मेघा- एस्स.आ..आ..आन्ं..उउउमम्मूम्म..आहह ....यस..यस...एस्स ...
मैं- उम्म..उउंम..उउंम.आ..उउंम..
मेघा- फक मी...यस...यस..ओह्ह..ओह्ह....ओह्ह..
ऐसे ही थोड़ी देर तक उसे अपने लंड की सवारी करवाता रहा और फिर जब मुझे लगा कि मैं झड्ने के करीब हूँ तो मैने उसे वापिस बेड पर उल्टा करके कुतिया बना दिया.....
और मेघा की गांद दबाते हुए उसे तेज़ी से चोदने लगा......
मेघा- ओह माँ..आअहह....तेजज्ज़....आअहह......आआहह...
मैं- यस बेबी....ये लो...ईएहह...ईएहह....ईएहह.....
मेघा- आआहब ...आहह ...ऊहह...एस..आहह..आहह.....
मैं- यस..एस्स..टेक इट...यहह...
और फिर कुछ देर तक मैं मेघा को फुल स्पीड मे छोड़ता रहा और हम दोनो झड्ने के करीब आ गये.....
मेघा-माआ....आआहह...ज़ोर से...जोर्र...माऐईयईईन्न...ग्ग्गाऐइ....
मैं- एस...मैं भी.....येह्ह्ह..येह्ह्ह...
और हम दोनो साथ मे झड्ने लगे और चुदाई का संग्राम समाप्त हो गया...
झड्ने के बाद मेघा लेट गई....और मैने हमारे कामरस से सने हुए लंड को चूत से निकाला और उसके मुँह के पास ले गया ...
मैं- ये ले...इसे चूस के पक्की रंडी बन जा....चूस ले...
मेघा ने लंड को देख कर मुस्कुरा दिया और बिना देरी किए लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू कर दिया.....
मेघा- उम्म...अब बन गई ना रंडी...हहहे...
मैं- ह्म्म..अब खुश हो ना....
मेघा- अभी तो बस शुरुआत हुई है.....
मैं- ह्म्म...तो फिर फ्रेश हो कर आओ.....आज तुम्हारे खुश होने तक पेलुगा....ठीक है...
मेघा(मुस्कुरा कर)- ह्म्म....अभी आई....
और फिर मेघा फ्रेश होने निकल गई और मैने एक कॉल लगाया....
मैं(कॉल पर)- हाँ...मुझे आने मे देर हो जाएगी...तब तक तुम संभाल लेना...और कोई गड़बड़ नही होनी चाहिए....1 ग़लती और हम गये...याद है ना...
सामने- जानता हूँ....पर प्लान चेंज क्यो किया...
मैं- बस 1 चिड़िया को दाना खिलाने रुक गया....और हाँ प्लान वही है...बस मेरा इंतज़ार करो...
सामने(हँसते हुए)- सुधरोगे नही...चलो खिलाओ दाना...और जल्दी से आओ...
मैं- ओके..बाइ..
और कॉल कट करते ही मैने सामने देखा तो मैं चौंक गया.....
मैं(हैरानी से)- त्त..तुम अंदर कैसे आई...
रक्षा(मुस्कुरा कर)- मेरे पास मेरे रूम की की है...उसी से...
मैं- पर क्यो..मतलब नॉक क्यो नही किया...की की क्या ज़रूरत थी....
रक्षा(मुस्कुरा कर)- अरे भैया....अगर नॉक करती तो क्या मज़ा आता....
मैं- मज़ा..मतलब...क्या बोल रही हो...
रक्षा(घूर कर)- भैया ...
मैं(मुस्कुरा कर)- कुछ देखा ज्या तूने...
रक्षा- ह्म...क्या छोड़ा है आपने मोम को...उूउउंम्म...मज़ा आ गया....
मैं(उंगली दिखा कर)- स्सह...वो बाथरूम मे गई...तू जा यहाँ से...
रक्षा(मुस्कुरा कर)- आपको क्या लगता है...मैं यहाँ जाने के लिए आई हूँ...हाँ....
और इतना बोल कर रक्षा अपने कपड़े निकालने लगी....मैं ये देख कर चौंक गया और उसे समझाया भी पर वो नही मानी...
मैं-तू...तू कर क्या रही है.. क्या चाहती है ...
