खूनी रिश्तों में प्यार

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Dolly sharma
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खूनी रिश्तों में प्यार

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खूनी रिश्तों में प्यार


राज

उमर 21 साल.

उसकी विधवा मा 49 साल खेती करती है,


उसकी छोटी बहन : पूजा उमर 18 साल.


उसकी मौसी डॉली 20 साल.


ये परिवार बिहार का रहने वाला है. यह एक मिड्ल क्लास की फॅमिली है. (राज के पापा बचपन में ही गुज़र गये थे तब राज और उसकी बहन पूजा दोनो छोटे थे. ये कहानी बचपन से ही शुरू होती है.राज के पापा बहुत ग़रीब थे इसलिए उनके मर जाने के बाद उसकी मम्मी दूसरो के खेतो में मज़दूरी करके दो वक्त का खाना जुटा पाती थी. दीवाली के दिन थे लेकिन उसके मा के पास इतना पैसा भी नहीं था की थोड़ा मिठाई भी खरीद कर लाए राज थोड़ा बड़ा था लेकिन उसकी बहन बहुत छोटी थी वो मिठाई मिठाई कहकर रो रही थी. जब उसकी मा के चुप करने से नही चुप हुई तो राज अपनी गोदी मे लेकर चुप कराने लगा .. तभी उनके घर मे उनका पड़ोसी रमनलाल आया और राज को रुपया निकाल कर देते हुए, कहा जाओ बेटा मिठाई खरीद लाओ.



राज दौड़ता हुआ मिठाई खरीदने चला गया. उसकी मा बहुत सुंदर थी अभी 25 साल के उमर मे ही विधवा हो गयी थी.


राज की माँ--भैया आपका एहसान में जिंदगी भर नही भूलूंगी ..


रमनलाल -अरे भाभी जी इसमे एहसान की क्या बात है में आपका मदद नही करूँगा तो किसका करूँगा इतना कहते ही रमनलाल राज की मम्मी की साड़ी का पल्लू खिचने लगा तो उसकी मम्मी चिल्लाने लगी


तबतक राज घर मे आ गया.. राज ने जब देखा की उसकी मम्मी रो रही है और रमनलाल उसकी मम्मी की साड़ी खींच रहा है तो वो जाकर रमनलाल से अपनी मम्मी की साड़ी छुड़ाने लगा..


राज- नही मेरी मम्मी को छोड़ दो.


रमनलाल ने राज को बहुत ज़ोर से धकेल दिया 'चल हट'


राज जाकर कोने मे गिर पड़ा और बेहोस हो गया . इधर उसकी मम्मी ने जब साड़ी नही छोड़ी तो रमनलाल उसको थप्पड़ों से मारने लगा... तो राज की मम्मी ज़ोर ज़ोर से रोने लगी लेकिन दीवाली के पटाको के शोर में उनकी आवाज़ दब जा रही थी इसलिए गाव वाले नही आ रहे थे''''


तभी अचानक राज की बेहोसी टूट गयी तो उसकी नज़र सामने रखी हुई कुल्हाड़ी पर पड़ी..तो ना जाने उसके सरीर मे कहा से हिम्मत आ गयी उसने कुल्हाड़ी को बहुत फुर्ती से उठा लिया तभी रमनलाल उसकी मम्मी की साड़ी खींच कर जैसे ही अपना दाहिना हाथ दूसरी तरफ बढ़ाया तभी राज ने उसके हाथ पर जोरदार बार किया 'रमनलाल का हाथ कटकर कुछ दूर जा गिरा वो बेहोस हो गया. और उसकी मम्मी देखती ही रह गयी ..


अरे बेटा अब तो हम लोगो को गाँव वाले जिंदा नही छोड़ेंगे... अब तो यहा से भागना पड़ेगा..


राज -चलो मम्मी हमलोग नानाजी के यहा रहेंगे


उसकी मम्मी ने पूजा को गोदी मे उठाई और घर से निकल पड़े..राज के कोई मामा नही थे लेकिन उसकी एक मौसी थी जो उसी की उमर की थी ... जंगलो के रास्ते भागते भागते करीब 3 बज़े रात को राज अपनी माँ के साथ सायमपुर पहुच गया..
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Dolly sharma
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार

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वहाँ जाने पर उसके नाना-नानी ने पूछा क्या हुआ बेटा तुम इतनी जल्दी कैसे आ गयी वो भी इतनी रात को तब राज की मा ने रमनलाल दवारा किए गये सारे करतूत सुनाया जब राज के नाना जी ने सुना की राज ने किस तरह रमनलाल का हाथ काट दिया तो उन्होने राज को गले लगा लिया ...


