.

दिव्या: ओके.

दिव्या हलकी आवाज में सलमान को डांट लगाती है.

दिव्या: तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे हाथ लगाने की.

सलमान: लेकिन मैडम आप ने ही तो कहा था की ब्रा एडजस्ट कर दो.

दिव्या: मैंने कुछ नहीं कहा था और ब्रा एडजस्ट करने के लिए तुम ऐसी गन्दी हरकत करोगे?

सलमान: सॉरी मैडम. मैं तो ब्रा ही एडजस्ट करने की कोशिश कर रहा था. आप कहती हैं तो मैं चला जाता हूँ.

दिव्या: अरे कहाँ जा रहा है बेवकूफ. बाहर रश्मि मैडम खड़ी होंगी. मेरे बाहर जाने के थोड़ी देर बाद ही निकलना यहाँ से.

सलमान: ठीक है तो आप जाइये पहले.

दिव्या: बिना ब्लाउज के कैसे जाऊं बाहर.

सलमान: अरे मैडम ये ब्लाउज आपको नहीं आयेगा. मैंने काफी कोशिश करके देख ली. मेरी मानिए तो ब्रा उतार कर कोशिश कीजिये. शायद आ जाए.

दिव्या: क्या बकते हो? तुम्हारे सामने ब्रा उतार दूं?

तब तक रश्मि आवाज लगाती है.

रश्मि: अरे कितना टाइम लगाएगी दिव्या?

दिव्या: बस पांच मिनट और.

सलमान: मेरे सामने मत उतारिये. मुह उस तरफ करके उतार दीजिये और ब्लाउज पेहेन लीजिये. ज्यादा देर करने से रश्मि मैडम को शक हो सकता है.

दिव्या को कुछ समझ नहीं आता. वो घूम कर खड़ी हो जाती है लेकिन शर्म के कारण ब्रा नहीं खोलती. वो मन ही मन पूजा और रश्मि के ऊपर झुंझला रही थी. सलमान भी दिव्या की हालत समझ रहा था. वो उसको कोई मौका दिए बिना पीछे से उसकी ब्रा खोल देता है और उसे उतार कर अपनी जेब में रख लेता है.

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हालाँकि वो दिव्या के नंगे मम्मे तो नहीं देख पा रहा लेकिन उसको ये एहसास ही पागल कर देता है की दिव्या उसके बराबर में ऊपर से नंगी खड़ी है. वैसे भी उसने कुछ देर पहले दिव्या के बूब्स को अपने हाथो से महसूस किया था. दिव्या ब्लाउज पहन लेती है लेकिन हुक अभी भी नहीं लग रहे होते तो सलमान खींच कर किसी तरह हुक लगा देता है और कहता है.

सलमान: मैडम अपने साइज़ का ब्लाउज पहना कीजिये. शुक्र है की बटन बंद हो गए वरना आपकी इस अधनंगी हालत में कोई मुझे आपके साथ देख लेता तो मेरी कितनी बदनामी होती. वैसे एक बात बोलूं बुरा मत मानियेगा. आप बहुत सुन्दर हैं. आपके पति काफी किस्मत वाले हैं की उन्हें आपके जैसी सुन्दर बीवी मिली.

ये कहते हुए सलमान अपना हाथ दिव्या की कमर पर रख देता है.दिव्या सलमान का हाथ झटक देती है और कहती है.

दिव्या: दूर हटो मुझसे और मेरी ब्रा वापस करो.

सलमान: अरे ब्रा हाथ में लेकर जायेंगी तो रश्मि मैडम शक करेंगी. आप अभी जाइये, मैं रात में ब्रा आपके घर पहुंचा दूंगा.
Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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दिव्या बिना कुछ कहे बाहर आ जाती है और रश्मि के साथ बाथरूम से बाहर निकल जाती है. सलमान दिव्या की ब्रा सूंघते हुए अपना लंड हिलाने लगता है और कुछ ही देर में डिस्चार्ज हो कर अपने रूम की तरफ चला जाता है. उस रात को दिव्या जब सोने के लिए लेटती है तो उसे अपने जिस्म में एक अजीब सी बेचैनी महसूस होती है.

आमतौर पर वो सेक्सुअली ज्यादा परेशान नहीं होती लेकिन आज सलमान और पहले मनीष की हरकतों ने उसके बदन में सेक्स की प्यास को भड़का दिया था. उसे नींद ही नहीं आ रही थी. बस वो यही सोच रही थी की उसके साथ ये सब क्यों हो रहा है. वो राजेश को मिस करने लगती है. 2 दिन से राजेश ने उसे काल भी नहीं किया था तो वो राजेश को फ़ोन मिला देती है.

