भाई बहन,ननद भाभी और नौकर

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mastram
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर

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विमल और कुसुम की शादी हुए 5 साल हो चुके थे. विमल इस समय लगभग 32 साल का था और उसकी पत्नी कुसुम की उम्र इस समय लगभग 27 साल की थी शादी के लगभग दो साल बाद ही विमल के पिता का स्वर्गवास हो गया था. अब परिवार में विमल और उसकी पत्नी पल्ल्वी के अलावा , विमल की माँ जयन्ती देवी और उसकी छोटी बहन रश्मि एक साथ रहते थे. रश्मि की उम्र 18 साल की थी- वह बारहवीं क्लास में पढ़ रही थी और अंग्रेजी और गणित में कमजोर होने की वजह से दो बार फेल हो चुकी थी. विमल खुद एक मल्टीनेशनल कंपनी में जनरल मैनेजर की पोस्ट पर था लेकिन उसके पास इतना समय नहीं था कि वह अपनी बहन रश्मि की पढाई लिखाई पर ध्यान दे सके. लिहाज़ा उसने रश्मि की पढाई की पूरी जिम्मेदारी अपनी पत्नी कुसुम को सौंप दी थी. कुसुम ने खुद अंग्रेजी से ही पोस्ट ग्रेजुएशन की थी इसलिए उसे रश्मि को अंग्रेजी पढ़ाने में कोई खासी दिक्कत नहीं आती थी लेकिन गणित में खुद कुसुम का हाथ भी तंग था. विमल और कुसुम रश्मि को गणित पढ़ाने के लिए किसी टीचर की तलाश कर ही रहे थे कि अचानक ही एक दिन विमल ने बताया कि कंपनी ने उसका ट्रांसफर अपनी अमेरिका की ब्रांच में कर दिया है और उसे वहां एक हफ्ते के अंदर ज्वाइन भी करना है. क्योंकि विमल की पत्नी कुसुम उसके साथ अमेरिका नहीं जा रही थी, इसलिए विमल की मां और और उसकी छोटी बहन की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी भी विमल ने कुसुम के हवाले कर दी और खुद अमेरिका रवाना हो गया. विमल के जाने के बाद घर परिवार की पूरी जिम्मेदारी कुसुम के कन्धों पर आ गयी थी. कुसुम इस बात से हालांकि बिलकुल भी परेशान नहीं थी बल्कि उसने अपने पति की इस गैरहाज़िरी का भरपूर फायदा उठाने की योजना बनाकर उस पर अमल करना शुरू कर दिया.
शेष अगले भाग में ..................
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mastram
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PART-2
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कुसुम हालांकि रश्मि से उम्र में सिर्फ 9 साल बड़ी थी लेकिन उसने रश्मि के ऊपर अपना इतना रौब दाब बना रखा था कि रश्मि उसकी हार बात मानने के लिए मजबूर हो जाती थी - रश्मि की माँ और कुसुम की सास जयन्ती देवी भी कुसुम का साथ इसलिए देती थीं क्योंकि उनको लगता था कि कुसुम की इस सख्ती से ही शायद रश्मि पढाई लिखाई में कुछ ठीक हो जाए. पति की गैरहाज़िरी में अपनी सास की पूरी सपोर्ट मिल जाने से कुसुम एकदम निरंकुश होती जा रही थी और रश्मि को अंग्रेजी पढ़ाने के बहाने उससे इस तरह पेश आती थी मानो कि रश्मि उसकी छोटी ननद न होकर कोई खरीदी हुई गुलाम हो.
रश्मि हर रोज अपनी कॉपी -किताब लेकर कुसुम के पास शाम को 6 बजे उसके कमरे पे अंग्रेज़ी पढ़ने पहुँच जाती थी. पांच मिनट से ज्यादा देरी होने पर कुसुम उसे अपनी मर्ज़ी के मुताबिक सजा देती थी. होम वर्क न करने पर, गलत करने पर या फिर किसी पाठ को ठीक से याद न करने पर, हर काम के लिए कुसुम ने सजा तय कर राखी थी और उसी के अनुसार वह रश्मि को सज़ा देती थी.
