घर के रसीले आम मेरे नाम complete

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prkin

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जब वह रश्मि की फूली हुई चूत की फांको को इधर उधर करके उसकी चूत के छेद को अपनी उंगलियो से सहलाता है तो रश्मि राज के लंड को कस कर अपने हाथो में दबोच लेती है राज रश्मि की मोटी गान्ड को अपने लंड की ओर खींच कर धीरे से उसकी चूत की फांको को फैला कर अपने लंड को रश्मि की चूत के छेद में रख कर धीरे से आगे की ओर अपने लंड को धकेलता है और उसका लंड रश्मि की चूत में घुस जाता है और रश्मि के मुँह से एक हल्की सी सिसकारी निकल जाती है, राज रश्मि के दूध को अपने हाथो में भर कर दबोचते हुए अपने लंड को उसकी चूत में धक्का देता है और उसका लंड रश्मि की चूत में पूरा समा जाता है और रश्मि मस्ती में तड़पने लगती है और राज अब धीरे-धीरे रश्मि के दूध को दबाता हुआ अपनी कमर को हिलाते हुए ट्रेन के हल्के धक्को के साथ अपने लंड को उसकी चूत में डालने लगता है और रश्मि बड़े आराम से अपने भैया के मोटे लंड से आहिस्ता-आहिस्ता चुदने लगती है,

राज - धीरे-धीरे अपनी बहन की चूत मारता हुआ, रश्मि कैसा लग रहा है

रश्मि- अपना मुँह उसकी ओर घुमा कर भैया बहुत अच्छा लग रहा है, प्लीज़ आज सारी रात ऐसे ही मुझे धीरे-धीरे चोद्ते रहना, बहुत मज़ा आ रहा है आपका लंड बहुत मस्त है भैया

राज - रश्मि की बात सुन कर उसके होंठो को चूम लेता है और उसके दूध को दबोचते हुए एक कस कर धक्का उसकी चूत में मारता है और रश्मि आह करके रह जाती है राज रश्मि की मोटी गान्ड को पूरी ताक़त से अपने लंड से दबाए हुए धक्का मार रहा था और रश्मि पूरी तरह से बर्त की साइड के पोर्षन से चिपकी हुई अपनी चूत अपने भैया से मरवा रही थी, लगभग दो घंटे से राज धीरे-धीरे रश्मि की चूत को चोद रहा था और जब उसका पानी निकलने की कगार पर आता तो वह थोड़ा रुक जाता और फिर जब कुछ रिलॅक्स महसूस करता तो फिर से अपनी बहन की चूत को धीरे-धीरे चोदने लगता, यही हाल रश्मि का भी था वह भी बड़े आराम से हल्का-हल्का पानी छोड़ती हुई अपने भैया का मस्त लंड अपनी चूत में धीरे-धीरे लेती हुई आराम से पड़ी थी, राज जब थक जाता तो वह रुक जाता और रश्मि की मोटी गान्ड और गदराई जाँघो को सहलाने लगता और फिर जब अपनी बहन की मोटी -मोटी जाँघो और गदराई गान्ड के स्पर्श से उसे फिर जोश आता तो वह फिर से रश्मि को चोदना शुरू कर देता,

रश्मि- भैया अब मुझसे नही सहा जा रहा है

राज - पर तू तो कह रही थी कि सारी रात में तुझे ऐसे ही चोदता रहूं

रश्मि- नही भैया अब में ज़रा भी हिल जाउन्गी तो मेरा पानी निकल जाएगा, प्लीज़ अब मुझे थोड़ा कस-कस कर चोद दो और अपना रस मेरी चूत में भर दो

राज - अच्छा ठीक है और फिर राज बर्त के साइड के पोर्षन के उपर की जाली को पकड़ कर रश्मि की चूत में पूरी ताक़त से लंड पेलने लगता है और रश्मि के मोटे-मोटे दूध को कस कर मसल्ते हुए रश्मि की चूत में अपने लंड के गहरे-गहरे धक्के मार-मार कर अपने लंड को अपनी बहन की चूत में जड़ तक पेलने लगता है, रश्मि धीरे-धीरे सीसियाती हुई मज़ा लेने लगती है और उसकी चूत पानी-पानी हो जाती है और राज का लंड बिल्कुल गीला हुआ उसकी चूत में सतसट जाने लगता है,

राज रश्मि की चिकनी चूत में जड़ तक अपने मोटे लंड को खूब कस-कस कर मारता है और फिर एक दम से राज रश्मि की मोटी गदराई गान्ड से पूरी तरह चिपक जाता है और उसका पानी उसकी बहन की चूत की गहराई में धीरे-धीरे छूटने लगता है और रश्मि की चूत भी पानी छोड़ देती है, .


