ममेरी बहन के साथ कबड्डी

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ममेरी बहन के साथ कबड्डी

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ममेरी बहन के साथ कबड्डी





यह बात आज से करीब एक साल पहले की है, मुझे ऑफिस के काम से 15 दिनों के लिए मथुरा जाना था और सारा खर्चा कम्पनी ही दे रही थी।

यह बात आकर मैंने अपने घर में बताई तो मेरी मम्मी ने कहा- वहाँ तो तेरे मामा भी रहते हैं। मैं उसको फ़ोन करके कह दूंगी और तू वहीं उनके पास रह लेना।

मैंने मम्मी से पूछा- कौन से मामा रहते हैं मथुरा में?

तो मम्मी ने बताया- वो नवीन मामा जो पहले मेरठ में रहते थे, पर अब वो मथुरा चले गए हैं।

‘नवीन मामा!’ मैंने चौकते हुए कहा- अब वो मथुरा में रहते हैं? मेरठ तो मैं कई बार जा चुका हूँ पर मथुरा का मुझे पता ही नहीं था ! चलो यह भी अच्छा हुआ, अब तो मैं उसके यहाँ ही रहूँगा।

अगले दिन ही मुझे मथुरा के लिए निकलना था इसलिए मैंने अपना सामन रात में ही पैक कर लिया था और फिर अगले दिन मैं मथुरा के लिए रवाना हो गया।

मम्मी ने नवीन मामा को फ़ोन करके बता दिया था कि मैं मथुरा आ रहा हूँ। इसलिए नवीन मामा मुझे लेने मथुरा बस स्टैंड पहुँच गए।

मामा मुझे देख कर बहुत खुश हुए और मुझे लेकर अपने घर पहुँचे तो लगभग रात हो चुकी थी।

अब मैं आपको अपने नवीन मामा और उनके परिवार के बारे में बता दूँ, नवीन मामा हमारे सगे मामा तो नहीं थे पर सगे से कम भी नहीं हैं।

नवीन मामा ने हमें कभी इस बात का भी एहसास नहीं होने दिया की वो हमारे सगे मामा नहीं है। नवीन मामा के घर में उनको मिला कर कुल पांच सदस्य थे। मामा, मामी और उनके तीन बच्चे जिसमे से दो लड़की थी और एक लड़का।

नवीन मामा की उम्र यही कोई पैंतालीस साल के आस पास थी और वो एक अच्छी कम्पनी में सुपरवाइजर थे जिसकी वजह से वो कभी कभी रात को घर नहीं आते थे और कभी कभी तो रविवार को भी जाना पड़ता था।

मामी की उम्र यही कोई अड़तीस साल के करीब थी पर उनको देख कर कोई यह नहीं कह सकता था की उनके तीन बच्चे होंगे।

दरअसल मामा और मामी की शादी कम उम्र में ही हो गई थी और वो मामा से करीब सात साल छोटी थी।

मामी का नाम शालिनी था, शालिनी मामी बहुत ही चंचल शोख हसीना थी वो हमेशा ख़ुश रहती और सभी को खुश रखने में विश्वास रखती थी।

शालिनी मामी बहुत ही खूबसूरत है और हाईट करीब 5’ 5” थी, मामी का लम्बा चेहरा, गोरा बदन, न ज्यादा पतली और न ही ज्यादा मोटी बस जो एक औरत में जो खूबी होनी चाहिए उन में वो सब था।

मामी के शरीर का आकर 36-28-36 है अब तो आप समझ ही गए होगे वो दिखने में कैसी लगती होगी।

मामी के तीनों बच्चो में सबसे बड़ी प्रिया है, उसकी उम्र यही कोई उन्नीस से बीस साल के आस पास ही थी।

प्रिया अपनी मम्मी की ही तरफ खूबसूरत है, वो भी बहुत गोरी है, हाईट करीब 5’2″ और उसके शरीर का आकार 30-24-32 ही रहा होगा।

प्रिया से एक दो साल छोटी पारुल थी और वो भी अपनी मम्मी और बहन के जितनी ही सुन्दर थी। पारुल के चूचे अभी छोटे थे जैसे कच्चा अमरुद पर उसकी गांड उसकी मम्मी के बराबर ही थी 36 के आकार की, इस कारण वो और भी मस्त दिखाई देती थी।

प्रिया और पारुल से छोटा उनका भाई मुकेश था जो अभी बारह-तेरह साल का ही था।

मैं जब मामा मामी के घर मेरठ आखरी बार गया था जब ये दोनों बहनें छोटी थी जिसकी वजह से मेरा ध्यान कभी उनकी तरह नहीं गया था।

अब प्रिया का बदन यौवन के फलों से भरा हुआ था और दूसरी का भरने वाला था।

वैसे तो मैंने अब भी उसको उस नजर से नहीं देखा था, मैं अब भी वही पाक साफ़ नजर से देख रहा था।

पर जो सामने हो उसको अनदेखा भी तो नहीं कर सकता था।

जब मैं मामा के घर पहुँचा तो सब बहुत खुश हुए और कहने लगे- बड़े दिनों बाद हमारी याद आई है।

मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है… एक तो जॉब के कारण टाइम ही नहीं मिलता और दूसरा आप लोगों का मुझे पता भी नहीं था कि आप शिफ्ट हो गए हो अब मैं आ गया हूँ तो आपकी नाराजगी दूर करके ही जाऊँगा क्योंकि मैं यहाँ कम से कम 15 दिनों रहूंगा।

मेरी बात सुनकर सभी लोग बहुत खुश हो गए।

मामी ने कहा- तुम नहा धो लो, थकान उतर जाएगी… तब तक मैं खाना लगाती हूँ।

फिर मैंने नहा धोकर सबके साथ खाना खाया, खाना खाने के बाद वो तीनों ऊपर बने हुए रूम में चले गए और मैं कुछ देर मामा मामी से बात करने लगा।

हमें बात करते हुए दस से ऊपर का वक़्त हो गया था तो मामी ने कहा- तुम्हारा बिस्तर उन तीनों के साथ लगा दिया है। क्योंकि मुझे पता है कि वो तीनों तुमको आज नहीं छोड़ने वाले और तुमको सोने भी नहीं देगे क्योंकि उन तीनो के सबसे चहेते भाई जो हो।

मैं भी मामी की बात सुनकर मुस्कुरा दिया।

मामा का घर दो मंजिल था और वो तीनों भाई बहन दूसरी मंजिल के कमरे में सोते थे, दूसरी मंजिल पर दो कमरे बने हुए थे। उन्हीं दो कमरों में से वो एक कमरे में सोते थे, हर कमरे में अटेच बाथरूम भी थे।

मामा और मामी अब भी एक साथ ही सोते नीचे के कमरे में सोते थे।

मैं मामा मामी को नीचे छोड़कर ऊपर उनके कमरे में पहुँचा ही था कि बाहर बारिश होने लगी।

बाहर बारिश हो रही है, यह बात उन तीनों को भी पता चल गई थी।

मुझे कमरे के अन्दर आता देख मुकेश बोल पड़ा- भाई तो बारिश भी साथ लाये हैं !

