Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

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mastram
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Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

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PART-26
शादी के बाद आज गौरव और रवीना की सुहागरात थी
गौरव सब कुछ एक साज़िश के तहत कर रहा था -रवीना हालॉंकि शिवानी से भी ज्यादा सुन्दर थी लेकिन गौरव ने रवीना से शादी के लिए जल्दबाज़ी में हाँ इसलिए ही कर दी थी ताकि शिवानी पर उसका कंट्रोल और दबदबा आगे भी बना रहे क्योंकि जब से शिवानी पुनीत की बहन के शादी में गयी थी, तभी से गौरव को अपनी पोल खुलने का डर सताये जा रहा था.
गौरव शिवानी की तरह अपनी वाइफ रवीना को भी पहले ही दिन से अपनी पूरे कंट्रोल और रौब दाब में रखना चाहता था ताकि उसका पूरा दबदबा हर समय बना रहे और शिवानी की ही तरह रवीना भी उसकी सेक्स स्लेव बनकर रह जाए
रवीना को सुहागरात के लिए शिवानी ने ही तैयार कर दिया था और वह उसे रात दस बजे गौरव के कमरे में छोड़ गयी.
कुछ ही देर में गौरव अपनी कमरे में आया तो उसने देखा कि सजी धजी रवीना बिस्तर पर अपनी साड़ी का घूंघट किये बैठी थी
गौरव कमरे में घुसा तो रवीना की तरफ देखता हुआ बिस्तर के सामने पड़े हुए सोफे पर बैठ गया और वहीं से बिस्तर पर घूंघट में लिपटी रवीना को देखने लगा
कुछ देर बाद ही गौरव रबीना की तरफ देखते हुए बोला : रवीना बिस्तर पर से उठकर मेरे पास आओ -मैं तुम्हे बताऊंगा कि सुहागरात का क्या मतलब होता है और किसी भी वाइफ को सुहागरात और उसके बाद क्या करना होता है
रवीना शर्माती हुई और अपनी साड़ी और उसका घूंघट संभालती हुई बिस्तर पर से उठी और गौरव के पास आकर खड़ी हो गयी
गौरव : चलो अपनी साड़ी उतारो
रवीना ने अपनी साड़ी उतार कर बिस्तर पर ही एक तरफ रख दी
अब रवीना ब्लाउज़ और पेटीकोट में खड़ी थी और उसका ज्यादातर बदन गौरव को दिख रहा था- लाल रंग की ब्लाउज़ में कैद उसके मम्मे काफी मस्त लग रहे थे -ब्लाउज़ और पेटीकोट के बीच उसका पेट एकदम चिकना और समतल था और उसकी नाभि साफ़ नज़र आ रही थी-कुल मिलाकर वह एक मस्त माल थी
गौरव ने कुछ देर उसे ऐसे ही देखते रहने के बाद कहा : अब अपनी बाकी के कपडे भी उतारो और अपना नंगा बदन मुझे दिखाओ -तुम्हारे बदन को चेक करने के बाद ही मैं इस बात का फैसला करूंगा कि तुम मेरे लायक हो भी या नहीं
रवीना को शर्म तो बहुत आ रही थी-उसने आज से पहले कभी किसी के सामने अपनी कपडे इस तरह नहीं उतारे थे-गौरव उसका पति था लेकिन अभी तक वह एक अनजान मर्द ही था -रवीना ने कुछ सोचा और फिर झिझकते हुए अपनी ब्लाउज़ उतारनी शुरू कर दी
ब्लाउज़ उतारने के बाद, रवीना रुकी तो गौरव बोला : रुको मत ! सब कुछ उतारो और एकदम नंगी हो जाओ
यह सब कहते कहते गौरव अपनी जींस में कैद खड़े लण्ड पर भी लगातार हाथ फिराता जा रहा था -रवीना के खूबसूरत बदन को वह भी पहली बार ही देखने वाला था-इसलिए वह बहुत उत्तेजित और उत्साहित था लेकिन वह उसे पूरी तरह ज़लील करके पहले ही दिन से अपने कंट्रोल में लेकर उस पर अपना दबदबा कायम करना चाहता था
अब रवीना ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और उसके हाथ अब अपने ब्रा और पैंटी को अपनी बदन से अलग करने में व्यस्त थे-कुछ ही देर में वह एकदम निर्वस्त्र अवस्था में गौरव के सामने खड़ी थी और अपने एक हाथ से अपनी मम्मों को और दूसरे हाथ से अपने चिकनी चूत को ढंकने की कोशिश कर रही थी लेकिन गौरव ने उसे ऐसा करने से रोकते हुए कहा : हाथ ऊपर उठाओ और पीछे घूमकर दिखाओ
इस बीच गौरव ने अपने टी शर्ट और जींस उतार फेंकी थी और अब वह सोफे पर सिर्फ एक अंडरवियर पहनकर बैठा हुआ था
रवीना गौरव की तरफ देखकर अब एकदम चिल्ला पडी : ऐसा होता है क्या सुहागरात में ? मुझे यह सब नहीं करना -मैं आपकी वाइफ हूँ ना कि कोई खरीदी हुई गुलाम जो मुझसे इस तरह बात कर रहे हो आप ?