करीब 5 मिनट तक राज रश्मि की मोटी गान्ड से चिपका हुआ लेटा रहता है उसके बाद वह अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल लेता है और फिर रुमाल से अपने लंड को साफ करके अपने पेंट के अंदर डाल लेता है और अपनी जीप बंद कर लेता है और सीधा लेट जाता है और रश्मि को अच्छे से चादर से ढक देता है, करीब 5 मिनट बाद रश्मि उसकी ओर मुँह कर लेती है और फिर मुस्कुराकर राज को देखती है और राज उसका मुँह चूम लेता है

राज - क्यो मज़ा आया ना

रश्मि- उसके जवाब में अपनी गर्दन हाँ में हिला देती है और राज उसके गालो पर अपना हाथ फेरता हुआ, चल अब आराम से सो जा, में भी थोड़ा सो लेता हूँ, और फिर दोनो चिपक कर सो जाते है और ट्रेन अपनी रफ़्तार से पटरी पर दौड़ती हुई उन्हे उनकी मंज़िल की ओर ले जाने लगती है.


अगले दिन उनकी ट्रेन उनकी मंज़िल पर पहुच जाती है और फिर दोनो अपने घर पहुचते है, जैसे ही रजनी उन दोनो को देखती है खुस हो जाती है, रश्मि अपनी मम्मी के पास जाकर

रश्मि- हेलो मोम बोर हो गई क्या

रजनी- आ गई वाचाल जब तक नही थी घर सुना हो गया था,

रश्मि- मुस्कुरा कर मेरे बिना या भैया के बिना

रजनी- तुम दोनो के बिना


रश्मि- राज की ओर इशारा करके आँख मारती है और राज अपनी मम्मी के पास जाकर उसके गले लग जाता है और रजनी को अपनी बाँहो में भर कर ओह मम्मी कितने दिनो से आप को नही देखा और फिर वह रजनी के गले पर अपने होंठ फेरता हुआ अपने उसको अपने सीने से कस लेता है


रजनी भी अपने बेटे को अपने सीने से लगा कर खुस हो जाती है,

रजनी- राज से चिपकी हुई बेटे तुम लोगो के बिना घर काटने को दौड़ता है

राज - रश्मि को मुस्कुराकर देखता हुआ अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतड़ों पर हाथ फेरता है और उसका लंड अपनी मम्मी के गदराए चुतड़ों के गुदाज स्पर्श से खड़ा हो जाता है, वह रजनी के मोटे-मोटे चुतड़ों को सहलाता हुआ, मम्मी में भी अब आप से दूर कभी नही जाउन्गा

रजनी- की दोनो मोटी छातिया अपने बेटे के सीने से दबी हुई थी और वह आज पहली बार राज से इस तरह से चिपकी थी और उसे राज का मर्दाना स्पर्श पागल कर रहा था, अगर वह थोड़ी देर और राज से चिपकी रहती तो उसकी फूली हुई चूत पानी छोड़ने लग जाती लेकिन तभी राज अपनी मम्मी से अलग होते हुए सामने जा कर बैठ जाता है और रजनी भी उसके पास जाकर बैठ जाती है,


राज अपनी मम्मी से बाते करने लगता है लेकिन उसकी नज़रे अपनी मम्मी के गदराए बदन का जायज़ा लेती रहती है और वह पहली बार महसूस करता है कि उसकी मम्मी एक बहुत ही तगड़ा और खूब कस कर चोदने लायक माल है, वह अपने मन में सोचता है कि मम्मी का बदन कितना गदराया और गठिला है इसकी जंघे कितनी मोटी है और दूध कितने गुदाज और बड़े-बड़े है ब्लौज में समा नही रहे है, और अभी मेने मम्मी की मोटी गदराई गान्ड को सहलाया था तो कितना मज़ा आया क्या गदराई हुई गुदाज मोटी गान्ड है, वह अपनी मम्मी की गदराई मस्त जवानी का रस अपनी आँखो से पीता हुआ अपने मन में सोचने लगता है, वाकई मम्मी बहुत मस्त माल है इसको पूरी नंगी देख कर ही मज़ा आ जाए, पूरी नंगी कैसी लगती होगी एक बार चोदने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए इतनी गदराई औरत को चोदने का मज़ा ही अलग होगा,

रजनी- क्या सोचने लगा बेटा

राज - अपने मन में तुम्हारी चूत मारने के बारे में सोच रहा हूँ मम्मी, कुछ नही मम्मी और बताओ कैसी है आप इतने दिन तो मेरी बहुत याद आई होगी

रजनी- अपने मन में हाँ बेटे मेने जब से तेरे मोटे लंड को अपने हाथो से पकड़ा है तब से तेरे मोटे लंड की बहुत याद आ रही है,

रजनी- हाँ बेटे याद तो बहुत आ रही थी अच्छा हुआ तू जल्दी आ गया, तू बैठ में तेरे लिए चाइ बना कर लाती हूँ

