Part-14
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
रश्मि ने देखा कि अर्जुन निर्वस्त्र अवस्था में उसके सामने खड़ा हुआ है। वह बॉक्स में रखी पेन ड्राइव और सी डी को भी जल्द से जल्द चेक करना चाहती थी इसलिए उसने दुबारा से बॉक्स खंगालना शुरू कर दिया।
अर्जुन से रश्मि बोली- " तुम अब ऐसा करो कि अपने कान पकड़ो और 100 बार उठक बैठक लगाओ। गिनती भी बोलते रहना। चलो अब शुरू हो जाओ।'
अर्जुन ने अपने कान पकड़कर गिनती बोलते हुए उठक बैठक लगाना शुरू कर दिया। अर्जुन नंगा होने की वजह से बहुत शर्म और जलालत महसूस कर रहा था जो उसके चेहरे से साफ झलक रही थी।
रश्मि ने उसे अपनी उंगली के इशारे से कहा-"थोड़ा मेरे नजदीक आओ "
अर्जुन थोड़ा आगे बढ़कर रश्मि के नज़दीक आकर खड़ा ही गया और फिर से उठक बैठक लगाने लगा। उसका लंड पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया था।
50 उठक बैठक के बाद ही अर्जुन की हिम्मत जबाब दे गई और वह गिड़गिड़ाकर रश्मि से बोला- "मेंम साब, अब और उठक बैठक मत लगवाओ-आप जो कहो मैं करने के लिए तैयार हूँ।"
रश्मि ने उस पर मानो अहसान जताते हुए कहा- " कोई बात नही, थोड़ा तुझे आराम करवा देती हूँ। चल फर्श पर अपने घुटनों के बल बैठ जा "
अर्जुन फर्श पर घुटनों के बल जैसे ही बैठा, रश्मि अपना एक पैर अर्जुन के चेहरे पर ले गई और अपने पैर को उसके पूरे चेहरे पर फिराने लगी। अपने पैर के अंगूठे को रश्मि ने काफी देर तक अर्जुन के होंठों पर फिराया और फिर यकायक उससे बोली- " इसे अपने मुंह मे ले और इसे ठीक से चूस। "
अर्जुन ने अब रश्मि के पैर के अंगूठे को चूसना शुरू कर दिया। रश्मि अपनी इस नई नई मिली "अनोखी ताकत " का पूरा मज़ा ले रही थी।
रश्मि ने अपने हाथ मे चमड़े का हंटर भी पकड़ रखा था जिसे वह अर्जुन के ऊपर इस्तेमाल करने का बहाना ढूंढ रही थी।
रश्मि ने अपने पैर का अंगूठा उसके मुंह से निकला और बोली- " अब तुम मेरे पैर के तलवों को अपनी जीभ से चाटो। "
अर्जुन ने उसके तलवों को चाटना शुरू करने मे कुछ देरी कर दी तो रश्मि ने फटाफट उसके बदन पर हंटर लगाने शुरू कर दिए- "मेरे हुक्म की तुरंत तामील नही हुई तो तेरी खाल खेंच लूंगी, चल तलवे चाट।'
अर्जुन अब रश्मि के तलवे चाटने लगा और रश्मि मुस्करा मुस्करा कर यह सब एन्जॉय करने लगी।
कुछ देर बाद रश्मि ने अर्जुन की आंखों पर फिर से ब्लाइंड फोल्ड बांध दिया । इसके बाद रश्मि ने अपने गाउन की फ्रंट ज़िप खोल दी। वह अंदर से पूरी तरह निर्वस्त्र थी लेकिन क्योंकि अर्जुन की आंखों पर ब्लाइंड फोल्ड बंधा था, इसलिए वह रश्मि को नही देख सकता था।
रश्मि ने उसे अपनी नंगी जांघों पर उलटा करके लिटा लिया। रश्मि ने अर्जुन के बदन को इस तरह से एडजस्ट लिया था ताकि उसका तना हुआ लंड रश्मि की जांघों के बीच के योनि प्रदेश से रगड़ खाता रहे। रश्मि ने एक बार उसके पूरे बदन पर अपना हाथ फेरने के बाद अपना हाथ उसके नितम्बों पर लाकर रोक दिया । अब वह नितंबों को सहला सहला कर उन पर अपने हाथ से ही स्ट्रोक लगा रही थी। अर्जुन को रश्मि एक सेक्स टॉय की तरह इस्तेमाल कर रही थी। कुछ देर बाद रश्मि ने अर्जुन को फिर से फर्श पर अपनी दोनों जगहों के बीच बिठा लिया और उसके चेहरे को पकड़कर उसे अपने योनि प्रदेश पर रगड़ने लगी- " इसे चाट चाट कर साफ कर। यही तेरी सज़ा है।"
अर्जुन अपने होंठों से उसके योनि प्रदेश को चूमने चाटने लगा। रश्मि तो मानो क्लाइमेक्स की जन्नत पर लगभग पहुंच ही चुकी थी। कुछ देर बाद उसने अपना गाउन फिर से पहन लिया और अर्जुन का ब्लाइंड फोल्ड खोलकर बोली-" चलो अब सुबह के 6 बजने वाले हैं। अपने कपड़ें पहनो और मेरे लिए चाय लेकर आओ। तुम्हारा फोन आज मेरे पास ही रहेगा क्योंकि उसकी मुझे ठीक से जाँच करनी है।'
अर्जुन ने अपने कपड़े पहने और चाय लेने चला गया।
शेष अगले भाग में...
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
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Re: भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
- mastram
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Re: भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
PART-15
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
जैसे ही अर्जुन चाय लेने गया, रश्मि एकदम अलर्ट होकर बैठ गयी. उसे समझ में आ गया था कि उसके पास समय अब कम है और सभी पेन ड्राइव और सी डी को खंगालने में अच्छा खासा समय लग सकता है. अभी यह भी नहीं मालूम कि पल्ल्वी भाभी का आगे का क्या प्रोग्राम है. इन्ही ख्यालों में रश्मि उलझी हुई थी कि उसी समय उसके मोबाइल फ़ोन की घंटी बज उठी. पल्ल्वी का फोन आया था. रश्मि ने जल्दी से फोन को उठाया-" रश्मि, पापा की तबियत अब बिलकुल ठीक है, लेकिन वह अभी कुछ दिनों अस्पताल में ही रहेंगे. मैं यहां किसी जरूरी काम की वजह से रुक रही हूँ और 15-20 दिन बाद वापस आऊंगी. तुम्हारे भैया से भी फोन पर बात हुई है. वह तुम्हारी पढाई को लेकर चिंतित हैं , इसलिए मैं यहां से मोहित और शोभित दोनों को तुम्हारे पास भेज रही हूँ. मोहित तुम्हारी अंग्रेजी की पढाई में मदद कर देगा और शोभित तुम्हे गणित पढ़ा देगा. तुम्हारे एग्जाम अब 3 महीने बाद ही होने वाले हैं और समय कम है. इसलिए मैंने इन दोनों को यह हिदायत दे दी है कि तुम्हारी पढाई अच्छी तरीके से कराएं ताकि इस बार तुम जरूर पास हो जाओ. ऐसा करना कि शोभित को मेरे कमरे में ठहरा देना और मोहित के लिए गेस्ट रूम कि सफाई करवा देना. बाकी सब बातें मैंने इन दोनों को समझा दी हैं. लगभग दस बजे तक दोनों तुम्हारे पास पहुँच जाएंगे."
रश्मि इतनी लम्बी बात सुनकर एकदम सकपका गयी और उसे कुछ समझ में नहीं आया कि फोन पर भाभी से क्या बोले. उसने "ठीक है भाभी, आप अपना ख्याल रखना" कहा और उसके बाद पल्ल्वी ने फोन काट दिया.
रश्मि को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है. उसने फिर से घड़ी देखी. साढ़े 6 बज रहे थे. उसी समय अर्जुन भी चाय लेकर आ गया. रश्मि ने अर्जुन से कहा-" सबसे पहले गेस्ट रूम की सफाई कर दो, वहां अभी कोई गेस्ट आने वाले हैं.सफाई कर लो तो मुझे यहां आकर बता देना."
अर्जुन सर झुकाकर बोला-" जी मेमसाब, जैसा आपने कहा है, वैसा ही होगा."
रश्मि अर्जुन के इस बदले हुए रवैये पर हैरान भी थी और खुश भी हो रही थी लेकिन अभी उसका दिमाग इस नयी आफत की तरफ लगा हुआ था जो पल्ल्वी भाभी ने बैठे बिठाये पैदा कर दी थी. रश्मि ने चाय का कप उठाया और चाय पीते पीते अगले दो घंटो में उसे क्या करना है, उसके बारे में सोचने लगी. उसके पास सिर्फ दो ढाई घंटे ही थे क्योंकि मोहित और शोभित दोनों वहां से चल पड़े थे और यहां आने में उन्हें 3 घंटे से ज्यादा नहीं लगने वाले थे. मतलब वे दोनों हर हाल में यहां 10 बजे तक पहुँच जाएंगे.
