Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

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mastram
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Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

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हिना गौरव के खड़े लण्ड को अपने मुँह में लेकर उस पर अपनी जीभ फिराए जा रही थी। गौरव पूरी मस्ती में था। वह बीच बीच मे हिना के गालों पर हल्के हल्के चपत भी मार रहा था और बोल रहा था : ठीक से चूस साली। क्या आज से पहले किसी मर्द का लण्ड अपने मुंह मे नही लिया है तूने ?
हिना तो पहली बार ही किसी का लंड चूस रही थी, यह बात गौरव को मालूम थी फिर भी वह उसे ज़लील करने के मूड में था। उसने अब शिवानी की तरफ देखकर कहा : जाओ शिवानी मेरे कमरे से चमड़े का हंटर लेकर आओ
शिवानी झट से उठी और हंटर लेकर गौरव के सामने हाज़िर हो गई।
गौरव : इस चिकनी के पिछवाड़े को इस हंटर से गर्म करना शुरू करो। यह थोड़ा उछलेगी तो ठीक से लंड चूसेगी
शिवानी समझ गई कि गौरव क्या चाहता है।
उसने जोर जोर से हंटर हिना के सुडौल नितंबों पर मारने शुरू कर दिये और जैसी की उम्मीद थी, हंटर लगते ही हिना का पूरा दूधिया बदन उछलने लगा और उसके मस्त मस्त मम्मे भी हिल हिल कर गौरव की टांगों से टकराने लगे। अब गौरव को बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर में उसने अपने लण्ड की पिचकारी हिना के मुंह मे छोड़ते हुए उससे कहा : मेरे सारे जूस को पी जा। एक बूंद भी तेरे मुंह से बाहर नहीं गिरनी चाहिए
हिना तो पहले ही बहुत डरी हुई थी। वह सारा वीर्य चुपचाप पी गई।
गौरव ने अपने लण्ड को उसके मुंह मे से बाहर निकाला और बोला : अब इसे चाट चाट कर साफ कर
हिना गिड़गिड़ाते हुए बोली : प्लीज़ मुझे हंटर मारना बंद करो। मैं तो आपकी सब बातें मान रही हूँ। फिर मुझे हंटर क्यों मारे जा रहे हैं। मुझे बहुत दर्द हो रहा है। अब मत मारो प्लीज़
शिवानी ने हंटर मारने बंद कर दिए तो गौरव उससे बोला : रुको मत। इसे हंटर मारती रहो। इसकी ट्रेनिंग के लिए यह सब बहुत जरूरी है। इस साली ने अपने पति को बहुत परेशान करके रखा है। वह बता रहा था कि पिछले 6 महीने में इन दोनों ने सिर्फ 10 बार ही सेक्स किया है। यह रंडी अपने पति को अपने खूबसूरत बदन को हाथ ही नही लगाने देती है। मेरा लण्ड तो यह अपने मुंह मे लेकर कुतिया की तरह चूस रही है लेकिन उसके लण्ड को आज तक इसने अपने हाथ मे भी नही लिया है। क्यों साली मैं ठीक कह रहा हूँ ना ?
हिना अब तक गौरव का लण्ड चाट चाट कर साफ कर चुकी थी। उसने अपने लण्ड को वापस जीन्स में डालकर ज़िप बन्द करते हुए फिर से हिना की तरफ देखकर पूछा : बोल साली, जो मैं कह रहा हूँ वही बात है या फिर कुछ और है ?
