एक आहट जिंदगी की complete

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jay
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Re: एक आहट जिंदगी की

Post by jay »

nice update
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Ankit
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Re: एक आहट जिंदगी की

Post by Ankit »


राज की मांसल जाँघ नाजिया के चुतड़ों से टकरा कर थप-थप की आवाज़ करने लगी….राज ने अपना लंड अंदर बाहर करते हुए, नाजिया के दोनो चुतड़ों को फेला दिया. और उसकी बुर के पानी से भीगे उसकी गान्ड के छेद को अपनी उंगली से कुरेदने लगा…..नाजिया का पूरा जिस्म एक दम से कांप गया….चुदवाने में इतना मज़ा आता है…ये आज नाजिया को पता चल रहा था….और वो भी सिसकते हुए, राज के लंड को अपनी बुर की गहराइयों में महसूस कर रही थी….नाजिया का पूरा बदन ऐंठने लगा था….उसे अपने बदन का सारा खून बुर में इकट्ठा होता हुआ महसूस होने लगा…..”ओह्ह्ह्ह राज ईए मुझे क्या कर दियाअ आप ने स हाई में पागल ओह्ह्ह्ह राज……”

राज: क्यों क्या हुआ मेरी रानी….मज़ा नही आ रहा…..

नाजिया: अहह सीईइ उंह उंघह बहुत आ रहा है…….

राज: और मारू क्या ?

नाजिया: ह्म्म्म्म मम

राज ने अपने झटको की रफ़्तार और बढ़ा दी…..अब राज का लंड नाजिया की टाइट बुर में पूरी रफतार से अंदर बाहर हो रहा था….और फिर नाजिया का बदन एक दम अकड़ने लगा….बुर का सैलाब बाहर ज़लज़ला बन कर बह निकला…..और उसका पूरा बदन झटके खाते हुए झड़ने लगा. राज भी टाइट बुर में ज़्यादा देर नही टिक पाया….और उसकी बुर के अंदर ही उसके लंड ने वीर्य की बोछार कर दी……

नाजिया झड़ने के बाद बुरी तरह हाँफ रही थी…..राज ने जैसे ही अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला, नाजिया आगे की तरफ लूड़क कर उस तिरपाल पर लेट गयी…और गहरी साँसे लेने लगी…..राज कुछ देर वैसे ही घुटनो के बल बैठा रहा….और नाजिया के नरम और मांसल चुतड़ों को सहलाता रहा….जब नाजिया की साँसे कुछ दुरस्त हुई, तो उसे अहसास हुआ, कि ये उसने क्या कर दिया है…..जो भी हुआ वो नही होना चाहिए था…..पर अब बहुत देर हो चुकी थी…..जैसे ही उसे अपने चुतड़ों पर राज के हाथ का स्पर्श महसूस हुआ, तो वो उठ कर बैठ गयी….उसने एक बार राज की तरफ देखा, और फिर नीचे अपनी जाँघो में देखा, तो वो एक दम से घबरा गयी……

उसकी बुर की फांके उसकी बुर के गाढ़े पानी और राज के वीर्य और खून से सनी हुई थी….खून के कुछ धब्बे उस तिरपाल पर लगे हुए थे….नाजिया ये सब देख कर घबरा गयी. और उसकी घबराहट को राज एक पल में समझ गया…..”घबराओ नही….पहली बार ऐसा होता है….अब खून नही आएगा….इसे सॉफ कर लो…..”

नाजिया: ये आप ने ठीक नही किया राज…..

राज: अर्रे क्यों घबरा रही हो मेरे जान…..यही तो जवानी के मज़े लूटने का समय है. में तुम्हारा ख़याल रखूँगा ना….चलो इसे सॉफ कर लो……

नाजिया: किससे से करूँ…..?

राज ने नाजिया की पैंटी उठाई, और उसी से अपना लंड सॉफ करने लगा…ये देख नाजिया एक दम से बोल पड़ी…..”अब में क्या पहनूँगी…..” राज ने हंसते हुए अपने लंड को सॉफ किया, और फिर वो पैंटी नाजिया की तरफ बढ़ा दी, और बोला…..”क्यों स्कर्ट तो है ना….किसी को नही पता चलता….में तुम्हे घर वाली गली के बाहर छोड़ दूँगा….वहाँ से तुम पैदल चली जाना.”

नाजिया ने सर झुकाए हुए राज के हाथ से पैंटी ली, और अपनी बुर और जाँघो को ठीक से सॉफ किया…..नाजिया उसके सामने बेहद शरमा रही थी…..

नाजिया की गोरी चिकनी जाँघ और बुर देख कर एक बार फिर से राज का लंड झटके खाने लगा था. उसने अभी तक अंडरवेर और पेंट नही पहनी हुई थी…..राज का लंड फिर से खड़ा होने लगा था….तभी अचानक नाजिया की नज़र राज के झटके खा रहे लंड पर गयी…जिसे देखते ही उसके दिल की धड़कने फिर से बढ़ने लगी…..नाजिया एक दम से घबराते हुए खड़ी हो गयी…..और थोड़ा आगे चल कर अपनी स्कर्ट को ठीक करने के बाद, अपनी शर्ट के बटन बंद करने लगी……राज नाजिया की स्कर्ट में मटकते हुए उसके गोलमटोल चुतड़ों को देख कर पागल हो उठा….उसने जल्दी से अपनी अंडरवेर और पेंट पहनी, पर उसे जाँघो तक चढ़ा कर छोड़ दिया…और फिर अपनी पेंट को पकड़ कर नाजिया के ठीक पीछे आकर खड़ा हो गया…
नाजिया अपनी शर्ट के बूटों लगाने में मसरूफ़ थी कि, राज ने उससे पीछे से बाहों में भर लिया…और उसकी लंबी सुरहीदार गर्दन पर अपने होंटो को लगा दिया…..नाजिया एक दम से चोंक गयी….और राज के बाहों से निकालने की कॉसिश करने लगी….पर राज के होंटो के तपिश अपने नेक पर महसूस करके, वो एक दम से बेजान से हो गये….”सीईईईई उम्म्म्म आह क्या क्या कर रही है आप……”

राज: कुछ नही अपनी जान को प्यार कर रहा हूँ……(राज ने अपने होंटो को नाजिया के गर्दन पर रगड़ते हुए कहा….)

