छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा complete

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Rohit Kapoor
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Re: छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा

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में: अहह अमित प्लीज़ ऐसे ना करो……

अमित: (अपने मूह को चुचि से हटाते हुए) क्यों ना करूँ…..(और फिर उसने उस मम्मे को मूह में भर लिया)

में: उंह श्ह्ह्ह्ह्ह अमित मुझे कुछ हो रहा है…

इस बार उसने कोई जवाब नही दिया, और मेरे निपल को चूस्ते हुए, अपने लंड को आधे से ज़यादा बाहर निकाला, और फिर धीरे-2 अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा……आज कई बरसो के बाद चुद रही थी…..इस लिए में अपना आपा खोती जा रही थी….अमित के धक्को की रफ़्तार लगतार बढ़ती जा रही थी….जब उसके लंड का सुपाडा मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर बाहर होता, मेरे पूरे बदन में सिहरन दौड़ जाती….और में मस्ती में तड़प उठती…

मेरे दोनो निपल एक दम तन कर टाइट हो चुके थे……मुझे अपने निपल्स में सरसराहट होती सॉफ महसूस हो रही थी…उसके हर झटके से मेरा पूरा बदन हिल जाता….में अब उसका बिल्कुल भी विरोध नही कर रही थी…..उसने मेरे हाथों को छोड़ कर अपना मूह मेरी चुचियों से हटाया, और अपने लंड के झटकों को रोक मेरी तरफ देखने लगा…….मेने अपनी आँखें खोल कर उसकी तरफ देखा, तो वो मेरे तरफ देखते हुए मुस्करा रहा था…..

फिर अमित ने अपने होंटो को मेरे होंटो के तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया…..अब में अपने होशोहवास पूरी तरह खो चुकी थी…..मेने अपनी आँखें फिर से बंद कर ली….और वो भूखे जानवर के तरह मेरे होंटो को सक करने लगा…वो कभी मेरे नीचे वाले होन्ट को चूस्ता, तो कभी ऊपेर वाले होन्ट को कभी वो अपने दाँतों को मेरे होंटो में गढा देता……तो मुझे दर्द का अहसास होता… मेरा पूरा बदन मस्ती के कारण काँप रहा था…..

वो 5 मिनिट तक मेरे होंटो को निचोड़ता रहा….और जब उसका मन भर गया तो, वो मेरे ऊपेर से उठ गया…..उसका तना हुआ लंड मेरी चूत से पच की आवाज़ से बाहर आ गया…..मेने बड़ी मुस्किल से अपनी आँखें खोल कर उसकी तरफ देखा,उसका लंड मेरी चूत से निकल रहे पानी से एक दम भीगा हुआ था…..मेरे ऊपेर से उठते हुए, उसने मुझे मेरे बालों से पकड़ कर खड़ा किया……और बेड से नीचे उतारते हुए मुझे सोफे पर धकेल दिया……

में सोफे पर घुटनो के बल जा गिरी, फिर उसने मेरे बालों को पकड़ कर सोफे पर डॉगी स्टाइल में कर दिया….और पीछे से अपने लंड को मेरी चूत के छेद पर रख कर जोरदार धक्का मारा. धक्का इतना जबरदस्त था कि, में आगे की तरफ लूड़क गयी…..उसने मुझे मेरे बलों से खेंचते हुए फिर सीधा किया…..और फिर मेरी गान्ड को दोनो हाथों से फेला कर पकड़ लिया…..

अमित: अब देख में तेरी चूत का क्या हाल करता हूँ…..

ये कहते हुए, उसने अपने लंड को सुपाडे तक बाहर निकाला, और फिर एक ही बार में मेरी चूत की गहराइयों में उतार दिया….उसके लंड का सुपाडा सीधा मेरी बच्चेदानी से जा टकराया….दर्द और मस्ती से भरी लहर मेरे पूरे बदन में दौड़ गयी और में एक दम से सिसक उठी” अहह उंघह ओह” फिर तो जैसे उस पर कोई भूत ही सवार हो गया हो…..वो अपना लंड पूरा निकाल -2 कर मेरी चूत में ठोक रहा था……….और में उसके हर धक्के के साथ आहह ओह्ह किए जा रही थी…..

