वासना के सौदागर

Post Reply
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: वासना के सौदागर

Post by mastram »

Part 31
सोनाली ज़फर के लण्ड को मुंह मे लेकर उसे चूसने लगी। उसके मम्मे काज़ी की बायीं जाँघ पर दबे हुए थे और उसकी चिकनी चूत काज़ी की दायीं जांघ की मालिश कर रही थी।
काज़ी जब उसके नितंबों पर बेंत के स्ट्रोक लगा रहा था तो हर स्ट्रोक के साथ सोनाली चिल्लाते हुए उछल रही थी। उसके उछलने से काज़ी और ज़फर दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था।
असलम एक तरफ बैठा यह सारा सेक्सी गेम देख रहा था।
अचानक असलम काज़ी से बोला : काज़ी साहब लाइये यह बेंत मारने का काम आपके लिए मैं कर देता हूँ। आप अपने दोनों हाथों से इस चिकनी हसीना के बदन का भरपूर मज़ा लीजिये।
काज़ी को असलम की बात ठीक लगी और उसने बेंत असलम के हाथ मे पकड़ा दिया।
असलम एक स्टूल पर बैठकर गिनती करते हुए सोनाली के मस्त नितंबों पर बेंत मारने लगा। काज़ी अब अपने दोनों हाथों से सोनाली के निर्वस्त्र चिकने बदन को दबाने सहलाने में लग गया। उसके खड़े लण्ड पर सोनाली का चिकना पेट उछल उछल कर उसे अकल्पनीय आनंद की अनुभूति करा रहा था। काज़ी को लग रहा था कि थोड़ी देर सोनाली का बदन ऐसे ही उछलता रहा तो उसके लण्ड की पिचकारी ऐसे ही छूट जाएगी।
इधर सोनाली ज़फर का लण्ड चूस चुकी थी और उस पर अपनी जीभ फेरते हुए उसे साफ कर रही थी। अब तक असलम 25 बेंत सोनाली को मार चुका था।
सोनाली : अब प्लीज़ रहने दो, और बेंत मत मारो। बहुत दर्द हो रहा है। आप की हर बात तो मैं मानती जा रही हूं। अब मेरी सज़ा माफ कर दो प्लीज़
काज़ी का अपना लण्ड भी अब तक बेकाबू हो चुका था। उसने असलम को रोकते हुए कहा : चलो अब रहने दो। इसकी बाकी की सज़ा मैं माफ करता हूँ। उसके बदले में यह अब मेरा लण्ड अपने मुंह मे लेकर मुझे खुश करेगी।
सोनाली अब जमीन पर काज़ी की दोनों टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गयी।
काज़ी ने अपना अंडरवियर नीचे खिसका दिया और उसका काला, मोटा और लंबा सा लण्ड सोनाली के गालों से टकराने लगा
काज़ी ने अपने लण्ड को कुछ देर तक उसके चेहरे और गालों पर रगड़ा और फिर उसके होंठों पर रगड़ते हुए कड़क आवाज़ में बोला : चल अब मुंह खोल और इसे अंदर लेकर मुझे खुश कर
सोनाली बेबस थी । उसने वही किया जो काज़ी चाहता था। लण्ड चुसवाने के बाद उसने उसकी जीभ से सहला सहला कर साफ भी करवाया
काज़ी,ज़फर और असलम सोनाली को देखते हुए हंसते हुए कहने लगे : एकदम मस्त लौंडिया है। लण्ड चूसने में एकदम एक्सपर्ट है साली।
जब सोनाली काज़ी को पूरी तरह से खुश कर चुकी तो वह बोला : अब इसकी पाकीज़गी की रस्म अदा की जाएगी। उसके लिए हम सबको अपने सारे कपड़े उतारकर वाशरूम में चलना होगा।
सोनाली इससे पहले कि कुछ समझ पाती, काज़ी,ज़फर और असलम अपने सारे कपड़े उतारकर एकदम नंगे हो गए और सोनाली से कडककर बोले : चल खड़ी हो जा और हमारे साथ वाशरूम में चलकर अपने बदन पर पाकीज़गी की रस्म को पूरा करवा।
शेष अगले भाग में
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: वासना के सौदागर

