Incest मैं अपने परिवार का दीवाना

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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 6

रीना मेडम-उस रात प्रिन्सिपल ने मुझे 2 बार और चोदा
सुबह जब मैं उठी तो प्रिन्सिपल जा चुका था
मुझे याद आया कैसे मैं अपनी चूत की आग शांत करने के लिए उसके साथ कितनी घटिया बाते की
मैं उस वक़्त जी भर के रोई
जब मेरा मन हल्का हुआ
मैं रेडी होके स्कूल गयी
स्कूल में प्रिन्सिपल ने रिपोर्ट सॅब्मिट कर दी
2 दिन तक सब कुछ ठीक था
प्रिन्सिपल ने मुझे अपने कॅबिन में बुलाया
प्रिन्सिपल- मिस रीना आज रात का क्या प्लान है
रीना मेडम- क्या मतलब क्या प्लान है
प्रिन्सिपल- मतलब आज रात आप मेरे घर आएँगी
रीना मेडम- बिल्कुल नही अपने कहा था कि सिर्फ़ एक रात की बात की थी
प्रिन्सिपल- तो आप आज रात नही आएँगी मेरे घर
रीना मेडम- नही मैं नही आउन्गि
प्रिन्सिपल- सोच लीजिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ
रीना मेडम- आपको जो करना है कीजिए
प्रिन्सिपल- 1 मिनिट मिस रीना
रीना मेडम- मैं रुक गयी
प्रिन्सिपल ने मेरी तरफ एक फोटो फेंकी
मैं वो फोटो जब देखी तो मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है
उस फोटो में मैं नंगी लेटी हूँ और कोई और आदमी जिसे मैं जानती भी नही
वो अपना लंड मेरी चूत में डाले हुआ है
रीना मेडम- यह क्या बकवास है [चिल्लाते हुए]
प्रिन्सिपल- यह हक़ीक़त है
ऐसे मेरे पास 15 और फोटोस है
जिसमे मिस रीना आप अलग अलग मर्दों के साथ इसी पोज़िशन में चुदवा रही हैं
रीना मेडम- ऐसा कैसे हो सकता है
मैं अपने पति और आपके अलावा
इसका मतलब इस फोटो में मेरे साथ आप हैं
लेकिन चेहरा किसी और का है
प्रिन्सिपल- बिल्कुल सही
रीना मेडम- तुम्हारे जैसा घटिया इंसान मैने आज तक नही देखी
आज मैं मजबूर हूँ तुम मेरा फ़ायदा उठा लो
कल ऐसा वक़्त आएगा कि तुम मेरे क़दमो में होगे
और मैं तुम्हे माफ़ नही करूँगी
एक वो दिन था और एक आज का दिन है
उस दिन से वो मुझे जहाँ चाहता है जैसे चाहता है चोदता है
यही है मेरी दास्तान

अब कहानी दिलीप की ज़ुबानी

मेडम- आओ आज तुम भी मेर मजबूरी का फ़ायदा उठाओ
दिलीप- मेडम अपना गाउन उतार दिया
मैं पहली बार किसी औरत को नंगा देख रहा था
मैं जल्दी से उठा और बेड पे जो चादर बिछि हुई थी
उसे उठाके मेडम के शरीर पे लपेट दिया
दिलीप- मेडम हो सके तो मुझे माफ़ कर दीजिएगा
यह कह के मैं वहाँ से निकला अपनी बाइक पे बैठा और चल दिया अपने घर...
