.
रंगीला जी,
मस्त कहानी है,
आगे बढ़ाते रहें
शमा के परवाने complete
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: शमा के परवाने
Jaunpur wrote:.
रंगीला जी,
मस्त कहानी है,
आगे बढ़ाते रहें
sunita123 wrote:mast hai story rajiv aur madhu ki chudai mast ahi aru dono bhai bhi to tharki hai lagt ahai dono mil kar apni maa jawani khud hi lut lege
dhiywad dosto
aap sub ka sahyog milta rahega to kahaaniya to main or bhi post karta rahunga
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: शमा के परवाने
ये सुन कर सागर मुस्कुराया और बोला – हमे तो हॉट डॉग पसंद है
फिर रसीली बोली – तो कौन आएगा पहले ..???
सागर ने अंकित से कहा – जा तू चला जा पहले .. तुझसे रहा नही जा रहा आइ नो
फिर अंकित रूम मे चला गया और रसीली ने सागर को बोला – आप यही वेट कीजिए हम अभी आए थोड़ी देर मे और सेक्सी स्माइल देकर गेट बंद कर दिया
सागर वही बैठ गया. और अपने मोबाइल पर सॉंग सुनने लगा.
अंदर जाने के बाद रसीली ने अंकित से कहा – पहले कभी किया है
अंकित ने जान भुज कर कहा – नही..!!! ( वैसे अंकित और सागर दोनो ही रंडी प्रेमी थे )
रसीली – तुम्हारी एज की यहाँ इतनी सारी लोंड़िया है फिर भी औरत पसंद है …???? ऐसा क्यू अंकित रज्जाअ….!!!
अंकित लंड मसलते हुए बोला – रस की प्यास सिर्फ़ औरत ही भुजाति है मेरी जान और कोई नही ..!!
रसीली – फिर तो तू एक दम सही जगह आया है क्यूकी यहा प्यास ख़तम हो सकती है लेकिन रस हमेशा बरसता रहता है …
और ये कहकर रसीली ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ ब्रा पैंटी मे अंकित के सामने खड़ी हो गई..
अंकित – तो फिर इस प्यास को भुजाओ जो मेरे नीचे लगी है ….
ये सुनकर रसीली ने अंकित के कपड़े निकाल लिए अंकित अब सिर्फ़ अपने अंडरवेर मे था फिर रसीली ने अंकित के लंड को अंडरवेर के बाहर से हिलाने लगी. जिससे अंकित गरम हो गया और उसने रसीली को बाहों मे भर लिया और उसको किस करने लगा.किस करते हुए अंकित ने रसीली की ब्रा के हुक खोल दिए और उसके बड़े बड़े चुचो को आज़ाद कर दिया फिर अंकित रसीली की चूत मसलने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा रसीली मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी अंकित रसीली की पैंटी उतार दी. अंकित ने देखा रसीली की चूत मे एक भी बाल नही है पूरी लाल चूत थी
रसीली बोली – देखले रज्जा….. यही है एक औरत का शिन्गार जो एक आदमी की तड़प को बढ़ावा देता है
अंकित ने रसीली की लाल चूत पर हाथ फेरा और बोला – किसी ने सच ही कहा है कि औरत से ज़्यादा थरक किसी मे नही होती
रसीली हँसते हुए – हहे हुट्त्त…!!! मादर चोद कहीं का
और अंकित के लंड को आगे पीछे करने लगी अंकित उसके बूब्स चूस्ते चूस्ते उस की चूत को मसल्ने लगा. फिर अंकित ने रसीली के पेरो को फैलाया और उसकी चूत मे अपना लंड रखा धीरे से अंदर डंलना सुरू किया एक शॉट दिया रसीली ने सिसकारी निकाली और अंकित ने अपनी स्पीड बढ़ा ली और रसीली की आवाज़ अंकित को दीवाना करने लगी हहााआ हम्म हहाा अंकित स्पीड से उसकी चूत के अंदर बाहर अपना लंड करता रहा रसीली मज़े से सिसकारी भरने लगी… अंकित की स्पीड चालू रही करीब 20 मिनट.बाद अंकित भी निकलने वाला था अंकित ने पूछा रसीली कहाँ निकालू वो बोली बाहर निकाल दो अंकित ने अपना लंड बाहर निकाला
और रसीली ने अंकित के लंड को पकड़ कर सीधा अपने मूह मे ले लिया – और प्यार से चूसने लगी
अंकित तो जैसे जन्नत मे पहुँच गया था वो सिसकारिया भरते हुए बोल रहा था – आहह ओह रसीली क्या मस्त लोड्ा चुस्ती है तू साली रंडी…आह और अंदर तक लेजा मेरा लंड….पीजा इसे पूरा लेके अपने मूह मे साली कुतिया …रनडिीइ…!!!