गौरव : अभी तुम्हे सब पता चल जाएगा कि तुम कौन हो-तुमने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया है, उसके लिए तुम्हे अब सजा मिलेगी -आओ मेरी टांगों पर उल्टी होकर लेट जाओ
रवीना : मैं तुम्हारी वाइफ हूँ -कोई स्कूल में पढ़ने वाली पांचवी क्लास की स्टूडेंट नहीं हूँ जो तुम मुझे सजा देने की बात कर रहे हो- मुझे यह सब पसंद नहीं है -मुझे यहां से जाना है
गौरव ( हँसता हुआ ) : इसी बात की ट्रेनिंग तो सुहाग रात वाले दिन दी जाती है ताकि वाइफ अपनी जगह को हमेशा के लिए पहचान ले और यह समझ जाए कि आज से वह अपनी पति की एक सेक्स स्लेव से ज्यादा कुछ नहीं है-इसलिए अब तुम्हे वह सब करना होगा जो मैं तुमसे कहूंगा-मैं अगर कहूँ कि रवीना खड़ी हो जा तो तुम्हे खड़ा होना पडेगा और मैं अगर कहूँ कि रवीना बैठ जा तो तुम्हे बैठना होगा-मेरा कहना नहीं माना तो उसके लिए तुम्हे सख्त सजा मिलेगी -अब जल्दी से मेरी टांगों पर आकर उल्टी लेट जाओ और आज की पहली सजा भुगतने के लिए तैयार हो जाओ- नहीं तो मुझे तुम्हारी सजा बढ़ानी पड़ेगी
रवीना अब डर के मारे उसकी टांगों पर उल्टी होकर लेटने की कोशिश करने लगी -गौरव ने उसकी चिकने योनि प्रदेश को आपनी दायीं जांघ पर टिका दिया और उसके मस्त मस्त मम्मों को आपनी बायीं जाँघों पर रख दिया-उसके मक्खन जैसे मम्मे जैसे ही उसकी खुरदरी जांघों पर टिके, उसके लण्ड का साइज और भी अधिक बढ़ गया. रवीना का चिकना पेट उसके खड़े लण्ड पर टिका हुआ था और उसके चेहरे को उसने अपनी बाएं हाथ में संभाल रखा था -कुछ देर तक गौरव अपनी दाएं हाथ को उसके मस्त मस्त नितम्बों को दबाता सहलाता और थपथपाता रहा और फिर उससे बोला : अब तुम्हारी सजा शुरू होगी. तुम्हारे इन मस्त नितम्बों पर मैं इस छड़ी से 50 स्ट्रोक लगाऊंगा -अगली बार मेरी बात एक बार में नहीं मानी तो 100 स्ट्रोक लगाए जाएंगे
यह कहकर गौरव ने अपनी दाएं हाथ में एक छड़ी पकड़कर उसे रवीना के चिकने और मस्त नितम्बों पर मारना शुरू कर दिया : इन्हे गिनती भी रहो- जिस स्ट्रोक पर गिनती नहीं बोलोगी, उसे काउंट नहीं किया जाएगा
अब गौरव रवीना के लैप डांस का मज़ा ले रहा था-हर स्ट्रोक पर रवीना जोर से चिल्लाते हुए अपनी बदन को उछालकर जम्प मारती और हर बार रवीना का चिकना समतल पेट उसके लण्ड पर आकर जोर से टकराता
40 स्ट्रोक के बाद ही रवीना जोर जोर से कहने लगी : प्लीज़ मुझे और मत मारो..मुझे बहुत दर्द हो रहा है..मैंने पहली बार ही तो आपकी बात नहीं मानी है...पहली बार में इतनी सख्त सजा मत दो..प्लीज़ अब छोड़ दो...आज से आपकी सब बातें मैं पहली बार में ही मानूंगी