नानाजी: राज बेटा ये बात किसिको भी मत कहना नही तो हमलोग को पोलीस पकड़ ले जाएगी .


राज -नानाजी में इस बात को भुल कर भी नही कहूँगा..


फिर राज और उसकी मम्मी ने खाना खाया और सो गये.. उनलोगो को नींद बहुत जल्दी ही आ गयी सुबह जब मेरी नींद खुली तो मा मेरे सिर पर हाथ फेर रही थी जैसे ही मेने आख खोला तो मेने देखा की मा के बगल मे एक मेरे ही उमर की लड़की बैठी हुई है. मेने मा से पूछा मा ये कौन है..



मा -बेटा ये तुम्हारी मौसी है.. जल्दी से तैयार हो जाओ तुम्हारे नाना जी तुम्हारा और डॉली का एडमिशन स्कूल मे करवा देंगे इतना कहकर मा चली गयी .



राज -डॉली मौसी तुम भी तैयार हो जाओ में अभी तैयार होकर आता हू..में नाश्ता किया क्योकि सबलॉग सुबह ही नाश्ता कर चुके थे ?


में और मौसी नानाजी के साथ स्कूल में चले गये.. हमारा अड्मिशन 12 क्लास मे हो गया हम लोग घर पर आ गये ..कल से पढ़ने के लिए बोलकर ..


नाना जी खेती बाड़ी करते थे.. नाना जी के मकान मे 5 कमरे थे एक मुझे और मौसी को दिया गया उसमे हमलोग की किताबें कॉपी थी . दूसरा रूम मम्मी और पूजा के लिए तीसरे रूम मे नाना - नानी सोते थे एक रूम में किचन था दूसरा गेस्ट के लिए ..


नानाजी: राज तुम्हें और डॉली इस रूम मे सोना है पढ़ना है.


मैं -नही में इसके साथ नही सो उंगा .


मा: नही बेटा ऐसा नही बोलते वो तुम्हारी मौसी है ..


मैं -ठीक है तुम कहती हो तो सोने देता हू ..फिर हमलोग सोने के लिए चले गये .. में दूसरी तरफ मूह घुमा कर सो गया डॉली मौसी दूसरी तरफ ... आधी रात को मेरे सरीर मे कुच्छ गरम महसूस हुआ तो मेरी नींद अचानक खुल गयी तो पता लगा की डॉली मुझसे चिपकी हुई है .. मेने उसको धकेल दिया ..तो वो नीचे गिर गयी ..और वो अपना मुँह दूसरी साइट में करके रोने लगी. अभी हम दोनों काफ़ी छोटे थे ..


जब मेने उसकी तरफ देखा तो वो अपना हाथ पकड़ कर रो रही थी में तो काफ़ी डर गया उसके पास चला गया और अपने हाथ से उसका आसू पोछने लगा डॉली मौसी मुझे माफ़ करदो .. और उसको चुप कराने लगा .. वो चुप नही हुई और खड़ी होकर दूसरी तरफ मूह घुमा कर रोने लगी मेने उसको अपनी तरफ घुमाया ,"एक हाथ से उसका चेहरा पकड़ कर दूसरा हाथ उसके सर पे रख कर में तुम्हारी सर की कसम खा कर कहता हू तुम्हे कभी नही अलग करूँगा इतना सुनकर डॉली मेरी बाहों मे समा गयी.


मेने भी उसको अपनी बाहों मे कस लिया फिर वो मेरी बाहों मे समाए समाए सो गयी सुबह हम दोनो ने खाना खाया पढ़ने चल दिए. चुकी हम दोनों का पहला दिन था. रास्ते मे ही डॉली बोली 'देखो राज तुम मुझे मौसी नही कहोगे, एक तुम मेरे ही उमर के हो, दूसरे हम दोनो एक ही क्लास पढ़ रहे है .

जैसी आपकी हुकुम सरकार इतना कहकर दोनो हँसने लगे...


उस दिन से तो दोनो की जिंदगी में बहार आ गयी.संग मे पढ़ना, खेतो की ओर जाना, खाना, सब शुरू हो गया, इसी तरह खेलते, पढ़ते दोनो क्लास 10+2 मे चले आ ये. ...


