मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त

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mini

Re: मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त

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rajaarkey...aap to hamesha hi bda dete ho,,fir maine maang liya to kya galat kiya.......aap chaho to aur bda aap de do
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Rohit Kapoor
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Re: मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त

Post by Rohit Kapoor »

मैने वॉशरूम में जाकर अपने हाथ को धोया और सलवार को उतार कर देखा तो मेरी पैंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और मेरी जांघों पे भी गीलापन था. मैने पैंटी खोल कर फेंकने की सोची लेकिन फिर फेकना कॅन्सल कर दिया मैने सोचा अगर ऐसे ही पॅंटीस फेंकती रही तो एक दिन बिना पैंटी के ही स्कूल आने की नौबत आ जाएगी. फिर मैने अच्छी तरह से अपनी योनि और जांघों को धोया और वापिस क्लास में आ गई. तुषार पहले ही क्लास में आ चुका था. पहला पीरियड शुरू हुआ और टीचर पढ़ाने लगी. मगर मेरा ध्यान पढ़ाई में बिल्कुल भी नही था. जैसे तैसे मैने मुश्क़िल से रिसेस तक का टाइम निकाला. रिसेस होते ही तुषार मेरे पास आया और मेरा मोबाइल मुझे पकड़ाते हुए बोला.
तुषार-बाइ रीत मैं आज हाफ टाइम से लीव लेकर जा रहा हूँ घर.
मे-क्यूँ क्या हुआ.
तुषार-कुछ नही यार मम्मी की तबीयत थोड़ी खराब है.
मे-क्या हुया उन्हे.
तुषार-बस ऐसे ही थोड़ा सा बुखार था.
फिर हम दोनो ने हग किया और वो मेरे नितंबो पे चूटी काट ता हुया बाहर निकल गया. उसके जाने के बाद मैने अपना टिफेन उठाया और बाहर जाने लगी तो महक ने मुझे रोका और कहा.
महक-रीत मेरी बात सुन पहले.
मे-हां क्या हुया.
महक-वो...रीत प्लीज़ ना मत करना.
मे-किस बात के लिए. बता तो सही.
महक-वो रीत थोड़ी देर के लिए डोर पे खड़ी होकर ध्यान रख की कोई आ तो नही रहा तब तक मैं और आकाश थोड़ा....समझती है ना....
मे-ना बाबा ना मुझसे नही होगा ये बॉडीगार्ड वाला काम मैं तो चली.
महक मेरा हाथ पकड़ते हुए.
महक-प्लीज़ रीतू यार. तू मेरी बेस्ट फ़्रेंड है इतना भी नही कर सकती मेरे लिए.
मे-ओके मैं खड़ी रहूंगी मगर जब कोई आएगा तो मैं उसे रोकूंगी नही.
महक-ओके ओके मत रोकना बस हमे बता देना जब भी कोई आए.
