बहू नगीना और ससुर कमीना
- Kamini
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
mast update
- Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
Thanks all for your encouraging comments.
- Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
मालिनी क्लाइमैक्स का मज़ा लेकर लेटी हुई थी। राजेश अपना मुँह साफ़ करके बोला: उफ़्फ़्फ़्फ मम्मी एक आप ही हो यहाँ जो चुदवा सकती है। मालिनी और मुन्नी तो अपनी बुर का सत्यानाश करके बैठीं हैं । एक बच्चा पैदा करके और दूसरी अपनी सील तुड़वा कर।
सरला: अरे अभी तेरी एक और बहन आएगी ना चारु । उसे तो चोद ही सकता है। वो भी अपने सब छेद खुलवा चुकी है और पक्की चुदक्कड बन गयी है।
राजेश मालिनी की चूची दबाकर बोला: मम्मी हमको कल वापस जाना होगा। मेरी छुट्टी बस आज भर की ही है।
सरला: ओह मालूम है बेटा। मैं पैकिंग करती हूँ।
राजेश मुन्नी को अपनी बाँह में भर कर बोला: मुन्नी अगली बार आऊँगा तो तेरे से मज़े लूँगा और ये बोलकर वो उसकी चूचि भी दबा दिया। मुन्नी भी उसका लंड सहला दी।
मालिनी: भाई तुम अपनी ट्रांसफ़र यहीं करा लो ना। फिर सब साथ में रहेंगे और मज़े करेंगे।
राजेश: दीदी मैं कोशिश करता हूँ। पर मैं मम्मी के बग़ैर नहीं रह सकता। अब वो लुढ़क कर सरला की गोद में सिर रखा और अब उसकी चूची दबाने लगा।
सरला हँसकर: मैं भी तेरे बगेर कहाँ रह सकती हूँ। वो झुक कर उसके होंठ चूमकर बोली।
तभी राजीव और चारु अंदर घुसे और चारु के कमरे से आती हुई आवाज़ सुनकर अंदर आए और अंदर का दृश्य देखकर मस्त हो गए। मालिनी का ब्लाउस और ब्रा खुली थीं और चूचियाँ नंगी थीं और साड़ी ऊपर चढ़ने के कारण उसकी जाँघे भी नंगी थीं। मुन्नी का टॉप ऊपर था और उसकी ब्रा से चूचियाँ बाहर थीं । सरला भी ऊपर से नंगी थी। और राजेश तो पूरा नंगा था ही। उसका लंड आधा खड़ा था जिसे मुन्नी सहला रही थी। राजेश और सरला के होंठ जुड़े हुए थे।
राजीव: वाऽऽऽऽऽह क्या सेक्सी परिवार है हमारा। वह मालिनी के पास बैठा और उसकी जाँघें सहलाता हुआ सरला को बोला: मस्त मज़ा कर रही हो बेटे से। एक राउंड तो हो ही गया होगा ना?
सरला: यह भी कोई पूछने की बात है। राजेश और मैंने एक राउंड कर लिया है। और मालिनी और मुन्नी ने भी अपने भय्या के लंड चूसकर मज़ा ले लिया है।
राजेश: अंकल आपके घर में सबकी बुर ख़राब हो रखी है। बस मम्मी की ठीक है। वो अपनी मम्मी की बुर को साड़ी के ऊपर से सहलाकर बोला।
राजीव मालिनी की चूचि चूसा और बोला: अरे किसने कहा कि सबकी बुर ख़राब है। इस चारु की बुर और गाँड़ दोनों मस्त है। इसे चोद लो।
चारु की आँख अपने भाई के लौड़े पर थी और वो बड़े प्यार से उसे देख रही थी। उसकी बुर पनियाने लगी थी। हालाँकि वो अभी शिवा और राजीव से चुदी थी पर जवान ख़ून मस्त लंड देखकर फिर से गरमाने लगा था।