नाजिया: उंघ माआ सीईइ बस करें…..कोई देख लेगाअ अहह……

राज: (नाजिया के शर्ट के ऊपेर से उसकी चुचियों को मसलते हुए) ह्न्म्म्म यहंन कोई नही देखेगा….प्लीज़ मेरी जान मुझसे रहा नही जा रहा……आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.. प्लीज़ एक बार और दी दो ना…..? (राज लगातार नाजिया की चुचियों को मसलते हुए, उसकी गर्दन और गाल पर अपने होंटो को रगड़ रहा था….और नाजिया भी मस्त होती जा रही थी) प्लीज़ जान एक बार और दे दो ना…..

नाजिया: (लड़खड़ाती हुई आवाज़ में) क क क्या…….?

राज: ओह्ह फुद्दि तुम्हारी फुद्दि चाहिए……

नाजिया: हाए तोबा अहह कैसी बातें करते है आप……

राज: प्लीज़ जान मेरे लिए इतना भी नही कर सकती…प्लीज़ एक बार……

ये कहते हुए, राज ने नाजिया के स्कर्ट को पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू कर दिया…..उसने नाजिया के स्कर्ट को उठा कर उसकी कमर पर फँसा दिया….और फिर अपने टाँगों को फेला कर अपने घुटनो को मोड़ कर नीचे झुका, और नाजिया के कान में धीरे से कहा….

राज: नाजिया खोला ना….

नाजिया: लड़खड़ाती हुई आवाज़ में) क्या ?

राज: अपनी टांगे खोलो ना……

नाजिया: सीईइ नही कुछ हो गया तो…..

राज: में भला अपनी जान को कुछ होने दूँगा…..प्लीज़ नाजिया एक बार और कर लेना दो ना. तुम्हे मेरे कसम…..

नाजिया राज के प्यारी भरी चिकनी चुपड़ी बातों को सुन कर एक दम से पिघल गये….उसने लर्जते हुए अपनी टाँगों को खड़े खड़े फेला लिया…..राज ने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ कर नाजिया की गान्ड से नीचे लेजाते हुए उसकी बुर के फांको पर रख कर अपने लंड के सुपाडे को नाजिया के बुर के छेद पर टीकाने की कॉसिश करने लगा….पर खड़े-2 उससे नाजिया की बुर के छेद तक अपने लंड को परेशान हो रही थी…….

राज: नाजिया तुम्हारी फुद्दि के छेद पर लंड लगा क्या……?

राज: ह्म्म मुझे नही पता…..

राज: बताओ ना…

नाजिया: नही….(नाजिया ने कसमसाते हुए कहा)

राज: (नाजिया की बुर की फांको में अपने लंड को रग़ाड़ कर छेद को तलाशते हुए) अब…..

नाजिया ने फिर से ना में गर्दन हिला दी……और राज ने फिर से अपने लंड को अड्जस्ट किया. “अब” और जैसे ही राज के लंड का सुपाडा नाजिया की बुर के छेद से टकराया. नाजिया के पूरे बदन ने एक तेज झटका खाया….उसके होंटो पर शर्मीली मुस्कान फेल गयी. और उसने अपने सर को झुका लिया…..”अब” नाजिया ने हां में सर हिलाते हुआ कहा……”ह्म्म्म ”

राज ने धीरे-2 अपने मुनसल लंड को ऊपेर की ओर बुर के छेद पर दबाना शुरू कर दिया….राज का लंड नाजिया की टाइट बुर में धीरे-2 अंदर जाने लगा….लंड के सुपाडे नाजिया को अपनी बुर की दीवारो पर रगड़ मदहोश करती जा रही थी…..उसके पैर खड़े-2 कँपने लगी थी…..और आँखे मस्ती में बंद होने लगी थी……राज ने नाजिया को थोड़ा सा दखा देकर ठीक एक पेड के नीचे कर दिया….और उसकी पीठ को दबाते हुए उससे झुकाना शुरू कर दिया. नाजिया ने अपने हाथों को पेड के तने पर टिका दिया…..और झुक कर खड़ी हो गयी….

नाजिया की बाहर की तरफ निकली गान्ड देख कर राज एक दम से पागल हो गया….उसने ताबड्तोड धक्के लगाने शुरू कर दिए…..राज की जाँघ नाजिया के चुतड़ों से टकरा कर थप-2 का शोर कर रही थी…..और नाजिया बहुत कम आवाज़ में सिसकारियाँ भरते हुए चुदाई का मज़ा ले रही थी….उसके पैर मस्ती के कारण काँपने लगी थी…..राज ने नाजिया की बुर से लंड बाहर निकाला, और फिर से एक झटके के साथ नाजिया की बुर में पेल दिया….नाजिया एक दम से सिसक उठी. राज ने फिर से अपने लंड को रफ़्तार से नाजिया की बुर के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. 5 मिनिट बाद नाजिया और राज फिर से झड गये…..राज ने अपना लंड नाजिया की बुर से बाहर निकाला, और तरपाल पर पड़ी हुई पैंटी को फिर से उठा कर अपना लंड सॉफ करने लगा..