अब रश्मि ने सबसे पहले अर्जुन के मोबाइल के सारे वीडियो और फोटो अपने मोबाइल में फटाफट ट्रांसफर करके उन्हें अर्जुन के मोबाइल से डिलीट भी कर दिया. ज्यादातर फोटो और वीडियो पल्ल्वी भाभी के सोते समय बनाये गए लग रहे थे लेकिन वे भी काफी खतरनाक किस्म के थे . एक वीडियो में पल्ल्वी भाभी बिस्तर पर निर्वस्त्र होकर सो रही थीं और अर्जुन अपने लन्ड को उनके होंठों के करीब ले जाकर अपने लन्ड से उनके होंठों को सहला रहा था. इस तरह के वीडियो किस तरह से और किन हालातों में बने थे यह जानने के लिए तो अर्जुन से ही पूछताछ करनी पड़ेगी. लेकिन फिलहाल इस सब आपत्तिजनक मसाले को रश्मि ने अर्जुन के मोबाइल से हटाकर अपने मोबाइल में ट्रांसफर कर दिया था.
इसके बाद रश्मि ने प्लास्टिक बॉक्स में रखी हुई पेन ड्राइव और सी डी की तरफ ध्यान देना शुरू किया. उसने सोचा कि अगर शोभित इस कमरे में रहेगा तो उसके हाथों में यह सब पेन ड्राइव और सी डी आ जाएंगी.पल्ल्वी भाभी का ध्यान शायद इस और नहीं गया होगा. लिहाज़ा रश्मि ने यह तय किया कि पूरे बॉक्स को उठाकर वह टेबल की दराज़ में वापस रख देगी और दराज़ में लॉक लगाकर उसकी चाबी अपने पास रख लेगी. लेकिन उससे पहले वह कुछ ऐसा मसाला अपने कब्ज़े में भी कर लेना चाहती थी जिससे पल्ल्वी की कोई कमजोर नस उसके हाथों में आ जाए. हालांकि अर्जुन के फोन से मिली तस्वीरें और वीडियो भी पल्ल्वी को परेशान करने के लिए काफी थे लेकिन रश्मि कुछ और धमाकेदार और मसालेदार वीडियो की उम्मीद कर रही थी. सबसे पहले रश्मि ने उस लिफाफे के स्टेपल पिन खोल दिए जिन पर पल्ल्वी का नाम लिखा हुआ था. उस लिफाफे के अंदर 2 सी डी रखी हुई थीं और एक लेटर रखा हुआ था जिस पर लिखा था-" पल्ल्वी, अब तेरी शादी हो गयी है-जैसा मैंने तुझसे वादा किया था कि शादी के बाद मैं तुझे यह सब वीडियो वापस कर दूंगा, वह मैं अपना वायदा पूरा कर रहा हूँ. इन दोनों सी डी में वह सभी वीडियो हैं जो मैंने तुम्हे गणित की पढाई कराने के दौरान तुम्हे सजा देने के बहाने बनाये थे. इनके अलावा मेरे पास तुम्हारे और कोई वीडियो या तस्वीरें नहीं हैं. अब तुम्हारी शादी हो चुकी है, इसलिए तुम इन्हे तुरंत ही अपनी तसल्ली करने के बाद नष्ट कर देना क्योंकि अगर यह वीडियो तुम्हारे पति विमल के हाथों में गलती से भी पड़ गए तो बहुत बड़ा अनर्थ हो सकता है और तुम्हारी शादी भी टूट सकती है.-तुम्हारा बड़ा भाई रोहित."
रश्मि ने यह सब पढ़ा और साथ में राखी दोनों सी डी को भी देखा-एक पर लिखा था -पल्ल्वी के साथ मस्ती पार्ट-1 और दूसरी पर लिखा था-पल्ल्वी के साथ मस्ती पार्ट-2
रश्मि ने फैसला कर लिया कि यह दोनों सी डी और पूरा लिफाफा तो वह हर हाल में अपने पास रख लेगी क्योंकि यह इकलौती चीज़ ऐसी है जिसकी वजह से पल्ल्वी अपने घुटनों के बल रश्मि के सामने बैठकर सारी जिंदगी उसकी गुलामी करेगी. रश्मि अब फटाफट अपने कमरे में जाने की तैयारी करने लगी. उसने उस पल्ल्वी लिखे लिफाफे के अलावा बाकी सब कुछ दराज़ में वापस रख दिया और उस पर लॉक लगाकर उसकी चाबी भी अपने पास रख ली. अब पल्ल्वी अपना और अर्जुन का मोबाइल, दराज़ की चाबी और पल्ल्वी के नाम वाला लिफाफा लेकर अपने कमरे में जाने की तैयारी में थी. इतनी देर में अर्जुन वहां आ गया-" मेम साब आपके हुक्म के मुताबिक गेस्ट रूम मैंने अच्छी तरह साफ़ कर दिया है."
रश्मि खुश हुई और बोली-"ठीक है अब जरा इस कमरे को भी मेरे सामने ही साफ़ करो " और वह फिर से अपने मोबाइल में अर्जुन के मोबाइल से डाउनलोड किये गए वीडियो और तस्वीरों को देखने लगी. रश्मि ने घड़ी की तरफ देखा-अभी साढ़े आठ ही बजे थे और उसके पास समय अभी लगभग एक डेढ़ घंटे का ही समय बचा था. अर्जुन कमरे की सफाई किये जा रहा था. रश्मि ने अर्जुन से पूछा-" मम्मी सो कर उठ गयी क्या ?"
" जी हाँ मेम साब, सोकर उठ गयी हैं और इस समय वे बाथरूम में हैं " अर्जुन ने जबाब दिया
इतनी देर में रश्मि को मम्मी की आवाज़ सुनायी दी-" रश्मि बेटा, पल्ल्वी कहाँ है दिखाई नहीं दे रही है."
यह पूछते पूछते मम्मी पल्ल्वी के कमरे में ही घुस आईं. रश्मि ने विस्तार से मम्मी को सारी बात बताई और यह भी बताया कि दस बजे तक भाभी के दोनों भाई भी यहाँ पहुँचने वाले हैं. मैं इसलिए यह कमरा भी साफ़ करा रही हों और गेस्ट रूम भी साफ़ करा दिया है.
"ठीक है बेटा, देखना दोनों को कोई तकलीफ न होने पाए. एक तो वे दोनों हमारे मेहमान है. दूसरे वे दोनों ही सिर्फ तुम्हारी पढाई में मदद करने के लिए आ रहे हैं."
रश्मि ने मम्मी को आश्वस्त करते हुए कहा-" नहीं मम्मी जी, दोनों को कोई तकलीफ नहीं होगी, आप बिल्कुल चिंता न करें."
इसके बाद मम्मी दुबारा से ऊपर अपने कमरे में चली गयी थीं क्योंकि यह उनकी पूजा का समय था. अर्जुन भी कमरे की सफाई कर चुका था. रश्मि ने दोनों मोबाइल, दराज़ की चाबी और पल्ल्वी नाम का लिफाफा अपने हाथों में लिया और अर्जुन से बोली-"अब इस कमरे को बंद करके उसकी चाभी मुझे दे दो और मेरे साथ मेरे कमरे में चलो और मेरे कमरे की बढ़िया सी सफाई करो."
" जी मेम साब जैसा आपका हुक्म" कहकर अर्जुन रश्मि के साथ कमरे से बाहर आ गया और कमरे में ताला लगाकर उसकी चाबी रश्मि को सौंप दी. इसके बाद वह रश्मि के कमरे की तरफ चल दिया जो पहली मंजिल पर मम्मी के साथ वाले कमरे के साथ लगा हुआ था.
अपने कमरे में आने के बाद जितनी देर में अर्जुन ने रश्मि के कमरे की सफाई की, उतनी देर में रश्मि ने अपना लैपटॉप खोलकर उसमे पल्ल्वी की दोनों सी डी डाउनलोड कर लीं.साथ ही अपने मोबाइल में जो वीडियो और तस्वीरें उसने अर्जुन के मोबाइल से डाउनलोड की थीं उनका बैक अप भी लैपटॉप में ले लिया. लिफाफे में पल्ल्वी के बड़े भाई का जो कबूलनामा लिखा रखा था उसकी भी एक सॉफ्ट कॉपी
रश्मि ने लैपटॉप में सेव कर ली.
अब तक अर्जुन कमरे की सफाई कर चुका था. रश्मि उससे बोली-"ठीक है, अब तुम जाओ और सबके लिए नाश्ते की तैयारी करो."
"जी मेमसाब" कहकर अर्जुन वहां से चला गया और रश्मि भी अब निश्चिन्त होकर वाशरूम में फ्रेश होने चली गयी.
शेष अगले भाग में......