गौरव तो रवीना के मुंह से यही सब सुनना चाहता था -अब उसने उसे फिर से अपने सामने खड़ा कर दिया और बोला : चल अब अपने कान पकड़कर 50 उठक बैठक लगाना शुरू कर और मेरी बात को गौर से सुन
रवीना ने अपनी कान पकड़कर उठक बैठक लगानी शुरू कर दीं
गौरव ने अब बोलना शुरू कर दिया : आज के बाद से तू मेरी सेक्स स्लेव है- मैं जब चाहूँ, जैसे चाहूँ और जहां चाहूँ , तुझे पूरी तरह नंगा करके तुझे आगे पीछे, ऊपर नीचे कहीं से भी तेरी चुदाई कर सकता हूँ- अगर मैं कहूँ कि खड़ी हो जा तो तुझे खड़ा होना पडेगा और अगर मैं तुझे कहूँ कि बैठ जा तो तुझे बैठना पडेगा, अगर तुझे मुर्गा बनने के लिए कहूँ तो तुझे मुर्गा बनना पडेगा और अगर तुझे घोड़ी बनने के लिए कहा जाए तो तुझे घोड़ी बनना पडेगा-अगर मैं तुम्हे अपना पेशाब भी पिलाऊँ तो तुम्हे खुशी खुशी पीना पडेगा -बोलो तुम यह सब करने के लिए राजी हो या फिर अभी तुम्हारे पिछवाड़े को और गर्म किया जाए ?
रवीना का पिछवाड़ा अभी तक दर्द कर रहा था, उसने और सजा न मिल जाए, इस डर से फौरन राजी होते हुए कह दिया : मुझे आपकी सारी बातें मंजूर हैं-बस मुझे और सजा मत दीजिये प्लीज़
गौरव अब हँसते हुए बोला : अब बनी न तू मेरी परफेक्ट स्लेव. चल अब जरा घोड़ी बन कर दिखा
रवीना : घोड़ी कैसे बनते हैं-मुझे तो बनना नहीं आता है
गौरव : कोई बात नहीं. मैं सिखा दूंगा
यह कहकर गौरव ने उसे उसके दोनों हाथों और पैरों के बल पर फर्श पर घोड़ी बना दिया और उसके पिछवाड़े को अपनी तरफ करते हुए उसके नितम्बों पर हाथ फिराते हुए बोला : चल अब जरा अपनी टाँगे चौड़ी करके खड़ी हो
रवीना ने घोड़ी बने बने अपनी टाँगे फैला दीं और गौरव ने अपना खड़ा लण्ड उसके पिछवाड़े में घुसेड़कर उसकी चुदाई शुरू कर दी.
कुछ देर तक उसकी पीछे से चुदाई करने के बाद गौरव ने अपना लण्ड बाहर निकाला और रवीना से बोला : अब इधर मेरे सामने आकर अपने घुटनों के बल बैठ जा और मेरे इस लण्ड को अपनी जीभ से साफ़ कर
रवीना गौरव की टांगों के बीच अपनी घुटनों के बल बैठ गयी और गौरव ने अपना गीला लण्ड उसके मुंह में डाल कर उसे आदेश दिया : इसे अपने जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर -जब तक मैं न कहूँ यह लण्ड तेरे मुंह के अंदर रहना चाहिए और तेरी जीभ इसके इर्द गिर्द गोल गोल घूमती रहनी चाहिए
गौरव अब आराम से सोफे पर रिलैक्स होकर बैठ गया और रवीना के मुख मैथुन का मज़ा लेने लगा -उसे इस बात की खुशी थी कि सुहाग रात वाले दिन ही उसने रवीना को अपनी पूरी कंट्रोल में ले लिया था और अब उसके पास अपना लण्ड घुसेड़ने के लिए शिवानी और रवीना दो दो लडकियां मौजूद थीं.