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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 7
दिलीप- मैं आधे रास्ते ही पहुँचा था
देखा कि रास्ते पे गाड़ी खड़ी थी
मैं पास जाके देखा तो किरण मासी और प्रिया थी
दिलीप- क्या हुवा माजी
प्रिया- तुमसे मतलब चले आते है हीरो बनने
किरण मासी- प्रिया कहीं तो चुप रहा रहा कर
[दिलीप से] बेटा देखो ना हमारी गाड़ी का टाइयर पन्चर हो गया है गाओं यहाँ से 4किमी दूर है
और कोई दिख भी नही रहा जो हमारी मदद करे
दिलीप- अरे माजी चिंता क्यूँ करती है
प्रिया- लो माँ एक यही बचे थे हीरो
दिलीप- आप को मुझसे कोई आलर्जी है
प्रिया- आलर्जी और तुमसे
दिलीप- आप को जाना कहाँ पे है
किरण मासी- ठाकुर धर्मेश सिंग के यहाँ जाना है
दिलीप- [अरे बाप रे इनको तो हिट्लर के यहाँ जाना है ]
माजी बात तो सही है यहाँ पे कोई भी नही है तो बस एक ही रास्ता है
किरण मासी- क्या बेटा
दिलीप- [प्रिया से] आप को बाइक चलानी आती है
प्रिया- तुम्हें उससे क्या
दिलीप- [डोर जैसे नॉक करते हैं मैं प्रिया के सर पे वैसे ही नॉक करने लगा]
अंदर कुछ है या नही
[मासी जी मुस्कुराने लगी]
बाइक चलानी आती है तो मेरी बाइक पे बैठो
प्रिया- मैं और तुम्हारे साथ बाइक पे बैठूँगी
दिलीप- पहले पूरी बात सुनो फिर मुँह खोलो मेरी बाइक पे बैठो अपनी माँ को पिछे बिठाओ और जाओ
हिट्लर मेरा मतलब है ठाकुर साहेब के यहाँ
[मैने की उसकी तरफ बढ़ा दी] यह लो की
प्रिया की ले के वो बाइक पे बैठ गयी और मासी भी बैठ गयी
दिलीप- [प्रिया से ] एक मिनिट तुम्हारे पास कोई ऐसी चीज़ है जो तुम मुझे दे सको
[इस बात पे प्रिया ने मुझे थप्पड़ मार दिया]
प्रिया- देखा माँ मैने कहा था ना यह लड़के एक जैसे ही होते हैं
दिलीप- [अब मेरा पारा भी चढ़ रहा था]
माजी आप की कोई भी निशानी मुझे दे दीजिए आपकी वो निशानी को लेके मैं अपने दोस्त को भेज दूँगा आप उसको मेरी बाइक दे देना
[प्रिया ने अपनी उंगली से अंगूठी निकाली]
प्रिया- यह लो यह अंगूठी 5 लाख की है
अगर तुम्हें अपनी बाइक सस्ती लगे तो यह रिंग अपने पास ही रख लेना
दिलीप- उसने बाइक स्टार्ट किया और चली गयी
मैं वहाँ से अपने पैर पटकता हुआ चल दिया
2 घंटे बाद मैं घर पहुँचा
दिलीप- अरे कोई ठंडा पानी पिलाओ बड़ी नानी मेरी आवाज़ सुनके बाहर आ गयी
आशा देवी- क्या हुआ मेरे बेटे को
दिलीप- कुछ नही बड़ी नानी मैने पानी पीते हुए
किरण और प्रिया वाली बात बता दी सिर्फ़ थप्पड़ और अंगूठी वाली बात नही बताई
आशा देवी- मेरा बेटा तो बहुत समझदार हो गया है पर बेवकूफ़ भी है
दिलीप- क्यूँ
आशा देवी- बेवकूफ़ इस लिए कि तुम प्रिया से ऐसा भी कह सकते थे
तुम यही पे हो तो अपने किसी नौकर के हाथ मेरी बाइक भेज देना
दिलीप- बड़े मामा के घर में जितने भी नौकर हैं सब मुझे पहचानते है
उनमे से कोई मुझे देख लेता तो बड़े मामा से कहता ज़रूर
और फिर बड़े मामा यहाँ हिट्लर बनके आ जाते
आशा देवी- मेरा बेटा इतनी दूर की सोचता है मुझे आज पता चला
दिलीप- क्या बड़ी नानी मुझे पता है आप को यह बात का अंदाज़ा था
फिर भी आप ने मुझसे पूछा
बड़ी नानी भूकी लगी है
बड़ी नानी ने मुझे अपने हाथो से खाना खिलाया
मैं बड़ी नानी की गोद में सर रख के सो गया..