इस बात पर हम चारों ही हँसने लगे।

मैंने कमरे को ध्यान से देखा, वह कमरा बहुत बड़ा था, उसमें एक डबल बेड बिछा हुआ था और साथ ही मेरी चारपाई बेड से कुछ दुरी पर बिछाई हुई थी।

वो तीनों भाई बहन एक साथ बेड पर ही सोते थे।

मैं अपनी चारपाई पर बैठकर उन तीनों से बात करने लगा।

बातें करते करते हमें ठण्ड सी लगने लगी थी एक तो पहले से ही हल्की ठण्ड पड़ रही थी और ऊपर से बारिश भी होने लगी थी।

प्रिया ने ओढ़ने के लिए एक बड़ा सा कम्बल निकल कर प्रिया ने मुझसे कहा- भाई, आप भी यहीं पर आ जाओ।

ठंड तो मुझे भी लग रही थी इसलिए मैं उन तीनों के बेड आ गया, फिर हम चारों ने उस बड़े से कम्बल को ओढ़ लिया और हम बातचीत करने लगे।

बात करते हुए हमें 12 से ऊपर का टाइम हो गया था, उनको नींद आने लगी थी।
मैं बेड से उठकर अपनी चारपाई पर जाने लगा तो मुकेश ने कहा- भाई आप यहीं पर हमारे साथ ही सो जाओ न।

मैं उस मासूम मुकेश की बात को टाल नहीं सका और मैंने मुकेश से कहा- ठीक है पर पहले मैं अपने कपड़े चेंज कर लूँ।

और यह कह कर मैंने अपने बैग से अपना लोअर और टी शर्ट निकाला और बाथरूम में घुस गया।

मैं अपने कपड़े चेंज करने लगा।

यहाँ पर मैं आप सभी को बता दूँ कि मैं रात को सोते समय अंडरवियर नहीं पहनता, इसलिए मैंने अपना अंडरवियर उतर कर लोअर पहन लिया।
फिर मैं मुकेश के साथ उसी बेड पर लेट गया जिस बेड पर वो तीनों भाई बहन सो रहे थे।

बेड के एक कोने पर मैं फिर मुकेश और फिर उसके बाद प्रिया और बेड के दूसरे कोने पर पारुल सो रही थी।

आप सभी को तो पता ही होगा कि नई जगह आने पर नींद इतनी जल्दी नहीं आती और यही मेरे साथ भी हुआ।

मुझे नींद नहीं आ रही थी और बारिश भी रुकने का नाम नहीं ले रही थी इसलिए मैंने अपना फ़ोन निकला और फ़ोन में इयरफोन लगाकर मैं पुराने गाने सुनने लगा।

रात का एक बज रहा था पर मेरी आँखों से नींद कोसों दूर थी, अभी मैं गाने सुन ही रहा था कि मुकेश उठा और पेशाब करने चला गया। पेशाब करके जब वो वापस आया तो मुझसे बोला- भाई, आप मेरी जगह लेट जाओ और मैं आप की जगह लेट जाता हूँ क्योंकि मुझे बेड के कोने पर ही नींद आती है।

मैंने मुकेश से कहा- ठीक है, सो जाओ यहाँ पर !

और फिर मैं मुकेश की जगह और मुकेश मेरी जगह लेट गया।
अब मैं और प्रिया बीच में लेटे हुए थे और मुकेश और पारुल बेड के दोनों कोने पर।

कुछ देर बाद मुकेश को भी नींद आ गई सब सो चुके थे बस मैं ही जाग रहा था।

मौसम बहुत ही सुहाना और ठण्डा हो रहा था, बारिश की बूंदों की आवाज मुझसे साफ़ सुनाई दे रही थी।

मौसम ठण्डा होने के कारण प्रिया सुकड़ी हुई सो रही थी, जैसे ही मैं उसके करीब लेटा, मेरा शरीर उसके बदन सट गया था।

प्रिया के शरीर की गर्माहट मुझे बहुत अच्छी लग रही थी और अब शायद मेरे बदन की गर्माहट पाकर प्रिया की ठण्ड भी दूर हो गई थी। ख़ैर छोड़ो इस बात को !

कुछ देर बाद मैं पुराने गाने सुन–सुन कर बोर हो गया तो मैंने अपने फ़ोन में ब्लू फ़िल्म लगा कर देखने लगा।

उस फ़िल्म में एक लड़का एक लड़की की मसाज करता है और उस लड़के के बदन पर मात्र एक अंडरवियर था और वो लड़की पूरी नंगी थी।
लड़का उसके सर के पास खड़ा था। फिर वो लड़की पेट के बल लेट गई और वो लड़का उसकी पीठ की मालिश करने लगा।
फिर कुछ देर बाद उस लड़की ने लड़के का अंडरवियर नीचे खिसका दिया और अपने हाथ से उस लड़के का लंड सहलाने लगी कि तभी अचानक…!!?
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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मेरे कान से मेरा एक इयरफोन निकलकर प्रिया के सर के बालो में गिर गया।

मुझे यह नहीं पता था कि वो इयरफोन प्रिया के सर के ऊपर उसके कान के नजदीक ही गिरा है।

मैं तो बस उस वीडियो में इतना खोया हुआ था कि मुझे होश ही नहीं रहा यह देखने का कि इयरफोन कहाँ गिया है।

