सुल्तान और रफीक की अय्याशी

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Dolly sharma
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Re: सुल्तान और रफीक की अय्याशी

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UPDATE 14

हारने वाले को सजा

जब मैच के विजेता की घोषणा हो गयी तो हारने वाले को सजा मिलने का समय आ गया था। रीमा और गुलनाज ने परवेज की फैली हुई बाहों को पकड़कर ऊपर खींच लिया। रीमा ने सुल्ताना से कहा कि वह परवेज को उसके अंडकोष में दो बार लात मारें। मुस्कुराते हुए, सुल्ताना ने अपनी टांग खींची और फिर, अपने पैर को ऊपर लाते हुए, धीरे-धीरे पैर के ऊपरी हिस्से को परवेज के कमजोर जननांग में मार दिया। परवेज खुश हुआ कि सुल्ताना ने उस पर सिर्फ एक हल्का-सा प्रहार किया था। सबके लिए ये स्पष्ट था कि-कि झटका बहुत शक्तिशाली नहीं था, फिर रीमा ने उससे कहा कि उसे पूरी शक्ति से और जोर से मारना चाहिए।

एक बार जब आप रफीक के बड़े काले लंड का स्वाद चख लोगी और अपनी मीठी सफेदी अवधि फुद्दी में रफ़ीक़ के काले लंड को लेने के बाद आप कभी भी अपने शोहर को उस तरह से प्यार नहीं करोगी जैसे आप अभी करती हो। "इसलिए इनकी चिंता मत करो और उसे जोर से लात मारो!" रीमा ने सुल्ताना को आदेश दिया।

उसके बाद सुल्ताना की अगली किक अधिक शक्तिशाली थी और पैर का ऊपरी हिस्सा परवेज की कमर में जा लगा। लेकिन परवेज हल्के से हिलने में कामयाब रहा, जिससे सुल्ताना की किक का पूरा असर परवेज की जांघ पर चला गया। वह इस तरह से अपनी बीबी की किक से बचने में सफल रहा और अपने अंडकोषों में दर्द की अनुपस्थिति से लगभग मुस्कुराया। वास्तव में वह लगभग उसे धन्यवाद देने वाला था, लेकिन फिर उसने समझदारी से अपनी जीभ को थामने का फैसला किया।

तब रीमा ने मल्लिका को परवेज को लात मारने के लिए कहा और उसे अपने पैर की उंगलियों की जगह एड़ी का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। फिर मल्लिका ने परवेज की कमर पर दो तेज किक मारी। इन किक ने पिछली सुल्ताना की किक की तुलना में अधिक चोट पहुँचायी और परवेज दर्द में रोने लगा जब मल्लिका के पैर की एड़ी सुलतान की कमर पर लगी।

मल्लिका की पहली किक में उसके पैर की उंगलियाँ परवेज के अंडकोषों पर लगीं। ये उसका पैर का अंगूठा था जिससे उसके बाएँ अंडकोष में सबसे ज्यादा दर्द हुआ। परवेज इस प्रहार से हिल गया। दूसरी किक में मल्लिका ने अपने पैर के ऊपर के हिस्से का इस्तेमाल परवेज के दोनों जेवरों पर प्रहार करने के लिए किया। ये बहुत दर्दनाक था। मल्लिका की दूसरी और आखिरी लात मारने के बाद ही क्रूर बेगमों ने आखिरकार परवेज को छोड़ दिया। जैसे ही परवेज अपने जननांगों को पकड़कर फर्श पर गिरा, वह उस समय केवल अपने गुप्तांगों में हो रहे दर्द से तड़प रहा था।

फिर रीमा और सुल्ताना ने परवेज का हाथ थाम लिया। परवेज डर गया था क्योंकि वह जानता था कि पंजाबी बेगम गुलनाज के पैर बहुत मजबूत हैं। रीमाने गुलनाज़ को बेहतर प्रहार करने के लिए उकसाया और परवेज को लात मारने के लिए अपनी एड़ी का इस्तेमाल करने के लिए कहा। उसने सुल्ताना से भी कहा कि वह परवेज को कस कर पकड़ ले ताकि वह पिछली बार की तरह हिल न सके। परवेज के लिए ये किक अविश्वसनीय थी। वह उस दर्द की कल्पना भी नहीं कर सकता था जब उसने महसूस किया कि गुलनाज़ की एड़ी उसके कमजोर जननांगों में कुचल गई है।