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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 8
अब आपको सुनाता हूँ
जब बड़े मामा के यहाँ किरण मासी और प्रिया पहुँचे
बड़े मामा हॉल में बैठे थे
किरण मासी- नमस्ते भैया पैर छुते हुए
प्रिया ने भी पैर छुए
भैया कैसे हैं आप
बड़े मामा- हम ठीक है बहेन आप कैसी हैं
किरण मासी- मैं ठीक हूँ भैया
प्रिया- मामा जी आप मुझे तो भूल गये
बड़े मामा- हम अपनी बेटी को कैसे भूल सकते है
लेकिन आज हमारी बेटी का चेहरा इतना मुरझाया क्यूँ है
किरण मासी- कुछ नही भैया
किरण मासी ने सारी बात बताई
बड़े मामा- अच्छा तो इस लिए हमारी बेटी का मूड ऑफ है
बड़ी मामी और वँया भी आ गयी वँया किरण मासी को गले लगाती है
वँया- बुआ जी आप तो मुझे भूल ही गयी
किरण मासी- मेरी बेटी कैसी है तू
वँया- ठीक हूँ मैं
अरे दीदी आप को क्या हुआ
किरण मासी ने वँया और बड़ी मामी को बात बताई
वँया हँसते हुए दीदी
प्रिया- मामा जी
बड़े मामा वानु
वँया- दीदी वो बाइक कौनसी है
प्रिया- चल दिखाती हूँ
वँया- वाह दीदी क्या बाइक है
आपको क्या लगता है वो अपनी बाइक लेने आएगा
प्रिया- यह बाइक 3 लाख की है
और वो रिंग 5 लाख की थी
तुम समझ गयी होगी


दिलीप- मेरी नींद खुली तो देखा शाम हो गयी थी
मैं फ्रेश हुवा और बड़ी नानी के पास गया
दिलीप- बड़ी नानी मैं गाओं घूम के आता हूँ
आशा देवी- ठीक है बेटा
दिलीप- मैं गाओं घूमने लगा
सामने से एक लड़का आता हुआ मुझे दिखा
मैं उसे आवाज़ दी
विनय
विनय- हां छोटे मालिक
दिलीप- तुझे कितनी बार कहा है छोटे मालिक मत बोला कर
अच्छा सुन तुझे बाइक चलानी आती है
विनय- हां आती है
दिलीप- यह अंगूठी ले और ठाकुर जी के यहाँ जा
यह अंगूठी प्रिया दीदी को देना वो तुझे बाइक देगी ले लेना और मैं यही पे हूँ
वो मेरा नाम पूछे तो मत बताना वरना तेरी हड्डिया तोड़ दूँगा
विनय- ठीक है मालिक
दिलीप- यह बोलके वो भाग गया
यह कभी नही सुधरेगा
मैं इधर उधर घूमने लगा
30 मिनिट बाद विनय वापस आया
पर खाली हाथ
दिलीप- तू बाइक नही लाया
विनय- भैया मैं आपको सब बात बताता हूँ
जब मैं वहाँ पहुँचा तो दरबान को बोला
प्रिया दीदी को बोलो कोई बाइक लेने आया है
दरबान- अंदर गया
मालिक [बड़े मामा को] कोई बाइक लेने आया है
बड़े मामा- उसे अंदर भेजो
[दरबान बाहर आके] अंदर चलो मालिक बुला रहे हैं
विनय अंदर गया
विनय- नमस्ते मालिक
बड़े मामा- तुम्हारा दोस्त क्यूँ नही आया
विनय- वो उसकी तबीयत खराब है
बड़े मामा- बेटा प्रिया
प्रिया- जी बड़े मामा
बड़े मामा- यह बाइक लेने आए है
इनको की दे दीजिए
प्रिया- जी मामा जी
प्रिया ने की विनय को देदि
बड़े मामा- नाश्ता कर के जाओ
विनय- जी मालिक
विनय ने नाश्ता किया
