भाई बहन,ननद भाभी और नौकर

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mastram
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Re: भाई बहन,ननद भाभी और नौकर

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PART-34
पल्ल्वी के साथ अर्जुन उसके कमरे में जैसे ही पहुंचा, उसने दरवाज़े को अंदर से बंद कर लिया और अपने हाथ की छड़ी को भी एक तरफ रख दिया. पल्ल्वी उसके आगे निर्वस्त्र अवस्था में अपने दोनों हाथों को ऊपर किये हुए खड़ी थी. यह सीन देखकर अर्जुन का लण्ड बेकाबू हुआ जा रहा था. उसने आगे बढ़कर अपने बदन को पल्ल्वी के बदन से सटा लिया और अपने दोनों हाथों से उसके उन्नत उरोजों को दबाने सहलाने और मसलने लगा. निक्कर में बंद उसका तना हुआ लण्ड पल्ल्वी के नितम्बों में धंसा जा रहा था जिसे पल्ल्वी बखूबी महसूस कर रही थी. उसके सीने की मस्त गोलाइओं को जी भरकर मसलने के बाद अर्जुन के हाथ उसके चिकने पेट को सहलाते हुए उसके योनि प्रदेश तक पहुंचकर रुक गए और अर्जुन उसके चिकने योनि प्रदेश पर अपनी हथेली को फिराने लगा.
पल्ल्वी यकायक अर्जुन से गिड़गिड़ाते हुए बोली-" क्या मैं अपने हाथ अब नीचे कर लूँ. बहुत दर्द हो रहा है."
अर्जुन से पल्ल्वी जिस तरह से हाथ नीचे करने की परमिशन मांग रही थी, उसके सुनकर अर्जुन का लण्ड और भी तन गया
उसने पल्ल्वी से कहा- " ठीक है, अब अपने हाथ नीचे कर लो"
पल्ल्वी ने अपने हाथ नीचे कर लिए
अर्जुन अब सोफे पर बैठ गया और उसने पल्ल्वी को अपनी गोद में बिठा लिया. अब अर्जुन ने दुबारा से पल्ल्वी के बदन को जगह जगह से चूमना चाटना और सहलाना शुरू कर दिया. पल्ल्वी के गलों और चेहरे पर चुम्बनों की झड़ी लगाते हुए अर्जुन ने उसके होंठों को इमरान हाशमी स्टाइल में चूमना शुरू कर दिया. पल्ल्वी की तरफ से अर्जुन की हरकतों का कोई विरोध नहीं हो रहा था -यह देखकर अर्जुन की हिम्मत और भी बढ़ गयी. उसने अब पल्ल्वी को कुछ ट्रेनिंग देने का मन बनाया और उससे कहा-" यहां फर्श पर मेरी दोनों टांगों के बीच में बैठो"
पल्ल्वी अब अर्जुन की गोद से उठकर फर्श पर उसकी दोनों टांगों के बीच में बैठ गयी.अर्जुन ने अपनी दोनों जाँघों के बीच उसके चेहरे को एडजस्ट किया.अब अर्जुन के निक्कर में तना हुआ लण्ड एकदम पल्ल्वी के होंठों के सामने था लेकिन वह फिलहाल निक्कर में बंद था. अर्जुन ने अब पल्ल्वी के दोनों गालों पर हलकी हलकी चपत लगाई और बोला- " तुम अगर मुझे इसी तरह सहयोग देती रहोगी तो तुम्हारे लिए बेहतर होगा वरना तुम्हारी जिंदगी यहां अब नर्क से बदतर बना दी जाएगी. तुम्हारे इस खूबसूरत बदन पर अब सिर्फ मेरा अधिकार है. रश्मि मेम साब भी तुम्हे अपने तरीके से इस्तेमाल करेंगी लेकिन उनके अलावा अब मैं भी तुम्हारा पूरा इस्तेमाल अपनी मौज़ मस्ती के लिए करूंगा. तुम एक तरह से मेरी सेक्स स्लेव बनकर रहोगी. बोलो तुम्हे यह सब मंजूर है या नहीं ? "
पल्ल्वी बोल पडी-" मुझे यह सब मंजूर है."
अर्जुन बोला : " ऐसे नहीं. जैसे मैं कहता हूँ वैसे बोलकर सुनाओ. चलो अब खड़ी हो जाओ और २५ बार कान पकड़कर उठक बैठक लगाते हुए हर बार यह बोलो कि मैं अर्जुन की सेक्स स्लेव हूँ."
पल्ल्वी खड़ी होकर कान पकड़कर उठक बैठक लगाने लगी. हर उठक बैठक के बाद वह यह भी बोल रही थी-" मैं अब अर्जुन की सेक्स स्लेव हूँ."