फिर भी, इसके साथ ही परवेज को उम्मीद थी कि बुरा वक्त खत्म हो जाएगा। आखिरकार, पंजाबन गुलनाज़, इन चारो औरतो में सबसे लंबी और सबसे मांसल थी।

फिर रीमा की बारी थी। मुस्कुराते हुए, उसने पहले परवेज के चेहरे को सहलाया क्योंकि गुलनाज़ और सुल्ताना ने एक-एक हाथ से परवेज को पकड़ रखा था। लेकिन उसकी मित्रता
भ्रामक थी और पैरवेज के लिए और तकलीफ लाने वाली थी। परवेज को उम्मीद थी कि अब औरते वापस उसे छोड़ देंगी और वापिस चली जाएंगी लेकिन ये कुछ क्षण की शान्ति आने वाले तूफ़ान का संकेत थी।

रीमा ने अन्य दो ओरतों को बताया, "आपको देखना चाहिए कि हम अपने बंगाली लौंडो को किस तरह से आज्ञाकारी बनाए रखते हैं।" रीमा जब शांति की बात कर रही थी तो परवेज आशंका से कांप रहा था । लेकिन इससे पहले कि वह कोई प्रतिक्रिया दे पाता, रमा ने जल्दी से अपना घुटना उसके कमर के नीचे मार दिया और अपने घुटने से अवधी साहिब के कमजोर जननांगों पर विनाशकारी प्रहार किया। परवेज दर्द से चिल्ला उठा। लेकिन दोनों ओरतों ने उसका हाथ नहीं छोड़ा।

"इसके बाद वह तुम्हें कोई तकलीफ नहीं देगा," रीमा ने हंसते हुए सुल्ताना को आंखों से देखते हुए कहा।

उसने रीमा से विनती की कि वह उसे फिर से घुटने से न मारें, उसकी आँखों में आँसू थे। रीमा मुस्कुरा दी।

"चलो इसे एक आदमी की तरह बहादुरी से लो!" उसने कहा।

इससे उसने जल्दी से अपना घुटना फिर से उसकी कमर में दबा लिया। उसके घुटने की लात का बल इतना शक्तिशाली था कि उसने परवेज को जमीन से उछाल गया। यह अब तक का सबसे दर्दनाक किक था जिसे उसने अनुभव किया था। उसके अंडकोष को कुचलने में रमा के घुटने की कड़ी हड्डी सबसे प्रभावी सिद्ध हुई थी। उसके कुछ बार उन्होंने उसके हाथों को छोड़ा और परवेज अपने अंडकोष पकड़कर जमीन पर गिर गया।

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UPDATE 15

हारने वाले को सजा


इस आखिरी शक्तिशाली प्रहार में जिसमे रीमा ने अपना घुटना फिर से परवेज की कमर में मारा था उससे परवेज को जमीन से उछल गया। रीमा के घुटने की कड़ी हड्डी के कारण उसके अंडकोष लगभग कुचल गए और इस वार के कारण परवेज अपने अंडकोष पकड़कर जमीन पर गिर गया। उसे भयंकर दर्द हुआ । वह रोते हुए बुरी तरह से तड़पने लगा और मुझे माफ़ कर दो मेरी जान बक्श दो बोलने लगा ।

जब उन्होंने परवेज को फर्श पर पड़ा हुआ देखा, उनकी पीठ मुड़ी हुई थी और दर्द में उसके गुप्तांगों को जकड़ रखा था। परवेज की ऐसी हालत देख चारों औरतें हंस पड़ीं और मल्लिका बोली कैसा मुर्ख सुलतान हैं ये। बिना सोचे समझे शर्त लगा ली ये पता लगाने की कोई कोशिश ही नहीं की के सामने दुश्मन कौन है कितना ताकतवार है । रीमा बोली और जब पता चला की सामने वाला उससे बहुत ज्याद शक्तिशाली है फिर भी उसके साथ मुक़ाबले में उतर गया ।

सुल्ताना बोली मैंने तो मना किया था शर्त मत लगाओ और रफ़ीक को जब पहली बार देखा था तब भी बोलै था माफ़ी मांग लो पर ये नहीं माने।