मेरा लंड तनकर कुतब मीनार हो चुका था और मेरा एक हाथ अपने लंड पर पहुँच गया था और मैं धीरे धीरे अपने लंड को सहला रहा था।

अब कुछ अंश प्रिया के शब्दों में:

मैं सो रही थी कि अचानक मेरे कान के पास कुछ आवाज आने लगी तो मेरी नींद खुल गई।

मेरी आँखे बंद थी और मैं उस आवाज को सुनने की कोशिश कर रही थी जो मेरे कान के ऊपर से ही आ रही थी।

आवाज सुनकर मुझे कुछ ऐसा लगा कि जैसे कोई कुछ चूस रहा है।

जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने धीरे से अपनी आँख खोली तो देखा कि भाई अभी तक जाग रहे हैं।

भाई अपने फ़ोन में कुछ देख रहे थे, मैंने उनके फ़ोन की तरफ देखा तो उसमे मुझे वो वीडियो दिखाई दी जो भाई अपने मोबाईल में देख रहे थे।
उस वीडियो में एक नंगी लड़की लेटी हुई है और एक लड़का उसकी कमर की मालिश कर रहा था और वो लड़की उसका लिंग मुंह में डाल कर चूस रही थी।

मैंने महसूस किया कि भाई का इयरफोन मेरे कान के पास गिरा हुआ है जिससे वो आवाज आ रही थी।

तब मेरी समझ में आया कि वो आवाज क्या है।

भाई ने फ़ोन कुछ ऐसे पकड़ा हुआ था कि मुझे देखने में बहुत दिक्कत हो रही थी इसलिए अपना एक पैर भाई के पैर पर और अपना एक हाथ उनकी पेट पर रख दिया।

यह काम मैंने इतनी सफाई से किया था कि भाई को लगे कि मैं गहरी नींद में सो रही हूँ।

मेरी इस हरकत से भाई भी डर गए थे पर जब उन्होंने मुझे सोता देखा तो उनको लगा कि मैं गहरी नींद में हूँ और फिर भाई अपने फ़ोन में उस वीडियो को देखने लगे जो अब मैं भी देखना चाहती थी।

कुछ देर ऐसे ही अपनी आँखे बंद करके मैं भाई के साथ चिपक कर लेटी रही और कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखें थोड़ी सी खोली तो मुझे भाई के मोबाईल पर अब साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा था और मुझे देखने में भी कोई परेशानी नहीं हो रही थी।

फिर मैंने भाई के फ़ोन में देखा वो लड़का उस लड़की की योनि को चाट रहा था और उस लड़की की योनि के अन्दर अपनी जीभ डाल कर अन्दर बाहर कर रहा था।
यह नज़ारा देखकर मुझे भी न जाने क्या होने लगा और मेरी साँसें जोर से चलने लगी थी।
एक तो भाई के बदन की गर्मी ने मेरा बुरा हाल किये हुए थी और ऊपर से मेरे शरीर में अचानक इतनी गर्मी आ गई थी कि मेरा शरीर तपने लगा था।
और न चाहते हुए भी मेरा हाथ मेरी योनि पर आ गया।

जैसे ही मेरा हाथ मेरी योनि पर आया तो कम्बल में कुछ तो हलचल होती ही और वो भाई ने महसूस कर ली।

भाई को पता चल गया था कि शायद मैं जाग रही हूँ, इस बात का एहसास मुझे भी हो गया था इसलिए मैं खुद ही उठने लगी, उनके कुछ कहने से पहले ही जैसे ही मैं उठने को हुई तो भाई का ध्यान मेरी तरफ गया और झट से उन्होंने अपना फ़ोन बंद कर दिया और मेरी तरफ देखने लगे।

मैंने अनजान बनते हुए और अपनी आँख मलते हुए भाई से कहा- भाई, आप अभी तक सोये नहीं और आप यह क्या देख रहे थे?
अब पुनः साजन के शब्दों में:

मैं- घबराते हुए कुछ नहीं, कुछ भी तो नहीं बस ऐसे ही।
प्रिया- भाई, मैं तो सो गई थी पर पहले तो आपका इयरफोन मेरे कान के पास गिर गया और उसकी आवाज सुनकर मेरी नींद खुल गई।

मैंने अपने आपको बहुत मन ही मन में बहुत कोसा पर जो हो चुका था तो क्या कर सकता था।

मैंने प्रिया को सॉरी बोला और कहा- मेरी वजह से तेरी नींद खुल गई… चल अब सो जा, मुझे भी नींद बहुत आ रही है।

तो प्रिया बोली- भाई, अब मुझे इतनी जल्दी नींद नहीं आएगी। अच्छा भाई यह तो बताओ आप देख क्या रहे थे?

मैंने उससे कहा- कुछ खास नहीं, बस ऐसे ही तूने कुछ देखा क्या?

प्रिया ने कहा- हाँ भाई, कुछ कुछ नजर आया पर समझ कुछ नहीं आया।

मैं अभी समझने की कोशिश ही कर रहा था कि प्रिया ने क्या देखा होगा और क्या नहीं।

प्रिया फिर से बोली- बताओ न भाई, आप क्या देख रहे थे।

मैंने बात को गोल करते हुए कहा- कुछ नहीं, बस मैं तो मसाज करना सीख रहा था कि मसाज कैसे होती है उसमें वही बताया हुआ है, इसलिए मैं वो वीडियो देख रहा था।

प्रिया बोली- भाई, मुझे भी दिखाओ न मैं भी तो देखू कैसे मसाज करते हैं।

मैंने प्रिया को बोला- अब सो जाओ, रात बहुत हो गई है, फिर कभी दिखा दूंगा।

प्रिया बोली- दिखा दोगे न बाद में?

मैंने कहा- हाँ दिखा दूंगा, अब तो सोने दे मुझे !

