कहीं वो सब सपना तो नही complete
- VKG
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
intezar khatm hua dosto
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
अभी मैं बोल रहा था कि आंटी मेरे बहुद करीब हो गई,,,,,,अच्छा बता मेरे साथ रोल प्ले करेगा क्या,,,,
ज़रूर आंटी जी,,,,आप बोलो आपको कॉन्सा रोप प्ले करना है,,,,,,
मुझे तो यही वाला करना है,,,,,तू सन्नी ओर मैं तेरी अलका आंटी,,,,,
ये तो अभी कर चुके है ,,,आप कोई न्यू बताओ अब,,,,
अच्छा तू बता तुझे कॉन्सा रोल प्ले करना है,,,,,
ऐसे नही चुदाई करते हुए बताउन्गा,,,,,इतना बोलकर मैं आंटी के उपर चढ़ गया,,,मस्ती की वजह से लंड
पहले से अकड़ चुका था मैं लंड को आंटी की चूत मे घुसा दिया,,,,
आहह कुछ सबर कर बेटा,,पहले बता ना रोल कॉन्सा प्ले करना है फिर मस्ती करते है,,,,
नाह्ीऊ आंटी जी मस्ती करते करते रोल की बात करते है,,इतना बोलकर मैने झटके लगाना शुरू कर दिया,,मेरा
पूरा लंड आंटी की चूत की जड तक जाने लगा था,,
आहह आछ्ह्ह्ह्ह बाट्टा कून्न्स्सा रूल्ली प्पलाय क्काररन्ना हाइी ,,,,,ब्बातता ना
स्सच्च बूलुउउ औउन्नती ज्जिई,,,,
हां बोल न्ना अबीतता आज्ज तटूउ कककुउहह बहिी बूल्ल,,
मुउजझी आअज आपपक्के साथ मा बेटे का रोल प्लाय क्कारन्ना हाइईइ,,,आंटी मूह खोल कर
मुझे देखने लगी लेकिन उनके खुले मूह से भी सिकियाँ निकल रही थी,,,,,,
क्या बोल रहा है बेटा कुछ शरम कर,,,,,
शरम कैसी आंटी जी,,,,इसमे क्या बुरी बात है,,,,,मुझे शुरू से भारी बदन की लॅडीस अच्छी लगती है ऑर जैसा
बदन आपका है वैसा ही बदन मेरी माँ का भी है,,,,,,उसके बूब्स भी बहुत बड़े बड़े है,,,,मस्त गान्ड
है उनकी,,,,,,
क्या बूल्ल राहहा हहाई सन्नी,,,,,,
सही तो बोल राहहा हूँ,,,,अब अगर मेरी जगह करण का लंड होता आपकी चूत मे तो क्या अपने उसको चोदने
से मना कर देना था,,,,,जबकि आपको पता हो कि करण का लंड भी मेरे लंड जितना बड़ा है,,,,,
आंटी मेरी तरफ बड़ी हैरत से देख रही थी,,,,,क्या बोल रहा है बेटा कुछ तो शरम कर,,,,,
मैं बेशर्म ही ठीक हूँ अगर बेशर्म रहके माँ के साथ मस्ती कर सकता हूँ तो ठीक है मैं बेशर्म
ही सही,,,,लेकिन एक बात पक्की है अगर एक बार आप भी करण का लंड चूत मे लोगि तो मस्ती किए बिना नही रह
पाओगी,,,उसका लंड भी 9 इंच लंबा है,,,,जब चूत मे जाएगा आपकी तो मस्त कर देगा आपको,,,,,
बस कर सन्नी ऐसे मत बोल प्लज़्ज़्ज़,,,,ये सब अजीब है,,,,,बहुत बुरा लगता है सुनने मे
बुरा क्या इसमे आंटी जी,,,एक बार चुदाई करके तो देखो कारण से,,मज़ा आ जाएगा,.,अगर इस टाइम मेरी जगह
यहाँ करण होता तो अप उसके साथ मस्ती किए बिना रह नही पाती,,,,,
बस बहुत हो गया सन्नी,,,क्या तेरी माँ होती यहाँ तो तू उसको चोद लेता,,,,,
हाँ बिल्कुल चोद लेता अगर वो मना नही करती,,,,,ऑर मैं तो कब्से मोका ढूँढ रहा था आपको ऑर अपनी
