डॉली आँख मारते हुए बोली- तो भाभी क्या मैं ब्रा और पैन्टी में ही ना चली चलूं?
मैंने भी करारा जबाव दिया- तुझे मैंने सिर्फ़ तेरी भाई से चुदवाना है.. पूरे शहर से नहीं..
हम दोनों हँसने लगीं।
मैं- देख सिनेमा हॉल में खुल कर उसे तंग करना है और तड़पाना है.. एक तरफ तेरे हुस्न और शरारत की वजह से उसका लंड अकड़ता जाए और दूसरी तरफ मेरे डर से उसकी फटती जाए बस.. वो कुछ करना चाहे.. मगर कुछ भी ना कर सके..
डॉली- ठीक है भाभी.. ऐसा ही होगा।
फिर मैंने डॉली के लिए एक ब्लैक टाइट लेगिंग सिलेक्ट की… जो कि उसके जिस्म के साथ बिल्कुल ही चिपकने वाली थी। उसके साथ जो टॉप सिलेक्ट किया.. वो एक टी-शर्ट टाइप की थी.. जो कि नीचे तक लंबी थी और उसके चूतड़ों को कवर करती थी। लेकिन सिर्फ़ हाफ जाँघों तक रहती थी। उसका गला भी थोड़ा सा डीप था.. जिसमें से उसका क्लीवेज साफ़ नज़र आता था।
मैंने उससे कहा- चल.. अब इसे पहन ले मेरे सामने..
डॉली थोड़ा शर्मा कर बोली- भाभी आपके सामने.. कैसे?
मैं- वाह भई वाह.. अपने भाई से तो नंगी होकर चुदवाती हो.. और अब भी नंगी होने को तैयार हो.. लेकिन मेरे सामने नंगी होते हुए तुमको शर्म आती है। अभी सुबह ही तो मैंने तेरी मलाई खाई है.. वो भूल गई हो किया?
डॉली भी हँसने लगी और फिर उसने अपनी पहनी हुई शर्ट उतार दी।
नीचे उसने जो ब्रा पहनी हुई थी.. वो भी उसने उतारी और फिर उसकी दोनों खुबसूरत चूचियों नंगी हो गईं। मैंने झट से आगे बढ़ कर उसकी दोनों चूचियों को पकड़ लिया और उनको दबाते हुए चूमने लगी।
मैं- उफफ्फ़.. डॉली.. तेरी चूचियों का शेप कितना सेक्सी है..
डॉली- मैं तो भाभी आप और भैया से बहुत तंग हूँ.. जब भी जहाँ भी मौका मिलता है.. आप लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए मुझ बेचारी को पकड़ लेते हो.. और इसे चक्कर में मेरी प्यास बढ़ा देते हो।
मैंने हँसते हुए डॉली को छोड़ दिया और वो अपनी दूसरी ब्रा पहनने लगी.. तो मैंने उसे मना कर दिया कि आज तुम बिना ब्रा के ही चलो।
डॉली ने एक नज़र मेरी तरफ देखा और फिर अपनी ब्रा वापिस अल्मारी में रख दी और बिना ब्रा के ही वो टी-शर्ट पहन ली। उसकी टी-शर्ट भी बहुत टाइट थी और बिल्कुल उसके जिस्म के साथ चिपक गई हुई थी।
उसकी दोनों चूचियाँ बहुत ही सेक्सी लग रही थीं..
फिर डॉली ने अपनी टाइट्स पहनी तो वो भी उसकी जाँघों और चूत के एरिया में उसके जिस्म के साथ बिल्कुल चिपक गई।
मैंने उसकी जाँघों पर हाथ फेरा.. तो एक लम्हे की लिए मेरी अपनी नियत भी खराब होने लगी.. लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया। फिर मैंने उसकी चूचियों को सहलाया और उसके निप्पलों पर उंगली फेरीं.. तो उसके निप्पल अकड़ने लगे। कुछ ही पलों बाद उसके निप्पल बिल्कुल साफ़ उसकी शर्ट में से नज़र आ रहे थे।
उसकी निप्पलों को अपनी उंगलियों के दरम्यान मसलते हुए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और उसे किस करने लगी। इसी के साथ मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू भी कर दिया।
डॉली भी मस्ती के हाथों मजबूर होकर मेरा साथ देने लगी।
चंद लम्हों तक एक-दूसरे को किस करने और एक-दूसरे के होंठों चूसने के बाद मैं अलग हुई और बोली- कुछ देर में तुम भी मेरे कमरे आ जाओ और मेकअप कर लेना।
फिर मैं अपने कमरे मैं चली गई। उधर चेतन बिस्तर पर लेटा हुआ था.. तैयार होकर मैंने भी अपने लिए टाइट्स और एक थोड़ी लूज कमीज़ निकाल ली।
तभी डॉली भी कमरे में आ गई। जैसे ही चेतन की नज़र डॉली पर पड़ी.. तो उसकी आँखें चमक उठीं और मुँह एकदम से खुला रह गया।
मैं दोनों बहन-भाई को थोड़ा प्यार करने का मौका देने के लिए अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली गई और फिर अन्दर से झाँकने लगी।
जैसे ही बाथरूम का दरवाज़ा बंद हुआ.. तो चेतन जंप लगा कर उठा और ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ी हुई अपनी बहन के पीछे आ गया। उसने पीछे से ही उसे दबोच लिया और उसकी दोनों टाइट चूचियों को पकड़ कर सहलाते हुए उसकी गर्दन को चूमने लगा।
डॉली- उफफफ्फ़.. भैया.. क्या हो जाता है आपको.. प्लीज़ छोड़ दो.. अभी भाभी आ जाएंगी.. तो पता नहीं क्या कर देंगी।
चेतन- उफफफ्फ़ ज़ालिम.. क्या हुस्न है तेरा.. अब तो तुझे छोड़ने को नहीं बल्कि चोदने को दिल करता है। तूने तो आज नीचे से ब्रेजियर भी नहीं पहनी हुई है.. क्यों मुझे कत्ल करने का प्रोग्राम बनाया हुआ है तूने..