ये सुन कर रसीली और तेज़ी से लंड चूसने लगी तभी एक सिसकारी की आवाज़ अंकित के मूह से आई और रसीली का मूह माल से लथ पथ हो गया …..
अंकित वही बेड पर पड़ गया..जैसे उसकी जान निकल गई हो …और रसीली ने सारा माल पी लिया और अपना मूह एक दम सॉफ कर दिया अपनी ज़ुबान से….और रासली बोली – अगर और प्यास लगी है तो पैसे लगेंगे …!!
अंकित बोला – प्यास तो बोहोत लगी है लेकिन पैसे नही है ..
रसीली – कोई बात नही अगली बार आ जाना मे तुम्हे पूरा रस पिला दूँगी …!
और अंकित बाहर चला गया सागर बहार बैठा था अंकित उसे देख कर मुस्कुराया ..
सागर – कैसा रहा है ..??
अंकित – यार सच मे रसीली ने जन्नत दिखा दी
सागर – ठीक है यार अब मे जाता हू
और सागर अंदर चला गया और उसने डोर बंद कर दिया
अंदर रसीली एक दम नंगी अपनी टाँगो को फैला कर अपनी चूत दिखाते हुए बैठी हुई थी. रसीली की लाल चूत देख कर सागर का लंड हरकत मे आ गया. और सागर रसीली के पास आ कर बैठ गया.
रसीली सेक्सी नज़रो से देखते हुए बोली – बता रज्जा..??? मे कपड़ो मे सेक्सी लगती हू या बिना कपड़ो के….?
सागर – बे शक़ बिना कपड़ो के लगती है साली ….
रसीली अपने चुचो पर हाथ फेरते हुए बोली – क्या तुझे भी औरत की जवानी पसंद है
सागर – हाँ मेरी जान
रसीली छेड़ते हुए बोली – तो अपनी माँ को ही क्यू नही चोद लेते ..वो भी औरत है
सागर – हहे साली तू पूरी पूरी रंडी की बच्ची है जो ऐसी ऐसी बाते करती है
रसीली – वो तो मे हू ही मेरे राजा ,,,चल अब बता सबसे पहले क्या करेगा अपनी रसीली के साथ …
सागर – सबसे पहले तेरा रस पीना है
रसीली – तो पीले राजा…रस पिलाने ही तो बैठी हू मे ….
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: शमा के परवाने
सागर अपना हाथ धीरी धीरे रसीली की नरम मुलायम बड़ी बड़ी चुचियो पर ले गया. सागर ने उनकी चुचिया खूब दबाई और उनके निपल पे उंगली फेरता रहा...........फिर रसीली ने सागर का एक हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया सागर ने उसकी चूत की क्लिट को खूब हिलाया और साथ मे उनकी चुचि के निपल पे भी उंगली फेरता रहा रसीली एक हाथ से अपना दूसरा चुचा पकड़ के दबाने लगी और दूसरे हाथ की छोटी उंगली चूस्ति रही...रसीली गरम हो चुकी थी सागर के लिए वो पल जन्नत के बराबर था फिर सागर ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और रसीली के काटीले बदन पर लेट गया और उनको चूमता रहा ....उनकी चुचिया चूस्ता रहा............ रसीली के बदन मे अलग ही कशिश थी.