धन्यवाद बड़े मालिक
विनय वहाँ से जाने ही वाला था
बड़े मामा- तुम्हारे दोस्त का क्या नाम है
विनय- दिलीप
बड़े मामा- क्या नाम बताया तुमने
विनय- [दिलीप भैया तो मुझे मार डालेंगे
कुछ सोच विनय] जी रवि
प्रिया- नही मामा जी इसने पहले दिलीप बोला था
बड़े मामा- लखन
विनय- तभी एक काले सांड़ जैसा आदमी आया
बड़े मामा- हम तुमसे एक बार और पूछेंगे
इस बार अगर तुमने झूठ बोला तो
विनय- बड़े मालिक मैं सच बताता हूँ
यह बाइक दिलीप बाबू की है
बड़े मामा- तुम जाओ और उस से कहना वो खुद आए अपनी बाइक लेने
यह सुनके मैं वहाँ से जान लेके भागा


दिलीप-मरवा दिया यार
विनय- मैं क्या करता वो इतने अच्छे हैं कि मेरे मुँह से सच निकल गया
दिलीप- अच्छा तू जा
[अब उस हिट्लर के पास कौन जाए यार]
मैं हिम्मत करके चल दिया शहीद होने....
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 9
दिलीप- मैं पहुँचा बड़े मामा के घर
दरबान अंदर गया
दरबान- चलिए मालिक आपको अंदर बुला रहे हैं
दिलीप- मैने बड़े मामा बड़ी मामी और छोटी मासी को प्रणाम किया
ब मामा- आओ बैठो
दिलीप- मैं बैठ गया
ब मामा- कैसे हो तुम
दिलीप- मैं ठीक हूँ
ब मामा- लो चाइ पियो
दिलीप- मैं चाइ पीने लगा
ब मामा- हम चाहते हैं तुम हमारे यहाँ आके रहो
दिलीप- मेरे हाथ से चाइ का कप गिर गया
और चाइ मेरे पैंट पे गिर गयी
ब मामा- वँया जल्दी से डॉक्टर को बुलाओ
वँया भाग के डॉक्टर बुलाने गई
[यहाँ पे आपको बता दूं बड़े मामा का एक फॅमिली डॉक्टर है जो हवेली में ही रहता है उसकी वाइफ भी डॉक्टर है ]
दिलीप- मैं ठीक हूँ ठाकुर साहब
ब मामा- मेरे रूम में जाके चेंज करो
इसे मेरा रूम दिखाओ नौकर से
नौकर मुझे मामा जी के रूम में ले गया
दिलीप- तुम जाओ
मैं कबाड़ में पैंट ढूँडने लगा
एक पैंट मैं उठाया
मैं अपनी पॅंट उतारी तो देखा लाल निशान हो गया था
मेरा अंडरवेर भी खराब हो गया
मैं अंडरवेर उतार दिया
और अपने लंड को पकड़ के देखने लगा कहीं जला तो नही है
मैं अपने लंड को देख रहा था कि बड़ी मामी अंदर आ गयी
मैने जब बड़ी मामी को देखा तो मैं बुत बन गया
[अब क्या होगा कहीं बड़ी मामी ने कुछ और समझ लिया तो]
मैं सोच में गुम था
बड़ी मामी आँखें फाड़ फाड़ के मेरे लंड को देख रही थी
जब मैं होश में आया तो मैं बाथरूम में घुस गया डोर लॉक करके लंबी लंबी साँसे लेने लगा
मैं अपने जले हुए जगह को पानी से धोया
एक बार फिर लंबी साँस ली और पैंट पहेन के बाहर आया
दिलीप- ब मामी रूम में नही थी
[आज का दिन ही खराब है]
मैं बाहर आ गया
बड़ी मामी बाहर नही दिख रही थी
डॉक्टर आ गया था
डॉक्टर ने मुझे दवाई और क्रीम दी
डॉक्टर- ठाकुर साहब अब इजाज़त चाहूँगा
ब मामा- धन्यवाद डॉक्टर साहब
[डॉक्टर चला गया]