नाजिया उस पेड के तने से कंधे को टिकाए हुए, अपनी मदहोशी से भरी आँखों से ये सब देख रही थी…..राज ने अपना लंड सॉफ करने के बाद अपनी पेंट पहनी, और नाजिया के पास आकर झुक कर बैठ गया….और उसकी जाँघो को फेलाते हुए, उसकी बुर को पैंटी से सॉफ करने लगा. नाजिया बहाल सी ये सब देख रही थी…..फिर नाजिया ने अपने कपड़े ठीक किए, और दोनो घर की ओर वापिस चल दिए…..राज ने उसे घर से थोड़ा पहले ही उतार दिया…..बेचारी नाजिया अपनी स्कर्ट को पकड़े हुए धीरे-2 चलते हुए घर पहुँची….उसके मन में अजीब सा डर था….

जब मेने डोर खोला तो नाजिया को बाहर खड़ा देखा…..उसकी हालत कुछ बदतर सी नज़र आ रही थी…..”क्या हुआ नाजिया तुम ठीक तो हो ना? “ मेने नाजिया की ओर देखते हुए कहा….हां अम्मी ठीक हूँ बस थोड़ा सर में दर्द है…..” और फिर नाजिया घर के अंदर आई, और सीधा अपने रूम में जाने लगी…..”ठीक है, तुम फ्रेश होकर ड्रेस चेंज कर लो…..में चाइ बना देती हूँ….” उसके बाद नाजिया अपने रूम में चली गयी…..वहाँ से अपने कपड़े लेकर वो बाथरूम में घुस्स गयी……और सलवार कमीज़ पहन कर बाहर आ गयी…..

मुझे नही पता था कि, मासूम सी दिखने वाली नाजिया आज हमारे समाज में हवस का शिकार हो चुकी थी….खैर हम दोनो ने खाना खाया, और नाजिया अपने रूम में जाकर सो गयी…..वो कहते है ना….सेक्स का नशा जो भी इंसान एक बार कर ले, फिर तो जैसे उसे उसकी लत से लग जाती है…दिल के किसी कोने में उसे कुछ पछतावा भी था…..पर नाजिया जवान लड़की थी, घी में लेपेटी हुई उस रूई की तरह जिसे आग दिखाओ तो जल उठे…नाजिया भी अपनी उम्र के ऐसे ही मुकाम पर खड़ी थी……दूसरे तरफ राज भी जवानी के नशे में इतनी बुरी तरह बिगड़ चुका था….कि उसे कुछ होश नही था कि, वो किस राह पर चल निकला है…..

उसी दिन अंजुम भी घर वापिस आ गये……में नही जानती थी कि, नाजिया और राज के बीच इतना कुछ हो चुका है, नाजिया ने भी कुछ जाहिर नही होने दिया था….और मुझे पता चलता भी कैसे, में तो खुद अपनी चूत की आग को मिटाने के लिए राज की गुलामी करने लगी थी. पर अंजुम के वापिस आजाने के कारण मेरे और राज में बात चीत भी बहुत कम होने लगी थी….राज इस दौरान अपने लंड को शांत करने के लिए, रुक्मणी और अनीता के घर कई बार जाने लगा था….जिसका मुझे पता तक नही था…..

मेरा तो बुरा हाल था ही, पर नाजिया जैसी जवान लड़की जो एक बार लंड का स्वाद चख ले, और वो भी राज जैसे जवान लड़के के लंड का स्वाद जो किसी भी औरत की बुर का पानी निकाल सकता हो….उसकी बुरी हालत थी….नाजिया भी अक्सर राज को खा जाने वाली नज़रों से घुरती. पर ना तो नाजिया को मौका मिल पा रहा था, और ना ही मुझे….एक दिन की बात है…..उस दिन सनडे था….अंजुम और राज अपनी ड्यूटी पर जा चुके थे…..उस दिन विमला भाभी हमारे घर आई, और नाजिया को अपने साथ ले गयी…..अब नाजिया को दुनियाँ की वो बातें पता चलने वाली थी…..जिसका उसकी जिंदगी में बहुत गहरा असर होने वाला था……
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Ankit
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Re: एक आहट जिंदगी की

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किसी ने सच कहा है कि, अपने जवान हो रहे बच्चों पर कड़ी नज़र रखनी चाहिए. दुनिया में क्या सही और क्या ग़लत है, हमारे जवान हो रहे बच्चे इस बात को सही तरीके से समझ नही पाते…..और जो बाहर से उन्हे पता चलता है, वही उनके लिए सही होता है…..ऐसा वो सोचते है. अब उस दिन विमला भाभी और उसके बीच में एक अजीब सा रिस्ता बनने लगा था…उस दिन जब विमला भाभी उसे अपने घर ले गयी. तो क्या हुआ वही में बताने जा रही हूँ…..उस दिन जब नाजिया विमला भाभी के घर गयी तो,नाजिया विमला भाभी के रूम में बैठी हुई थी. उनका बेटा बाहर हाल में टीवी देख रहा था….

विमला भाभी ने अपने कपड़ो को प्रेस करते हुए नाजिया से कहा……”नाजिया देख ना क्या जमाना आ गया है, आज कल किसी पर कोई भरोसा नही किया जा सकता…..”

नाजिया: क्यों क्या हुआ आंटी जी…..