माँ को चोदने का,,,,आपको चोदने का मोका मिल गया अब माँ के साथ पता नही कब मोका मिलेगा,,,,
क्या बोल रहा है तू,,कुछ तो सोच सन्नी,,कुछ तो शरम कर,,,,,,वो मुझे समझा रही थी लेकिन चूत मे
अंदर बाहर होता लंड उसको मस्त करता जा रहा था,,,,,
प्ल्ज़्ज़ आंटी एकक बार मेरी माँ बन जाओ,,,,रियल मे ना सही रोल प्ले मे सही एक बार मुझे अपनी माँ को
चोद लेने दो ,,,प्ल्ज़्ज़ आंटी,,इतना बोलकर मैं अपनी स्पीड तेज काद्री,,,,,प्ल्ज़्ज़ आंटी,,,,,प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ ,,,
ठीक है बेटा,,,,आजज्ज तूऊ मुउज़्झहह्ी अपनी माँ सरिता समझ ले,,,,
ऑर आप भी मुझे अपना बेटा करण समझ लो आंटी जी,,,,,,,,मैने स्पीड ऑर भी ज़्यादा तेज करदी,,,,पहले तो
सिसकियों के साथ आंटी सन्नी सन्नी कर रही थी लेकिन जल्दी ही वो करण करण करने लगी,,,मैं उनकी तरफ देख
कर हँसने लगा,,,,लेकिन मस्ती मे शरमाने की जगह आंटी मुझे करण ही बुला रही थी,.
माज्जा आ राहहा हहाइी म,,,,बूल्लू म्मा ंमाज़्जा आ र्हाहहा हाइईइ
हाँ कार्रान्ण बेटा भ्हुत्त मा ज्जा आ राहा हहा,,,टीज़्ज चोद आपपननीी माँ कूओ कार्रान्ण बेटा
ऊरर टीज़्जज आहह उउउहह स्पीदड़ काम मॅट काररन्ना ब्बीत्ताअ,,,
त्ीिक हाइी मा जिित्टनीी टटेज बूलूओगीइ उउतन्ना तेज करूँगा,,,,बस मुज्झहही आपपन्ना अबबीतता ब्बांना
क्कार म्मा्स्स्ती कार्रत्ती र्राहूऊ,,,,,,
आंटी मुझे अपना बेटा करण बना रही थी ऑर मैं उनको अपनी माँ सरिता,,,इस बात से पक्का हो गया था कि आंटी
'भी करण से चुदने को तैयार हो जाएगी ,,,मुझे पक्का यकीन था सीलिए मैं कारण को मेसेज कर चुका था
जब आंटी वॉशरूम मे थी,,,,वो अब किसी भी पल मेरी माँ को लेके यहाँ आने वाला था,,,,,
रोल प्ले करते हुए मैं तेज़ी से आंटी को चोद्ता रहा ऑर आंटी भी मुझे तेज़ी से झटके मारने को बोलती
रही,,,,तभी बाहर बेल बजी,,,,
कौन आ गगया ब्बीतता इतनी सुबह हहूऊंम ल्ल्लूग्गू क्कू ददीईसस्तटुउर्ब्ब क्कररनी,,,,,,,
माँ आप लेटी रहो आराम से मैं देख कर आता हूँ,,,,,,,
लेकिन बेटा अपनी हालत तो देख ज़रा,,,,,आंटी ने मेरे जिस्म पर लगे आयिल की तरफ इशारा किया,,,
कोई बात नही माँ आप फ़िक्र मत करो,,,,,मैं बाथरूम मे गया ऑर टवल लपेट कर बाहर चला गया,,,,मैने
देखा कि गेट पर माँ ऑर करण थे,,,लेकिन जैसे ही मैने गेट खोला तो साथ मे शिखा भी थी,,,,
गेट खुलते ही करण मेरे गले लग गया,,,,साले मार लिया मैदान ,,,,,कहाँ है माँ,,,,,
मैने सबको अंदर आने को बोला,,,,शिखा ऑर माँ मुझे देख कर बहुत खुश थी,,,,,
बता ना माँ कहाँ है,,,,मैने गेट बंद किया ऑर टवल के अंदर अपने लंड पर इशारा किया,,,,जो फुल मस्ती
मे खड़ा हुआ था,,,,,माँ ऑर शिखा की नज़र उसपे चली गई,,,,
साले इतनी सुबह सुबह लगा हुआ है मेरी माँ को चोदने मे,,,,