गुलनाज बोली इस सुलतान ने औरतो के चक्कर में अपना मान सामान इज्जत सब दाव पर लगा दिया।

रीमा बोली इसने सोचा था कि रफ़ीक कोई मामूली बंगाली बाबू होगा जिसे ये आसानी से पीट देगा और उस दिन कैसे अपनी डींगे मार रहा था अब देखो कैसे पिता हुआ गिड़गिड़ा कर अपनी जान की भीख मांग रहा है । फिर चारो औरतो हसने लगी । देखो कैसे गिड़गिड़ा रहा, हाँ-हाँ हाँ हाँ।

ये देख सुन रानी रक्किनी वैरावी ने रीमा को रोका और कहा कि बस इतना काफी है, इसे अब और मारोगी तो वह मर जाएगा। अब बस करो, उसे और मत मारो, शतरंज के खेल में भी में भी राजा को मारना मना होता है। हारने वाले राजा को आप उसे कैद कर सकती हो, सजा दे सकती हैं या अपना गुलाम बना सकती हो।

रीमा ने हंसते हुए कहा, जैसा आपका हुक्म रानी साहिबा "अब वह पंद्रह दिनों तक चल नहीं पाएगा।"

फिर उन्होंने उसे कुछ देर के लिए फर्श पर ऐसे ही लेते रहने दिया, जिससे वह अपने दर्द से उबर सके और परवेज तड़पता हुआ रोटा हुआ वहाँ लेटा रहा ।

कुछ देर बाद जब परवेज का रोना थोड़ा कम हो गया तो वह हाथ जोड़ कर बैठ गया तो परवेज को बैठा हुआ देखने के बाद मल्लिका ने कहा रीमा ऐसा लग रहा था कि कुछ हद तक अब ये और सजा झेलने लायक हो गया है।

फिर रीमा बोली "अब, इस हारे हुए सुलतान को नियम तोड़ने के लिए उसकी सजा देने का समय हो गया है।"

रीमा ने गुलनाज और मल्लिका से कहा कि वह उसे फर्श पर लेटा दें और उसकी बाहे इसके सर के ऊपर पकड़ ले और सुल्ताना को उसके सिर के ऊपर फैली हुई भुजाओं पर बैठने के लिए कहा। उसके ऊपरी धड़ को स्थिर करके, गुलनाज़ और मल्लिका ने उसके पैरों को पकड़ लिया, सुल्ताना उसके हाथो को पकड़ कर उसके ऊपर बैठ गयी और रीमा परवेज की टांगो के बीच चली गई।

रीमा परवेज की टांगों के बीच पहुँच गई और उसके सूजे हुए दोनों अंडकोषो में से एक अंडकोश को-को प्रत्येक हाथ में पकड़ लिया, जब उसे यकीन हो गया कि उसने अपने हाथों से उसके अंडों को पूरी तरह से जकड़ लिया है तो उसने धीरे-धीरे उन्हें दबाना शुरू कर दिया। जब रीमा ने ऐसा किया तो परवेज, जो पहले से ही अपने पैरों के बीच की गयी दर्दनाक पिटाई के कारण दर्द से तड़प रहा था, रोने गिगगिड़ाने और बड़बड़ाने लगा, जबकि उसकी बीबी, मल्लिका और गुलनाज़ विस्मय से रीमा और परवेज देख रही थीं।

"आह, खेलने के लिए दो अच्छे रसगुल्ले," रीमा ने मुस्कुराते हुए अंकोशों को दबाते हुए कहा।

रीमा को परवेज के अंडकोष पर काम करते देख सभी औरते भी गर्म हो रही थी। जैसे ही उसने महसूस किया कि रीमा उसके अंडकोष को दबा कर निचोड़ रही है, जिसके कारण परवेज तब तक चिल्लाते हुए तड़पता रहा जब तक कि उसने अपनी आवाज लगभग खो नहीं दी। वह लगभग दर्द से पागल हो गया था और उसे अपनी मौत नजर आ रही थी क्योंकि रीमा ने उसकी गेंदों पर अपनी मौत की पकड़ बनाए रखी हुई थी। फिर रीमा ने कुशलता से परवेज के अंडकोष के निचले हिस्से पर दबाव बढ़ाया, और तब तक हिंसक रूप से दबाया जब तक कि वे, एक-एक करके, ऊपर की ओर, उसके हाथों से बाहर नहीं निकल गए। यह परवेज के लिए बेहद दर्दनाक था।