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
जैसे ही अर्जुन चाय लेने गया, रश्मि एकदम अलर्ट होकर बैठ गयी. उसे समझ में आ गया था कि उसके पास समय अब कम है और सभी पेन ड्राइव और सी डी को खंगालने में अच्छा खासा समय लग सकता है. अभी यह भी नहीं मालूम कि पल्ल्वी भाभी का आगे का क्या प्रोग्राम है. इन्ही ख्यालों में रश्मि उलझी हुई थी कि उसी समय उसके मोबाइल फ़ोन की घंटी बज उठी. पल्ल्वी का फोन आया था. रश्मि ने जल्दी से फोन को उठाया-" रश्मि, पापा की तबियत अब बिलकुल ठीक है, लेकिन वह अभी कुछ दिनों अस्पताल में ही रहेंगे. मैं यहां किसी जरूरी काम की वजह से रुक रही हूँ और 15-20 दिन बाद वापस आऊंगी. तुम्हारे भैया से भी फोन पर बात हुई है. वह तुम्हारी पढाई को लेकर चिंतित हैं , इसलिए मैं यहां से मोहित और शोभित दोनों को तुम्हारे पास भेज रही हूँ. मोहित तुम्हारी अंग्रेजी की पढाई में मदद कर देगा और शोभित तुम्हे गणित पढ़ा देगा. तुम्हारे एग्जाम अब 3 महीने बाद ही होने वाले हैं और समय कम है. इसलिए मैंने इन दोनों को यह हिदायत दे दी है कि तुम्हारी पढाई अच्छी तरीके से कराएं ताकि इस बार तुम जरूर पास हो जाओ. ऐसा करना कि शोभित को मेरे कमरे में ठहरा देना और मोहित के लिए गेस्ट रूम कि सफाई करवा देना. बाकी सब बातें मैंने इन दोनों को समझा दी हैं. लगभग दस बजे तक दोनों तुम्हारे पास पहुँच जाएंगे."
रश्मि इतनी लम्बी बात सुनकर एकदम सकपका गयी और उसे कुछ समझ में नहीं आया कि फोन पर भाभी से क्या बोले. उसने "ठीक है भाभी, आप अपना ख्याल रखना" कहा और उसके बाद पल्ल्वी ने फोन काट दिया.
रश्मि को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सब क्या हो रहा है. उसने फिर से घड़ी देखी. साढ़े 6 बज रहे थे. उसी समय अर्जुन भी चाय लेकर आ गया. रश्मि ने अर्जुन से कहा-" सबसे पहले गेस्ट रूम की सफाई कर दो, वहां अभी कोई गेस्ट आने वाले हैं.सफाई कर लो तो मुझे यहां आकर बता देना."
अर्जुन सर झुकाकर बोला-" जी मेमसाब, जैसा आपने कहा है, वैसा ही होगा."
रश्मि अर्जुन के इस बदले हुए रवैये पर हैरान भी थी और खुश भी हो रही थी लेकिन अभी उसका दिमाग इस नयी आफत की तरफ लगा हुआ था जो पल्ल्वी भाभी ने बैठे बिठाये पैदा कर दी थी. रश्मि ने चाय का कप उठाया और चाय पीते पीते अगले दो घंटो में उसे क्या करना है, उसके बारे में सोचने लगी. उसके पास सिर्फ दो ढाई घंटे ही थे क्योंकि मोहित और शोभित दोनों वहां से चल पड़े थे और यहां आने में उन्हें 3 घंटे से ज्यादा नहीं लगने वाले थे. मतलब वे दोनों हर हाल में यहां 10 बजे तक पहुँच जाएंगे.
अब रश्मि ने सबसे पहले अर्जुन के मोबाइल के सारे वीडियो और फोटो अपने मोबाइल में फटाफट ट्रांसफर करके उन्हें अर्जुन के मोबाइल से डिलीट भी कर दिया. ज्यादातर फोटो और वीडियो पल्ल्वी भाभी के सोते समय बनाये गए लग रहे थे लेकिन वे भी काफी खतरनाक किस्म के थे . एक वीडियो में पल्ल्वी भाभी बिस्तर पर निर्वस्त्र होकर सो रही थीं और अर्जुन अपने लन्ड को उनके होंठों के करीब ले जाकर अपने लन्ड से उनके होंठों को सहला रहा था. इस तरह के वीडियो किस तरह से और किन हालातों में बने थे यह जानने के लिए तो अर्जुन से ही पूछताछ करनी पड़ेगी. लेकिन फिलहाल इस सब आपत्तिजनक मसाले को रश्मि ने अर्जुन के मोबाइल से हटाकर अपने मोबाइल में ट्रांसफर कर दिया था.
इसके बाद रश्मि ने प्लास्टिक बॉक्स में रखी हुई पेन ड्राइव और सी डी की तरफ ध्यान देना शुरू किया. उसने सोचा कि अगर शोभित इस कमरे में रहेगा तो उसके हाथों में यह सब पेन ड्राइव और सी डी आ जाएंगी.पल्ल्वी भाभी का ध्यान शायद इस और नहीं गया होगा. लिहाज़ा रश्मि ने यह तय किया कि पूरे बॉक्स को उठाकर वह टेबल की दराज़ में वापस रख देगी और दराज़ में लॉक लगाकर उसकी चाबी अपने पास रख लेगी. लेकिन उससे पहले वह कुछ ऐसा मसाला अपने कब्ज़े में भी कर लेना चाहती थी जिससे पल्ल्वी की कोई कमजोर नस उसके हाथों में आ जाए. हालांकि अर्जुन के फोन से मिली तस्वीरें और वीडियो भी पल्ल्वी को परेशान करने के लिए काफी थे लेकिन रश्मि कुछ और धमाकेदार और मसालेदार वीडियो की उम्मीद कर रही थी. सबसे पहले रश्मि ने उस लिफाफे के स्टेपल पिन खोल दिए जिन पर पल्ल्वी का नाम लिखा हुआ था. उस लिफाफे के अंदर 2 सी डी रखी हुई थीं और एक लेटर रखा हुआ था जिस पर लिखा था-" पल्ल्वी, अब तेरी शादी हो गयी है-जैसा मैंने तुझसे वादा किया था कि शादी के बाद मैं तुझे यह सब वीडियो वापस कर दूंगा, वह मैं अपना वायदा पूरा कर रहा हूँ. इन दोनों सी डी में वह सभी वीडियो हैं जो मैंने तुम्हे गणित की पढाई कराने के दौरान तुम्हे सजा देने के बहाने बनाये थे. इनके अलावा मेरे पास तुम्हारे और कोई वीडियो या तस्वीरें नहीं हैं. अब तुम्हारी शादी हो चुकी है, इसलिए तुम इन्हे तुरंत ही अपनी तसल्ली करने के बाद नष्ट कर देना क्योंकि अगर यह वीडियो तुम्हारे पति विमल के हाथों में गलती से भी पड़ गए तो बहुत बड़ा अनर्थ हो सकता है और तुम्हारी शादी भी टूट सकती है.-तुम्हारा बड़ा भाई रोहित."
रश्मि ने यह सब पढ़ा और साथ में राखी दोनों सी डी को भी देखा-एक पर लिखा था -पल्ल्वी के साथ मस्ती पार्ट-1 और दूसरी पर लिखा था-पल्ल्वी के साथ मस्ती पार्ट-2
रश्मि ने फैसला कर लिया कि यह दोनों सी डी और पूरा लिफाफा तो वह हर हाल में अपने पास रख लेगी क्योंकि यह इकलौती चीज़ ऐसी है जिसकी वजह से पल्ल्वी अपने घुटनों के बल रश्मि के सामने बैठकर सारी जिंदगी उसकी गुलामी करेगी. रश्मि अब फटाफट अपने कमरे में जाने की तैयारी करने लगी. उसने उस पल्ल्वी लिखे लिफाफे के अलावा बाकी सब कुछ दराज़ में वापस रख दिया और उस पर लॉक लगाकर उसकी चाबी भी अपने पास रख ली. अब पल्ल्वी अपना और अर्जुन का मोबाइल, दराज़ की चाबी और पल्ल्वी के नाम वाला लिफाफा लेकर अपने कमरे में जाने की तैयारी में थी. इतनी देर में अर्जुन वहां आ गया-" मेम साब आपके हुक्म के मुताबिक गेस्ट रूम मैंने अच्छी तरह साफ़ कर दिया है."
रश्मि खुश हुई और बोली-"ठीक है अब जरा इस कमरे को भी मेरे सामने ही साफ़ करो " और वह फिर से अपने मोबाइल में अर्जुन के मोबाइल से डाउनलोड किये गए वीडियो और तस्वीरों को देखने लगी. रश्मि ने घड़ी की तरफ देखा-अभी साढ़े आठ ही बजे थे और उसके पास समय अभी लगभग एक डेढ़ घंटे का ही समय बचा था. अर्जुन कमरे की सफाई किये जा रहा था. रश्मि ने अर्जुन से पूछा-" मम्मी सो कर उठ गयी क्या ?"
" जी हाँ मेम साब, सोकर उठ गयी हैं और इस समय वे बाथरूम में हैं " अर्जुन ने जबाब दिया
इतनी देर में रश्मि को मम्मी की आवाज़ सुनायी दी-" रश्मि बेटा, पल्ल्वी कहाँ है दिखाई नहीं दे रही है."