तू भी तो करण बेटा मुझे रात से चोद रहा है,,,,,फिर क्या हुआ अगर इसने तेरी माँ को चोद लिया,,,,इतना
बोलकर माँ और करण हँसने लगे साथ मे शिखा भी,,
मैं सब को चुप रहने को बोला ऑर अंदर चलने को बोला लेकिन कोई आवाज़ किए बिना,,,,,
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
सब लोग अंदर आ गये ऑर मैं आंटी के रूम की तरफ जाने लगा,,,,तभी अंदर से आवाज़ आई,,,कॉन था बेटा,,,
मैं दरवाजे के पास चला गया,,,,,,,
कोई नही था माँ,,,,
फिर तू वहाँ क्या कर रहा है ,,चल आजा ऑर अपनी माँ को खुश कर,,,,,मैं दरवाजे पर खड़ा था ऑर बाकी
लोग बाहर खड़े मेरी ऑर आंटी की बातें सुन रहे थे,,,,,
ऐसे नही आउन्गा माँ पहले मेरा नाम लो ऑर अपने बेटे को पास बुलाओ अपने,,,,
आजा सन्नी बेटा अब और मत तडपा अपनी माँ को,,,,,
सन्नी नही ,,अपने बेटे को बुलाओ माँ,,,,
ओह भूल गई करण बेटा,,,,,जल्दी आ जाओ ऑर अपनी माँ की प्यास भुजा दो,,,,,
क्या बोला फिर से बोलना माँ,,,,,
जल्दी आ जाओ करण बेटा ऑर अपनी माँ की प्यास भुजा दो,,,,,जल्दी कर तडपा मत अपनी माँ को,,,
आंटी ने इतना बोला ही था कि करण नंगा होके मेरे साथ आके दरवाजे पर खड़ा हो गया,,,,आंटी ने जब
करण को मेरे साथ नंगा देखा तो आंटी का मूह इतना ज़्यादा खुल गया कि एक साथ 2 लंड जा सकते थे
उनके मूह मे,,,,,
क्या मैं आ जाउ माँ आपकी प्यास भुजाने ,,,,करण ने इतना बोला ऑर थोड़ा आगे बढ़ गया,,,उसका लंड अभी
पूरा तन चुका था अपनी माँ को देख कर,,
उसकी माँ जल्दी से उठी ऑर पास पड़े पिल्लो को अपने उपर रख लिया ऑर अपने बदन को छुपाने की कोशिश
करने लगी,,,,,
तभी करण ऑर आगे बढ़ कर बेड पर जाके अपनी माँ के पास बैठ गया,,,उसकी माँ की नज़रे झुक गई,,वो अपने
बेटे से नज़रे नही मिला रही थी,,,,,
क्या हुआ आंटी जी अभी तो बोल रही थी करण बेटा आ जाओ ऑर मेरी प्यास भुजा दो अब करण आ गया तो आपकी
चूत की जगह आपका गला भी सूखने लगा,,,,
मैं ऑर करण हँसने लगे,,ऑर तभी पीछे से माँ ऑर शिखा भी अंदर आ गई,,,,वो भी नंगी हो चुकी थी,,
ऑर हँसते हुए अंदर आ रही थी,,,,
अलका आंटी इतना हैरान हो गई थी कि मुझे डर था कहीं इसको अटॅक नहीं आ जाए,,,,
क्यू अलका मज़ा आया सन्नी का लंड लेके,,अब शर्मा क्यू रही है ,,करन का भी लंड लेले एक बार फिर देख
कितना अमज़ा आता है,,,,इतना बोलकर माँ भी बेड पर चढ़ गई ऑर करण के लंड को हाथ मे लेके सहलाते हुए
अलका आंटी को दिखाने लगी ऑर कुछ देर बाद झुक कर करन के लंड को मूह मे भर लिया,,,इधर मैं
बेड से थोड़ा पीछे खड़ा हुआ था ऑर शिखा मेरे पास थी,,,मेरा लंड भी आकड़ा हुआ था शिखा मेरे पास
आई ऑर हम दोनो किस करने लगे ,,फिर शिखा घुटनो के बल बैठ गई ऑर मेरा लंड चूसने लगी,,,,लेकिन
ज़्यादा देर तक नही,,,,माँ ने करण का ऑर शिखा ने मेरा लंड बस कुछ पल ही चूसा फिर माँ ऑर शिखा
दोनो अलका आंटी के पास हो गई,,,,,,