विमला: अब देखो ना…..ये जो हमारी पड़ोसन मीना है ना ?

नाजिया: हां क्या हुआ उससे…..?

विमला: अर्रे होना क्या है उसे……कल से घर से लापता है…..

नाजिया: क्या ?

विमला: हां और नही तो क्या….मुझे तो पहले से ही पता था कि यही होने वाला है…

नाजिया: पर हुआ क्या मीना आंटी को ? और आप को क्या पता है……

विमला: अर्रे कुछ नही अपने यार के साथ भाग गयी है……अपने घर वाले को छोड़ कर….

नाजिया: आप को कैसे पता…..

विमला: नाजिया बताना नही किसी को…..मेने एक बार पहले भी विजय (मीना के हज़्बेंड ) और उसकी माँ सीमा को ये बात बताई थी कि, उनकी बहू के चाल चलन ठीक नही है….पर वो माँ बेटा उल्टा मुझ पर ही बरस पड़े…..कहते है कि, मुझे दूसरे के घरो में तान्क झाँक करने की आदत है……और में अपने काम से काम रखा करूँ….उनके घर में मुझे दखल देने की ज़रूरत नही है…..अगर मेरी बात पहले मान लेते तो, आज मोहल्ले वालो के सामने यूँ जलील तो ना होना पड़ता……

नाजिया: पर आप को पहले कैसे पता चल गया आंटी ?

विमला: अर्रे क्या बताऊ तुम्हे नाजिया…..एक दिन में दोपहर को अपनी छत पर सूखे कपड़े उतारने के लिए गयी थी…..तब मेने पहली बार उस लड़के को छत पर देखा था….. जब मेने विजय की माँ से पूछा तो उसने कहा कि, ऊपेर के रूम में किराए पर रह रहा है…मेने भी ज़्यादा ध्यान नही दिया….पर फिर एक दिन और मेने उनकी बहू मीना को छुपते हुए, उसके रूम में जाते हुए देखा, तो मेरा दिमाग़ ठनक गया….मेने उन दोनो पर नज़र रखनी शुरू कर दी……

एक दिन मुझे याद है, तब शायद विजय टूर पर गया हुआ था……और उसकी माँ सीमा बाहर गयी हुई थी किसी काम से……तो मेने उन दोनो को उस लड़के कमरे के बाहर बरामदे में रंग रलियाँ मनाते हुए देख लिया था….अब तुम्हे क्या बताऊ नाजिया मेने जो देखा….मुझे तो देखते ही शरम आ गयी….

नाजिया: (नाजिया के दिल की धड़कने भी विमला की बातें सुन कर बढ़ने लगी थी) क्या क्या देखा आप ने….?

विमला: जाने दे, तुम्हारी उम्र नही है इन्नसब बातों के बारे में जानने की …..कही ग़लती से तूने कही मुँह खोल दिया, तो सारा मोहल्ला मेरा ही कसूर निकालने लग जाएगा….

नाजिया: नही आंटी में नही बताती आप बताओ ना क्या देख आप ने…..

विमला: पक्का ना…..नही बतायेगी ना….?

नाजिया: हां नही बताउन्गी……

विमला: तो उस दिन जब में ऊपेर छत पर गयी तो, मेने देखा कि दोनो उस लड़के के रूम के बाहर बरामदे में खड़े हुए थे….दोनो ने एक दूसरे को बाहों में कस रखा था….मीना ने उस समय मॅक्सी पहनी हुई थी….और उस लड़के ने मीना को अपनी बाहों में उठा रखा था….और वो भी किसी कंजरी की तरह उसकी कमर में अपनी दोनो टाँगें लपेटे हुए थी. उसकी मॅक्सी उसकी कमर तक ऊपेर चढ़ि हुई थी…..”हाए-2 नाजिया मेने आज तक किसी को ऐसे करते नही देखा….वो तो उसकी खड़े-2 ही ले रहा था….और वो कमीनी भी उसकी गोद में चढ़ि हुई, अपनी कमर हिला-2 कर उसे दे रही थी……
विमला की बातें सुन कर नाजिया का दिल जोरो से धड़कने लगा….बुर की फांके कुलबुलाने लगी… और ऐसे धुनकने लगी, जैसे उसकी बुर में ही उसका दिल धड़क रहा हो….”हाए आंटी क्या खड़े खड़े ही, वो भी गोद में उठा कर…..” नाजिया ने धड़कते हुए दिल के साथ कहा…. “हां और नही तो क्या…..आज कल ये सब नये फॅशन है….” विमला उठ कर नाजिया के पास आकर बेड पर बैठ गयी…..”पर आंटी ऐसे खड़े होकर कैसे कर सकते है….”

विमला: अर्रे तूने अभी तो कुछ देखा ही नही है…..आज कल के लोग तो पता नही क्या क्या करते है…..तुम देख लोगी तो तोबा कर उठोगी……

नाजिया: क्या….पर आप ने सब कहाँ देखा….क्या अंकल भी आपके साथ…..?

विमला: चुप कर बदमाश एक मारूँगी हां….

नाजिया: फिर बताओ ना, अगर अंकल ऐसे नही करते तो आपको कैसे पता कि क्या क्या करते है.?

विमला: हाए मुई हमारी किस्मत में कहाँ ये सब….ये तो आज कल के लौन्डे लौंडिया करते है. तुम्हारे अंकल को तो देखा है ना……कितने सुस्त से रहते है..जब से उन्हे डाइयबिटीस हुई है, थोड़ा सा काम करते ही थक जाते है….साँस फूलने लग जाती है…..