फिर उसने परवेज के अंडकोषों को फिर पकड़ लिया और तब तक निचोड़ा जब तक कि उसका अनैच्छिक स्खलन नहीं ही गया।

उसके बाद में रीमा ने परवेज के अंडकोषों की थैली को छोड़ दिया। परवेज बुरी तरह से टूट गया था। जिन औरतो को वह जीत कर प्यार करना चाहता था उन औरतो ने उसे पीटा था और लगभग मार ही डाला था दी थी जिससे उससे उसके टट्टे दर्द से धड़क रहे थे। वह इतना अपमानित कभी नहीं हुआ था।

पर अभी उसके अपमान और पीड़ा का अंत नहीं हुआ था और उसकी ये दर्दनाक पीड़ा खत्म नहीं हुई थी।

अब रफीक आगे बढ़ा और बोला ये तो वह सजा थी जो आपने इस हारने वाले और नियम तोड़ने वाले को दी है अभी इसे मैंने भी सजा देनी है और रफ़ीक ने औरतो को परवेज की बाहों में पकड़ कर बैठाने को कहा।

चारो औरतो ने रफ़ीक की तरफ देखा तो-तो सभी औरतो के होश उड़ गए। रफीका का बड़ा काला लंड पूरी तरह से सीधा और एक हथियार के रूप में खड़ा था। रफीक का लण्ड उसके राजसी पेशीय-शरीर से उछलकर हवा के बीच में ठुमुक कर फुफकारने लगा। रफ़ीक का लंड इतना बड़ा था कि ऐसा लगता था कि वह जीवंत है और दिल की धड़कन से धड़क रहा है, एक खतनाक औजार की तरह सीधा, डरावना और काले तलवार या भाले की तरह जो एक फुट या बारह अंगुलीयों से अधिक लंबा था।

इतना कहकर रफीक परवेज की छाती पर बैठने के लिए उठ खड़ा हुआ और अपने विशाल काला लुंड से उसके चेहरे पर वार करने लगा। उसने परवेज की बीबी सुल्ताना से उसके बड़े कला लंड का सीधे परवेज के चेहरे पर हस्तमैथुन करवा दिया। जब वह अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँचा, तो सुल्ताना ने दूसरे हाथ की दो अंगुलियों से परवेज का मुंह खोल दिया, जिससे रफीक के अधिकांश शुक्राणु परवेज के मुंह में चले गए कुछ शुक्राणु परवेज के होठों पर गिरे, तो सुल्ताना ने अपनी उंगलियों का इस्तेमाल करके रफीक के बचे हुए सभी शुक्राणुओं को परवेज के मुंह में डाल दिया। परवेज, जो एक अवधी सुलतान था, इससे पहले कभी इतना अपमानित निराश या कमजोर नहीं हुआ था ।

तब रफीक ने सुल्ताना से कहा कि वह परवेज के चेहरे पर उसका लंड फिर से लगाए. रीमा और गुलनाज को उसका चेहरा स्थिर रखने के लिए कहा।

"अब मैं इस हरामज़ादे को पिशाब-खोर बनाने जा रहा हूँ," रफीक ने कहा। इतना कहकर वह परवेज के मुंह में पेशाब करने लगा और पराजित प्रतिद्वंद्वी के मुंह में धार मार दी, और उसे यह सब पीने के लिए कहा। परवेज को रफीक का पिशाब पीते देख चारों बेगमे हंस पड़ीं।

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UPDATE 16

विजेता को पुरस्कार-सुल्ताना


अब रफीक के लिए अपनी जीत का आनंद लेने का समय आ गया था। तुरंत गद्दों को मंगवाया और कमरे में गाड़े लगा दिए गए। मल्लिका और गुलनाज़ ने परवेज को एक तरफ खींच लिया क्योंकि वह अकेले कहल भी नहीं सकता था।

रानी रक़्क़ीनी भैरवी ने कहा अब विजेता को पुरूस्कार दिया जाये । उसका पहला पुरूस्कार है सुल्ताना ।