उसका का लंड किसी एंजिन के पिस्टन के तरह पूरी रफ़्तार से मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था….उसके लंड के सुपाडे की रगड़ अपनी चूत की फांकों पर महसूस करके में अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी….अब मेरी सिसकारियाँ पूरे रूम में गूंजने लगी थी…….”अहह ओह अमित धीरे आ सीईइ में गइईए आह आह अमित्त मुझी मुझीई अहह”

अमित: हां ले साली आहह और्र ले, आज तेरी फुद्दि फाड़ कर ही रहूँगा..ले मेरा लंड अपनी चूत में आह…..

मुझे अब बर्दास्त नही हो रहा था…..में झड़ने के बेहद करीब थी…मेने सोफे के साइड को अपने हाथों में कस के दोबच लिया….शायद अमित ये जान चुका था कि, में झड़ने के बेहद करीब हूँ….इसीलिए उसने और तेज़ी से झटके लगाने शुरू कर दिए……मेरी चूत में बरसो से जमा लावा एक दम से फॅट पड़ा…..और में चीखते हुए झड़ने लगी…..मेरा पूरा बदन रह-2 कर झटके खा रहा था…..तभी अमित के धक्को की रफ़्तार और बढ़ गयी…..और वो घुरते हुए अपने वीर्य को मेरी चूत में छोड़ने लगा……मुझे अपनी चूत उसके वीर्य से भरती हुई सॉफ महसूस हो रही थी…

उसके लंड से गरम पानी निकल कर मेरे पेट की ओर जाता हुआ सॉफ महसूस हो रहा था…..थोड़ी देर वैसे ही वो मेरी चूत में लंड डाले खड़ा रहा……और फिर उसने अपने लंड को बाहर निकाल लाया, और फिर मेरी गान्ड पर एक जोरदार झापड़ मारते हुए बोला” उठ साली हो गया” चल बेड पर चल थोड़ी देर बाद फिर से तेरी चूत की ठुकाइ करता हूँ……
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Rohit Kapoor
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Re: छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा

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में तेज़ी से साँसे लेती हुई सोफे से खड़ी हुई, जैसे ही में खड़ी हुई, मुझे अपनी चूत से कुछ चिपचिपा निकल कर अपनी जाँघो पर जाता हुआ महसूस हुआ, जब मेने नीचे देखा तो उसका वीर्य और मेरी चूत का पानी मेरी जाँघो चूत की फांकों और यहाँ तक मेरी गान्ड पर लगा हुआ था…..अपनी सेक्स लाइफ में आज तक में इस तरह गीली नही हुई थी…….ये सब मुझे बहुत अजीब सा लग रहा था……में सीधा बाथरूम में चली गयी, और अपने आप को सॉफ किया….



जब में बाथरूम से कपड़े पहन कर बाहर आई, तो अमित मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देख कर बोला “ तुझे किसने कहा कपड़े पहनने को” में उसकी ये बात सुन कर थोड़ा सा घबरा गयी…..

में: अमित मुझे बहुत देर हो चुकी है, मुझे जाने दो….और वो क्लिप मुझे दे दो…

अमित: जाना ही तो चली जाओ……पर अभी वो क्लिप में तुम्हे नही दे सकता…..मुझे अभी मेरे दोस्त का फोन आया था.मुझे वहाँ जाना है…..

में: देखो अमित अब तुम ये ठीक नही कर रहे हो…..मुझे क्लिप दे दो….

अमित: (उठ कर मेरे पास आते हुए) वो अभी मेरे पास नही…वो मेरे रूम में है, ये घर तो किसी दोस्त का है…..अगली बार जब आओगी, तो वो क्लिप्स ला दूँगा…..

ये कहते हुए, उसने मुझे फिर से बाहों में भर लिए, और अपने हाथों को मेरी कमर के पीछे लेजा ते हुए, मेरी गान्ड को मसल्ने लगा…..फिर उसने मेरे होंटो को एक बार चूसा और बोला….”अब चलो, मुझे भी जाना है”

अब में कर भी क्या सकती थी, में रूम से बाहर आई, और उसके साथ घर से निकल गयी…….मेने अपने घर के लिए ऑटो पकड़ा और घर वापिस आ गयी….जब घर पहुचि तो संजना घर जाने को तैयार थी……

संजना: आ गयी दीदी में तो जाने ही वाली थी…..