यह पूछते पूछते मम्मी पल्ल्वी के कमरे में ही घुस आईं. रश्मि ने विस्तार से मम्मी को सारी बात बताई और यह भी बताया कि दस बजे तक भाभी के दोनों भाई भी यहाँ पहुँचने वाले हैं. मैं इसलिए यह कमरा भी साफ़ करा रही हों और गेस्ट रूम भी साफ़ करा दिया है.
"ठीक है बेटा, देखना दोनों को कोई तकलीफ न होने पाए. एक तो वे दोनों हमारे मेहमान है. दूसरे वे दोनों ही सिर्फ तुम्हारी पढाई में मदद करने के लिए आ रहे हैं."
रश्मि ने मम्मी को आश्वस्त करते हुए कहा-" नहीं मम्मी जी, दोनों को कोई तकलीफ नहीं होगी, आप बिल्कुल चिंता न करें."
इसके बाद मम्मी दुबारा से ऊपर अपने कमरे में चली गयी थीं क्योंकि यह उनकी पूजा का समय था. अर्जुन भी कमरे की सफाई कर चुका था. रश्मि ने दोनों मोबाइल, दराज़ की चाबी और पल्ल्वी नाम का लिफाफा अपने हाथों में लिया और अर्जुन से बोली-"अब इस कमरे को बंद करके उसकी चाभी मुझे दे दो और मेरे साथ मेरे कमरे में चलो और मेरे कमरे की बढ़िया सी सफाई करो."
" जी मेम साब जैसा आपका हुक्म" कहकर अर्जुन रश्मि के साथ कमरे से बाहर आ गया और कमरे में ताला लगाकर उसकी चाबी रश्मि को सौंप दी. इसके बाद वह रश्मि के कमरे की तरफ चल दिया जो पहली मंजिल पर मम्मी के साथ वाले कमरे के साथ लगा हुआ था.
अपने कमरे में आने के बाद जितनी देर में अर्जुन ने रश्मि के कमरे की सफाई की, उतनी देर में रश्मि ने अपना लैपटॉप खोलकर उसमे पल्ल्वी की दोनों सी डी डाउनलोड कर लीं.साथ ही अपने मोबाइल में जो वीडियो और तस्वीरें उसने अर्जुन के मोबाइल से डाउनलोड की थीं उनका बैक अप भी लैपटॉप में ले लिया. लिफाफे में पल्ल्वी के बड़े भाई का जो कबूलनामा लिखा रखा था उसकी भी एक सॉफ्ट कॉपी
रश्मि ने लैपटॉप में सेव कर ली.
अब तक अर्जुन कमरे की सफाई कर चुका था. रश्मि उससे बोली-"ठीक है, अब तुम जाओ और सबके लिए नाश्ते की तैयारी करो."
"जी मेमसाब" कहकर अर्जुन वहां से चला गया और रश्मि भी अब निश्चिन्त होकर वाशरूम में फ्रेश होने चली गयी.
शेष अगले भाग में......
मस्त राम मस्ती में
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Re: भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
PART-16
इधर रश्मि मोहित और शोभित के आने का इंतज़ार कर रही थी उधर वे दोनों रास्ते भर अपने ख्याली पुलाव बनाते हुए आ रहे थे.
मोहित और शोभित दोनों भाई कम दोस्त ज्यादा थे और एक दूसरे से सभी तरह की बातें साझा कर लेते थे. दोनों की उम्र में भी कोई ज्यादा अंतर नहीं था. मोहित इस समय 22 साल का था और शोभित 24 साल का. मोहित इस समय अंग्रेजी से बी ए कर चुका था और इस समय अंग्रेजी से ही पोस्टग्रेजुएट कर रहा था. शोभित इस समय साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा था.
शोभित कार चला रहा था और मोहित उसके साथ वाली सीट पर बैठा हुआ था.
मोहित ने शोभित से कहा -" सुना है भैया, पल्ल्वी दीदी की ननद जिसे हम अंग्रेजी और गणित पढ़ाने जा रहे हैं, बड़ी हॉट और सेक्सी है."
शोभित ने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा-" हाँ भाई, काफी सेक्सी और मस्त माल है. इसीलिए तो मैंने यहां आने के लिए हाँ क़र दी वरना मैं भला क्यों यहां आने के लिए राजी होता."
मोहित यह सुनकर एकदम चहककर बोला-"फिर तो बहुत मज़ा आएगा. पढाई के बहाने हम उसे पूरी तरह से अपने कब्ज़े में क़र लेंगे."
अब शोभित बोला-"देख भाई हमें अपनी पूरी तैयारी बहुत तरीके से और योजनाबद्ध ढंग से करनी होगी ताकि वह हमारे चंगुल में फंस जाए और जो हम कहें बस वही करे"
शोभित फिर अचानक मोहित की तरफ देखने लगा-" अरे पल्ल्वी दीदी ने तो तुझे भी अंग्रेजी पढाई थी जब तू 12 वीं क्लास में था."
मोहित ने जबाब दिया-" हाँ मुझे भी अंग्रेजी पढाई थी.लेकिन उस बात का फिलहाल तू जिक्र क्यों क़र रहा है "
शोभित बोला-" कुछ नहीं बस ऐसे ही. सुना है पल्ल्वी दीदी तुझे पढाई के बहाने सजा भी देती थीं "
मोहित यह सुनकर एकदम सकपका गया और बोला-" हाँ पढाई में यह सब तो चलता ही रहता है-ठीक से पढाई न करने पर टीचर सजा तो देगा ही.मुझे भी मिलती थी."
शोभित फिर बोला-" जैसी सजा पल्ल्वी दीदी तुझे देती थीं ठीक उसी तरह की सजा वह रश्मि को भी देती हैं."
मोहित को लग रहा था कि शोभित को पल्ल्वी दीदी ने काफी कुछ बताकर भेजा है और वह पूरी बात अभी भी नहीं बता रहा है.
जब मोहित चुप होकर कुछ सोचने लगा तो शोभित ने उसकी चुप्पी तोड़ते हुए कहा-" क्या सोच रहा है- अरे हम दोनों भाई भी हैं और दोस्त भी-हम लोगों में आपस में कुछ छुपा नहीं है. दरअसल कल पल्ल्वी दीदी कह रही थीं कि तुम दोनों पढाई कराते कराते ही रश्मि के साथ जितनी चाहो मौज़ मस्ती क़र सकते हो. मेरी तरफ से तुम्हे पूरी छूट है."
यह सुनते ही मोहित का लन्ड तो जीन्स के अंदर ही एकदम तनकर खड़ा हो गया-"अरे यह बात तूने अभी तक क्यों नहीं बताई थी. अब तो रश्मि के साथ हम दोनों जी भरकर मौज मस्ती करेंगे."
शेष अगले भाग में ........
इधर रश्मि मोहित और शोभित के आने का इंतज़ार कर रही थी उधर वे दोनों रास्ते भर अपने ख्याली पुलाव बनाते हुए आ रहे थे.
मोहित और शोभित दोनों भाई कम दोस्त ज्यादा थे और एक दूसरे से सभी तरह की बातें साझा कर लेते थे. दोनों की उम्र में भी कोई ज्यादा अंतर नहीं था. मोहित इस समय 22 साल का था और शोभित 24 साल का. मोहित इस समय अंग्रेजी से बी ए कर चुका था और इस समय अंग्रेजी से ही पोस्टग्रेजुएट कर रहा था. शोभित इस समय साइंस से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा था.
शोभित कार चला रहा था और मोहित उसके साथ वाली सीट पर बैठा हुआ था.
मोहित ने शोभित से कहा -" सुना है भैया, पल्ल्वी दीदी की ननद जिसे हम अंग्रेजी और गणित पढ़ाने जा रहे हैं, बड़ी हॉट और सेक्सी है."
शोभित ने भी उसकी हाँ में हाँ मिलाते हुए कहा-" हाँ भाई, काफी सेक्सी और मस्त माल है. इसीलिए तो मैंने यहां आने के लिए हाँ क़र दी वरना मैं भला क्यों यहां आने के लिए राजी होता."
मोहित यह सुनकर एकदम चहककर बोला-"फिर तो बहुत मज़ा आएगा. पढाई के बहाने हम उसे पूरी तरह से अपने कब्ज़े में क़र लेंगे."
अब शोभित बोला-"देख भाई हमें अपनी पूरी तैयारी बहुत तरीके से और योजनाबद्ध ढंग से करनी होगी ताकि वह हमारे चंगुल में फंस जाए और जो हम कहें बस वही करे"
शोभित फिर अचानक मोहित की तरफ देखने लगा-" अरे पल्ल्वी दीदी ने तो तुझे भी अंग्रेजी पढाई थी जब तू 12 वीं क्लास में था."
मोहित ने जबाब दिया-" हाँ मुझे भी अंग्रेजी पढाई थी.लेकिन उस बात का फिलहाल तू जिक्र क्यों क़र रहा है "
शोभित बोला-" कुछ नहीं बस ऐसे ही. सुना है पल्ल्वी दीदी तुझे पढाई के बहाने सजा भी देती थीं "
मोहित यह सुनकर एकदम सकपका गया और बोला-" हाँ पढाई में यह सब तो चलता ही रहता है-ठीक से पढाई न करने पर टीचर सजा तो देगा ही.मुझे भी मिलती थी."