और इतना कह कर मैं प्रिया से अपनी जान छुटा कर सो गया।

अब प्रिया के शब्दों में:

भाई के लेटते ही मैं भी भाई की बगल में लेट गई पर अब एक बार मेरी नींद खुलने के कारण अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और मैं बिस्तर पर करवट बदलती रही।

मुझे भाई पर बहुत गुस्सा आ रहा था, भाई तो सो गए मुझे जगा कर।

15-20 मिनट से ज्यादा हो गए, फिर भी मुझे नींद नहीं आई।

बारिश अब तक थम चुकी थी, मौसम और ठंडा हो चुका था और भाई लगभग मुझसे चिपके हुए थे ठण्ड की वजह से।

मुझे अपनी जांघों पर कुछ चुभता हुआ महसूस हो रहा था पर मैंने उसको नजरंदाज कर दिया।

मुझे नींद तो आ नहीं रही थी तो सोचा क्यों न भाई के फ़ोन में वही मसाज वाली वीडियो देख लूँ जो मैं पूरी नहीं देख पाई।
पर मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं भाई जाग न जाए।
इसलिए मैंने भाई को आवाज दी !
भाई ! भाई !

मेरे आवाज देने से भाई नहीं उठे तो मुझे पूरा विश्वास हो गया था कि भाई गहरी नींद में सो रहे हैं।

तब जाकर मैंने भाई का मोबाइल उनके तकिये के नीचे से निकला और वो वीडियो खोजने लगी।
और जल्द ही मुझे भाई के फ़ोन में वो वीडियो फोल्डर मिल गया।

जैसे ही मैंने उस फोल्डर को ओपन किया तो मेरे हाथ कांपने लगे और मेरे हाथ से फ़ोन गिरते गिरते बचा।
उस फोल्डर में बहुत सारी वीडियो थी और वो सारी वीडियो ब्लू फ़िल्म की थी।

मैंने एक नजर भाई की तरह देखा तो वो सो रहे थे।

मैंने ऐसी वीडियो पहले कभी नहीं देखी थी, बस अपनी सहेलियों से इसके बारे में सुना जरूर था।

अब मेरे मन में उन वीडियो को देखने की जिज्ञासा होने लगी।

मैंने अपने भाई के फ़ोन का इयरफोन भी तकिये के नीचे से निकाल लिया और दीवार के साथ लग कर बैठ गई मेरे हिलने से भाई भी हिले तो मैं भाई की तरफ़ देखने लगी, वो गहरी नींद में सो रहे थे।

उनका एक हाथ मेरी जाँघ पर आ गया था और उनके हाथ का अंगूठा मेरी योनि के ऊपर था। भाई की गर्म सांसें मुझे अपनी जाँघ पर महसूस हो रही थी।

मैंने फिर से भाई के तरफ देखा और मुस्कुराते हुए इयरफोन को फ़ोन में लगा कर उनमें से एक वीडियो चला दी।

वो फ़िल्म एक परिवार की थी, उसमें नीचे फर्श पर बिस्तर लगा हुआ था।
एक लड़की भागती हुई आई और बिस्तर पर उलटी होकर लेट गई।
वो लड़की बहुत खूबसूरत थी, उसकी उम्र कोई ज्यादा नहीं होगी।

उस लड़की के लेटते ही एक लड़की और आई और वो भी उसके बगल में लेट गई।

दूसरी लड़की उस लड़की से बड़ी थी, उसकी उम्र 19-20 साल की थी, यानि की मेरी ही उम्र की थी वो लड़की।

वो दोनों बहने थी और वो बिस्तर पर मस्ती करने लगी।

तभी उनकी मम्मी आ गई और वो शांत हो कर लेट गई।

फिर उन तीनों ने अपनी अपनी चादर ओढ़ ली।
उनके चादर ओढ़ते ही एक लड़का और आया और वो कहने लगा- मोम, मैं कहाँ पर सोऊँ?

वैसे वो सब अंग्रेजी बोल रहे थे पर मैं आप को हिंदी में बता रही हूँ।

तो छोटी वाली लड़की बोली- भाई, आप मेरे पास यहाँ लेट जाओ।

और वो अपने भाई के लिए जगह बनाते हुए सरक गई।

फिर उसके बाद उसके भाई ने कमरे की लाईट बंद कर दी, अपनी छोटी बहन के साथ उसकी चादर ओढ़ कर लेट गया।

वो लड़की अपने भाई के साथ लेट कर बहुत खुश थी।
कुछ देर बाद वो सब सो गये।

उसकी बड़ी बहन ने अपनी मम्मी की तरफ करवट ले ली।
बड़ी बहन के करवट लेते ही छोटी वाली ने अपनी आँखें खोली और एक नजर अपनी मोम और बहन की तरफ़ देखा और अपने भाई के कान में कुछ धीरे से कहा।

उसकी बात सुनकर उसने भी आँख खोल ली, उसके आँख खोलते ही वो लड़की करवट ले कर लेट गई अब उसके चूतड़ उसके भाई के सामने थे।

उस लड़की का भाई उठा और चादर नीचे कर दी, फिर उसका भाई थोड़ा सा उठा और उसका पजामा अपने हाथ से नीचे कर दिया।

और वो लड़की भी अपना पजामा नीचे करवाने में अपने भाई की मदद करने लगी।
अब उस लड़की के गोरे गोरे चूतड़ नग्न हो चुके थे।
उस लड़की ने सफ़ेद रंग की पेंटी पहन रखी थी फिर उसके भाई ने अपना एक हाथ अपनी बहन के बूब्स पर रख दिया और अपनी बहन से चिपक गया और अपना लंड अपनी छोटी बहन की टांगों के बीच फंसाकर आगे पीछे होने लगा।

कुछ देर ऐसे ही आगे पीछे होता रहा, फिर वो अपनी बहन की कमीज को खोलने लगा।

कमीज को खोलने के बाद उसके भाई ने उसके बूब्स पर अपना हाथ रख दिया।
उस लड़की ने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी।
उस लड़की के बूब्स ज्यादा बड़े नहीं थे पर इतने छोटे भी नहीं थे कि उनको दबाया न जा सके।

फिर उसका भाई अपनी बहन के बूब्स को सहलाने और दबाने लगा, फिर उसके भाई ने अपनी बहन के बूब्स की निप्पल को अपने हाथ से सहलाने लगा।

मैं वो वीडियो देखते हुए मन ही मन सोचने लगी कि यह वीडियो तो सगे भाई बहन की है, मैंने सोचा कि क्या भाई बहन भी सेक्स कर सकते हैं।
फिर मेरे मन में ख्याल आया कि जब इस वीडियो में भाई बहन को सेक्स करते हुए दिखाया है तो यह सच ही होगा कि भाई बहन भी सेक्स कर सकते हैं।