हिना : जी आप ठीक कह रहे हैं

रात के साढ़े 11 बज चुके थे। अब सब छतों पर से ज्यादातर लोग जा चुके थे। गौरव ने चारों तरफ एक बार नज़र डाली और हिना से बोला : चल अब घोड़ी बन कर दिखा
शिवानी गौरव का इशारा समझ चुकी थी। उसने हिना को घोड़ी बनने में मदद करते हुए उसके पिछवाड़े को गौरव की तरफ कर दिया और इसके चेहरे को अपनी तरफ करवा लिया। हिना इस समय अपने चारों हाथ पैरों के बल जमीन पर घोड़ी बनकर खड़ी हुई थी।
शिवानी ने अपने गाउन की ज़िप भी खोल ली थी ताकि इस मौके का भरपूर फायदा उसे मिल सके।
हिना को जिस तरह से गौरव पेल रहा था, उसे देखकर शिवानी की अपनी चूत एकदम गीली हो गई थी। गाउन के अंदर शिवानी ने भी पैंटी नही पहनी थी।
शिवानी के हाथ से हंटर अब गौरव ने अपने हाथ मे ले लिया और एक जोर का हंटर हिना के नितंबों पर मारता हुआ उससे बोला : टाँगे खोलकर दिखा। अब तेरी गाँड़ मारी जायेगी।
हिना ने जैसे ही अपनी टाँगे खोली, गौरव ने अपना खड़ा लण्ड उसके दोनों नितंबों के बीच मे घुसा दिया और शिवानी की तरफ देखकर बोला : इस रंडी से तू भी मज़े ले ले अब
शिवानी ने पहले ही हिना के चेहरे को कुर्सी पर अपने दोनों हाथों से पकड़कर अपनी दोनों टाँगों के बीच मे फंसा रखा था और उससे कहती जा रही थी : चल हरामजादी अपने चेहरे को मेरी चूत पर रगड़ रगड़ कर मुझे भी खुश कर। बीच बीच मे शिवानी हिना के गालों पर यह कहते हुए चपत भी मार रही थी : ठीक से चाट इसे-अपनी जीभ निकाल कर मेरी चूत में डालकर उसकी ठीक से मालिश कर
उधर गौरव हिना के पिछवाड़े को हंटर मार मार कर उसकी गाँड़ मारने में लगा हुआ था
लगभग 20 मिनट तक दोनों ने आगे पीछे से हिना को पेलकर मज़े लिए और फिर वहां से उठते हुए गौरव बोला : अब यह चिकनी लौंडिया ऐसे ही घोड़ी बनी बनी मेरे कमरे में जाएगी। शिवानी तुम जरा इसकी पीठ पर मेरे जूते और मोजे रख दो। अगर इसकी पीठ से मेरे जूते या मोजे नीचे गिरे तो इसके इन मस्त चूतड़ों पर 100 बेंत और लगाए जाएंगे।
शिवानी ने गौरव के दोनों जूते मोजे हिना की पीठ पर रख दिये
गौरव ने हंसते हुए उसके नितंबों पर एक हंटर मारा और बोला : चल मेरी घोड़ी मेरे कमरे में चल
हिना का सारा ध्यान इस बात पर था कि उसकी पीठ पर से गौरव के जूते मोजे न गिर जाएं। इस चक्कर मे वह अपनी इस हालत से पूरी तरह बेख़बर थी कि वह इस समय पूरी तरह निर्वस्त्र होकर खुली छत में अपने चारों हाथ पैरों के बल एक जानवर की तरह गौरव के कमरे की तरफ जा रही थी
काफी मशक्कत करने के बाद वह बिना जूते मोजे गिराए गौरव के कमरे में आ गई।
गौरव ने अब शिवानी को उसके कमरे में यह कहते हुए भेज दिया : अब इस लौंडिया को मैं खुद ट्रेनिंग दूँगा
गौरव हिना के पीछे पीछे अपने कमरे में घुसा और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद करता हुआ उससे बोला : अब मैं कुछ देर सोफे पर बैठकर आराम करूंगा। तू इसी तरह घोड़ी बनी मेरे सामने खड़ी रह।
गौरव ने अपने जूते मोजे उसकी पीठ से अब हटा लिए थे
शेष अगले भाग में
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mastram
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Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

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गौरव सोफे पर बैठा बैठा कुछ देर तक हिना के मस्त सुडौल नितम्बों पर अपने हाथ फेर फेर कर उन्हें थपथपाता रहा
हिना अपने दोनों हाथों और दोनों पैरों के बल घोड़ी बने बने काफी थक चुकी थी और बार बार यह कह रही थी : सर मैं बहुत थक गयी हूँ...मुझे अब और घोड़ी मत बनाओ...मैं वह सब करूंगी जो आप मुझे हुक्म दोगे लेकिन प्लीज़ अब और नहीं...