चुकी हम दोनो अब बड़े हो गये थे लेकिन अ भी भी दोनो एक ही साथ सोते थे . एक दिन रात के समय दोनो बैठ कर टीवी देख रहे थे इनके साथ राज की बहन पूजा भी बैठी हुई थी. राज फिल्म चल रहा था.. बैठे बैठे पूजा को नींद आने लगा वो राज की गोदी मे सो गयी .. राज ने उसको उठाया और मा के कमरे मे सुला दिया, फिर आकर डॉली के साथ टीवी देखने लगा.. फिल्म देखते देखते डॉली राज की गोद मे सर रखकर टीवी देखने लगी. राज उसके रेशमी बालो मे हाथ फिराने लगा .बालो मे हाथ फिराते - फिराते अचानक मेरा हाथ डॉली के छाती पहुच गया .चुकी डॉली 23 और राज 23 यियर्ज़ के हो गये थे.


राज को डॉली की छाती सहलाना बहुत अच्छा लग रहा था. डॉली अब निखर चुकी थी उसके लंबे लंबे बाल सुंदर और एकदम भोली भाली चेहरा किसी का मोह सकता .अचानक राज ने डॉली की छाती मसल दिया. तो डॉली एकदम उठकर बैठ गयी . राज के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. रोते हुए अंदर भाग गयी .. राज उसको देखता रह गया. राज ने टीवी बंद किया और वो भी अंदर चला गया

'अंदर से दरवाजा बंद करके डॉली के पास पहुचा तो 'डॉली तकिये मे मूह छुपाए रो रही थी'

अरे तुम क्यो रो रही हो 'थप्पड़ मुझको मारी थी रो तुम रही हो' इतना कहकर राज डॉली के पास बैठ गया ..
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Dolly sharma
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार

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तुमने मेरा छाती क्यो दबाया था तुम बहुत गंदे हो..

ओह्ह्ह्ह्ह ये बात है देखो डॉली में तुमको बचपन से ही बहुत चाहता हू. मेरे मन मे तुम्हारे प्रति कोई गंदा बिचार नही है तुम्हारे सिवा मुझे कोई अच्छा नही लगता है


..देखो फिर से में तुम्हारा छाती मसल रहा हू .. इतना कहकर डॉली को गोदी मे खींच कर उसके पूरे चेहरे को चूमने लगा डॉली मुझको चूमने लगी .चूमते हुए मैं उसके दोनो खरबूज़े को दबाने लगा तो मेरे पूरे सरीर मे सुरसुरी दौड़ गयी मेरा लंड खड़ा हो गया में और ज़ोर ज़ोर से उसकी छाती दबाने लगा .

में जैसे ही उसके सलवार के अंदर हाथ घुसाया तो डॉली ने मेरा हाथ पकड़ लिया ….नही राज वहाँ नही अभी हमलोगो का उमर नही है 2 साल और बर्दास्त करो .उपर जितना मर्ज़ी कुच्छ भी कर लो.


इधर राज की मम्मी भी 38 साल की हो गयी थी उसका बदन गदराया हुया था.

अब तो राज और डॉली की ऐसी स्थिति हो गयी थी की दोनो को कोई अलग करने की कोसिस भी करता दोनो मर जाते .. पढ़ने मे दोनो बहुत तेज दोनो एक दूसरे का हेल्प किया करते थे . दोनो ने 10 का एग्ज़ॅम दिए . रिज़ल्ट 3 माह के बाद आने वाला था इसलिए दोनो घर पे रहने लगे ..

एक दिन पूजा स्कूल चली गयी डॉली पड़ोस मे ही चली गयी. राज अपने नाना नानी के साथ खेतो मे घूमने चला गया लेकिन डॉली के बिना उसे अच्छा नही लग रहा था . वो घर पर आ गया . घर देखा की उसकी मा लेटी हुई वो उनके पास चला गया

अरे मा तुमको क्या हुआ है , इतना कहकर उसने मा के सर पे हाथ रखा तो उसको एक झटका लगा उसकी मा का पूरा सरीर बरफ के समान ठंडा हो गया था .उसने जल्दी से कंबल उठाया उनको ऊढा दिया , जाकर डॉली को खोजने लगा लेकिन डॉली कही नही मिली तो उसने सारे दरवाजे बंद कर दिए अपनी माँ के रूम मे चला आया उसने फिर अपनी माँ को हिलाया लेकिन वो तो बेहोस हो चुकी थी . राज कही पढ़ा था की औरत का सरीर यदि ठंडा पड़ जाए तो मरद अपने सरीर से गर्मी दे तो वो ठीक हो सकती है. राज ने अपने सारे कपड़े निकाल दिया फिर जल्दी से अपनी माँ की सारी निकाल दिया , ब्लाउज का भी एक-एक बटन खोलने लगा उसको भी सरीर से अलग कर दिया .बड़ी-बड़ी चुचियाँ देखकर इसका पूरा सरीर काँपने लगा.