मैं वो फ़िल्म देखते हुए बहुत अधिक उतेजित हो चुकी थी, मेरी चूत से हल्का हल्का पानी निकल रहा था।

यह फ़िल्म देखकर मेरी चूत बहने लगी थी।
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अब मेरा मन भी साजन भाई के साथ सेक्स करने का होने लगा और बस यही सोच कर मैं भाई के और नजदीक आ गई।

अब भाई को देखने का मेरा नजरिया ही बदल चुका था।

साजन भाई मेरे शरीर की गर्मी पाकर मुझसे और चिपक गए थे और अब उनका एक हाथ मेरे पेट पर था।

मेरी साँसें कुछ तेज हो गई थी मैं फिर से वो फ़िल्म देखने लगी।

वो लड़का अपनी बहन की चूची की निप्पल सहला रहा था और वो लड़की अपनी आँखे बंद किये हुए अपनी चूची मसलवाने का मज़ा ले रही थी।

फिर कुछ देर बाद उसके भाई ने जैसे ही उसकी दूसरी चूची को पकड़ना चाहा कि तभी उसकी बड़ी बहन हिलने लगी तो उसके भाई ने अपनी बहन के ऊपर से अपना हाथ हटा लिया और आँखे बंद करके चुपचाप लेट गया।

फिर कुछ देर बाद फिर से अपनी बहन की चूची से खेलने लगा फिर उसने अपना पजामा घुटनों से नीचे कर दिया अब लड़का नीचे से पूरा नंगा था।

उस लड़की ने अपने चूतड़ अपने भाई की तरफ और भी ज्यादा कर दिए और उसका भाई उसके दोनों टांगों के बीच में अपनी बहन की चूत पर पेंटी के ऊपर अपना लंड रगड़ने लगा।
उसकी बहन ने अभी भी पेंटी पहनी हुई थी और उसका भाई उसकी पेंटी के ऊपर से अपना लंड रगड़ते हुए अपनी बहन के मम्मों से खेल रहा था।

फिर उसने अपनी बहन को उल्टा लेटने का इशारा की तो वो थोड़ा सा उल्टा होकर लेट गई अब उस लड़की के चूतड़ ऊपर की तरफ थे।

इधर मेरा भी बहुत बुरा हाल हो चुका था, मैं बहुत अधिक उतेजित हो चुकी थी।

मैं साजन भाई से और भी ज्यादा चिपक गई और फिर मैंने अपनी सलवार का नाड़ा खोला और अपनी चड्डी को नीचे करके अपनी चूत को सहलाते हुए फ़िल्म देखने लगी।

फिर उस लड़के ने अपना लंड अपने हाथ में लिया और उसको हिलाने लगा, अपना लंड हिलाते हिलाते अपनी बहन की गांड पर मारने लगा।

फिर कुछ देर बाद उसने अपनी बहन की चड्डी को अपने हाथ से पकड़ा और थोड़ा ऊपर किया और उसमें अपना लंड डाल दिया।

अब उस लड़के का लंड उसकी बहन के ऊपर इस तरह था कि चड्डी और लंड से प्लस का निशान बन रहा था।

फिर वो अपना लंड अपनी बहन की गोरी गोरी गांड पर आगे पीछे करने लगा।

कुछ देर बाद उसने अपना लंड अपनी बहन की चड्डी से निकला और उसकी गांड पर अपना लंड रख कर अपने हाथों से हिलाने लगा कि तभी उसकी मॉम हिली तो उनको लगा कि शायद करवट बदल कर सो जाएगी पर उनका ऐसा सोचना गलत था।

उसकी मॉम जाग गई थी पर उसकी मॉम का मुंह दूसरी तरफ था तो वो उनको नहीं देख पाई।

उसकी मॉम उठी तो उस लड़के ने जल्दी से अपने और अपनी बहन के नंगे जिस्म के ऊपर चादर डाल ली।

उनकी मॉम उठकर दूसरे कमरे में चली गई।

कुछ देर तक वो ऐसे ही लेटे रहे, जब उनको पूरा विश्वास हो गया कि मॉम अब नहीं आएगी, शायद वो उनके पापा के पास सोने चली गई थी।

उस लड़के ने अपनी बहन का पजामा और उसकी चड्डी निकल दी।

फिर उसने अपना भी पजामा भी पूरी तरफ से निकल दिया।

अब वो भाई बहन नीचे से पूरे नंगे थे।

फिर वो लड़का अपनी बहन के पैरों की तरफ अपना सर कर के लेट गया। अब उस लड़के का सर उसकी बहन की चूत के पास था और उसकी बहन के होंठो के सामने उसके भाई का लंड।

उस लड़के ने अपनी बहन के एक पैर को थोड़ा ऊपर उठाया और अपनी बहन की चूत से मुंह लगा दिया, चूत को चाटने लगा।

दूसरी तरफ उसकी बहन ने अपने भाई का लंड अपने हाथ में पकड़ा और अपने मुंह में घुसा कर चूसने लगी।

हाय… ये क्या कर रहे हैं…

मैं अपने मन ही मन में बोली क्योंकि ये सब मेरे लिए बिलकुल नया था जो मैं देख रही थी।

मुझे नहीं पता था कि लंड और चूत को चूसा भी जाता है।

मेरी चूत में खुजली सी होने लगी।
मैंने अपने साजन भाई को देखा तो वो सो रहे थे।

मुझसे अब बैठा नहीं जा रहा था, इसलिए मैं भी भाई के साथ लेट गई।

फिर मैंने अपना एक पैर मोड़ा जो की भाई के साथ लगा हुआ था और अपना घुटना भाई के लंड पर बहुत ही धीरे से रख दिया।

हाय रे… मुझे कितना मज़ा आया जब मेरा घुटना भाई के लंड से टच हुआ तो… ऐसा एहसास मुझे आज तक नहीं हुआ था।

मुझे ये सब करते हुए मज़ा भी बहुत आ रहा था, डर भी लग रहा था कि कहीं साजन भाई जाग न जाये।