नाजिया: तो फिर आप ने कहीं ना कही तो देखा होगा…….

विमला: अर्रे वो आती है ना ब्लू फिल्म उसमे देखा है….

नाजिया: ब्लू फिल्म वो क्या होता है…..?

विमला: अर्रे वही जिसमे औरतों और आदमियों को सेक्स करते दिखाया जाता है….कमाल है तुम्हे नही पता…..वरना आज कल के बच्चे तोबा….पैदा बाद में होते है, और उनको सब पहले से ही पता होता है…..

नाजिया: आपका मतलब पॉर्न मूवीस ?

विमला: हां वही….तूने देखी है….?

नाजिया: नही बस सुना है….स्कूल में मेरी एक फ्रेंड है. उसके घर पर कंप्यूटर है और इंटरनेट लगा हुआ है….उसने बताया था.

विमला: सिर्फ़ सहलियाँ ही है…या अभी तक कोई बाय्फ्रेंड भी बनाया है….?

नाजिया: (शरमाते हुए) नही आंटी जी….

विमला: अर्रे तू तो ऐसे शर्मा रही है……जैसे सच में तेरा कोई बाय्फ्रेंड हो…..सच-2 बता ना है क्या कोई…..? देख मुझसे क्या छुपाना………..में भी तुम्हारी सहेली जैसी हूँ….

नाजिया: नही आंटी सच में कोई नही है……

विमला: अच्छा चल ठीक है…..में तेरी बात मान लेती हूँ…..पर अगर कभी तेरा कोई बाय्फ्रेंड बने तो मुझे बताना…..देख जमाना बहुत खराब है…..बाहर कुछ ग़लत मत कर देना….मुझे बताना…..में तुम्हारी मदद करूँगी…..

नाजिया: सच्चा आंटी…?

विमला: (विमला को खटक गया कि, नाजिया उस से झूठ बोल रही है…..क्योंकि नाजिया मुँह से कुछ और बोल रही थी…..पर उसका चेहरा कुछ और बोल रहा था…)हां और नही तो क्या….देख हम दोनो हमेशा सहेलयों की तरह रहे है……और आगे भी ऐसे ही रहेंगे…..

नाजिया: ठीक आंटी जी……..अगर मेरे लाइफ में कोई आया तो में आपको ज़रूर बताउन्गी….

विमला: वैसे नाजिया जो तुम्हारे घर में नया किराए दार आया है क्या नाम है उसका ?

नाजिया: जी राज….

विमला: हां राज बहुत हॅंडसम है……तेरा क्या ख़याल है….

नाजिया: होगा मुझे उससे क्या…..?

विमला: नही में तो वैसे ही पूछ रही थी……..वैसे तुम तो इतनी खूबसूरत हो…..तुम्हारा जिस्म तो कयामत है……उसने तुम्हारे साथ कभी ट्राइ नही किया फ्रेंडशिप करने को…?

नाजिया: नही आंटी…….मेने उसकी तरफ कभी ध्यान ही नही दिया….

विमला: फिर तो तू बड़ी मासूम है…..घर में इतना जवान और हॅंडसम लड़का है…..और तू कह रही कि, तुझे उसमे कोई इंटेरेस्ट नही है….काश तेरी जगह में होती…..(विमला ने एक ठंडी साँस लेते हुए कहा…..)

नाजिया: अच्छा आंटी जी एक बात पुच्छू…?

विमला: हां बोल ना….

नाजिया: अगर वो लड़का आपसे सेट्टिंग करना चाहता हो तो क्या आप उससे कर लेंगी…?

विमला: (नाजिया की बात सुन कर थोड़ा हैरान हो गयी) चुप कर में तो वैसे ही बोल रही थी.

नाजिया: नही आंटी प्लीज़ सच बताए……

विमला: पहली बात तो ये की मेरी किस्मत ऐसी कहाँ कि, वो मुझे लाइन मारे…और दूसरी बात जब वो तेरे जैसी लड़की को देख कर तुझ पर नही लाइन मार रहा तो मेरे को खाक मारेगा….

नाजिया: ओह्ह आंटी क्यों आप में क्या बुराई है…..आप तो हमारे मोहल्ले में सबसे सुंदर औरत हो……

विमला: पता नही मुझे और वैसे भी वो भला मुझ पर क्यों लाइन मारने लगा…..और अगर ऐसे हुआ तो सच कहती हूँ कि में तेरी जैसी मूरख नही हूँ…..मौका हाथ से नही जाने दूँगी हाहाहा हा……

नाजिया: पर अभी तो आप कह रही थी कि, मुझे उसके साथ फ्रेंडशिप कर लेनी चाहिए…बहुत चालाक हो आप आंटी…..अब खुद की सेट्टिंग करने के बारे में सोचने लगी…..

विमला: देख नाजिया यार….ये जिंदगी है ना बार-2 नही मिलती…तो क्यों ना इसका ज़्यादा से ज़्यादा मज़ा लिया जाए….और वैसे भी क्या फरक पड़ता है….अगर वो मेरे साथ भी कर लेगा….

नाजिया: (काँपती हुई आवाज़ में) क्या करलेगा…..

विमला: सेक्स और क्या…..उसका क्या बिगड़ जाएगा…….और तेरा भी क्या बिगड़ जाएगा….अर्रे मेने ऐसी-2 ब्लू फिल्म देखी है…..जिसमे एक पत्नी अपनी बहनों के साथ अपनी पति को शेर करती है. और अपनी पति से ही अपनी बहनों को चुदवाती है….फिर वो कॉन सा तेरा पति है…..और में कॉन सी तेरी बेहन हूँ…..