क्या देख रही है अलका रानी,,,,ये सब हम लोगो का ही प्लान था,,,तुझे भी खेल मे शामिल करने का,,,,
तभी आंटी ने मेरी तरफ देखा,,,,,हाँ आंटी जी,,,,,ऑर शिखा ही वो लड़की है जो कल मेरे साथ लॅपटॉप पर
थी,,,,,अलका आंटी को कुछ समझ नही आ रहा था,,,,तभी माँ ने आगे बढ़ कर पिल्लो के नीचे से आंटी के
बूब्स को पकड़ लिये ऑर खुद आंटी के उपर होके आंटी के लिप्स पर किस करने लगी,,,आंटी अभी तक बेसूध
ही थी,,,कुछ समझ नही पा रही थी,,,,लेकिन माँ के हाथों ने अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया ऑर इतने
मे शिखा भी अलका आंटी ऑर माँ के पास चली गई ऑर अलका आंटी के हाथ से पिल्लो लेके साइड पर रख दिया,,,,इस
से पहले अलका आंटी कुछ समझ सकती शिखा ने उनकी टाँगों को खोल दिया ऑर अपने लिप्स रख दिए उनकी चूत
पर और उनकी चूत को मूह मे भरके चूसने लगी,,,,,अलका आंटी की हैरत ख़तम हो चुकी थी वो एक दम
से मस्ती मे आ गई थी,,,एक तो माँ उनको किस करने लगी थी ऑर साथ ही उनके बूब्स को मसल रही थी ऑर नीचे
से शिखा अपनी माँ की चूत पर टूट पड़ी थी ऑर उसको मूह मे भरके चूसने लगी थी,,,करीब 5-7 मिनट
तक माँ अलका आंटी को किस करती रही ऑर फिर उनके बूब्स को चूसने लगी जब अलका आंटी के लिप्स माँ के लिप्स
से दूर हुए तो वो अपनी ही बेटी को उनकी चूत चाट-ते देख थोड़ा हैरान हो गई लेकिन मस्ती की वजह से उनकी
हैरत कहीं हवा मे उड़ गई,,,इधर माँ जल्दी से पलट कर करन के पास हो गई तब तक मैं भी माँ और
उन लोगो के पास चाल गया था,,,,,माँ ने करण के लंड को पकड़ा ऑर मूह मे भर लिया ऑर बेड पर झुक गई
जिस से माँ की गान्ड मेरे सामने हो गई ,,मैने कोई देर नही की ऑर अपने लंड पर थोड़ा थूक लगा लिया ,
मेरे लंड पर पहले से आयिल लगा हुआ था लेकिन थूक की वजह से लंड ऑर चिकना हो गया था,,मैने थोड़ा
थूक माँ आकी गान्ड पर लगाया तो मस्ती मे माँ की गान्ड खुलने लगी ऑर मैने माँ की गान्ड के अंदर थूक
दिया ऑर उंगली से हर तरफ लगा दिया,,,फिर अपने लंड को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर अलका आंटी की तरफ देखते
हुए अपने लंड को माँ की गान्ड मे घुसा दिया,,,,,अलका आंटी कुछ मस्ती मे थी लेकिन अभी भी परेशान
थी,,,,नीचे से शिखा उनकी चूत को चूस रही थी,,ऑर अब शिखा के हाथ उपर अपनी माँ के बूब्स पर
चले गये थे जिनको वो हाथ मे लेके मसल्ने लगी थी,,,,अलका आंटी की सिसकियाँ भी शुरू हो गई लेकिन उस से
तेज थी मेरी माँ की सिसकियाँ जो गान्ड मे लंड लेके मस्ती मे पागल होने लगी थी,,,लेकिन माँ के लिए एक लंड
काफ़ी नही था ,,माँ ने करण के लंड को मूह से निकाला ऑर करण खुद को अड्जस्ट करता हुआ माँ के नीचे
घुस्स कर लेट गया जिस से करण का लंड माँ की चूत तक पहुँच गया ऑर माँ ने अपने हाथ से करण का लंड
पकड़ा ऑर अपनी चूत मे घुसा लिया ,,,,करीब 5-10 मिनट तक मैं पीछे से माँ की गान्ड ऑर करण नीचे से