राजेश उठ कर बैठा और चारु को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी चूचियाँ दाबकर उसकी गरदन कंधा और फिर गाल चूमने लगा। फिर वो उसके होंठ पर अपने होंठ रखकर जीभ रगड़कर उसे चूमने लगा। चारु भी फ़्रेंच किस्स में उसका साथ देने लगी। सरला चारु का टॉप उतारी और ब्रा में कसे उसके सख़्त अमरूदों को वो प्यार से चूमने लगा। अब सरला ने उसकी ब्रा भी खोल दी और वो उसके सख़्त अमरूदों को दबाने और फिर चूसने लगा। उसका लौड़ा पूरा खड़ा होकर स्कर्ट के ऊपर से उसकी गाँड़ में घुसने लगा। अब मालिनी ने उसकी स्कर्ट खोली और अब वो सिर्फ़ पैंटी में पड़ी थी और सीईईई करके मज़ा ले रही थी। अब राजीव ने उसकी पैंटी उतारी और उसे नाक के पास ले जाकर सूँघने लगा। राजेश की उँगलियाँ अब उसकी चूत के अंदर जाकर उसे मस्त करने लगीं थीं।
अचानक राजीव ने देखा कि मुन्नी की आँखें वासना से लाल हो चुकी हैं और वो राजेश और चारु की मस्ती से गरम हो रही थी और वह अपना हाथ अपने स्कर्ट के नीचे ले जाकर अपनी बुर खुजा रही थी। राजीव को वो मासूम लड़की बहुत सेक्सी लगी। राजीव बोला: आऽऽह मुन्नी भी गरम हो रही है। आओ बिटिया लेटो यहाँ मैं तुम्हारी बुर चूस देता हूँ। चुदवा नहीं सकती पर चूसवा तो सकती हो।
मुन्नी उत्तेजनावश चुप चाप आकर राजीव की तरफ़ टाँगे करके लेट गयी। राजीव ने उसकी स्कर्ट उठाई और पैंटी में से पूरी गीली बुर की झलक पा कर मस्ती से भर गया। उसने पैंटी निकाली जो पूरी गीली थी और उसे सूँघने लगा और बोला: मालिनी तुम्हारी बहनों की चूत की गंध बहुत ही मादक है।
मालिनी हँसकर: पापा आपकी क्या बात करूँ? आपको तो सबकी चूत की महक पसंद है। आप लोग मस्ती करो मैं गुड़िया को दूध पिलाकर आती हूँ। यह कहते हुए वह बाहर चली गयी।
राजीव अब मुन्नी को अपनी ओर खिंचा और उसकी गाँड़ के नीचे एक तकिया रखा और टिशू पेपर से दवाई को साफ़ किया और एक तौलिए को गीला करके उसकी बुर को साफ़ किया। फिर वहाँ अपने मुँह को डालकर चूमने और चाटने लगा। मुन्नी की आऽऽऽऽऽह निकल गयी।
उधर अब चारु को राजेश ने घोड़ी बना दिया था और पीछे से उसकी बुर और गाँड़ दोनों चाट रहा था। फिर उसने अपने लंड में थूक लगाया और उसकी बुर में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। सरला हँसकर : क्यों तड़पा रहा है उसे। डाल दे ना अंदर और मज़ा लेने दे बच्ची को जवानी का।
अब राजेश ने उसकी बुर में दो उँगलियाँ डालीं और बोला: मम्मी क्या टाइट बुर है। वो उँगलियाँ अंदर बाहर करते हुए बोला।
फिर उसने अपना लौड़ा बुर के मुँह पर सेट किया और हल्के से दबाते हुए उसको अंदर कर दिया। चारु दो घंटे पहले ही राजीव और शिवा से चुदी थी। इसलिए बुर थोड़ी खुली हुई थी। वो मज़े से चुदवाने लगी।
राजीव मुन्नी की बुर और गाँड़ चाटने लगा था और वो उईयोईईई कहकर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर कर रही थी। कमरे मे चुदाई की फ़च फ़च गूँज रही थी जो चारु की बुर से आ रही थी। तभी राजीव की नज़र सरला की जाँघों के ऊपर पड़ीं। उसकी जाँघ खुली हुई थी और साड़ी ऊपर तक चढ़ी हुई थी। राजीव ने मुन्नी की बुर चाटते हुए सरला की साड़ी ऊपर की और उसकी मस्त फूलि हुई बुर को मूठ्ठी में दबोचा और सरला आऽऽऽह कर उठी। अब वह अपनी तीन उँगलियाँ उसकी बुर में पेल दिया और अब सरला, चारु और मुन्नी आऽऽऽऽह करने लगे।सरला अपनी गाँड़ उछाल कर राजीव की उँगलियों का मज़ा ले रही थी। इधर राजेश की चुदाई भी भीषण हो चली थी। तभी चारु उइइइइइइइइइ मैं गयीइइइइइइइइ कहकर नीचे बिस्तर पर पेट के बल गिर गयी। अब राजेश ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसमें और चारु की गाँड़ में ढेर सारा थूक लगाकर अपनी एक ऊँगली गाँड़ में डाली और उसे अंदर बाहर करने लगा। फिर वो दो उँगलियों में थूक लगाकर उसकी गाँड़ में डालकर हिलाने लगा। आख़िर में उसने अपना लौड़ा हाथ में लिया और उसमें भी थूक लगाया और उसकी गाँड़ में डालने लगा। चारु अब फिर से आऽऽऽऽऽह धीरे भय्याऽऽऽऽऽऽ कहकर चिल्लाई ।