चेतन ने डॉली की शर्ट को नीचे से थोड़ा ऊपर उठाया और उसके चूतड़ों को नंगा कर लिया और उसकी टाइट्स के ऊपर से उसकी गाण्ड पर हाथ फेरने लगा। फिर अपना हाथ आगे ले जाकर उसकी चूत को सहलाने लगा।
मैंने अपने कपड़े चेंज किए और फिर थोड़ा सा शोर करके बाहर को निकली.. तो तब तक चेतन वापिस बिस्तर पर लेट चुका था.. लेकिन डॉली ने अपनी टी-शर्ट को अपनी चूतड़ों से नीचे नहीं किया था और उसकी चुस्त लैगी में उसके दोनों चूतड़ बहुत ही सेक्सी अंदाज़ में नंगे दिख रहे थे।
मैं भी डॉली के पास ही आ गई और मेकअप करने लगी।
मैंने थोड़ी ऊँची आवाज़ में कहा ताकि चेतन भी सुन सके- अरे डॉली.. यह तुमने कैसा ड्रेस पहन लिया है.. क्या यह पहन कर जाओगी बाहर?
डॉली अपनी आगे-पीछे देखते हुए बोली- क्यों भाभी इसमें क्या बुराई है?
मैंने चेतन को इन्वॉल्व करती हुए कहा- क्यों चेतन यह ड्रेस ठीक है क्या?
चेतन ने एक नज़र अपनी बहन की तरफ देखा और फिर बोला- हाँ ठीक तो है.. बस अब चेंज करने के चक्कर में देर ना कर.. पहले ही शो के लिए बहुत देर हो रही है।
मैंने मुस्कुरा कर डॉली की तरफ देखा तो उसने भी मुझे एक आँख मारी और फिर हम लोगों ने अपने मेकअप को फाइनल टच दिया.. और फिर बाहर निकल आईं.. जहाँ चेतन अपनी बाइक लिए तैयार खड़ा था।
पहले की तरह ही मैंने डॉली को चेतन के बिल्कुल पीछे.. सेंटर में बैठाया और खुद उससे पीछे बैठ गई।
उसे आगे को पुश करते हुई बोली- यार थोड़ा सा आगे होकर बैठो न.. मुझे तो थोड़ी सी जगह और दो ना..
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Re: मेरे पति और मेरी ननद
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Re: मेरे पति और मेरी ननद
चेतन को तो पहले ही पता था कि उसकी बहन ने नीचे से ब्रा नहीं पहनी हुई है और अब जब उसने अपनी चूचियों उसकी पीठ से लगाईं.. तो उसे ऐसा लग रहा था कि जैसे उसकी बहन की दोनों चूचियाँ बिल्कुल ही नंगी होकर उसकी पीठ पर लगी हुई हैं।
डॉली ने अपना एक हाथ आगे किया और उसे चेतन की जाँघों पर रख दिया और फिर हम चल पड़े।
सड़क पर थोड़ा-थोड़ा अँधेरा हो रहा था.. कुछ ही देर में डॉली का हाथ फिसलता हो अपने भैया के लौड़े पर आ गया। उसने अपने भाई के लंड पर अपना हाथ रखा और आहिस्ता-आहिस्ता उसको सहलाने लगी। पीछे से वो अपने होंठों को चेतन की गर्दन पर टच कर रही थी। कभी-कभी मौका देख कर उसे चूम भी लेती थी। डॉली के चेतन की गर्दन पर चूमने की हल्की सी आवाज़ मेरे कान में भी आई।
‘ना कर.. तेरी भाभी पीछे ही बैठी है..’