माँ की चूत मारता रहा ऑर उधर शिखा अपनी माँ की चूत को चुस्ती हुई उनके बूब्स मसल रही थी,,अलका
आंटी कभी अपनी बेटी की तरफ देख रही थी ऑर कभी हम तीनो की तरफ,,,,
शिखा काफ़ी देर से अपनी माँ की चूत को चूस रही थी इसलिए अलका आंटी की चूत ने पानी बहाना शुरू कर
दिया ऑर शिखा ने सारा पानी पी लिया,,अलका अपनी बेटी को देख कर हैरान हो गई,,,,तभी शिखा उठी ऑर अपनी
माँ के पास जाके उनके लिप्स को किस करने लगी ऑर करण को इशारा करने लगी,,,,माँ ने भी शिखा की तरफ
देखा ऑर मुझे हटने को बोला जिस से माँ उठ गई ऑर करण माँ के नीचे से उठा कर अपनी माँ के पास
चला गया,,,शिखा ने करण के पास आते ही उसका लंड अपने हाथ मे पकड़ा ऑर फिर मूह मे भर लिया ,,,,अलका
फिर से मूह खोले अपने बेटे ऑर बेटी को देखने लगी थी,,लेकिन उसको असली हैरत तब हुई जब शिखा ने अलका
की टाँगों को खोल दिया ऑर करण को अलका के उपर चढ़के उसको चोदने का इशारा किया,,,,करण भी जल्दी ही
अपनी माँ पर चढ़ गया ऑर अपने लंड को अपनी माँ की चूत मे घुसा दिया ऑर अपनी माँ को किस करने लगा,,
पहले तो अलका बेसूध पड़ी रही लेकिन करण की स्पीड तेज होते ही मस्ती मे वो अपने बेटे का साथ देने लगी
,,इधर मैने भी माँ को बेड पर लेटा लिया ऑर अपने लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया,,,,माँ तेज़ी से
सिसकियाँ लेते हुए मुझे स्पीज़ तेज करने को बोलने लगी,,,,,आहह ऊरर तीज्ज काररर ब्बीत्टता ऊरर तीएजज़्ज़्ज
फादद्ड़ द्दी आपपनन्ी ,माआअ क्कीी छ्छूटतत ककूऊ प्पूउर्राा मूऊवस्साल्ल्ल ग्घुउस्साआआ डदीए
उउन्नड़दीर्र त्टाककककक आहह ऐसी हहीी बीत्ताअ ऊरर तीएजज ऊरर तीज़्ज़ज्ज ,,,,अलका ने करण के लिप्स से
अपने लिप्स को अलग किया ऑर मेरी ऑर मेरी माँ की तरफ देखने लगी,,,,फिर कुछ ही पल मे अलका की भी सिसकियाँ
शुरू हो गई,,,करण अपनी माँ पर लेट कर तेज़ी से झटके लगा रहा था ऑर दोनो हाथों से अपनी माँ के बूब्स
को मसल रहा था,,,,अलका भी मस्ती मे पागल हो गई ऑर अपने बेटे करण को तेज़ी से चोदने को बोलने लगी,,,
ओररर तीज्ज्ज्ज करन्णन्न् बीत्ताअ आअज्ज ततुउउउ बभिईीई त्टीजजिि ससीए छ्ोपूओद्दड़ आपपननीी माआ ककूऊऊ
प्पूउर्रा ल्लुउन्न्ड्ड़ ग्घुउस्स्साअ डदीई आपपननन्िईीईई माआअ क्कीईइ चूटतत मीईए आहह ऊओरर
त्टीज्जज बीत्ताआअ ,,,,माँ ऑर अलका आंटी के सर एक दूसरे से बस 2 फीट दूर थे ऑर बीच मे बैठी हुई थी
शिखा जो कभी अपनी माँ के जिस्म पर तो कभी मेरी माँ के जिस्म पर हाथ घुमा रही थी,,,दोनो बेटे अपनी
माँ को चोदने मे लगे हुए थे ऑर दोनो माँ अपने बेटे को स्पीड तेज करने को बोल रही थी,,,,अलका पहले
बहुत शर्मा रही थी घबरा रही थी लेकिन अब उसकी शरम ऑर डर हवा मे उड़ गये थे,,,,तभी कुछ देर
बाद माँ ने मुझे हटने को बोला ऑर उठकर बैठ गई ऑर अपनी जगह पर शिखा को लेटा दिया ऑर मैने भी