कुछ देर में गौरव ने अपनी लण्ड की पिचकारी रवीना के मुंह में छोड़ते हुए कहा : मेरा सारा जूस पी जा
रवीना उसके लण्ड से निकलने वाले सारे जूस को पी गयी
पूरी तसल्ली से रवीना का मुख मैथुन करने के बाद गौरव ने रवीना से कहा : अब जाकर बिस्तर पर सीधी होकर लेटो-अब तुम्हारी फाइनल चुदाई की जाएगी
रवीना बिस्तर पर जाकर लेट गयी- गौरव भी बिस्तर पर आ गया और उसके बदन पर अपनी बदन को डालते हुए उसकी चूत में अपना लण्ड डालकर उसकी चुदाई करने लगा-रवीना के सीने की मस्त गोलाईयाँ उसके सीने में हलचल मचा रही थीं और वह उसके चेहरे गर्दन और होंठों को बुरी तरह चूमे जा रहा था
कुछ समय बाद गौरव को क्लाइमेक्स आ गया और उसने अपनी लण्ड की पिचकारी से उसकी चूत को भर दिया. अपना लण्ड बाहर निकलने के बाद वह बिस्तर पर सीधा होकर लेट गया और रवीना से बोला : चल उठ और मेरे सने हुए लण्ड को अपनी मुंह में लेकर इसे तब तक साफ़ करती रह, जब तक मुझे नींद ना आ जाए. जब मुझे नींद आ जाये, तब तू भी मेरे पास लेटकर सो जाना -और सुन-हर रोज तुझे यही सब करना है जो आज कर रही है
यह कहकर गौरव बिस्तर पर आराम से लेट गया और उसके लण्ड को रवीना अपनी मुंह में लेकर उसके सोने का इंतज़ार करने लगी
शेष अगले भाग में ...
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mastram
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PART-27
होली का त्यौहार दो दिन बाद ही था और सब जगह होली की तैयारियां जोरो शोर से चल रही थीं.
गाँव में होली कुछ ख़ास ढंग से ही मनाई जाती थी- रवीना की यह पहली होली थी
होली से एक दिन पहले ही जब गौरव गाँव में किसी काम से बाजार गया था तो उसके दोस्तों ने उससे कहा भी था : भाई इस बार तो भाभी के साथ होली खेली जाएगी
गौरव ने अमित,मोहित और रोहित की और देखकर कह दिया : हाँ भाई, इस बार तो रवीना के साथ मेरी पहली होली है
अमित, रोहित और मोहित : कल सुबह हम सब भी अपनी रवीना भाभी के साथ पहली होली खेलने आएंगे
गौरव उन लोगों के चेहरे की शरारती मुस्कान को देखकर ही समझ गया कि उन सबके इरादे नेक नहीं हैं और वे सब जरूर कुछ बदमाशी करने के मूड में हैं
गौरव ने उन सबको टालने के लिए कह दिया : देखो यार आजकल बड़े भैया भी घर पर ही होते हैं-उनका कमरा छत पर मेरे कमरे के पास ही होने की वजह से हम लोग बहुत ज्यादा खुलकर कुछ भी नहीं कर पाते हैं -ऐसा करते हैं-कल तुम सब दोपहर का लंच हमारे साथ करने आ जाओ
अमित,रोहित और मोहित को लंच वगैरा में कोई दिलचस्पी नहीं थी -उन्होंने कहा : यार लंच तो हम कभी भी कर लेंगे -कल तो होली खेलने आएंगे- और तेरे भैया को तो कल सुबह पंचायत सभा में भाग लेने के लिए जाना है-इसका मतलब सुबह आठ बजे से ग्यारह बजे तक तो तुम और रवीना भाभी घर पर अकेले ही होंगे
गौरव को यह याद ही नहीं था कि हर होली को ग्राम पंचायत के होली मिलान समारोह और सभा में भैया को जाना होता था
गौरव ने कुछ हाँ या ना नहीं कहा और बाज़ार से वापस घर आ गया और कल होने वाली होली के बारे से सोचता हुआ रवीना से बोला : कल होली है, कल सुबह मेरे कुछ दोस्त वगैरा भी होली खेलने के लिए घर पर आ सकते हैं
रवीना बिना कुछ बोले गौरव की बात सुनती रही-इतनी देर में शिवानी भी अचानक गौरव के कमरे में आ गयी और रवीना से बोली : आज रात को होलिका दहन के समय की जाने वाली पूजा की तैयारी करनी है-तुम भी नीचे मेरे साथ ही आ जाओ
गौरव : भैया कहाँ हैं भाभी ?