अर्जुन एकदम मस्ती में आ चुका था- उसने इतना मज़ा आज तक जिंदगी में कभी नहीं लिया था- उससे उम्र में लगभग ८ साल बड़ी खूबसूरत जवान मालकिन उसकी सेक्स स्लेव बनकर उसके आगे निर्वस्त्र अवस्था में कान पकड़कर उठक बैठक लगा रही थी और अपने आप को सेक्स स्लेव भी बनना कबूल कर रही थी.
अर्जुन ने अब अपना निक्कर उतार दिया और पल्ल्वी से बोला-" आओ मेरी सेक्स स्लेव, अब अपने मुंह में लेकर मेरा यह खड़ा लण्ड चूसो और इसका सारा जूस पी जाओ."
पल्ल्वी एक एक्सपर्ट की तरह अर्जुन के लण्ड को अपने मुंह में लेकर उस पर अपनी जीभ घुमा फिराकर उसे चूमने चाटने लगी. अर्जुन का लण्ड तो पल्ल्वी पहले भी चूस चुकी थी लेकिन तब उसने कंडोम लगाकर अर्जुन के लण्ड को चूसा था. आज वह नंगे लण्ड को अपने मुंह में लेकर अर्जुन को अकल्पनीय आनंद दे रही थी. कुछ देर बाद अर्जुन ने अपने लण्ड की पिचकारी छोड़ी और पल्ल्वी उसके सारे जूस को पी गयी.
अर्जुन ने अब पल्ल्वी से कहा-" लण्ड देखो बहुत गीला हो गया है. इसे अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ करो."
पल्ल्वी ने लण्ड के ऊपर अपनी जीभ फिर फिराकर उसे साफ़ कर दिया लेकिन इस तमाशे में अर्जुन का लण्ड दुबारा से तनकर खड़ा हो गया
अब अर्जुन ने पल्ल्वी को पकड़कर उठा लिया और उसके नितम्बों को सहलाते हुए बोला- " जाओ, कंडोम लेकर आओ"
पल्ल्वी भला कंडोम कहाँ से लाती. उसने कहा-" मेरे पास तो कंडोम नहीं हैं"
अर्जुन हंसकर बोला-" कोई बात नहीं. आज मई दे देता हूँ. कल से तुम्हारे पास ही कंडोम होने चाहिए." इसके बाद अर्जुन ने अपना निक्कर फटाफट पहना और जल्दी से नीचे अपने कमरे में कंडोम लेने चला गया. कुछ ही देर में अर्जु कंडोम के दो पैकेट लेकर वापस आया और उसे पल्ल्वी को पकड़ाते हुए बोला-" यह रख लो और इनमे से एक कंडोम निकलकर मेरे लण्ड पर चढ़ाओ"
पल्ल्वी ने एक कंडोम निकल लिया और बाकी के कंडोम अपनी अलमारी में रख दिए. इसके बाद वह फर्श पर बैठकर अपने हाथ में लिए कंडोम को अर्जुन ले लण्ड पर चढाने लगी. अर्जुन के लण्ड का साइज उत्तेजना से बढ़ता ही जा रहा था.
अर्जुन ने एक बार फिर से अपने कंडोम चढ़े लण्ड को पल्ल्वी के होंठों पर सहलाया और उससे बोला-" अब जाओ और बिस्तर पर अपनी टाँगे फैलाकर लेट जाओ. अब तुम्हारे साथ की मौज मस्ती आज आखिरी बार की जाएगी."
पल्ल्वी अर्जुन के हुक्म का पालन करते हुए अपने बिस्तर पर जाकर लेट गयी और अपनी टाँगे फैलाकर अर्जुन का इंतज़ार करने लगी. अर्जुन कुछ देर बाद उसके पास पहुंचा और उसके बदन को जगह जगह चूमते चाटते और सहलाते हुए अपने कंडोम चढ़े तने लण्ड को पल्ल्वी की योनि में डालकर उसके साथ जबरदस्त तरीके से सेक्स करने लगा. दोनों को कुछ ही देर में अपनी अपनी जन्नत मिल गयी.
कुछ देर तक दोनों बिस्तर पर इसी तरह लेते रहे और अर्जुन उसके बदन पर अपना हाथ फिरता रहा. इसके बाद अर्जुन वहां से उठा और अपने कपडे पहनते हुए बोला-" अब मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ. तुम भी सो जाओ. बाकी की मस्ती तुम्हारे साथ कल की जाएगी."
शेष अगले भाग में ......
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mastram
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PART-35
अगले दिन सुबह ९ बजे नाश्ते की टेबल पर मम्मी और पल्ल्वी की काफी देर बातचीत होती रही. पल्ल्वी अपने १५ दिनों का लेखा जोखा और पापा की तबियत के बारे में मम्मी को बता रही थी. मम्मी ने रश्मि की पढाई के बारे में पल्ल्वी से कुछ पुछा तो पल्ल्वी ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा-" मंम्मी जी, मोहित और शोभित ने रश्मि को अच्छी तरह से पढाई पूरी करवा दी है, अब बस इसे प्रेक्टिस करने की जरूरत है जो यह कर भी रही है-इस बार यह जरूर पास हो जाएगी."