जल्दी से अपने लंड को शिखा की चूत मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से शिखा की चूत को चोदने लगा,,,,
मैं दरवाजे के पास चला गया,,,,,,,
कोई नही था माँ,,,,
फिर तू वहाँ क्या कर रहा है ,,चल आजा ऑर अपनी माँ को खुश कर,,,,,मैं दरवाजे पर खड़ा था ऑर बाकी
लोग बाहर खड़े मेरी ऑर आंटी की बातें सुन रहे थे,,,,,
ऐसे नही आउन्गा माँ पहले मेरा नाम लो ऑर अपने बेटे को पास बुलाओ अपने,,,,
आजा सन्नी बेटा अब और मत तडपा अपनी माँ को,,,,,
सन्नी नही ,,अपने बेटे को बुलाओ माँ,,,,
ओह भूल गई करण बेटा,,,,,जल्दी आ जाओ ऑर अपनी माँ की प्यास भुजा दो,,,,,
क्या बोला फिर से बोलना माँ,,,,,
जल्दी आ जाओ करण बेटा ऑर अपनी माँ की प्यास भुजा दो,,,,,जल्दी कर तडपा मत अपनी माँ को,,,
आंटी ने इतना बोला ही था कि करण नंगा होके मेरे साथ आके दरवाजे पर खड़ा हो गया,,,,आंटी ने जब
करण को मेरे साथ नंगा देखा तो आंटी का मूह इतना ज़्यादा खुल गया कि एक साथ 2 लंड जा सकते थे
उनके मूह मे,,,,,
क्या मैं आ जाउ माँ आपकी प्यास भुजाने ,,,,करण ने इतना बोला ऑर थोड़ा आगे बढ़ गया,,,उसका लंड अभी
पूरा तन चुका था अपनी माँ को देख कर,,
उसकी माँ जल्दी से उठी ऑर पास पड़े पिल्लो को अपने उपर रख लिया ऑर अपने बदन को छुपाने की कोशिश
करने लगी,,,,,
तभी करण ऑर आगे बढ़ कर बेड पर जाके अपनी माँ के पास बैठ गया,,,उसकी माँ की नज़रे झुक गई,,वो अपने
बेटे से नज़रे नही मिला रही थी,,,,,
क्या हुआ आंटी जी अभी तो बोल रही थी करण बेटा आ जाओ ऑर मेरी प्यास भुजा दो अब करण आ गया तो आपकी
चूत की जगह आपका गला भी सूखने लगा,,,,
मैं ऑर करण हँसने लगे,,ऑर तभी पीछे से माँ ऑर शिखा भी अंदर आ गई,,,,वो भी नंगी हो चुकी थी,,
ऑर हँसते हुए अंदर आ रही थी,,,,
अलका आंटी इतना हैरान हो गई थी कि मुझे डर था कहीं इसको अटॅक नहीं आ जाए,,,,
क्यू अलका मज़ा आया सन्नी का लंड लेके,,अब शर्मा क्यू रही है ,,करन का भी लंड लेले एक बार फिर देख
कितना अमज़ा आता है,,,,इतना बोलकर माँ भी बेड पर चढ़ गई ऑर करण के लंड को हाथ मे लेके सहलाते हुए
अलका आंटी को दिखाने लगी ऑर कुछ देर बाद झुक कर करन के लंड को मूह मे भर लिया,,,इधर मैं
बेड से थोड़ा पीछे खड़ा हुआ था ऑर शिखा मेरे पास थी,,,मेरा लंड भी आकड़ा हुआ था शिखा मेरे पास
आई ऑर हम दोनो किस करने लगे ,,फिर शिखा घुटनो के बल बैठ गई ऑर मेरा लंड चूसने लगी,,,,लेकिन
ज़्यादा देर तक नही,,,,माँ ने करण का ऑर शिखा ने मेरा लंड बस कुछ पल ही चूसा फिर माँ ऑर शिखा
दोनो अलका आंटी के पास हो गई,,,,,,
क्या देख रही है अलका रानी,,,,ये सब हम लोगो का ही प्लान था,,,तुझे भी खेल मे शामिल करने का,,,,
तभी आंटी ने मेरी तरफ देखा,,,,,हाँ आंटी जी,,,,,ऑर शिखा ही वो लड़की है जो कल मेरे साथ लॅपटॉप पर
थी,,,,,अलका आंटी को कुछ समझ नही आ रहा था,,,,तभी माँ ने आगे बढ़ कर पिल्लो के नीचे से आंटी के