शिवानी : वह होली के लिए सामान लेने बाज़ार गए हैं
शिवानी रवीना को नीचे लेकर चली गयी तो गौरव पुनीत के बारे में सोचने लगा-जब से शिवानी के मौसेरे भाई से पुनीत की बहन की शादी हुई है, पुनीत उससे कुछ दूर दूर ही रहने लगा है-कल भी अमित,रोहित और मोहित के साथ वह मौजूद नहीं था जबकि यह चारों अक्सर एक साथ ही घूमते फिरते रहते थे.
गौरव को फिलहाल इस बात की चिंता हो रही थी कि कल कहीं यह तीनों आकर कुछ ज्यादा बखेड़ा न खड़ा कर दें
यह सोचते सोचते उसने देखा कि शिवानी और रवीना दुबारा से ऊपर आ रही हैं
दोनों जैसे ही उसके पास कमरे में आईं, गौरव ने शिवानी से भी बोल दिया : कल सुबह मेरे दोस्त अमित,रोहित और मोहित यहां होली खेलने आ रहे हैं
शिवानी को मानो करंट लगा. वह जोर से बोली : क्या..... ?? वे सब अव्वल दर्ज़े के बदमाश यहां क्या करने आ रहे हैं ?
गौरव शिवानी की इस बात पर एकदम सकते में आ गया और उसके गालों पर जोरदार थप्पड़ लगाते हुए बोला : लगता है तू अपनी औकात भूल गयी है-मेरे दोस्तों को अव्वल दर्ज़े का बदमाश बता रही है साली , कहते हुए उसने एक थप्पड़ शिवानी के और जड़ दिया
रवीना को काटो तो खून नहीं -वह यह क्या देख रही थी ?
उसकी बड़ी बहन और उसके पति की बड़ी भाभी शिवानी को उसका छोटा देवर गाली गलौज करते हुए थप्पड़ लगा रहा था
रवीना ने गौरव को रोकने की कोशिश करते हुए कहा : यह आप क्या कर रहे हैं-यह आपकी बड़ी भाभी हैं -आपने इन पर हाथ उठा दिया ?
गौरव : तुम चुप रहो और एक तरफ खड़ी रहो-अब मैं इसे इसकी औकात याद दिलाता हूँ
यह कहकर गौरव ने अपनी जींस में से लेदर की बेल्ट खींचकर बाहर निकाली और उसे जोर से शिवानी के बदन पर मारता हुआ बोला : चल रंडी अपने सारे कपडे उतार -तुझे तेरी औकात दिखाता हूँ
शिवानी को यह उम्मीद नहीं थी कि गौरव उसे उसकी छोटी बहन के सामने ही इस तरह ज़लील करना शुरू कर देगा
वह गौरव के हाथ जोड़ते हुए कहने लगी : यह तुम क्या कर रहे हो-कम से कम रवीना का तो ख्याल करो-वह मेरी छोटी बहन है -वह क्या सोचेगी
गौरव (हँसता हुआ) : रवीना को दिखाने के लिए ही यह सब कर रहा हूँ-आखिर मेरी वाइफ को भी तो मालूम पड़े कि तेरी मेरे आगे क्या औकात है-चल जल्दी से नंगी होकर दिखा
शिवानी वैसे तो गौरव के सामने कई बार नंगी हो चुकी थी -लेकिन उसे ज्यादा ज़लालत और शर्म इस बात को लेकर हो रही थी कि उसी छोटी बहन भी वहीं खड़ी थी और उसके सामने उसे नंगा होना पड़ रहा है