मैं गेट के पास खड़ी हो गई और महक जल्दी से आकाश के पास चली गई. आकाश ने महक के पास आते ही उसे अपनी बाहों में भर लिया और अपने होंठ उसके होंठों पे टिका दिए. मैं उनकी तरफ से नज़र हटाकर बाहर देखने लगी. थोड़ी देर बाद मेरे मन में आया कि देखु तो सही क्या कर रहे है दोनो. मैने अंदर देखा तो आकाश अभी भी महक के होंठ चूस रहा था और उसके हाथ महक के नितंबों को मसल रहे थे. महक तो आकाश के साथ चिपक कर खड़ी थी. अब आकाश ने महक को दीवार के साथ लगा दिया था अब वो दोनो मुझे साइड से दिख रहे थे. आकाश फिरसे महक के होंठ चूमने लगा था. उसने अपने हाथ नीचे लेजकर महक का कमीज़ किनारों से पकड़ कर उपर उठाना शुरू कर दिया और उसे महक के उरोजो के उपर तक चढ़ा दिया अब महक के उरोज उसकी ब्लॅक ब्रा में क़ैद थे. आकाश ने उसकी ब्रा में नीचे से अपना हाथ डाला और उसे भी उपर की और चढ़ा दिया अब महक के गोरे गोरे उरोज आज़ाद हो चुके थे. आकाश अपने हाथों से उन्हे मसल्ने लगा था. मेरी नज़र नीचे गई तो मैने देखा महक ने अपने हाथ से आकाश का पेनिस उसकी पॅंट के उपर से पकड़ रखा था. आकाश की पॅंट का उभार सॉफ बता रहा था कि उसका पेनिस काफ़ी बड़ा होगा. मेरी तो नज़र जैसे उसकी पॅंट के उभार पे ही अटक चुकी थी. जब मैने वहाँ से अपनी नज़र उपर उठाई तो देखा आकाश मुझे ही देख रहा था. उसने मुझे अपने पेनिस की तरफ देखते हुए देख लिया था. और अब वो गंदी सी स्माइल के साथ मुझे घूर रहा था. मैने गुस्से से उसे देखा और अपना नाक चढ़ाते हुए अपनी नज़र बाहर की ओर कर ली. मैने सोच लिया था कि अब कुछ भी हो जाए अंदर नही देखूँगी लेकिन मैं अपने इस फ़ैसले पे ज़्यादा देर तक टिक नही पाई और मैने फिर से एक दफ़ा अपनी नज़र अंदर की और घुमा दी. मैने देखा आकाश अब महक के उरोजो को चूस रहा था. वो कभी एक उरोज को अपने होंठो में लेकर चूस्ता तो कभी दूसरे को. महक दीवार के साथ सर टिकाए आँखें बंद करके खड़ी थी. मैने नीचे देखा तो आकाश अपनी ज़िप खोल रहा था और देखते ही देखते उसने अपना पेनिस ज़िप में से बाहर निकाल लिया. उसका पेनिस देखते ही मेरे मूह से अपने आप 'ओह माइ गॉड' निकल गया. सच में उसका पेनिस काफ़ी बड़ा था. कम से कम 7.5इंच लंबा तो होगा ही और साथ ही साथ लगभग 1.5इंच मोटा था. मेरा मूह खुला का खुला रह गया था उसका पेनिस देखकर और मेरी योनि ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. मेरा हाथ खुद ही अपनी योनि पे चला गया था. जैसे ही मेरी नज़र उसके पेनिस से हटकर उपर गई तो मैने देखा आकाश मुझे ही देखता हुआ अपने दाँत निकाल रहा था. मैं कभी उसकी आँखों में देख रही थी तो कभी उसके पेनिस को जिसे आकाश अपने हाथ से आगे पीछे कर रहा था. मुझे देखते ही उसने मुस्कुराते हुए एक आँख दबा दी और मुझसे भी अब रहा ना गया और मैं अपनी नज़रें नीची कर के मुस्कुराने लगी. अब आकाश ने महक को नीचे बिठा दिया और महक ने खुद ही उसका पेनिस हाथ में पकड़ा और अपने होंठ खोलते हुए उसे अपने मूह में समा लिया. आकाश का पेनिस महक के होंठों के अंदर बाहर होता देख मैं अपने होंठों पे जीभ फिराने लगी थी. आकाश तेज़ तेज़ महक के होंठों में अपना पेनिस पेल रहा था. महक की आँखें बाहर की और निकल आई थी. अचानक आकाश का शरीर झटके खाने लगा और उसने महक का सर ज़ोर से पकड़ कर अपने लिंग पे दबा दिया. उसके मूह से आह निकली और उसकी पकड़ महक के उपर ढीली हो गई. महक ने भी उसका लिंग अच्छे से चाट कर सॉफ कर दिया.