रक्षा(मेरा लंड पकड़ कर)- इसे...अभी और इसी वक़्त...
मैं- अभी नही...तू जा ना...तेरी माँ आती होगी...समझा कर...
पर रक्षा ने मेरी एक बा सुनी और आगे बढ़ कर मेरा लंड चाटने लगी.....
तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और मेघा बाहर आ गई....मेघा को देख कर मैं तो सहम रहा था पर रक्षा को इससे कोई फ़र्क नही पड़ा और वो मेरा लंड चूस्ति रही....
---------------------------------------------------------------
चूतो का समुंदर
- Ankit
- Expert Member
- Posts: 3339
- Joined: 06 Apr 2016 09:59
- shubhs
- Novice User
- Posts: 1541
- Joined: 19 Feb 2016 06:23
Re: चूतो का समुंदर
ये क्या सीन है
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- Ankit
- Expert Member
- Posts: 3339
- Joined: 06 Apr 2016 09:59
Re: चूतो का समुंदर
सूमी के घर...
जैसे ही संजू घर मे दाखिल हुआ...वो ज़ोर से बोला...
संजू- तुम दोनो तैयार हुई कि नही....
सूमी- हाँ...बस हो ही रहे है...थोड़ा रूको तो...
संजू- रुकने का टाइम नही...ये लो...इस अड्रेस पर पहुँच जाना...यहा से मेरे आदमी तुम्हे सही जगह पहुँचा देगे...
सूमी(अड्रेस ले कर)- क्या तुम हमारे साथ नही आओगे...
संजू- नही...मुझे अभी और लोगो को भी सही जगह पहुँचाना है...
सूमी- और लोग...कौन है वो...??
संजू- इनमे से एक तो है अंकित...उसके बिना तो कुछ हो ही नही सकता....इसलिए तुम लोग निकलो...मैं अंकित का इंतज़ाम कर के आता हूँ...
सूमी- ठीक है...पर ये तो बताओ कि हम जा कहाँ रहे है....
संजू- जल्दी समझ जाओगी...बस एक बात याद रखना कि....""जहाँ शुरुआत होती है, वहाँ अंत भी होता है""
और इतना बोल कर संजू निकल गया...और सूमी एक बार फिर से सोच मे पड़ गई......आख़िर संजू करने क्या वाला है....??????????
संजू , सूमी को इंस्ट्रक्शन देने के बाद अपने आदमियों के पास पहुँचा और उन्हे फिर से पूरा प्लान समझा कर वहाँ से निकल गया और एक जगह पहुँच कर किसी का इंतज़ार करने लगा......
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
संजू के घर......
यहाँ रक्षा बड़े मज़े से मेरा लंड चूसने मे लगी थी और उसकी माँ मेघा बाथरूम के गेट पर नंगी खड़ी, अपनी बेटी की हवसिपन देख रही थी ...
मेघा को आता देख पहले तो मैं थोड़ा सा घबराया पर जब मैने देखा कि मेघा एक-टक होकर अपनी बेटी को लंड चूस्ते देख रही है तो मेरे मन मे खुशी उमड़ आई और मैने भी सोच लिया कि अब बस मज़े करो....
देखे तो कि ये दोनो लंड की प्यासी माँ-बेटी किस हद तक जाती है....और इसी लिए मैने मेघा को छोड़ कर पूरा फोकस रक्षा पर किया और उसके सिर को सहलाते हुए लंड चुसवाने लगा......
मैं- श ...एसस्स...ऐसे ही ...हम्म ....चूस मेरी जान....
रक्षा- सस्स्रररुउउउप्प्प्प....सस्स्स्रररुउउउप्प्प्प....सस्स्रर्र्ररुउउउप्प्प्प....सस्स्स्र्र्ररुउउप्प्प्प....
मैं- येह्ह्ह....और तेज....पूरा गले मे डाल ले...यएएसस....लाइक दिस....आअहह....
रक्षा- सस्स्रररुउुऊउगगगगग....सस्स्रररुउउउगग़गग...उूुउउम्म्म्ममम....उूुउउम्म्म्म....आआहह..सस्स्रररुउुऊउगगगगगग....
रक्षा बड़े मज़े से लंड को चूस रही थी...और वहाँ उसकी माँ..ये नज़ारा देख कर अब गरम होने लगी थी....
