दर्द भरी शायरी
(१) कोई मिला ही नहीं जिसको वफ़ा देता !
हर एक ने धोखा दिया किस - किस को सजा देता !!
ये तो हम थे की चुप रह गए वर्ना......!
दास्तान सुनाते तो महफिल को रुला देता !!
(२) वो हमारे कब थे जो बेगाने हो गए !
ज़रा सी बात थी क्या फ़साने हो गए !!
क्या उसे इलज़ाम दे क्या सुनाये हालेदिल !
अब कोई होगा नया हम पुराने हो गए !!
(३) तू कही भी रह सर पे तेरा इलज़ाम तो हैं !
तेरे हाथों की लकीर में मेरा नाम तो हैं !!
मुझे अपना बना या न बना ये तेरी मर्जी !
पर तू मेरे नाम से बदनाम तो हैं....!!
(४) वक़्त की रफ्तार रुक गई होती !
शरम से आँखे झुक गई होती....!!
अगर दर्द जानती शमा परवाने का !
तो जलने से पहले ही वो बुझ गई होती !!
(५) किसी का दर्द जब हद से गुजर जाता हैं !
समंदर का पानी आँखों में उतर आता हैं !!
कोई तो बना लेता हैं रेत पर भी घर....!
किसी का लहरों में सब कुछ बिखर जाता हैं !!
दर्द भरी शायरी
- rajaarkey
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Re: दर्द भरी शायरी
(6) जला देंगे अपने दिल को दिये की तरह !
तेरी जिंदगी में रौशनी लाने के लिए.....!!
सह लेंगे चुभन को पैरों तले....!
तेरी राहों में फूल बिछाने के लिए !!
(7) यादें होती हैं सताने के लिए !
कोई रूठता हैं फिर मनाने के लिए !!
रिश्ता बनाना कोई मुस्किल तो नहीं !
बस जान चली जाती हैं उसे निभाने के लिए !!
(8) आँशु आँखों से कभी गिर न पाए !
न दर्द हो तुझे न कभी चोट आए !!
मेरे हिस्से में ज्यादा ख़ुशी तो नहीं !
पर रब करे वो भी तुझे मिल जाए !!
(9) जुबान खामौश आँखों में नमी होगी !
यही बस एक दास्ता-ऐ-जिंदगी होगी !!
भरने को तो हर जख्म भर जायेंगे !
कैसे भरेगी वो जगह जहाँ आपकी कमी होगी !!
(10) खुशियों से नाराज़ हैं मेरी जिंदगी !
प्यार की मोहताज़ हैं मेरी जिंदगी...!!
हँस लेते हैं दुसरो को दिखाने के लिए !
वर्ना दर्द की खुली किताब हैं मेरी जिंदगी !!
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