आकाश ने अपना सारा कम महक के मूह में निकाल दिया था और महक कमिनि भी उसका सारा कम अंदर निगल गई थी. आकाश का लिंग अब धीरे-2 ढीला होने लगा था लेकिन महक की बच्ची उसे छोड़ने का नाम ही नही ले रही थी. वो अपनी जीभ निकाल कर आकाश के लिंग की आगे वाली जगह पे फिरा रही थी. आकाश शायद समझ गया था कि महक की बच्ची का अभी तक जी नही भरा है उसने महक को कंधो से पकड़ कर उपर उठाया और उसके होंठ चूसने लगा और अपने हाथ नीचे लेजा कर महक की सलवार का नाडा खोल दिया और सलवार ढीली होकर महक के घुटनो में पहुँच गई. मैने देखा महक ने उसका बिल्कुल भी विरोध नही किया और आसानी से सलवार को नीचे जाने दिया. अब आकाश घुटनो के बल बैठ गया और महक के नितंबों के उपर हाथ रखते हुए उसे बिल्कुल अपने पास खींच लिया. फिर उसने महक की ब्लॅक पैंटी को किनारों से पकड़ा और खीच कर उसकी जाँघो में अटका दिया. मुझे महक के उपर हैरानी हो रही थी उसे कोई परवाह नही थी अब किसी के आने की बस मस्ती उसके उपर पूरी तरह से हावी हो चुकी थी. आकाश के हाथ फिरसे महक के नितंबों के उपर पहुँच गये थे और धीरे-2 उन्हे मसल्ने लगे थे. उसने अपनी जीभ निकाली और उसे महक की योनि पे लगा दिया. योनि पे आकाश की जीभ महसूस करते ही महक के मूह से मस्ती भरी सिसकारी निकली और उसके हाथ आकाश के बालों में खेलने लगे. आकाश अब महक की योनि पे अपनी जीभ फिराने लगा था. महक के लिए सहन करना मुश्क़िल हो रहा था उसकी आँखें बंद हो चुकी थी और उसने अपना चेहरा उपर की ओर उठा रखा था. आकाश अब तेज़-2 महक की योनि पे जीभ चलाने लगा था और अपनी जीभ को महक की योनि की फांको के बीच घिस रहा था जिसकी वजह से महक का बुरा हाल था और वो हल्की हल्की आहें भर रही थी जो कि मेरे कानो तक भी पहुँच रही थी. अब आकाश ने अपनी जीभ को महक की योनि से हटा लिया था और और अपने होंठों को महक की योनि के होंठों पे रख कर चूसने लगा था. वो कभी योनि की एक फाँक को अपने होंठों में भरने की कोशिश करता तो कभी दूसरी. फिर उसने अपने होंठो के साथ साथ अपनी एक उंगली को भी महक की योनि पे टिका दिया था और धीरे-2 उसे महक की योनि में उतारने लगा था. नीचे से उसकी उंगली महक की योनि में अंदर बाहर हो रही थी और उपर से उसके होंठ महक की योनि को चूसने में लगे थे. उसकी हरकतों ने महक के साथ साथ मेरा भी बुरा हाल कर दिया था. पता नही कैसा दिन चढ़ा था सुबह से लेकर अब तक मेरी योनि और पैंटी गीली की गीली थी. अब आकाश का लंड फिरसे पूरा तन गया था और अपने पहले वाले विकराल रूप में लौट आया था मैं उसके लिंग को देखकर सोच रही थी कि इसके लिंग को देखने से ही मेरा ये हाल हो रहा है तो जब ये मेरी योनि के अंदर जाएगा तब क्या हाल होगा मेरा. अब तो मैं इस कदर गरम हो चुकी थी कि दिल कर रहा था कि महक को हटाकर खुद आकाश के सामने खड़ी हो जाउ और जी भर उसे अपनी योनि चूसने दूं. लेकिन अगले ही पल दिमाग़ में ख़याल आया अरे में ये क्या सोच रही हूँ. मैने अपने सर पे हाथ मारा और अपना ध्यान फिरसे उन्दोनो के उपर लगा दिया.