रजनी उठ कर किचन की ओर जाने लगती है और रश्मि राज की ओर इशारा करके उसे अपनी मम्मी के भारी चुतड़ों को देखने का कहती है और राज अपनी मम्मी के गदराए मोटे-मोटे चुतड़ों को जब देखता है तो उसका लंड खड़े हुए बिना नही रह पता है,

रश्मि- मुस्कुराकर क्यो भैया है ना मस्त माल, बोलो चोदोगे मम्मी को

राज - मुस्कुराकर रश्मि को अपनी गोद में खींच कर उसके मोटे-मोटे दूध दबाता हुआ, हे रश्मि तूने सच कहा था मम्मी तो एक दम गदराई हुई है मम्मी को पूरी नंगी देख कर तो में पागल हो जाउन्गा,

रश्मि- मुस्कुराते हुए राज के लंड को उसकी पेंट के उपर से पकड़ते हुए, देखो आपका लंड मम्मी की मोटी गान्ड को देख कर कैसे तना हुआ है

राज - चल अब गोद से उठ जा कहीं मम्मी ना देख ले

रश्मि- राज का हाथ पकड़ कर अपने दूध पर रख कर मसल्ति हुई, देख ले तो देख ले, में क्या डरती हूँ मम्मी से, अगर मम्मी ने मुझे कुछ भी कहा भैया तो में भी सीधे-सीधे उसके मुँह पर कह दूँगी कि जल क्यो रही है तुझे अपनी चूत अपने बेटे से मर्वानी है तो मरवा ले, मुझे टोका टॅकी क्यो कर रही है

राज - रश्मि के दूध को कस कर दबोचता हुआ, उसके गाल को अपने दाँतों से काट कर बड़ी शैतान है तू, में तो तुझे इतनी सीधी समझता था पर तू तो बहुत शैतान निकली


रश्मि- मुस्कुराते हुए, भैया आपने मेरी चूत को अपने मोटे लंड से फाड़ कर मुझे पागल कर दिया है अब तो में कभी भी आपके इस मोटे लंड को पकड़ लूँगी,

राज - अच्छा पकड़ लेना पर अभी नही जा जाकर एक ग्लास पानी ले आ

रश्मि- मुस्कुराकर उठ जाती है और अपनी मोटी गान्ड को खूब मटका कर जानबूझ कर हिलाते हुए राज को देख कर मुस्कुराते हुए आँख मार देती है और राज उसको देख कर मुस्कुराता रहता है

राज अपने मन में रश्मि तो दो दिन में ही पूरी चेंज हो गई है यह तो एक दम आग है, में तो इसे बच्ची समझता था और यह तो मेरी भी अम्मा निकली, खैर जैसी भी है बहुत मस्त और प्यारी है, दो दिन में इसने मुझे जितना मज़ा दिया है वह मेरी जिंदगी का यादगार पल है और आयेज भी ना जाने रश्मि और कितना मज़ा देगी, बहुत ही सेक्सी है मेरी बहना,

रश्मि- मुस्कुराते हुए पानी लाकर राज को देते हुए, लो पी लो यह पानी फिर आज रात को में आपको दूसरा वाला पानी खूब अच्छे से पिलाउन्गी

राज - मुस्कुराता हुआ, क्यो नही में भी तो तेरा रसीला पानी पीने के लिए तड़प रहा हूँ, अच्छा यह बता ट्रेन में कल कैसा रहा हमारा गेम

रश्मि- मुस्कुराकर राज के होंठ को चूमती हुई, धीरे से उसके कान में बहुत ही मस्त था भैया, बड़ी मस्त चूत मारी आपने कल रात मेरी, और फिर रश्मि बच्चो की तरह मिमियाते हुए, भैया मुझे आज भी कल रात की तरह उतनी ही देर तक चोदना जितना कल रात को आपने चोदा था

राज - क्यो कल रात को ज़्यादा मज़ा आया था क्या

रश्मि- भैया कल जैसे आपने मेरी चूत को खूब देर तक धीरे-धीरे चोदा था ना बस उसी तरह आज रात भर मेरी चूत मारना, आप बहुत मस्त चोदते हो में तो कल रात को पागल हो गई थी, मुझे कितना मज़ा आया में बता नही सकती

तभी रजनी उधर से चाइ लेकर आती है और दोनो को एक-एक कप पकड़ते हुए उनके सामने बैठ जाती है, दोनो चाइ पीने लगते है और राज अपनी नज़रे अपनी मम्मी के गदराए बदन पर लगा देता है और उधर रश्मि और रजनी बाते करने लगती है. रश्मि रजनी से बाते करती हुई राज के उपर लदी जा रही थी और

रजनी- अपने मन में इतनी बड़ी घोड़ी हो गई है और अपने जवान भाई से कैसे चिपकी जा रही है, टीशर्ट भर पहन कर घूमती है अंदर ब्रा तक नही पहनती कैसे दूध बाहर निकले आ रहे है, राज इसके इन मोटे-मोटे दूध को देखता होगा तो क्या सोचता होगा,