पल्ल्वी की इस बात को सुनकर मम्मी बहुत खुश हुईं और इस तरह से सब लोग दस बजे के आसपास नाश्ता करके अपने अपने कमरों में चले गए. रश्मि को पता था की अब मजबूरी में पल्ल्वी को उसकी तारीफ़ मम्मी से करनी पड़ रही है लेकिन उसका पल्ल्वी के प्रति गुस्सा अभी भी कायम था और उसने पल्ल्वी से बदला लेने के लिए अर्जुन के साथ मिलकर उसे ज़लील करने के कई प्लान बना रखे थे.
रोजाना की तरह जब ११ बजे के करीब मम्मी मंदिर के लिए रवाना हो गयीं तो रश्मि ने अर्जुन को इण्टरकॉम किया-" क्या कर रहे हो अर्जुन ?"
अर्जुन बोला-" जी मेम साब मैं तो अब नाश्ता कर रहा हूँ. उसके बाद किचिन की सफाई वगैरा करूंगा और बर्तन वगैरा साफ़ कर्रूँगा. लेकिन आप यह सब क्यों पूछ रही हैं, यह तो मैं रोज ही करता हूँ."
रश्मि ने उससे कहा-" बेबकूफ तू यह सब काम करेगा तो पल्ल्वी क्या करेगी? "
रश्मि ने तो यह कहकर फोन काट दिया लेकिन अर्जुन के दिमाग की घंटी उसने बजा दी थी. अर्जुन समझ गया था कि रश्मि मेम साब क्या कह रही थीं और उनका क्या मतलब है.
नाश्ता ख़त्म करने के बाद अर्जुन ने पल्ल्वी के कमरे में फोन लगाया और पल्ल्वी के फोन उठाते ही उससे बोला-" नीचे किचिन में आओ फटाफट."
पल्ल्वी कुछ ही देर में अपने कमरे से निकली और नीचे किचिन में पहुँच गयी जहां अर्जुन खड़ा उसका इंतज़ार कर रहा था. पल्ल्वी ने हल्के नीले रंग की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज और पेटीकोट पहना हुआ था.
अर्जुन पल्ल्वी को देखते ही उससे बोला-" चलो इधर आकर किचिन की सफाई करो, बर्तन साफ़ करो और मेरे साइड रूम की भी सफाई करो."
पल्ल्वी एकदम हैरान परेशान होकर कहने लगी-" लेकिन यह सब काम तो तुम्हे करने होते हैं- तुम्हे इसी बात की तनखा मिलती है."
अर्जुन को लगा कि रात उसने जो पल्ल्वी को इतनी ट्रेनिंग दी थी वह सब बेकार हो गयी और यह तो अपने पुराने रंग में आने लगी.
उसने पल्ल्वी की साड़ी का पल्लू पकड़कर उसे खींचते हुए उसकी साड़ी उतारते हुए कहा-" अब तू मुझसे जुबान लड़ाएगी और मुझे बताएगी कि मुझे क्या करना है और तुझे क्या करना है. जल्दी से शुरू हो जा वरना तुझे पूरी तरह नंगा करके तुझसे वही सब काम करवाऊंगा."
पल्ल्वी अब सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी और उसकी साड़ी को अर्जुन ने उतारकर एक तरफ फेंक दिया था.
पल्ल्वी अब अर्ध नग्न अवस्था में ही किचिन में बर्तन साफ़ करने लगी -अर्जुन उसके पास ही खड़ा होकर उसके पेटीकोट में कैसे हुए नितम्बों को बीच बीच में सहला रहा था -बर्तन साफ़ करने के बाद पल्ल्वी किचिन की सफाई करने लगी. किचिन की सफाई करके जब पल्ल्वी अर्जुन के साइड रूम में सफाई करने आयी तो अर्जुन ने उसे आर्डर दिया-" अपनी ब्लाउज और पेटीकोट भी उतारो- फिर मेरे कमरे की सफाई करो."
पल्ल्वी बेबस थी. उसने अपनी ब्लाउज और पेटीकोट भी उतार दिए और अब सिर्फ एक ब्रा और पेंटी में ही हाथ में पोंछा लेकर अर्जुन के कमरे में फर्श पर बैठकर सफाई करने लगी. अर्जुन पल्ल्वी के पीछे पीछे ही चल रहा था और अपने हाथ में पकड़ी हुयी छड़ी को पल्ल्वी के नितम्बों पर मार-मार कर बार-बार कह रहा था-" ठीक से करो सफाई. ठीक से लगाओ पोछा."
जब पल्ल्वी फर्श पर पोछा लगाकर खड़ी हुई तो अर्जुन ने उसके चिकने पेट पर अपना हाथ फिरते हुए उसे अपने गिरफ्त में ले लिया और अपने खड़े हुए लन्ड को उसके नितम्बो पर रगड़ते हुए बोला-" आज से सारे घर का झाड़ू पोछा,सफाई और बर्तन वगैरा की सफाई तुम्हे ही करनी है-मुझे दुबारा न कहना पड़े. समझी या नहीं ?"
