मेरी सेक्सी बहनें compleet

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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »


"मेरे पास सबूत है , ये बिल उस स्टोर का जहाँ से आपने ये वाच खरीदी... अगर आप चाहें तो स्विट्ज़र्लॅंड से गवाहों को भी लाया जा सकता है..." एरिसटॉटल ने इतना कहा, कि मैने उसे बीच में टोक दिया



"नहीं.. स्विट्ज़र्लॅंड जाने की नो नीड... ये तो अपना गुनाह कबूल कर चुके हैं.." मैने आगे बढ़ते हुए कहा



"वॉट नॉनसेन्स... ये कक्ककयाआअ बाकव्वासस्स हैं" पूजा के बाप की आवाज़ लड़खड़ा रही थी



"रिलॅक्स मिस्टर जोशी... रिलॅक्स... लॅडीस आंड गेंटल्मन... आइ वुड प्लीज़ रिक्वेस्ट यू ऑल टू वेकट दा रूम आसाप... बिकॉज़ आप सब लोग इतना दूर आए हमारी खुशी में शरीक होने, आपके खाने का बंदोबस्त रेस्तरॉ में है.. प्लीज़ बी और गेस्ट्स...." मैने चिल्लाके सब को रूम खाली करने को कहा



डॅड आगे आके कुछ बोलते उससे पहले मैने डॅड से कहा.. "डॅड रिलॅक्स.. आइ नो व्हाट आम आइ डूयिंग"




10 मिनट्स में रूम एक दम खाली हो चुका था.. रूम में अब मैं ललिता और डॅड थे.. सामने इनस्पेक्टर्स, एरिसटॉटल और बाकी के लोग..



"ललिता.. प्लीज़ स्टार्ट, बट उससे पहले गफ़ूर को बुला ले.." मैने ललिता से कहा



"राइट ब्रदर." कहके ललिता प्रोजेक्टर के पास बढ़ने लगी, और गफ़ूर को भी फोन कर लिया.. जब तक ललिता प्रोजेक्टर कनेक्ट करती तब तक गफ़ूर चौकसे को भी ला चुका था



"चौकसे.. व्हाट आर यू डूयिंग हियर.. और ये सब क्या है" डॅड ने चौकसे को देख के कहा



"डॅड.. यू विल लव हिज़ वर्क...." मैने चौकसे को एरिसटॉटल के पास धक्का देते हुए कहा और उसने उसे भी बाकी सब के साथ खड़ा कर दिया



"भाई.. स्टार्टिंग ओके... 3....2.... 1....... " कहके ललिता भी प्रोजेक्टर से हमारे पास आई और अपनी आँखें स्क्रीन पे गाढ ली

डीवीडी पे था, वो है नीचे





"हाहहहहा... हहहहहाहा.... यस आइ हॅव वॉन मिस्टर वीरानी... आइ हॅव वॉन.... तुम बर्बाद हो गये हो वीरानी हाहहहहहहा..... आज मैने अपना बदला ले लिया है वीरानी... तुम बहुत जल्द अब रोड पे आ जाओगे और मैं तुम्हारा वो हश्र करूँगा कि तुम कभी सोच भी नहीं पाओगे कि ऐसा क्यूँ हुआ.. हहहहहहहहा.. यूआर फिनिश्ड वीरानी....." संजय विक्की के होटेल रूम में था, और दीवार पे मेरे डॅड की फोटो लगा के उनसे बातें कर रहा था...



"वेलकम ऑल... वेलकम टू वर्ल्ड ऑफ संजय... वेलकम ऑल माइ डॉल्स आंड डॉग्स...." संजय ने सबको बुलाते हुए कहा...



धीरे धीरे करके सब लोग फ्रेम में आए... शन्नो, विजय, माया, पायल, ललिता, दिलीप (अंशु का पति) और सबसे अंत में.. पूजा.. जहाँ सब लोग संजय के सामने बैठे थे, वहीं पूजा सीधे जाके संजय की गोद में बैठ गयी..



"हेलो माइ जान.. मीसड यू सो मच.." पूजा ने संजय के होंठों को चाँटे चूमते हुए कहा



"मिस्ड यू टू मी प्रिन्सेस... लव यू अलॉट जान" कहके संजय और पूजा एक लंबे चुंबन में डूब गये



"आहह... चलो, क्या अपडेट है बताओ..." संजय ने बाकी के लोगों से पूछते हुए कहा..