रश्मि- राज से चिपक कर उसके गाल चूमती हुई, भैया कितना मज़ा आया ना कश्मीर में

रजनी- रश्मि की हरकत देख कर रश्मि से, सीधी नही बैठ सकती क्या बेचारा अभी थका हारा आया है और तू उसे चैन से बैठने भी मत दे चढ़ि जा रही है उसके उपर

रश्मि- अपनी मम्मी को घूर कर अपनी जीभ निकाल कर दिखाती हुए, मेरे भैया है में कुछ भी करूँ तुझे उससे क्या

रजनी- बड़ी आई भैया वाली एक तेरा ही तो भाई है इस संसार में

रश्मि- जब देखो भाषण देती रहती है आभी मुझे आए 10 मिनट नही हुए कि शुरू हो गई

राज - मुस्कुराकर ये रश्मि मार खाएगी क्या चल जा अपने रूम में जाकर आराम कर ले और में भी थोड़ा फ्रेश हो लेता हूँ

रश्मि उठ कर राज के रूम में जाते हुए

रश्मि- भैया आज से मेरा रूम आप वाला है मुझे नही सोना मम्मी के साथ और तुनक कर अपने गदराए चूतड़ हिलाते हुए चल देती है,

राज - रजनी को देख कर मुस्कुराता हुआ, इसका बच्पना कभी नही जाएगा मम्मी

रजनी- अरे राज इतनी बड़ी घोड़ी हो गई है पर पता नही इसको कब अकल आएगी


राज - मुस्कुराता हुआ आ जाएगी मम्मी, अभी वह वाकई में बच्ची ही है

रजनी- अपने मन में, अरे बेटा क्या खाक बच्ची है उसको तू जिस दिन नंगी देख लेगा तब तुझे पता चलेगा कि इस बच्ची को भी तेरे जैसे तगड़े लंड की ज़रूरत पड़ने लगी है, अब यह बच्ची नही रही अभी इसे कोई छोड़ दे तो माँ बन जाएगी

रजनी- बेटे तू नहाएगा क्या

राज - हाँ मम्मी सफ़र की थकान है इसलिए नहा लेता हूँ

रजनी- ठीक है में तेरा टॉवेल लेकर आती हूँ

राज - ओके मम्मी और फिर रजनी राज के रूम में टॉवेल लेने चली जाती है और जब वह अंदर पहुचती है तो रश्मि राज के बेड पर उल्टी तकिये पर सर रख कर लेटी थी

रजनी- रश्मि तू भी नहा ले, इतनी गंदी लग रही है, ऐसा लगता है जैसे कहीं लोट लगा कर आ रही है
रश्मि- मुझे तो नींद आ रही है मम्मी में तो शाम को नहाउन्गी

रजनी- कुछ खाना पीना नही है क्या

रश्मि- नही मुझे भूख नही है

रजनी उसके सर पर हाथ फेरते हुए, मुझसे नाराज़ हो गई क्या

रश्मि- उसको घूर कर देखती हुई, मुझे जब देखो घोड़ी बोलती रहती हो तुम भी तो अच्छी ख़ासी घोड़ी लगती हो खुद को जाकर शीशे में देखो कि ज़्यादा मस्तानी घोड़ी में हूँ या तुम

रजनी- मुस्कुराते हुए अच्छा बाबा में तुझसे भी बड़ी घोड़ी हूँ, अब तो खुस

रश्मि- मुस्कुराकर अपनी मम्मी की मोटी गान्ड में हाथ से थप्पड़ मारती हुई, मेरी प्यारी घोड़ी मम्मी

रजनी- उसके गाल को खिचती हुई तो कभी नही सुधरने वाली है.


रश्मि- अच्छा में भी नहा लेती हूँ और वही अपनी मम्मी के सामने एक झटके में अपनी टीशर्ट उतार देती है

रजनी- मुँह फाड़ कर उसे देखती हुई वापस से टीशर्ट जल्दी से उठा कर उसे देती हुई, अरे बेशरम जवान भाई घर में है और तुझे इस तरह नंगी होते शरम नही आती है, कहीं उसने देख लिया तो

रश्मि- मुस्कुराकर देख लिया तो क्या हुआ आख़िर है तो मेरे भैया, कोई और तो नही देखने आ रहा है ना

रजनी- अरे कामिनी तेरा भैया है तो क्या उसके सामने नंगी हो जाएगी क्या

रश्मि- और तुम जब मेरे सामने पूरी नंगी होकर कपड़े पहनती हो तब


रजनी- अरे तू तो लड़की है तेरे सामने में नंगी हो भी जाउ तो क्या बुराई है, पर वह तो लड़का है उपर से जवान, कही तुझे इस हाल में देख लेगा तो ना जाने क्या सोचेगा