इधर उस वीडियो में वो दोनों एक दूसरे के लंड और चूत चूसे जा रहे थे कि तभी उनकी बड़ी बहन जाग गई और जैसे ही उसने आँख खोली तो देखा उसके भाई बहन एक दूसरे का लंड और चूत चूस रहे हैं।

उनकी बड़ी बहन उन दोनों को बहुत ध्यान से देख रही थी कि कैसे उसकी छोटी बहन अपने भाई का पूरा लंड अपने मुंह के अन्दर लेकर चूस रही थी।

उन दोनों को इस तरह देखकर वो भी गर्म हो गई और अपने पजामे के ऊपर से अपनी चूत को मसलने लगी और उनको देखती रही। फिर वो अपने पजामे के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत को सहलाने लगी और अपने एक हाथ से अपनी टी–शर्ट ऊपर कर के अपने बूब्स को मसलने लगी।
उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी।

दूसरी तरफ उसकी छोटी बहन भाई का लंड पकड़ कर जोर से हिलाते हुए लंड चूस रही थी और उसका भाई छोटी बहन की चूत में अपनी जीभ डाल डालकर कस कर चूस रहा था।

उसकी गांड की थिरकन से पता चलता था कि उसको बहुत मज़ा आ रहा है।

कुछ ही देर बाद बड़ी बहन को लगा जैसे उसके बहन और भाई दोनों ही झड़ने वाले हैं तो उसने अपने कपड़े सही किये और मुंह घुमा कर लेट गई।

वो दोनों भाई बहन एक दूसरे के लंड और चूत को बहुत तेजी से चूस हुए दोनों ही एक दूसरे के मुंह में अपना अपना पानी छोड़ दिया। फिर लड़की ने अपने भाई का लंड अपने मुंह से निकला और अपने हाथ की हथेली को अपने मुंह के पास लाकर अपने मुंह से अपने भाई का वीर्य निकालने लगी।

जब उसकी हथेली पर उसके भाई का वीर्य पूरा निकल गया तो फिर उसे अपनी जीभ से चाट चाट कर उसको खाने लगी और कुछ ही देर में उससे अपने भाई का पूरा वीर्य अपनी हथेली से साफ़ कर दिया।

इसके बाद मुझसे और आगे नहीं देखा गया मेरा मन बुरी तरह विचलित हो रहा था।
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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उन दोनों को इस तरह देखकर वो भी गर्म हो गई और अपने पजामे के ऊपर से अपनी चूत को मसलने लगी और उनको देखती रही। फिर वो अपने पजामे के अन्दर हाथ डाल कर अपनी चूत को सहलाने लगी और अपने एक हाथ से अपनी टी–शर्ट ऊपर कर के अपने बूब्स को मसलने लगी।
उसने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी।

दूसरी तरफ उसकी छोटी बहन भाई का लंड पकड़ कर जोर से हिलाते हुए लंड चूस रही थी और उसका भाई छोटी बहन की चूत में अपनी जीभ डाल डालकर कस कर चूस रहा था।

उसकी गांड की थिरकन से पता चलता था कि उसको बहुत मज़ा आ रहा है।

कुछ ही देर बाद बड़ी बहन को लगा जैसे उसके बहन और भाई दोनों ही झड़ने वाले हैं तो उसने अपने कपड़े सही किये और मुंह घुमा कर लेट गई।

वो दोनों भाई बहन एक दूसरे के लंड और चूत को बहुत तेजी से चूस हुए दोनों ही एक दूसरे के मुंह में अपना अपना पानी छोड़ दिया। फिर लड़की ने अपने भाई का लंड अपने मुंह से निकला और अपने हाथ की हथेली को अपने मुंह के पास लाकर अपने मुंह से अपने भाई का वीर्य निकालने लगी।

जब उसकी हथेली पर उसके भाई का वीर्य पूरा निकल गया तो फिर उसे अपनी जीभ से चाट चाट कर उसको खाने लगी और कुछ ही देर में उससे अपने भाई का पूरा वीर्य अपनी हथेली से साफ़ कर दिया।

इसके बाद मुझसे और आगे नहीं देखा गया मेरा मन बुरी तरह विचलित हो रहा था।

मैंने अपने भाई का फ़ोन बंद किया और लेट कर सोचने लगी कि क्या वास्तव में लंड चूसने में और चूत में डलवाने में इतना मज़ा आता है?
क्योंकि मैंने अब तक किसी के साथ ये सब नहीं किया था और न ही किसी नौजवान का लंड देखा था।

अब मेरा मन भी लंड को देखने और उसको छूने का और उसको अपने मुंह में लेकर चूसने का बहुत मन कर रहा था।

अभी मैं यह सब सोच ही रही थी कि अचानक साजन भाई ने मेरी तरफ़ करवट ली और उनका एक हाथ मेरे वक्ष के ऊपर आ गया।
भाई का लंड भी मेरे पैर की गर्मी से तन कर खड़ा हो गया था।

तभी मुझे भाई का ख्याल आया कि क्यों न साजन भाई का ही लंड छू कर और चूसकर देखा जाए।

भाई का लंड भी तो ऐसा ही होगा जैसा कि इस वीडियो में था।

जब इस फ़िल्म में भाई बहन सेक्स कर सकते हैं तो रियल लाइफ में भी तो होता ही होगा क्योंकि फ़िल्म में भी तो वही दिखाते हैं जो रियल लाइफ में हो रहा होता है !

क्यों न भाई को ही राजी कर लूँ !

