Incest-चुदासी फैमिली complete
- Rohit Kapoor
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Re: Incest-चुदासी फैमिली
सुधा : पर भाभी यह सब होगा कैसे मम्मी का क्या करोगी
सोनू कुछ सोचते हुए कहने लगी मम्मी का इलाज है रोहित, मम्मी को रोहित के साथ कहीं भेजा जाए तभी काम बन पाएगा उसके लिए पूरा दिन या फिर पूरी रात चाहिए,
सुधा : पर इतनी देर के लिए भैया मम्मी को लेकर कहाँ जाएगे, सुधा की बात अभी पूरी ख़तम होती कि तभी सोनू का फोन बज उठा और उसने कॉल अटेंड किया तो सामने उसकी फ्रेंड थी और सोनू उससे बात करने लगी कुछ देर बाद सोनू खुस होती हुई कहने लगी, मेरी रानी काम हो गया तब सुधा ने पुछा वह कैसे तब सोनू ने कहा, मेरी सहेली का भाई है उसके लिए लड़की ढूँढ रहे है और वह अपनी कास्ट का ही है तो तू कहे तो तेरी बात चलाए
सुधा ; नही नही भाभी अभी नही, इतनी जल्दी में शादी नही करूँगी
सोनू : अरे तू बहुत पागल है अगर तू दो चार साल वेट करेगी तो तेरी चूत तो अभी से लंड माँग रही है सोच दो चार साल में पापा और रोहित तेरी चूत और गान्ड मार मार कर भोसड़ा बना देंगे, तब हो सकता है तुझे प्राब्लम हो, अगर तू शादी कर लेती है तो तेरी चूत और गान्ड को लाइसेंस मिल जाएगा और फिर तू जब चाहे किसी के लंड से भी चुदेगि तो तुझे कोई प्राब्लम नही होगी और फिर लड़का देखने में बहुत सुंदर है अगर तेरे भैया और मम्मी को जम गया तो बुराई क्या है
सुधा ; देख लो भाभी अब तुम्हारे हाथ में है मेरी लाइफ
सोनू : तू फिकर ना कर में सोच समझ कर फ़ैसला लेने दूँगी अभी तो तुझसे कोई पूछे तो यही कहना जैसी आप लोगो की मर्ज़ी
सुधा ; ठीक है भाभी
उसके बाद सोनू पापा और मम्मी के पास गई और सारी बात बताई और यह भी कहा कि वह लोग चाहते है कि आप एक बार लड़के को देख आए, सुधा को मेरी फ्रेंड जानती है इसलिए सुधा की तरफ से तो वह लोग अग्री है
मनोहर : सोनू अगर ऐसी बात है तो एक बार सुधा से पूछ लेते है अगर वह अग्री करती है तो हम देख आते है, क्यो नीलम
नीलम : सुधा की ओर मुस्कुराते हुए देख कर कहती है, सुधा तेरी क्या मर्ज़ी है तब सुधा ने नीचे सर झुकाए कहा मम्मी जैसा आप लोगो को ठीक लगे
मनोहर : वेरी गुड बेटी हमे तुमसे ऐसी ही उम्मीद थी,
नीलम ; तो ठीक है हम लोग कल ही निकल चलते है में रोहित को भी बता देती हूँ और मोबाइल लेकर नीलम बाहर निकल गई, सुधा भी वहाँ से चली गई तब सोनू ने कातिल निगाहो से मनोहर की ओर देखा और उसके पास बेड पर बैठते हुए कहने लगी पापा सुधा इस घर से चली जाएगी तब में तो अकेली पड़ जाउन्गी
मनोहर ने सोनू के डीप कट येल्लो ब्लौज से झाँकते मोटे मोटे दूध को एक नज़र देखा और दूसरी नज़र गेट की ओर डाल कर सोनू की पीठ पर हाथ रख कर उसके गालो को चूमते हुए कहा बेटी तेरे पापा है ना तेरा ख्याल रखने के लिए,
सोनू ; नखरा करते हुए कहने लगी रहने दीजिए पापा आपको मेरा ख्याल ही कहाँ रहता है, में तो हमेशा आपका प्यार पाने के लिए तरसती रहती हूँ
मनोहर : गेट की ओर देख कर सोनू के मोटे मोटे बोबो को कस कर दबोचते हुए कहने लगा, उस दिन जब हम लोंग ड्राइव पर गये थे उस दिन हमने तुम्हे कितना प्यार किया था, क्या तुम्हे मज़ा नही आया था
सोनू : मुँह बनाते हुए कहने लगी रहने दीजिए पापा कोई प्यार का भूखा हो और उसे एक बार प्यार कर भी लो तो क्या उसका पेट भर जाएगा
मनोहर : मुस्कुराते हुए कहने लगा हम तो हर दम तुम्हे प्यार कर सकते है पर मोका भी तो मिलना चाहिए बेटी