आज शाम जब रश्मि ठीक 6 बजे कुसुम के कमरे में पढ़ने के लिए पहुँची तो उस समय कुसुम कहीं मार्केट से आकर ही सोफे पर बैठी थी और प्लेट में रखकर आइसक्रीम खा रही थी. रश्मि को देखते ही अचानक कुसुम के हाथ से आइस क्रीम की प्लेट गिरकर उसके जूतों पर गिर गयी. इससे पहले कि रश्मि कुछ बोल पाती, कुसुम ने उसकी तरफ देखते हुए कहा-"यहां खड़ी खड़ी देख क्या रही हो. देख नहीं रही कि मेरे जूते ख़राब हो गए हैं. जाओ जल्दी से किचन से कपडा लाओ."
रश्मि ने अपनी कॉपी-किताब पास राखी टेबल पर रख दीं और किचन की तरफ कपडा लेने दौड़ गयी. कपडा लेकर वापस आयी तो कुसुम ने उसे फिर हुक्म देते हुए कहा-" इधर आओ मेरे पास और नीचे बैठकर मेरे जूते साफ़ करो."
रश्मि का हालांकि कुसुम इस तरह से अपमान अक्सर करती रहती थी लेकिन आज तो रश्मि को लगा कि यह कुछ ज्यादा ही हो रहा है, हिलाजा उसने विरोध करते हुए कहा-" भाभी यह रहा कपडा और आप अपने जूते खुद ही साफ़ कर लीजिये. मैं यह नहीं करूंगी"
कुसुम जो अब तक पूरी तरह निरंकुश हो चुकी थी, रश्मि की इस हिमाकत पर एकदम आग बबूला सी हो उठी और बोली-" तेरी जुबान अब कैंची की तरह चलने लगी है. लगता है इसी कैंची से अब तेरे पर कतरने पड़ेंगे. कपडा वहीं टेबल पर रख और इधर मेरे पास आकर खड़ी हो जा"
रश्मि ने कपडा टेबल पर रख दिया और कुसुम के पास जाकर खड़ी हो गयी
कुसुम ने रश्मि की तरफ देखकर उसे फिर से हुक्म दिया-"नीचे बैठ और अपनी जीभ से चाट-चाटकर मेरे जूतों को साफ़ कर. अगर अभी भी तूने मेरे हुक्म का पालन नहीं क्या तो मैं तुझे इससे भी भयंकर सजा दूंगी, जिसके बारे में तूने कभी सोचा भी नहीं होगा."
अब रश्मि कुसुम के आगे गिड़गिड़ाने लगी-"नहीं भाभी मुझसे गलती हो गयी. मैं कपडे से ही आपके जूते साफ़ कर देती हूँ."
कुसुम अब अपनी पूरी मस्ती में आ चुकी थी और अपने चेहरे पर कुटिल मुस्कान बिखेरती हुई बोली-" अब तो तुझे अपनी जीभ से चाट चाटकर ही मेरे जूते साफ़ करने पड़ेंगे. चल नीचे बैठ और चाटना शुरू कर."
शेष अगले भाग में ..................
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PART-3
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रश्मि को जब लगा की अब कोई रास्ता नहीं है तो वह कुसुम के जूतों के पास फर्श पर बैठ गयी और अपने मुंह को उसके जूतों पर ले जाकर अपनी जीभ से उसके जूतों पर गिरी हुई आइस क्रीम को चाट चाट कर साफ करने लगी. रश्मि जब अपनी जीभ से कुसुम के जूते चाट चाट कर साफ कर रही थी तो उसका कुसुम अपने मोबाइल पर वीडियो बना रही थी.
कुसुम को इस तरह रश्मि को ज़लील करने में बहुत मज़ा आता था और वह रश्मि को ज़लील करने का कोई भी मौका अपने साथ से जाने नहीं देती थी.
कुछ समय बाद जब रश्मि को लगा कि उसने जूतों पर गिरी हुई सारी आइस क्रीम चाट ली है तो वह बोली-"भाभी, अब जूते साफ़ हो गए हैं, अब क्या मैं उठ जाऊं ?"