तभी मैंने भी सहारा लेने के लिए अपना हाथ आगे किया और चेतन की जांघ पर रख दिया।
एक लम्हे के लिए तो चेतन जैसे घबरा ही गया.. लेकिन फिर खुद को सम्भाल लिया। इसी तरह से मैं और डॉली चेतन को तंग करते हुए सिनेमा पहुँच गए।
रात का लास्ट शो था.. 10 बज चुके हुए थे और हर तरफ अँधेरा हो रहा था। शो शुरू हो चुका हुआ था.. इसलिए ज्यादा रश नज़र नहीं आ रहा था। चेतन ने गैलरी की तीन टिकट ली और हम ऊपर गैलरी में आ गए। वहाँ गैलरी में भी बहुत कम लोग ही बैठे हुए थे.. बल्कि सिर्फ़ दो कपल्स थे.. वो भी सबसे अलग-अलग होकर दूर-दूर बैठे हुए थे। हमने भी एक कॉर्नर में अपनी जगह बना ली। हॉल में बहुत ही ज्यादा अँधेरा था। चेतन को दरम्यान में बैठा कर मैं और डॉली उसके दोनों तरफ बैठ गईं।
चेतन थोड़ा घबराया हुआ था.. कुछ ही देर गुज़री कि मैंने अपना सिर चेतन के कन्धों पर रख दिया और अपना एक हाथ चेतन की बाज़ू पर रख कर आहिस्ता आहिस्ता उसकी बाज़ू को सहलाने लगी। चेतन भी मेरी तरफ तवज्जो दे रहा था, उसने अपना एक बाज़ू मेरी गर्दन के पीछे से डाला और मेरी दूसरी तरफ के कन्धों पर रख दिया और धीरे-धीरे मेरी बाज़ू को सहलाने लगा।
मैंने अब अपना हाथ चेतन की जांघ पर रख दिया और आहिस्ता-आहिस्ता उसकी जाँघों को सहलाने लगी। मेरा हाथ उसके लण्ड की तरफ बढ़ रहा था। दूसरी तरफ से डॉली ने अपना सिर अपने भाई के कंधे पर रखा हुआ था।
जैसे ही मेरा हाथ चेतन के लंड की तरफ बढ़ा.. तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और बहुत ही आहिस्ता से मेरे कान में बोला- क्या कर रही हो.. डॉली बिल्कुल साथ में बैठी है.. उसने देख लिया.. तो बहुत बुरा लगेगा।
लेकिन मैंने अपना हाथ आगे बढ़ा कर उसके लण्ड के उभार पर रखा और उसे मुठ्ठी में लेकर हौले-हौले दबाते हुए बोली- बहुत अँधेरा है.. वो नहीं देख पाएगी।
यह कहते हुए मैंने उसके लण्ड को सहलाना शुरू कर दिया, मेरे हाथ के छूने से उसका लण्ड उसकी पैन्ट के अन्दर अकड़ने लगा।
मैंने उसके चेहरे को अपनी तरफ मोड़ा और फिर अपने होंठ चेतन के होंठों पर रख दिए और आहिस्ता आहिस्ता उसे चूमने लगी। चेतन ने अपनी होंठ पीछे हटाने चाहे.. तो मैंने फ़ौरन ही उसके दोनों होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया और अपनी ज़ुबान भी उसके मुँह के अन्दर डाल दी।
चेतन भी मस्त होता जा रहा था और उसकी मस्ती का अंदाज़ा मुझे उसकी पैन्ट के अन्दर उसके अकड़ते हुए लंड से हो रहा था।
मैंने अपना हाथ हटाया और चेतन के सीने पर रख कर उसे सहलाने लगी। उतनी देर में डॉली ने अपना हाथ चेतन के लंड पर रखा और उसे दबाने लगी।
दो दो खूबसूरत और जवान लड़कियों के साथ मस्ती करते हुए चेतन की तो हालत ही पतली हो रही थी।
चेतन ने अपने हाथ से डॉली का हाथ पकड़ कर अपने लंड से हटाना चाहा.. तो डॉली उसके कान में बोली- भैया क्या बात है.. अपनी बीवी को तो मज़ा दे रहे हो.. लेकिन अपनी बहन को महरूम रख रहे हो?
जैसे ही मैं अपना हाथ नीचे दोबारा उसके लण्ड पर लेकर गई.. तो फ़ौरन ही डॉली ने अपना हाथ हटा लिया।
मैंने दोबारा से चेतन के लंड को अपने हाथ में ले लिया और उसे दबाने के बाद उसकी पैन्ट की ज़िप खोलने लगी।
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- rangila
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Re: मेरे पति और मेरी ननद
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Re: मेरे पति और मेरी ननद
thanks rangila jirangila wrote:एक और मस्त अपडेट मित्र आपके द्वारा .........................थॅंक्स
rangila wrote:एक और मस्त अपडेट मित्र आपके द्वारा .........................थॅंक्स
thanks komal ji
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