वो दोनो अब पूरे गरम हो चुके थे आकाश ने अपने होंठों को महक की योनि के उपर से हटा लिया था और अब 2 उंगलियाँ तेज़-तेज़ महक की योनि के अंदर बाहर हो रही थी. महक भी अब अपने पूरे शरीर को मस्ती में हिला रही थी और धीरे-2 बड़बड़ा रही थी 'आहह औचह और तेज़ करो आकाश आहह बहुत मज़ाअ आआ रहाआ है......'

अब महक बुरी तरह से मचलने लगी थी और आकाश भी अब खड़ा हो चुका था मगर उसकी उंगलिया बराबर अपना काम कर रही थी. आकाश की जैसी बॉडी थी बिल्कुल वैसा ही उसका पेनिस था एकदम तगड़ा और जानदार. महक तो उसके सामने बच्ची सी लग रही थी. महक तो महक मैं भी उसके सामने बच्ची ही लगती थी. बहुत स्ट्रॉंग बॉडी थी उसकी.
अब फिरसे उन्दोनो के होंठ जुड़ चुके थे महक अब झड़ने की कगार पर थी वो बुरी तरह से आकाश के हाथों में मचल रही थी. अब उसने आकाश को ज़ोर से पकड़ लिया था और देखते ही देखते महक की योनि का पानी आकाश की उंगलियों की साइड से निकलने लगा था और महक बुरी तरह से हाँफ रही थी. आकाश ने तब तक अपनी उंगलियाँ अंदर बाहर करनी चालू रखी जब तक आख़िरी बूँद महक की योनि से बाहर नही आ गई. जैसे ही उसने उंगलियाँ बाहर निकाली तो महक उसकी छाती के साथ चिपक गई. आकाश ने मुझे देखा और मुस्कुराते हुए वो दोनो उंगलिया चाटने लगा जो थोड़ी देर पहले महक की योनि में थी. मुझे बहुत अजीब लगी उसकी ये हरकत. वो फिरसे एकदुसरे के होंठ चूसने लगे. मुझे अब फिकर होने लगी थी कि ये लोग अब हटेगे भी या नही. मैने वहाँ खड़े खड़े ही महक को कहा.
मे-मिक्कुह में बाहर जा रही हूँ अपने इस ख़ज़ाने को ढक ले किसी और ने देख लिया तो वो भी पीछे पड़ जाएगा.
मेरी बात सुनते ही महक जैसे नींद से जागी और झट से अपनी पैंटी और सलवार खींच कर उपर कर ली. मैं वहाँ से निकल कर फिरसे वॉशरूम में घुस गई अपनी योनि की हालत को देखने के लिए.

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Rohit Kapoor
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Re: मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त

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मैं वॉशरूम में गई और आख़िरकार अपनी पैंटी उतार कर वहीं फेंक दी और वापिस क्लास में आकर बैठ गई. रिसेस के बाद पीरियड फिर से शुरू हो गये और मुश्क़िल से स्कूल का टाइम पूरा हुया और मैं और महक ऑटो पकड़ कर घर आ गये. घर आकर मैने खाना खाया और जाकर अपने रूम में सो गई. अभी मेरी आँख लगी ही थी कि मेरे मोबाइल की घंटी बजी मैने देखा किसी अननोन नंबर. से फोन था. मैने कॉल पिक की तो सामने से आवाज़ आई.
'हेलो रीत तुषार बोल रहा हूँ'
मे- ओह तुषार तुम कैसे हो और आंटी कैसी है अब.
तुषार-सब ठीक हैं रीत ये मेरा नंबर. है सेव कर लेना.
मे-ओके.
तुषार-और बताओ क्या कर रही हो.
मे-कुछ नही सो रही थी.
तुषार-अपने रूम में.
मे-यस.