सोनू : ठीक है तो कल मम्मी और रोहित को लड़का देखने जाने दीजिए और आप नही जाएगे और में कल पूरा दिन आपके पास ही रहना चाहती हूँ
मनोहर : अपनी जीभ पर होंठ फेरता हुआ कहने लगा वो तो ठीक है बेटी लेकिन सुधा
सोनू : पापा आप भी ना, क्या वो आपकी बेटी नही है जो उसे प्यार नही कर सकते, में तो सोच रही थी कि आप अपनी दोनो बेटियो को एक साथ एक सा प्यार करे, सुधा भी आपका प्यार पाने के लिए तड़प रही है
सोनू की बात सुन कर मनोहर का लंड लूँगी में पूरी तरह तन चुका था और उसने अपने लंड को मसल्ते हुए कहा क्या सुधा ने तुमसे कहा है कि वह मेरे प्यार के लिए तड़प रही है,
सोनू ; हाँ पापा उसने खुद ही कहा है और वह क्या हम दोनो आपसे एक साथ प्यार पाना चाहते है और इसीलिए तो में कह रही हूँ कि कल सिर्फ़ मम्मी और रोहित को भेज दीजिए और हम तीनो घर पर ही रहेगे
मनोहर : ठीक है बेटी में नीलम से बात करता हूँ लेकिन तुम्हारे बारे में क्या कहूँगा वह तुम्हे ले जाए बिना मानेगी नही
सोनू : मेरी तो कल तबीयत खराब हो जाएगी सोनू ने मुस्कुराते हुए कहा और अपनी मोटी गान्ड मटकाते हुए रूम के बाहर जाने लगी और मनोहर उसकी मोटी गुदाज गान्ड की थिरकन अपने लंड को मसल्ते हुए देखने लगा.
नीलम: लो जी रोहित को बोल दिया है वह कल छुट्टी ले लेगा
मनोहर ; यार नीलम में तो नही जा पाउन्गा मुझे कुछ ज़रूरी काम निकल आया है
नीलम : ठीक है तो हम लोग ही देख आते है, पर रिश्ता तुम्हारी पसंद के बाद ही तय करेगे
मनोहर ; ठीक है में बाद में चला जाउन्गा
अगले दिन सोनू 8 बजे तक बेड पर लेटी रही और रोहित उसे उठाते हुए कहने लगा डार्लिंग उठो ना चलना नही है क्या तब सोनू ने कहा मुझे बहुत वीकनेस लग रही है रात में बुखार भी आया था मुझसे उठा नही जा रहा है, रोहित तो फिर डॉक्टर. को बुलाऊ तब सोनू ने कहा नही में पापा से कुछ ट्रीटमेंट ले लूँगी तभी नीलम चमचमाती ब्लू साड़ी में एंटर हुई और फिर रोहित ने सोनू की तबीयत के बारे में बताया तब नीलम ने कहा ओह शिट तेरे पापा को भी आज ही काम पड़ना था और इधर सोनू की तबीयत खराब हो गई तो फिर क्या करे जाना पोज़्पॉंड किया जाय तब सोनू ने कहा नही मम्मी आप और रोहित चले जाइए उन लोगो ने हमारे आने के लिए तैयारी की हुई है उनका नुकसान होगा, तब नीलम ने कहा सुधा से पूछ ले रोहित वह चल रही है क्या तब रोहित सुधा के रूम में गया और उससे पूछा तो उसने कहा भैया मुझे तो आप पर भरोसा है और वैसे भी मुझे इन सब बताऊ में शर्म आती है, में नही जाउन्गी,
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Re: Incest-चुदासी फैमिली
रोहित ; मम्मी सुधा नही जा रही है चलिए हम दोनो ही चलते है और फिर रोहित ने कार स्टार्ट की और नीलम उसके बगल में बैठ गई और वह लोग चल दिए, उनके जाते ही सुधा दौड़ कर सोनू भाभी के रूम में आई और लेटी हुई सोनू के उपर धम्म से कूद गई और सोनू ने खिलखिलाते हुए सुधा को अपनी बाँहो में भर लिया और उसके मोटे मोटे दूध को कस कस कर दबाने लगी और उसके रसीले होंठो को अपने मुँह में भर लिया सुधा ने भी कोई कसर नही छोड़ी और सीधे सोनू की चूत में हाथ भर कर उसकी फूली चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया, और दोनो खिलखिला कर हँसते हुए एक दूसरे से गुत्थम गुत्था हो गई, तब सोनू ने कहा अब छोड़ भी चल देखते है पापा के लंड का क्या हाल है और सुधा शरमाते हुए कहने लगी पहले आप जाओ में बाद में आउन्गि और सोनू उठ कर पापा के रूम में पहुच गई..