रसीली ने कहा - बस कर मादर चोद अब मेरी लाल चूत को इतना मत तडपा अब लंड का चूत परवेश करवा दे
फिर सागर ने लंड धीरे से घुसाया लंड घुसते ही रसीली की आवाज़ आई उहह..... वो सुनते ही सागर ने तेज़ का झटका मारा.....और रसीली....आआहह.....उहह...इहह...करके सिसकियाँ लेने लगी रसीली जितनी सिसकियाँ लेती सागर उतना ही तेज़ झटका देता.......फिर सागर ने लंड निकाला और पलंग पे लेट गया रसीली सागर के उपेर बैठी और उपेर नीचे उपेर नीचे उच्छलने लगी..........और अंदर बाहर अंदर बाहर होता रहा रसीली की शकल ऐसी जेसे कि कही ज़न्नत की सवारी कर रही हो.........और सागर भी फुल मज़े ले रहा था… 15 मिनट उछलने के बाद सागर बोला – मे निकलने वाला हू मेरी जान
ये सुनकर रसीली उसके लंड से उतरी और मूह मे भर कर चूसने लगी ..और सागर ने अपना पूरा माल उसके मूह मे झाड दिया फिर रसीली और सागर एक दूसरे से लिपट कर लेट गये और बाते करने लगे
सागर – तू इस धंधे मे कैसे आई
रसीली – किस्मत का दोष है मेरे पति ने मेरे साथ फ्रॉड किया है
सागर – कहाँ है तेरा पति अब
रसीली – वही जिसे तूने पैसे दिए
सागर थोड़ा शॉक होते हुए – क्य्ाआ…. तेरा पति तेरा दलाल है ..
रसीली – ऐसा ही है यहाँ तो और ये तो कुछ नही हमारे सामने वाले कोठे पर एक बेटा अपनी माँ का दलाल है
सागर पूरा शॉक्ड हो गया और बोला – ऐसा कैसे हो सकता है ..??
रसीली – साला पहले तो सिर्फ़ वो मादरचोद था लेकिन अब अपनी माँ का दलाल बन गया है …
सागर – यार भला कोई अपनी माँ के साथ ऐसा कैसे कर सकता है
रसीली – हवस सब कुछ करवा देती है और वैसे भी उसकी माँ कुछ कम नही थी . एक तो पूरी सेक्सी थी और दूसरी लंड की प्यासी भी ..इस लिए आराम से चुद गई अपने लड़के से …साली छिनाल …
सागर – क्या ऐसा और भी कही होता है
रसीली – हम मेरे राजा हम जैसे लोग तो करते है ऐसा लेकिन कुछ शरीफ घर के लोग भी करते है ..ऐसे..
सागर- ह्म्म्म्म म दुनिया पागल हो गई है जो इस तरह के काम करती है
रसीली – सब जिस्म का खेल है मेरे रज्जा…जब जिस्म को भूक लगती है तब रिश्ते ख़तम हो जाते है
सागर ने घड़ी की तरफ देखा और उसे याद आया कि स्कूल की छुट्टी का टाइम हो गया है उसे जल्दी से निकलना होगा…
और उसने अपने कपड़े पहने वो और अंकित दोनो वहाँ से घर की तरफ निकल गये
घर जाते हुए सागर के दिमाग़ मे रसीली की वो बाते गूँज रही थी. सागर के दिमाग़ मे कई तरह से सवाल उठ रहे थे कि क्या ये सच मे हो सकता है ??? क्या सच मे कोई लड़का अपनी माँ का दलाल बन सकता है .????क्या सच मे कोई अपनी माँ चोद कर मदर्चोद बन सकता है ..?? ....ये मुझे क्या हो गया है ...?? ये मे क्या सोच रहा हू....
तभी अंकित बोला और सागर का ध्यान टूटा...- भाई कसम से मज़ा आ गया रसीली की चूत मार कर
सागर उसकी हाँ मे हम मिलाते हुए - ह्म्म्म्म मम
अंकित - क्या हुआ भाई ...क्या सोच रहा है ...???