Post by mastram »

Part 32
वाशरूम में घुसकर असलम,ज़फर और काज़ी ने सोनाली की तरफ देखते हुए कहा : अब तेरे साथ पाकीज़गी की रस्म पूरी की जाएगी। हमारी हर बात को मानते हुए तुझे यह रस्म पूरी करनी होगी। अगर यह रस्म पूरी नही हुई तो न तो तू मुसलमान बन सकेगी और न ही तेरा निकाह हो पायेगा।
सोनाली को कुछ समझ नही आ रहा था कि यह अब कौन सी रस्म की बात हो रही है। वह बोली : ठीक है मैं इस रस्म के लिए तैयार हूं।
काज़ी : चल नीचे घुटनों के बल बैठ जा
सोनाली घुटनों के बल वाशरूम के फर्श पर बैठ गई।
काज़ी : असलम और ज़फर तुम दोनों इस लौंडिया के दाएं बाएं खड़े होकर इसके दोनों हाथों को पवित्र करो
असलम सोनाली के बायीं तरफ और ज़फर दायीं तरफ खड़ा हो गया।
काज़ी सोनाली से बोला : अपने दोनों हाथों से इन दोनों के खड़े हो रहे केलों को अपने हाथों से सहलाना शुरू कर दे। तेरे इन हाथों ने जो पाप किये हैं वे सब खत्म हो जाएंगे।
सोनाली उठकर खड़ी हो गई और विरोध करती हुई बोली : बहुत हुआ, अब इस बदमाशी को बंद करो। मैं अब तुम लोगों की कोई बात नही मानने वाली हूँ। तुम्हारा जो जी आये वह करो।
काज़ी, ज़फर और असलम यह सब सुनने के लिए बिल्कुल तैयार नही थे।
असलम ने सोनाली के गालों पर तड़ातड़ 2 थप्पड़ लगाते हुए कहा : साली हम लोगों ने तेरी सारी वीडियो बनाई हुई है। बोल तेरी वीडियो को अभी सारे ग्रुप्स में भेजकर वायरल करवा दूँ या फिर...
सोनाली गिड़गिड़ाते हुए फिर से ज़मीन पर बैठ गयी और असलम के पैर पकड़कर कहने लगी : नही नही यह मत करो प्लीज़
ज़फर : अब अगर तूने एक बार भी हमारा कोई भी हुक्म नही माना तो तेरी सारी वीडियो तुझसे बिना पूछे वायरल कर दी जाएंगी। समझी कि नही ?
सोनाली : जी समझ गयी। अब गलती नही होगी। अब आपकी हर बात मानूँगी
काज़ी : चल अब अपना मुंह खोलकर बैठ जा। सबसे पहले मैं खुद तेरे इस नापाक मुंह को पवित्र करके इसकी पाकीज़गी को अंजाम दूँगा
सोनाली मुंह खोलकर फर्श पर घुटनों के बल बैठ गई
काज़ी : थोड़ा और बड़ा करके मुंह खोल और जब तक मेरा हुक्म न हो, तेरा मुंह बंद नही होना चाहिए।
सोनाली ने अपने मुंह को बड़ा करके खोल लिया
काज़ी ने अब अपने लण्ड को हाथ मे पकड़ते हुए उसमे से अपने पेशाब की पिचकारी सोनाली के खुले मुंह की तरफ छोड़ दी और उससे बोला : सारा पेशाब पीकर अपने मुंह की पाकीज़गी कर
काज़ी की पेशाब से सोनाली का पूरा चेहरा भी भीग गया था
सोनाली का मुंह अभी भी खुला हुआ था
शेष अगले भाग में
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: वासना के सौदागर

Post by mastram »