तुषार-काश मैं तुम्हारे पास होता तो सोने का कितना मज़ा आता.
मे-बच्चू तुम पास होते तो मुझे सोने कहाँ देते.
तुषार-हां ये तो है अब तुम्हारे जैसी मस्त मस्त चीज़ को बिस्तेर में सोने कॉन देगा.
मे-अच्छा अब बहुत हुई मस्ती मुझे सोने दो.
तुषार-ओके डियर. किस ऑन युवर लिप्स. बाइ.
मे-उम्म्म्म बाइ.
मैने फोन कट किया और आँखें बंद करके सोने की कोशिश करने लगी मेरे दिमाग़ आज जो कुछ भी हस वो सब घूमने लगा. मुझे पता ही नही चला कि कब इन ख़यालों में खोई खोई मैं सो गई. शाम को मेरी आँख खुली तो देखा 5 वज रहे थे. खूब जी भर के सोई थी मैं.
मैं उठी और किचन की तरफ चल पड़ी. किचन में मम्मी खड़ी काम कर रही थी. मैने मम्मी को प्यार से पीछे से पकड़ लिया और उनके गालों पे किस करने लगी.
मे-मुंम्म्मय्ययी....
मम्मी-क्या हुआ रीतू आज बड़ा प्यार आ रहा है मम्मी पर.
मे-बस ऐसे ही मम्मी मुझे चाइ दो.
मम्मी ने मुझे चाइ दी और मैं चाइ लेकर फिरसे अपने रूम में आ गई और अपना मोबाइल उठाया तो देखा उसपे करू भाभी की 2 मिस कॉल आई हुई थी.
मैने मोबाइल लिया और छत पे चढ़ कर भाभी को फोन मिलाया.
भाभी फोन उठाते ही भड़क उठी.
करू-ओये रीतू की बच्ची तू समझती क्या है अपने आप को.
मे-क्या हुआ भाभी.
करू-मैने ही तुझे मोबाइल लेकर दिया और तूने मेरा फोन ही नही उठाया.
मे-ओह कमोन भाभी मैं सो रही थी.
करू-किसके नीचे.
मे-क्या कहा आपने.
करू-अरे बुढ़ू मेरा मतलब पंखे के नीचे सो रही थी क्या.
मे-ओह अच्छा अच्छा मैने सोचा....
करू-क्या सोचा तूने चालू लड़की.
मे-ओह भाभी अब इतनी खिचाई भी मत करो.
करू-अच्छा चल ये बता तूने मम्मी पापा से बात की या नही.
मैने जान बुझ कर अंजान बनते हुए कहा.
मे-कोन्सि बात भाभी.
करू-ओये मुझसे मार खाएगी तू मोबाइल लेकर आराम से घर में बैठ गई मेरी और चिलकोज़ू की शादी कोन करवाएगा.
मे-आप लोगो का मॅटर है आप ही जानो.
करू-ओये रीतू अगर तू मेरे सामने होती ना तो तुझे पटक पटक के मारती अब मैं.
मे-हाहहहाहा.
करू-अब हँस क्या रही है तू.
मे-भाभी मैं तो मज़ाक कर रही थी. आप थोड़ा सबर तो करो मैं चलाती हूँ कोई चक्कर.
करू-ओके ओके जल्दी कर स्वीतू अब सबर नही हो रहा मुझसे.
मे-भाभी एक बात बताओ भैया ने आपके साथ 'वो' किया है.
करू- 'वो' क्या.
मे-वोही जो लड़का और लड़की अकेले में करते हैं.
करू-एक लगाउन्गी गाल पे. तू तो बहुत आगे निकल चुकी है. हॅरी को बताना पड़ेगा.
मे-नो नो भाभी चिलकोज़ू को मत बताना प्लेज.
करू-ओके मगर ये चिलकोज़ू कहने की हिम्मत कैसे हुई तेरी.
मे-क्यूँ भाभी.