दिलीप- ठाकुर साहब मैं बड़ी नानी से पूछ के बताउन्गा
ब मामा- हम कल आएँगे बड़ी माँ से बात करने
दिलीप- [उन्होने मुझे बाइक की की दी]
मैने जाते वक़्त देखा वँया की आँखों में आँसू थे जो वो सबसे छुपाने की कोशिश कर रही थी
मैं बाइक पे बैठा और चल दिया घर
जब मैं घर पहुँचा तो बड़ी नानी हॉल में ही बैठी थी
ब नानी- कहाँ था मेरा बेटा 3 घंटे से
दिलीप- मैं बड़ी नानी को सब बता दिया
[ बड़ी मामी वाला इन्सिडेंट छोड़ के]
ब नानी- तो कल धर्मेश आ रहे हैं
तू बैठ मैं तेरे लिए खाना लेके आती हूँ
दिलीप- मैने और बड़ी नानी ने खाना खाया
मैं उपर अपने रूम में आ गया
इस बार मैने डोर लॉक किया
अपनी पैंट उतार के क्रीम लगाने लगा
क्रीम लगा के अंडरवेर में ही लेट गया
मुझे आज सुबह की बात याद आई जब मेडम ने मुझे भी प्रिन्सिपल जैसा घटिया
आदमी समझ लिया
इस प्रिन्सिपल को मैं छोड़ूँगा नही
और मैं सो गया...
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

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अपडेट 10
दिलीप- रात को 2 बजे प्यास की वजह से मेरी नींद खुली
आज का दिन तो दिन रात भी खराब है
पानी भी नही था
मैं पैंट पहना और नीचे गया पानी लेने
मैं किचन में गया
पानी पिया मैं उपर जाने लगा तभी सेरवेंट क्वॉर्टर की लाइट जाली हुवी दिखी
मैने सोचा इतनी रात को चुदाई ही कर रहे होंगे
[एक बार जाके देखता हूँ]
मैं गया खिड़की खुली थी और गेट बंद था
मैं खिड़की से झाँक के देखा
तो क्या देखा हमारी नौकरानी सुधा को उसका पति नही
हमारा कोई और नौकर चोद रहा था
मैं गेट नॉक किया
और छुप गया
तभी किसी के चलने की आवाज़ आई
यह नौकर 2 था जो भाग रहा था
नौकर 2 खिड़की से कूदके अपने क्वॉर्टर में भाग गया
मैने फिर डोर नॉक किया
गेट सुधा ने खोला
सुधा- छोटे मालिक आप
दिलीप- मैं बिना कुछ बोले अंदर गया
सुधा- आपको कुछ चाहिए
दिलीप- तुम्हारा पति कहाँ है
सुधा- वववो वववो
दिलीप- क्या ववो लगा रखा है बताओ
सुधा ने बेड के नीचे इशारा किया
मैं बेड के नीचे देखा तो सुधा का पति खर्राटे ले रहा था
इसको क्या हुआ
मैने उसे हिलाया ए सुखिया
ए सुखिया
सुधा- छोटे मालिक वो अभी नही उठेंगे
दिलीप- क्यूँ क्या किया तूने इसके साथ
सुधा- छोटे मालिक उनको नींद की गोली दी है
दिलीप- यह तो मुझे पता है कि तुम किसी और के साथ मुँह काला कर रही थी
यह बात मैं बड़ी नानी को ना बताऊं इसकी तुम मुझे 1 वजह दो
सुधा- छोटे मालिक आप यह बात बड़ी ठकुराइन को नही बताएँगे
दिलीप- लेकिन तुम बताओगी वजह यह सब करने की
सुधा- छोटे मालिक वो सुखिया मुझे खुश नही रख पाता है
दिलीप- तुम्हारे पास अच्छे कपड़े हैं तुम्हारे पास गहने भी हैं तुम्हे किसी बात की तकलीफ़ नही है
सुधा- छोटे मालिक सुखिया मुझे चुदाई में खुश नही कर पाता है
दिलीप- क्या बोल रही हो मुझे कुछ समझ नही आरहा है
सुधा- छोटे मालिक मैं आपको बताती हूँ
पहले आप अपनी पैंट उतारिये
दिलीप- कैसी औरत हो तुम अभी तुम किसी गैर मर्द से चुदवा रही थी
अब मुझे अपनी पैंट उतारने को बोल रही हो
सुधा- आपको जानना है ना कि मैं सुखिया को धोका क्यूँ दे रही हूँ
दिलीप- हां लेकिन इसमें पैंट उतारने की बात कहाँ से आ गयी
तुम ऐसे ही बता दो
सुधा- ऐसे आप नही समझेंगे
दिलीप- देखो सुधा अगर तुम मुझे फँसाने का सोच रही हो तो तुम्हारे लिए अच्छा नही होगा
सुधा- छोटे मालिक मैं आपको बस अपनी स्तिथि समझाना चाहती हूँ इसके लिए आप को पैंट उतारना ही होगा
दिलीप- क्या मुसीबत है अच्छा चलो मेरे रूम में
सुधा- क्यूँ यहाँ क्यूँ नही
दिलीप- बस ऐसे ही
सुधा- चलिए
दिलीप- रूको पहले बाहर देखो कोई है तो नही
सुधा- आप देखिए ना
दिलीप- अरे मैं बाहर जाउन्गा और अगर कोई बाहर हुआ वो मुझे तुम्हारे क्वॉर्टर से निकलते देखा तो
सुधा- ठीक है मैं देखती हूँ
सुधा ने बाहर जाके अच्छे से देखा
सुधा- बाहर कोई नही है
दिलीप- पहले लाइट बंद कर दो
मैं और सुधा दबे पावं उपर मेरे रूम में पहुँचे
मैने गेट अंदर से लॉक किया
सुधा- अब उतारिये अपनी पैंट
दिलीप- तुम्हें बड़ी जल्दी है है
मैने अपना पैंट उतार दिया
सुधा- यह भी तो उतारिये
दिलीप- मैने अपना अंडरवेर उतार दिया
सुधा मेरे लंड को देखती रह गयी
मैं सोचा शायद जले हुए निशान को देख रही है
दिलीप- क्या देख रही हो
सुधा- यह यह क्या है
दिलीप- [मैं गुस्से में] लंड है और क्या है
दो दो मर्दों से चुदवाती हो और पूछ रही हो यह क्या है
सुधा डर से सहम गयी
सुधा- छोटे मालिक आप गुस्सा मत कीजिए आप बेड पे लाइट जाओ
दिलीप- मैं बेड पे लेट गया
सुधा मेरे पैर के यहाँ पे बैठ गयी और मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी
मेरे शरीर में करेंट दौड़ गया
सुधा अब मेरे लंड को मुट्ठी में पकड़ के उपर नीचे करने लगी
मज़े से मेरी आँखें बंद हो गयी
अब सुधा और ज़ोर से मेरे लंड को उपर नीचे करने लगी
सुधा-[छोटे मालिक तो झड़ने का नाम ही नही ले रहे हैं]
दिलीप- और ज़ोर से करो सुधा
बहुत मज़ा आ रहा है
तभी मुझे लगा मेरा पेशाब निकल जाएगा
ऐसा लगा मेरे शरीर का सारा खून मेरे लंड में जमा हो गया है
और वो खून मेरे लंड से बाहर निकलने को मचल रहा हो
सुधा मेरा पेशाब निकलने वाला है
सुधा ने झट से मेरा लंड छोड़ दिया
मुझे ऐसा लगा कि किसी ने मुझसे मेरी सबसे बड़ी खुशी छीन ली हो
गुस्सा भी बहुत आ रहा था
मैने जब अपनी आँखें खोली तो मेरी आँखें लाल हो गयी थी.....
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