Part 33
काज़ी अब सोनाली के आगे उल्टा होकर खड़ा हो गया और उससे बोला : चल अब अपने होंठों से मेरे नितंबों को चूमना शुरू कर
यह कहने के साथ काज़ी ने अपने नितंबों को सोनाली के चेहरे से सटा दिया
ज़फर : जल्दी शुरू हो जा और काज़ी साहब को खुश करना शुरू कर। उसके बाद तुझे हैम लोगों से भी अपनी पाकीज़गी करानी है। हमारे पास टाइम कम है इसलिए फटाफट शुरू हो जा
सोनाली अपने होंठों को काज़ी के नितंबों पर रगड़ रगड़ कर उन्हें चूमने लगी।
असलम सोनाली के पीछे आकर उससे सटकर खड़ा होते हुए बोला : अब अपनी जीभ निकालकर उससे काज़ी साहब के नितम्बो को ठीक से चाटना शुरू कर। काज़ी साहब को पूरी तरह खुश कर। उन्हें जब तक भरपूर मज़ा नही आएगा, तेरी पाकीज़गी की रस्म पूरी नही होगी
सोनाली अब अपनी जीभ से काज़ी के दोनों नितंबों को चाट चाट कर उसकी मौज़ करा रही थी।
ज़फर : अपनी जीभ को दोनों नितंबों के बीच मे घुसाकर ठीक से चाट रंडी।
सोनाली जब तक काज़ी के नितंबों की चूमा चाटी कर रही थी, असलम और ज़फर अपनी टाँगों को उसकी पीठ पर रगड़ रगड़ कर उसके नंगे बदन के साथ खिलवाड़ करने में लग गए ।
सोनाली की चूमा चाटी से जब काज़ी का मन भर गया तो उसने कहा : अब असलम तुम इसकी पाकीज़गी करो
असलम ने अपने लण्ड को हाथ मे पकड़ा और पेशाब की तेज पिचकारी सोनाली की पीठ और गर्दन पर छोड़नी शुरू कर दी। असलम की पेशाब से सोनाली का बदन पीछे से पूरी तरह भीग गया
पेशाब से सोनाली के बदन के पिछले हिस्से को भिगोने के बाद असलम सोनाली के सामने आकर खड़ा हो गया और उससे बोला : मेरी जांघों को अपने होंठों से चूमना शुरू कर।
सोनाली ने असलम की जांघों को चूमना शुरू कर दिया। असलम की जांघों पर बाल ही बाल थे और उसके लण्ड के नीचे अंडकोषों के पास भी बालों के गुच्छे बने हुए थे जिनमें बहुत बदबू आ रही थी
ज़फर यह सब देख रहा था। वह सोनाली से बोला : जीभ से चाट चाट कर असलम की मौज़ करा। तेरी जीभ हर तरफ घूमनी चाहिए।
सोनाली की जीभ असलम की जांघों और उसके अंदरूनी हिस्सों में चूमा चाटी में लगी हुई थी। जिस जगह पर सोनाली अपनी जीभ फिराने में हिचकिचा रही थी, असलम उसके चेहरे को पकड़कर उससे जबरन वहां चटवा रहा था।
असलम ने जब सोनाली से जी भरकर मौज़ ले ली तो उसे छोड़ते हुए कहा : अब ज़फर तेरी पाकीज़गी करेंगे
ज़फर बिना किसी देरी के सोनाली के सामने आकर खड़ा हो गया और अपने लण्ड से पेशाब की धारा को उसके बदन पर इस तरह छोड़ने लगा मानो वह उसे नहला रहा हो। सोनाली के मम्मे, पेट और जाँघे सब ज़फर की पेशाब से भीग गयी थीं।
काज़ी और असलम ज़फर और सोनाली की इस पाकीज़गी को एकटक देख रहे थे।
ज़फर ने अपने लण्ड के निचले भाग को सोनाली के चेहरे पर रखकर उसे रगड़ना शुरू कर दिया। सोनाली के चेहरे को उसने अपने दोनों हाथों में पकड़ा हुआ था और उसे वह अपनी मर्ज़ी के हिसाब से अपनी जांघों पर रगड़वा कर मज़े ले रहा था।
ज़फर अचानक सोनाली से बोला : अपनी जीभ निकालकर चाटना शुरू कर
सोनाली की जीभ से वह अपने लण्ड, लण्ड के निचले भाग, अंडकोषों और जांघों के अंदरूनी भागों को चटवाने लगा। ज़फर ने अपनी दोनों टाँगों को थोड़ा खोला और उससे बोला : अपनी जीभ को बीच मे घुसाकर चाटना शुरू कर अब।
जब सोनाली की चूमा चाटी से ज़फर की भी पूरी तसल्ली हो गई तो उसने उसे छोड़ दिया
काज़ी : अब शावर के नीचे खड़ी हो जा। हम सब मिलकर तेरे बदन को साफ करके उसे एकदम पाकीज़ा कर देंगे। ऐसा स्नान तूने आज से पहले कभी नही किया होगा।
सोनाली शावर के नीचे जाकर खड़ी हो गई। ज़फर से शावर चालू कर दिया।
शेष अगले भाग में
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: वासना के सौदागर