करू-हॅरी को सिर्फ़ मैं चिलकोज़ू बुला सकती हूँ कोई और नही समझी.
मे-जी भाभी.
करू-अच्छा अब जी जी मत कर हमारा काम कर जल्दी से.
मे-श्योर भाभी.
करू-अच्छा ओके. बाइ.
मे-बाइ.
फोन कट होते ही मैने सोचा 'ओह गॉड ये भाभी भी पूरी जंगली बिल्ली हैं'
मैने नीचे आकर थोड़ी देर टीवी देखा और फिर सब खाने के लिए बैठ गये. मैने सोचा अब बात करने का अच्छा मौका है.
मे-मम्मी मुझे आपसे कुछ बात करनी थी.
मम्मी-बोल बच्चे क्या बात है.
मे-मम्मी मैं क्या कहती हूँ कि भैया की शादी कर देनी चाहिए अब.
मेरे इस सिक्सर से भैया एकदम क्लीन बोल्ड हो गये.
पापा-सही कहा रीतू तूने क्या कहती हो गुरमीत(मम्मी).
मम्मी-जी बात तो रीत की सही है मुझसे अब काम नही होता.
पापा-क्यूँ हॅरी क्या कहता है तू.
हॅरी-जी पापा जैसा आप कहे.
मे-देखो देखो कैसे शरमा रहे हैं भैया.
हॅरी-ओये रीतू तू चुप करती है या नही.
मे-भैया सोच लो अगर मैं चुप हो गई तो आप तो गये काम से.
मम्मी-चुप करो तुम दोनो. अजी मैं कहती हूँ कि हॅरी के लिए कोई अच्छी सी लड़की ढुंढ़ो आप.
मे-मम्मी मैं जानती हूँ एक अच्छी लड़की को.
पापा-कॉन है वो बेटा.
मम्मी-हां हां बता कॉन है.
मे-बता दूं भैया.
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Re: मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त

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मम्मी-उस से क्या पूछ रही है तू बता ना.
मे-तो सुनो उसका नाम करुणा है. वो बहुत अच्छी हैं और जो सबसे बड़ी बात है कि भैया और करू एक दूसरे को पसंद करते हैं और मुझे मोबाइल की रिश्वत दी है आपसे बात करने के लिए.
मैने आँखें नचाते हुए कहा.
हॅरी-कोई रिश्वत नही दी खुद माँगा था इसने मोबाइल. तुझे तो मैं बाद में देखूँगा.
मम्मी पापा मेरी बात सुनकर बहुत खुश हुए.
पापा भैया का कान पकड़ते हुए.
पापा-तू खुद नही बता सकता था ये बात.
हॅरी-पापा बस मैं बताने ही वाला था.
मम्मी-अब छोड़ भी दो मेरे लाडले को. बेटा बता कब चले उसके घर.
हॅरी-मम्मी मैं करू से बात करके आपको सब कुछ बताउन्गा.
मम्मी-ओके जल्दी बताना.
भैया मेरा पास आए और मेरी गाल पे चूटी काट ते हुए बोले.
भैया-लव यू स्वीतू.

भैया की बात फिक्स करने और खाना खाने के बाद मैं अपने रूम में आई और भाभी का नंबर. डाइयल किया.
भाभी ने दूसरी पहली रिंग में ही उठा लिया.
करू-हां रीतू बता कैसे याद किया.
मे-भाभी बड़ी जल्दी उठाया फोन क्या फोन के उपर ही बैठी थी.
करू-ओये रीतू तूने देखे तो है कितने बड़े-2 हिप्स हैं मेरे अगर मैं इस फोन के उपर बैठी होती तो इस बेचारे की तो बत्तियाँ गुल हो जाती.
मे-नही भाभी वो तो मज़े लेता आपके मुलायम और नरम हिप्स के बीच घुसकर.
करू-चुप कर बदतमीज़ लड़की. बता फोन क्यूँ किया था.