सागर - कुछ नही यार
अंकित - तो अगली बार कब जाना है रसीली के पास... यार मेरा तो लंड खड़ा हो जाता है जब मे रसीली के.बारे मे सोचता हू
सागर - फिकर मत कर जल्द ही चलेंगे रसीली के पास ..
यूँ ही बाते करते हुए वो दोनो घर पहुँच गये. वहाँ मधु ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ कर टीवी देख रही थी. अंकित और सागर ने मधु को देखा और बोले - गुड आफ्टर नून मोम ....!!!
मधु - आ… गये बेटे... !!! गुड आफ्टर नून कैसा रहा स्कूल..
अंकित खुश होकर - बहुत ही मस्त माँ... मज़ा ही आगेया आज तो..
मधु - क्यू ऐसा क्या हो गया आज स्कूल मे
अंकित - वो माँ आज हम ने क्रिकेट खेला और मैने और सागर ने बॅटिंग की .. !!
मधु - ऊओ थ्ट्स एनाइसी .. !! ये सागर को क्या हुआ है ??? क्या सोच रहा है इतनी देर से
सागर - व्व..वू कुछ नही मोम वो मे बस ऐसे ही ...
मधु- अगर कोई प्राब्लम है तो तुम बता सकते हो बेटे...
सागर - नही मोम ऐसी कोई बात नही है . आइ एम फाइन .
मधु - ओक तुम जल्दी से फ्रेश हो जाओ मे तुम्हारे लिए खाना लगा देती हू ..
फिर अंकित और सागर फ्रेश होकर लॉंच करने लगे इतने मे राजीव का फ़ोन आ गया मधु को..और उसने मधु को शाम को एक पार्टी पर जाने के लिए तैयार होने को कहा. मधु ने हाँ कर दी और खाना खाने के बाद तैयार होने के लिए चली गई . सागर और अंकित उपर अपने रूम मे चले गये और बैठ कर दोनो प्लेसेटेशन पर गेम खेलने लगे. इतने मे मधु उनके रूम मे आई और ......................................................
रसीली ने कहा - बस कर मादर चोद अब मेरी लाल चूत को इतना मत तडपा अब लंड का चूत परवेश करवा दे
फिर सागर ने लंड धीरे से घुसाया लंड घुसते ही रसीली की आवाज़ आई उहह..... वो सुनते ही सागर ने तेज़ का झटका मारा.....और रसीली....आआहह.....उहह...इहह...करके सिसकियाँ लेने लगी रसीली जितनी सिसकियाँ लेती सागर उतना ही तेज़ झटका देता.......फिर सागर ने लंड निकाला और पलंग पे लेट गया रसीली सागर के उपेर बैठी और उपेर नीचे उपेर नीचे उच्छलने लगी..........और अंदर बाहर अंदर बाहर होता रहा रसीली की शकल ऐसी जेसे कि कही ज़न्नत की सवारी कर रही हो.........और सागर भी फुल मज़े ले रहा था… 15 मिनट उछलने के बाद सागर बोला – मे निकलने वाला हू मेरी जान
ये सुनकर रसीली उसके लंड से उतरी और मूह मे भर कर चूसने लगी ..और सागर ने अपना पूरा माल उसके मूह मे झाड दिया फिर रसीली और सागर एक दूसरे से लिपट कर लेट गये और बाते करने लगे
सागर – तू इस धंधे मे कैसे आई
रसीली – किस्मत का दोष है मेरे पति ने मेरे साथ फ्रॉड किया है
सागर – कहाँ है तेरा पति अब
रसीली – वही जिसे तूने पैसे दिए
सागर थोड़ा शॉक होते हुए – क्य्ाआ…. तेरा पति तेरा दलाल है ..
रसीली – ऐसा ही है यहाँ तो और ये तो कुछ नही हमारे सामने वाले कोठे पर एक बेटा अपनी माँ का दलाल है
सागर पूरा शॉक्ड हो गया और बोला – ऐसा कैसे हो सकता है ..??