कुसुम को अब मज़ा आने लगा था. वह बोली-"जब तक मैं न कहूँ, इसी तरह अपनी जीभ से मेरे जूतों को चमकाती रह -आज तेरी बची खुची हेकड़ी भी निकल जाएगी"
और रश्मि उसी तरह झुककर कुसुम के साफ़ हो चुके जूतों पर अपनी जीभ फिराने लगी
कुछ देर बार कुसुम ने उसे खड़ा होने का हुक्म दिया-"चल अब खड़ी हो जा और वाशरूम से अपना मुंह साफ़ करके वापस आ -आज तेरी ढंग से क्लास लेने का मूड बन रहा है"
रश्मि वाशरूम में अपना मुंह साफ़ करने चली गयी क्योंकि जूते साफ़ करते करते उसके चेहरे पर भी काफी आइस क्रीम लग गयी थी.
इधर रश्मि वाशरूम गयी उधर कुसुम ने अपने कपडे बदल डाले और अब वह सिर्फ रेड टी शर्ट और ब्लैक हाफ पैंट पहनकर सोफे पर एक टांग दूसरी टांग के ऊपर रखकर बैठ गयी और रश्मि के आने का इंतज़ार करने लगी
रश्मि वाशरूम से अपना चेहरा साफ़ करके वापस आयी तो कुसुम ने उससे कहा-" कल मैंने तुम्हे एक निबंध याद करने के लिए दिया था. उसे याद कर लिया क्या ?"
रश्मि डरते हुए अपना सर झुकाकर बोली-" जी भाभी, उस निबंध को मैंने याद कर लिया है."
पल्ल्वी फिर बोली-" इधर मेरे सामने आकर खड़ी हो जाओ और उस याद किये हुए निबंध को सुनाओ"
रश्मि कुसुम के सामने आकर खड़ी हो गयी.. रश्मि ने एक सफ़ेद रंग की टाइट टी शर्ट और ब्लैक कलर का टाइट शार्ट पहना हुआ था. कुसुम ने उसे यह हिदायत दी हुई थी कि वह इसी तरह से कपडे पहनकर उसके सामने आया करे ताकि उसे सजा देने में कुसुम को ज्यादा मशक्कत न करनी पड़े.
शेष अगले भाग में ...............
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PART-4
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कुसुम कुछ समय तक रश्मि के सेक्सी बदन को देखती रही. दरअसल कुसुम लड़कों के साथ साथ लड़कियों के प्रति भी काफी आकर्षित रहती थी. वह पूरी तरह से लेसबियन तो नहीं थी लेकिन अब उसे रश्मि के सेक्सी बदन को देखकर काफी उत्तेजना होने लगी थी. रश्मि १८ साल की एक बेहद खूबसूरत लड़की थी जिसका बदन एकदम सांचे में ढला हुआ लगता था. पढाई लिखाई में कमजोर होने की वजह से उसे अपनी भाभी कुसुम के जाल में फंसकर उसकी जायज़ नाजायज़ बातों को मानना पड़ रहा था और पल्ल्वी इस हाथ आये हुए सुनहरे मौके का जमकर फायदा उठा रही थी.
कुसुम अब रश्मि की तरफ देखती हुई बोली-" थोड़ा मेरे नजदीक आकर मेरे सामने घुटनों के बल बैठो और याद किये हुए निबंध को सुनाओ."
रश्मि आगे बड़ी और कुसुम के सामने घुटनों के बल बैठ गयी और फिर उसने याद किये हुए निबंध को सुनाना शुरू कर दिया
रश्मि जैसे ही एक जगह निबंध सुनाते सुनाते अटक गयी तो कुसुम ने एक थप्पड़ उसके गाल पर रसीद करते हुए कहा-"ठीक से याद क्यों नहीं किया ?"
रश्मि ने अपना गाल सहलाते हुए फिर से निबंध को सुनाना शुरू किया. लेकिन एक पैराग्राफ पूरा सुनाने के बाद वह फिर अटक गयी और फिर डरते हुए पल्ल्वी से बोली-" सॉरी भाभी, अब याद नहीं आ रहा है. मैं कल जरूर याद करके सुना दूंगी. आज कुछ और पढाई करवा दो."
कुसुम तो इसी मौके की तलाश में थी और भला वह इस हाथ आये हुए सुनहरे मौके को क्यों छोड़ती. उसने गुस्सा होने का नाटक करते हुए रश्मि से कहा-" तुम्हारा पढाई लिखाई में मन ही नहीं लग रहा है. पता नहीं तुम्हारा ध्यान किधर है. लेकिन मुझे भी मालूम है कि तुम्हे निबंध कैसे याद करोगी. चलो अब मैं तुम्हे निबंध याद करवाती हूँ."