गौरव ने एक बेल्ट शिवानी के बदन पर और मारी तो शिवानी ने फटाफट अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए
गौरव जिस तरह से शिवानी से कपडे उतरवा रहा था, उसे देखकर रवीना को बहुत बुरा लग रहा था और शर्म भी आ रही थी लेकिन वह तो खुद ही गौरव से काफी डरी सहमी हुई थी-उसने शर्म और ज़लालत से अपनी ऑंखें बंद करनी चाहीं तो गौरव उससे बोला : अपनी ऑंखें खोलकर अपनी बहन को नंगा होते देख मेरी जान-तेरी बहन का बदन भी काफी मस्त और सेक्सी है
शिवानी अपनी साड़ी उतार चुकी थी और अब वह अपना ब्लाउज़ उतार रही थी-इस बीच गौरव ने रवीना से कहा : दरवाज़े को अंदर से बंद कर दो रवीना
रवीना ने कमरे के दरवाज़े को अंदर से बंद कर दिया
अब तक शिवानी अपने सारे कपडे उतार चुकी थी
गौरव अपने हाथ से अपने जींस में कैद खड़े लण्ड को सहलाता हुआ शिवानी से बोला : चल अब कान पकड़कर 100 उठक बैठक लगा
शिवानी ने कान पकड़कर गिनती बोलते हुए उठक बैठक लगानी शुरू कर दी
गौरव ने अपनी बेल्ट रवीना को पकड़ाते हुए कहा : अगर यह चिकनी बीच में कहीं रुक जाए, गिनती न बोले या तुम्हे लगे कि यह ठीक से उठक बैठक नहीं लगा रही है तो तुम इसके नितम्बों पर एक जोरदार बेल्ट का स्ट्रोक मारकर इसे सजा दोगी -अगर तुमने इसकी हर गलती पर इसके बेल्ट नहीं लगाईं तो मैं उसकी डबल बेल्ट इसे बाद में इकट्ठी मारूंगा -इसलिए इसकी उठक बैठक को ध्यान से देखो और जहां यह गलती करे, बेल्ट का स्ट्रोक इसके मस्त नितम्बों पर लगाओ
रवीना ने डरते हुए बेल्ट गौरव के हाथ से ले ली और अपनी बड़ी बहन को कान पकड़कर उठक बैठक लगाते हुए देखने लगी
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mastram
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PART-28
शिवानी गिनती बोलते हुए कान पकड़कर उठक बैठक लगाने लगी
गौरव शिवानी के सामने सोफे पर बैठा हुआ अपने लण्ड पर हाथ फिर रहा था और साइड में लेदर बेल्ट लिए रवीना खड़ी थी
शिवानी अभी तक बिना रुके एकदम ठीक तरीके से उठक बैठक लगाए जा रही थी -इसलिए रवीना को ऐसा कोई मौका नहीं मिला जिस पर वह अपनी लेदर बेल्ट का इस्तेमाल उसके नितम्बों पर कर पाती
गौरव (शिवानी से) : टाँगे फैलाकर उठक बैठक लगाओ
शिवानी जब तक कुछ समझकर अपनी टाँगे चौड़ी करके दुबारा से उठक बैठक लगाती, तब तक रवीना ने उसके नितम्बों पर दो लेदर बेल्ट के स्ट्रोक जोर से जड़ दिए थे.