रश्मि- मुस्कुराते हुए अपनी टीशर्ट पहनते हुए, मम्मी अगर तुम लड़का होती और इस हाल में मुझे देखती तो क्या करती,

रजनी- उसकी पीठ पर मारते हुए कामिनी क्या करती में तेरी चूत मार देती और क्या, ऐसी नंगी किसी मर्द के सामने जाएगी तो वह क्या करेगा इतना भी नही जानती क्या

रश्मि- मुस्कुराते हुए तो क्या में भैया के सामने ऐसे चली जाउ तो क्या भैया मेरी चूत मार देंगे

रजनी- रश्मि का मुँह दबाती हुई, चुप कर दुष्ट कही की कितनी बेशरम है तू, कही तेरे भाई ने सुन लिया तो क्या सोचेगा वह तेरे और मेरे बारे में, तू उस छीनाल कोमल के साथ रह-रह कर इतनी बिगड़ गई है, पता नही क्या-क्या गुण सीखा चुकी है तुझे वह, कही अपना मुँह काला तो नही कर लिया तूने

रश्मि- मुस्कुराकर, मम्मी मुझे अपना मुँह काला करने का कोई शौक नही है, वैसे भी मुझे होली और रंगो से काफ़ी चिढ़ होती है

रजनी- अरे मूरख में रंग लगाने की बात नही कर रही हूँ, बल्कि में यह पूछ रही हूँ कि किसी लड़के से फसि तो नही है ना तू,

रश्मि- मुस्कुराकर क्या बात करती हो मम्मी में भला किसी लड़के से क्यो फन्सने लगी

रजनी- सूकर है, चल में जाती हूँ वहाँ राज टॉवेल लाने का वेट कर रहा है और यहाँ में तुझसे अपना सर टकराने चली हूँ,

रजनी टॉवेल ले कर बाहर आती है और राज टॉवेल ले लेता है और फिर रजनी वही बैठ जाती है और राज पहले अपनी शर्ट और बनियान उतार देता है और फिर जब राज अपनी पेंट उतारता है तो रजनी की नज़रे उसके लंड वाले फूले हुए भाग पर जाती है और वह ललचाई नज़रो से राज के लंड के हल्के उठाव को देखती है तब तक राज टॉवेल लपेट कर बाथरूम की और चल देता है और रजनी वही बैठ कर टीवी ऑन कर देती है

थोड़ी देर बाद रश्मि बाहर आकर रजनी के पास बैठ कर उसके साथ सट जाती है और उसे थोड़ा धक्का देती है और रजनी उसे देख कर गुस्सा करती हुई उसे थोड़ी जगह दे देती है

रश्मि- मुस्कुराते हुए, मम्मी एक बात कहूँ

रजनी- क्या

रश्मि- मम्मी इस महीने ना मुझे ब्लीडिंग नही हुई

रजनी- एक दम से चौंकते हुए, क्या, सच-सच बता कहाँ अपना मुँह काला करवा कर आई है

रश्मि- ज़ोर से ठहाका लगा कर हँसते हुए, हुई है बाबा हुई है में तो मज़ाक कर रही थी

रजनी- उसको देख कर मुस्कुराते हुए, बेशरम कही की, और उसकी ओर उंगली दिखा कर देख रश्मि, तेरी चाल अब मुझे ठीक नही लगती है, में समझाए देती हूँ अगर कुछ उल्टा काम करके आई तो समझ लेना तेरे भैया तेरी जान ले लेंगे

रश्मि- मुस्कुराते हुए अपने मन में, और अगर मेने कोई उल्टा काम अपने भैया के साथ ही कर लिया तब, क्या तब भी भैया मेरी जान लेंगे,

रश्मि- अरे मम्मी क्या में इतनी गँवार हूँ कि अपना अच्छा बुरा नही समझ सकती, तुम तो बेकार मेरे लिए पारेशन होती हो

रजनी- देख बेटी आजकल जमाना खराब है इसलिए में तुझे समझाती रहती हूँ

राज - बाथरूम से बाहर आता हुआ, क्या समझा रही हो मम्मी इस गुड़िया रानी को

रश्मि- भैया मम्मी कह रही है कि जमाना खराब है इसलिए अपने भैया के साथ ही जहाँ भी जाना हो जाया करो

राज - हाँ रश्मि मम्मी ठीक कहती है,

रजनी- बेटे में तो इसे इतना समझती हूँ पर जब इसके भेजे में बात आए तब ना
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तीनो आपस में बाते करते रहते है तभी रश्मि का मोबाइल बजता है और