रश्मि को कुछ समझ नहीं आया और वह वहां उसी तरह घुटनो के बल बैठी रही.
कुसुम अब रश्मि से बोली-"चल खड़ी हो जा और अपने कपडे उतार"
कुसुम की बात सुनकर रश्मि एकदम स्तब्ध रह गयी. आज पहली बार कुसुम भाभी उसे कपडे उतारकर नंगा होने के लिए कह रही हैं.पहले तो ऐसा कभी नहीं हुआ था.
रश्मि का चेहरा शर्म और जलालत से एकदम लाल हुआ जा रहा था. उसने एक बार फिर से कोशिश की -"सॉरी भाभी, आज माफ़ कर दो. अब आगे से मैं टाइम पर निबंध याद कर लिया करूंगी."
रश्मि जिस तरह से माफी मांग रही थी, कुसुम की उत्तेजना उतनी ही अधिक बढ़ती जा रही थी और वह यह सोच रही थी कि यही मौका है जब इस चिकनी लौंडिया को अपना सेक्स स्लेव बनाया जा सकता है.
कुसुम ने घुटनों के बल बैठी रश्मि के दोनों गालों पर एक एक थप्पड़ और लगाया और बोली-"अगर अब तूने अगर तुरंत अपने कपडे नहीं उतारे तो तुझे और भी सख्त सजा मिलेगी."
रश्मि को मालूम था कि भैया की गैर हाज़िरी में भाभी एकदम हिटलर हो गयी हैं और कुछ और भी अजीबोगरीब सजा दे सकती है इसलिए वह खड़ी होकर बोली-"ठीक है भाभी.मैं अपने कपडे उतार रही हूँ."
पल्ल्वी अब अपनी जांघों पर हाथ फिराते हुए सोफे पर आराम की मुद्रा में पीछे होकर बैठ गयी और रश्मि की तरफ देखकर बोली-" गुड़ गर्ल. चलो अपने सभी कपडे एक एक करके उतारो"
रश्मि ने सबसे पहले अपनी सफ़ेद टी शर्ट उतार दी. अब उसके ऊपरी भाग पर सिर्फ एक सफ़ेद रंग की ब्रा ही बची थी.
जैसे ही रश्मि ने अपनी ब्रा उतारने की कोशिश की तो कुसुम ने उसे रोका-"पहले अपना निक्कर उतार चिकनी"
रश्मि भाभी के द्वारा "चिकनी" जैसे शब्दों को सुनकर एकदम सकते में आ गयी थी क्योंकि उसने भाभी के मुंह से पहली बार इस तरह के शब्दों को सुना था.
रश्मि ने अब अपने काले रंग के निक्कर को भी उतार दिया था और अब उसके बदन पर सफ़ेद रंग की ब्रा और पैंटी ही बच गए थे.
कुसुम बहुत उत्तेजित लग रही थे और अपनी दोनों टांगों को सोफे पर ही जोर जोर से हिलाते हुए बोली-"अब ब्रा और पैंटी भी उतारो और मेरे नजदीक आओ"
रश्मि का चेहरा शर्म से लाल होकर एक दम तमतमा रहा था लेकिन उसके पास कुसुम की हर बात मानते जाने के सिवाय आओ कोई चारा नहीं था.
रश्मि ने अब एक एक करके अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और अपने एक हाथ से वह अपने उरोजों को और दुसरे हाथ से अपने योनि प्रदेश को छिपाने का असफल प्रयास करने लगी.