पल्ल्वी कुछ नहीं बोली तो अर्जुन ने एक थप्पड़ उसके गाल पर लगा दिया -" बोल समझी कि नहीं ?"
पल्ल्वी अब फटाफट बोल पडी-" हाँ समझ गयी, सारे घर की साफ़-सफाई, झाड़ू पोछा और बर्तन वगैरा आज से मैं ही साफ़ करूंगी."
इसके बाद अर्जुन ने पल्ल्वी को अपने हाथों में उठा लिया और उसे अपने बिस्तर पर लाकर लिटा दिया. अर्जुन ने अब अपनी टी शर्ट, निक्कर और अंडरवियर भी उतार फेंका और पल्ल्वी के बदन को सब जगह से दबाने सहलाने लगा -उसने पल्ल्वी की ब्रा और पेंटी भी अब उतार दी थीं और दोनों अब पूरी तरह नंगे होकर मौज़ मस्ती कर रहे थे.
अर्जुन पल्ल्वी के चेहरे पर अपना चेहरा रगड़ते हुए उसके रसीले होंठों को चूमने लगा -उसका लन्ड लगातार बड़ा होता जा रहा था लेकिन उसे फिर से ध्यान आया कि वह सारे कंडोम तो पल्ल्वी के कमरे में ही रख आया है. उसने यह फैसला किया कि अभी पूरा दिन पड़ा है, फिलहाल पल्ल्वी से अपना लण्ड चुसवा कर ही अभी की गर्मी शांत कर ली जाए.
उसने पल्ल्वी से कहा-" चल बिस्तर से उठ और फर्श अपर बैठकर मेरा लण्ड चूस."
पल्ल्वी बिस्तर से उठकर फर्श पर अर्जुन की दोनों टांगों के बीच में बैठ गयी और अर्जुन के लण्ड को अपने मुंह में रखकर उसे चूमने सहलाने लगी."
जब अर्जुन का क्लाइमेक्स आया तो उसने पल्ल्वी के मुंह में अपने लण्ड की पिचकारी छोड़ दी जिसे पल्ल्वी खुशी खुशी पी गयी.
रश्मि अपने कमरे के टी वी स्क्रीन पर अर्जुन और पल्ल्वी का यह सारा खेल तमाशा देख रही थी. उसे लगा कि अब अर्जुन का काम निपट गया है तो उसने अर्जुन को फोन लगा दिया-" अर्जुन किचिन की सफाई के बाद पल्ल्वी को मेरे कमरे में ले आना -यहां भी कब से सफाई नहीं हुई है और पोछा भी ठीक से नहीं लगा है."
अर्जुन ने अब पल्ल्वी से कहा-" चलो अब तुम्हे रश्मि मेम साब के कमरे की भी सफाई करनी है."
अर्जुन जब पल्ल्वी को लेकर रश्मि के कमरे में पहुंचा तो रश्मि सोफे पर आराम से बैठी हुई टी वी पर फ़िल्मी गाने सुन रही थी. पल्ल्वी को पूरी तरह निर्वस्त्र देखकर रश्मि की उत्तेजना एकदम बढ़ गयी लेकिन फिलहाल उसने अपनी उत्तेजना को दबाते हुए पल्ल्वी को आदेश दिया-" कमरे की सफाई बाद में करना.पहले ऐसा करो फर्श पर पोछा लगा दो."
पल्ल्वी वाशरूम से पोछा ले आयी और फर्श पर अधलेटी होकर पोछा लगाने लगी. अर्जुन का लण्ड पल्ल्वी के इस सेक्सी पोज को देखकर दुबारा से खड़ा हो गया था. वह उसके नितम्बों पर लगातार छड़ी मार मार कर ठीक से पोछा लगाने का निर्देश दे रहा था.
जब पल्ल्वी फर्श पर पोछा लगाकर उठने लगी तो रश्मि ने उसे टोक दिया-" इधर आओ मेरे पास और मेरे पैरों की भी सफाई करो."
पल्ल्वी फर्श पर बैठकर रश्मि के पैरों पर पोछा लगाने ही वाली थी कि रश्मि ने उसके एक जोर का थप्पड़ रसीद किया और बोली-" बेबकूफ, मेरे पैरों को पोछे से नहीं, अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ कर. अर्जुन तुम यहीं खड़े रहो और पीछे से इसके नितम्बों पर लगातार छड़ी मार मार कर इसे याद दिलाते रहो कि इसे मेरे पैरों की किस तरह से सफाई करनी है."
" जी मेम सब" कहकर अर्जुन ने पल्ल्वी के नितम्बों पर लगातर दो-तीन छड़ी लगा दीं और बोला-" मेम साब के पैरों को अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ करो."