रफ़ीक बोला उल्लू सुलतान तुम्हे मालूम नहीं है कि तुम्हे इस हार के साथ क्या खो दिया है । तुम्हे अब मालूम चलेगा की तुमने क्या खोया है ।

अब मैं तुम्हारी हसींन बेगम की वह चुदाई करूंगा जो तुम न तो कभी कर पाए हो और न ही कभी कर सकोगे ।

अब मैं इस बेहतरीन औरत जिसका पूरा बदन पूरी तरह से आनुपातिक है और त्वचा गुलाबी है और जिसके निपल्स बड़े और उभरे हुए हैं, स्तन दूधिया, दृढ़ और गोल और नितंबों का मोटा जोड़ा, सुडौल और चिकना है और पेट सपाट है। तुम इस अवधि सुंदरी जो हमेशा पुरुषों के आकर्षण का केंद्र रही है और जिसे सभी पुरुष उसे देखना पसंद करते है और जिसकी खूबसूरती के बारे में सोच सोच कर , अकेले में अक्सर अपना लंड हिलाते है की चुदाई का आंनद तुम्हारे और सबके सामने लूँगा। तुम्हारी बीवी जिसे देखना तक नसीब नहीं होता उसे अब मैं सबके सामने चोदूंगा. सुल्ताना की चुदाई के इस नज़ारे का मजा अब सब लोग लेंगे. और इसके किस्से उनको सुनाएंगे जो यहाँ मौजूद नहीं है .

रफीक ने कहा, "सुल्तान मैं तुम्हारी बेगम को तुमसे बेहतर चोदूंगा।" और सुलतान जानता था कि रफ़ीक सच कह रहा है । जिस लंड को चूसने के लिए वह अपना मुँह पूरा खोलने के बाद भी उसे बड़े मुश्किल से अपने मुँह में ले पाया था. वह लंड जब सुल्ताना की फुद्दी में जाएगा तो क्या कोहराम मचाएगा ।

सुलतान की नजरे फिर रफ़ीक पर गयी तो रफ़ीक का बड़ा लंड एक क़दम (फुट) लंबा और अत्यधिक मोटा था। कस्तूरी पसीने ने रफ़ीक के पूरे लंड को ढक लिया था , जिससे उसका अबनुसी हथियार और भी खतरनाक लग रहा था। रफ़ीक का विशाल प्रजनन अंग इतना असामान्य रूप से बड़ा था कि आदमी के लंड की जगह एक मोटे बैल या एक विशाल हाथी या एक बड़े घोड़े के लंड जैसा प्रतीत हो रहा था ।

अपने आकार पर जोर देने के लिए, रफीक के बड़े काले लिंग की टोपी में छिद्रित एक बड़े छेद के माध्यम से एक मोटी चांदी की अंगूठी लटकी हुई थी। यह एक अपद्रव्य था, एक उपकरण था जो आमतौर पर दक्षिण भारतीय भूमि में पुरुषों द्वारा अपनी महिलाओं को अधिक उत्तेजना प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता था। चमकदार चांदी के रंग की अंगूठी रफीक के लंड के बहुत काले रंग के ठीक विपरीत थी।

परवेज ने रफ़ीक की काली टोपी में बड़े छेद का अध्ययन किया और देखा कि उसमें लटकी चांदी की अंगूठी उसकी खुद की लूली की तरह से भी मोटी थी! तब उसे डर का एहसास हुआ कि उसका अपना पतला गोरा अवधी उपकरण आसानी से उस छेद काली टोपी में बड़े छेद में ही खिसक जाएगा।

वो ये सोच कर सिहर गया की उसकी बेगम इस महा लंड को कैसे अपनी योनि में ले पाएगी. रफ़ीक के महा लंड के घुसने से उसकी बेगम की टाइट फुद्दी पूरी छोड़ी हो जायेगी और वह फुद्दी से चौड़ी हो कर भोसड़ा बन जाएगी ।

"अच्छा हुआ सुलतान तेरा निकाह सुल्ताना से हुआ था तो तुझे हरा कर ये हसीना मुझे आसानी से चुदाई के लिए मिल गयी। नहीं तो ऐसा पका हुआ आम तो देखने के लिए भी बड़ी मुश्किल से मिलता है ।" रफ़ीक ने सुलतान को जलील करना जारी रखा .