में: अर्रे कुछ देर बैठ ना…..

संजना: नही दीदी देर हो जाएगी……अच्छा दीदी क्या मैं सोनिया को कुछ दिनो के लिए साथ ले जाउ….

में: (थोड़ी देर सोचने के बाद) हां हां क्यों नही…..

फिर संजना सोनिया और अपने बच्चो के साथ घर चली गयी…….उनके जाने के बाद में बाथरूम में गयी, और कपड़े उतार कर नहाने की तैयारी करने लगी…..मेने देखा मेरी जांघे अभी भी उसके वीर्य से चिपचिपा रही थी.. मेरी चूत से अभी भी पानी निकल कर बाहर आ रहा था….मेरी पैंटी पूरी तरह से भीग चुकी थी…..

में अभी नहाने ही वाली थी कि, फोन की रिंग बजी मेने अपनी टाँगों को सॉफ किया, और बाथरूम में रखी मॅक्सी पहन कर रूम में गयी….और फोन उठाया……

में: हेलो कॉन…..

अमित: हाँ रानी में हूँ घर ठीक से पहुँच तो गयी ना…..

में: (उसकी आवाज़ सुन कर मुझे फिर से गुस्सा आ गया) अब क्यों फोन किया है. तुम हमारा पीछा छोड़ क्यों नही देते…..

अमित: छोड़ दूँगा साली, अच्छा अभी अभी मेने सोनिया को तेरी जेठानी के साथ जाते देखा है…….

में: तो तुझे मतलब…..

अमित: घर पर अकेली हो..बोलो तो आ जाउ…..

में: नही में तुम्हारी परछाई भी अपने घर पर नही पड़ने देना चाहती..

अमित; ओह्ह इतना गुस्सा….मुझे लगता है कि, तेरे बेटी की क्लिप को बाज़ार में बेचना ही अच्छा रहेगा…..और हां सुन साली आज तो तेरी नंगी मूवी भी बन गयी.उसे भी साथ में बेच दूँगा

में: नही अमित तुम ऐसा नही करोगे….

अमित: क्यों क्यूँ नही कर सकता…..चल अब अपनी चूत की तेल से मालिश करके तैयार हो जा…में आ रहा हूँ….

ये कहते हुए उसने फोन बंद कर दिया……में वही बैठी अपनी किस्मत को रोती रही, और उस मनहूस घड़ी को कोसने लगी. जब मेने उसे रूम रेंट पर दिया था….मुझे अब ऐसा लगने लगा था कि, सोनिया के साथ-2 मेने भी बहुत बड़ी ग़लती कर दी है……में वही बैठी यही सब सोचती रही….. कि बाहर डोर की बेल की आवाज़ से मेरा ध्यान टूटा….मुझे पता था कि बाहर अमित ही होगा….
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Re: छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा

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मैं अपने आप को संभालते हुए, बाहर गयी और गेट खोला……सामने अमित खड़ा था….वो बिना कुछ बोले अंदर आ गया…..में उसके इरादों को अच्छे से जानती थी…..अब मुझे ही कुछ करना था….में सोच रही थी कि में उसे बातों से मना लूँगी…..मेने गेट बंद किया और, उसके पीछे अपने रूम में आ गयी. वो बिफिकर होकर मेरे बेड पर बैठ गया…..

अमित: तो बता कैसा लगा मेरा लौडा अपनी चूत में लेकर ?

में: मुझे तुम्हारी ये फालतू बकवास नही सुननी……

अमित: ठीक है में भी ज़्यादा बोलने के मूड में नही हूँ…..

ये कहते हुए उसने अपनी पेंट खोल कर नीचे सरका दी, उसका लंड एक दम तना हुआ था, और झटके खा रहा था…उसने मुझे इशारे से पास आने को कहा.जैसे ही में उसके पास गयी, उसने मेरे हाथ पकड़ कर अपने सामने नीचे ज़मीन पर बैठा दिया, और फिर मेरे खुले हुए बालों को पकड़ कर बोला….”ले चूस इसे”

मेने इससे पहले कभी लंड को मूह में नही लिया था.इसके बारे में सिर्फ़ सुना था..और मुझे ये सब करना अच्छा भी नही लगता था…”नही अमित में नही ले सकती” अमित ने मुझे गुस्से से देखा और घुरते हुए बोला….”साली जब अपनी चूत चुस्वा सकती है, तो मेरा लंड नही चूस सकती चल चूस इसे” ये कहते हुए उसने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ा , और दूसरे हाथ से मेरे बालों को खेंचते हुए, अपने लंड के सुपाडे को मेरे होंटो पर रगड़ने लगा…..