मेघा का हाथ धीरे-धीरे अपनी चूत पर पहुँच रहा था...और ये सबूत था कि मेघा को अब कोई ऐतराज़ नही था कि उसकी बेटी वही लंड चूस रही है..जिसे कुछ देर पहले उसकी माँ की चूत फाड़ रहा था....
रक्षा- उूउउम्म्म्माहह....ये लो...अब ये तैयार है...अब मेरी प्यास भुजाओ....
मैने भी देर ना करते हुए रक्षा को बेड पर झुकाया और उसकी गांद पर थप्पड़ जड़ने लगा....
रक्षा- आअहह...भैया ...थोड़ा आराम से....आअहघ...
मैं- नही..अभी आराम नही...
और फिर मैने रक्षा कमर पकड़ी और अपना लंड उसकी चूत मे डाल दिया...जिसे रक्षा बड़ी आसानी से अंदर ले गई..बस एक मस्ती भरी आह निकली उसके मुँह से...
ये देख कर मेघा की आँखे फटी रह गई की जिस लंड को लेते वक़्त उसकी आँखो मे आँसू आ गये थे...उसी लंड को उसकी बेटी इतनी आसानी से चूत मे गई जैसे कि उसका रोज का काम हो...
अपनी बेटी का ये रूप देख कर मेघा शॉक्ड थी तो वही रक्षा ये सोच-सोच ज़्यादा ही एक्शिटेड थी कि उसकी माँ के सामने उसकी चुदाई हो रही है.....
माँ-बेटी की इस कस्मकस मे....मैं भी बहुत गरम हो गया था......
रक्षा- अब पेलो भैया...देर ना करो...
मैने एक नज़र मेघा को देखा और रक्षा की चूत से लंड निकाल कर उसकी गांद पर रगड़ने लगा...
रक्षा- आओउउंम्म...अब डाल भी दो ना...
मैने रक्षा की गांद फैलाई और लंड को चूत की जगह गांद मे डाल दिया....
रक्षा- आआहह...गांद ही मार दी पहले....उउउम्म्म्म...
मैं- हाँ...गांद है ही तेरी ऐसी की बस देखते ही मारने का मन हो जाता है......
और मैने दूसरे धक्के मे ही पूरा लंड गांद मे डाल दिया....
रक्षा- आाऐययईईईईई......मार दिया...आआहह....
मैं- बड़ी गर्मी थी ना...अब झेल...
और मैने गांद मारना शुरू कर दिया....रक्षा भी चीख रही थी...पर मज़े से गांद मरवा रही थी...
और मेघा के तो अब होश ही उड़ गये थे...उसकी बेटी चूत के साथ गांद मरवाने मे भी एक्सपर्ट है...ये देख कर तो मेघा की चूत ने पानी ही छोड़ दिया होगा....
रक्षा- आअहह....करो भैया करो...आअहह..आअहह..आअहह...
मैंन- यस बेटा....ले...ईएह..ईएह...
रक्षा ने अपने हाथ से अपनी चूत को मसलना शुरू कर दिया और गांद को हिला कर गांद मरवाने लगी...
रक्षा- ओह्ह भैयाअ....फाड़ दो ...आहह..ज़ोर से...आआअहह....
मैं- हाँ बेटा....तू मज़ा कर...ये ले...एस्स..एस्स...
कुछ देर तक रूम मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़े घूजती रही और रक्षा की सिसकारियाँ तेज होती गई....
जैसे ही संजू घर मे दाखिल हुआ...वो ज़ोर से बोला...
संजू- तुम दोनो तैयार हुई कि नही....
सूमी- हाँ...बस हो ही रहे है...थोड़ा रूको तो...
संजू- रुकने का टाइम नही...ये लो...इस अड्रेस पर पहुँच जाना...यहा से मेरे आदमी तुम्हे सही जगह पहुँचा देगे...
सूमी(अड्रेस ले कर)- क्या तुम हमारे साथ नही आओगे...
संजू- नही...मुझे अभी और लोगो को भी सही जगह पहुँचाना है...
सूमी- और लोग...कौन है वो...??
संजू- इनमे से एक तो है अंकित...उसके बिना तो कुछ हो ही नही सकता....इसलिए तुम लोग निकलो...मैं अंकित का इंतज़ाम कर के आता हूँ...