परवेज कोई भी प्रतिक्रिया या जवाब देने की स्थिति में नहीं था । उसने बेज्जती मह्सूस करते हुए सर नीचे झुका लिया तो रफ़ीक बोला रीमा उसका सर ऊपर करो और परवेज अब अगर तुमने सर नीचे किया तो रीमा फिर तुम्हे लात मारेगी । अब मैं तुम्हारा आका हूँ और तुम मेरे गुलाम हो । इसलिए हुक्म की तामील हो! सर उठाओ और देखो । परवेज जो खुद एक हारा हुआ सुलतान था जानता था हुक्म की तामील हो का क्या मतलब है । हुक्म अदूली की क्या सजा होती है। इसलिए, इस से पहले रीमा उसे फिर से बेदर्दी से पीटे, उसने चुपचाप सर उठा लिया और रफ़ीक क्या कर रहा है वह देखने लगा ।

सल्ताना का पूरा शरीर पहले से ही नंगा था और सब लोग जो वहाँ जमा थे उसके नंगे हुस्न का लुत्फ़ उठा रहा थे । फिर रफ़ीक ने कहा गांडू परवेज अपने चारो और देखो सब लोग क्या कर रहे हैं?

परवेज ने नजरे घुमाई तो पाया जितने भी मर्द वहाँ थे वह सुलताना को घूर-घूर कर देख रहे थे। कोई अपने जीभ ओंठो पर फिरा रहा था तो किसी का मुँह हैरानी से खुला हुआ था। सबके निचले हिस्से में लुंगी, धोती या पायजामे में टेंट बना हुआ था, जो बता रहा था की सबके लंड खड़े हो गए थे । कई तो बेशर्मी से अपने लंड पर हाथ भी फेर रहे थे ।

रानी रक़्क़ीनी बोली नालायक सुलतान तूने अपनी हवस में सुल्ताना के इस शानदार हुस्न को दाव पर लगा दिया । जिस हुस्न का दीदार भी लोगों को नहीं मिल सकता था, उस हुस्न को तुमने सरे बाज़ार में नुमाया करवा दिया है ।

फिर रफ़ीक सुल्ताना के पास गया और उसे अपने पास खींच कर उसके बदन पर रफ़ीक ने अपने काले खुरदरे हाथ फिराए तो सुल्ताना आह कर कराह उठी ।

फिर सुल्ताना की नंगी छाती नग्न थी पर हाथ फेरते हुए उसने उसके दो शानदार और नंगे स्तन नीचे से पकडे । ऊपर को तौलते हुए उछाले और उसकी, गोलाईयों पर हाथ फिरा कर बोला वाह सुल्ताना के तो स्तनों का तो आकार भी नहीं बिगड़ा है। पेशाब खोर परवेज तुम तो सुलतान को ढंग से भोगा भी नहीं पाए हो, सुल्ताना के स्तन अभी भी दृढ़ है और दो उलटे रखे प्यालो जैसे खूबसूरत है जिनपर दो बड़े अंगूर लगा कर उन्हें सजाया गया है । सुलतान क्या तुमने कभी इन्हे दबाया या चूसा भी है । तुम्हारी लुल्ली तो सिर्फ इन्हे देख कर ही पानी छोड़ देती होगी ।

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UPDATE 17

बड़ा मोटा लंड सुल्ताना के अंदर


सुल्ताना ने रफीक के बड़े काला लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी ।और बोली ओह यह कितना बड़ा मोटा और कठोर है फिर उसने परवेज को बताया कि उसे यह बहुत शानदार लग रहा है और अब वह इसे अपने अंदर लेने और योनि में महसूस करने के लिए और ज्यादा इंतजार नहीं कर सकती थी। और लंड के बड़े आकार के कारण यह उसके लिए मुँह में लेना बहुत मुश्किल था।

परवेज न तो कुछ करने की हालत में था और न ही कुछ बोल सकता था वो अब बस इतना ही कर सकता था कि उस दोनों की आँखों में एक-दूसरे के लिए वासना को देखें। फिर वो दोनों उस बिस्तर पर चले गए जो गद्दों को मिला कर बना गया था ।