रश्मि लगातार अपने फोन में पल्ल्वी के इस तरह ज़लील होने का वीडियो भी बनाती जा रही थी. पैरों की सफाई के बाद, रश्मि ने पल्ल्वी से कहा-" अब मेरे पैरों के तलवे भी चाटो."
और पल्ल्वी रश्मि के तलवे भी चाटने लगी.
इसके बाद पल्ल्वी से रश्मि ने अपने पूरे कमरे की सफाई भी करवाई-सफाई के दौरान कभी अर्जुन और कभी रश्मि पल्ल्वी के शरीर को जगह जगह से दबा सहलाकर उसे ज़लील करते रहे, जिसे पल्ल्वी चुपचाप सहन करती रही.
सफाई और झाड़ू-पोछा के बहाने पल्ल्वी के बदन के साथ खिलवाड़ करते करते साढ़े बारह बज गए थे. अब रश्मि ने पल्ल्वी से कहा-" अब अपने कमरे में जाकर आराम कर लो.लंच के बाद दुबारा से तुम्हारी खबर ली जाएगी."
पल्ल्वी फटाफट अपने कमरे की तरफ दौड़ गयी.
रश्मि ने अर्जुन से कहा-" अब तुम दोपहर के खाने का इंतज़ाम करो. मेरी बात को ध्यान से सुना करो. खाना तुम्हे खुद ही बनाना है-पल्ल्वी की कोई मदद खाना बनाने में नहीं लेनी है."
" जी मेम साब समझ गया." कहकर अर्जुन खाना बनाने के लिए किचिन की तरफ चला गया.
शेष अगले भाग में...
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mastram
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PART-36
अर्जुन ने खाना तैयार कर दिया था और पल्ल्वी समेत सभी लोगों ने अपना अपना लंच २ बजे तक निपटा लिया था- इसके बाद सब लोग अपने अपने कमरे में आराम कर रहे थे.
अर्जुन भी अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था. यकायक उसे कुछ ख्याल आया और उसने पल्ल्वी को फोन लगा दिया-" नीचे किचिन में आओ"
पल्ल्वी कुछ ही देर में किचिन में हाज़िर हो गयी
अर्जुन ने पल्ल्वी की तरफ देखा और बिस्तर पर लेटे लेटे ही बोला-" खाने के बर्तन साफ़ करो और उसके बाद किचिन की सफाई भी कर दो. इन सब बातों का ध्यान खुद ही रखना सीख लो. रोज रोज मैँ यह सब याद नहीं दिलाऊंगा."
पल्ल्वी बिना कुछ बोले बर्तन साफ़ करने लगी. इसके बाद उसने किचिन की सफाई भी कर दी.
जब वह वापस जाने लगी तो अर्जुन ने उसे रोका और अपने पास बुलाते हुए कहा-" इधर आओ मेरे पास"
पल्ल्वी अर्जुन के बिस्तर के नज़दीक जाकर खड़ी हो गयी.
अर्जुन के निक्कर में उसका लण्ड एकदम तनकर खड़ा हो गया था जिसे वह धीरे धीरे निक्कर के ऊपर से ही सहला सहला कर खुद को शांत किये जा रहा था.
अर्जुन अब पल्ल्वी से बोला-" अपनी साड़ी उतारो और बिस्तर पर आकर मेरे साथ लेट जाओ."
पल्ल्वी ने साड़ी उतार दी और बिस्तर पर अर्जुन से सटकर लेट गयी. यह बिस्तर डबल बेड नहीं था इसलिए इस पर अगर दो लोग लेटते तो उन्हें एक दुसरे से सटकर ही लेटना पड़ेगा
अब अर्जुन ने पल्ल्वी को पकड़कर उसका मुंह अपनी तरफ किया और उसके मुंह को बेतहाशा चूमने चाटने लगा. पल्ल्वी के बदन से खिलवाड़ करते करते अर्जुन ने धीरे धीरे उसकी ब्लाउज पेटीकोट पैंटी और ब्रा सब कुछ उतार फेंके थे -पल्ल्वी एकदम निर्वस्त्र अवस्था में अर्जुन की गिरफ्त में थी और उसके दबाने सहलाने और चूमने चाटने को सहन किये जा रही थी लेकिन लगता था की अर्जुन का इस खेल से मन ही नहीं भर रहा था.
वह बिस्तर से उठा और पल्ल्वी को बिस्तर पर लेटे रहने का हुक्म देकर बोला-" अब तुम्हारे साथ थोड़ी और मस्ती की जाए "
यह कहकर अर्जुन ने पल्ल्वी के दोनों हाथ और दोनों पैरों को बिस्तर के चारों कोनों पर रस्सी से बांध दिया अब पल्ल्वी के चारों हाथ पैर बिस्तर से बंधे हुए थे और वह पूरी तरह से असहाय होकर अर्जुन की तरफ देख रही थी. अर्जुन ने अपने मोबाइल में पल्ल्वी की इस हालत की वीडियो बनानी शुरू कर दी -वीडियो बनाने के बाद अर्जुन ने अपना मोबाइल एक तरफ रख दिया और बिस्तर पर बैठकर पल्ल्वी के नंगे बदन को फिर से छेड़ने लगा.