शोभित फिर बोला-" जैसी सजा पल्ल्वी दीदी तुझे देती थीं ठीक उसी तरह की सजा वह रश्मि को भी देती हैं."
मोहित को लग रहा था कि शोभित को पल्ल्वी दीदी ने काफी कुछ बताकर भेजा है और वह पूरी बात अभी भी नहीं बता रहा है.
जब मोहित चुप होकर कुछ सोचने लगा तो शोभित ने उसकी चुप्पी तोड़ते हुए कहा-" क्या सोच रहा है- अरे हम दोनों भाई भी हैं और दोस्त भी-हम लोगों में आपस में कुछ छुपा नहीं है. दरअसल कल पल्ल्वी दीदी कह रही थीं कि तुम दोनों पढाई कराते कराते ही रश्मि के साथ जितनी चाहो मौज़ मस्ती क़र सकते हो. मेरी तरफ से तुम्हे पूरी छूट है."
यह सुनते ही मोहित का लन्ड तो जीन्स के अंदर ही एकदम तनकर खड़ा हो गया-"अरे यह बात तूने अभी तक क्यों नहीं बताई थी. अब तो रश्मि के साथ हम दोनों जी भरकर मौज मस्ती करेंगे."
शेष अगले भाग में ........
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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Re: भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
PART-17
रश्मि तैयार हो चुकी थी . साढ़े नौ बजे थे. उसका दिमाग अभी भी पल्ल्वी के कमरे में रखे उस बॉक्स पर लगा था जिसमे पेन ड्राइव और सी डी रखे हुए थे. उसे लगा कि अभी कुछ समय है और उसका उसने इस्तेमाल करने के लिए दुबारा से चाभी अपने हाथ में ली और पल्ल्वी के कमरे की तरफ आ गयी. जल्दी से उसने कमरा खोला और साइड रूम में आकर दराज़ खोलकर उसमे रखी पेन ड्राइव और सी डी पर लिखे नामों को देखने लगी. किसी पर हनीमून लिखा था, किसी पर सुहागरात लिखा था. एक पेन ड्राइव पर मोहित लिखा था. रश्मि ने इस पेन ड्राइव को अपने पास रख लिया और बाकी के सामान को देखने लगी. एक छोटा सा लिफाफा था जिस पर शोभित लिखा हुआ था. इस लिफाफे को भी रश्मि ने उठाकर अपने पास रख लिया और सब कुछ बंद करके फटाफट अपने कमरे में वापस आ गयी. कमरे में वापस आने के बाद उसने शोभित का नाम लिखा लिफाफा खोला तो उसमे एक पेन ड्राइव और एक लेटर मिला-लेटर शोभित ने पल्ल्वी को लिखा था-" सॉरी दीदी. मैंने आपको ब्लैकमेल करके आपके साथ जो कुछ भी किया और जो भी वीडियो बनाई थीं, अब वे सब मैं आपको वापस लौटा रहा हूँ ताकि आप अपनी शादी शुदा जिंदगी सुकून से गुजार सको. जो कुछ हमारे बीच हुआ उसे भूलने की कोशिश करना और इस लेटर और पेन ड्राइव को नष्ट कर देना क्योंकि अगर यह विमल जीजाजी के हाथ में पड़ गए तो हमारे सारे राज खुल जायेंगे और तुम्हारी शादी टूट जाएगी. तुम्हारा छोटा भाई-शोभित"
रश्मि ने उसे पढ़ा और मन ही मन बोली-यह तो पूरा का पूरा खानदान ही अव्वल दर्ज़े का भ्रष्ट है -सब एक दुसरे के साथ लगे हुए है.
अभी क्योंकि समय कम था और 10 बजने ही वाले थे, रश्मि ने दोनों पेन ड्राइव और लेटर फिलहाल संभालकर अपनी अलमारी में रख दिए और किचन में इण्टरकॉम करके बोली-" अर्जुन नाश्ता तैयार हुआ कि नहीं."
अर्जुन बोला-" जी मेमसाब, तैयार हो चुका है, टेबल पर लगाने की तैयारी कर रहा हूँ."
रश्मि ने अपना कमरा बंद किया और नीचे डाइनिंग रूम में टेबल पर पहुँच गयी. वहां उसने मम्मी को भी बुला लिया. कुछ ही देर में मोहित और शोभित भी आ गए.
मम्मी उन दोनों से उनके पापा का हालचाल पूछने के बाद कहने लगीं-" अब तुम दोनों फटाफट फ्रेश होकर हमारे साथ नाश्ता कर लो. नाश्ता एकदम तैयार है."
10 मिनट में दोनों फटाफट फ्रेश होकर नाश्ते की टेबल पर आ गए थे. मम्मी उन दोनों से लगातार कह रही थीं-" पल्ल्वी ने यह बहुत अच्छा किया की तुम दोनों को इसकी पढाई कराने यहां भेज दिया-यह अंग्रेजी और गणित में काफी कमजोर है और दो साल से फेल हो रही है."
मोहित और शोभित दोनों एक साथ मम्मी से कहने लगे-" आप बिलकुल टेंशन न लें मम्मी जी. हम रश्मि को बहुत अच्छी तरह से पढाई करवाएंगे और यह इस बार जरूर पास हो जाएगी."
यह कहकर दोनों भाई रश्मि की ओर देखने लगे. रश्मि ने इस समय एक लाल रंग की टी शर्ट और नीली जींस पहनी हुई थी और बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही थी.
रश्मि उन दोनों की तरफ देखकर औपचारिकतावश मुस्करायी और बोली-"आप लोग नाश्ता शुरू कीजिये -बातें तो सारे दिन होती रहेंगी"
और सब लोग नाश्ता करने में लग गए
नाश्ता करने के बाद नाश्ते की टेबल पर ही मम्मी के सामने यह भी तय हो गया कि मोहित गेस्ट रूम में रहेगा और शोभित पल्ल्वी दीदी के रूम में रहेगा.
शाम को 4 बजे से 6 बजे तक रश्मि को मोहित के पास अंग्रेजी पढ़ने जाना होगा और एक घंटे के ब्रेक के बाद शाम को 7 बजे से 9 बजे तक रश्मि को शोभित के पास गणित पढ़ने जाना होगा.
शेष अगले भाग में ........
रश्मि तैयार हो चुकी थी . साढ़े नौ बजे थे. उसका दिमाग अभी भी पल्ल्वी के कमरे में रखे उस बॉक्स पर लगा था जिसमे पेन ड्राइव और सी डी रखे हुए थे. उसे लगा कि अभी कुछ समय है और उसका उसने इस्तेमाल करने के लिए दुबारा से चाभी अपने हाथ में ली और पल्ल्वी के कमरे की तरफ आ गयी. जल्दी से उसने कमरा खोला और साइड रूम में आकर दराज़ खोलकर उसमे रखी पेन ड्राइव और सी डी पर लिखे नामों को देखने लगी. किसी पर हनीमून लिखा था, किसी पर सुहागरात लिखा था. एक पेन ड्राइव पर मोहित लिखा था. रश्मि ने इस पेन ड्राइव को अपने पास रख लिया और बाकी के सामान को देखने लगी. एक छोटा सा लिफाफा था जिस पर शोभित लिखा हुआ था. इस लिफाफे को भी रश्मि ने उठाकर अपने पास रख लिया और सब कुछ बंद करके फटाफट अपने कमरे में वापस आ गयी. कमरे में वापस आने के बाद उसने शोभित का नाम लिखा लिफाफा खोला तो उसमे एक पेन ड्राइव और एक लेटर मिला-लेटर शोभित ने पल्ल्वी को लिखा था-" सॉरी दीदी. मैंने आपको ब्लैकमेल करके आपके साथ जो कुछ भी किया और जो भी वीडियो बनाई थीं, अब वे सब मैं आपको वापस लौटा रहा हूँ ताकि आप अपनी शादी शुदा जिंदगी सुकून से गुजार सको. जो कुछ हमारे बीच हुआ उसे भूलने की कोशिश करना और इस लेटर और पेन ड्राइव को नष्ट कर देना क्योंकि अगर यह विमल जीजाजी के हाथ में पड़ गए तो हमारे सारे राज खुल जायेंगे और तुम्हारी शादी टूट जाएगी. तुम्हारा छोटा भाई-शोभित"
रश्मि ने उसे पढ़ा और मन ही मन बोली-यह तो पूरा का पूरा खानदान ही अव्वल दर्ज़े का भ्रष्ट है -सब एक दुसरे के साथ लगे हुए है.
अभी क्योंकि समय कम था और 10 बजने ही वाले थे, रश्मि ने दोनों पेन ड्राइव और लेटर फिलहाल संभालकर अपनी अलमारी में रख दिए और किचन में इण्टरकॉम करके बोली-" अर्जुन नाश्ता तैयार हुआ कि नहीं."