मे-भाभी आपको भैया का फोन नही आया क्या.
करू-क्यूँ वो चिलकोज़ू करने वाला था फोन.
मे-अरे आपको एक न्यूज़ देनी थी.
करू-कोन्सि..?
मे-वो मैने मम्मी पापा से आपकी और भैया की शादी की बात की थी.
करू-ओह वाउ. बता ना फिर कहा कहा मम्मी पापा ने.
मे-मुश्क़िल है भाभी.
करू-क्या मुश्क़िल है.
मे-आपकी और भैया की शादी और क्या.
भाभी ने उदास होते हुए कहा.
करू-क्या हुया यार.
मे-पापा तो एकदम से भड़क उठे और फटाअक... करके भैया की गाल पे 5-7 थप्पड़ जड़ दिए.
करू-क्याआ....? अब क्या होगा रीतू यार.
मे-अब तो भगवान ही कुछ कर सकता है.
मैने फोन में करू भाभी के सुबकने की आवाज़ सुनी और सोचा अरे ये कम्बख़्त तो रोने लगी.
मे-ओह हो मेरी जंगली भाभी जी प्लीज़ रोओ मत. पापा ने ऐसा कुछ नही किया बल्कि पापा तो खुश हुए और आपकी शादी अब लगभग फिक्स है मेरी सेक्सी भाभी.
करू-रीतू की बच्ची तू मुझसे मार खाएगी. झूठ बोला और वो भी मेरे साथ.
मे-सॉरी भाभी मैं मज़ाक कर रही थी.
करू-स्वीतू ऐसा मज़ाक भी कोई करता है अब देख रोने की वजह से मेरा मेक-अप खराब हो गया.
अछा अब मैं उस चिलकोज़ू की खबर लेती हूँ इतनी बड़ी बात मुझे अब तक नही बताई उसने.
मे-मुझसे बात करो ना भाभी.
करू-अरे तुझसे बात करना तो अब टाइम की खराबी है. ओके बाइ स्वीतू.
और फोन कट हो गया.
मे-मतलब खोर कहीं की.
मैने बड़बड़ाते हुए फोन बेड पे फैंक दिया और खुद भी धडाम से बेड के उपर गिर गई और सोने की कोशिश करने लगी. मैं ख़यालों में खोई हुई थी तभी मेरे मोबाइल का एसएमएस टोन बज उठा. किसी अननोन नंबर. से मेसेज था.
'हेलो डार्लिंग सो गई क्या'
मैं समझ गई कि ये ज़रूर वो कमीना आकाश ही है.
मैने रिप्लाइ किया.
मे-हू'स यू डफर....?
हे रीप्लाइस 'रीत डार्लिंग मैं हूँ तुम्हारा आशिक़ आकाश कमीना'
मे-तुम तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे एसएमएस करने की.
आकाश-ओह डार्लिंग इतना गुस्सा मैने सोचा रात को अकेली बोर हो रही होगी तुम.
मे-तो तुमने क्या मुझे एंटरटेन करने का ठेका ले रखा है.
आकाश-हां कुछ ऐसा ही समझ लो. कॅन आइ कॉल यू..?
मे-नो वे....भूल कर मुझे फोन मत करना.
लेकिन तभी उसके नंबर. से कॉल आई और मैने कट कर दी. फिरसे कॉल आई मैने फिरसे कट कर दी. फिर उसने एसएमएस किया.
आकाश-प्ल्स रीत उठाओ ना.
फिरसे उसका नंबर. स्क्रीन पे फ्लश होने लगा.
आख़िरकार मैने भी रिसिव का बटन दबा ही दिया. उधर से आवाज़ आई.
आकाश-थॅंक्स डार्लिंग फोन उठाने के लिए.
मे-हाँ बोलो क्या कहना चाहते हो.
आकाश-कहाँ पे हो तुम.