नाजिया: क्या सच में होता है ऐसे……

विमला: चल तुझे में एक मूवी दिखाती हूँ……

ये कह कर विमला ने अपनी अलमारी खोली, और उसमे से एक सीडी निकाल कर नाजिया की तरफ बढ़ाई…..

नाजिया: ये ये क्या है आंटी……

विमला: वही जिसे तुम पॉर्न कहती हो….देखनी है तो देख लो…..में बाहर सन्नी का होम वर्क करवा कर आती हूँ….

ये कह कर विमला नाजिया के हाथ में सीडी थमा कर बाहर चली गयी….और हाल में सन्नी को उसके स्कूल का होम वर्क करने लगी…..नाजिया ने काँपते हुए हाथो से उस डिस्क को डीवीडी प्लेयर में और ऑर क्या…………उस डीवीडी में बहुत सारे थ्रीसम सेसेंस थी……अब नाजिया के हालत थी उसका अंदाज़ा आप भी लगा सकते होंगे….
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Re: एक आहट जिंदगी की

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नाजिया का अब सेक्स के लिए नज़रया बदल गया था…..नज़ाने क्यों उसके दिमाग़ में अजीब -2 तरह के ख़याल आने लगी….वो वहाँ से उठ कर अपने घर आ गयी, और आते ही अपने रूम में जाकर बेड पर लेट गयी…उसे पता नही कब नींद आ गयी…..मेने शाम को नाजिया को उसके रूम में जाकर उठाया……..”नाजिया उठो ना कब तक सोती रहोगी…” मेरी आवाज़ सुन कर नाजिया उठ कर बैठ गयी…..”टाइम कितना हुआ अम्मी…..” मेने दीवार पर लगी घड़ी पर नज़र डाली…….”5 बज गये है.

नाजिया: क्या 5 बज गये…..”अबू आ गये क्या ?

में: नही अभी नही आए….तुम उठो और मुँह हाथ धो लो में चाइ बनाती हूँ……

नाजिया उठ कर चली गयी……उसके बाद कुछ दिन ख़ास नही हुआ….पर नाजिया के जेहन में अब हर समाए चुदाई का नशा सवार रहता था……राज से उस दिन चुदवाने के बाद अब उसे हर समय अपनी बुर में ख़ालीपन महसूस होने लगा था…..पर में इस बात से अंजान थी…. अंजुम अब ज़्यादातर राज के साथ ही घर वापिस आ जाते थे….और मुझे भी अब राज के लंड का ऐसा चस्का लगा था कि, मेरे दिन और रात बड़ी मुस्किल से कट रहे थे…..

अंजुम को घर वापिस आए हुए 15 दिन हो चुके थे…..राज तो अपना मन अनीता और रुकमनि के साथ बाहर बहला रहा था…..पर मेरा हाल बुरा था…..और वैसा ही कुछ हाल नाजिया का भी था…..भले ही में उसकी हालत से अंजान थी…..पर अब मुझे उसके चेहरे पर किसी चीज़ की कमी होने का अहसास होने लगा था……घर पर मुझे भी मौका नही मिल रहा था. इस दौरान एक ऐसी घटना हुई, जिसने फिर से हमारी ज़िंदगियों को बदल दिया….अनीता और रुक्मणी के अचानक से ट्रान्स्फर हो गये…….दोनो की पोस्टिंग अब लखनऊ में हो गयी थी……

क्योंकि अब अनीता और रुक्मणी दोनो राज की जिंदगी से दूर जा चुकी थी….इसलिए राज भी अब चूत के लिए बेचैन रहने लगा था…..पर घर पर अंजुम की माजूदगी में वो भी कुछ कर नही पा रहा था……पर पिछले कुछ दिनो में में फिर से नोटीस करने लगी थी कि, राज अब पहले की तरह मुझमे फिर से इंटेरेस्ट लेने लगा था…..वो कोई ऐसा मौका नही छोड़ता था……..जब में अकेली होती……वो कभी मुझे अकेले में पाकर बाहों में जाकड़ लेता. तो कभी मेरी सलवार के ऊपेर से मेरी फुद्दि को मसल देता….उसका ऐसा करना मेरे जिस्म की आग को और बढ़ा रहा था……..

दूसरी एक और घटना घटी….जिसने मेरे सोचने का नज़रया ही बदल दिया…..एक दिन मुझे किसी काम से विमला भाभी के घर जाना पड़ा….सुबह 11 बजे का समय था….अंजुम और राज दोनो जॉब के लिए निकल चुके थे……और नाजिया भी स्कूल गयी हुई थी….विमला भाभी एक दिन पहले मेरे घर आई थी…उन्होने नई नये सलवार कमीज़ खरीदे थे….और मुझे उसका डिजाइन बहुत पसनद आया था….मेने सोचा क्यों ना नाजिया के लिए भी ऐसे ही एक ड्रेस खुद सिला लाउ…..मेने घर का काम निपटाया, और अपने घर को बाहर से लॉक कर विमला भाभी के घर की तरफ गयी….जैसे ही में विमला भाभी के घर के बाहर पहुँची, तो देखा उनके घर का मेन गेट हल्का सा खुला हुआ था……

जो कि अक्सर बंद रहता था अंदर से. क्योंकि उनके पति के जॉब पर और उनके बेटे सन्नी के स्कूल जाने के बाद वो घर में अकेली होती थी…..इसलिए वो हमेशा डोर को अंदर से लॉक करके रखती थी…..इसलिए में बिना कुछ बोले अंदर चली गयी…..अंदर एक दम सन्नाटा पसरा हुआ था….उनके बेडरूम से कुछ आवाज़ आ रही थी…..विमला भाभी की ख़ुसनूमा आवाज़ सुन कर में उनके बेड रूम की ओर बढ़ी……और जैसे ही में उनके बेडरूम के डोर के पास पहुँची तो,


मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी……विमला भाभी कंप्यूटर टेबल पर झुकी हुई थी….और उन्होने अपनी मॅक्सी को अपनी गान्ड तक उठा रखा था…. उनकी वाइट कलर की कॉटन पैंटी उनकी जाँघो तक उतरी हुई थी……और एक लड़का जो मुस्किल से *** साल का था….उनके पीछे खड़ा हुआ था….उस लड़के का लंड विमला भाबी की गोरी फुद्दि के लिप्स के दर्मियान फुद्दी में अंदर बाहर हो रहा था……और उस लड़के ने विमला भाभी के चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ा हुआ था….जिन्हे वो बुरी तरहा से मसल रहा था…..तभी विमला भाभी की मस्ती से भरपूर आवाज़ पूरे रूम में गूँज उठी…..

विमला: अह्ह्ह्ह जय ओह्ह्ह आह मुझे काम करना है……एक बार काम निपटा लेने दो फिर आराम से कर लेना जो करना है……

जय: आहह मासी मुझे सबर नही होता….में क्या करूँ…..जब भी आपकी मटकती गान्ड देखता हूँ, तो मेरा लौडा खड़ा हो जाता है….और सन्नी भी 2 बजे स्कूल से आ जाएगा मुझे आपकी फुद्दि मारने दो ना……आप ने तो कल मौसा जी से चुदवा लिया था ना…..

विमला: वो क्या खाक चोदता है मेरे राजा….उनका लंड तो ठीक से खड़ा भी नही होता… मुझे तो तेरे जवान लंड की लत लग गयी है…बस में आधे घंटे में काम ख़तम कर लूँगी फिर जितनी देर करना हो कर लेना……

पूरे रूम में फॅक-2 जैसी आवाज़ गूँज रही थी….विमला भाभी सिर्फ़ ऊपेर से मना कर रही थी…..वो पूरी मस्ती में थी…..और अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेल कर जय के लंड पर पटक रही थी……तभी अचानक से मेरा हाथ बेड रूम के डोर से टकरा गया….आवाज़ सुन कर दोनो एक दम से चोंक गये…..जैसे ही विमला भाभी ने मुझे डोर पर खड़ा देखा. उनके चेहरे का रंग एक दम से उड़ गया……उस लड़के की हालत और भी पतली हो गयी….उसने जल्दी से अपने लंड को बाहर निकाला, और अटेच बाथ रूम में घुस गया….विमला भाभी ने जल्दी से अपनी पैंटी ऊपेर की और अपनी मॅक्सी को ठीक किया……

विमला: नजीबा तुम तुम कब आई……

और फिर वो मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे ड्रॉयिंग रूम में ले गयी…और मुझे सोफे पर बैठाया……वो कुछ बोलना चाह रही थी…..पर शायद विमला भाभी को समझ नही आ रहा था कि, वो मुझसे क्या कहें….कैसे अपनी सफाई दें….

.”ये सब क्या है विमला भाभी….” मेने विमला भाभी के चेहरे की ओर देखते हुए कहा……
विमला: नजीबा यार किसी को बताना नही…..में तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ…..तुम्हारे पाँव पड़ती हूँ…….वरना में कही की नही रहूंगी…..मेरा घर बर्बाद हो जाएगा…….प्लीज़ किसी को बताना नही…..तुम्हे सन्नी का वास्ता है……में बर्बाद हो जाउन्गी, अगर ये बात किसी को पता चली……

में: (विमला भाभी के हाथ को अपने हाथों में लेकर तसल्ली देते हुए) भाभी आप घबराओ नही. में नही बताती किसी को……पर ये सब है क्या……और वो लड़का कॉन है……..

विमला: में बताती हूँ….तुम्हे सब बताती हूँ……पर ये बात किसी को बताना नही…..तुम अभी अपने घर जाओ…..में थोड़ी देर में तुम्हारे घर आती हूँ……

विमला भाभी की बात सुन कर में बिना कुछ बोले वहाँ से उठ कर अपने घर आ गयी……और आते ही अपने रूम में बेड पर लेट गयी……थोड़ी देर पहले जो नज़ारा मेने देखा था…..वो बहुत ही गरम और उतेजक था…..एक **** साल का लड़का एक 35 साल की औरत को पीछे से उसके चुतड़ों से पकड़े हुए चोद रहा था….और विमला भाभी भी मस्ती में आकर अपनी गान्ड उसके लंड पर पटक रही थी…..मेरा बुरा हाल था….बुर में अंदर तक सनसनाहट हो रही थी…और बुर से पानी बह कर बाहर आकर मेरी पैंटी को भिगो रहा था…….

में करीब आधे घंटे तक वैसे ही लेटी रही…..सोच-2 कर गरम होती रही…..और अपनी सलवार के अंदर हाथ डाल कर पैंटी के ऊपेर से अपनी फुद्दि को मसल्ति रही…..करीब आधे घंटे बाद बाहर डोर बेल बजी…..में बदहवास सी खड़ी हुई, और बाहर जाकर गेट खोला….सामने विमला भाभी खड़ी थी….उसके चेहरे का रंग अभी भी उड़ा हुआ था…..मेने विमला भाभी को अंदर आने के लिए कहा….और फिर गेट बंद कर उन्हे अपने रूम में ले आई…..और वो अंदर आकर मेरे बेड पर नीचे पैर लटका कर बैठ गयी…..खोफ़ उनके चेहरे से सॉफ नज़र आ रहा था…मेने उन्हे चाइ पानी के लिए पूछा तो उन्हे ने मना कर दिया…..