राजेश: हाय डिअर

दिव्या: हेल्लो, क्या हो रहा है?

राजेश: कुछ ख़ास नहीं बस सोने की तैय्यारी. बताओ कुछ ख़ास बात है क्या?

दिव्या: क्यों अब क्या मैं बिना किसी बात के आपको कॉल भी नहीं कर सकती? एक तो आप मेरी याद करते नहीं हो और जब मैंने काल किया तो वजह पूछ रहे हो.

राजेश: नहीं मेरी जान. ये बात नहीं है. तुम तो जानती हो की टूर पर कितना ज्यादा काम होता है तो किसी से भी बात करने का मन नहीं होता.

दिव्या: अच्छा तो अब मेरी गिनती किसी में हो गयी.

राजेश: देखो यार अब तुम झगड़ा मत करो. मैं बहुत थक गया हूँ और नींद से आंखे बंद हो रही है. कल फ्री होकर बात करते हैं. ओके.

दिव्या: ओके.

राजेश फ़ोन काट देता है. दिव्या को राजेश से बात करके आज अच्छा नहीं लगा. वो उससे और देर बात करना चाहती थी. वो मन मसोस कर सोने की कोशिश करती है लेकिन बार बार उसकी आँखों के सामने आ जाता था की कैसे सलमान ने उसके मम्मो पर हाथ रख दिया था. आज पहली बार राजेश के अलावा किसी गैर मर्द ने उसके मम्मे छुए थे. यही सब सोचते सोचते कब उसका हाथ उसकी चूत तक पहुँच जाता है उसे पता भी नहीं चलता.

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उधर नीचे गार्ड रूम में सलमान दिव्या की ब्रा लेकर बैठा था. उसे भी याद आ रहा था की जब उसने दिव्या के मम्मे छुए थे तो उसके निप्पल ताने हुए थे. उसके लंड ने कैसे दिव्या की गांड को महसूस किया था.

कैसे उसने दिव्या की ब्रा को उतार दिया और दिव्या कुछ नहीं बोली. उसे अफ़सोस भी था की इतना सब करके भी वो दिव्या के बूब्स नंगे नहीं देख पाया, चोदना तो दूर की बात है. वो मन में बार बार नए प्लान बनाता है की कैसे दिव्या को चोदे.

वो सोचता है की अभी ब्रा देने के बहाने दिव्या के फ्लैट में जाकर उसे चोद डाले लेकिन उसकी इतनी हिम्मत नहीं होती. वो बड़ी हसरत से दिव्या के फ्लैट की तरफ देखता है की शायद दिव्या की एक झलक मिल जाए लेकिन वहां अँधेरा छाया है. उधर पूजा मनीष को बता देती है कैसे मैम का ब्लाउज उससे सलमान ने ले लिया था. मनीष सलमान को फोन करता है लेकिन सलमान फोन नहीं उठाता. अगले दिन सन्डे है तो सलमान रूम पर पहुँच कर मनीष को काल करता है.

सलमान: क्या हुआ भाई. रात को 3 बार काल किया तुमने?

मनीष: अरे तो उठाया क्यों नहीं?

सलमान: यार फोन रूम पर ही रह गया था. अभी वापस आया तो देखा. बोल क्या बात है?

मनीष: ये बता की कल तूने पूजा से दिव्या मैम का ब्लाउज लिया था फिर क्या हुआ? दे दिया न?

सलमान: नहीं. वो अभी भी बाथरूम में नंगी खड़ी है. जाकर देख ले.

मनीष: मजाक मत कर. बता न क्या किया तूने?

सलमान: दारू लेकर रूम पर आ जा तो बताता हूँ वरना रात भर ड्यूटी करके आया हूँ तो सोने दे.

मनीष: रुक भाई अभी 10 मिनट में आया.

मनीष चुपचाप अपने पापा के बार से एक बोतल लेकर बैग में रख लेता है और सलमान के रूम पर पहुँच जाता है. सलमान के बेड पर ब्रा पड़ी देख कर मनीष पूछता है.

मनीष: अबे ये ब्रा किसकी है यहाँ?

सलमान: खुद अंदाजा लगा ले. तू जानता है उसे.

मनीष: पूजा की है क्या? नहीं उसका साइज़ तो छोटा है. बता न, क्यों नखरे कर रहा है.

सलमान: तेरी दिव्या मैम की है. हा हा हा.

फिर सलमान मिर्च मसाला लगा कर सारी बात मनीष को बता देता है. मनीष का लंड ये सब सुन कर खड़ा हो जाता है.