बूब्स को पकड़ लिये ऑर खुद आंटी के उपर होके आंटी के लिप्स पर किस करने लगी,,,आंटी अभी तक बेसूध
ही थी,,,कुछ समझ नही पा रही थी,,,,लेकिन माँ के हाथों ने अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया ऑर इतने
मे शिखा भी अलका आंटी ऑर माँ के पास चली गई ऑर अलका आंटी के हाथ से पिल्लो लेके साइड पर रख दिया,,,,इस
से पहले अलका आंटी कुछ समझ सकती शिखा ने उनकी टाँगों को खोल दिया ऑर अपने लिप्स रख दिए उनकी चूत
पर और उनकी चूत को मूह मे भरके चूसने लगी,,,,,अलका आंटी की हैरत ख़तम हो चुकी थी वो एक दम
से मस्ती मे आ गई थी,,,एक तो माँ उनको किस करने लगी थी ऑर साथ ही उनके बूब्स को मसल रही थी ऑर नीचे
से शिखा अपनी माँ की चूत पर टूट पड़ी थी ऑर उसको मूह मे भरके चूसने लगी थी,,,करीब 5-7 मिनट
तक माँ अलका आंटी को किस करती रही ऑर फिर उनके बूब्स को चूसने लगी जब अलका आंटी के लिप्स माँ के लिप्स
से दूर हुए तो वो अपनी ही बेटी को उनकी चूत चाट-ते देख थोड़ा हैरान हो गई लेकिन मस्ती की वजह से उनकी
हैरत कहीं हवा मे उड़ गई,,,इधर माँ जल्दी से पलट कर करन के पास हो गई तब तक मैं भी माँ और
उन लोगो के पास चाल गया था,,,,,माँ ने करण के लंड को पकड़ा ऑर मूह मे भर लिया ऑर बेड पर झुक गई
जिस से माँ की गान्ड मेरे सामने हो गई ,,मैने कोई देर नही की ऑर अपने लंड पर थोड़ा थूक लगा लिया ,
मेरे लंड पर पहले से आयिल लगा हुआ था लेकिन थूक की वजह से लंड ऑर चिकना हो गया था,,मैने थोड़ा
थूक माँ आकी गान्ड पर लगाया तो मस्ती मे माँ की गान्ड खुलने लगी ऑर मैने माँ की गान्ड के अंदर थूक
दिया ऑर उंगली से हर तरफ लगा दिया,,,फिर अपने लंड को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर अलका आंटी की तरफ देखते
हुए अपने लंड को माँ की गान्ड मे घुसा दिया,,,,,अलका आंटी कुछ मस्ती मे थी लेकिन अभी भी परेशान
थी,,,,नीचे से शिखा उनकी चूत को चूस रही थी,,ऑर अब शिखा के हाथ उपर अपनी माँ के बूब्स पर
चले गये थे जिनको वो हाथ मे लेके मसल्ने लगी थी,,,,अलका आंटी की सिसकियाँ भी शुरू हो गई लेकिन उस से
तेज थी मेरी माँ की सिसकियाँ जो गान्ड मे लंड लेके मस्ती मे पागल होने लगी थी,,,लेकिन माँ के लिए एक लंड
काफ़ी नही था ,,माँ ने करण के लंड को मूह से निकाला ऑर करण खुद को अड्जस्ट करता हुआ माँ के नीचे
घुस्स कर लेट गया जिस से करण का लंड माँ की चूत तक पहुँच गया ऑर माँ ने अपने हाथ से करण का लंड
पकड़ा ऑर अपनी चूत मे घुसा लिया ,,,,करीब 5-10 मिनट तक मैं पीछे से माँ की गान्ड ऑर करण नीचे से
माँ की चूत मारता रहा ऑर उधर शिखा अपनी माँ की चूत को चुस्ती हुई उनके बूब्स मसल रही थी,,अलका
आंटी कभी अपनी बेटी की तरफ देख रही थी ऑर कभी हम तीनो की तरफ,,,,
शिखा काफ़ी देर से अपनी माँ की चूत को चूस रही थी इसलिए अलका आंटी की चूत ने पानी बहाना शुरू कर