गौरव को मालूम था कि लड़कियों को अपने कंट्रोल में करने के लिए उन्हें इस तरह से प्रताड़ित करना बहुत जरूरी है, इसलिए वह बार बार उसे हड़काते हुए यही कह रहा था : जब तक मैं तुम्हे उठने की परमिशन नहीं दूँ, तब तक तुम्हे इसी तरह घोड़ी बने रहना है
गौरव ने अब सोफे से खड़े होते हुए अपने सारे कपडे उतार फेंके और बिल्कुल नंगा हो गया -सारे कपडे उतारने के बाद गौरव बिस्तर पर जाकर सीधा होकर लेट गया और लेटे लेटे ही हिना से बोला : आ जा अब उठकर बिस्तर पर आ जा और मेरी सेवा कर
हिना एकदम उठकर खड़ी हो गयी और बिस्तर पर पहुँच गयी जहां उसने पहली बार गौरव को पूरी तरह निर्वस्त्र अवस्था में देखा
गौरव : चलो अब तुम अपनी जीभ और होंठों का इस्तेमाल करते हुए मेरे लण्ड के ऊपरी हिस्से को, अंडकोषों को और उसके आसपास की जगह की चूमा चाटी शुरू करो
हिना अब गौरव की टांगों के बीच अपने चेहरे को उस जगह ले गयी जहां गौरव का लण्ड एकदम तनकर खड़ा हुआ था -अपनी जीभ से उसने उसके लण्ड पर फिराना शुरू कर दिया.
गौरव बोला : सब जगह जीभ फिराओ -आसपास के सारा हिस्सा अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ करो
गौरव के लण्ड के नीचे के अंडकोषों पर भी हिना ने अपनी जीभ फिरानी शुरू कर दी लेकिन उसके मुंह का टेस्ट एकदम ख़राब सा हो गया क्योंकि वहां गौरव के बालों में से बहुत ज्यादा अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी -उसने अपने चेहरे को वहां से हटते हुए गौरव से कहा : सर यहां तो बहुत ज्यादा दुर्गन्ध आ रही है -पहले आप वाशरूम जाकर इसे पानी से धो लें फिर मैं यहां भी चूमा चाटी कर दूंगी
गौरव ने अपने पास रखा हाउ हंटर उठाकर उसे जोर से हिना के बदन पर मारते हुए कहा : यह सब नखरे और बहाने अब नहीं चलेंगे -सब कुछ तुझे अपने होंठों और जीभ से ही साफ़ करना है -जब तक यहाँ से दुर्गन्ध आनी एकदम ख़त्म न हो जाए, तब तक तुझे इसी तरह चूमते चाटते रहना है -चल शुरू हो जा
हिना का अब पूरा चेहरा उसकी जांघों के बीच में बार बार रगड़ खा रहा था -गौरव को तो कोई रोकने वाला नहीं था और वह एकदम निरंकुश होकर उससे कह रहा था : मेरी जाँघों के अंदरूनी हिस्से पर भी अपनी जीभ फिरा फिराकर वहां साफ़ करो - उसकी जाँघों के अंदरूनी भाग को चाटने के लिए हिना को और अधिक अपने चेहरे को झुकना पड़ा जिसकी वजह से उसके मस्त मस्त मम्मे अब उसके लण्ड से टकराकर उसके लण्ड के साइज को और अधिक बढ़ा रहे थे
गौरव अब हिना से पूछने लगा : तुमने कभी परवेज़ की भी इस तरह से सेवा की है ?
हिना : नहीं सर
गौरव : फिर मेरी क्यों कर रही हो ?
हिना : सर आपसे मुझे बहुत डर लग रहा है- आप बात बात में बहुत सख्त सजा दे रहे हो
गौरव (मुस्कुराते हुए) : मतलब जब तक तुम्हे डराया नहीं जाएगा तुम अपने बदन पर किसी को हाथ भी नहीं लगाने दोगी चाहे वह शख्स तुम्हारा पति ही क्यों न हो
हिना : जी सर , डर के मारे तो सब कुछ करना पड़ता है
गौरव : तो तुम यह चाहती हो कि परवेज़ भी तुम्हारे साथ वही सब कुछ करे जो मैं कर रहा हूँ ?