में उसके सामने दर्द से छटपटा रही थी…पर उसके ऊपेर तो जैसे कोई असर नही हो रहा था…..आख़िर कार मुझे अपना मूह खोल कर उसके लंड के सुपाडे को मूह में लेना पड़ा….”अह्ह्ह्ह हां चूस इसे आह” अमित ने अपनी आँखें बंद करते हुए कहा…..मुझे जितना आता था में उसी तरहा से उसके लंड को चूसने लगी….वो पैर नीचे लटका कर बैठा हुआ था…और फिर वो पीठ के बल बेड पर लेट गया…..

फिर उसने मेरे बालों को पकड़ कर खेंचा, तो उसका लंड मेरे मूह से बाहर आ गया….दूसरे हाथ से उसने अपने बॉल्स को पकड़ कर बोला” चल इसे भी चाट” में किसी रंडी के तरह उसकी हर बात मानने को मजबूर थी….मेने अपनी जीभ निकाल कर उसके टट्टो को चाटना शुरू कर दिया…..मुझे ये सब करने में बहुत घिन आ रही थी…..पर मजबूरी ही ऐसी थी….फिर उसने मुझे और ऊपेर उठा कर अपने ऊपेर चढ़ा लिया….में उसकी कमर के दोनो तरफ घुटनो के बल बैठ गयी…..मुझे समझ में नही आ रहा था कि, अब वो क्या करने वाला है….उसने मेरी नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर मेरी कमर तक ऊपेर उठा दिया. मेने नाइटी के नीचे कुछ नही पहना हुआ था

उसने मेरी चूत की क्लिट को अपनी उंगलियों में लेकर मसलते हुए कहा…..”वाह तेरी चूत तो अभी तक पनियाई हुई है” फिर उसने मेरी गान्ड को दोनो तरफ से पकड़ कर मुझे थोड़ा ऊपेर उठाया, और अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर टिकाते हुए, मुझे नीचे की और दबाने लगा…..

उसका लंड मेरी चूत के छेद को फेलाता हुआ अंदर घुसने लगा…..जैसे ही उसके लंड का गरम सुपाडा मेरी चूत के अंदर घुसा मेरे मूह से मस्ती भरी आह निकल गयी….और में अपने आप ही उसके ऊपेर झुकती चली गयी….भले ही में सब मजबूरी में कर रही थी….पर सच बताऊ तो कई सालो के बाद चुदने से मेरे अंदर की आग और भड़क चुकी थी…..

उसने मेरे गले के पीछे हाथ डाल कर अपने ऊपेर झुकाते हुए मेरे होंटो को अपने होंटो में भर लिया…..और नीचे से अपनी कमर को पूरी ताक़त के साथ ऊपेर की तरफ उछाला…..जिसके कारण अमित के लंड का सुपाडा मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुस गया……मेरे बदन में करेंट सा दौड़ गया…..और मेने उसके बाजुओं को कस के पकड़ लिया….

उसका पूरा लंड मेरी चूत में समाया हुआ था……और वो बेदर्दी से मेरे होंटो को चूस रहा था….उसका एक हाथ मेरे चुतड़ों पर था, और दूसरे हाथ से मेरे मम्मो को दबा दबा कर खेंच रहा था….वो मेरे चुतड़ों को मसलते हुए कभी, अपनी एक उंगली गान्ड की दरार में फेर देता, तो मेरा पूरा बदन मस्ती में काँप जाता….और मेरी कमर झटके खाने लगती……जिससे लगता कि, में खुद ही उसके लंड पर बैठी हुई अपनी गान्ड आगे पीछे कर रही हूँ. वो बार -2 मेरी गान्ड की दरार में उंगली फेर देता….और मेरे कमर आगे की तरफ झटका खाती, और उसके लंड का सुपाडा मेरी बच्चेदानी से रगड़ खा जाता…