सूमी- ठीक है...पर ये तो बताओ कि हम जा कहाँ रहे है....
संजू- जल्दी समझ जाओगी...बस एक बात याद रखना कि....""जहाँ शुरुआत होती है, वहाँ अंत भी होता है""
और इतना बोल कर संजू निकल गया...और सूमी एक बार फिर से सोच मे पड़ गई......आख़िर संजू करने क्या वाला है....??????????
संजू , सूमी को इंस्ट्रक्शन देने के बाद अपने आदमियों के पास पहुँचा और उन्हे फिर से पूरा प्लान समझा कर वहाँ से निकल गया और एक जगह पहुँच कर किसी का इंतज़ार करने लगा......
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
संजू के घर......
यहाँ रक्षा बड़े मज़े से मेरा लंड चूसने मे लगी थी और उसकी माँ मेघा बाथरूम के गेट पर नंगी खड़ी, अपनी बेटी की हवसिपन देख रही थी ...
मेघा को आता देख पहले तो मैं थोड़ा सा घबराया पर जब मैने देखा कि मेघा एक-टक होकर अपनी बेटी को लंड चूस्ते देख रही है तो मेरे मन मे खुशी उमड़ आई और मैने भी सोच लिया कि अब बस मज़े करो....
देखे तो कि ये दोनो लंड की प्यासी माँ-बेटी किस हद तक जाती है....और इसी लिए मैने मेघा को छोड़ कर पूरा फोकस रक्षा पर किया और उसके सिर को सहलाते हुए लंड चुसवाने लगा......
मैं- श ...एसस्स...ऐसे ही ...हम्म ....चूस मेरी जान....
रक्षा- सस्स्रररुउउउप्प्प्प....सस्स्स्रररुउउउप्प्प्प....सस्स्रर्र्ररुउउउप्प्प्प....सस्स्स्र्र्ररुउउप्प्प्प....
मैं- येह्ह्ह....और तेज....पूरा गले मे डाल ले...यएएसस....लाइक दिस....आअहह....
रक्षा- सस्स्रररुउुऊउगगगगग....सस्स्रररुउउउगग़गग...उूुउउम्म्म्ममम....उूुउउम्म्म्म....आआहह..सस्स्रररुउुऊउगगगगगग....
रक्षा बड़े मज़े से लंड को चूस रही थी...और वहाँ उसकी माँ..ये नज़ारा देख कर अब गरम होने लगी थी....
मेघा का हाथ धीरे-धीरे अपनी चूत पर पहुँच रहा था...और ये सबूत था कि मेघा को अब कोई ऐतराज़ नही था कि उसकी बेटी वही लंड चूस रही है..जिसे कुछ देर पहले उसकी माँ की चूत फाड़ रहा था....
रक्षा- उूउउम्म्म्माहह....ये लो...अब ये तैयार है...अब मेरी प्यास भुजाओ....
मैने भी देर ना करते हुए रक्षा को बेड पर झुकाया और उसकी गांद पर थप्पड़ जड़ने लगा....
रक्षा- आअहह...भैया ...थोड़ा आराम से....आअहघ...
मैं- नही..अभी आराम नही...
और फिर मैने रक्षा कमर पकड़ी और अपना लंड उसकी चूत मे डाल दिया...जिसे रक्षा बड़ी आसानी से अंदर ले गई..बस एक मस्ती भरी आह निकली उसके मुँह से...
ये देख कर मेघा की आँखे फटी रह गई की जिस लंड को लेते वक़्त उसकी आँखो मे आँसू आ गये थे...उसी लंड को उसकी बेटी इतनी आसानी से चूत मे गई जैसे कि उसका रोज का काम हो...
अपनी बेटी का ये रूप देख कर मेघा शॉक्ड थी तो वही रक्षा ये सोच-सोच ज़्यादा ही एक्शिटेड थी कि उसकी माँ के सामने उसकी चुदाई हो रही है.....
माँ-बेटी की इस कस्मकस मे....मैं भी बहुत गरम हो गया था......
रक्षा- अब पेलो भैया...देर ना करो...
मैने एक नज़र मेघा को देखा और रक्षा की चूत से लंड निकाल कर उसकी गांद पर रगड़ने लगा...