पल्ल्वी के चिकने योनि प्रदेश पर अर्जुन हाथ फिराते हुए उसकी तरफ देखकर पूछने लगा-" क्यों चिकनी मज़ा आ रहा है ?"
पल्ल्वी बोल पडी-" हाँ "
अर्जुन ने उसकी योनि पर जोर से चपत लगाई और बोला-" ठीक से बोल"
अबकी बार पल्ल्वी बोली-" हाँ मज़ा आ रहा है."
अब अर्जुन हंसकर बोला-" गुड़ गर्ल. अब आगे से ऐसे ही पूरी बात बोला करो. और सुनो आगे से यह साड़ी पहनना बंद करो और सिर्फ गाउन पहनो. गाउन के अंदर कुछ नहीं होना चाहिए-न ब्लाउज न पैंटी . गाउन हटा तो पल्ल्वी एकदम नंगी दिखनी चाहिए. क्या समझी"
पल्ल्वी एकदम शर्म से लाल हुई जा रही थी. अर्जुन खेल खेल में जान बूझ कर उसे ज़लील करने के लिए ऐसी बातें कर रहा था लेकिन वह उन सबका जबाब देने के लिए मजबूर थी.
अबकी बार अर्जुन ने उसके गालों पर चपत लगा दी और बोला- " बोल क्या समझी"
पल्ल्वी गिड़गिड़ाते हुए कहने लगी-" अब से मैँ साड़ी की जगह सिर्फ गाउन ही पहनूंगी और गाउन के अंदर और कुछ भी नहीं पहनूंगी. गाउन खुलते ही मैँ एकदम नंगी दिखूंगी आपको."
अर्जुन ने उसके उरोजों को दबाते हुए कहा-" गुड़.वैरी गुड. इसी तरह मेरे हुक्म का पालन करती रहो नहीं तो मैँ तुम्हे इसी तरह नंगी हालत में दरवाज़े पर ले जाकर भी खड़ा कर सकता हूँ."
अब जब अर्जुन ने देखा की पल्ल्वी उसके कंट्रोल में पूरी तरह आ चुकी है तो वह बिस्तर पर चढ़कर उसके बदन पर दोनों टांगों को इधर उधर करके बैठ गया और अपने लण्ड को उसके होंठों पर ले जाकर उसे पल्ल्वी के होंठों पर रगड़ने लगा. पल्ल्वी ने मुंह खोलकर उसके लण्ड को अपने मुंह में लेना चाहा तो अर्जुन ने उसे रोक दिया-" जब मैँ कहूँ तभी इसे अपने मुंह के अंदर लेना. अभी मैँ इसे तुम्हारे होंठों और चेहरे पर इसी तरह फिरा फिराकर थोड़ी मस्ती करूंगा." इसके बाद अर्जुन ने अपने मोबाइल में एक गाना चला दिया-" मैँ चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त-मैँ चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त"
अर्जुन कभी अपने लण्ड को उसके होंठो पर फिराता कभी उसके गालों पर फिराता पल्ल्वी ने शर्म से अपनी ऑंखें बंद कर लीं तो अर्जुन ने अपने लण्ड को उसकी आँखों पर भी फिराना शुरू कर दिया अब जब अर्जुन से नहीं रहा गया तो उसने पल्ल्वी से कहा-" चल अब अपना मुंह खोल और लण्ड को अंदर लेकर इसे चूस."
पल्ल्वी ने वही किया जो अर्जुन चाहता था - पल्ल्वी के साथ काफी देर मुख मैथुन करने के बाद अर्जुन ने अपना जूस पल्ल्वी के मुंह में निकाल दिया जिसे पल्ल्वी को न चाहते हुए भी पी जाना पड़ा.
अर्जुन ने अब पल्ल्वी के हाथ पैर खोल दिए और उससे बिस्तर से उठने के लिए कहा -लेकिन इतनी ही देर में वहां अचानक रश्मि हाथ में हंटर लिए आ गयी और कडककर बोली-" यह सब क्या बदमाशी चल रही है ?"
उसने दो तीन चमड़े के हंटर पल्ल्वी के नंगे बदन पर लगाए और बोली-" तुम दोनों अब मेरे साथ मेरे कमरे में आओ"
अर्जुन भी इस समय पूरी तरह निर्वस्त्र खड़ा था और पल्ल्वी भी पूरी तरह नंगी थी.
रश्मि ने अर्जुन से कहा- " तुम अपना निक्कर और टी शर्ट पहन लो"
अब रश्मि ने पल्ल्वी से कहा-" तुम भी अपनी ब्लाउज पेटीकोट और साड़ी पहनो और दोनों मेरे कमरे में आओ. आगे की खबर तुम लोगों की वहीं ली जाएगी."