वो करीब 5 मिनिट से मेरे होंटो को चूस रहा था…..और मेरी चूत उसके लंड को कभी अपने अंदर कस्ति और कभी ढीला छोड़ देती…..अमित को भी इस बात का अंदाज़ा हो गया था कि, जब वो मेरी गान्ड की दरार में उंगली फेरता है, तो में आगे की तरफ अपनी कमर को धक्का देती हूँ….मेरी इस बात का उसने फ़ायदा उठाते हुए मेरी गान्ड के छेद पर अपनी उंगली लगा कर दबाने लगा…..मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि में बयान नही कर सकती…..कहाँ तो कुछ देर पहले में अपनी मजबूरी पर रो रही थी…..और कहाँ अब चूत की आग के कारण में मदहोश हो गयी थी….

मेरी कमर अपने आप ही आगे की तरफ झटके खाने लगी…..जिससे मेरी चूत के अंदर अमित का लंड अंदर बाहर होकर रगड़ खाने लगा…..वो अभी भी मेरे होंटो को बुरी तरहा से चूस रहा था…बीच-2 में वो मेरे होंटो पर अपने दाँत भी गढ़ा देता….मुझे पता नही कब मेरे हाथ उसकी बाजुओं से हट कर उसके सर पर चले गये….और में भी उसके सर को पकड़ कर अपने होंटो को चुसवाने लगी….अमित भी धीरे-2 अपनी कमर को हिला रहा था…..

थोड़ी देर बाद उसने मेरे होंटो को छोड़ा, और मुझे अपने ऊपेर सीधा बैठा दिया……मुझे उसका लंड अपनी नाभि तक अंदर घुसा हुआ महसूस हो रहा था…. उसने मुस्कुराते हुए कहा……..”देख तेरी फुद्दि कैसे पानी की नदी बहा रही है… साली मेरे टटटे भी गीले कर दिए…..” मेने अपना फेस घुमा कर पीछे की ओर देखा, पर में ठीक से नही देख पे…..फिर अमित ने मेरा एक हाथ पकड़ कर कमर के पीछे लेजाते हुए अपने टट्टो पर लगा दिया……

जैसे ही मेने उसके बॉल्स को छुआ में एक दम हैरान रह गयी…..उसके बॉल्स एक दम गीले हो चुके थे….जैसे किसी ने मूत दिया हो…..मेने अपना हाथ आगे करके अपने सर को झुका लिया…..अमित थोड़ा एडजेस्ट होते हुए बैठ गया…..हम दोनो बेड के बिल्कुल किनारे पर थे….उसके पैर बेड के नीचे लटक रहे थे, और में उसके लंड को अपनी चूत में लिए हुए उसकी गोद में बैठी थी….

अमित: क्यों सही कह रहा हूँ ना…
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Re: छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा

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में उससे नज़रे नही मिला पा रही थी….उसने मेरी नाइटी को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर उठाना चालू कर दिया……वो मेरे नाइटी को उतारना चाहता था. पर में फिर से उसके सामने नंगी होने से शरमा रही थी……इसीलिए मेने हाथ ऊपेर नही किए….पर उसने ज़बरदस्ती करते हुए मेरी नाइटी को मेरे गले से निकाल कर नीचे फेंक दिया….अब में एक बार फिर से उसके सामने नंगी थी…. उसने मेरे चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ कर ऊपेर नीचे करना शुरू कर दिया…….”उच्छल ना साली अब ऐसे लौडा फुद्दि में लिए बैठी रहे गी क्या”

मेने उसकी बात कोई जवाब नही दिया….वो भी अपनी कमर को नीचे से ऊपेर नीचे कर रहा था……..उसके लंड के घर्षण को अपनी चूत की दीवारों पर महसूस करके में एक दम गरम हो गयी….में भी उसके साथ ऊपेर नीचे होने लगी…….धीरे-2 हम दोनो की रफ़्तार बढ़ती जा रही थी……और जब मेरी गान्ड उसकी जाँघो से टकराती तो, थप-2 की आवाज़ होने लगती…….