फिर सुल्ताना परवेज की तरफ अपनी मलाईदार टांगों को फैला कर लेट गई। रफीक नीचे पहुंचा और उसकी फुड्डी को सहलाने लगा । रफ़ीक ने सुल्ताना की योनि में अपनी ऊँगली घुसाई तो सुल्ताना कराहने लगी रफ़ीक ने ऊँगली एक दो बार अंदर हिलायी और घुमाई और फिर अपनी उंगली को उसकी योनी से बाहर निकाला, और विजेता की मुद्रा में अपनी ऊँगली को परवेज की दिखाया, जो की गीली, और चमकदार थी .तो परवेज समझ गया की सुलताना अब पूरी तरह से गीली और उत्तेजित है । परवेज ने महसूस किया कि सुल्ताना इस आदमी से चुदाई के ख्यालात से अविश्वसनीय रूप से उत्साहित और उत्तेजित थी. और वो कभी भी परवेज के साथ सेक्स करते हुए इतनी गीली नहीं हुई थी ।

रफीक ने पहली उस ऊँगली को चाटा और फिर बोला सुल्ताना का चुतरस बहुत स्वादिष्ट है और फिर उसकी फुड्डी चाटने लगा और परवेज को बताने लगा कि उसने मीठा चखा है और सुलटना के रस का स्वाद बहुत मीठा है ।

रफीक जब सुल्ताना की योनि को चाट रहा था तो उसके नितंब परवेज के सामने थे और वह उसके बड़े काले लंड को ऊके पैरों के बीच से लटकते हुए देख रहा था। यह बहुत बड़ा था और एक फुट से भी बड़ा दिख रहा था।

परवेज जानता था कि यह केवल कुछ समय की बात है जब काला घुसपैठिया उसकी प्यारी बीबी के अंदर गायब हो जाएगा। इस एहसास ने परवेज को अविश्वसनीय रूप से अपमानित और ईर्ष्यालु बना दिया कि रफ़ीक उसकी बेगम सुल्ताना को उसके सामने भोग रहा था।

उस पर आगे बढ़ते हुए, रफीका ने अपने बड़े काले ओरत को भोगने वाले को सुल्ताना की फुद्दी के प्रवेश द्वार पर निर्देशित किया। धीरे-धीरे उसने उसका एक तिहाई हिस्सा उसमें डाल दिया। और सुल्ताना चिल्ला उठी .. ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हह हईयेये ये मममममरररररररर गगगगयीईई! ऊऊऊऊऊ! ईईईईईईईईई! तो में मररर्र्र्र्ररर! गयीईईईईईईईईईईई फाड़ डाली .

रफीक के बड़े काला लंड को अपनी बीबी की गुलाबी गुलाबी देसी फुद्दी के अंदर घुसे हुए देख कर परवेज को लगा कि वह पूरी तरह से हार गया है । इसके विपरीत, सुल्ताना को पहले से कहीं अधिक एक औरत की तरह महसूस हुआ क्योंकि उसने महसूस किया कि बेहतर बड़ा मोटा और मजबूत लंड उसके अंदर जा रहा है.

रफीका ने कहा, "देखो, परवेज अब मैं तुम्हारी बीबी के अंदर उतना ही गहरा हूं जितना तुम कभी होते थे," रफीका ने कहा तो [ेरवेज ने देखा की सुल्ताना की फुद्दी के अभी भी रफ़ीक के विशाल लंड का दो-तिहाई हिस्सा अभी भी उसकी योनि से बाहर था । और सुल्ताना की तंग योनि खिच कर चौड़ी हो गयी थी .

"और अब मैं उससे बहुत गहरे में जाऊँगा जहाँ तुम कभी नहीं जा सकते हो !" इतना कहकर रफीक ने सुल्ताना में अपने बाकी विशाल काले हथियार को आगे धकेल दिया।

सुल्ताना अब बहुत अजीब महसूस कर रही थी, वो अपने अंदर एक आदमी का लंड गहराई तक घुसा हुआ महसूस कर रही थी जहाँ परवेज का लंड कभी नहीं पहुँच पाया था । परवेज जानता था कि यह अजनबी उसकी बीबी की उन जगहों को महसूस कर रहा है जिसे उसने खुद कभी महसूस नहीं किया था।