अर्जुन और पल्ल्वी दोनों ही हैरान थे की रश्मि आखिर क्या चाहती है
दोनों ने अपने अपने कपडे पहने और रश्मि के कमरे में आ गए.
रश्मि ने अपना वाशरूम खोला और दोनों से कहा-" तुम दोनों जाकर उस बात टब में खड़े हो जाओ और जो गाना बजेगा उस पर एक धमाकेदार डांस करके दिखाओ - दोनों शावर चला लेना ताकि बरसात जैसा माहौल बन जाए क्योंकि यह गाना बरसात का है."
अर्जुन मन ही मन बहुत खुश हुआ- उसने सोचा कि वह तो बेवजह ही डर रहा था-अब तो रश्मि मेम साब ने मेरी डबल मौज़ करवा दी.
दोनों बाथ टब में जाकर खड़े हो गए और दोनों शावर चलाकर भीगने लगे. अब रश्मि ने म्यूजिक सिस्टम पर "टिप टिप बरसा पानी" गाना लगा दिया और दोनों उस गाने के हिसाब से नाचने लगे. रश्मि ने बाथरूम में कैमरा फिट कर रखा था जो इस गाने की रिकॉर्डिंग भी कर रहा था.
नाच गाने के बीच ही अर्जुन ने पल्ल्वी की साड़ी उतार फेंकी थी और उसके बदन से चिपक चिपक कर डांस कर रहा था.
गाना ख़त्म होते होते अर्जुन ने पल्ल्वी को टब के अंदर लिटा दिया और उसके ऊपर लेटकर उसके बदन को चूमते चाटते हुए उसके चेहरे तक पहुंच गया और गाने की समाप्ति पर वह उसके होंठों को बेतहाशा चूम रहा था.
गाना ख़त्म हुआ तो रश्मि ने पहले अर्जुन से कहा-"तौलिया उठाओ और अपने बदन को पोछो"
अर्जुन भी अब फिर से नंगा हो गया था. उसने अपने बदन को टॉवल से पोछ कर सुखा लिया.
पल्ल्वी अभी भी एकदम निर्वस्त्र और भीगी हुई खड़ी हुई थी.
अब रश्मि ने अर्जुन से कहा-" वह दूसरा टॉवल उठाओ और पल्ल्वी के बदन को भी पोछ पोछ कर सुखाओ"
अर्जुन की तो मानो मौज़ ही मौज़ थी. उसने टॉवल लेकर पल्ल्वी के बदन को पोछना शुरू कर दिया. पल्ल्वी की हालत भी अब बेकाबू सी हो चुकी थी और उसके मुंह से भी अजीब अजीब आवाज़ें निकल रही थीं.
रश्मि ने मुस्करा कर अर्जुन की तरफ देखा और वाशरूम का दरवाज़ा बंद करते हुए बोली-" तुम लोग अपने अपने बदन को पोछ लो, फिर बाहर आ जाना."
रश्मि भी जानती थी कि अब अंदर क्या होने वाला है, इसलिए उसने जानबूझकर दरवाज़ा बंद कर दिया था.
दरवाज़ा बंद होते ही पल्ल्वी बाथ रूम के फर्श पर बैठ गयी और अर्जुन के लण्ड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी..अर्जुन भी इस जन्नत का मज़ा लूटने लगा.
दोनों बाहर आ गए तो रश्मि ने दोनों से कहा-" इस समय ठीक ४ बजे हैं. आधे घंटे बाद दोनों मेरे पास दुबारा से आओ. पल्ल्वी तुम सिर्फ गाउन पहनकर आओगी और अर्जुन तुम सिर्फ शर्ट और निक्कर पहनकर आओगे."
"जी मेम साब" अर्जुन खुश होकर बोला
पल्ल्वी को लगा कि अगर वह कुछ नहीं बोली तो वह पिट जाएगी, इसलिए वह भी रश्मि की तरफ देखकर बोली- " जी मेम साब"
रश्मि ने खुश होकर अर्जुन की तरफ देखा-" तुमने लगता है बिलकुल ठीक से ट्रेनिंग दे दी है मेरी सेक्स स्लेव को. गुड़. मैँ खुश हुई."