में काफ़ी देर से अपनी सिसकारियों को दबाए हुए थी……..पर अब में अपने आप पर काबू नही रख पा रही थी…..”अहह अमित ओह्ह्ह मुझी माफ़ कर दूओ..ह ह धेरीई अमित्त्त मेरी फुददी अह्ह्ह्ह ओह ओह”

पूरा रूम थप-2 और मेरी सिसकारियों की आवाज़ से गूँज रहा था…..अमित का लंड अब पूरी रफ़्तार से मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था, और में भी उसके लय में लय मिलाती हुई, अपनी गान्ड को उछाल-2 कर उसके लंड पर अपनी चूत को पटक रही थी……

मेरा बदन एक दम से अकड़ने लगा…..और मेरी चूत फिर से पानी छोड़ने लगी…. में हाए ओह्ह करती हुई झड गयी….अमित भी तेज़ी से शॉट लगाते हुए झड़ने लगा..चुदाई का ये दौर करीब 30 मिनट तक चला……में बुरी तरह से उसकी गोद में हाँफ रही थी……
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में बुरी तरह से थक गयी थी…मुझे कुछ होश ना था….थोड़ी देर बाद में जब मुझे होश आया तो देखा, कि में अमित के ऊपेर लेटी हुई थी…उसका आधा खड़ा लंड मेरी गान्ड की दरार पर रगड़ खा रहा था…..उसकी आँखें भी बंद थी. में उसके ऊपेर से उठ कर बेड से नीचे उतर गयी…..और झुक कर अपनी नाइटी उठाने लगी…तो मुझे अपनी गान्ड पर अमित के हाथ महसूस हुए, जब मेने पलट कर देखा, तो अमित बेड के किनारे पर बैठा हुआ, मेरी गान्ड को सहला रहा था..उसकी आँखों में अजीब सी चमक थी….

मेने अपनी नाइटी उठाई, और पहन ली, अमित खड़ा हुआ, और मेरी नाइटी को पकड़ कर कमर तक ऊपेर उठा दिया…..”अमित छोड़ो मुझे अब बहुत हो गया” अमित ने मेरी और मुस्कुराते हुए देखा, और अपने लंड को मेरी नाइटी से सॉफ करने लगा. उसके बाद उसने अपनी पेंट पहन ली, और बाथरूम के तरफ जाते हुए बोला….

अमित: जान मेरा भी खाना बना लेना…….आज रात यही रुकुंगा और तेरी चूत का भोसड़ा बना कर सुबह जाउन्गा…..

में अमित से कुछ ना कह पाई…..बाथरूम से वापिस आकर अमित बेड पर लेट गया….उसके बाद में बाथरूम में गयी….और नहा कर बाहर आई….मेने कभी ज़िदगी में नही सोचा था कि, मुझे ऐसे दिन देखने पड़ेंगे…..

नहाने के बाद जब में अपने रूम में आई, तो देखा अमित सो रहा था… एक बार तो सोचा कि अभी इसको जान से मार दूं तो सारा खेल यही ख़तम हो जाएगा. फिर मन में डर था कि एक चीज़ से बचाने के लिए दूसरी ग़लती नही कर सकती में मन मार कर किचन में आ गयी….रात के 8 बज चुके थे……मेने खाना तैयार किया….और बाहर आकर बरामदे में बैठ गयी…थोड़ी देर बाद अमित उठ कर बाहर आ गया….

अमित: खाना बना लिया……

में: हां. बन गया है, अमित अब तक तुमने जैसे कहा. मेने वैसे किया अब में तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ……वो क्लिप मुझे दे दो….

अमित: ठीक है दे देता हूँ……पर एक शर्त है.

में: क्या शर्त है, में तुम्हारी हर बात मानने को तैयार हूँ….

अमित: (मुझे क्लिप की डीवीडी देते हुए) ये लो, पर हां आज रात भर मुझे खुस रखना होगा…
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Re: छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा

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मेने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया, और अपने रूम में जाकर वो डीवीडी छुपा दी, अब मेरे पास वो डीवीडी आ चुकी थी…..एक बार तो सोचा अब इसको धक्के दे कर घर से निकाल दूं….पर फिर भी मन में डर था, कि कही ये इसकी कोई और चाल तो नही…..मेने बाहर आकर खाना लगाया, और हम दोनो ने खाना खाया. अब रात बहुत हो चुकी थी…..बाहर सर्दी अब पूरे जोरों पर थी…..जब में काम निपटा कर अपने रूम में दाखिल हुई, तो मेरे कदम वही जम गये…