अर्जुन बोला-" जी मेमसाब, तैयार हो चुका है, टेबल पर लगाने की तैयारी कर रहा हूँ."
रश्मि ने अपना कमरा बंद किया और नीचे डाइनिंग रूम में टेबल पर पहुँच गयी. वहां उसने मम्मी को भी बुला लिया. कुछ ही देर में मोहित और शोभित भी आ गए.
मम्मी उन दोनों से उनके पापा का हालचाल पूछने के बाद कहने लगीं-" अब तुम दोनों फटाफट फ्रेश होकर हमारे साथ नाश्ता कर लो. नाश्ता एकदम तैयार है."
10 मिनट में दोनों फटाफट फ्रेश होकर नाश्ते की टेबल पर आ गए थे. मम्मी उन दोनों से लगातार कह रही थीं-" पल्ल्वी ने यह बहुत अच्छा किया की तुम दोनों को इसकी पढाई कराने यहां भेज दिया-यह अंग्रेजी और गणित में काफी कमजोर है और दो साल से फेल हो रही है."
मोहित और शोभित दोनों एक साथ मम्मी से कहने लगे-" आप बिलकुल टेंशन न लें मम्मी जी. हम रश्मि को बहुत अच्छी तरह से पढाई करवाएंगे और यह इस बार जरूर पास हो जाएगी."
यह कहकर दोनों भाई रश्मि की ओर देखने लगे. रश्मि ने इस समय एक लाल रंग की टी शर्ट और नीली जींस पहनी हुई थी और बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही थी.
रश्मि उन दोनों की तरफ देखकर औपचारिकतावश मुस्करायी और बोली-"आप लोग नाश्ता शुरू कीजिये -बातें तो सारे दिन होती रहेंगी"
और सब लोग नाश्ता करने में लग गए
नाश्ता करने के बाद नाश्ते की टेबल पर ही मम्मी के सामने यह भी तय हो गया कि मोहित गेस्ट रूम में रहेगा और शोभित पल्ल्वी दीदी के रूम में रहेगा.
शाम को 4 बजे से 6 बजे तक रश्मि को मोहित के पास अंग्रेजी पढ़ने जाना होगा और एक घंटे के ब्रेक के बाद शाम को 7 बजे से 9 बजे तक रश्मि को शोभित के पास गणित पढ़ने जाना होगा.
शेष अगले भाग में ........
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Re: भाई बहन,ननद भाभी और नौकर
Part-18
नाश्ते के बाद जब मोहित और शोभित को यह मालूम पड़ा कि शोभित जिस कुसुम के रूम में ठहरेगा, वह नीचे ग्राउंड फ्लोर पर है और मोहित जिस गेस्ट रूम में ठहरेगा वह फर्स्ट फ्लोर पर मम्मी और रश्मि के बीच वाला रूम है, तो उन दोनों को कुछ अटपटा सा लगा और मम्मी से कहने लगे- "आंटी जी, रश्मि तो अभी कुसुम दीदी के कमरे में रह ही रही है, उसे क्यों डिस्टर्ब करें। हम दोनों ऊपर ही चले जाते है, गेस्ट रूम और रश्मि के रूम में हम दोनो का रहना ठीक रहेगा।"
इससे पहले कि मम्मी कुछ जबाब देतीं, रश्मि ने ही कह दिया-" हाँ मम्मी, ठीक बात है। यही ठीक रहेगा। मैं कुसुम भाभी के कमरे में ही रह जाती हूँ। "
मम्मी को अब शायद मंदिर जाने की जल्दी थी, सो वह बोली -" रश्मि तुझे जो ठीक लगे सो कर ले। इन दोनों को बस कोई तकलीफ ना हो। मुझे भजन कीर्तन के लिए मंदिर जाना है। तुम और अर्जुन सब देख लेना। "
इसके बाद मम्मी तो रोज की तरह मंदिर चली गयी। रश्मि अपने कमरे में गई और एक बैग में अपना सब " जरूरी" सामान लेकर कुसुम के कमरे में ही दुबारा से आ गयी और ऊपर गेस्ट रूम में मोहित और रश्मि के रूम में शोभित ने अपना डेरा जमा दिया।
रश्मि ने उन दोनों को बता दिया कि अगर उन्हें किसी भी चीज़ की जरूरत पड़े तो वे बेझिझक इण्टरकॉम पर अर्जुन को बोल दें।
इसके बाद सब लोग अपने अपने कमरों में, अर्जुन किचिन में और मम्मी मंदिर जा चुकी थी।
रश्मि ने कुसुम के कमरे में दुबारा से आकर राहत की सांस ली क्योंकि यही तो वह कमरा था जिससे किचिन और गेस्ट रूम दोनों पर नज़र रखी जा सकती थी। इसके अलावा अब यहां पर रश्मि बाकी बची हुई पेन ड्राइव और सी डी वगैरा भी चेक कर सकती थी।
इस समय दिन के 11 बज रहे थे। अर्जुन लंच की तैयारी 1 बजे शुरू करता है और 2 बजे टेबल पर लंच लगा देता है।
रश्मि ने अपनी जीन्स और टी शर्ट उतारकर एक हल्का सा गाउन पहन लिया था, जो कई जगहों से पारदर्शी भी था। साइड रूम में जाकर रश्मि ने टी वी स्क्रीन को ऑन कर दिया और गेस्ट रूम पर क्लिक कर दिया। गेस्ट रूम में इस समय मोहित और शोभित दोनों सोफे पर बैठे हुए कुछ सोच रहे थे। मोहित ने शोभित से कहा- " भैया कुछ समझ नही आ रहा है कि कब कैसे और क्या करना है। "
शोभित ने उससे हंसते हुए कहा-" अरे तू टेंशन मत ले। सब हो जाएगा। इसमें इतना सोचने विचारने की भला क्या बात है. कुसुम तो मुझसे 3 साल बड़ी थी लेकिन फिर भी मैंने उसे ब्लैकमेल करके अपनी सेक्स स्लेव बना लिया था- रश्मि को तो मैं आज से ही अपने इशारों पर नचाना शुरू कर दूंगा। "
मोहित फिर से बोला- " में आपकी नही, अपनी बात कर रहा हूँ। पहले 4 बजे रश्मि मेरे पास पढ़ने आएगी। आपको इन चीजों का अनुभव है, मुझे नही है।"
शोभित फिर हंसने लगा- " मोहित तुझे भी उतना ही अनुभव है जितना मुझे है। बस तुझे लगता है याद नही आ रहा है। "
मोहित ने फिर शोभित की तरफ हैरानी से देखा और शोभित उसकी दुविधा समझकर उसे बताने लगा- " तुझे 12 वीं क्लास में कुसुम अंग्रेजी पढ़ाती थी तू उस समय 18 साल का था और कुसुम 22 साल की थी। अब रश्मि भी 12 वीं क्लास में है, 18 साल की है और तू खुद 22 साल का है। जिस तरह कुसुम ने तुझे पढ़ाई के बहाने पेला था, बस उसी तरह तुझे रश्मि को पेलना है। "
शोभित की यह बात सुनकर मोहित का कुछ हौसला तो जरूर बढ़ा लेकिन उसे वह दिन भी याद आ गए जब कुसुम ने अंग्रेजी पढ़ाने और उसमें सज़ा देकर उसे हर रोज जलील किया था। कुसुम ने एक तरह से उसका यौन शोषण ही किया था और वही उसे अब रश्मि के साथ करना है। मोहित इन्ही खयालों में खोया हुआ था और पास बैठा शोभित उसकी टेंशन को समझते हुए उसकी जांघों पर हाथ फिराने लगा।
दोनों ने अपने कमरे में जाकर अपनी जीन्स उतार दी थी और टी शर्ट और निक्कर पहन लिए थे, जिसमे से उन दोनों की जांघों का काफी हिस्सा साफ दिख रहा था।
रश्मि यह सब अपने कमरे में बैठी हुई लाइव देख रही थी और उसे बहुत मज़ा आ रहा था। उसने अर्जुन को इण्टरकॉम पर बोला- " जरा मेरे लिए एक कप चाय लेकर आ "
अर्जुन को चाय का आर्डर देने के बाद रश्मि फिर से गेस्ट रूम के लाइव टेलिकास्ट को देखने लगी। शोभित अभी भी मोहित की जांघों को सहलाये जा रहा था और मोहित उसकी इस हरकत का कोई विरोध भी नही कर रहा था।
शोभित समझ गया था कि मोहित से कुछ नही हो पायेगा क्योंकि वह "डोमिनेटिंग" टाइप का नही बल्कि " सबमिसिव " टाइप का था और रश्मि को क्या किसी को भी अपने काबू में करने के लिए रॉब दाब वाला इंसान होना चाहिए जो शायद मोहित नही था।
शोभित अचानक मोहित से बोला- " देख भाई, तेरा डर दूर करने का एक ही तरीका है कि तुझे पूरी ट्रेनिंग दी जाए कि तुझे रश्मि के साथ कैसे करना है। अब तू सबसे पहले दरवाज़े को अंदर से बंद करके आ, फिर तेरी ट्रेनिंग शुरू करते हैं। "