हिना कुछ नही बोली तो गौरव ने फिर से एक जोर का हंटर उसके बदन पर लगाया और बोला : जब तक मैं तुमसे सवाल कर रहा हूँ, जबाब देती रहो वरना तुम्हारे इस खूबसूरत बदन पर हंटर लगते रहेंगे
हिना : जी सर आप ठीक कह रहे हैं
गौरव : साफ़ साफ़ बोल -गोलमोल बात मत कर
हिना : परवेज भी मेरे साथ अगर वही सब करेंगे जो आप कर रहे हैं तो मुझे मजबूरन उनकी भी हरबात और हर हुक्म मानना पड़ेगा
गौरव : वैरी गुड़- अब ऐसा कर यहां बिस्तर पर अपनी टाँगे फैलाकर सीधी होकर लेट जा -अब तेरी चुदाई शुरू की जाएगी
हिना बिस्तर पर गौरव की बगल में ही लेट गयी और अपने टांगों को थोड़ा सा फैला लिया
गौरव ने अब अपने बदन को हिना के बदन के नीचे दबाते हुए अपने लण्ड को उसकी गीली हो रही चूत के अंदर दाल दिया और उसकी जमकर चुदाई करने लगा. उसके सीने के नीचे हिना के मखमली मम्मे दबे हुए थे और वह अपने चेहरे को हिना के गोरे चेहरे पर रगड़ते हुए उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर चूस रहा था
काफी देर तक हिना की मस्त जवानी को रौंदने के बाद गौरव अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गया और अपने लण्ड की पिचकारी उसकी चूत के अंदर छोड़ दी. हिना के मुंह से भी एक हर्ष मिश्रित आवाज़ निकल गयी जिसका मतलब था कि वह भी अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गयी थी.
इसके बाद गौरव ने अपने लण्ड को बाहर निकाला और उसे लेकर वह हिना के मस्त मस्त मम्मों पर बैठ गया और उसके होंठों पर अपने वीर्य से साणे लण्ड को रखते हुए बोला : चल इसे अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर
हिना अपनी जीभ को उसके लण्ड के चारों तरफ गोल गोल घुमाकर उसे साफ़ करने लगी -जब लण्ड पूरी तरह साफ़ हो गया तो गौरव की हिम्मत और बढ़ गयी. उसने आगे बढ़कर अपने नितम्बों को हिना के चेहरे के ऊपर ले जाकर उसके मुंह पर टिका दिया और उससे बोला : अब मेरे नितम्बों की चूमा चाटी शुरू करो
हिना को इस की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी. वह कहने लगी : नहीं सर, यह तो बहुत गन्दा काम है-मुझसे नहीं होगा -इस जगह पर मैं चूमा चाटी कैसे कर सकती हूँ -प्लीज़ सर मुझे इतना ज़लील मत कीजिये
गौरव : अगर किसी और सख्त सजा से बचना चाहती है तो मेरी हर बात को एक बार में ही मानने की आदत दाल ले रंडी वरना तुझे बहुत पछताना पड़ेगा-चल अब शुरू हो जा और चूमा चाटी शुरू कर दे
बेबसी की मारी हिना ने अपने होंठों और जीभ का इस्तेमाल करते हुए वही सब कुछ किया जो गौरव चाहता था
अपनी पूरी तसल्ली करवाने के बाद गौरव बिस्तर पर लेट गया और हिना से बोला : मेरे पूरी बदन पर अपने हाथ फिरा फिराकर तब तक मालिश करती रह, जब तक मुझे नींद न आ जाए. जब मुझे नींद आ जाए, तब तू भी यहीं मेरे पास सो जाना
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mastram
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हिना को ट्रेनिंग देने के बहाने उसका यौन शोषण करते करते 3 दिन कब निकल गए किसी को पता भी नहीं चला -इस दौरान अलग अलग तरह से शिवानी और गौरव ने हिना को बुरी तरह पेला और उसे एकदम पालतू जानवर की तरह बना दिया था और वह उन दोनों की हर बात को एक बार में ही मानने लगी थी
चौथे दिन सुबह 11 बजे जब परवेज़ हिना को वापस लेने गौरव के पास आया तो हिना उस समय शिवानी के कमरे में उसकी सेवा कर रही थी.