अगर भाई राजी हो गए तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और मेरे मन की इच्छा भी पूरी हो जायेगी।

मेरे मन में ये बातें आते ही मन ख़ुशी से झूम उठा।
फिर क्या था, भाई का हाथ अपनी चूची से आराम से हटाया इतनी आराम से कि वो जागे नहीं।

फिर मैंने भाई का कम्बल उनके लंड के ऊपर से उठाया तो उनका खड़ा लंड उनके लोअर में दिख रहा था।
वो तो लोअर के ऊपर से ही बहुत बड़ा लग रहा था।

मैंने अपने हाथ भाई के लोअर की तरफ बढ़ाये तो मुझे घबराहट होने लगी, मेरे हाथ कांपने लगे, पर लंड को देखने की इच्छा को मैं दबा नहीं पाई और मैंने धीरे से लोअर खोल दिया।

लोअर खुलते ही मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैंने कोई किला फ़तह कर लिया हो।

मैं कुछ देर रुक गई मेरी दिल की धड़कन मुझे साफ़ सुनाई दे रही थी।

कुछ देर रुकने के बाद मैंने भाई का लोअर को ढीला किया और नीचे की तरफ सरका दिया पर लोअर तो लंड में अटक गया।
मैंने उसको सही से पकड़ा और फिर लोअर को नीचे कर दिया, अब भाई का लंड मेरी आँखों के सामने था।

परन्तु लोअर अभी ऊपर से ही हटा था नीचे से अभी भी दबा हुआ था मैंने भी उसको निकलने की कोशिश नहीं की।

भाई ने लोअर के नीचे कुछ नहीं पहना था।

फिर मैंने भाई का फ़ोन उठाया और उसकी टार्च ऑन कर दी।
अब मैं भाई का लंड आराम से सही से देख रही थी।

जैसे ही मैंने टार्च भाई के लंड के ऊपर की, हाय राम ! भाई का लंड तो तना हुआ उनके पेट से लगा हुआ था।
भाई का खड़ा हुआ लंड मुझे बहुत प्यारा और सुन्दर लग रहा था।
भाई का लंड जितना मैंने सोचा था वो तो उससे भी बड़ा और मोटा था भाई का लंड 6.5 इंच का था।

मैं काफी देर तक अपने भाई का लंड देखती रही, फिर मैंने भाई के लंड को छूने के लिए हाथ बढ़ाया पर मेरा ध्यान भाई के चेहरे पर था, कहीं वो जाग न जाए।
और फिर मैंने अपने कांपते हाथ से भाई का लंड धीरे से पकड़ लिया।

भाई का लंड बहुत ही गर्म था।

मेरी सांसें तेजी से चलने लगी, मेरे बूब्स तेजी से ऊपर नीचे हो रहे थे।

भाई का लंड हाथ में आते ही मुझे लगा जैसे मुझे कोई खजाना मिल गया हो।

कुछ देर मैंने भाई का लंड ऐसे ही पकड़े रखा, मेरे हाथ की गर्मी से भाई का लंड और भी कठोर हो गया था, वो इतना सख्त हो गया कि भाई के लंड के टोपे की खाल खुलकर नीचे की ओर हो गई थी।

अब लंड का ऊपरी भाग गुलाबी दिखाई दे रहा था जो मुझे लाल लाल सेब की याद दिला रहा था।

लंड का गुलाबी भाग देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया, मन तो कर रहा था कि जल्दी से भाई का लंड मुंह में लेकर चूस लूँ पर मैं कोई जल्द बाजी नहीं करना चाहती थी।
अगर मैं ऐसा करती तो भाई के उठने का डर था।

फिर मैं भाई के लंड को ऊपर नीचे करने लगी बहुत प्यार से!
मुझ ये सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था, मेरी चूत से पानी झरने की तरह चू रहा था।
मेरे होंठ सूखने लगे थे।


अब मुझसे ओर सब्र नहीं हो रहा था, बस मन कर रहा था कि अब भाई का लंड मुंह में ले ही लूँ।

इसलिए मैं उठी और भाई के पैरों की तरफ़ सर रख कर लेट गई और मैंने भाई को और अपने आपको कम्बल से ढक लिया।

मैंने अँधेरे में भाई का लंड टटोला।
जैसे ही मेरे हाथ में भाई का लंड आया तो मेरी धड़कन बहुत तेज हो गई और मेरे हाथ कांपने लगे पर मुझे कोई होश नहीं था, मुझे तो बस लंड चाहिये था, जो अब मेरे हाथ में था।

फिर मैं थोड़ा सा नीचे हुई, अब साजन भाई का लंड मेरे मुंह के सामने था।

मैंने धीरे से अपना मुंह खोला और भाई के लंड की तरफ थोड़ा और सरक गई।

फिर मैंने अपने साजन भाई का लंड अपने मुंह में ले लिया।

अभी सिर्फ मुंह में लंड का सुपारा ही गया था पर मुझे लग रहा था कि मैंने उनका पूरा लंड मुंह में ले लिया।

भाई का लंड बहुत ही ज्यादा गर्म लग रहा था।

कुछ देर मैंने भाई के लंड का सुपारा अपने होंठों में दबाये रखा, फिर मैंने लंड के सुपारे पर अपनी जीभ चलाई तो मुझे लंड का स्वाद कुछ अजीब सा लगा।

भाई के लंड का स्वाद मुझसे बहुत ही अच्छा लगा।
लंड का स्वाद जैसा भी था पर सच कहूँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
और फिर यह मेरे साजन भाई का लंड था।

मैंने हाथ से टटोल कर देखा तो अभी भाई का लंड पूरा ही बाहर है। मैंने तो बस लंड का एक भाग ही मुंह में लिया था।

मैं साजन भाई का लंड अपनी जीभ से ऐसे चाट रही थी जैसे कोई बच्चा सोफ्टी के ऊपर की आइसक्रीम चाट रहा हो।

मैं साजन:

मुझे सोते हुए अभी कुछ ही देर हुई थी कि अचानक मुझे मेरे लंड पर किसी का हाथ महसूस हुआ।
आप सभी को तो पता ही है कि चाहे लड़का हो या लड़की ! उसके नाजुक अंग पर कोई भी हाथ लगाये तो वो जाग जाता है, इस तरह मैं भी जाग गया था।
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मैं साजन:



जब मैंने महसूस किया कि कोई मेरे लण्ड को छू रहा है तो मैंने अपनी आँख धीरे से खोली तो देखा प्रिया ही मेरे लण्ड को छू रही है।

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए मैंने उसको कुछ नहीं कहा।

मुझे यह देखकर कोई हैरानी नहीं हुई क्योंकि शायद उसने, वो जो मैं देख रहा था, वही वीडियो प्रिया ने देख ली थी।

वैसे तो प्रिया जवान थी तो उसका बहकना लाजमी भी था और फिर मेरे तो मज़े ही आ गए जो बैठे बिठाये एक नई चूत का इंतजाम हो गया।