मे-अपने घर पे और कहाँ.
आकाश-मेरा मतलब था अपने रूम में हो क्या.
मे-यस क्यूँ.
आकाश-वाउ अगर मैं तुम्हारे साथ होता तो कितना मज़ा आता. सोचो मैं तुम्हारे घर में तुम्हारे ही रूम में और तुम्हारे ही बिस्तेर पे तुम्हारे साथ वो भी बिल्कुल नंगा आहहाहा क्या सीन होता.
मे-शट अप युवर माउत एडियट. मैं फोन कट कर रही हूँ.
आकाश-अरे अरे रीत सुनो तो सॉरी यार मेरी बात तो सुनो.
मे-हां क्या है.
आकाश-ऐसे नाराज़ क्यूँ होती हो डार्लिंग.
मे-तुम्हे शरम नही आती अपनी गर्ल-फ़्रेंड की फ़्रेंड के साथ एसी बातें करते हुए.
आकाश-डार्लिंग जब तुम्हे शरम नही आती अपने बॉय-फ़्रेंड के फ़्रेंड को अपने जलवे दिखाकर जलाने में तो मुझे क्यूँ शरम आएगी.
मे-बकवास बंद करो मुझे कोई शौक नही तुम्हे जलाने का.
आकाश-अच्छा छोड़ो ये सब बातें तुम ये बताओ की आज मेरा लंड कैसा लगा.
मे-भाड़ में जाओ तुम और भाड़ में जाए तुम्हारा 'वो'
आकाश-मेरा 'वो' क्या डार्लिंग.
मे-जो मुझे दिखा रहे थे आज.
आकाश-मतलब तुमने देखा. वाउ कैसा लगा जानेमन.
मे-बहुत कमिने हो तुम कोई ढंग की बात नही कर सकते.
आकाश-अच्छा तुम करो ढंग की बात.
मैं आकाश से एक बात पूछना चाहती थी लेकिन थोड़ा जीझक रही थी. आख़िरकार मैने पूछ ही लिया.
मे-ह्म्म्मप मुझे एक बताओ क्या तुषार के सामने भी तुम महक के साथ ये सब करते हो.
आकाश-बिल्कुल.
मे-क्याअ...? मतलब महक तुषार के सामने भी ऐसे ही कपड़े उतार देती है.
आकाश-और नही तो क्या अरे डार्लिंग तुषार तो उसे किस तक भी कर लेता है.
मे-व्हाट....? क्या तुम्हारे सामने ही.
आकाश-यस. और तो और महक ने तुषार का लंड भी चूसा है काई बार.
मे-मुझे यकीन नही हो रहा.
आकाश-अरे तो मत करो यकीन. मुझे कॉन्सा तुम्हे यकीन दिलाना है.
मे-क्या तुमने महक के साथ 'वो' भी किया है.
आकाश-'वो' ये वो क्या चीज़ है.
मे-प्लीज़ बताओ ना.
आकाश-क्या बताऊ डार्लिंग.
मे-आइ मीन तुमने महक के साथ सेक्स भी किया है.
आकाश-यस मेनी ऑफ टाइम्स.
मे-ओह गॉड. इस सबके बावजूद तुम मुझपे लाइन मार रहे हो. तुम्हारे अंदर शरम नाम की चीज़ है या नही.
आकाश-बस मैं तो ऐसा ही हूँ. अच्छा अब रखता हूँ मुझे डिन्नर करना है. बाइ.
मे-डिन्नर इतनी रात को.
आकाश-यस मैं देर से ही ख़ाता हूँ खाना. बाइ.
मे-बाइ.
मैने फोन रखा और सो गई.
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Re: मैं चीज़ बड़ी हूँ मस्त मस्त

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sunita123 wrote:wow mast story ahi yeh to matlab ab Rit kay Aaksh ka bhi chusegi aru Tushdr dono se chudegi kya sandwich banegi
thanks Sunita
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