रजनी- लो आ गया मेडम का फोन, मरी जा रही होगी तुझसे ना मिल कर अब उठा भी

रश्मि- हेलो कोमल, कैसी है

कोमल- अरे में तो ठीक हूँ पर तू बता कब आई कश्मीर से

रश्मि- अरे बस आज ही

कोमल- क्या हुआ कुछ बात आगे बढ़ी कि नही

रश्मि- एक कम कर कोमल आज शाम को मेरे घर पर ही आ जा यही बैठ कर बात करेगे ना

कोमल- गुड आइडिया में अभी आ जाउ क्या

रश्मि- अपने मुँह पर गुस्सा दिखाते हुए शाम को मतलब शाम को

कोमल- अच्छा बाबा बिगड़ती क्यो है में शाम को ही आउन्गि चल बाइ

रश्मि- बाइ

रजनी- क्या ज़रूरत है उसको घर बुलाने की

रश्मि- देखा भैया

राज - मुस्कुराकर मम्मी वह अच्छी लड़की है उसे जानता हूँ

रजनी- ठीक है राज तू कहता है तो अच्छी होगी, मुझे क्या करना है, तू जान और यह तेरी लाडो जाने में चली खाना बनाने और रजनी अपनी गदराए चुतड़ों को मटकती हुई चल देती है, और फिर रश्मि को घूर कर देखते हुए चलो महरानी अगर थोड़ी मेरी हेल्प करने का मन हो तो

रश्मि- अपनी मम्मी के पीछे जाने लगती है तभी राज उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी बाँहो में भर कर चूम लेता है, रश्मि- भैया देखा तुमने मम्मी को कितना जलती है वह मुझसे

राज - अरे पागल वह तुझसे जलती नही है तेरी फिकर रहती है उसे, तू उसकी बातों को क्यो माइंड करती है, अच्छा सुन में तुझसे एक बात कहना चाहता हूँ

रश्मि- बोलो ना

राज - आज जब शाम को कोमल आएगी तो तू हम दोनो के बारे में उससे कुछ नही कहेगी

रश्मि- राज को आश्चर्य से देखती हुई, पर आपको ऐसा क्यो लगा कि में उसे यह सब बता दूँगी

राज - मुस्कुराते हुए, क्यो की में जानता हूँ कि तू उससे अपनी सब बाते शेयर करती है, यहाँ तक कि मुझे भी

रश्मि- आपको कैसे पता कि में आपको भी उससे शेयर कर चुकी हूँ

राज - बस मेरा ऐसा अंदाज़ा है तेरे बारे में, और में चाहता हूँ कि हम दोनो के बीच की सारी बाते बस हम दोनो के बीच ही रहे,

रश्मि- मुस्कुराकर अच्छा हुआ भैया आपने मुझे अभी कह दिया नही तो में उसे सच मच सब बता देती, वैसे भैया वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त है अगर कभी में उसे हमारे बीच की बात बता भी देती तो वह किसी से कभी नही कहती

राज - आइ नो बट मेने जैसा कहा है वैसा ही होना चाहिए

रश्मि- ओके, अब जाउ, नही तो मेरी सास अभी चिल्लाने लगेगी

राज - उसके गाल दबाता हुआ शरारती कही की चल जा

रश्मि किचन में आकर काम करने लगी और रजनी उससे पूछने लगी क्या करने लगी थी

रश्मि- भैया के सामने नंगी हो रही थी

रजनी- कभी तो अपने मुँह से अच्छी बाते निकाला कर, जा वह सब्जिया धो कर ला और फिर काट ले में तब तक आता लगा देती हूँ,

दोनो माँ बेटी फटाफट खाना बना कर रेडी कर देती है फिर सब लोग दोपहर का खाना खा कर, हॉल में आकर बैठ जाते है रजनी टीवी देखने लगती है और राज अपने रूम में जाकर लेट जाता है
रश्मि चुपचाप राज के पास जाकर

रश्मि-क्या भैया सो गये जाओ मम्मी के पास जाकर बैठो ऐसे तो तुम फसा चुके उसको

राज - और तू

रश्मि- में आपके बेड पर सोती हूँ आप जाओ और मम्मी से चिपक कर बैठना

राज - मुस्कुराता हुआ अपनी मम्मी के पास जाकर बैठ जाता है

रजनी-राज के गले में हाथ डाल कर क्या हुआ तू सोया नही

राज - नही मम्मी नींद नही आ रही है, में यही आपकी गोद में सो जाता हूँ और राज अपनी मम्मी की गदराई जाँघो पर लेट जाता है और अपने मुँह को उसके पेट की ओर कर लेता है

रजनी- उसके सर पर हाथ फेरते हुए बेटा नींद तो मुझे भी आ रही है रश्मि कहाँ है

राज - वह मेरे बेड पर सो गई है

रजनी- चल तू मेरे बेड पर मेरे साथ लेट जा में भी लेटना चाहती हूँ

राज -चलो और राज अपनी मम्मी के गदराए चुतड़ों को देखता हुआ उसके पीछे चल देता है
दोनो बेड पर जाकर लेट जाते है और राज अपनी मम्मी के सीने में अपना मुँह दबा कर