लेकिन कुसुम कहाँ मानने वाली थी. उसने फ़ौरन रश्मि को हुक्म दिया-"अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ और धीरे धीरे चलती हुई मेरे नजदीक आओ"
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Part-5
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पूरी तरह से निर्वस्त्र रश्मि अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर कुसुम की तरफ धीरे धीरे आने लगी और कुसुम के पास आकर सोफ़े से कुछ दूरी पर रुक गयी।
कुसुम ने इस सारे कारनामे की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के लिए अपने कमरे में सीक्रेट कैमरा लगा रखा था ताकि वह बाद में इस शर्मनाक वीडियो के जरिये रश्मि को ब्लैकमेल भी करना चाहे तो कर सके।
फ़िलहाल रश्मि कुसुम के सामने खड़ी हुई थी और उसका चेहरा शर्म और जलालत से लाल हो चुका था। कुसुम ने अब सोफे पर थोड़ा आगे होकर बैठते हुए रश्मि के मखमली बदन पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया। उसके हाथ रश्मि के उरोजों को काफी देर तक मसलते और सहलाते रहे और उसके बाद कुसुम के हाथ उसके चिकने पेट और कमर को सहलाते हुए रश्मि के चिकने योनि प्रदेश पर आ गए।
कुसुम को रश्मि के योनि प्रदेश को सहलाने में कुछ अड़चन हुई तो उसने रश्मि को हुक्म दे डाला-"अपनी टांगे खोलो"
रश्मि ने अपनी जांघों को खोल दिया ताकि कुसुम अपने हाथ को रश्मि की जांघों के बीच के योनि प्रदेश पर आसानी से फिरा सके।
कुछ देर बाद कुसुम ने रश्मि को खींचकर अपनी गोद मे गिरा लिया और उसके पूरे नंगे बदन को दबाने सहलाने लगी। रश्मि को सज़ा देने के नाम पर कुसुम और रश्मि के बीच यह जो कुछ भी सेक्सुअल ड्रामा चल रहा था, वह अपने चरम पर पहुंच चुका था। रश्मि के साथ साथ कुसुम भी पूरी तरह गरम हो चुकी थी। उसने रश्मि को अपनी गोद से हटाकर उसे फिर से खड़ा होने के लिए कहा। इसके बाद कुसुम ने अपने निक्कर को भी उतार डाला। उसकी पैंटी भी काफी गीली हो गई थी। अपनी गीली हो चुकी पैंटी को उतारने के बाद कुसुम ने रश्मि की तरफ देखकर कहा-'चल अब नीचे बैठ जा और मेरी ठीक से सेवा कर'
रश्मि सब समझ रही थी कि कुसुम भाभी सज़ा देने के बहाने किस तरह से उसका यौन शोषण कर रही है लेकिन वह पूरी तरह से विवश और कुसुम के रहमोकरम पर थी। लिहाज़ा कोई और रास्ता न देख, रश्मि नीचे जमीन पर कुसुम की दोनों जांघो के बीच मे बैठ गयी । कुसुम ने उसके नीचे बैठते ही अपने दोनो हाथों से रश्मि के चेहरे को पकड़ा और अपने योनि प्रदेश की तरफ लाती हुई बोली-"देख तुझे सज़ा देने के चक्कर मे मेरा योनि प्रदेश कितना गीला हो गया है। अब तू इसे अपनी मखमली जीभ से चाट चाटकर इसका गीलापन दूर कर। "
रश्मि यह सब करते हुए झिझक रही थी क्योंकि यह सब उसने पहले कभी नही किया था। लेकिन कुसुम तो इस समय अपनी पूरी मस्ती और उत्तेजना में थी। उसने रश्मि के दोनों गालों पर तमाचे लगाए और बोली-"चल चिकनी, जल्द शुरू हो जा वरना तेरी बहुत दुर्गति करूंगी। मुझे खुश रखेगी तो तू भी ख़ुश रहेगी वरना तेरा जीना भी मैं कितना मुश्किल करूँगी यह तू अच्छी तरह जानती ही है।"
कुसुम के दिये गए हुक्म के मुताबिक रश्मि ने अपनी जीभ को कुसुम के योनि प्रदेश पर फिराना शुरू कर दिया। कुछ देर तक रश्मि इसी तरह अपनी जीभ से कुसुम के योनि प्रदेश को चाटती रही और इस तरह से कुसुम जब अपने क्लाइमेक्स पर पहुँची तो उसने रश्मि को अपनी गिरफ्त से यह कहते हुए आज़ाद कर दिया-"चल अब उठ जा और फ्रेश होकर अपने कपड़े वगैरा पहन लें। याद रहे कि मेरे हर हुक्म की बिना किसी सवाल के तामील होनी चाहिए। कायदे में रहेगी तो फायदे में रहेगी।"
इसके बाद रश्मि ने अपने कपड़े पहने और सिर झुकाकर अपनी कापी किताब उठाकर कुसुम के कमरे से बाहर चली गई।
शेष अगले भाग में..…
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