सोनू : पापा आप अभी तक बेड पर ही पड़े है कुछ छाई वग़ैरह पिलाऊ क्या, मनोहर ने सोनू का हाथ पकड़ कर अपनी गोद में बैठा लिया और कहने लगा आज में चाइ नही खूब कस कस कर दूध पीना चाहता हूँ, सोनू लूँगी में खड़े पापा के लंड को अपने हाथ में भर कर दबोचते हुए कहने लगी
हाय पापा कितना मोटा लंड है आपका लगता है यह आज अपनी बहू के दोनो छेद फाड़ कर रख देगा, तब मनोहर ने कहा वो तो ठीक है लेकिन सुधा कहाँ है क्या तुम अकेली ही पापा का प्यार लोगि, तब सोनू ने कहा आपकी बेटी है है आप ही उसे लेकर आइए वह तो शरमा रही है, मनोहर अच्छा तुम यह साड़ी तो उतारो में उसे लेकर आता हूँ और फिर मनोहर बाहर निकल गया और सुधा के रूम में गया सुधा विंडो के पास खड़ी थी उसने शॉर्ट स्कर्ट पहना हुआ था जिसमे उसकी गुदाज मोटी जांघे बिल्कुल चिकनी और गोरी नज़र आ रही थी और उसकी भारी गान्ड का साइज़ देखते ही मनोहर का लंड झटके लेने लगा और मनोहर पीछे से जाकर सुधा की गान्ड से चिपक गया पापा के मोटे लंड की चुभन से सुधा सिहर गई और पलट कर पापा के सीने से लग गई
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Re: Incest-चुदासी फैमिली
सच मे ऐ फैमिली चूदास है और पढने के बाद हमलोग भी
- Rohit Kapoor
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Re: Incest-चुदासी फैमिली
thanks brovnraj wrote:सच मे ऐ फैमिली चूदास है और पढने के बाद हमलोग भी
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Re: Incest-चुदासी फैमिली
मनोहर ने उसके गालो को चूमते हुए कहा क्या बात है हमारी बेटी हमसे नाराज़ है क्या तब सुधा ने कहा पापा आपका बहुत मोटा है उस दिन का दर्द ही बाकी है अभी तक,
तब मनोहर ने कहा अच्छा अपने हाथ में पकड़ कर देखो क्या खूब मोटा है,
तब सुधा ने अपने हाथ में पूरा लंड पकड़ कर देखते हुए कहा बाप रे यह तो उस दिन से भी ज़्यादा मोटा है,
मनोहर ने कहा जानती हो यह इतना मोटा क्यो हो गया है
तब सुधा ने पूछा क्यो तब मनोहर ने उसके मोटे मोटे चुतड़ों को अपने हाथो में भर कर कहा तुम्हारे इतने मोटे मोटे चुतड़ों को देख देख कर यह इतना मोटा हुआ है तुम्हारे चूतड़ तो इस समय इतना गद्रा रहे है की तुम्हारी मम्मी की मोटी गान्ड भी इनके आयेज कम नज़र आती है, तब सुधा ने पापा के लंड को सहलाते हुए कहा पहले तो यह छ्होटे थे जब से आपने पीछे से अपने इस डंडे को डाला है तब से ही यह इतने मोटे हो गये है, तब मनोहर ने कहा अच्छा सच सच बताओ जब यह मोटा डंडा तुम्हारी गान्ड में घुसा था तब तुम्हे मज़ा आया था कि नही तब सुधा ने मुस्कुराते हुए कहा यह मोटा ज़रूर है लेकिन अंदर जाकर बहुत मज़ा देता है,
तब मनोहर ने कहा तुम्हारी चुचियाँ भी बहुत भर गई है लगता है इनमे बहुत दूध भरा हुआ है और मनोहर ने सुधा के बोबो को कस कस कर दबाना शुरू कर दिया तब सुधा ने कहा आह सीई पापा ऐसे मत दबाइए जब आपका डंडा अंदर घुसता है तब इन्हे कस कस कर दबवाने का मन होता है,
मनोहर; तो फिर आज हम तुम्हारे इन मोटे मोटे खरबूजो का रस अपने मोटे गन्ने को तुम्हारी गान्ड में डाल डाल कर चुसेगे और मनोहर ने सुधा को गोद में उठा लिया और अपने रूम की ओर बढ़ गया जैसे ही मनोहर रूम के अंदर हुआ सामने सोनू केवल ब्रा और पैंटी में ड्रेसिंग टेबल के साने खड़ी थी उसकी गुलाबी पैंटी उसकी गान्ड में फसि हुई थी और उसकी गान्ड बहुत मस्त नज़र आ रही थी.