राज - ओह मम्मी आप नही जानती में आपको कितना याद करता था, में तो चाहता था कि आप भी मेरे साथ कश्मीर घूमने चले

रजनी- राज के सर पर हाथ फेरती हुई, बेटा अब मेरी उमर कहाँ रही घूमने फिरने की

राज - लो कर लो बात अच्छी ख़ासी तो हो और उमर की बात कर रही हो,


रजनी- क्या में बूढ़ी नही लगती

राज - क्या बात करती हो मम्मी लोग अगर आपको और मुझे साथ-साथ देखेगे तो यही सोचेगे कि यह औरत इस लड़की की बड़ी बहन है

रजनी- मुस्कुराते हुए क्या तू सच कह रहा है


राज - अपनी मम्मी की कमर में हाथ फेरते हुए बिल्कुल सच कह रहा हूँ अगर मेरी बात का यकीन नही आता तो आप रश्मि से पूछ लेना

रजनी अपने मन में सोचने लगती है लगता है राज भी मेरी गदराई जवानी को महसूस करता है तभी तो इसे में जवान लगती हूँ, पता नही यह मुझे किस नज़र से देखता है, मेने तो जब से इसका मोटा लंड देखा है मुझे यह कामदेव का अवतार नज़र आता है,

इसे क्या पता कि यह खुद अपनी मम्मी को उसके ख्यालो में कितनी बार चढ़-चढ़ के चोद चुका है, कल तो जब में इसके लंड को सोच सोच कर मुट्ठा मार रही थी तब अचानक मुझे कितना मज़ा आने लगा था और फिर मेरे मन में यह ख्याल आने लगा कि राज मुझे पूरी नंगी करके मेरे होंठो को चूस्ता हुआ मेरी चूत को अपने मोटे लंड से खूब कस-कस कर चोद रहा है,


राज अपनी मम्मी के गोरे-गोरे भरे हुए गालो को और उसके रसीले होंठो को देख रहा था और अपने मन में सोच रहा था मम्मी तुम तो बला की खूबसूरत हो आज तक पता नही मेने तुम्हे उस नज़र से क्यो नही देखा, एक बार तुम मेरी बाँहो में पूरी नंगी होकर आ जाओ तो में सारी रात तुम्हारी ऐसी कस कर चुदाई करूँगा कि तुम मस्त हो जाओगी,

राज - अपनी मम्मी की कमर में हाथ फेरता हुआ, क्या सोच रही हो मम्मी

रजनी- कुछ नही बेटे, पर तू मुझे इस तरह क्यो देख रहा है क्या मेरे चेहरे पर कुछ लगा है क्या

राज - मुस्कुराता हुआ, नही मम्मी में तो यह देख रहा हूँ कि आप कितनी खूबसूरत लगती हो

रजनी- क्यो मज़ाक कर रहा है अपनी मम्मी से

राज - नही मम्मी में सच कह रहा हूँ, आप के गाल कितने भरे हुए है मेरा दिल कर रहा है कि आपके गालो को चूम लूँ और फिर राज अपनी मम्मी के गालो को चूम लेता है

रजनी- अपने गाल पर हाथ फेरती हुई, मुस्कुराकर क्या बात है आज अपनी मम्मी पर बड़ा प्यार आ रहा है

राज - में तो हमेशा से अपनी मम्मी से प्यार करता आया हूँ, मम्मी आप मेरे बालो में अपनी उंगलिया फेरो ना में सो जाता हूँ, जब आप अपनी उंगलिया मेरे बालो में चलती है तो मुझे बहुत जल्दी नींद आती है

रजनी- मुस्कुराकर राज के सर को अपने सीने से दबा लेती है और राज अपने मुँह को अपनी मम्मी के मोटे-मोटे दूध में भर देता है और अपनी मम्मी के गदराए जिस्म से उठती हुई मादक खुश्बू को लेने लगता है, रजनी प्यार से राज के बालो में उंगलिया चलाने लगती है और राज धीरे से अपनी मम्मी की मोटी जाँघो पर अपनी एक टाँग लाद कर उसकी पीठ पर अपना हाथ लेजा कर उसे अपने से चिपका लेता है,


राज और रजनी दोनो चुप चाप लेते रहते है राज धीरे से अपनी मम्मी के मोटे और गदराए चुतड़ों पर अपने हाथ ले जाकर फेरने लगता है और उसका मोटा लंड उसकी मम्मी की गुदाज मस्तानी गान्ड के अहसास से खड़ा हो जाता है उधर रजनी की फूली चूत भी अपने जवान बेटे के स्पर्श से गीली होने लगती है, दोनो एक दूसरे से चिपके हुए मज़ा लेते रहते है और दोनो में से किसी की आँखो में नींद नही होती है,