मनीष: यार मैम को ठोकने का कुछ जुगाड़ कर जल्दी. देख पूजा को भी तुझसे चुदवा दिया मैंने मैम की चूत के लिए. अब उनके बिना रहना बहुत मुश्किल है.

सलमान: चिंता न कर. जैसे इसी कमरे में पूजा को चोदा था वैसे ही इसी कमरे में दिव्या भी चुदेगी. पर थोडा सब्र करना होगा. इतनी आसानी से हाथ आने वाली नहीं है ये चिड़िया, शराफत का ढोंग करती है वरना कल ही ले ली होती उसकी.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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मनीष: हाँ यार. बस वाले दिन के बाद से तो मेरी हेल्लो का भी जवाब नहीं देती मैम.

सलमान: कोई नहीं. तुम फिलहाल पूजा को पेलो तब तक मैं कोई आईडिया लगाता हूँ.

मनीष: यार पेपर्स आ रहे है. दिव्या मैम की वजह से पढने में बिलकुल मन नहीं लगता. पेपर्स मिल जायेंगे न इस बार भी.

सलमान: मिल तो जायेंगे लेकिन इस बार पैसे थोड़े ज्यादा लगेंगे. तुम इन्तेजाम रखना.

मनीष: कितना लगेगा?

सलमान: हर पेपर का दस हजार.

मनीष: क्या बोल रहे हो यार. इतना कैसे लाऊँगा.

सलमान: बोर्ड के पेपर हैं यार. इससे कम में नहीं होगा.

मनीष: इतना तो मैं अकेले नहीं कर पाऊँगा.कुछ और दोस्तों से बात करूं क्या?

सलमान: नहीं नहीं. किसी से बात मत करना. मेरी नौकरी खायेगा क्या? अच्छा परेशान मत हो मैं कुछ जुगाड़ करता हूँ. अब तू जा. मैं भी कुछ देर सो लेता हूँ.

मनीष घर चला जाता है और सलमान पेग लगा कर सो जाता है. शाम को वो दिव्या की सोसाइटी में ड्यूटी देने जाता है. थोड़ी देर बाद उसको दिव्या मार्किट से कुछ सामान लेकर आते हुए दिखती है. सलमान फौरन उसके पास जाता है और उसके हाथ से बैग लेकर बोलता है.

सलमान: मुझे दीजिये मैडम. मैं पहुंचा देता हूँ.

दिव्या: नहीं नहीं रहने दो.

सलमान: अरे रहने कैसे दूं. ये तो ड्यूटी का पार्ट है.

दिव्या वहां कोई तमाशा नहीं करना चाहती तो वो बैग सलमान को दे देती है और चुपचाप लिफ्ट की तरफ चल देती है. सलमान बैग लेकर उसके पीछे चल देता है. लिफ्ट में दिव्या सोचती है की सलमान से बात करनी ही पड़ेगी. वो घर जाकर लॉक खोलती है और सलमान को सामान किचन में रखने को बोल देती है. सामान रख कर सलमान वापस आता है और दिव्या के मम्मो को घूरने लगता है. दिव्या को सलमान की इस हरकत से थोडा गुस्सा आ जाता है. सलमान दिव्या के करीब आते हुए बोलता है.

सलमान: और बताइए मैडम और कोई सेवा करूं आपकी.

दिव्या: पहले तमीज से खड़े रहो और कान खोल कर मेरी बात सुनो.

सलमान दिव्या को गुस्से में देखकर घबरा जाता है.

सलमान: मुझसे कोई गलती हुई क्या मैडम?

दिव्या: एक तो तुमने कल स्कूल में बदतमीजी की फिर आज जबरदस्ती बैग उठाने के बहाने मेरे घर में घुस गए और फिर आते जाते हमेशा मुझे घूरते रहते हो.

सलमान: मैडम कल जो स्कूल में हुआ वो तो मैं आपकी मदद करने की कोशिश कर रहा था. और मैडम आते जाते लोगो को देखना तो मेरी ड्यूटी है. आपसे तो मेरा डबल रिश्ता है क्योंकि जिस स्कूल में हम नौकरी करते है आप वहां भी पढ़ाती हैं और यहाँ आप रहती हैं और हम यहाँ भी चौकीदारी करते है इसीलिए सोचा की बैग पंहुचा देते है.

दिव्या: बको मत. मदद कर रहे थे तुम मेरी. कोई तुम्हारी बहन बीवी की ऐसे मदद करे तो तुम्हे मजा आयेगा?
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