गौरव परवेज को अपने कमरे में ले आया और उससे बोला : मैंने अपने वादे के मुताबिक तेरी वाइफ को एकदम बढ़िया ट्रेनिंग दे दी है. लेकिन पांच मिनट की ट्रेनिंग तुझे भी देनी जरूरी है-जिसके बिना पिछले तीन दिनों से हिना को दी गयी ट्रेनिंग का मज़ा और फायदा तुझे पूरी तरह नहीं मिल पायेगा
परवेज़ : भाई ,यह तो बहुत बढ़िया बात है- तू मुझे पांच मिनट क्या पचास मिनट की ट्रेनिंग दे दे तो वह भी चलेगा
गौरव : देख अब जो कुछ भी मैं तुझसे कहने जा रहा हूँ-उसे बहुत ध्यान से सुन क्योंकि जो मैं कहने जा रहा हूँ, उसी में इस ट्रेनिंग की सफलता का सीक्रेट छिपा हुआ है
परवेज़ ध्यान से गौरव की बात सुनने लगा
गौरव ने बोलना शुरू किया : हर औरत शादी से पहले या बाद में यही चाहती है कि उसका मर्द चाहे वह बॉय फ्रेंड हो या फिर पति हो, उसे अपने पूरे कंट्रल और रौब दाब में रखे -इसका मतलब यही है कि अपनी गर्ल फ्रेंड या पत्नी को कुछ भी कहते समय मर्द की आवाज़ में काफी रौब और आवाज़ कड़क होनी चाहिए. उसे मर्द की आवाज़ सुनकर अपनी टांगों के बीच अगर गीलापन महसूस नहीं हो रहा है तो समझो कि तुम्हारी बात में अभी वह रौबीला पन नहीं आया है -कुल मिलाकर तुम्हारी औरत तुम्हारे इशारे पर नाचनी चाहियें-यह सुनिश्चित करना मर्द का काम है कि उसकी वाइफ या उसकी गर्ल फ्रेंड उसकी हर बात माने और एक बार में ही माने -ऐसा नहीं होता है तो सारी गलती मर्द की ही होती है-औरत की नहीं-औरत तो पैदा ही मर्द के इशारों पर नाचने के लिए हुई है-अगर मर्द उसे अपने इशारे पर नहीं नचवा पा रहा है, तो यह उसकी गलती है, औरत की नहीं
गौरव अपनी बात ख़त्म करके रुक गया और बोला : चल अब शिवानी के कमरे में चलते हैं-वहां हिना भी बैठी हुई है-हम लोग चाय नाश्ता भी साथ साथ कर लेंगे और तुझे मैं तेरे सामने यह दिखा भी दूंगा कि हिना की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है -अगर फिर भी कभी तुझे मेरी जरूरत पड़े, तो मैं तो हमेशा ही तेरे लिए हाज़िर हूँ.
दोनों उठकर अब शिवानी के कमरे में आ गए. वहां टेबल पर चाय नाश्ता पहले से ही रखा हुआ था. सब लोगों ने फटाफट चाय नाश्ता कर लिया.
गौरव और परवेज़ टी शर्ट और जींस पहने हुए सोफे पर पास पास बैठे हुए थे.
उनके सामने वाली साइड पर दो कुर्सियों पर हिना और शिवानी बैठी हुई थीं
शिवानी ने साड़ी पहनी हुई थी और हिना जो कपडे यहां पहनकर आयी थी, वही पहनकर बैठी हुई थी- उसने स्लीवलेस टॉप और पूरी टांगों को ढकने वाली लम्बी सी स्कर्ट पहनी हुई थी
कुछ देर तक कमरे में खामोशी छाई रही और सब एक दूसरे की तरफ देखकर आगे होने वाली घटनाओं के प्रति आशंकित से लग रहे थे. हिना और शिवानी कुछ ज्यादा ही बेचैन थी -शिवानी इसलिए बेचैन थी कि अब हिना के जाने के बाद गौरव का सारा फोकस उस पर ही आने वाला था और अब तक जिस तरह से हिना को पेला जा रहा था, वही सब कुछ उसके साथ शुरू होने वाला था
हिना इसलिए बेचैन थी कि उसे यह नहीं मालूम था कि अब परवेज़ के साथ घर वापस जाने से पहले और बाद में उसके साथ क्या-कुछ होने वाला है
अचानक ही गौरव ने हिना की तरफ देखकर कड़क आवाज़ में उसे उंगली के इशारे से अपनी तरफ बुलाते हुए कहा : इधर मेरे नज़दीक आकर आकर खड़ी हो जाओ
हिना बिना किसी देरी के एकदम अपनी कुर्सी से उठकर खड़ी हो गयी और धीरे धीरे चलते हुए गौरव के नज़दीक आकर खड़ी हो गयी