रक्षा- आओउउंम्म...अब डाल भी दो ना...
मैने रक्षा की गांद फैलाई और लंड को चूत की जगह गांद मे डाल दिया....
रक्षा- आआहह...गांद ही मार दी पहले....उउउम्म्म्म...
मैं- हाँ...गांद है ही तेरी ऐसी की बस देखते ही मारने का मन हो जाता है......
और मैने दूसरे धक्के मे ही पूरा लंड गांद मे डाल दिया....
रक्षा- आाऐययईईईईई......मार दिया...आआहह....
मैं- बड़ी गर्मी थी ना...अब झेल...
और मैने गांद मारना शुरू कर दिया....रक्षा भी चीख रही थी...पर मज़े से गांद मरवा रही थी...
और मेघा के तो अब होश ही उड़ गये थे...उसकी बेटी चूत के साथ गांद मरवाने मे भी एक्सपर्ट है...ये देख कर तो मेघा की चूत ने पानी ही छोड़ दिया होगा....
रक्षा- आअहह....करो भैया करो...आअहह..आअहह..आअहह...
मैंन- यस बेटा....ले...ईएह..ईएह...
रक्षा ने अपने हाथ से अपनी चूत को मसलना शुरू कर दिया और गांद को हिला कर गांद मरवाने लगी...
रक्षा- ओह्ह भैयाअ....फाड़ दो ...आहह..ज़ोर से...आआअहह....
मैं- हाँ बेटा....तू मज़ा कर...ये ले...एस्स..एस्स...
कुछ देर तक रूम मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़े घूजती रही और रक्षा की सिसकारियाँ तेज होती गई....
- Ankit
- Expert Member
- Posts: 3339
- Joined: 06 Apr 2016 09:59
Re: चूतो का समुंदर
वहाँ मेघा की चूत भी मचल उठी थी...अपनी बेटी की गांद चुदाई देख कर उसकी गांद मे भी आग लगने लगी थी ...
रक्षा- आअहह...भैया...अब मैं गई...आअहह...आअहह...
और रक्षा झड्ने लगी....रक्षा के झड्ते ही मैने स्पीड थोड़ी कम कर दी....
और लंड को गांद से निकाल कर रक्षा को इशारा किया....रक्षा ने जल्दी से उठ कर लंड को गले तक भर लिया और चूसने लगी....
रक्षा के पलट ते ही मेघा बाथरूम मे छिप गई और चुपके से अपनी बेटी का रंडीपन देखने लगी....
आज रक्षा हार्ड चुदाई के मूड मे थी ...क्योकि उसे पता था कि उसकी माँ ये सब देख रही है...और वो इस पल को और ज्यदा कामुक बना रही थी....और मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था...
थोड़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद मैने रक्षा को फिर से कुतिया बना दिया और उसके उपेर आ कर गांद मे लंड पेल दिया...
इस बार मैने एक ही झटके मे पूरा लंड गांद मे डाल दिया...
इस बार रक्षा को दर्द हुआ और आँसू भी निकले पर वो रुकी नही...बल्कि और जोश् मे बोली.....
रक्षा- आआहह.....भैय्ाआअ....अब रुकना मत..करो...
और मैने रक्षा की कमर पकड़ कर उसे तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया....
रक्षा- आअहह....करो भैया करो...आअहह..आअहह..आअहह...
मैंन- यस बेटा....ले...ईएह..ईएह...
रक्षा- ऊहह…आअहह…डालो…ज़ोर से…आहह….आहह..
मैं-यस….बेबी…टेक इट..टेक इट…
रक्षा-आहह…जल्दी करो…मेरी छूट...आअहह...
मैं- तेरी चूत भी मारता हूँ रुक ज़रा.....
रक्षा- आअहह....तेज ...आअहह…आअहह….ज़ोर से,…
मैं रक्षा को पीछे से धक्का मारता और रक्षा अपनी गंद को पीछे धकेल्ति…ओर उसकी गंद मेरी जाघो पर टकरा कर थप-थप की आवाज़ करती....
थोड़ी देर बाद मैने लंड को गांद से निकाला और चूत मे डाल दिया....
और अब फुल स्पीड मे चूत की धज्जियाँ उड़ाने लगा....
रक्षा- आआहह…मज़ा…एयेए…ग्ग्ग...
ययय्या…आहह…..आहह..आह...