मनोहर के अंदर पहुचते ही सोनू पलटी और कहने लगी लगता है सुधा बहुत नाराज़ है आपसे आ नही रही थी क्या तब मनोहर ने कहा
सोनू ज़रा सरसो का तेल ले आओ सुधा के पूरे बदन में दर्द है इसकी मालिश करना पड़ेगी, मनोहर की बात सुन कर सुधा और सोनू एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा दी तब सोनू तेल की बोतल ले कर आई और कहने लगी पापा दर्द तो मेरे बदन में भी है तब मनोहर ने कहा ठीक है तुम दोनो की अच्छे से मालिश कर देता हू चलो सारे कपड़े उतार कर बेड पर पेट के बाल लेट जाओ और मनोहर ने अपनी लूँगी खोल दी और लूँगी खोलते ही उसका लोहे जैसा काला और मोटा लंड बाहर आ गया और उसके फूले सुपाडे और उभरी नसों को देख कर दोनो रंडिया अपने अपने मुँह का थूक गटकने लगी तभी सोनू ने अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी और सुधा के पास जाकर उसकी टीशर्ट को उपर से निकाल दिया
जिससे सुधा के मोटे मोटे आम पूरे नंगे हो गये और फिर सोनू ने उसकी स्कर्ट नीचे खींच दी और अब दोनो रंडिया पूरी मदरजात नंगी हो गई और सोनू और सुधा एक दूसरे से चिपक गई तब मनोहर नंगा ही उनके पास गया और दोनो रंडिया पापा के नंगे बदन से चिपक गई अब मनोहर दोनो की मोटी गान्ड की गहराई में एक एक हाथ लेजा कर उनकी गान्ड की गुदा को सहलाने लगा और सोनू ने पापा के आंड को सहलाना शुरू कर दिया और सुधा पापा के लंड को सहलाने लगी,
मनोहर तो पागल हुआ जा रहा था दो दो जवान मस्तानी रंडिया उसके बदन से पूरी नंगी होकर चिपकी हुई थी और वह कभी उनके मोटे मोटे बड़े बड़े दूध को मसल रहा था और कभी उनकी मोटी गदराई गान्ड को दबोच रहा था,
सुधा : आह ससीई पापा आराम से दबाइए ना
मनोहर : बेटी तू तो बिल्कुल ऐसे सिसिया रही है जैसे पहले कभी जवानी में तेरी माँ सीसियाती थी
सोनू : तो क्या पापा अब मम्मी जी नही सिसियाती है, आपको तो खूब मज़ा आता होगा उनके साथ
मनोहर : हाँ लेकिन तुम जैसे कसी हुई लोंदियो को चोदने का अलग ही मज़ा है, तुम्हारी गान्ड और चूत में लंड बहुत कसा हुआ घुसता है
सुधा : पापा आपका मोटा भी तो इतना है यह कहते हुए सुधा ने उनके लंड को कस कर मुट्ठी में भर लिया, तभी मनोहर ने सुधा को अपनी गोद में उठा कर उसके रसीले होंठो को चूस्ते हुए उसकी चूत में एक उंगली पेल दी और सुधा कस कर मनोहर से चिपक गई, अब मनोहर ने अपने लंड के उपर सुधा को चढ़ा लिया और सुधा किसी बंदरिया की तरह अपने पापा की कमर के इर्द गिर्द पैर लपेट कर चढ़ कर
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