काँपते हुए हाथो से साया का नाडा खोला और उसको भी निकाल दिया .राज ने आज तक किसी को नंगा नही देखा था लेकिन अपनी ही मा को नंगा देखकर इसका पूरा बदन काँप रहा था. सेक्स के बारे मे किताबो मे पढ़ा था लेकिन किया नही था, देरी नही करते हुए राज अपनी माँ को सीधा लिटाया और उनके उपर चढ़ गया. 'हे भगवान मुझको माफ़ करना' इतना कहकर अपनी माँ के उपर चढ़ गया 'अपने उपर कंबल खिच लिया 'उनके होंठो को चूसने लगा.


मुझे तो उनके होंठ बरफ के टुकड़ो के समान लग रहा था . लेकिन लगातार होंठो को चूसने से उनका सरीर थोड़ा हिला , बस में उनके उपेर से हटकर उनका सारा कपड़ा किसी तरह पहना दिया 'मेने भी अपना शर्ट पैंट पहन लिया ' क्योकि पूजा के पढ़ के आ ने का समय हो गया था, मेरे मन तो मचल रहा था की ' मा को और चुमू उनके पूरे सरीर से खेलु लेकिन में 'कोई रिक्स नही लेना चाहता था ' इसीलिए में अब में मा के पास बैठ गया


तबतक किसीने दरवाजा खटखटाया ' मुझे लगा की डॉली होगी ' और मेने जाकर दरवाजा खोला मेरा शक सही निकला डॉली ही खड़ी थी .

राज :- इतनी देर से कहाँ थी तुझको मालूम है मम्मी को क्या हुआ है ,"

क्या हुआ दीदी को तुम साफ - साफ क्यो नही बता रहे हो ,

क्या हुआ कह रही हो उनका पूरा सरीर बरफ के समान हो गया है. इतना कहते ही मेरे आँखो से अंशु टपकने लगे..

बच्चों के जैसे क्यो रो रहे हो. चलो देखते है.. फिर दोनो अंदर आते है ,

डॉली:-राज तुम दीदी के पैर ज़ोर ज़ोर से रगडो में हाथ रगड़ती हू. फिर दोनो मिलकर हाथ पैर की तलहटी रगड़ने लगे . करीब 10 मिनट के बाद राज की मा धीरे धीरे आँख खोलने लगी..


जब उन्होने इधर उधर देखा तो आस-पास ' डॉली राज ' दिखाई दिए . अरे डॉली तुम दोनों मेरे हाथ पैर क्यो रगड़ रहे हो..


राज देखो दीदी होश मे आ गई है राज .. दीदी तुम्हारा पूरा सरीर बरफ के समान ठंडा हो गया था.और तुम बेहोस हो गयी थी, ये बतलाओ तुम्हारा सरीर ठंडा क्यो हुआ था ; तुम अभी होश मे आई हो..


मुझे सुबह मे ही सर मे दर्द था में जैसे ही राज से बोलने वाली थी तभी मेरी नज़र टेबलेट पे पड़ी जो अलग रखी हुई थी लेकिन मुझे क्या मालूम था की ' की दोनो टेबलेट बुखार के ही है , बस मेने दोनो ही टेबलेटो को बुखार के ही टॅबलेट ही समझ कर खा लिया बस फिर क्या था 'मुझे चक्कर आने लगा और में बिच्छवान पे गिर गई ' '

कोई बात नही राज तुम जाकर दवाई ले आओ (चुकी उस टाइम हमारे गाँव मे डॉक्टर नही थे ) राज दवाई लाने के लिया चला गया तबतक पूजा भी पढ़कर आ गई. पूजा ने आते ही पूछा 'मम्मी तुमको क्या हुआ है'

कुच्छ नही थोड़ा सा ठंड लग रहा है '

पूजा भी आकर बैठ गई ' फिर पूजा और डॉली दोनो ने मिलकर हाथ पैर रगड़ने लगे' जिससे कि थोड़ा सा और गर्मी आ जाए' . कुच्छ ही देर के बाद राज दवाई लेकर आ गया .

राज:-मम्मी दवाई खा कर तुम सो जाओ


खाना आज डॉली और पूजा बनाएगी.


ठीक है जैसे तुमलोगो की मर्ज़ी लेकिन पहले थोड़ा सा पढ़ लो ,

फिर हम तीनो ने कुच्छ देर तक पढ़ाई की . उसके बाद डॉली और पूजा खाना बनाने चली गयी
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