गौरव यही चाहता था. वह रवीना से बोला : वैरी गुड, गलती करे तो ऐसे ही इसका पिछवाड़ा गर्म करती रहो
जब पचास उठक बैठक पूरी हो गयीं तो शिवानी हाथ जोड़ते हुए गिड़गिड़ाने लगी : अब मुझसे नहीं होगा-मैं तो पहले ही बहुत थकी हुई हूँ आज. अब बस करो
इस बीच में रवीना ने फिर से दो बेल्ट स्ट्रोक शिवानी के जड़ दिए थे
गौरव ने रवीना को रोकते हुए शिवानी की तरफ देखते हुए कहा : चल अब घोड़ी बन और अपने दोनों हाथों और पैरों पर चलती हुई मेरी तरफ आकर मेरा लण्ड अपने मुंह में लेकर मुझे खुश कर -ऐसा करने पर तुझे बाकी की 50 उठक बैठक लगाने से छूट मिल जाएगी
रवीना के लिए यह सब कुछ बेहद डरावना और चौंकाने वाला था : उसका पति अपनी भाभी से अपना लण्ड चुसवा रहा था और वह उसका लण्ड चूसने की लिए मजबूर भी थी. ऐसा क्यों ? ऐसे कई सवाल रवीना के दिमाग में आने लगे लेकिन उससे पहले ही गौरव की आवाज़ से उसका ध्यान टूट गया. वह रवीना से कह रहा था : देख यह मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेकर चूस रही है-अब तुम मेरी तरफ देखती रहो, जैसे ही मैं इशारा करूँ, वैसे ही तुमने इसके नितम्बों पर अपनी बेल्ट का स्ट्रोक जोर से मारना है -लौंडियों का पिछवाड़ा गर्म होता रहे तो वे लण्ड को अच्छे से चूसती हैं
गौरव ने अपने लण्ड चूसे जाने के दौरान रवीना को इशारा करके दस बार शिवानी के बेल्ट स्ट्रोक लगवाए -हर बेल्ट स्ट्रोक पर शिवानी उछल उछल कर उसके लण्ड को और बढ़िया ढंग से चूसने लगी.
लण्ड चुसवाने के बाद गौरव ने अपने लण्ड को उसकी जीभ से साफ़ भी करवाया और फिर बोला : अब उठ अपने कपडे पहन कर भाग यहां से. भैया आने वाले होंगे. अपनी औकात हमेशा याद रख और मेरे सामने आगे से तमीज से पेश आ , वरना तुझसे बाहर खुली छत पर नंगा मुजरा करवाऊंगा साली.
शिवानी अपने कपडे पहनकर वहां से जा चुकी थी-रवीना एकदम डरी सहमी सी खड़ी अभी तक यह सोच रही थी की यह सब क्या हो रहा था
गौरव डरी हुई रवीना को देखकर मुस्कराते हुए बोला : तू इतनी क्यों डर रही है चिकनी ? तुझे मैं कुछ थोड़े ही कह रहा हूँ . मेरी बात मानती रहेगी और मुझे खुश रखेगी तो तू बहुत मज़े में रहेगी -वरना तेरे साथ भी वही सब कुछ हो सकता है, जो शिवानी के साथ होता हुआ तू देख चुकी है- अब इधर आ जा और मेरी गोद में बैठ जा
रवीना चुपचाप गौरव की गोद में आकर बैठ गयी
गौरव ने अपने हाथों से उसके बदन को सहलाना दबाना शुरू कर दिया और उसके होंठों को चूमते हुए उसके चिकने गालों पर अपने चेहरे को रगड़ने लगा
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Part 29
अगले दिन होली थी। हर तरफ होली का हुड़दंग मचा हुआ था।शिवानी का पति विवेक सुबह सुबह नाश्ता करके होली के अवसर पर आयोजित ग्राम पंचायत की सभा मे भाग लेने के लिए चला गया।
जाने से पहले उसने औपचारिक रूप से रवीना और शिवानी के साथ होली भी खेली।
विवेक हालांकि रवीना को रंग लगाने में संकोच कर रहा था लेकिन जब उसने देखा कि गौरव " होली है होली है " कहकर उसकी पत्नी शिवानी को तबियत से रंग लगा रहा है तो उसने भी रवीना के चेहरे पर ठीक से रंग लगाना शुरू कर दिया। रवीना को यह सब बहुत अजीब लग रहा था क्योंकि उसे पहली बार उसका जेठ उसके चेहरे और गालों पर कसकर रंग लगाने के बहाने इसके गालों पर हाथ फिरा रहा था।