दिया ऑर शिखा ने सारा पानी पी लिया,,अलका अपनी बेटी को देख कर हैरान हो गई,,,,तभी शिखा उठी ऑर अपनी
माँ के पास जाके उनके लिप्स को किस करने लगी ऑर करण को इशारा करने लगी,,,,माँ ने भी शिखा की तरफ
देखा ऑर मुझे हटने को बोला जिस से माँ उठ गई ऑर करण माँ के नीचे से उठा कर अपनी माँ के पास
चला गया,,,शिखा ने करण के पास आते ही उसका लंड अपने हाथ मे पकड़ा ऑर फिर मूह मे भर लिया ,,,,अलका
फिर से मूह खोले अपने बेटे ऑर बेटी को देखने लगी थी,,लेकिन उसको असली हैरत तब हुई जब शिखा ने अलका
की टाँगों को खोल दिया ऑर करण को अलका के उपर चढ़के उसको चोदने का इशारा किया,,,,करण भी जल्दी ही
अपनी माँ पर चढ़ गया ऑर अपने लंड को अपनी माँ की चूत मे घुसा दिया ऑर अपनी माँ को किस करने लगा,,
पहले तो अलका बेसूध पड़ी रही लेकिन करण की स्पीड तेज होते ही मस्ती मे वो अपने बेटे का साथ देने लगी
,,इधर मैने भी माँ को बेड पर लेटा लिया ऑर अपने लंड को माँ की चूत मे घुसा दिया,,,,माँ तेज़ी से
सिसकियाँ लेते हुए मुझे स्पीज़ तेज करने को बोलने लगी,,,,,आहह ऊरर तीज्ज काररर ब्बीत्टता ऊरर तीएजज़्ज़्ज
फादद्ड़ द्दी आपपनन्ी ,माआअ क्कीी छ्छूटतत ककूऊ प्पूउर्राा मूऊवस्साल्ल्ल ग्घुउस्साआआ डदीए
उउन्नड़दीर्र त्टाककककक आहह ऐसी हहीी बीत्ताअ ऊरर तीएजज ऊरर तीज़्ज़ज्ज ,,,,अलका ने करण के लिप्स से
अपने लिप्स को अलग किया ऑर मेरी ऑर मेरी माँ की तरफ देखने लगी,,,,फिर कुछ ही पल मे अलका की भी सिसकियाँ
शुरू हो गई,,,करण अपनी माँ पर लेट कर तेज़ी से झटके लगा रहा था ऑर दोनो हाथों से अपनी माँ के बूब्स
को मसल रहा था,,,,अलका भी मस्ती मे पागल हो गई ऑर अपने बेटे करण को तेज़ी से चोदने को बोलने लगी,,,
ओररर तीज्ज्ज्ज करन्णन्न् बीत्ताअ आअज्ज ततुउउउ बभिईीई त्टीजजिि ससीए छ्ोपूओद्दड़ आपपननीी माआ ककूऊऊ
प्पूउर्रा ल्लुउन्न्ड्ड़ ग्घुउस्स्साअ डदीई आपपननन्िईीईई माआअ क्कीईइ चूटतत मीईए आहह ऊओरर
त्टीज्जज बीत्ताआअ ,,,,माँ ऑर अलका आंटी के सर एक दूसरे से बस 2 फीट दूर थे ऑर बीच मे बैठी हुई थी
शिखा जो कभी अपनी माँ के जिस्म पर तो कभी मेरी माँ के जिस्म पर हाथ घुमा रही थी,,,दोनो बेटे अपनी
माँ को चोदने मे लगे हुए थे ऑर दोनो माँ अपने बेटे को स्पीड तेज करने को बोल रही थी,,,,अलका पहले
बहुत शर्मा रही थी घबरा रही थी लेकिन अब उसकी शरम ऑर डर हवा मे उड़ गये थे,,,,तभी कुछ देर
बाद माँ ने मुझे हटने को बोला ऑर उठकर बैठ गई ऑर अपनी जगह पर शिखा को लेटा दिया ऑर मैने भी
जल्दी से अपने लंड को शिखा की चूत मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से शिखा की चूत को चोदने लगा,,,,
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: कहीं वो सब सपना तो नही
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