मोहित उठा और गेस्ट रूम के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। जब वह शोभित की तरफ वापस आने लगा तो शोभित ने उससे कहा- " देख मैं मोहित का रोल कर रहा हूँ और तू अब रश्मि का रोल कर रहा है। जिस तरह से मैं तुम्हारे साथ अब करूंगा वही सब कुछ तुम्हे 4 बजे जब रश्मि तुम्हारे पास पढ़ने आएगी, तुम्हे उसके साथ करना है।"
शोभित अब मोहित की तरफ देखकर बोला- "अब तुम्हारी ट्रेनिंग शुरू होती है।"
इतनी देर में अर्जुन चाय लेकर रश्मि के पास आ गया- " मेमसाब चाय "
अर्जुन चाय देकर चला गया तो रश्मि ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और आगे का लाइव टेलिकास्ट देखने लगी।
शोभित ने सोफे पर बैठे बैठे अपने दोनों पैरों को फैला लिया और मोहित से सख्त आवाज़ में कहा- " इधर आकर बैठ मेरे पास "
मोहित तुरंत ही फर्श पर शोभित की दोनों टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया। शोभित के निक्कर के अंदर उसका लंड पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया था जिसे वह अपने एक हाथ से सहला भी रहा था।
अचानक शोभित अपने एक हाथ को मोहित के गाल पर ले गया और उसे थोड़ी देर सहलाने के बाद उसके गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारते हुए बोला- " एक घंटे से मैं तुझे यह लेसन याद कराने की कोशिस कर रहा हूँ लेकिन तुम्हारा तो पढ़ाई लिखाई में मन ही नहीं लगता है। यह कहते ही शोभित ने मोहित के दूसरे गाल पर भी थप्पड़ लगा दिया और बोला - " चल अब तुझे सज़ा देनी ही पड़ेगी, तभी तेरा मन पढ़ाई में लगेगा। चल खड़ा हो जा। "
मोहित खड़ा हो गया
" कपड़े उतार अपने " शोभित ने अपने निक्कर के अंदर तने हुए लंड को सहलाते हुए मोहित से कहा
मोहित बिना किसी विरोध के अपने कपड़े उतारने लगा। टी शर्ट के बाद उसने अपना निक्कर भी उतार दिया। अब उसके बदन पर सिर्फ एक अंडरवियर बचा था। शोभित ने कुछ देर उसके अंडरवियर के ऊपर ही अपना हाथ फिराया । मोहित का लंड भी सख्त होकर तन गया था। शोभित खाया खेला खिलाड़ी था और मोहित को ट्रेनिंग देने के बहाने ही उसका यौन शोषण कर रहा था।
काफी देर तक मोहित के अंडरवियर में कैद लंड को सहलाने के बाद शोभित ने मोहित से कहा - " चल अब इसे भी उतार "
मोहित ने अंडरवियर उतार दिया और अपने तने हुए लंड को अपने दोनों हाथों से ढकने लगा।
शोभित अपने लंड को निक्कर के ऊपर से ही सहलाता हुआ मोहित से बोला
- " दोनों हाथों से अपने कान पकड़ो और गिनकर 100 उठक बैठकें लगाओ और गिनती भी बोलते रहो। गिनती नही बोली तो वह उठक बैठक काउंट नही होगी। चलो शुरू हो जाओ। "
मोहित कान पकड़कर उठक बैठक लगाने लगा और गिनती भी बोल रहा था। शोभित अपने सामने अपने से मात्र 2 साल छोटे भाई को निर्वस्त्र अवस्था में उठक बैठक लगवा रहा था और इसी उत्तेजना में उसका लंड बेकाबू हुए जा रहा था।
मोहित लगभग 50 उठक बैठक लगाकर ही काफी थक गया और रुककर बोला- " बस भाई अब और नही हो रहा है बहुत थक गया हूँ। "
शोभित ने दरियादिली दिखाते हुए मोहित से कहा - " कोई बात नही, तेरी बाकी की सज़ा मैं माफ करता हूँ। अब तू इधर आकर मेरी टाँगों के बीच मे बैठ। "
मोहित अब फर्श पर शोभित की दोनों टाँगों के बीच मे बैठा हुआ था। शोभित ने अपने निक्कर में से अपने तने हुए लंड को बाहर निकाला और उसे मोहित के होंठों पर घुमाने लगा। जब शोभित को लगा कि अब लंड पूरी तरह गर्म हो चुका है तो उसने मोहित को आर्डर दिया- " मुंह खोलकर इसे अंदर लो और अपनी जीभ इसके ऊपर फिराओ। इसके अंदर से जो रस निकलेगा उसे सारा का सारा तुझे पीना है। एक बूंद भी नीचे गिरी तो और सख्त सजा मिलेगी। "
इसके बाद मोहित ने शोभित के लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया और उस पर अपनी जीभ फिरा फिराकर उसे चाटने लगा। शोभित तो मानों बैठे बिठाए जन्नत में पहुंच गया था। बीच बीच मे शोभित यह कहते हुए मोहित के दोनों गालों पर चपत लगाता रहा कि - " ठीक से चाटो। ठीक से चूसो। "
कुछ देर बाद शोभित के लंड ने मोहित के मुंह मे अपने वीर्य रस की पिचकारी छोड़ दी जिसे मोहित एक आज्ञाकारी स्टूडेंट की तरह चुपचाप पी गया।
रश्मि जो इस सारे तमाशे का लाइव टेलिकास्ट देख रही थी, अब उसने रिकॉर्ड का बटन ऑफ कर दिया और इस रिकॉर्ड की गई फ़िल्म को एक पेन ड्राइव में ट्रांसफर करने लगी।
शेष अगले भाग में.....
नाश्ते के बाद जब मोहित और शोभित को यह मालूम पड़ा कि शोभित जिस कुसुम के रूम में ठहरेगा, वह नीचे ग्राउंड फ्लोर पर है और मोहित जिस गेस्ट रूम में ठहरेगा वह फर्स्ट फ्लोर पर मम्मी और रश्मि के बीच वाला रूम है, तो उन दोनों को कुछ अटपटा सा लगा और मम्मी से कहने लगे- "आंटी जी, रश्मि तो अभी कुसुम दीदी के कमरे में रह ही रही है, उसे क्यों डिस्टर्ब करें। हम दोनों ऊपर ही चले जाते है, गेस्ट रूम और रश्मि के रूम में हम दोनो का रहना ठीक रहेगा।"
इससे पहले कि मम्मी कुछ जबाब देतीं, रश्मि ने ही कह दिया-" हाँ मम्मी, ठीक बात है। यही ठीक रहेगा। मैं कुसुम भाभी के कमरे में ही रह जाती हूँ। "
मम्मी को अब शायद मंदिर जाने की जल्दी थी, सो वह बोली -" रश्मि तुझे जो ठीक लगे सो कर ले। इन दोनों को बस कोई तकलीफ ना हो। मुझे भजन कीर्तन के लिए मंदिर जाना है। तुम और अर्जुन सब देख लेना। "
इसके बाद मम्मी तो रोज की तरह मंदिर चली गयी। रश्मि अपने कमरे में गई और एक बैग में अपना सब " जरूरी" सामान लेकर कुसुम के कमरे में ही दुबारा से आ गयी और ऊपर गेस्ट रूम में मोहित और रश्मि के रूम में शोभित ने अपना डेरा जमा दिया।
रश्मि ने उन दोनों को बता दिया कि अगर उन्हें किसी भी चीज़ की जरूरत पड़े तो वे बेझिझक इण्टरकॉम पर अर्जुन को बोल दें।
इसके बाद सब लोग अपने अपने कमरों में, अर्जुन किचिन में और मम्मी मंदिर जा चुकी थी।
रश्मि ने कुसुम के कमरे में दुबारा से आकर राहत की सांस ली क्योंकि यही तो वह कमरा था जिससे किचिन और गेस्ट रूम दोनों पर नज़र रखी जा सकती थी। इसके अलावा अब यहां पर रश्मि बाकी बची हुई पेन ड्राइव और सी डी वगैरा भी चेक कर सकती थी।
इस समय दिन के 11 बज रहे थे। अर्जुन लंच की तैयारी 1 बजे शुरू करता है और 2 बजे टेबल पर लंच लगा देता है।
रश्मि ने अपनी जीन्स और टी शर्ट उतारकर एक हल्का सा गाउन पहन लिया था, जो कई जगहों से पारदर्शी भी था। साइड रूम में जाकर रश्मि ने टी वी स्क्रीन को ऑन कर दिया और गेस्ट रूम पर क्लिक कर दिया। गेस्ट रूम में इस समय मोहित और शोभित दोनों सोफे पर बैठे हुए कुछ सोच रहे थे। मोहित ने शोभित से कहा- " भैया कुछ समझ नही आ रहा है कि कब कैसे और क्या करना है। "
शोभित ने उससे हंसते हुए कहा-" अरे तू टेंशन मत ले। सब हो जाएगा। इसमें इतना सोचने विचारने की भला क्या बात है. कुसुम तो मुझसे 3 साल बड़ी थी लेकिन फिर भी मैंने उसे ब्लैकमेल करके अपनी सेक्स स्लेव बना लिया था- रश्मि को तो मैं आज से ही अपने इशारों पर नचाना शुरू कर दूंगा। "