गौरव : अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ
हिना ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए
गौरव : नीचे फर्श पर बैठ जाओ
हिना हाथ ऊपर किये किये ही नीचे जमीन पर बैठ गयी
गौरव : फिर खड़ी हो जाओ
हिना फिर से खड़ी हो गयी
गौरव : अब थोड़ी अपनी टांगें खोलो
हिना ने अपनी टांगों को थोड़ा और खोल दिया
गौरव : अब अपने कान पकड़ो और गिनती बोलते हुए दस बार उठक बैठक लगाकर दिखाओं
हिना ने कान पकड़ लिए और गिनती बोल बोल कर उठक बैठक लगाने लगी
गौरव ने परवेज़ की तरफ देखा. वह एकदम सकते में आ गया था और उसकी जींस के अंदर बहुत बड़ा टेंट अब तक बन चुका था जिसे वह अपने हाथ से एडजस्ट करने की असफल कोशिश कर रहा था
जब हिना उठक बैठक लगा चुकी तो गौरव उससे बोला : नीचे बैठो और परवेज़ के जूते उतारो
हिना नीचे परवेज़ के पैरों के पास बैठ गयी और उसके जूतों के फीते खोलने लगी
परवेज़ को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था कि यह सब सपना था या फिर हकीकत में हो रहा था
हिना जब परवेज़ के दोनों जूते उतार चुकी तो गौरव उससे बोला : अब मोज़े भी उतारो
हिना ने मोज़े भी उतार दिए
गौरव : अब इन पैरों को अपने हाथों में एक एक करके उठाओ और इनकी चूमा चाटी करो
गौरव का अपना लण्ड भी जींस के अंदर कड़क होकर खड़ा हो चुका था लेकिन वह उसे एडजस्ट करने की बजाये उस पर अपना हाथ फिराए जा रहा था
परवेज़ को तो इतना मज़ा अपनी पूरी जिंदगी में नहीं आया था जितना उसे आज पांच मिनटों केअंदर मिल चुका था
जब काफी देर तक हिना परवेज़ के दोनों पैरों को आगे पीछे से चूम-चाट चुकी तो गौरव उससे बोला : चलो अब खड़ी अपने हाथ ऊपर करके परवेज़ के सामने खड़ी रहो
कुछ देर तक हिना इसी तरह अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर परवेज़ के सामने खड़ी रही-कुछ देर बाद परवेज बोला : ठीक है गौरव भाई. तुम्हारा बहुत बहुत शुक्रिया. अब हम लोग अभी चलते हैं -फिर जब अगली बार आएंगे तो फिर से मुलाकात होगी. हम लोगों को 4 बजे शहर निकलना है और अभी घर जाकर पैकिंग भी करनी है
सब लोग नीचे की तरफ चलने लगे लेकिन परवेज़ यह देखकर हैरान था कि हिना अभी भी अपने हाथ ऊपर उठाकर चल रही थी. उसने गौरव के कान में पूछा : यार यह अपने हाथ नीचे क्यों नहीं कर रही है , नीचे अंकल आंटी देखेंगे तो क्या कहेंगे ?
गौरव : जब तक तुम या मैं इसे हाथ नीचे करने के लिए नहीं कहेंगे, यह अपने हाथ नीचे नहीं करेगी-यही तो मेरी ट्रेनिंग का जलवा है भाई !
अब परवेज़ ने कहा : अपने हाथ नीचे करो हिना
हिना ने तुरंत अपने हाथ नीचे कर लिए
परवेज़ ने "टेस्ट" करने के लिए फिर से बोला : फिर से अपने हाथ ऊपर उठाओ
परवेज़ ने देखा कि उसने फिर से अपने हाथ ऊपर उठा लिए थे -अब तो उसका लण्ड उसकी जींस ने एकदम बेकाबू हो गया था
परवेज़ फिर से बोला : ठीक है, अपने हाथ नीचे कर लो
हिना ने अपने हाथ फिर से नीचे कर लिए
हिना को पूरी तरह से अपने कंट्रोल में देखकर परवेज़ ने एक बार फिर से अपने खड़े हो रहे लण्ड को ठीक से एडजस्ट किया और फिर वह गौरव को शुक्रिया कहता हुआ हिना को लेकर वहां से रवाना हो गया
गौरव और शिवानी उन दोनों को वहां से जाते हुए देखने लगे
गौरव और शिवानी अब घर में वापस आकर अपने अपने कमरे में चले गए
शेष अगले भाग में ......
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