इसके बाद पल्ल्वी और अर्जुन दोनों वहां से चले गए
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Part 37
आधे घंटे बाद कुसुम और अर्जुन दोनों रश्मि के कमरे में पहुंच गए। रश्मि ने देखा कि साढ़े 4 बज चुके हैं और मम्मी को 6 बजे आना होता है। उसने कुछ सोचकर अर्जुन से कहा- " तुम जाओ और अपना किचिन का काम निपटाओ। मम्मी 6 बजे आएंगी तो उनके लिए खाना वगैरा तैयार करो।'
अर्जुन " जी मेम साब" कहकर वहां से चला गया । अब वहां सिर्फ कुसुम थी जो अपना गाउन पहने खड़ी थी।
रश्मि दरअसल इस समय कुसुम से अकेले में ही मस्ती करने के मूड में थी इसलिए उसने अर्जुन को बहाना बनाकर वापस भेज दिया।
रश्मि कुसुम से बोली- " अपने गाउन की ज़िप नीचे करो। "
कुसुम ने गाउन की ज़िप नीचे करनी शुरू की। रश्मि ने देखा कि कुसुम ने अंदर कुछ भी नही पहना हुआ है। कुसुम के उरोज नज़र आ रहे थे। ज़िप को कुसुम ने नाभि पर लाकर रोक दिया।
रश्मि बेचैन होकर बोली- " और नीचे करो ज़िप को। पूरी ज़िप खोलो।"
कुसुम ने ज़िप को और नीचे कर दिया अब उसकी योनि और जाँघे सब रश्मि के सामने थे।
इससे पहले कि रश्मि कुछ और बोलती, कुसुम अपने दोनों हाथ जोड़ते हुए रश्मि से कहने लगीं- " मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है । मामला सीरियस है और जबसे में आई हूँ तुम लोग मुझे कुछ बोलने का मौका ही नही दे रहे हो। "
कुसुम को इस तरह से बोलते देख रश्मि का मूड एकदम बदल गया और बोली- " ठीक है अपना गाउन बंद करो और बोलो। "
अब कुसुम ने पास पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए बोलना शुरू किया- " मैं काफ़ी समय से तुम्हारी मम्मी के बारे में बात करना चाह रही थी लेकिन मामला कुछ इस तरह का है कि अभी भी मुझे बताने में संकोच हो रहा है। लेकिन अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता भी नही है। तुम्हे बताना तो पड़ेगा ही क्योंकि मेरा वीजा इन्होंने लगवाया हुआ है और उसके आते ही मुझे तो हमेशा के लिए विमल के पास अमेरिका जाना पड़ेगा। इसके बाद घर का सारा ख्याल तुम्हे ही रखना है। "
रश्मि को अब तक कुछ समझ नही आया था कि कुसुम क्या कह रही है। कुसुम का वीजा बन जायेगा और वह विमल के पास अमेरिका चली जायेगी, यह बात तो रश्मि को भी एक तरह से मालूम ही थी, लेकिन वह जो असली बात कहने में हिचक रही थी, उसका अंदाज़ा रश्मि नही लगा पा रही थी।
रश्मि ने कुसुम की तरफ देखा- " मुझे कुछ पल्ले नही पड़ रहा है कि आप क्या कहना चाहती हो। "
कुसुम फिर बोलने लगी- ठीक है मै तुम्हे विस्तार से सब बताती हूँ। दरअसल तुम्हारे पापा की काफी कम उम्र में ही डेथ हो गई थी। उनकी उम्र उस समय 48 साल की ही थी और तुम्हारी मम्मी उस समय 43 साल की थीं। अब तुम्हारी मम्मी लगभग 46 साल की हैं। तुम्हारी मम्मी की मानसिक हालत पापा की डेथ के बाद काफी खराब हो गई थी। हमने उन्हें एक मनोचिकित्सक को दिखाया था लेकिन उसने जो दवा बताई उसका कुछ फायदा नही हुआ। जब हम दूसरे मनोचिकित्सक के पास गए तो उसने तुम्हारी मम्मी की काउंसलिंग की और यह बताया कि इन्हें दवा की जरूरत नही है बल्कि जो पति की कमी इनकी जिंदगी में आई है, उस कमी को किसी तरह पूरा करना पड़ेगा। विमल ने डॉक्टर से कहा कि क्या अब इस उम्र में दूसरी शादी करने से यह समस्या हल हो जाएगी तो डॉक्टर ने कहा कि इन्हें बिल्कुल अपने पति जैसा ही मर्द चाहिए । "
कुसुम बोलते बोलते फिर रुक गयी।
रश्मि की उत्सुकता और बढ़ गई - " फिर क्या हुआ भाभी ? "
कुसुम बोली- " डॉक्टर भी साफ साफ नही बोल रहा था इसलिए उसने पति जैसा मर्द चाहिए कहकर अपनी बात खत्म कर दी। लेकिन जब हम लोगों ने उससे कहा कि हमे उसकी बात बिल्कुल भी पल्ले नही पड़ी तो उसने हमें सब कुछ साफ साफ बताना शुरू किया। डॉक्टर बोला कि मम्मी पूरी तरह से सबमिसिव नेचर की महिला हैं और उन्हें हर समय उन्हें अपने काबू में रखने वाला एक ऐसा मर्द चाहिए होता है जो उन्हें अपने इशारों पर नचा सके यानि ऐसा मर्द जो अपनी पत्नी को एक सेक्स स्लेव की तरह ट्रीट कर सके। क्योंकि पापा शुरू से ही तुम्हारी मम्मी को बहुत रौब दाब में रखते थे और उन्हें एक सेक्स स्लेव की तरह ट्रीट करते थे इसलिए अब मम्मी को उस सबकी लत लग चुकी है जिसके पूरा न होने पर उनका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है। "
शेष अगले भाग में....
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