अमित मेरे बेड पर नंगा लेटा हुआ था. उसने कमर से निचले हिस्से पर रज़ाई ओढ़ रखी थी….और अपने हाथ से अपने 9 इंच लंबे लंड को हिला रहा था….मेने डोर बंद किया, और बेड के किनारे पर आकर बैठ गयी…..अमित ने एक हाथ बढ़ा कर मेरी शॉल को पकड़ कर अपनी तरफ खेंचा…..में बिना कुछ बोले बेड पर चढ़ गयी……अमित ने रज़ाई उठा दी, ताकि में रज़ाई के अंदर आ सकूँ….जैसे ही में रज़ाई के अंदर लेटी, वो मेरे ऊपेर आ गया….और मेरी शाल को मेरे बदन से अलग करके नीचे फेंक दिया…..अब में सिर्फ़ नाइटी में थी….

उसने मेरे ऊपेर लेटते हुए मेरे होंटो अपने होंटो में भर लिया….और मेरे होंटो को चूस्ते हुए नाइटी के आगे के हुक्स को खोलने लगा…..इस बार वो पहले की तरह बेदर्दी नही दिखा रहा था……उसने एक -2 करके मेरी नाइटी के सारे हुक्स खोल दिए….मेने नीचे कुछ नही पहना था….उसने मेरे मम्मों को पकड़ कर नाइटी से बाहर निकाल लाया……और मेरे होंटो से अपने होंटो का हटा कर मेरे लेफ्ट निपल को मूह में भर चूसना शुरू कर दिया…..

अपने निपल पर उसकी गरम-2 जीभ महसूस करते ही, में सिसक उठी……इस बार वो बड़े ही प्यार से मेरे निपिल्स को चूस रहा था…..और दूसरे हाथ से मेरी नाइटी को नीचे से ऊपेर कर रहा था…..थोड़ी देर में ही नाइटी मेरी कमर तक चढ़ चुकी थी…..हम दोनो रज़ाई के अंदर थे.इसीलिए नीचे का कुछ दिखाई नही दे रहा था……मुझे इसका अहसास तब हुआ जब उसके लंड का दहाकता सुपाडा मेरी चूत के छेद पर आ लगा…….मेरा जिस्म बुरी तरह से कांप गया.

मुझे पता नही में क्यों इतनी मदहोश हो गयी कि, मेने गले में बाहें डाल कर अपने से चिपका लिया”ओह्ह्ह अमित” मेने मस्ती भरी आवाज़ में कहा…..अमित ने मेरी चुचि को मूह से निकाला और फिर मेरी तरफ देखते हुए, अपने होंटो को मेरे होंटो के तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया…..

उसका लंड मेरी चूत के छेद पर लगा हुआ झटके खा रहा था….में इस कदर मदहोश गयी थी, कि मेने भी अपने होंटो को खोल कर उसके होंटो की तरफ बढ़ा दिया……अमित फिर से मेरे होंटो को चूसने लगा…..इस बार नज़ाने क्यों में उसका साथ देने लगी थी……वो मेरे होंटो को चूस्ते हुए, मेरे निपल्स को अपने हाथों की उंगलियों में लेकर मसल रहा था, और मरोड़ रहा था….

मेरी चूत फिर पनिया गयी…..और उसने कुछ देर मेरे होंटो को चूसा, फिर मेरे गालों और गर्दन को जीभ चाटने लगा……में उसकी इन हरकतों से मदहोश होती जा रही थी…..मेरे हाथ उसके कंधो और पीठ को सहला रहे थे….वो मेरे बदन के हर हिस्से को चूम रहा था चाट रहा था….फिर वो धीरे-2 नीचे की और बढ़ने लगा……मेरे पेट को चूमते हुए, मेरी नाभि के अंदर जीभ डाल कर चाटने लगा…..

उसकी इस हरकत से में एक दम से सिसक उठी…..मेने उसके बालो को पकड़ लिया… और उसके बालों में अपनी उंगलियाँ चलाने लगी……जब मेरे पति जिंदा थे, तब उन्होने कभी मेरे साथ ऐसा फोरप्ले नही किया था…हम तो सीधा साधा सा सेक्स करना जानते थे……इन सब चीज़ों में कितना मज़ा आता है.ये मुझे आज महसूस हो रहा था…….