मोहित फिर से बोला- " में आपकी नही, अपनी बात कर रहा हूँ। पहले 4 बजे रश्मि मेरे पास पढ़ने आएगी। आपको इन चीजों का अनुभव है, मुझे नही है।"
शोभित फिर हंसने लगा- " मोहित तुझे भी उतना ही अनुभव है जितना मुझे है। बस तुझे लगता है याद नही आ रहा है। "
मोहित ने फिर शोभित की तरफ हैरानी से देखा और शोभित उसकी दुविधा समझकर उसे बताने लगा- " तुझे 12 वीं क्लास में कुसुम अंग्रेजी पढ़ाती थी तू उस समय 18 साल का था और कुसुम 22 साल की थी। अब रश्मि भी 12 वीं क्लास में है, 18 साल की है और तू खुद 22 साल का है। जिस तरह कुसुम ने तुझे पढ़ाई के बहाने पेला था, बस उसी तरह तुझे रश्मि को पेलना है। "
शोभित की यह बात सुनकर मोहित का कुछ हौसला तो जरूर बढ़ा लेकिन उसे वह दिन भी याद आ गए जब कुसुम ने अंग्रेजी पढ़ाने और उसमें सज़ा देकर उसे हर रोज जलील किया था। कुसुम ने एक तरह से उसका यौन शोषण ही किया था और वही उसे अब रश्मि के साथ करना है। मोहित इन्ही खयालों में खोया हुआ था और पास बैठा शोभित उसकी टेंशन को समझते हुए उसकी जांघों पर हाथ फिराने लगा।
दोनों ने अपने कमरे में जाकर अपनी जीन्स उतार दी थी और टी शर्ट और निक्कर पहन लिए थे, जिसमे से उन दोनों की जांघों का काफी हिस्सा साफ दिख रहा था।
रश्मि यह सब अपने कमरे में बैठी हुई लाइव देख रही थी और उसे बहुत मज़ा आ रहा था। उसने अर्जुन को इण्टरकॉम पर बोला- " जरा मेरे लिए एक कप चाय लेकर आ "
अर्जुन को चाय का आर्डर देने के बाद रश्मि फिर से गेस्ट रूम के लाइव टेलिकास्ट को देखने लगी। शोभित अभी भी मोहित की जांघों को सहलाये जा रहा था और मोहित उसकी इस हरकत का कोई विरोध भी नही कर रहा था।
शोभित समझ गया था कि मोहित से कुछ नही हो पायेगा क्योंकि वह "डोमिनेटिंग" टाइप का नही बल्कि " सबमिसिव " टाइप का था और रश्मि को क्या किसी को भी अपने काबू में करने के लिए रॉब दाब वाला इंसान होना चाहिए जो शायद मोहित नही था।
शोभित अचानक मोहित से बोला- " देख भाई, तेरा डर दूर करने का एक ही तरीका है कि तुझे पूरी ट्रेनिंग दी जाए कि तुझे रश्मि के साथ कैसे करना है। अब तू सबसे पहले दरवाज़े को अंदर से बंद करके आ, फिर तेरी ट्रेनिंग शुरू करते हैं। "
मोहित उठा और गेस्ट रूम के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। जब वह शोभित की तरफ वापस आने लगा तो शोभित ने उससे कहा- " देख मैं मोहित का रोल कर रहा हूँ और तू अब रश्मि का रोल कर रहा है। जिस तरह से मैं तुम्हारे साथ अब करूंगा वही सब कुछ तुम्हे 4 बजे जब रश्मि तुम्हारे पास पढ़ने आएगी, तुम्हे उसके साथ करना है।"
शोभित अब मोहित की तरफ देखकर बोला- "अब तुम्हारी ट्रेनिंग शुरू होती है।"
इतनी देर में अर्जुन चाय लेकर रश्मि के पास आ गया- " मेमसाब चाय "
अर्जुन चाय देकर चला गया तो रश्मि ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और आगे का लाइव टेलिकास्ट देखने लगी।
शोभित ने सोफे पर बैठे बैठे अपने दोनों पैरों को फैला लिया और मोहित से सख्त आवाज़ में कहा- " इधर आकर बैठ मेरे पास "
मोहित तुरंत ही फर्श पर शोभित की दोनों टाँगों के बीच घुटनों के बल बैठ गया। शोभित के निक्कर के अंदर उसका लंड पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया था जिसे वह अपने एक हाथ से सहला भी रहा था।
अचानक शोभित अपने एक हाथ को मोहित के गाल पर ले गया और उसे थोड़ी देर सहलाने के बाद उसके गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारते हुए बोला- " एक घंटे से मैं तुझे यह लेसन याद कराने की कोशिस कर रहा हूँ लेकिन तुम्हारा तो पढ़ाई लिखाई में मन ही नहीं लगता है। यह कहते ही शोभित ने मोहित के दूसरे गाल पर भी थप्पड़ लगा दिया और बोला - " चल अब तुझे सज़ा देनी ही पड़ेगी, तभी तेरा मन पढ़ाई में लगेगा। चल खड़ा हो जा। "
मोहित खड़ा हो गया
" कपड़े उतार अपने " शोभित ने अपने निक्कर के अंदर तने हुए लंड को सहलाते हुए मोहित से कहा
मोहित बिना किसी विरोध के अपने कपड़े उतारने लगा। टी शर्ट के बाद उसने अपना निक्कर भी उतार दिया। अब उसके बदन पर सिर्फ एक अंडरवियर बचा था। शोभित ने कुछ देर उसके अंडरवियर के ऊपर ही अपना हाथ फिराया । मोहित का लंड भी सख्त होकर तन गया था। शोभित खाया खेला खिलाड़ी था और मोहित को ट्रेनिंग देने के बहाने ही उसका यौन शोषण कर रहा था।
काफी देर तक मोहित के अंडरवियर में कैद लंड को सहलाने के बाद शोभित ने मोहित से कहा - " चल अब इसे भी उतार "
मोहित ने अंडरवियर उतार दिया और अपने तने हुए लंड को अपने दोनों हाथों से ढकने लगा।
शोभित अपने लंड को निक्कर के ऊपर से ही सहलाता हुआ मोहित से बोला
- " दोनों हाथों से अपने कान पकड़ो और गिनकर 100 उठक बैठकें लगाओ और गिनती भी बोलते रहो। गिनती नही बोली तो वह उठक बैठक काउंट नही होगी। चलो शुरू हो जाओ। "
मोहित कान पकड़कर उठक बैठक लगाने लगा और गिनती भी बोल रहा था। शोभित अपने सामने अपने से मात्र 2 साल छोटे भाई को निर्वस्त्र अवस्था में उठक बैठक लगवा रहा था और इसी उत्तेजना में उसका लंड बेकाबू हुए जा रहा था।
मोहित लगभग 50 उठक बैठक लगाकर ही काफी थक गया और रुककर बोला- " बस भाई अब और नही हो रहा है बहुत थक गया हूँ। "
शोभित ने दरियादिली दिखाते हुए मोहित से कहा - " कोई बात नही, तेरी बाकी की सज़ा मैं माफ करता हूँ। अब तू इधर आकर मेरी टाँगों के बीच मे बैठ। "
मोहित अब फर्श पर शोभित की दोनों टाँगों के बीच मे बैठा हुआ था। शोभित ने अपने निक्कर में से अपने तने हुए लंड को बाहर निकाला और उसे मोहित के होंठों पर घुमाने लगा। जब शोभित को लगा कि अब लंड पूरी तरह गर्म हो चुका है तो उसने मोहित को आर्डर दिया- " मुंह खोलकर इसे अंदर लो और अपनी जीभ इसके ऊपर फिराओ। इसके अंदर से जो रस निकलेगा उसे सारा का सारा तुझे पीना है। एक बूंद भी नीचे गिरी तो और सख्त सजा मिलेगी। "
इसके बाद मोहित ने शोभित के लंड को अपने मुंह के अंदर ले लिया और उस पर अपनी जीभ फिरा फिराकर उसे चाटने लगा। शोभित तो मानों बैठे बिठाए जन्नत में पहुंच गया था। बीच बीच मे शोभित यह कहते हुए मोहित के दोनों गालों पर चपत लगाता रहा कि - " ठीक से चाटो। ठीक से चूसो। "
कुछ देर बाद शोभित के लंड ने मोहित के मुंह मे अपने वीर्य रस की पिचकारी छोड़ दी जिसे मोहित एक आज्ञाकारी स्टूडेंट की तरह चुपचाप पी गया।
रश्मि जो इस सारे तमाशे का लाइव टेलिकास्ट देख रही थी, अब उसने रिकॉर्ड का बटन ऑफ कर दिया और इस रिकॉर्ड की गई फ़िल्म को एक पेन ड्राइव में ट्रांसफर करने लगी।
शेष अगले भाग में.....
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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