मैं-ऐसे ही मज़े…लो…यीहह….टेक इट……
रक्षा-आहह..आह..तेज..तेजज्ज़..तेजज…..ऊहह…….म्मा....
मैं-एस..बेबी….एस….टेक इट....फ़ील्ल..इट…बेबी
रक्षा-आआअहह….फास्ट..फास्ट,,,उउंम..आअहह….फास्ट,….ईीस…यईसस्स…ऊओ...भाय्याअ....
मैं 6-7 मिनिट से रक्षा को पूरी तेज़ी से चोद रहा था….रक्षा फिर से चुदाई की मस्ती मे झड्ने लगी…
रक्षा-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...एसस्स...एस्स..आहह....
रक्षा के झड्ते ही मैने उसे बेड पर लिटा दिया और लंड को उसके मुँह मे डाल के मुँह चोदने लगा....
मैं- अभी मेरा नही हुआ.......ईएहह...यीहह...
रक्षा- उउउंम्म...उउउंम्म..उउउंम..उउंम...
मैं- ईएह...एस्स...टेक इट...ईएससस्स...
रक्षा- उउंम्म...क्क्हूओंम्म..क्क्हुऊंम्म..क्क्हुउऊंम्म...
रक्षा के मुँह से एक भी शब्द नही निकल रहा था...सिर्फ़ थूक लंड के साथ बाहर आ रहा था...
मैने रक्षा के बूब्स को हाथो मे लिया और स्पीड बढ़ा दी...
करीब 5 मिनट की मुँह चुदाई के बाद मैने पूरा लंड रस रक्षा के गले मे उतार दिया...
रक्षा बड़े प्यार से मेरे लंड रस की एक-एक बूँद गेटॅक गई और इतनी भयानक छुदाई देख कर वहाँ मेघा ने भी अपने हाथ से अपनी चूत को शांत कर लिया...
अब मैं और रक्षा बस यही सोच रहे थे कि अब मेघा क्या करेगी...क्या बोलेगी...
पर हब कुछ देर तक मेघा सामने नही आई तो मैने रक्षा को जाने का इशारा किया और वो कपड़े पहन कर निकल गई...
फिर भी मेघा बाथरूम से बाहर नही आई तो मैं भी रेडी हुआ और मेघा के पास पहुँच गया...
मैं(मुस्कुरा कर)- ओह्ह..तो तुमने भी एंजाय किया अपनी बेटी की चुदाई...
मेघा(सहम कर)- नही...ऐसा कुछ भी नही...मन तो बस....
मैं- बस क्या...चलो कोई नही...जल्दी ही तुम ये सब एंजाय करोगी...ओके..मैं चलता हूँ...
मेघा(पीछे से)- तुमने उसके साथ ये सब...क्यो...??
मैं(पलट कर)- बहुत जल्द ही सारे जवाब दूँगा...पर फिलहाल...तुम मज़े करो बस...बाद मे मिलता हूँ.....
और इतना बोल कर मैं वहाँ से निकल आया.....
----------------------------------------------------------------
रक्षा- आअहह...भैया...अब मैं गई...आअहह...आअहह...
और रक्षा झड्ने लगी....रक्षा के झड्ते ही मैने स्पीड थोड़ी कम कर दी....
और लंड को गांद से निकाल कर रक्षा को इशारा किया....रक्षा ने जल्दी से उठ कर लंड को गले तक भर लिया और चूसने लगी....
रक्षा के पलट ते ही मेघा बाथरूम मे छिप गई और चुपके से अपनी बेटी का रंडीपन देखने लगी....
आज रक्षा हार्ड चुदाई के मूड मे थी ...क्योकि उसे पता था कि उसकी माँ ये सब देख रही है...और वो इस पल को और ज्यदा कामुक बना रही थी....और मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था...
थोड़ी देर तक लंड चुसवाने के बाद मैने रक्षा को फिर से कुतिया बना दिया और उसके उपेर आ कर गांद मे लंड पेल दिया...
इस बार मैने एक ही झटके मे पूरा लंड गांद मे डाल दिया...
इस बार रक्षा को दर्द हुआ और आँसू भी निकले पर वो रुकी नही...बल्कि और जोश् मे बोली.....
रक्षा- आआहह.....भैय्ाआअ....अब रुकना मत..करो...