विवेक के जाने के बाद, गौरव ने छत पर स्पीकर लगा कर उस पर भड़काऊ होली के गाने लगे दिए। आसपास की सभी छतों पर भी लोग गाने बजा रहे थे और आपस मे होली खेल रहे थे। उनके दोस्त यार और रिश्तेदार भी छत पर आकर एक दूसरे पर रंग गुलाल लगाकर होली खेल रहे थे।
गौरव, शिवानी और रवीना आसपास की छतों का होली का नज़ारा देख ही रहे थे कि यकायक वहाँ रंगों से लथपथ अमित, रोहित और मोहित आ गए और " होली है होली है" करते हुए गौरव को रंग लगाने लगे। गौरव ने भी उन सबको ठीक से रंग लगाया।
गौरव को रंग लगाने के बाद अमित, रोहित और मोहित एकदम शिवानी की तरफ दौड़ पड़े और उसे पकड़कर उसे रंग लगाने लगे। अमित ने शिवानी को पीछे से पकड़ लिया और उसकी पीठ और गर्दन पर हाथ फिरा फिराकर रंग लगाने लगा। रोहित उसके चेहरे पर रंग लगा रहा था और मोहित रंग लगाने के बहाने उसके मम्मे और चिकने पेट और नाभि प्रदेश पर हाथ फेर रहा था। तीनों ने शिवानी को चारों तरफ से अपनी गिरफ्त में जकड़ा हुआ था और होली खेलने के नाम पर खुली छत पर ही उसके बदन से खिलवाड़ कर रहे थे। शिवानी बेबस थी क्योंकि यह सब गौरव के सामने और उसकी मूक सहमति से ही हो रहा था।
रवीना अभी तक स्तब्ध होकर अपनी बड़ी बहन के साथ होने वाली होली के नाम पर इस जबरदस्ती और बदतमीजी को देखे जा रही थी।
अचानक रवीना ने जो देखा उसे देखकर उसके होश ही उड़ गए। गौरव ने आगे बढ़कर शिवानी की साड़ी उतार दी और बोला : अब खेलो होली इसके साथ, अब आएगा मज़ा।
इस बीच अमित ने रंग से भरी एक बाल्टी शिवानी के ऊपर डाल दिया और अब उसकी ब्लॉउज़ और पेटीकोट भीगकर उसके बदन से चिपक सा गया था। शर्माकर वह कमरे में भगाना चाहती थी लेकिन मोहित ने उसे पकड़कर अपनी बाहों में दबोच लिया और बोला : भागती कहाँ है साली, अभी तो होली शुरू हुई है। मोहित का लण्ड शिवानी के नितंबों की गर्मी महसूस कर रहा था क्योंकि उसने पीछे से शिवानी को अपनी बाहों में कैद किया हुआ था। अमित रोहित और गौरव हंसते हुए होली खेलने के बहाने उससे जी भरकर छेड़खानी और बदमाशी कर रहे थे।
रवीना यह सब देखने के लिए विवश थी। उसे कुछ समझ नही आ रहा था कि वह अब क्या करे।
शिवानी पेटीकोट और ब्लॉउज़ में भीगी खड़ी उन सबकी बदमाशी और छेड़खानी को झेले जा रही थी। चारों अब एक घेरा बनाकर कुर्सियों पर बैठ गए और शिवानी को बीच मे खड़ा करके उससे बोले : चल अब अपने दोनों हाथ उठाकर इस गाने पर सेक्सी डांस करके दिखा। उस समय "टिप टिप बरसा पानी" गाना चल रहा था।
शिवानी ने घबराकर चारों तरफ देखा और बोली : सब देख रहे हैं। हाथ ऊपर मत उठवाओ प्लीज़
गौरव : हाथ ऊपर उठाकर सेक्सी डांस कर साली। नहीं तो तेरी ब्लाउज़ और पेटीकोट उतरवाकर डांस करवाऊंगा। नाच फटाफट
शिवानी अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर गाने की धुन पर थिरकने लगी
गौरव ने अब रवीना की तरफ देखा : इधर आकर मेरी गोद मे बैठ
रवीना अब गौरव की गोद मे आकर बैठ गयी। गौरव उसके बदन के साथ भी छेड़खानी और खिलवाड़ करने लगा।
अमित रोहित और मोहित अब शिवानी के डांस का मज़ा भी ले रहे थे और गौरव जिस तरह से रवीना को मसल रहा था, उसका भी देख देख कर मज़ा ले रहे थे
शेष अगले भाग में
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