मैंने भी ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उसको पता चल जाये कि मैं जाग रहा हूँ।

मैंने फिर से अपनी आँखें बंद कर ली और ऐसे ही लेटे हुए मज़ा लेता रहा।

प्रिया के शब्दों में:

मैंने भाई का लण्ड मुंह में लिए हुए ही अपनी सलवार और चड्डी को अपने पैरो से पूरी तरह से निकाल दिया जो कुछ देर पहले मेरे पैरों में फंसी हुई थी।

फिर अपने एक हाथ से अपनी गीली चूत को सहलाने लगी।

भाई का लण्ड अब भी मेरे मुंह में था और मैं उनके लण्ड का सुपारा चूस रही थी और एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी।

मदहोशी का यह आलम था कि मुझे कुछ भी याद नहीं रहा और मैं अपने भाई के लण्ड को कुछ ज्यादा ही जोर से चूस लगी।

साजन- प्रिया को लण्ड चूसना तो आता नहीं था और न ही उसने पहले कभी किसी का लण्ड चूसा था पर वो जिस तरह से भी मेरा लण्ड चूस रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

प्रिया के दांत मेर लण्ड को बार बार लग रहे थे, जब वो लण्ड चूस रही थी।

मुझे हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था, कई बार तो मेरे मुख से चीख निकलते निकलते रह गई क्योंकि अब प्रिया बहुत जोर से मेरा लण्ड चूस रही थी और उसके दांत मेरे लण्ड पर बहुत लग रहे थे।

पर मैं सब कुछ सहन करता रहा।
इसलिए उसको मैंने कुछ नहीं कहा और न ही कुछ ऐसा किया जिससे उसको यह लगे कि मैं जाग रहा हूँ।

प्रिया- कुछ देर बाद ही मुझे मेरी चूत में ऐसा लगा कि जैसे मुझे पेशाब आने वाला है पर उस टाइम मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं भाई का लण्ड भी चूसना नहीं छोड़ सकती थी और न ही अपनी चूत को सहलाना।



कुछ देर बाद ही मुझे लगा कि मेरा पेशाब निकल रहा है और मैं जोर जोर से अपनी चूत को रगड़ने लगी और भाई का लण्ड भी जोर जोर से चूसने लगी कि तभी भाई के लण्ड से कुछ निकल कर मेरे मुंह में आ गया।

मेरी समझ में आ गया कि यह भाई का पानी है जैसे उस वीडियो में दिखाया था।

मैंने भी वैसा ही किया और मैं भाई का सारा माल पी गई।

साजन भाई के लण्ड से निकला हुआ पानी मुझे कुछ हल्का सा नमकीन और खट्टा लगा जो मुझे बहुत पसंद आया और साजन भाई के लण्ड का पानी मुझे इतना अच्छा लगा कि मन करता था कि यह लण्ड हमेशा के लिए मेरा ही हो जाए और जब जी करे उसका पानी पी लूँ।

मुझे भी लगा मेरा पेशाब निकल रहा है पर उसमें मज़ा मुझ बहुत आ रहा था, ऐसा मज़ा मुझे अपनी जिन्दगी में कभी नहीं आया।
आनन्द के मारे मेरी आँखें बंद हो चुकी थी।

जब मेरा पूरा पानी निकल गया तो देखा वो मेरा पेशाब नहीं था।

मुझे समझ आ गया कि यह मेरा माल है जो मेरी ही अपनी चूत का है इसलिए ये इतना गाढ़ा निकला।

अब मैं पूरी तरफ शान्त हो चुकी थी।

भाई को देखा तो वो अभी भी सो रहे थे।

मैंने भाई का लोअर सही से ऊपर कर दिया कि उनको कुछ भी पता न चल सके।

फिर मैंने अपनी सलवार भी पहन कर लेट गई भाई के साथ चिपक कर।

उसके बाद कब मुझे नींद आ गई मुझे कुछ पता नहीं।

सुबह को मैं अपने टाइम से थोड़ा लेट ही उठी थी पर मैं एकदम तरोताजा लग रही थी।

मुझे रात की बात याद आई तो मुझे अब कुछ अजीब सा लगा और सोचने लगी कि अगर भाई जाग जाते तो क्या होता?
फिर वो क्या सोचते मेरे बारे में, पर शुक्र था कि वो नहीं उठे थे।

अब तो मेरी साजन भाई के सामने जाने की हिम्मत भी नहीं हो रही थी।
जबकि वो अभी भी सो ही रहे थे।

मैं नहा धोकर रसोई में गई तो देखा कि मम्मी नाश्ता बना रही हैं।

मुझे आता देख मम्मी मुझसे बोली- क्या बात है आज तू इतना लेट उठी?

तो मैंने मम्मी से कहा- मम्मी आज रविवार है और आज कहीं जाना भी नहीं है, बस इसी वजह से लेट उठी।

मेरी बात सुनकर मम्मी चुप हो गई।

सुबह के आठ बज चुके थे, मम्मी ने नाश्ता बना लिया था तो मम्मी ने कहा- जा पहले अपने भाई को नाश्ता दे आ ! वो उठ गया होगा। जा जल्दी से दे आ ! ऐसा न हो उसको कहीं जाना हो और वो बिना नाश्ता करे बैगर ही चला जाए।

मम्मी ने एक प्लेट में नाश्ता और चाय दे दी।

मेरी साजन भाई के सामने जाने की हिम्मत तो हो ही नहीं रही थी और न ही मैं मम्मी को मना कर सकती थी !
वो पूछती तो मैं क्या जवाब देती?
इसलिए मज़बूरी में मुझे जाना पड़ा।

मैं साजन- प्रिया के जाने के बाद मेरी आँख खुली तो देखा प्रिया जा चुकी थी पर पारुल और मुकेश अभी भी सो रहे थे।
मैंने उन दोनों को उठाया और मैं नहाने चला गया।

मैं अभी नहा धोकर मैं बाथरूम से बाहर आया और कपड़े पहने ही थे कि प्रिया मेरे लिए नाश्ता लेकर आ रही थी।
उसने अपनी नज़र नीचे कर रखी थी।

प्रिया को देखते ही मुझे रात का वो सीन याद आ गया और मेरे चेहरे पर मुस्कान आई गई।
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