सुलताना की योनि की मासपेशिया खींची संयोजित हुई और रफ़ीक के बड़े कठोर लंड के चारो और कस गयी जैसे ही रफीका उसके अंदर की और खिसका तो सुल्ताना कराह उठी।

परवेज ने सुल्ताना की फुद्दी के होंठों को रफ़ीक के बड़े काला लुंड के चारों ओर लपेटे हुए देखा तो उसे लगा की जैसे कि एक छड़ी के चारों ओर रबड़ लपेटा हुआ था। परवेज चुदाई के दौरान सुल्ताना के साथ जितना कर सकता था, उससे कहीं ज्यादा उसे रफ़ीक के लंड ने खींच कर चौड़ा कर दिया था और अभी भी दबा पड़ना जारी था । परवेज ने सुल्ताना के चेहरे पर अत्यधिक खुशी के भाव देखे, एक ऐसा एहसास जो वह जानता था कि वह सुलताना को कभी इस एकसास की आपूर्ति नहीं कर स्का था और ना ही आगे कर पायेगा । पहले जब उसे बुरी तरह पीटा गया था तो उसे बुरा लगा था . फिर जब उससे रफ़ीक ने पाना लंड चुसवाया था तब उसे और बुरा लगा था । लेकिन, उसने पाया कि अपनी बीबी को उस बेहूदा जंगली जानवर के हाथों खोना शारीरिक रूप से पीटे जाने से कहीं ज्यादा बुरा है । और उधर सुल्ताना बार बार स्खलन कर रही थी और मजे लेती हुई कराह रही थी

रफीक ने धक्काके लगाते हुए कहा, "देखो, वह तुम से ज्यादा मुझे पसंद करती है।"

परवेज जानता था कि रफीक सही कह रहा है।

आमतौर पर सुल्ताना परवेज के साथ एक या दो बार ही चरमोत्कर्ष पर पहुंचती थी। लेकिन रफीक के साथ वो लगातार स्खलन कर रही थी ।

फिर उन्होंने आसान को बदल दिया। अब रफीव नीचे हो गया और सुल्ताना उसके ऊपर आ गयी ।

परवेज ने हैरत से देखा क्योंकि सुल्ताना ने अपने गोरे नितंबों को ऊपर उठा लिया था ताकि रफीक के काले बड़े लंड की टोपी उसके अंदर घुस जाए और फिर वो धीरे-धीरे होने लगी , जब तक कि रफ़ीक का दक्षिण भारतीय भाले जैसा लंड पूरी तरह उसकी योनि में नहीं समा गया ।

रफीक ने अपने नितम्ब उठाकर ऊपर को एक झटका दिया और रफ़ीक का बड़ा मोटा लंड सुल्ताना के शोहर के बचकाने लंड की तुलना में बहुत गहरा चला गया ।

फिर सुल्ताना उछलने लगी और रफ़ीक ऊपर को झटके देने लगा . कुछ देर बाद रफीक कराह उठा और परवेज ने उसके अंडकोष में ऐंठन होते देखा। वह जानता था कि रफीक अब अपने वीर्य से भरी पिचकारी उसकी बीबी की योनि में पंप कर खाली कर रहा है।

फिर वो दोनों रुक गए। सुल्ताना उसकी पीठ पर लुढ़क गई और अपने पैर फैला दिए। परवेज ने अपनी बेगम की फुद्दी को रफ़ीक के वीर्य से भरा हुआ देखा जो की अब बाहर बहने लगा था ।

सुल्ताना ने कहा, "परवेज, अगर तुम चाहते तो कि मैं तुम्हें कभी भी चकमा न दू , तो अब तुम्हारे लिए एक ही रास्ता है की तुम मेरी फुद्दी से रफीक का वीर्य पीयो ।"

रफीक परवेज के पास गया, और उसके बाल पकड़ लिए, उसे अपना लंड चाटने के लिए मजबूर किया। चुपचाप, परवेज ने अनुपालन किया। उसने रफ़ीक का लंड चाटा, और उसका रस साफ किया।

फिर उसे अपनी बीबी को चाट का साफ़ करने का आदेश दिया गया और परवेज ने अनिच्छा से उसकी बात मानी।

जारी रहेगी
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