और मैने रक्षा की कमर पकड़ कर उसे तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया....
रक्षा- आअहह....करो भैया करो...आअहह..आअहह..आअहह...
मैंन- यस बेटा....ले...ईएह..ईएह...
रक्षा- ऊहह…आअहह…डालो…ज़ोर से…आहह….आहह..
मैं-यस….बेबी…टेक इट..टेक इट…
रक्षा-आहह…जल्दी करो…मेरी छूट...आअहह...
मैं- तेरी चूत भी मारता हूँ रुक ज़रा.....
रक्षा- आअहह....तेज ...आअहह…आअहह….ज़ोर से,…
मैं रक्षा को पीछे से धक्का मारता और रक्षा अपनी गंद को पीछे धकेल्ति…ओर उसकी गंद मेरी जाघो पर टकरा कर थप-थप की आवाज़ करती....
थोड़ी देर बाद मैने लंड को गांद से निकाला और चूत मे डाल दिया....
और अब फुल स्पीड मे चूत की धज्जियाँ उड़ाने लगा....
रक्षा- आआहह…मज़ा…एयेए…ग्ग्ग...
ययय्या…आहह…..आहह..आह...
मैं-ऐसे ही मज़े…लो…यीहह….टेक इट……
रक्षा-आहह..आह..तेज..तेजज्ज़..तेजज…..ऊहह…….म्मा....
मैं-एस..बेबी….एस….टेक इट....फ़ील्ल..इट…बेबी
रक्षा-आआअहह….फास्ट..फास्ट,,,उउंम..आअहह….फास्ट,….ईीस…यईसस्स…ऊओ...भाय्याअ....
मैं 6-7 मिनिट से रक्षा को पूरी तेज़ी से चोद रहा था….रक्षा फिर से चुदाई की मस्ती मे झड्ने लगी…
रक्षा-आहह...म्मायन्न्न...आइी...ऊहह...एसस्स...एस्स..आहह....
रक्षा के झड्ते ही मैने उसे बेड पर लिटा दिया और लंड को उसके मुँह मे डाल के मुँह चोदने लगा....
मैं- अभी मेरा नही हुआ.......ईएहह...यीहह...
रक्षा- उउउंम्म...उउउंम्म..उउउंम..उउंम...
मैं- ईएह...एस्स...टेक इट...ईएससस्स...
रक्षा- उउंम्म...क्क्हूओंम्म..क्क्हुऊंम्म..क्क्हुउऊंम्म...
रक्षा के मुँह से एक भी शब्द नही निकल रहा था...सिर्फ़ थूक लंड के साथ बाहर आ रहा था...
मैने रक्षा के बूब्स को हाथो मे लिया और स्पीड बढ़ा दी...
करीब 5 मिनट की मुँह चुदाई के बाद मैने पूरा लंड रस रक्षा के गले मे उतार दिया...
रक्षा बड़े प्यार से मेरे लंड रस की एक-एक बूँद गेटॅक गई और इतनी भयानक छुदाई देख कर वहाँ मेघा ने भी अपने हाथ से अपनी चूत को शांत कर लिया...
अब मैं और रक्षा बस यही सोच रहे थे कि अब मेघा क्या करेगी...क्या बोलेगी...
पर हब कुछ देर तक मेघा सामने नही आई तो मैने रक्षा को जाने का इशारा किया और वो कपड़े पहन कर निकल गई...
फिर भी मेघा बाथरूम से बाहर नही आई तो मैं भी रेडी हुआ और मेघा के पास पहुँच गया...
मैं(मुस्कुरा कर)- ओह्ह..तो तुमने भी एंजाय किया अपनी बेटी की चुदाई...
मेघा(सहम कर)- नही...ऐसा कुछ भी नही...मन तो बस....
मैं- बस क्या...चलो कोई नही...जल्दी ही तुम ये सब एंजाय करोगी...ओके..मैं चलता हूँ...
मेघा(पीछे से)- तुमने उसके साथ ये सब...क्यो...??
मैं(पलट कर)- बहुत जल्द ही सारे जवाब दूँगा...पर फिलहाल...तुम मज़े करो बस...बाद मे मिलता हूँ.....
और इतना बोल कर मैं वहाँ से निकल आया.....
----------------------------------------------------------------