"हे हे हे.. वेट आ सेकेंड.. ये यहाँ क्या कर रही है.. " संजय ने ललिता की तरफ इशारा करके कहा



"ये भी हमारे साथ है संजय..." शन्नो ने बस इतना कहा



संजय रूम में बनी छोटी सी सीडीयो से उतरा, और ललिता के पास आया



"हमारे साथ है.. ये हमारे साथ है.. ये हमारे साथ कभी नहीं हो सकती समझी तुम" संजय ने चिल्ला कर शन्नो को कहा



"है ये कहा ना तुम्हे एक बार.. और भूलो मत , हम तुम्हारे घर वाले हैं ओके... काम की बात करें अब या कुछ और भी बात से ध्यान भटकाना है हमारा" शन्नो ने गुस्से में आके संजय को जवाब दिया



"ये कैसे साबित करेगी कि ये हमारे साथ है.. और तुम, अपनी ज़बान बंद रखो समझी.." ज़य ने शन्नो को धक्का देते हुए कहा जो सीधा विजय के पास जा गिरी



"तुम जो कहो मैं वो कर सकती हूँ, मैं तुम्हारे साथ ही हूँ कब्से.. पर तुम्हारे ये लोग मुझे पहचान नहीं पाए... " ललिता ने विश्वास के साथ जवाब दिया



"क्या पहचान नहीं पाए ये लोग जो तुमने पहचान लिया है.." संजय ने ललिता से पूछा



"अंकल की नेट वर्थ कितनी है तुम पूछो इनसे, इनके पास जवाब नहीं होगा" ललिता ने कॉन्फिडेन्स के साथ कहा.. वो जानती थी कि संजय ये जवाब जानता है, पर क्यूँ कि उसने किसी को नहीं बताया था, इसलिए उसे खामोश रहना पड़ा... वो इस फिराक़ में था कि सब को 5 करोड़ का पप्लू पकड़ा देगा, और एंड में मेरे डॅड को मार देगा.. और डॅड के जाते ही, उनकी सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम होने वाली थी, विच मीन्स, ऑटोमॅटिकली पूजा उसे भी अपने नाम करवा लेती... ललिता के इस सवाल से सब चोंक गये, संजय ने कुछ नहीं कहा... काफ़ी देर तक खामोशी के बाद विजय उठा.



"मैं जानता हूँ ललिता... भाई साब की प्रॉपर्टी की वॅल्यू 35 करोड़ है, हम सब उसमे हिस्सेदार हैं.. इसमे क्या बड़ी बात है" विजय ने कॉनफ़ीरड़ेंट्ली जवाब दिया



"हुहम... डॅड, दया आती है कभी कभी आप पे मुझे... अंकल की नेट वर्थ है.. 265 करोड़, एक्सक्लूडिंग हिज़ होल्डिंग्स इन हिज़ प्राइवेट कंपनी... और अगर वो लिस्ट कर देंगे कंपनी को, तो एड 180 करोड़ मोर टू इट.. उनकी नेट वर्थ होगी 445 करोड़..." ललिता ने संजय की आँखों में देखते हुए कहा



ललिता की बात सुनके संजय चोन्का नहीं, पर उसे सब के सामने दिखावा करना था.. वो ललिता को देखता रहा, धीरे धीरे विजय की तरफ बढ़ा



"चटाक..... " एक तमच्चा मारा अपने बाप को जिससे वो जाके ज़मीन पे गिरा
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »


"सुन चूतिए... सुन, तेरी इनी हरकतों की वजह से आज हमारे नाम पे एक फूटी कोड़ी नहीं है... फॅक्टरी में जाके क्या गान्ड ही मरवाता है साले गान्डु... अनपढ़ भैनचोद..." कहके संजय वापस ललिता के पास आया



"ललिता.. पुरानी बातें भूल जा.. अब हम साथ हैं" कहके जैसे ही संजय पलटा ललिता ने उसे कहा



"नही संजय.. हम साथ नहीं है... इतने छोटे प्लान में मैं तुम्हारा साथ क्यूँ दूं.. इससे बड़ा प्लान मेरे दिमाग़ में है अभी.." ललिता ने अपनी सीट पे बैठ के कहा



"और वो क्या है ललिता.." संजय वापस अपनी चेर पे गया जहाँ पूजा उसके लिए सिगरेट लेके खड़ी थी



"वो मैं तुम्हे बाद में बताऊँगी.. पहले मैं जानना चाहती हूँ, तुमने इस काम के लिए इतने लोगों को क्यूँ इन्वॉल्व किया... आइ मीन, तुमने ये सब किया क्यूँ"



"ललिता.. शायद तुम भूल गयी हो, कि वीरानी ने मुझे तो चोट पहुँचाई थी, पर उसने डॅड को भी जैल पहुँचाया था... वो ड्रग्स का बॅग, उन्हो ने ही कार में रखवाया था, और उन्हे गिरफ्तार करवाया था.. ये तो भला हो दिलीप मासा का, उन्होने डॅड को बैल दिलवाई.. मुझे आज भी याद है वो दिन जब डॅड जैल से रिहा हुए थे और अंशु के घर पे बैठे थे.. मैं भी था वहाँ, डॅड की आँखों से, उनके हाथों से. हर जगह से खून बह रहा था.. यहाँ तक कि वो चल भी नहीं पा रहे थे.. और उनका गुनाह क्या था.. के उन्होने एक दो कौड़ी की असिस्टेंट का रेप किया था... उस दिन उन्होने साबित कर दिया कि डॅड उनके सौतेले भाई हैं.. मैं नहीं भूल सकता ललिता, तू भले ही भूल जाए, लेकिन मैं नहीं भूल सकता वो दिन जब मोम के पास एक ढंग की साड़ी नहीं थी और राज की माँ ने भी उनकी मदद नहीं की थी... आज तक हर जगह, हर वक़्त उन्होने हमे ज़लील ही किया है.. आज तक उन्होने मेरा हाल तक नहीं पूछा.... और तुझे आज भी उनकी फ़िक्र है ज़्यादा...." संजय ने सीट पे वापस बैठते हुए कहा