पर राजेश अपना लंड उसकी गाँड़ में घुसाता चला गया। अब वो पूरे मज़े से उसकी गाँड़ मारने लगा। जल्दी ही चारु भी हाऽऽऽऽय्य आऽऽऽऽऽऽह भय्याआऽऽऽऽऽऽ और जोओओओर फाऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ मेरी गाऽऽऽऽऽऽऽऽऽंड़ चिल्लाने लगी। अब राजेश भी आऽऽऽऽह कहकर अपना लंड का रस उसकी गाँड़ में ख़ाली करने लगा। तभी सरला और मुन्नी भी ओह्ह्ह करके झड़ने लगी। मुन्नी के पानी से राजीव का मुँह भर गया और सरला के पानी से उसका हाथ ही भीग गया।
अब सब लस्त होकर पड़े थे। तभी मालिनी अंदर आयी। और बोली: वाह सब मज़े से पड़े हैं । सब झड़ गए क्या?
राजीव उसे अपने ऊपर खींच कर बोला: हाँ सब झड़ गए हैं सिवाय तुम्हारे।
मालिनी उसकी छाती पर लेटकर : मुझे तो भाई ने झाड़ दिया है चूसकर।
तभी मालिनी का फ़ोन बजा। शिवा था। शिवा: मालिनी क्या हो रहा है?
मालिनी: सच बता दूँ?
शिवा: हाँ हाँ बताओ ना सब ठीक है ना!
मालिनी: हाँ सब ठीक है और हाँ यहाँ सामूहिक पारिवारिक चुदाई का कार्यक्रम हो रहा है । आपको भी निमंत्रण है।
शिवा हँसकर: अच्छा तो ये बात है। चलो आप मज़े करो। मैंने तो साले साहब का हाल चाल जान ने के लिए फ़ोन किया था।
मालिनी: आपके साले साहब मज़े में है। अब तक मम्मी और चारु को चोद चुके हैं । मेरा दूध पी चुका है और चूत भी चाट चुका है। लो बात करो उससे ।
राजेश फ़ोन लेकर: नमस्ते जीजू क्या हाल है? कब आओगे घर?
शिवा: नमस्ते। घर आकर क्या करूँगा? तुमने तो सबको झड़ा दिया है। अब सब लस्त हो चुके होंगे। चलो मज़े करो शाम को मिलते हैं।
राजेश : ठीक है जीजू शाम को मिलते हैं। लो आपके पापा फ़ोन माँग रहे हैं आप बात करो।
राजीव फ़ोन लेकर: अरे शिवा रात को कुछ वाइन और विस्की ले आना।राजेश और सरला कल की वापसी की बात कर रहे हैं। इसलिए रात को पार्टी करेंगे। लड़कियाँ जवान हो रही हैं । वाइन तो पी ही सकती हैं । हा हा ।
शिवा: ठीक है पापा। ले आऊँगा। मालिनी को बोल दो खाना भी बाहर से मँगा लेगी।
राजीव फ़ोन काट कर : मालिनी बेटी खाना बाहर से ऑर्डर करके मँगा लेना । रात को मस्त पार्टी करेंगे। चलो अब खाना ख़ा लिया जाए फिर आराम करेंगे और रात के लिए फिर से एनर्जी तय्यार रखेंगे।
सब हँसने लगे और खाना खाने बैठे। फिर चारु राजीव के साथ और सरला राजेश के साथ और मुन्नी मालिनी के साथ सो गयीं। राजेश ने सरला को छूने की कोशिश की पर वो दो बार झड़ चुकी थी सो मना करके बोली: चल लिपट कर सो जा। पर कोई गड़बड़ नहीं करना। अब रात को कर लेना जो मन करे।
उधर चारु भी राजीव से लिपट कर सो गयी और सोने के पहले दोनों कल होने वाली चुदाई जो कि तारिक और शमा के घर पर होने वाली थी, की बातें किए।
मालिनी मुन्नी को फिर से पूछी: नीचे में दर्द है क्या?
मुन्नी: नहीं दीदी अब ठीक है। म
मालिनी: फिर आज रात राजेश से चुदोगी या पापा से?
मुन्नी: धत्त । पता नहीं।
मालिनी: राजेश से तो चुदवा ही लेना। वो कल चला जाएगा। पापा तो यहीं रहेंगे कभी भी चुदवा लेना उनसे। ठीक है ना?
मुन्नी: ठीक है दीदी। जैसा आप कहोगी वैसा ही करूँगी।
मालिनी हाथ बढ़ाकर उसकी सख़्त चूची दबाकर बोली: वाह मन में लड्डू फूट रहे हैं और बोल रही है जैसा मैं कहूँगी वैसा करेगी।
मुन्नी हँसकर: आऽऽह दीदी। आप भी ना। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ छोड़ो ना दुखता है।
मालिनी: जब शिवा कल दबाया था तब नहीं दुखा और अभी नाटक कर रही है। वो हँसती हुई उसकी चूची से हाथ हटा ली।
मुन्नी: पर दीदी आपकी तो बहुत बड़ी हो गयीं हैं । मेरी तो दोनों मिलकर भी आपके एक चूची के बराबर नहीं होंगी।
मालिनी: तेरी जब शादी होगी और जब तू माँ बनेगी तो तेरी भी ऐसी ही बड़ी हो जाएगी। समझी ?
मुन्नी हँसकर बोली: तब की तब देखी जाएगी। चलो सोते हैं ।
इस तरह सब आराम करके शाम को ५ बजे उठे और चाय पीने लगे। अभी राजेश एक टी शर्ट और हाफ़ पैंट में था। राजीव ने एक बनियान और लूँगी पहनी हुई थी। चारु और मुन्नी एक छोटे से स्कर्ट और उतने ही छोटे से टॉप में थीं । उनके सपाट चिकने पेट नंगे थे और नाभि बहुत सेक्सी लग रहीं थीं। मालिनी और सरला ने साड़ी पहनी थी और तंग स्लीव्लेस ब्लाउस भी पहने थे। सब चाय पी रहे थे।
राजीव की आँखें बार बार मुन्नी और चारु के जाँघों पर जा रही थीं। राजेश तो बस अपनी मॉ को ही देखे जा रहा था। फिर मालिनी उठी और चाय के कप इकट्ठा करने लगी। वो झुक कर कप ले रही थी तब उसकी मस्त मोटी गाँड़ राजेश और राजीव के सामने थी। राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसके चूतडों को सहलाया और कहा: बहु मस्त हो गयी है तुम्हारी गाँड़? अब तो सरला और तुम्हारी सास के बराबर हो जाएगी। क्यों राजेश क्या बोलते हो?
राजेश भी मुस्कुरा कर अपना एक हाथ उसके एक चूतड़ पर फेरा और बोला: सही कहा अंकल आपने। दीदी सब जगह से गोल गोल होती जा रही है। फिर हाथ बढ़ाकर ब्लाउस के ऊपर से उसकी चूचि पकड़कर बोला: अंकल देखिए ना ये भी मस्त गोल गोल हो गए हैं। आज इनको चूसा था सच में जन्नत का मज़ा मिला था।
मालिनी हँसकर सीधी खड़ी हुई और बोली: तो ये बात है पापा और भाई दोनों आज मेरी लेने पर उतारू हैं। पर आपको नहीं मिलेगी वो जो आप चाहते हो। अभी रिपेयर में है वो।
उसकी बात सुनकर सब हंस पड़े।
शाम को सात बजे शिवा आया और उसके हाथ में एक पैकेट था जिसमें वाइन और व्हिस्की थीं।
सब मस्त होकर बैठे थे आज पार्टी जो होनी थी।
सरला: अरे अभी तेरी एक और बहन आएगी ना चारु । उसे तो चोद ही सकता है। वो भी अपने सब छेद खुलवा चुकी है और पक्की चुदक्कड बन गयी है।
राजेश मालिनी की चूची दबाकर बोला: मम्मी हमको कल वापस जाना होगा। मेरी छुट्टी बस आज भर की ही है।
सरला: ओह मालूम है बेटा। मैं पैकिंग करती हूँ।
राजेश मुन्नी को अपनी बाँह में भर कर बोला: मुन्नी अगली बार आऊँगा तो तेरे से मज़े लूँगा और ये बोलकर वो उसकी चूचि भी दबा दिया। मुन्नी भी उसका लंड सहला दी।
मालिनी: भाई तुम अपनी ट्रांसफ़र यहीं करा लो ना। फिर सब साथ में रहेंगे और मज़े करेंगे।
राजेश: दीदी मैं कोशिश करता हूँ। पर मैं मम्मी के बग़ैर नहीं रह सकता। अब वो लुढ़क कर सरला की गोद में सिर रखा और अब उसकी चूची दबाने लगा।
सरला हँसकर: मैं भी तेरे बगेर कहाँ रह सकती हूँ। वो झुक कर उसके होंठ चूमकर बोली।
तभी राजीव और चारु अंदर घुसे और चारु के कमरे से आती हुई आवाज़ सुनकर अंदर आए और अंदर का दृश्य देखकर मस्त हो गए। मालिनी का ब्लाउस और ब्रा खुली थीं और चूचियाँ नंगी थीं और साड़ी ऊपर चढ़ने के कारण उसकी जाँघे भी नंगी थीं। मुन्नी का टॉप ऊपर था और उसकी ब्रा से चूचियाँ बाहर थीं । सरला भी ऊपर से नंगी थी। और राजेश तो पूरा नंगा था ही। उसका लंड आधा खड़ा था जिसे मुन्नी सहला रही थी। राजेश और सरला के होंठ जुड़े हुए थे।
राजीव: वाऽऽऽऽऽह क्या सेक्सी परिवार है हमारा। वह मालिनी के पास बैठा और उसकी जाँघें सहलाता हुआ सरला को बोला: मस्त मज़ा कर रही हो बेटे से। एक राउंड तो हो ही गया होगा ना?
सरला: यह भी कोई पूछने की बात है। राजेश और मैंने एक राउंड कर लिया है। और मालिनी और मुन्नी ने भी अपने भय्या के लंड चूसकर मज़ा ले लिया है।
राजेश: अंकल आपके घर में सबकी बुर ख़राब हो रखी है। बस मम्मी की ठीक है। वो अपनी मम्मी की बुर को साड़ी के ऊपर से सहलाकर बोला।
राजीव मालिनी की चूचि चूसा और बोला: अरे किसने कहा कि सबकी बुर ख़राब है। इस चारु की बुर और गाँड़ दोनों मस्त है। इसे चोद लो।
चारु की आँख अपने भाई के लौड़े पर थी और वो बड़े प्यार से उसे देख रही थी। उसकी बुर पनियाने लगी थी। हालाँकि वो अभी शिवा और राजीव से चुदी थी पर जवान ख़ून मस्त लंड देखकर फिर से गरमाने लगा था।
राजेश उठ कर बैठा और चारु को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी चूचियाँ दाबकर उसकी गरदन कंधा और फिर गाल चूमने लगा। फिर वो उसके होंठ पर अपने होंठ रखकर जीभ रगड़कर उसे चूमने लगा। चारु भी फ़्रेंच किस्स में उसका साथ देने लगी। सरला चारु का टॉप उतारी और ब्रा में कसे उसके सख़्त अमरूदों को वो प्यार से चूमने लगा। अब सरला ने उसकी ब्रा भी खोल दी और वो उसके सख़्त अमरूदों को दबाने और फिर चूसने लगा। उसका लौड़ा पूरा खड़ा होकर स्कर्ट के ऊपर से उसकी गाँड़ में घुसने लगा। अब मालिनी ने उसकी स्कर्ट खोली और अब वो सिर्फ़ पैंटी में पड़ी थी और सीईईई करके मज़ा ले रही थी। अब राजीव ने उसकी पैंटी उतारी और उसे नाक के पास ले जाकर सूँघने लगा। राजेश की उँगलियाँ अब उसकी चूत के अंदर जाकर उसे मस्त करने लगीं थीं।
अचानक राजीव ने देखा कि मुन्नी की आँखें वासना से लाल हो चुकी हैं और वो राजेश और चारु की मस्ती से गरम हो रही थी और वह अपना हाथ अपने स्कर्ट के नीचे ले जाकर अपनी बुर खुजा रही थी। राजीव को वो मासूम लड़की बहुत सेक्सी लगी। राजीव बोला: आऽऽह मुन्नी भी गरम हो रही है। आओ बिटिया लेटो यहाँ मैं तुम्हारी बुर चूस देता हूँ। चुदवा नहीं सकती पर चूसवा तो सकती हो।
मुन्नी उत्तेजनावश चुप चाप आकर राजीव की तरफ़ टाँगे करके लेट गयी। राजीव ने उसकी स्कर्ट उठाई और पैंटी में से पूरी गीली बुर की झलक पा कर मस्ती से भर गया। उसने पैंटी निकाली जो पूरी गीली थी और उसे सूँघने लगा और बोला: मालिनी तुम्हारी बहनों की चूत की गंध बहुत ही मादक है।
मालिनी हँसकर: पापा आपकी क्या बात करूँ? आपको तो सबकी चूत की महक पसंद है। आप लोग मस्ती करो मैं गुड़िया को दूध पिलाकर आती हूँ। यह कहते हुए वह बाहर चली गयी।
राजीव अब मुन्नी को अपनी ओर खिंचा और उसकी गाँड़ के नीचे एक तकिया रखा और टिशू पेपर से दवाई को साफ़ किया और एक तौलिए को गीला करके उसकी बुर को साफ़ किया। फिर वहाँ अपने मुँह को डालकर चूमने और चाटने लगा। मुन्नी की आऽऽऽऽऽह निकल गयी।
उधर अब चारु को राजेश ने घोड़ी बना दिया था और पीछे से उसकी बुर और गाँड़ दोनों चाट रहा था। फिर उसने अपने लंड में थूक लगाया और उसकी बुर में अपना लौड़ा रगड़ने लगा। सरला हँसकर : क्यों तड़पा रहा है उसे। डाल दे ना अंदर और मज़ा लेने दे बच्ची को जवानी का।
अब राजेश ने उसकी बुर में दो उँगलियाँ डालीं और बोला: मम्मी क्या टाइट बुर है। वो उँगलियाँ अंदर बाहर करते हुए बोला।
फिर उसने अपना लौड़ा बुर के मुँह पर सेट किया और हल्के से दबाते हुए उसको अंदर कर दिया। चारु दो घंटे पहले ही राजीव और शिवा से चुदी थी। इसलिए बुर थोड़ी खुली हुई थी। वो मज़े से चुदवाने लगी।
राजीव मुन्नी की बुर और गाँड़ चाटने लगा था और वो उईयोईईई कहकर अपनी ख़ुशी ज़ाहिर कर रही थी। कमरे मे चुदाई की फ़च फ़च गूँज रही थी जो चारु की बुर से आ रही थी। तभी राजीव की नज़र सरला की जाँघों के ऊपर पड़ीं। उसकी जाँघ खुली हुई थी और साड़ी ऊपर तक चढ़ी हुई थी। राजीव ने मुन्नी की बुर चाटते हुए सरला की साड़ी ऊपर की और उसकी मस्त फूलि हुई बुर को मूठ्ठी में दबोचा और सरला आऽऽऽह कर उठी। अब वह अपनी तीन उँगलियाँ उसकी बुर में पेल दिया और अब सरला, चारु और मुन्नी आऽऽऽऽह करने लगे।सरला अपनी गाँड़ उछाल कर राजीव की उँगलियों का मज़ा ले रही थी। इधर राजेश की चुदाई भी भीषण हो चली थी। तभी चारु उइइइइइइइइइ मैं गयीइइइइइइइइ कहकर नीचे बिस्तर पर पेट के बल गिर गयी। अब राजेश ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसमें और चारु की गाँड़ में ढेर सारा थूक लगाकर अपनी एक ऊँगली गाँड़ में डाली और उसे अंदर बाहर करने लगा। फिर वो दो उँगलियों में थूक लगाकर उसकी गाँड़ में डालकर हिलाने लगा। आख़िर में उसने अपना लौड़ा हाथ में लिया और उसमें भी थूक लगाया और उसकी गाँड़ में डालने लगा। चारु अब फिर से आऽऽऽऽऽह धीरे भय्याऽऽऽऽऽऽ कहकर चिल्लाई ।
पर राजेश अपना लंड उसकी गाँड़ में घुसाता चला गया। अब वो पूरे मज़े से उसकी गाँड़ मारने लगा। जल्दी ही चारु भी हाऽऽऽऽय्य आऽऽऽऽऽऽह भय्याआऽऽऽऽऽऽ और जोओओओर फाऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ मेरी गाऽऽऽऽऽऽऽऽऽंड़ चिल्लाने लगी। अब राजेश भी आऽऽऽऽह कहकर अपना लंड का रस उसकी गाँड़ में ख़ाली करने लगा। तभी सरला और मुन्नी भी ओह्ह्ह करके झड़ने लगी। मुन्नी के पानी से राजीव का मुँह भर गया और सरला के पानी से उसका हाथ ही भीग गया।
अब सब लस्त होकर पड़े थे। तभी मालिनी अंदर आयी। और बोली: वाह सब मज़े से पड़े हैं । सब झड़ गए क्या?
राजीव उसे अपने ऊपर खींच कर बोला: हाँ सब झड़ गए हैं सिवाय तुम्हारे।
मालिनी उसकी छाती पर लेटकर : मुझे तो भाई ने झाड़ दिया है चूसकर।
तभी मालिनी का फ़ोन बजा। शिवा था। शिवा: मालिनी क्या हो रहा है?
मालिनी: सच बता दूँ?
शिवा: हाँ हाँ बताओ ना सब ठीक है ना!
मालिनी: हाँ सब ठीक है और हाँ यहाँ सामूहिक पारिवारिक चुदाई का कार्यक्रम हो रहा है । आपको भी निमंत्रण है।
शिवा हँसकर: अच्छा तो ये बात है। चलो आप मज़े करो। मैंने तो साले साहब का हाल चाल जान ने के लिए फ़ोन किया था।
मालिनी: आपके साले साहब मज़े में है। अब तक मम्मी और चारु को चोद चुके हैं । मेरा दूध पी चुका है और चूत भी चाट चुका है। लो बात करो उससे ।
राजेश फ़ोन लेकर: नमस्ते जीजू क्या हाल है? कब आओगे घर?
शिवा: नमस्ते। घर आकर क्या करूँगा? तुमने तो सबको झड़ा दिया है। अब सब लस्त हो चुके होंगे। चलो मज़े करो शाम को मिलते हैं।
राजेश : ठीक है जीजू शाम को मिलते हैं। लो आपके पापा फ़ोन माँग रहे हैं आप बात करो।
राजीव फ़ोन लेकर: अरे शिवा रात को कुछ वाइन और विस्की ले आना।राजेश और सरला कल की वापसी की बात कर रहे हैं। इसलिए रात को पार्टी करेंगे। लड़कियाँ जवान हो रही हैं । वाइन तो पी ही सकती हैं । हा हा ।
शिवा: ठीक है पापा। ले आऊँगा। मालिनी को बोल दो खाना भी बाहर से मँगा लेगी।
राजीव फ़ोन काट कर : मालिनी बेटी खाना बाहर से ऑर्डर करके मँगा लेना । रात को मस्त पार्टी करेंगे। चलो अब खाना ख़ा लिया जाए फिर आराम करेंगे और रात के लिए फिर से एनर्जी तय्यार रखेंगे।
सब हँसने लगे और खाना खाने बैठे। फिर चारु राजीव के साथ और सरला राजेश के साथ और मुन्नी मालिनी के साथ सो गयीं। राजेश ने सरला को छूने की कोशिश की पर वो दो बार झड़ चुकी थी सो मना करके बोली: चल लिपट कर सो जा। पर कोई गड़बड़ नहीं करना। अब रात को कर लेना जो मन करे।
उधर चारु भी राजीव से लिपट कर सो गयी और सोने के पहले दोनों कल होने वाली चुदाई जो कि तारिक और शमा के घर पर होने वाली थी, की बातें किए।
मालिनी मुन्नी को फिर से पूछी: नीचे में दर्द है क्या?
मुन्नी: नहीं दीदी अब ठीक है। म
मालिनी: फिर आज रात राजेश से चुदोगी या पापा से?
मुन्नी: धत्त । पता नहीं।
मालिनी: राजेश से तो चुदवा ही लेना। वो कल चला जाएगा। पापा तो यहीं रहेंगे कभी भी चुदवा लेना उनसे। ठीक है ना?
मुन्नी: ठीक है दीदी। जैसा आप कहोगी वैसा ही करूँगी।
मालिनी हाथ बढ़ाकर उसकी सख़्त चूची दबाकर बोली: वाह मन में लड्डू फूट रहे हैं और बोल रही है जैसा मैं कहूँगी वैसा करेगी।
मुन्नी हँसकर: आऽऽह दीदी। आप भी ना। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ छोड़ो ना दुखता है।
मालिनी: जब शिवा कल दबाया था तब नहीं दुखा और अभी नाटक कर रही है। वो हँसती हुई उसकी चूची से हाथ हटा ली।
मुन्नी: पर दीदी आपकी तो बहुत बड़ी हो गयीं हैं । मेरी तो दोनों मिलकर भी आपके एक चूची के बराबर नहीं होंगी।
मालिनी: तेरी जब शादी होगी और जब तू माँ बनेगी तो तेरी भी ऐसी ही बड़ी हो जाएगी। समझी ?
मुन्नी हँसकर बोली: तब की तब देखी जाएगी। चलो सोते हैं ।
इस तरह सब आराम करके शाम को ५ बजे उठे और चाय पीने लगे। अभी राजेश एक टी शर्ट और हाफ़ पैंट में था। राजीव ने एक बनियान और लूँगी पहनी हुई थी। चारु और मुन्नी एक छोटे से स्कर्ट और उतने ही छोटे से टॉप में थीं । उनके सपाट चिकने पेट नंगे थे और नाभि बहुत सेक्सी लग रहीं थीं। मालिनी और सरला ने साड़ी पहनी थी और तंग स्लीव्लेस ब्लाउस भी पहने थे। सब चाय पी रहे थे।
राजीव की आँखें बार बार मुन्नी और चारु के जाँघों पर जा रही थीं। राजेश तो बस अपनी मॉ को ही देखे जा रहा था। फिर मालिनी उठी और चाय के कप इकट्ठा करने लगी। वो झुक कर कप ले रही थी तब उसकी मस्त मोटी गाँड़ राजेश और राजीव के सामने थी। राजीव ने हाथ बढ़ाकर उसके चूतडों को सहलाया और कहा: बहु मस्त हो गयी है तुम्हारी गाँड़? अब तो सरला और तुम्हारी सास के बराबर हो जाएगी। क्यों राजेश क्या बोलते हो?
राजेश भी मुस्कुरा कर अपना एक हाथ उसके एक चूतड़ पर फेरा और बोला: सही कहा अंकल आपने। दीदी सब जगह से गोल गोल होती जा रही है। फिर हाथ बढ़ाकर ब्लाउस के ऊपर से उसकी चूचि पकड़कर बोला: अंकल देखिए ना ये भी मस्त गोल गोल हो गए हैं। आज इनको चूसा था सच में जन्नत का मज़ा मिला था।
मालिनी हँसकर सीधी खड़ी हुई और बोली: तो ये बात है पापा और भाई दोनों आज मेरी लेने पर उतारू हैं। पर आपको नहीं मिलेगी वो जो आप चाहते हो। अभी रिपेयर में है वो।
उसकी बात सुनकर सब हंस पड़े।
शाम को सात बजे शिवा आया और उसके हाथ में एक पैकेट था जिसमें वाइन और व्हिस्की थीं।
सब मस्त होकर बैठे थे आज पार्टी जो होनी थी।
- pongapandit
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
Hotttttttttttttttttttt update bhai
- jay
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना
Superb.......update bro
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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