Post by mastram »

Part 34
शावर चालू होते ही पानी मे भीगती सोनाली पर तीनों टूट पड़े और उसके बदन से खिलवाड़ और छेड़खानी करते हुए असलम,ज़फर और काज़ी भी नहाने लगे।
काज़ी सोनाली की पीठ पर साबुन मलने लगा। असलम सोनाली के मम्मे मसल रहा था। ज़फर सोनाली की जांघों पर हाथ फिरा फिरा कर उन्हें साफ कर रहा था। सोनाली बेबस होकर उन सबके द्वारा की जा रही इस सेक्सी खिलवाड़ को सहने के लिए मजबूर थी।
नहाने के बाद जब सब लोग कमरे में वापस आ गए तो उन्होंने फटाफट अपने अपने कपड़े पहन लिए।
सोनाली ने भी अपने कपड़े पहनने शुरू कर दिए।
लेकिन ब्रा और पैंटी के बाद ही ज़फर ने सोनाली को रोकते हुए कहा : रुक जा, अभी बाकी के कपड़े मत पहन।
असलम ने काज़ी की तरफ देखते हुए कहा : अभी सिर्फ ढाई ही बजे है। 3 बजे तक इस रस्म को चालू रखते हैं।
काज़ी : हाँ हाँ, मेरी तरफ से तुम लोगों को पूरी छूट है। अगले आधे घण्टे में इस लौंडिया से जितने मज़े लेना चाहो तुम ले सकते हो
दरअसल नहाने के बाद ब्रा और पैंटी पहने सोनाली एकदम मस्त और सेक्सी लग रही थी और वे तीनों उसके साथ कुछ और मस्ती करने के मूड में आ गए थे।
काज़ी का इशारा मिलते ही ज़फर और असलम के लण्ड फिर से तन गए
ज़फर ने अपने मोबाइल पर एक सेक्सी गाना चालू कर दिया और सोनाली से बोला : चल इस गाने पर डांस कर और हम लोगों को खुश कर
सोनाली : मुझे डांस करना नही आता है। प्लीज़ अब बस करो और मुझे कपड़े पहनने दो।
असलम : नाच नही आता या करना नही चाहती है ? लगता है तेरी खाल उधेड़नी पड़ेगी।
यह कहकर असलम अपनी पैंट में से लेदर की बेल्ट निकालने लगा लेकिन ज़फर ने उसे रोकते हुए कहा : असलम भाई यह सब करने की जरूरत नही है। यह लौंडिया अपनी मर्ज़ी से ही हम सब के सामने मुजरा करेगी, तुम बस देखते जाओ।
अब ज़फर सोनाली से कड़क कर बोला : चल अपने कान पकड़ और गिनती करते हुए 100 उठक बैठक लगा।
ज़फर और असलम जिस तरह से सोनाली के साथ मौज़ मस्ती कर रहे थे उसे देखकर काज़ी को भी मज़ा आ रहा था और उसका लण्ड भी तन गया था।
सोनाली ने जैसे ही उठक बैठक लगाने का फरमान सुना, वह एकदम लाइन पर आती हुई कहने लगी : ठीक है मैं डांस करने के लिए तैयार हूं। मुझसे उठक बैठक मत लगवाओ प्लीज़
काज़ी : हमारी बात न मानने की सज़ा तो तुझे जरूर मिलेगी। चल अब कब तू डांस करने के लिए राजी हो ही गयी है तो 100 की जगह अब तू सिर्फ 50 उठक बैठक लगाकर दिखा। अब जल्दी शुरू हो जा
शेष अगले भाग में
Post Reply