"नहीं, फ़िक्र तुम्हारी है तभी तो पूछ रही हूँ... तुम्हारी बात तो मुझे समझ आई पर ये बाकी के लोग... क्या विश्वास है इनका के ये लोग हमे धोखा नहीं देंगे संजय.. आज की डेट पे हमे किसी का इतना भरोसा नहीं करना चाहिए" ललिता ने बाकी सब को देखते हुए कहा



"हाहहाहा.. किसपे भरोसा नहीं है तुझे... इस पूजा पे" उसने पूजा को खड़ा करते हुए कहा


"सुन ध्यान से, पूजा और इसके माँ बाप आज भी हमारे गुलाम रहेंगे, और आगे जाके भी... क्यूँ कि जिस दिन पूजा अपने घर पे बैठ के आराम से दारू पी रही थी, अंशु और उसका पति उनके मा बाप से झगड़ा कर रहे थे.. अंशु के सास ससुर के पास इतनी प्रॉपर्टी थी कि कोई सोच भी नहीं सकता... पर उनके पास एक चीज़ नहीं थी... दिमाग़.. उन बूढ़ों ने सारी प्रॉपर्टी किसी ट्रस्ट के नाम पे की थी.. इस बात को लेके, रोज़ अंशु और उसके सास ससुर का झगड़ा होता था... लेकिन एक दिन, मेरी प्यारी डॉल.. मेरी डार्लिंग पूजा ने अपना दिमाग़ चलाया.. उसने यूनिवर्सिटी के फॉर्म के बहाने अपने प्यारे दादा दादी से साइन करवा ली और उनकी प्रॉपर्टी के नकली डॉक्युमेंट्स बना दिए.. उन पेपर्स के हिसाब से अब सारी प्रॉपर्टी पूजा की थी.. बात तो ये खुशी की थी, पर फिर भी अंशु खुश नहीं थी... उसने गुस्से में आके अपने सास ससुर को मार डाला... जिस रात को उसने और उसके पति ने उन बूढ़ो का खून किया, उनकी बॅड लक.. और मेरी गुड लक, मैं वहाँ पहुँच गया था.. पहुँचा तो मैं कुछ पैसे लेने था, पर मेरी किस्मत देखो... मैने अंशु को उसके सास ससुर को ठिकाने लगाने में मदद की.. तब से लेके आज तक, पूजा और अंशु मेरे तलवे ही चाटेंगे.. है ना मेरी रंडियों" कहके संजय ने पूजा को अपने बाजू में से धक्का दिया...



"ओह.. तो अभी अंशु और उसके बाप को हम कभी भी यूज़ कर सकते हैं, पर पूजा को नहीं,, क्यूँ कि इस किस्से में तो पूजा ने कुछ नहीं किया.. ललिता अब खुलके अपने सवाल पूछने लगी



"अहहहहहा.... व्हाट आ जोक हाँ... ये ऐसा करेगी तो इसके माँ बाप की लाश भी नहीं मिलेगी इसको..और इसके बाप को तो मैं यूज़ कर चुका हूँ समझी..." ज़य ने अंशु के पति को देखते हुए कहा



"ललिता... तुम्हारी बहेन का खून मैने ही किया है... उसे मैने ही मारा है.." दिलीप ने गर्व के साथ खड़े होके कहा



ललिता की आँखों में खून उतर आया... पर उसने खुद पे काबू रखा और पूछा



"क्यूँ.. "



"क्यूँ कि वो राज के हाथों की कट्पुतली बन चुकी थी.,, और पायल ने मिलके डॉली का एमएमस बनाया था जिसकी वजह से वो लोग डॉली को इस्तेमाल करके हम तक पहुँच सकते थे... ये बात हमे पायल ने खुद बताई... अगर वो नहीं मरती, तो आज हम सब यहाँ नहीं बैठे होते..." दिलीप ने बहुत ही सीधे तरीके से ये बात कही.. ना एमोशन्स, ना दुख.. कुछ भी नहीं



"पर संजय.... माया बुआ और पायल क्या कर रहे हैं इधर" ललिता ने आखरी सवाल पूछा



"माया बुआ बेचारी.... उनके पति का कर्ज़ा चढ़ चुका है... कितना है बुआ, ज़रा बताएँगे प्लीज़.." संजय ने माया बुआ को देखते हुए कहा



"20 करोड़.. और ललिता, उनके बिज़्नेस में हो रहे लॉस की वजह से ये कर्ज़ा आज 40 करोड़ हो चुका है..." माया बुआ ने दुख भरी आवाज़ में कहा

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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by supremo009 »

superb!!!

waiting for next jai Bhai.......
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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »

supremo009 wrote:superb!!!

waiting for next jai Bhai.......
rangila wrote:payal apni maa ki vajah se raj se dur hat gai thi ......................huh ab aaya samajh me


jay bhai bahut achha update


thanks all of you
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