रसीली – साला पहले तो सिर्फ़ वो मादरचोद था लेकिन अब अपनी माँ का दलाल बन गया है …
सागर – यार भला कोई अपनी माँ के साथ ऐसा कैसे कर सकता है
रसीली – हवस सब कुछ करवा देती है और वैसे भी उसकी माँ कुछ कम नही थी . एक तो पूरी सेक्सी थी और दूसरी लंड की प्यासी भी ..इस लिए आराम से चुद गई अपने लड़के से …साली छिनाल …
सागर – क्या ऐसा और भी कही होता है
रसीली – हम मेरे राजा हम जैसे लोग तो करते है ऐसा लेकिन कुछ शरीफ घर के लोग भी करते है ..ऐसे..
सागर- ह्म्म्म्म म दुनिया पागल हो गई है जो इस तरह के काम करती है
रसीली – सब जिस्म का खेल है मेरे रज्जा…जब जिस्म को भूक लगती है तब रिश्ते ख़तम हो जाते है
सागर ने घड़ी की तरफ देखा और उसे याद आया कि स्कूल की छुट्टी का टाइम हो गया है उसे जल्दी से निकलना होगा…
और उसने अपने कपड़े पहने वो और अंकित दोनो वहाँ से घर की तरफ निकल गये
घर जाते हुए सागर के दिमाग़ मे रसीली की वो बाते गूँज रही थी. सागर के दिमाग़ मे कई तरह से सवाल उठ रहे थे कि क्या ये सच मे हो सकता है ??? क्या सच मे कोई लड़का अपनी माँ का दलाल बन सकता है .????क्या सच मे कोई अपनी माँ चोद कर मदर्चोद बन सकता है ..?? ....ये मुझे क्या हो गया है ...?? ये मे क्या सोच रहा हू....
तभी अंकित बोला और सागर का ध्यान टूटा...- भाई कसम से मज़ा आ गया रसीली की चूत मार कर
सागर उसकी हाँ मे हम मिलाते हुए - ह्म्म्म्म मम
अंकित - क्या हुआ भाई ...क्या सोच रहा है ...???
सागर - कुछ नही यार
अंकित - तो अगली बार कब जाना है रसीली के पास... यार मेरा तो लंड खड़ा हो जाता है जब मे रसीली के.बारे मे सोचता हू
सागर - फिकर मत कर जल्द ही चलेंगे रसीली के पास ..
यूँ ही बाते करते हुए वो दोनो घर पहुँच गये. वहाँ मधु ड्रॉयिंग रूम मे सोफे पर बैठ कर टीवी देख रही थी. अंकित और सागर ने मधु को देखा और बोले - गुड आफ्टर नून मोम ....!!!
मधु - आ… गये बेटे... !!! गुड आफ्टर नून कैसा रहा स्कूल..
अंकित खुश होकर - बहुत ही मस्त माँ... मज़ा ही आगेया आज तो..
मधु - क्यू ऐसा क्या हो गया आज स्कूल मे
अंकित - वो माँ आज हम ने क्रिकेट खेला और मैने और सागर ने बॅटिंग की .. !!
मधु - ऊओ थ्ट्स एनाइसी .. !! ये सागर को क्या हुआ है ??? क्या सोच रहा है इतनी देर से
सागर - व्व..वू कुछ नही मोम वो मे बस ऐसे ही ...
मधु- अगर कोई प्राब्लम है तो तुम बता सकते हो बेटे...
सागर - नही मोम ऐसी कोई बात नही है . आइ एम फाइन .
मधु - ओक तुम जल्दी से फ्रेश हो जाओ मे तुम्हारे लिए खाना लगा देती हू ..
फिर अंकित और सागर फ्रेश होकर लॉंच करने लगे इतने मे राजीव का फ़ोन आ गया मधु को..और उसने मधु को शाम को एक पार्टी पर जाने के लिए तैयार होने को कहा. मधु ने हाँ कर दी और खाना खाने के बाद तैयार होने के लिए चली गई . सागर और अंकित उपर अपने रूम मे चले गये और बैठ कर दोनो प्लेसेटेशन पर गेम खेलने लगे. इतने मे मधु उनके रूम मे आई और ......................................................
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: शमा के परवाने
भाइयो अपडेट दे दिया है
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )