एक एक आहट "ज़िंदगी" की complete
- Kautilay
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Re: एक एक आहट "ज़िंदगी" की
Wonderful....keep it up.....
- Sexi Rebel
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Re: एक एक आहट "ज़िंदगी" की
dhanwad bandhuKautilay wrote:Wonderful....keep it up.....
- Sexi Rebel
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एक एक आहट "ज़िंदगी" की-81-82
गतान्क से आगे..............
रितिका को ऐसा खड़ा देख अंकित की तो सॉलिड लग गयी वो बेचारा अपने लंड से परेशान अगर उसके हाथ में
होता तो वो कभी उसे खड़ा नही होने देता ऐसी सिचुयेशन में....कभी लंड अंदर फुदकी मार के इधर होता
तो कभी उधर ... बेचारा हाथ बँधे की वजह से अड्जस्ट भी नही कर पा रहा था....
तभी रितिका अपनी कमर को मतकाते हुए पलंग के पास जाने लगी...अंकित की तो आँखों में सेक्स का नशा
सर चढ़ के बोल रहा था रितिका की वो वो ठुमकती कमर में हिलती गान्ड उफ़फ्फ़ क्या सीन था...उसके बाद
का सीन तो और कातिलाना था...रितिका ने अपने आप को हल्का सा झुकाया जिससे उसकी गान्ड उभर के अंकित के
सामने आ गई..एक तो कमर तक ड्रेस उपर से नीचे कुछ पहना हुआ नही...वो गान्ड का छेद और पीछे से
चूत का छेद ऐसे दिख रहा था मानो अभी खा जाएगा उसे अंकित...उसकी तो लार टपकने लगी वहीं लंड
जीन्स की चैन में ज़ोरों से चुभने लगा....
तभी अंकित की कान में एक बेहद सेडक्टिव इंग्लीश सॉंग सुनाई पड़ा.....रितिका मूडी और फिर कमर
मटकाती हुई अंकित से थोड़ी दूर पे जाके खड़ी हो गयी...और उसे आँख मार दी...
अंकित ने जीब बाहर निकाली बस आगे के पल के इंतजार में बैठा था कि अब क्या होगा....और फिर हुआ अंकित
की बजाने का दूसरा सेशन...उसके बाद तो रितिका ने जो सेडक्टिव मूव्स देते हुए डॅन्स शुरू किया है
उसने तो अंकित की साँसे ही उखाड़ दी....
कभी अपनी गान्ड पे हाथ रख के उसने कमर को गोल गोल घुमाया हाई...कभी झुक झुक के अपने बूब्स
के दर्शन करवाते हुए उन्हे दबाती हुए अपनी बॉडी हिलाई है..तो कभी अपने बालों को उपर कर के
अपने दोनो हाथ उपर करके अपने शरीर को अंकित को खुला दिखाया है...
और फिर अंकित के पास जाके उसके चेहरे के पास अपने बूब्स हिलाए हैं..उसे ललचाने के लिए तो
कुर्सी पकड़ के अपनी गान्ड को अंकित के लंड के ठीक थोड़ा उपर रख के घुमाया है...
इस पल ने तो अंकित की बॅंड ही बजा दी.....
अंकित :- प्लीज़ रितिका यार हाथ खोल दे....बस कर..नही सह सकता और...(फाइनली अंकित ने हर मानते हुए
कहा)
रितिका हंस पड़ी.....
अंकित :- हंस मत...यहाँ आज तूने बॅंड बजा दी है...प्लीज़ खोल दे यार..आइ बेग यू..(बच्चे जैसा मुँह बनाते
हुए)
रितिका :- ह्म्म्म्मम..सोचने दो....(एटीटियूड में खड़े होते हुए) वैसे...तुम्हे ऐसे देख के बड़ा मज़ा
आ रहा है....तुझे यूँ ताड़पता हुआ देख के(उसके गालों पे अपने नाख़ून गढ़ाते हुए)
अंकित :- एक बार खोल के दे फिर देख आज ये हिन्दुस्तानी लड़का तुझ हिंदू कम न्यू यॉर्क बिल्ली को कैसे कुरेदता
है....
रितिका :- ओह्ह कॉन्फिडेन्स ह्म्म..आइ लीके इट...देन लेट्स सी....
और रितिका अपने नाख़ून को उसके शरीर पर रेंगते हुए नीचे लाती हुई ठीक उसकी जीन्स के उभार पे रख के वहाँ ज़ोर से दबा देती है...
उईईइ माआ...मार डाला रे.........अंकित अपना सर छत की तरफ कर के सिसक उठता है....
फिर रितिका धीरे से जीन्स के बटन और ज़िप को नीचे कर देती है...अंकित बिना रितिका के कहे अपनी गान्ड जितनी
उठा सकता था उतनी उठा लेता है..रितिका उसके इतने उतावले पन को देख के मुस्कुरा पड़ती है और फट से
उसकी जीन्स नीचे कर देती है..और उसके बाद उसका कच्छा भी.....और जैसे ही उसका कच्छा नीचे होता है.
हााअ..आहह व्हाट आ रिलीफ.......(अंकित तो ऐसे खुश होता है
मानो दुनिया की हर हॉट लड़की की मार चुका हो)
हववव.......कितना लाल हो गया अन्कित्स बिग कॉक..हहेहेहेहेहेहेः...(बोलते हुए रितिका हँसने लगती है)
अंकित :- हँसी आ रही है...अरे पता है कितना दर्द हो रहा था...ऐसा लग रहा था मानो कोई सूइयां चुबा
रहा हो अंदर एक एक कर के...क्या हालत हो गई है....बहुत दर्द हो रहा है.....
फिर रितिका उसे अपने हाथ से पकड़ के उठाती है....
अहह ओह्ह्ह उईईईईई माँ...दर्द हो रहा है.....अंकित दर्द में सिसक उठता है..उसकी आँखों
से पानी निकल आता है...
और पहली बार रितिका को अंदाज़ा होता है कि सच में अंकित को काफ़ी दर्द हो रहा है...वो कुछ नही बोलती..
पर उसके चेहरे पे एक दुख होता है..इसलिए वो अपनी जीब बाहर निकाल के उसे चाटने लगती है..
अंकित उसे इस हालत मे देख के घायल हो जाता है..रितिका बिल्कुल लंड को ऐसे चाट रही थी मानो कुत्ता कोई
हड्डी चाटता है....
रितिका की गर्म जीब का जादू अंकित पे सर चढ़ के बोल रहा था...लंड पर नरम और गीली चीज़ का एहसास
पाके अंकित को दर्द से धीरे धीरे छुटकारा मिलने लगा...उसकी आँखें मस्ती में घूम रही थी...जब रितिका
ने देखा अंकित कुछ नॉर्मल हो गया है..तो रितिका ने अपने हाथ आगे बढ़ा के लंड को सीधा किया..
और उसे अपने मुँह के अंदर बाहर लिया और अंकित को देखने लगी...अंकित की नज़र भी रितिका पे पड़ी जैसे
ही उसने लंड मुँह में लिया ....
क्या सीन था अंकित के लिए उसके सपने में भी नही सोचा था कि इतनी सेक्सी हॉट लड़की उसका लंड ऐसे मुँह में
लेके बैठी होगी..पर ये सच था कोई सपना नही...रितिका ने चेहरे पे मुस्कान फैलाई और फिर लंड को स्यौर्र्र
करके मुँह से बाहर निकाला और फिर अंदर डाल लिया.....
अहह ओह येस्स.स....................यौरर.... डॅम....गूड्ड़.अहह...
रितिका अंकित के लंड को सक करने लगी..बीच बीच में जीब से उसके सुपाडे को सहलाने लगी जिससे अंकित
के शरीर में एक झुरजूरी सी दौड़ जाती.....
अंकित :- आहह..उफफफफफफफफफफफ्फ़...रीतितका.आ..आ.आ...प्लीज़ ओपन माइ हण्दड़ड़.द.द...
रितिका लंड बाहर निकाल के...माइ पनिशमेंट ईज़ नोट ओवर एट.....(एक सेडक्टिव स्माइल देती है और फिर लंड मुँह
में ले लेती है)
स्यौरर तसुसपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प उःम्म्म्मममममम...जैसी आवाज़ें आ रही थी......रितिका अब तेज़ी से लंड सक करने
लगी..मानो किसी ने मशीन चला दी हो ... उपर से अपने नखुनो से लंड की बॉल्स को कुरेदने लगी....
आहहह ओह मययययययययययी ...रितिका...ससिईईईईई उफ्फ.....आहूऊऊऊओ ये.स.सस्स....
उ अरे ए ए दांं गुड इन सक.सी..सीसी.किंग.ग..ग.ग..ई लॉव..ए.ए..ए. इट.त......यस ओह्ह्ह्ह....
रितिका तेज़ी से लंड को सक कर रही थी.....नीचे से बॉल्स को बढ़ाने लगी..
ओह्ह आहहह एस.स...आइ आमम्म.क...कुमिणटज्ग्ग..ग.ग.ग.ग..ग.ग..ग.ग.ग.ग.गगगगगगगगगगगगगगगगग.....(वो अपने हाथ से मानो रितिका का सर पकड़ने की कोशिस कर रहा हो..पर हाथ बँधे होने की वजह से वो ऐसा नही कर पा रहा
था) रितिका....आइ अम्म कुमिणत्ग.ग..ग...(फाइनली वो तेज आवाज़ के साथ झटके मारने लगा....कमर
भी बुरी तरह से हिलने लगी)
रितिका ने बिना हाथों की मदद से लंड को अपने मुँह से जकड़ा हुआ था..और लंड पूरा मुँह में था
इसलिए लंड से निकली क्रीम सीधे उसके गले में जा रही थी.....(3-4 झटके मारने के बाद अंकित थोड़ा शांत
हुआ और हाँफने लगा)
और रितिका ने भी अपना मुँह बाहर खिचा...तसुपप्प्प्प्प्प पुक्क्कककककककक करके लंड मुँह से बाहर आ गया...
रितिका लंड को मस्ती भरी नज़रों से देखने लगी..झड़ने के बाद भी लंड बिल्कुल वैसा ही खड़ा था..
रितिका अंकित को देखने लगी...अंकित रितिका को देख मुस्कुराने लगा..
अंकित :- आज ये बिल्ली मार के छोड़ेगा...उससे पहले इसका कोई भी कुछ नही बिगाड़ सकता...
रितिका मुस्कुरा पड़ी..और फिर खड़ी हो गयी....और कमरे से जाने लगी...
अंकित :-आ रे कहाँ जा रही है..खोल तो दो...
रितिका :- खोल दूं..
अंकित :- हाँ प्लीज़ यार...खोल दे..
रितिका :- अच्छा थोड़ी देर पहले तक तो कोई बिल्ली मारने की बात कर रहा था...
अंकित :- हाँ वो तो मारूँगा ही...
रितिका :- तो नही खोलूँगी.....(आक्टिंग करते हुए)
अंकित :- अच्छा ठीक है मत खोल...जानता हूँ बिल्ली खुद चल के आ जाएगी.....
रितिका हंस पड़ी...अच्छा बाब खोल देती हूँ....और फिर रितिका अंकित के एक एक कर के हाथ पैर खोल
देती है...अंकित जल्दी से फ़ौरन उठता है और अंगड़ाई लेता है...मानो शरीर खोल रहा हो जो बैठे बैठे
अकड़ चुका था...
रितिका :- अच्छा में जाउ...(रितिका बोल के पीछे भागने लगती है)
पर अंकित अपने हाथ आगे बढ़ा के उसको कमर से पकड़ के अपनी तरफ खिच लेता है...
अभी कहाँ जानेमन..अभी तो बहुत कुछ बाकी है..(बोलता हुआ अंकित अपनी नाक से रितिका की नाक पे मारता है और अपने होंठ यहाँ वहाँ घुमाता है उसके चेहरे पर)
और थोड़ा सा आगे बढ़ाता है..कि उसका पैर अपनी जीन्स में फँस जाता है..और दोनो सीधा बेड पे जा गिरते हैं
अंकित का पूरा शरीर रितिका के शरीर में धँस जाता है..
अहह सीईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़. अंकित.त....इस बार सिसकने की बारी रितिका की थी..क्यूँ कि उसके वो पहाड़ जैसे सख़्त बूब्स अंकित की चेस्ट में धँस गये थे..और अँकति का लंड चूत के उपर प्रेस हो गया था.
अंकित गालों पे और गर्दन पे किस करता हुआ..
अंकित :- असली खेल तो अब शुरू होगा ... (बोलते हुए उसके होंठों पे टूट पड़ता है और दोनो एक ज़बरदस्त
स्मूच में खो जाते हैं रितिका के हाथ अंकित के बालों में घुस जाते हैं और अंकित के हाथ लेफ्ट बूब्स के उपर चल देते हैं ... और दोनो एक दूसरे के होंठों को बुरी तरह से चूसने और चाटने लगते हैं......)
क्रमशः...........................
रितिका को ऐसा खड़ा देख अंकित की तो सॉलिड लग गयी वो बेचारा अपने लंड से परेशान अगर उसके हाथ में
होता तो वो कभी उसे खड़ा नही होने देता ऐसी सिचुयेशन में....कभी लंड अंदर फुदकी मार के इधर होता
तो कभी उधर ... बेचारा हाथ बँधे की वजह से अड्जस्ट भी नही कर पा रहा था....
तभी रितिका अपनी कमर को मतकाते हुए पलंग के पास जाने लगी...अंकित की तो आँखों में सेक्स का नशा
सर चढ़ के बोल रहा था रितिका की वो वो ठुमकती कमर में हिलती गान्ड उफ़फ्फ़ क्या सीन था...उसके बाद
का सीन तो और कातिलाना था...रितिका ने अपने आप को हल्का सा झुकाया जिससे उसकी गान्ड उभर के अंकित के
सामने आ गई..एक तो कमर तक ड्रेस उपर से नीचे कुछ पहना हुआ नही...वो गान्ड का छेद और पीछे से
चूत का छेद ऐसे दिख रहा था मानो अभी खा जाएगा उसे अंकित...उसकी तो लार टपकने लगी वहीं लंड
जीन्स की चैन में ज़ोरों से चुभने लगा....
तभी अंकित की कान में एक बेहद सेडक्टिव इंग्लीश सॉंग सुनाई पड़ा.....रितिका मूडी और फिर कमर
मटकाती हुई अंकित से थोड़ी दूर पे जाके खड़ी हो गयी...और उसे आँख मार दी...
अंकित ने जीब बाहर निकाली बस आगे के पल के इंतजार में बैठा था कि अब क्या होगा....और फिर हुआ अंकित
की बजाने का दूसरा सेशन...उसके बाद तो रितिका ने जो सेडक्टिव मूव्स देते हुए डॅन्स शुरू किया है
उसने तो अंकित की साँसे ही उखाड़ दी....
कभी अपनी गान्ड पे हाथ रख के उसने कमर को गोल गोल घुमाया हाई...कभी झुक झुक के अपने बूब्स
के दर्शन करवाते हुए उन्हे दबाती हुए अपनी बॉडी हिलाई है..तो कभी अपने बालों को उपर कर के
अपने दोनो हाथ उपर करके अपने शरीर को अंकित को खुला दिखाया है...
और फिर अंकित के पास जाके उसके चेहरे के पास अपने बूब्स हिलाए हैं..उसे ललचाने के लिए तो
कुर्सी पकड़ के अपनी गान्ड को अंकित के लंड के ठीक थोड़ा उपर रख के घुमाया है...
इस पल ने तो अंकित की बॅंड ही बजा दी.....
अंकित :- प्लीज़ रितिका यार हाथ खोल दे....बस कर..नही सह सकता और...(फाइनली अंकित ने हर मानते हुए
कहा)
रितिका हंस पड़ी.....
अंकित :- हंस मत...यहाँ आज तूने बॅंड बजा दी है...प्लीज़ खोल दे यार..आइ बेग यू..(बच्चे जैसा मुँह बनाते
हुए)
रितिका :- ह्म्म्म्मम..सोचने दो....(एटीटियूड में खड़े होते हुए) वैसे...तुम्हे ऐसे देख के बड़ा मज़ा
आ रहा है....तुझे यूँ ताड़पता हुआ देख के(उसके गालों पे अपने नाख़ून गढ़ाते हुए)
अंकित :- एक बार खोल के दे फिर देख आज ये हिन्दुस्तानी लड़का तुझ हिंदू कम न्यू यॉर्क बिल्ली को कैसे कुरेदता
है....
रितिका :- ओह्ह कॉन्फिडेन्स ह्म्म..आइ लीके इट...देन लेट्स सी....
और रितिका अपने नाख़ून को उसके शरीर पर रेंगते हुए नीचे लाती हुई ठीक उसकी जीन्स के उभार पे रख के वहाँ ज़ोर से दबा देती है...
उईईइ माआ...मार डाला रे.........अंकित अपना सर छत की तरफ कर के सिसक उठता है....
फिर रितिका धीरे से जीन्स के बटन और ज़िप को नीचे कर देती है...अंकित बिना रितिका के कहे अपनी गान्ड जितनी
उठा सकता था उतनी उठा लेता है..रितिका उसके इतने उतावले पन को देख के मुस्कुरा पड़ती है और फट से
उसकी जीन्स नीचे कर देती है..और उसके बाद उसका कच्छा भी.....और जैसे ही उसका कच्छा नीचे होता है.
हााअ..आहह व्हाट आ रिलीफ.......(अंकित तो ऐसे खुश होता है
मानो दुनिया की हर हॉट लड़की की मार चुका हो)
हववव.......कितना लाल हो गया अन्कित्स बिग कॉक..हहेहेहेहेहेहेः...(बोलते हुए रितिका हँसने लगती है)
अंकित :- हँसी आ रही है...अरे पता है कितना दर्द हो रहा था...ऐसा लग रहा था मानो कोई सूइयां चुबा
रहा हो अंदर एक एक कर के...क्या हालत हो गई है....बहुत दर्द हो रहा है.....
फिर रितिका उसे अपने हाथ से पकड़ के उठाती है....
अहह ओह्ह्ह उईईईईई माँ...दर्द हो रहा है.....अंकित दर्द में सिसक उठता है..उसकी आँखों
से पानी निकल आता है...
और पहली बार रितिका को अंदाज़ा होता है कि सच में अंकित को काफ़ी दर्द हो रहा है...वो कुछ नही बोलती..
पर उसके चेहरे पे एक दुख होता है..इसलिए वो अपनी जीब बाहर निकाल के उसे चाटने लगती है..
अंकित उसे इस हालत मे देख के घायल हो जाता है..रितिका बिल्कुल लंड को ऐसे चाट रही थी मानो कुत्ता कोई
हड्डी चाटता है....
रितिका की गर्म जीब का जादू अंकित पे सर चढ़ के बोल रहा था...लंड पर नरम और गीली चीज़ का एहसास
पाके अंकित को दर्द से धीरे धीरे छुटकारा मिलने लगा...उसकी आँखें मस्ती में घूम रही थी...जब रितिका
ने देखा अंकित कुछ नॉर्मल हो गया है..तो रितिका ने अपने हाथ आगे बढ़ा के लंड को सीधा किया..
और उसे अपने मुँह के अंदर बाहर लिया और अंकित को देखने लगी...अंकित की नज़र भी रितिका पे पड़ी जैसे
ही उसने लंड मुँह में लिया ....
क्या सीन था अंकित के लिए उसके सपने में भी नही सोचा था कि इतनी सेक्सी हॉट लड़की उसका लंड ऐसे मुँह में
लेके बैठी होगी..पर ये सच था कोई सपना नही...रितिका ने चेहरे पे मुस्कान फैलाई और फिर लंड को स्यौर्र्र
करके मुँह से बाहर निकाला और फिर अंदर डाल लिया.....
अहह ओह येस्स.स....................यौरर.... डॅम....गूड्ड़.अहह...
रितिका अंकित के लंड को सक करने लगी..बीच बीच में जीब से उसके सुपाडे को सहलाने लगी जिससे अंकित
के शरीर में एक झुरजूरी सी दौड़ जाती.....
अंकित :- आहह..उफफफफफफफफफफफ्फ़...रीतितका.आ..आ.आ...प्लीज़ ओपन माइ हण्दड़ड़.द.द...
रितिका लंड बाहर निकाल के...माइ पनिशमेंट ईज़ नोट ओवर एट.....(एक सेडक्टिव स्माइल देती है और फिर लंड मुँह
में ले लेती है)
स्यौरर तसुसपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प उःम्म्म्मममममम...जैसी आवाज़ें आ रही थी......रितिका अब तेज़ी से लंड सक करने
लगी..मानो किसी ने मशीन चला दी हो ... उपर से अपने नखुनो से लंड की बॉल्स को कुरेदने लगी....
आहहह ओह मययययययययययी ...रितिका...ससिईईईईई उफ्फ.....आहूऊऊऊओ ये.स.सस्स....
उ अरे ए ए दांं गुड इन सक.सी..सीसी.किंग.ग..ग.ग..ई लॉव..ए.ए..ए. इट.त......यस ओह्ह्ह्ह....
रितिका तेज़ी से लंड को सक कर रही थी.....नीचे से बॉल्स को बढ़ाने लगी..
ओह्ह आहहह एस.स...आइ आमम्म.क...कुमिणटज्ग्ग..ग.ग.ग.ग..ग.ग..ग.ग.ग.ग.गगगगगगगगगगगगगगगगग.....(वो अपने हाथ से मानो रितिका का सर पकड़ने की कोशिस कर रहा हो..पर हाथ बँधे होने की वजह से वो ऐसा नही कर पा रहा
था) रितिका....आइ अम्म कुमिणत्ग.ग..ग...(फाइनली वो तेज आवाज़ के साथ झटके मारने लगा....कमर
भी बुरी तरह से हिलने लगी)
रितिका ने बिना हाथों की मदद से लंड को अपने मुँह से जकड़ा हुआ था..और लंड पूरा मुँह में था
इसलिए लंड से निकली क्रीम सीधे उसके गले में जा रही थी.....(3-4 झटके मारने के बाद अंकित थोड़ा शांत
हुआ और हाँफने लगा)
और रितिका ने भी अपना मुँह बाहर खिचा...तसुपप्प्प्प्प्प पुक्क्कककककककक करके लंड मुँह से बाहर आ गया...
रितिका लंड को मस्ती भरी नज़रों से देखने लगी..झड़ने के बाद भी लंड बिल्कुल वैसा ही खड़ा था..
रितिका अंकित को देखने लगी...अंकित रितिका को देख मुस्कुराने लगा..
अंकित :- आज ये बिल्ली मार के छोड़ेगा...उससे पहले इसका कोई भी कुछ नही बिगाड़ सकता...
रितिका मुस्कुरा पड़ी..और फिर खड़ी हो गयी....और कमरे से जाने लगी...
अंकित :-आ रे कहाँ जा रही है..खोल तो दो...
रितिका :- खोल दूं..
अंकित :- हाँ प्लीज़ यार...खोल दे..
रितिका :- अच्छा थोड़ी देर पहले तक तो कोई बिल्ली मारने की बात कर रहा था...
अंकित :- हाँ वो तो मारूँगा ही...
रितिका :- तो नही खोलूँगी.....(आक्टिंग करते हुए)
अंकित :- अच्छा ठीक है मत खोल...जानता हूँ बिल्ली खुद चल के आ जाएगी.....
रितिका हंस पड़ी...अच्छा बाब खोल देती हूँ....और फिर रितिका अंकित के एक एक कर के हाथ पैर खोल
देती है...अंकित जल्दी से फ़ौरन उठता है और अंगड़ाई लेता है...मानो शरीर खोल रहा हो जो बैठे बैठे
अकड़ चुका था...
रितिका :- अच्छा में जाउ...(रितिका बोल के पीछे भागने लगती है)
पर अंकित अपने हाथ आगे बढ़ा के उसको कमर से पकड़ के अपनी तरफ खिच लेता है...
अभी कहाँ जानेमन..अभी तो बहुत कुछ बाकी है..(बोलता हुआ अंकित अपनी नाक से रितिका की नाक पे मारता है और अपने होंठ यहाँ वहाँ घुमाता है उसके चेहरे पर)
और थोड़ा सा आगे बढ़ाता है..कि उसका पैर अपनी जीन्स में फँस जाता है..और दोनो सीधा बेड पे जा गिरते हैं
अंकित का पूरा शरीर रितिका के शरीर में धँस जाता है..
अहह सीईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़. अंकित.त....इस बार सिसकने की बारी रितिका की थी..क्यूँ कि उसके वो पहाड़ जैसे सख़्त बूब्स अंकित की चेस्ट में धँस गये थे..और अँकति का लंड चूत के उपर प्रेस हो गया था.
अंकित गालों पे और गर्दन पे किस करता हुआ..
अंकित :- असली खेल तो अब शुरू होगा ... (बोलते हुए उसके होंठों पे टूट पड़ता है और दोनो एक ज़बरदस्त
स्मूच में खो जाते हैं रितिका के हाथ अंकित के बालों में घुस जाते हैं और अंकित के हाथ लेफ्ट बूब्स के उपर चल देते हैं ... और दोनो एक दूसरे के होंठों को बुरी तरह से चूसने और चाटने लगते हैं......)
क्रमशः...........................
- Sexi Rebel
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एक एक आहट "ज़िंदगी" की-83-84
गतान्क से आगे..............
रितिका के उपर अंकित पड़ा उसे चूमे जा रहा था...होंठों को अपने होंठों की गिरफ़्त में लेके उसके
मीठे रस का पान करने में उसे बड़ा मज़ा आ रहा था..उसी अपनी चेस्ट में चूबते हुए कड़क
बूब्स सॉफ महसूस हो रहे थे..और अपने लंड को चूत पे भी वो सॉफ महसूस कर पा रहा था...
कुछ मिनट तक ये रंगीन खेल चलता रहा...फिर वो रितिका के उपर से हट के खड़ा हो गया.....
रितिका अंकित को देखने लगी....अंकित तो रितिका के शरीर को घूर रहा था...रितिका शरमा गयी और उसने अपनी
आँखें बंद कर के चेहरा बेड में घुसा लिया....
अंकित ने अपने खुले हुए कपड़ों को उतारना चालू रखा और उसे उतार के शरीर से अलग कर दिया और
बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया..
अंकित :- वैसे तो इस ड्रेस में कयामत लग रही हो ... दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की आज मेरे पलंग
पे लेटी हुई है...लेकिन कम्बख़्त इस दिल को तो बिना कपड़ों के देखना है इस शरीर को..
वो आगे बढ़ा और अपने हाथों को रितिका की जाँघो पे रख दिया..
रितिका के मुँह से सीईइ हल्की सिसकी निकली...अंकित अपने कड़क हाथों से सहलाता हुआ उपर की तरफ बढ़ाता
रहा...साथ साथ मे उसकी छोटी सी टू पीस वाली ड्रेस को उपर उठाता रहा..रितिका ने भी पूरा साथ दिया अपनी
गान्ड और अपनी कमर उठा के...आख़िर चुचों पर कड़क हाथ पड़े तो वो पिचक गये...
रितिका की तो आहह निकल गयी...और रितिका ने अंकित की आँखों में देखा ... दोनो ने एक दूसरे की
आँखों में देखा और रितिका ने किसी रोबोट की तरह अंकित की आँखों का इशारा समझते हुए अपने कंधे
उपर उठा लिए..और बस अंकित के लिए यही समय था उस ड्रेस को शरीर से अलग करने का...और उसने
ये काम बखूबी करते हुए अलग कर दिया.....
एक बार फिर दो जान दो जिस्म नंगी अवस्था में एक दूसरे के सामने थे.....दोनो के शरीर में से आग
निकल रही थी..और एक आग बुझाने के लिए दो जान दो जिस्म को एक होना पड़ेगा और अपनी अपनी आग को एक दूसरे
के शरीर में छोड़ना पड़ेगा तभी भुजेगी..ये आग होती ही ऐसी है....
अंकित ने ड्रेस को फैंक दिया ... दोनो की आँखों में एक वासना एक जुनून दिखाई दे रहा था...अंकित ने दोनो
हाथों से रितिका के चेहरे को पकड़ा और अपनी अंगूठे से उसके गाल सहलाने लगा...रितिका अपना चेहरा
हिला डुळा के उस अंगूठे पे अपने होंठ रगड़ने की कॉसिश कर रही थी...
फिर अंकित ने वक़्त ना गँवाते हुए एक बार फिर अपने होंठों से रितिका के होंठों को पकड़ लिया और उन्हे
किस करने लगा...रितिका का भी पूरा रेस्पॉन्स था वो भी उस जबरदस्त किस में उसका साथ
दे रही थी...
रितिका पलंग पे बिछी हुई थी और अब उसके उपर अंकित बिछ चुका था..दोनो के शरीर एक दूसरे से लिपटे
हुए थी..दो नग्न शरीर....लंड चूत पे बार बार दस्तक दे रहा था..चूत की गर्मी पानी के रूप में
उसके उपर बनी हुई थी...
किस करते हुए अंकित का हाथ रितिका के शरीर को सहलाता हुआ नीचे आने लगा और उसकी चूत की फांकों
पे अपनी उंगली रख के उसकी क्लिट को घिसने लगा...
उंघह उःम्म्म्ममम फ़ौरन रितिका के मुँह से दबी हुई आवाज़ निकली जो अंकित के मुँह में ही खो
गयी और उसके शरीर में एक करंट सी दौड़ गयी...बिल्ली को जितना ळलचाओगे वो उतनी गुस्सैल हो जाती है यही
अंकित कर रहा था वो रितिका को पागल बना रहा था.....
रितिका और बुरी तरह से अपने होंठ और अपनी जीब चला चला के उसे किस करे जा रही थी जिसमे
अंकित को भी मज़ा आ रहा था....
अंकित ने अपनी उंगली को चूत की दरार में फँसा के वहाँ उसे उपर नीचे कर रहा था...एक औरत के लिए
शायद इससे बड़ा सुख कोई नही हो सकता जब उसका शरीर प्यासा हो...
रितिका की हालत बुरी होती जा रही थी...लेकिन वो हार मान के झड़ना नही चाहती थी अभी..इसलिए उसने अपने हाथ
नीचे ले जाते हुए अंकित के लंड पर रख दिए और उसे स्ट्रोक देने लगी..
इस बार सिसकी लेने की बारी अंकित की थी...लेकिन वो ज़्यादा उतेज़ित नही हुआ क्यूँ कि थोड़ी ही देर पहले उसने अपना
लोड .. रितिका के मुँह में अनलोड किया था...
दोनो के बीच ये घमासान कुछ 15 से 20 तक चलता रहा....उसके बाद तोड़ा भी अंकित ने ही ये सुख
का मिलन...रितिका तो और करना चाहती थी..उसको तो बहुत मज़ा आ रहा था..जब अंकित अलग हुआ तो रितिका
ने उसे घुरते हुए देखा...
अंकित :- अब बताऊगा मैं टॉर्चर क्या होता है.. (और मुस्कुरा दिया)
रितिका :- ह्म्म्म्मम..(कसमसाती हुई बस इतना ही बोली और अंकित का हाथ पकड़ के अपने चुचों पे रख
के उसे इशारा करने लगी दबाओ इन्हे यही मेरे लिए सबसे बड़ा टॉर्चर होगा)
पर अंकित ने तो कुछ और ही सोच लिया था शायद...खुरापाती दिमाग़ में एक शैतानी आइडिया आ गया था उसके
अंकित ने अपने हाथ हटा लिए..
अंकित :- में बस 10 मिनट में आया....(बोलते हुए वो बेड से खड़ा हो गया)
रितिका :- (उसको एक दम अजीब सा लगा कि अचानक क्या हुआ उसे) अंकित ..व्हेअर
अंकित :- (पूरा नही बोलने देता) बस आया..(बोलते हुए वो नंगा कमरे से बाहर निकल गया)
रितिका उसे रोकने के लिए आवाज़ लगाती रही..लेकिन वो नही सुना...वो बेड पर बैठ सी गयी...फिर उसे अपनी इस
नंगी अवस्था में खुद को पाके थोड़ी सी शरम आ गयी तो उसने अपने आप को चादर से ढक लिया..
(ये नेचुरल है...वासना का एक खेल ऐसा है जब दिमाग़ पे चढ़ता है तो सारे शरम सारा लिहाज़ उतर जाते
है और जब उतरता है तो शरम से पानी पानी भी कर देता है इंसान को )
रितिका :- पता नही ये लड़का कब सुधरेगा...और करने क्या गया है पता नही...
10 मिनट बीत गये......15 मिनट बीत गये...रितिका बैठे बाते परेशान हो गयी..
रितिका :- क्या कर रहा है...मुझे जाके देखना चाहिए...(वो चादर हटा के उठने ही वाली होती है)
कि तभी रूम का डोर खुलता है..और अंकित अंदर घुसता है.....रितिका उसको देख के फिर से चादर ढक लेती
है..
अंकित :- अरे ये क्या में थोड़ी देर के लिए बाहर गया तुम ने मेरी सुंदर सेक्सी रितिका को मुझसे छीन लिया
रितिका समझ गयी अंकित क्या कहना चाहा रहा था...उसके चेहरे पर एक बेहद प्यारी स्माइल आ गयी...
रितिका :- ये हाथ में क्या है...
अंकित अपने हाथ में पकड़ा एक छोटा सा बोवल को देखता है और फिर रितिका की तरफ देखता है और एक ख़तरनाक स्माइल दे देता है..
अंकित :- टोर्चर करने का इंतेज़ाम.....
रितिका अंकित की बात सुन के थोड़ी सी शॉक हो जाती है उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती है...वो तो यही
सोच रही थी कि अंकित मज़ाक कर रहा है और कुछ नही..उसे बिल्कुल भी नही लगा था कि अंकित कुछ ऐसा
भी करेगा..
क्रमशः...........................
रितिका के उपर अंकित पड़ा उसे चूमे जा रहा था...होंठों को अपने होंठों की गिरफ़्त में लेके उसके
मीठे रस का पान करने में उसे बड़ा मज़ा आ रहा था..उसी अपनी चेस्ट में चूबते हुए कड़क
बूब्स सॉफ महसूस हो रहे थे..और अपने लंड को चूत पे भी वो सॉफ महसूस कर पा रहा था...
कुछ मिनट तक ये रंगीन खेल चलता रहा...फिर वो रितिका के उपर से हट के खड़ा हो गया.....
रितिका अंकित को देखने लगी....अंकित तो रितिका के शरीर को घूर रहा था...रितिका शरमा गयी और उसने अपनी
आँखें बंद कर के चेहरा बेड में घुसा लिया....
अंकित ने अपने खुले हुए कपड़ों को उतारना चालू रखा और उसे उतार के शरीर से अलग कर दिया और
बिल्कुल नंगा खड़ा हो गया..
अंकित :- वैसे तो इस ड्रेस में कयामत लग रही हो ... दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की आज मेरे पलंग
पे लेटी हुई है...लेकिन कम्बख़्त इस दिल को तो बिना कपड़ों के देखना है इस शरीर को..
वो आगे बढ़ा और अपने हाथों को रितिका की जाँघो पे रख दिया..
रितिका के मुँह से सीईइ हल्की सिसकी निकली...अंकित अपने कड़क हाथों से सहलाता हुआ उपर की तरफ बढ़ाता
रहा...साथ साथ मे उसकी छोटी सी टू पीस वाली ड्रेस को उपर उठाता रहा..रितिका ने भी पूरा साथ दिया अपनी
गान्ड और अपनी कमर उठा के...आख़िर चुचों पर कड़क हाथ पड़े तो वो पिचक गये...
रितिका की तो आहह निकल गयी...और रितिका ने अंकित की आँखों में देखा ... दोनो ने एक दूसरे की
आँखों में देखा और रितिका ने किसी रोबोट की तरह अंकित की आँखों का इशारा समझते हुए अपने कंधे
उपर उठा लिए..और बस अंकित के लिए यही समय था उस ड्रेस को शरीर से अलग करने का...और उसने
ये काम बखूबी करते हुए अलग कर दिया.....
एक बार फिर दो जान दो जिस्म नंगी अवस्था में एक दूसरे के सामने थे.....दोनो के शरीर में से आग
निकल रही थी..और एक आग बुझाने के लिए दो जान दो जिस्म को एक होना पड़ेगा और अपनी अपनी आग को एक दूसरे
के शरीर में छोड़ना पड़ेगा तभी भुजेगी..ये आग होती ही ऐसी है....
अंकित ने ड्रेस को फैंक दिया ... दोनो की आँखों में एक वासना एक जुनून दिखाई दे रहा था...अंकित ने दोनो
हाथों से रितिका के चेहरे को पकड़ा और अपनी अंगूठे से उसके गाल सहलाने लगा...रितिका अपना चेहरा
हिला डुळा के उस अंगूठे पे अपने होंठ रगड़ने की कॉसिश कर रही थी...
फिर अंकित ने वक़्त ना गँवाते हुए एक बार फिर अपने होंठों से रितिका के होंठों को पकड़ लिया और उन्हे
किस करने लगा...रितिका का भी पूरा रेस्पॉन्स था वो भी उस जबरदस्त किस में उसका साथ
दे रही थी...
रितिका पलंग पे बिछी हुई थी और अब उसके उपर अंकित बिछ चुका था..दोनो के शरीर एक दूसरे से लिपटे
हुए थी..दो नग्न शरीर....लंड चूत पे बार बार दस्तक दे रहा था..चूत की गर्मी पानी के रूप में
उसके उपर बनी हुई थी...
किस करते हुए अंकित का हाथ रितिका के शरीर को सहलाता हुआ नीचे आने लगा और उसकी चूत की फांकों
पे अपनी उंगली रख के उसकी क्लिट को घिसने लगा...
उंघह उःम्म्म्ममम फ़ौरन रितिका के मुँह से दबी हुई आवाज़ निकली जो अंकित के मुँह में ही खो
गयी और उसके शरीर में एक करंट सी दौड़ गयी...बिल्ली को जितना ळलचाओगे वो उतनी गुस्सैल हो जाती है यही
अंकित कर रहा था वो रितिका को पागल बना रहा था.....
रितिका और बुरी तरह से अपने होंठ और अपनी जीब चला चला के उसे किस करे जा रही थी जिसमे
अंकित को भी मज़ा आ रहा था....
अंकित ने अपनी उंगली को चूत की दरार में फँसा के वहाँ उसे उपर नीचे कर रहा था...एक औरत के लिए
शायद इससे बड़ा सुख कोई नही हो सकता जब उसका शरीर प्यासा हो...
रितिका की हालत बुरी होती जा रही थी...लेकिन वो हार मान के झड़ना नही चाहती थी अभी..इसलिए उसने अपने हाथ
नीचे ले जाते हुए अंकित के लंड पर रख दिए और उसे स्ट्रोक देने लगी..
इस बार सिसकी लेने की बारी अंकित की थी...लेकिन वो ज़्यादा उतेज़ित नही हुआ क्यूँ कि थोड़ी ही देर पहले उसने अपना
लोड .. रितिका के मुँह में अनलोड किया था...
दोनो के बीच ये घमासान कुछ 15 से 20 तक चलता रहा....उसके बाद तोड़ा भी अंकित ने ही ये सुख
का मिलन...रितिका तो और करना चाहती थी..उसको तो बहुत मज़ा आ रहा था..जब अंकित अलग हुआ तो रितिका
ने उसे घुरते हुए देखा...
अंकित :- अब बताऊगा मैं टॉर्चर क्या होता है.. (और मुस्कुरा दिया)
रितिका :- ह्म्म्म्मम..(कसमसाती हुई बस इतना ही बोली और अंकित का हाथ पकड़ के अपने चुचों पे रख
के उसे इशारा करने लगी दबाओ इन्हे यही मेरे लिए सबसे बड़ा टॉर्चर होगा)
पर अंकित ने तो कुछ और ही सोच लिया था शायद...खुरापाती दिमाग़ में एक शैतानी आइडिया आ गया था उसके
अंकित ने अपने हाथ हटा लिए..
अंकित :- में बस 10 मिनट में आया....(बोलते हुए वो बेड से खड़ा हो गया)
रितिका :- (उसको एक दम अजीब सा लगा कि अचानक क्या हुआ उसे) अंकित ..व्हेअर
अंकित :- (पूरा नही बोलने देता) बस आया..(बोलते हुए वो नंगा कमरे से बाहर निकल गया)
रितिका उसे रोकने के लिए आवाज़ लगाती रही..लेकिन वो नही सुना...वो बेड पर बैठ सी गयी...फिर उसे अपनी इस
नंगी अवस्था में खुद को पाके थोड़ी सी शरम आ गयी तो उसने अपने आप को चादर से ढक लिया..
(ये नेचुरल है...वासना का एक खेल ऐसा है जब दिमाग़ पे चढ़ता है तो सारे शरम सारा लिहाज़ उतर जाते
है और जब उतरता है तो शरम से पानी पानी भी कर देता है इंसान को )
रितिका :- पता नही ये लड़का कब सुधरेगा...और करने क्या गया है पता नही...
10 मिनट बीत गये......15 मिनट बीत गये...रितिका बैठे बाते परेशान हो गयी..
रितिका :- क्या कर रहा है...मुझे जाके देखना चाहिए...(वो चादर हटा के उठने ही वाली होती है)
कि तभी रूम का डोर खुलता है..और अंकित अंदर घुसता है.....रितिका उसको देख के फिर से चादर ढक लेती
है..
अंकित :- अरे ये क्या में थोड़ी देर के लिए बाहर गया तुम ने मेरी सुंदर सेक्सी रितिका को मुझसे छीन लिया
रितिका समझ गयी अंकित क्या कहना चाहा रहा था...उसके चेहरे पर एक बेहद प्यारी स्माइल आ गयी...
रितिका :- ये हाथ में क्या है...
अंकित अपने हाथ में पकड़ा एक छोटा सा बोवल को देखता है और फिर रितिका की तरफ देखता है और एक ख़तरनाक स्माइल दे देता है..
अंकित :- टोर्चर करने का इंतेज़ाम.....
रितिका अंकित की बात सुन के थोड़ी सी शॉक हो जाती है उसके दिल की धड़कन बढ़ जाती है...वो तो यही
सोच रही थी कि अंकित मज़ाक कर रहा है और कुछ नही..उसे बिल्कुल भी नही लगा था कि अंकित कुछ ऐसा
भी करेगा..
क्रमशः...........................
- Sexi Rebel
- Novice User
- Posts: 950
- Joined: 27 Jul 2016 21:05
एक एक आहट "ज़िंदगी" की-85-86
गतान्क से आगे..............
रितिका :- क्या है ये...(घबराते हुए)
अंकित :- बस कुछ नही...अब ज़रा तुम्हे भी तो पता चले कि मेने क्या सहेन किया है (नज़ाकत में
बोलते हुए)
रितिका :- नो नो..अंकित..तुम ऐसा कुछ नही कर सकते....(वो चादर हटा के बेड पे खड़ी हो जाती है)
अंकित :- बिल्कुल कर सकता हूँ..कर सकता नही बिल्कुल करूँगा..
अंकित की बात सुन के रितिका बेड से उतर जाती है...अंकित उस बोवल को वहीं एक शेल्फ पे रख देता है..और
रितिका के करीब जाने लगता है...अंकित को करीब आता देख रितिका भागने लगती है....बेड के उपर चढ़ के
तो अंकित भी उसके पीछे पीछे भागता है...रितिका बस उस शेल्फ तक पहुचने वाली होती है कि पीछे
से अंकित उसे पकड़ के अपने से सटा लेता है..उसका लंड गान्ड की दरार में धँस सा जाता है....
आहहह अंकित..छोड़ो.....(रितिका दर्द में कसमा सी जाती है अंकित ने उसको कस के पकड़ के
रखा हुआ था)
अंकित उसे पीछे खिचता हुआ लाता है...और एक दम घुमा के उसके कंधों को पकड़ के...उसकी गर्दन
पे अपने होंठ रख देता है..रितिका की आँखें मस्ती में बंद हो जाती है...फिर वो उसे अपने हाथ के
दबाव से बेड के पास ले जाते हुए बेड पे धक्का देता है और फिर उसके उपर आ जाता है.....उसके बालों
को चेहरे से हटाता है..रितिका की आँखें बंद होती है..
अंकित :- ओपन युवर आइज़ रितिका...
रितिका आँखें खोलती है....
अंकित :- यू ट्रस्ट मी ना..
रितिका अपनी आँखों से हाँ में इशारा करती है..
अंकित :- बस तो....जस्ट रिलॅक्स...आज की रात इतनी यादगार बना दूँगा कि जिंदगी भर नही भूल पाओगी...
(ये बोलते हुए वहाँ से उठ के उस शेल्फ के पास जा के वो बोवल उठा लेता है)
इस बार रितिका नही हिलती वो वैसी ही पीठ के बल बेड पे लेटी रहती है..उसके दिल की धड़कन तेज़ चल रही थी
अंकित वो बोवल लेके बिल्कुल करीब आके घुटनो के बल पलंग पर बैठ गया......और रितिका को देखने लगा
रितिका भी अंकित को देखने लगी...और अगले ही पल अंकित ने ऐसा किया..
जिससे...अहह बहुत ही मीठी सिसकी रितिका के मुँह से निकली और उसकी आँखें मदहोशी में
बंद होती चली गयी.......
अंकित ने जैसे ही बोवल को धीरे धीरे उल्टा किया रितिका के बूब्स की दरार के उपर तभी रितिका के मूँह
से एक अहह.......निकल गयी...उसने अपने हाथों से बेडशीट पाकड़ ली और अपने
पैर पलंग पर घिसने लगी......उसकी आखें बंद थी और उसके मुँह से हल्की हल्की आह सीयी....सिसकियाँ बराबर
निकले जा रही थी.....
अंकित हाथ आगे बढ़ाता हुआ धीरे धीरे नीचे पेट की तरफ बढ़ रहा था और उस बोवल में से निकलती वो
मेल्ट चॉकलेट रितिका के शरीर के उपर गिर के उसे तडपा रही थी.....जैसे ही नाभि के छेद में वो हल्का
गर्म चॉकलेट गिरा..रितिका के मुँह से एक तेज सिक्सकी मुँह से निकल पड़ी.......
लेकिन अंकित तो रुका ही नही.....उसने चूत के ठीक उपर उस चॉकलेट को गिरा के हाथ की दिशा को मोड़ा
और उसकी थाइस पर जाने लगा..और वहाँ उस मेलटेड चॉकलेट को बिखेरने लगा....ऐसे करते करते
उसने दोनो थाइस्स पे गिराई घुटनो के उपर तक.....
रितिका थोड़ी दर्द में छटपटा रही थी..क्यूँ कि चॉकलेट गर्म थी....
फिर अंकित ने दोनो घुटनो टिका के रितिका के दोनो साइड मे किए और उसके उपर आ गया....हाथ में बोल चेहरे पर एक
शैतानी स्माइल और रितका को घूर्ने लगा..रितिका की आँखें बंद थी.....
अंकित बोवल को रितिका के बूब्स के पास लाया..और थोड़ा उपर किया अपना हाथ और बोवल को टेढ़ा
किया....एक पतली सी चॉकलेट की धार..नीचे आती हुई सीधी रितिका के निप्प्प्ल्स के उपर आ गिरी.....
आआहह अंकित्त्त्टटटटटतत्त..नूऊऊऊऊऊ...इत्सस सोस्स होत्त्त्टटटटटटटतत्त....
रितिका बोलते हुए अपना हाथ वहाँ ले जाके उसे सॉफ करने ही वाली थी कि अंकित ने उसका हाथ पकड़ लिया..
अंकित :- नो नो नो नू......हाथ नही लगा सकती.....मेने ट्रस्ट करके तुम्हारे हाथ नही बाँधे...
रितिका ने आँखें खोली तो उसकी आँखों से पानी निकल के चेहरे पे से होता हुआ बेड पे गिर गया....
उसको पेन हो रहा था......जो अंकित उसकी आँखों में देख रहा था...
उधर चॉकलते निपल्स पे पड़ के उसके चारों तरफ फैल गया.....अंकित ने कुछ और बूँद उस बूब पर गिराई और फिर सामने उसने दूसरे वाले के साथ भी किया...दोनो सुंदर सुंदर गोलियाँ अब एक डार्क चॉकलेट
के नीचे छुप गयी थी.......
अंकित ने बोवल को साइड में रख दिया...गर्म गर्म चॉकलेट रितिका के शरीर को झुलसा सा रही थी..उसे
दर्द हो रहा था लेकिन वो कुछ नही कर पा रही थी....अंकित ने दोनो हाथ से रितिका के हाथ को पकड़ के
उपर की तरफ कर दिया...और आगे झुक के उसके बूब्स के बेहद करीब पहुच गया....
और अपनी जीब निकाल की रितिका के बूब्स से नीचे टपकने ही जा रही चॉकलेट को चाटता हुआ उसके
निपल्स तक चाट डाला....
आआहह सस्स्स्सिईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अंकित...त......(ये सिसकी थी रितिका के मुँह
से एक सुखद और बड़ी ही कामुकता वाली....एक ही पल में दर्द मस्ती में बदल गया)
अंकित पागलों की तरह बूब्स पर लगा हुआ चॉकलेट चाटे जा रहा था....उसे चॉकलेट चाटने में
मज़ा आ रहा था..इधर रितिका आहे भरती भरती पागल हो रही थी...उसे लाइफ में ऐसा मज़ा कभी भी
नही मिला था और ना ही उसने ऐसा सोचा था कि कभी उसे ऐसा कुछ मिलेगा.....
उधर अंकित ने दोनो बूबसस को अपनी जीब से चाट चाट कर उसका सारा चॉकलेट सॉफ कर दिया...
रितिका आहें भरती हुई अंकित के बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी...उसे इसे ज़्यादा मज़ा शायद
ही कभी मिल पाए.......
फिर अंकित ने अपनी जीब बूब्स के ठीक बीचों बीच उस दरार में डाली और वहाँ से चाटता हुआ नीचे
आने लगा..उसके पेट पर चाटने लगा...उसकी नाभी पे चाटने लगा...रितिका का जिस्म अब चॉकलेट की गर्मी से
नही बल्कि उसकी खुद की गर्मी से सुलगने लगा......
अंकित उसको दिए हुए टॉर्चर का पूरा हिसाब निकाल रहा था.......पूरी पेट बूब्स यहाँ तक कि अंकित का
मुँह चॉकलेट से सन गया था.......आख़िर कार जब उसकी इस चटाइ का मंज़र ख़तम हुआ तब उसने अपनी
शैतानी मुस्कान के साथ रितिका को देखा...रितिका भी उसी को देख रही थी...
अंकित के होंठो के चारों तरफ चॉकलेट लगा हुआ था उसकी नाक पे..और थोड़ा थोड़ा गाल पे भी..
रितिका :- अंकित ...बस.स..स.स.... (बहुत हल्की आवाज़ में)
लेकिन अंकित कुछ नही बोला..और फिर बोवल उठा लिया......और रितिका को एक शैतानी स्माइल देते हुए...
रितिका समझ गयी कि अंकित क्या करना वाला है....नो अंकित..डोंट डू दिस...नूऊऊऊऊओ......
आआआअहह नो आहह ओह्ह गोड्ड़.द..ड्ड.द....
(रितिका ने चेहरा तकिये के अंदर धाँसने की कोशिस करी...उसके पैर कांप रहे थे...उसकी सिसकी में हल्का दर्द
झलक रहा था...)
अंकित ने बोवल को लुड़का के सीधी चूत के उपर चॉकलेट डालना शुरू कर दिया था....अब जब गर्म चीज़ को
और गरम कर दोगे तो धुआँ तो निकलेगा ही....इसलिए रितिका पागल सी हो गयी थी......
चूत पे चॉकलेट गिर रहा था..और फिसलता हुआ गान्ड के छेद पे भी जाके पड़ रहा था..और फिर नीचे बेड
शीट पे चला गया...अंकित तब तक चॉकलेट डालता रहा...जब तक उसकी चूत पूरी चॉकलेट से ढक नही गयी..
आख़िर उसने बोवल को साइड में रखा जिस पर बस थोड़ा सा ही चॉकलेट बचा हुआ था....
अंकित ने अपनी जीब अपने होंठो पे फिराई और सीधे ले जाके गान्ड के छेद पे रखी और एक ही झटके
में फिरते हुए चूत को चाटता हुआ उपर तक आ गया...
आहह उफफफफफफफफफफफफ्फ़...ओह आहह ये.एस.एस.सोह...एस.स.स.स.
(रितिका के मुँह से एक सुखद सिसकी निकली और उसकी कमर हवा में उठ गयी...उसकी पानी से भरी चूत पे चॉकलेट पड़ा था और अंकित उसे बेतहाशा चाट रहा था इससे उसकी हालत बुरी होती जा रही थी.....)
अंकित उसे पागलों की तरह चूत को चॉकलेट से अलग कर रहा था चाट चाट के....चूत के फांकों को खोल देने से चॉकलेट अंदर घुस रही थी..अंकित ने वहाँ भी जीब डाल के उसे बेतहाशा चाटा चूमा अंदर घुसा घुसा के उसे जीब फक दिया....
रितिका के तो मुँह से आवाज़ें निकलनी सी बंद हो गई थी.....उसकी आखें खुली थी...बस घुट्टी घुट्टी आवाज़ें निकल रही थी इस सुखद एहसास के बाद.....
करीब 15 से 20 मिनट तक ऐसे चूत चाटने के बाद ही अंकित हटा होगा और अंकित को पता भी नही चला कि रितिका का पानी वो चॉकलेट के साथ कितनी बार निकल गया है.....
अंकित ने रितिका की चूत से चेहरा हटाया.....उसके पूरे फेस पे चॉकलेट लगी थी और उसे चाटे जा रहा था....
रितिका की साँसे तेज़ी से उपर चल रही थी...वो हाँफ सी रही थी....उसने अपना हाथ उठाया मानो अंकित को बोल
रही हो इसे पकडो .. अंकित ने पकड़ के अपने होंठ फेरते हुए पूरी हाथ पे आ गया और उसकी नेक को
किस करने लगा....
तभी रितिका ने अपना दम लगाया और अंकित को बेड पे साइड में पीठ के बल लिटा दिया ... वो इसके लिए तैयार
नही था इसलिए वो आसानी से उधर चला गया..और रितिका फट से उपर आ गयी..
रितिका :- सच में..यू गेव दा मोस्ट प्लेजर डे ऑफ माइ लाइफ..... (अंकित कुछ ना बोला और उसे देखते हुए
मुस्कुराने लगा)
रितिका :- नाउ इट्स टाइम टू रिटर्न यू बॅक.....(बोलते हुए वो नीचे पहुच गयी और उसे खड़े लंड पे हाथ
रख के उसे स्ट्रोक देने लगी)
साइड में रखी बोवल को उठाया और उसने बोव्ल को उल्टा नही किया..बल्कि लंड को पकड़ के बोवल के अंदर
डाल के उसमे जितना बचा कुचा चकोलेट था उसे सना दिया...
आह्ह्ह्ह ... अंकित के मुँह से सिसकी निकल रही थी..और वो रितिका को घूरे जा रहा था ऐसा करते देख..
रितिका ने लंड को बोवल से हटाया तो लंड सन गया था चॉकलेट से..और टपकता हुआ उसके बाल्स को सान
रहा था...
रितिका ने वक़्त ना गँवाते हुए...लंड को मुँह में ले लिया..और चॉकलेटी लंड को एक चॉकलेटी लोलीपोप समझ
के उसे चूसने लगी...
आह रितिका..ओह्ह्ह यस...डू लाइक दिस....ओह्ह मयी....यू सुक्क्िंगग सो ग्गॉड....आंड इट फील्स सो गुडड....यू आर
डॅम गुड बेबी..आहह ओह्ह्ह....अंकित सिसकता हुआ रितिका के सर पर हाथ रखा हुआ था...
क्रमशः...........................
रितिका :- क्या है ये...(घबराते हुए)
अंकित :- बस कुछ नही...अब ज़रा तुम्हे भी तो पता चले कि मेने क्या सहेन किया है (नज़ाकत में
बोलते हुए)
रितिका :- नो नो..अंकित..तुम ऐसा कुछ नही कर सकते....(वो चादर हटा के बेड पे खड़ी हो जाती है)
अंकित :- बिल्कुल कर सकता हूँ..कर सकता नही बिल्कुल करूँगा..
अंकित की बात सुन के रितिका बेड से उतर जाती है...अंकित उस बोवल को वहीं एक शेल्फ पे रख देता है..और
रितिका के करीब जाने लगता है...अंकित को करीब आता देख रितिका भागने लगती है....बेड के उपर चढ़ के
तो अंकित भी उसके पीछे पीछे भागता है...रितिका बस उस शेल्फ तक पहुचने वाली होती है कि पीछे
से अंकित उसे पकड़ के अपने से सटा लेता है..उसका लंड गान्ड की दरार में धँस सा जाता है....
आहहह अंकित..छोड़ो.....(रितिका दर्द में कसमा सी जाती है अंकित ने उसको कस के पकड़ के
रखा हुआ था)
अंकित उसे पीछे खिचता हुआ लाता है...और एक दम घुमा के उसके कंधों को पकड़ के...उसकी गर्दन
पे अपने होंठ रख देता है..रितिका की आँखें मस्ती में बंद हो जाती है...फिर वो उसे अपने हाथ के
दबाव से बेड के पास ले जाते हुए बेड पे धक्का देता है और फिर उसके उपर आ जाता है.....उसके बालों
को चेहरे से हटाता है..रितिका की आँखें बंद होती है..
अंकित :- ओपन युवर आइज़ रितिका...
रितिका आँखें खोलती है....
अंकित :- यू ट्रस्ट मी ना..
रितिका अपनी आँखों से हाँ में इशारा करती है..
अंकित :- बस तो....जस्ट रिलॅक्स...आज की रात इतनी यादगार बना दूँगा कि जिंदगी भर नही भूल पाओगी...
(ये बोलते हुए वहाँ से उठ के उस शेल्फ के पास जा के वो बोवल उठा लेता है)
इस बार रितिका नही हिलती वो वैसी ही पीठ के बल बेड पे लेटी रहती है..उसके दिल की धड़कन तेज़ चल रही थी
अंकित वो बोवल लेके बिल्कुल करीब आके घुटनो के बल पलंग पर बैठ गया......और रितिका को देखने लगा
रितिका भी अंकित को देखने लगी...और अगले ही पल अंकित ने ऐसा किया..
जिससे...अहह बहुत ही मीठी सिसकी रितिका के मुँह से निकली और उसकी आँखें मदहोशी में
बंद होती चली गयी.......
अंकित ने जैसे ही बोवल को धीरे धीरे उल्टा किया रितिका के बूब्स की दरार के उपर तभी रितिका के मूँह
से एक अहह.......निकल गयी...उसने अपने हाथों से बेडशीट पाकड़ ली और अपने
पैर पलंग पर घिसने लगी......उसकी आखें बंद थी और उसके मुँह से हल्की हल्की आह सीयी....सिसकियाँ बराबर
निकले जा रही थी.....
अंकित हाथ आगे बढ़ाता हुआ धीरे धीरे नीचे पेट की तरफ बढ़ रहा था और उस बोवल में से निकलती वो
मेल्ट चॉकलेट रितिका के शरीर के उपर गिर के उसे तडपा रही थी.....जैसे ही नाभि के छेद में वो हल्का
गर्म चॉकलेट गिरा..रितिका के मुँह से एक तेज सिक्सकी मुँह से निकल पड़ी.......
लेकिन अंकित तो रुका ही नही.....उसने चूत के ठीक उपर उस चॉकलेट को गिरा के हाथ की दिशा को मोड़ा
और उसकी थाइस पर जाने लगा..और वहाँ उस मेलटेड चॉकलेट को बिखेरने लगा....ऐसे करते करते
उसने दोनो थाइस्स पे गिराई घुटनो के उपर तक.....
रितिका थोड़ी दर्द में छटपटा रही थी..क्यूँ कि चॉकलेट गर्म थी....
फिर अंकित ने दोनो घुटनो टिका के रितिका के दोनो साइड मे किए और उसके उपर आ गया....हाथ में बोल चेहरे पर एक
शैतानी स्माइल और रितका को घूर्ने लगा..रितिका की आँखें बंद थी.....
अंकित बोवल को रितिका के बूब्स के पास लाया..और थोड़ा उपर किया अपना हाथ और बोवल को टेढ़ा
किया....एक पतली सी चॉकलेट की धार..नीचे आती हुई सीधी रितिका के निप्प्प्ल्स के उपर आ गिरी.....
आआहह अंकित्त्त्टटटटटतत्त..नूऊऊऊऊऊ...इत्सस सोस्स होत्त्त्टटटटटटटतत्त....
रितिका बोलते हुए अपना हाथ वहाँ ले जाके उसे सॉफ करने ही वाली थी कि अंकित ने उसका हाथ पकड़ लिया..
अंकित :- नो नो नो नू......हाथ नही लगा सकती.....मेने ट्रस्ट करके तुम्हारे हाथ नही बाँधे...
रितिका ने आँखें खोली तो उसकी आँखों से पानी निकल के चेहरे पे से होता हुआ बेड पे गिर गया....
उसको पेन हो रहा था......जो अंकित उसकी आँखों में देख रहा था...
उधर चॉकलते निपल्स पे पड़ के उसके चारों तरफ फैल गया.....अंकित ने कुछ और बूँद उस बूब पर गिराई और फिर सामने उसने दूसरे वाले के साथ भी किया...दोनो सुंदर सुंदर गोलियाँ अब एक डार्क चॉकलेट
के नीचे छुप गयी थी.......
अंकित ने बोवल को साइड में रख दिया...गर्म गर्म चॉकलेट रितिका के शरीर को झुलसा सा रही थी..उसे
दर्द हो रहा था लेकिन वो कुछ नही कर पा रही थी....अंकित ने दोनो हाथ से रितिका के हाथ को पकड़ के
उपर की तरफ कर दिया...और आगे झुक के उसके बूब्स के बेहद करीब पहुच गया....
और अपनी जीब निकाल की रितिका के बूब्स से नीचे टपकने ही जा रही चॉकलेट को चाटता हुआ उसके
निपल्स तक चाट डाला....
आआहह सस्स्स्सिईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ अंकित...त......(ये सिसकी थी रितिका के मुँह
से एक सुखद और बड़ी ही कामुकता वाली....एक ही पल में दर्द मस्ती में बदल गया)
अंकित पागलों की तरह बूब्स पर लगा हुआ चॉकलेट चाटे जा रहा था....उसे चॉकलेट चाटने में
मज़ा आ रहा था..इधर रितिका आहे भरती भरती पागल हो रही थी...उसे लाइफ में ऐसा मज़ा कभी भी
नही मिला था और ना ही उसने ऐसा सोचा था कि कभी उसे ऐसा कुछ मिलेगा.....
उधर अंकित ने दोनो बूबसस को अपनी जीब से चाट चाट कर उसका सारा चॉकलेट सॉफ कर दिया...
रितिका आहें भरती हुई अंकित के बालों में अपनी उंगलियाँ घुमा रही थी...उसे इसे ज़्यादा मज़ा शायद
ही कभी मिल पाए.......
फिर अंकित ने अपनी जीब बूब्स के ठीक बीचों बीच उस दरार में डाली और वहाँ से चाटता हुआ नीचे
आने लगा..उसके पेट पर चाटने लगा...उसकी नाभी पे चाटने लगा...रितिका का जिस्म अब चॉकलेट की गर्मी से
नही बल्कि उसकी खुद की गर्मी से सुलगने लगा......
अंकित उसको दिए हुए टॉर्चर का पूरा हिसाब निकाल रहा था.......पूरी पेट बूब्स यहाँ तक कि अंकित का
मुँह चॉकलेट से सन गया था.......आख़िर कार जब उसकी इस चटाइ का मंज़र ख़तम हुआ तब उसने अपनी
शैतानी मुस्कान के साथ रितिका को देखा...रितिका भी उसी को देख रही थी...
अंकित के होंठो के चारों तरफ चॉकलेट लगा हुआ था उसकी नाक पे..और थोड़ा थोड़ा गाल पे भी..
रितिका :- अंकित ...बस.स..स.स.... (बहुत हल्की आवाज़ में)
लेकिन अंकित कुछ नही बोला..और फिर बोवल उठा लिया......और रितिका को एक शैतानी स्माइल देते हुए...
रितिका समझ गयी कि अंकित क्या करना वाला है....नो अंकित..डोंट डू दिस...नूऊऊऊऊओ......
आआआअहह नो आहह ओह्ह गोड्ड़.द..ड्ड.द....
(रितिका ने चेहरा तकिये के अंदर धाँसने की कोशिस करी...उसके पैर कांप रहे थे...उसकी सिसकी में हल्का दर्द
झलक रहा था...)
अंकित ने बोवल को लुड़का के सीधी चूत के उपर चॉकलेट डालना शुरू कर दिया था....अब जब गर्म चीज़ को
और गरम कर दोगे तो धुआँ तो निकलेगा ही....इसलिए रितिका पागल सी हो गयी थी......
चूत पे चॉकलेट गिर रहा था..और फिसलता हुआ गान्ड के छेद पे भी जाके पड़ रहा था..और फिर नीचे बेड
शीट पे चला गया...अंकित तब तक चॉकलेट डालता रहा...जब तक उसकी चूत पूरी चॉकलेट से ढक नही गयी..
आख़िर उसने बोवल को साइड में रखा जिस पर बस थोड़ा सा ही चॉकलेट बचा हुआ था....
अंकित ने अपनी जीब अपने होंठो पे फिराई और सीधे ले जाके गान्ड के छेद पे रखी और एक ही झटके
में फिरते हुए चूत को चाटता हुआ उपर तक आ गया...
आहह उफफफफफफफफफफफफ्फ़...ओह आहह ये.एस.एस.सोह...एस.स.स.स.
(रितिका के मुँह से एक सुखद सिसकी निकली और उसकी कमर हवा में उठ गयी...उसकी पानी से भरी चूत पे चॉकलेट पड़ा था और अंकित उसे बेतहाशा चाट रहा था इससे उसकी हालत बुरी होती जा रही थी.....)
अंकित उसे पागलों की तरह चूत को चॉकलेट से अलग कर रहा था चाट चाट के....चूत के फांकों को खोल देने से चॉकलेट अंदर घुस रही थी..अंकित ने वहाँ भी जीब डाल के उसे बेतहाशा चाटा चूमा अंदर घुसा घुसा के उसे जीब फक दिया....
रितिका के तो मुँह से आवाज़ें निकलनी सी बंद हो गई थी.....उसकी आखें खुली थी...बस घुट्टी घुट्टी आवाज़ें निकल रही थी इस सुखद एहसास के बाद.....
करीब 15 से 20 मिनट तक ऐसे चूत चाटने के बाद ही अंकित हटा होगा और अंकित को पता भी नही चला कि रितिका का पानी वो चॉकलेट के साथ कितनी बार निकल गया है.....
अंकित ने रितिका की चूत से चेहरा हटाया.....उसके पूरे फेस पे चॉकलेट लगी थी और उसे चाटे जा रहा था....
रितिका की साँसे तेज़ी से उपर चल रही थी...वो हाँफ सी रही थी....उसने अपना हाथ उठाया मानो अंकित को बोल
रही हो इसे पकडो .. अंकित ने पकड़ के अपने होंठ फेरते हुए पूरी हाथ पे आ गया और उसकी नेक को
किस करने लगा....
तभी रितिका ने अपना दम लगाया और अंकित को बेड पे साइड में पीठ के बल लिटा दिया ... वो इसके लिए तैयार
नही था इसलिए वो आसानी से उधर चला गया..और रितिका फट से उपर आ गयी..
रितिका :- सच में..यू गेव दा मोस्ट प्लेजर डे ऑफ माइ लाइफ..... (अंकित कुछ ना बोला और उसे देखते हुए
मुस्कुराने लगा)
रितिका :- नाउ इट्स टाइम टू रिटर्न यू बॅक.....(बोलते हुए वो नीचे पहुच गयी और उसे खड़े लंड पे हाथ
रख के उसे स्ट्रोक देने लगी)
साइड में रखी बोवल को उठाया और उसने बोव्ल को उल्टा नही किया..बल्कि लंड को पकड़ के बोवल के अंदर
डाल के उसमे जितना बचा कुचा चकोलेट था उसे सना दिया...
आह्ह्ह्ह ... अंकित के मुँह से सिसकी निकल रही थी..और वो रितिका को घूरे जा रहा था ऐसा करते देख..
रितिका ने लंड को बोवल से हटाया तो लंड सन गया था चॉकलेट से..और टपकता हुआ उसके बाल्स को सान
रहा था...
रितिका ने वक़्त ना गँवाते हुए...लंड को मुँह में ले लिया..और चॉकलेटी लंड को एक चॉकलेटी लोलीपोप समझ
के उसे चूसने लगी...
आह रितिका..ओह्ह्ह यस...डू लाइक दिस....ओह्ह मयी....यू सुक्क्िंगग सो ग्गॉड....आंड इट फील्स सो गुडड....यू आर
डॅम गुड बेबी..आहह ओह्ह्ह....अंकित सिसकता हुआ रितिका के सर पर हाथ रखा हुआ था...
क्रमशः...........................