में: विमला भाभी जो हुआ उसे भूल जाए…..अप समझे कि मेने कुछ देखा ही नही है… में ये बात किसी को नही बताउन्गी…..आप बेफिकर जो जाएँ…..

मेरी बात सुनते ही विमला भाभी की आँखें नम हो गयी…..अब मुझे ये तो नही पता कि ये आँसू सच में पछतावे के थे….या विमला भाभी मगर्मछि आँसू बाहर कर मुझे इमॉशानली ये मनवा लेना चाहती थी कि, में उनके इस गुनाह के बारे में किसी को ना बताऊ.

“नजीबा में जानती हूँ कि तुम ये बात किसी को नही बताओगी…..पर फिर भी मेरे मन में कही ना कही डर है…..इसलिए मुझे घबराहट हो रही है…..”

में: भाभी आप घबराएँ नही में नही बताती किसी को……. पर ये सब है क्या…..और वो लड़का तो आप को मासी बुला रहा था ना…..? क्या वो सच में आपका भांजा है…..?

विमला: (थोड़ी देर चुप रहने के बाद) हां वो मेरी बड़ी बेहन का बेटा है…….

में: (विमला की भाभी की बात सुन कर में एक दम से हैरान हो गयी) क्या….क्या सच कह रही है आप…..पर ये सब आप ने ये सब कैसे क्यों किया…..?

विमला: अब में तुम्हे क्या बताऊ नजीबा…..तुम इसे मेरी मजबूरी समझ लो या फिर मेरी ज़रूरत…..हालत ही कुछ ऐसे हो गये थे कि, में अपने आप को रोक नही पाई…..शादी के बाद हमारी सेक्स लाइफ कुछ सालो तक ठीक चली….पर सन्नी के पैदा होने के बाद हमारी सेक्स लाइफ कम होती गयी…..तुमने इनका (विमला भाभी के हज़्बेंड) का पेट तो देखा है ना…..दिन ब दिन वो मोटे होते चले गये…..फिर डाइयबिटीस की बीमारी के कारण इनमे और कमज़ोरी आती गयी…..शादी के 6 साल बाद ही हमारी सेक्स लाइफ ख़तम हो चुकी थी…….

तुम तो अच्छे से जानती हो गी कि, बिना मर्द के प्यार के रहना कितना मुस्किल होता है…..पर में अपनी सारी ख्वाहिशें मार का जीती रही…..सन्नी की देख भाल में दिन का वक़्त तो कट जाता था. पर रात को बेड पर करवटें बदलती रहती थी…..इन्हे तो जैसे मेरी कोई परवाह ही नही थी…फिर सन्नी स्कूल जाने लगा…..और मुझे अकेला पन और खलने लगा…..फिर मुझे मेरे फ्रेंड्स से कुछ ब्लू फिल्म्स की सीडी मिल गयी….तो उन्हे देख कर मेरे अंदर की आग और भड़कने लगी….

में अपनी बुर को मसल कर अपनी बुर की आग को ठंडा करने की कॉसिश करने लगी. पर उससे भी कुछ फ़ायदा ना हुआ…..धीरे-2 वो सीडी पुरानी होकर बेकार हो गयी…..जिन्हे में घर पर अकेले होने पर देखती थी…..फिर एक दिन मेरी जिंदगी तब बदल गयी. जब जय हमारे यहाँ छुट्टियों में रहने आया….वो उस समय **** क्लास में था…..और गर्मियों के छुट्टियाँ थी. पति देव सुबह ही काम पर चले जाते….सन्नी के स्कूल में भी वकेशन शुरू हो गये थे…..सब कुछ नॉर्मल चल रहा था. सन्नी और जय के घर में होने से मेरा भी दिल लगा हुआ था…..

पर एक दिन सब कुछ बदल गया……वो दिन मुझे आज भी अच्छे से याद है….सन्नी के पापा ऑफीस जा चुके थी……सन्नी को नाश्ता देने के बाद में जय को उठाने के लिए गयी. वो तब तक सो रहा था…..में जैसे ही रूम में गयी….मेने देखा कि जय बेड पर बेसूध लेटा हुआ था. और वो सिर्फ़ अंडरवेर में था…..उसका अंडरवेर सामने से उठा हुआ था….उसका लंड उसके अंडरवेर में बुरी तरहा तना हुआ था……मेरी तो साँस ही अटक गयी. उस दिन से पहले में जय को अपने बेटे जैसा ही समझती थी…..पर उसके अंडरवेर के ऊपेर से उसका तना हुआ लंड देख कर मेरे बदन में झुरजुरी सी दौड़ गयी…. उसका लंड पूरी तरह तना हुआ अंडरवेर को ऊपेर उठाए हुए था

में एक तक जवान हो रहे अपने भानजे के लंड को देख कर गरम होने लगी…..पता नही कब मेरा हाथ मेरी साड़ी और पेटिकॉट के ऊपेर से मेरी बुर पर आ गया…..और में उसके अंडर वेर में बने हुए उभार को देखते हुए अपनी बुर मसलने लगी…मेरी बुर बुरी तरह से पनिया गयी….मेरा बुरा हाल हो चुका था….तभी बाहर से सन्नी के पुकारने की आवाज़ आए. में होश में आई और बाहर चली गयी….जय दिन भर गर्मियों की वजह से निक्कर पहने रहता था.
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