मेरी सिसकारियाँ पूरे रूम में गूँज रही थी…..शुकर था कि, घर पर हम दोनो के सिवा कोई नही था…..फिर वो और नीचे की ओर बढ़ने लगा….मेरी जाँघो की जडो को जीभ से चाटने लगा…..में एक दम से तिलमिला उठी….”आह अमित्त सीईइ वाहाा नही मुझसे सहा नही जाता अह्ह्ह्ह अमित्त्त्तत्त ओह्ह्ह्ह.” पर अमित तो मेरी कोई बात नही सुन रहा था…आख़िर कार मेरे सामने वो मंज़र घूम गया, जब उसने सुबह मेरी चूत को चाटा था…..

फिर वो मेरी चूत पर आ गया…..और किसी भूखे जानवर की तरह मेरी चूत को फांकों के साथ मूह में भर कर चूसने लगा…..

में: (एक दम मस्त होकर गरम होने लगी) आहह ओह्ह्ह नही अमित्त्त ओह अह्ह्ह्ह अहह सीईईईई नही आईई माआ ओह क्या कर्र रहा है ओह्ह्ह मुंडिया मान जा अहह मेरीए जान काढ़ के रहेँगाआ आह खा गया आह तू मुझीई आ पूराअ काा पूराअ आह ख़ाा जाअ पूराअ अहह उफफफ्फ़ मेरीए जानंनणणन् फंससस्स गाईए……..हाई मेरीए फुदीइ खा गायाअ..

में पता नही क्या अनाप सनाप बके जा रही थी..मुझे खुद इस बात का होश नही था…..मेरी गान्ड बेड से 2 फुट ऊपेर उठ चुकी थी….और मेरी कमर बुरी तरह झटके खा रही थी…..फिर उसने मेरी चूत से मूह हटा लिया…..मेने तेज़ी से साँसे लेते हुए उसकी तरफ देखा…फिर वो नीचे झुक कर मेरे टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाने लगा…..

में मदमस्त और बदहवास सी उसके इशारो पर काम करने लगी थी…..जैसे ही उसने मेरी टाँगों को ऊपेर उठा कर फेलाया……उसने मेरे दोनो हाथों को पकड़ कर मेरी चूत पर रखते हुए मेरी फांकों को फेलाना शुरू कर दिया….में समझ गयी कि, वो क्या चाहता है….मेने अपनी चूत की फांकों को फेला दिया. फिर उसने मेरी उंगलियों को पकड़ कर चूत की फांकों पर क्लिट के बिल्कुल पास दोनो तरफ सेट किया, और फेलाने के लिए हाथों को खेंचा….जैसे ही मेने फिर से क्लिट के पास के मास को खेंचा….मेरा क्लिट किसी फूले हुए दाने की तरफ बाहर आ गया.

जिसे देख कर उसकी आँखें चमक उठी……मेने अपनी आँखें बंद कर ली, मुझे पता था कि, अमित का अगला स्टेप क्या होने वाला है, पता नही कि में बर्दास्त कर पाउन्गि या नही….में अभी यही सोच रही थी कि, उसने अपनी जीभ निकाल कर मेरी क्लिट पर रगड़ना शुरू कर दिया…में बुरी तरह से हिल गयी…..मेरे हाथ वहाँ से निकल गये…”अहह अमित्त”

अमित: क्या साली क्या कर रही है…..चल फिर से निकाल अपना दाना बाहर…

उसने फिर से मेरी टाँगों को फेला दिया…..और मेरे हाथों को पकड़ कर वही पर रखते हुए बोला”चल अब निकाल बाहर” मेने फिर से क्लिट वाले पास के मास को खेंचा,और चूत का क्लिट फिर से बाहर आ गया….इस बार उसने अपने हाथों से और मास को खेंचा, तो क्लिट पूरी तरह से बाहर आ गया……इस बार उसने बिना किसी देर किए, पूरा का पूरा क्लिट मूह में भर लिया…..और साथ में मेरी टाँगों को ऊपेर की तरफ उठा कर दबोच लिया….ताकि में हिल ना सकूँ…..

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