राज का मोटा लंड अपनी मम्मी के भारी शरीर से चिपके होने की वजह से झटके मारने लगता है और अचानक उससे कंट्रोल नही होता है और एक बार तो उसका हाथ अपनी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड की गुदा को सहला देता है फिर अचानक उसे अहसास होता है कि कही मम्मी नाराज़ ना हो जाए और वह फिर से अपने हाथ को अपनी मम्मी की मुलायम फूली हुई गान्ड पर फेरने लगता है राज ने महसूस किया था कि उसकी मम्मी साड़ी के अंदर पेंटी नही पहनती थी इसलिए उसे अपनी मम्मी की मोटी गान्ड की गहरी गुदा को सहलाने में मज़ा आ गया था और वह यह भी सोच रहा था कि मम्मी की गुदा को सहलाने पर भी मम्मी चुपचाप लेटी रही, ज़रूर मम्मी को भी मज़ा आया होगा तभी तो उसने कोई रिप्लाइ नही किया,


थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहने के बाद


रजनी- बेटे तू आराम से सो जा में उधर मुँह कर लेती हूँ

राज - ठीक है मम्मी


और फिर रजनी दूसरी और मुँह करके अपनी गदराई गान्ड को अपने बेटे के लंड की तरफ कर देती है, राज अपने मम्मी की मोटी गान्ड से कस कर चिपकते हुए अपने पैर को उसकी मोटी-मोटी गदराई जाँघो पर चढ़ा लेता है और अपने हाथ को अपनी मम्मी के आगे उसके गदराए और उठे हुए पेट पर लेजा कर सहलाने लगता है जब वह अपनी मम्मी के गुदाज गदराए उठे हुए पेट को सहलाता है तो उसका लंड झटके मारने लगता है और राज को अपनी मम्मी के पेट को सहलाने में बहुत मज़ा आने लगता है,

राज अपने मन में सोचते हुए, हाय मम्मी तुम्हारा पेट कितना उठा हुआ है यह उठाव तुम्हारे पेट में लंड खा-खा कर आ गया है और अपनी मम्मी की नाभि और उसके उपर के हिस्से में हाथ फेरता हुआ सोचता है मम्मी जब में अपना मोटा लंड तुम्हारी फूली हुई चूत में डालूँगा तब मेरा लंड लगभग यहाँ तक आ जाएगा, राज धीरे से अपने हाथ को उसके पेट से थोड़ा उपर ले जाता है लेकिन उसकी हिम्मत अपनी मम्मी के मोटे-मोटे दूध को सीधे-सीधे पकड़ने की नही होती है और वह चुपचाप उसके उठे हुए गदराए पेट को सहलाता हुआ लेटा रहता है

दोनो लगभग 2 घंटे तक जागते हुए पड़े रहते है लेकिन आगे बढ़ने का साहस किसी में नही था, कुछ देर बाद रजनी उठ कर बैठ जाती है और राज अपनी आँखे बंद कर लेता है,

रजनी- राज के गालो को सहलाते हुए मुस्कुराकर बेटा चाइ पिएगा

राज - अपने आँखे खोल कर अपनी मम्मी की गदराई जवानी को उसी की आँखो के सामने घूरते हुए, उसके मोटे-मोटे दूध को देख कर पिला दो मम्मी

रजनी- मुस्कुराकर राज के उपर झुक कर उसके गालो को चूम लेती है, ऐसा करने पर उसके दोनो मोटे-मोटे दूध का वजन राज की छाती पर महसूस होता है और वह मस्त हो जाता है, रजनी बेड से उठ कर अपनी गदराई मोटी गान्ड को मटकती हुई बाहर जाने लगती है और राज बड़ी हसरत भरी निगाहो से अपनी मम्मी के भारी-भारी चुतड़ों को देखने लगता है,


राज अपने मन में मम्मी को देख कर लगता तो है कि वह कुछ बेचैन है पर अगर में उसको पकड़ कर दबोच लेता हूँ तो पता नही अपनी चूत मरवाएगी या नही, पर में कन्फर्म कैसे करूँ कि वह भी मुझसे चुदने के लिए तड़प रही है, खैर देखते है क्या होता है, थोड़ी देर बाद रजनी चाइ लेकर आ जाती है और राज को देते हुए उसके पास बेड पर बैठ जाती है,
रजनी बेड पर बैठी हुई चाइ पीती रहती है और राज अपनी मम्मी का गदराया हुआ थोड़ा साल खाया हुआ पेट देखता रहता है


रजनी- मुस्कुरा कर क्या देख रहा है बेटा

राज - मुस्कुराकर अपनी मम्मी के गदराए पेट पर हाथ फेरता हुआ उसकी गहरी नाभि में उंगली डाल कर फिर उसके पेट को अपने हाथो से दबोचते हुए, मम्मी आपका पेट कितना मुलायम और सॉफ्ट है मुझे बहुत अच्छा लगता है

रजनी- मुस्कुराते हुए बेटे जब औरते माँ बन जाती है तो उनका पेट ऐसे ही उठ कर थोड़ा बाहर निकल आता है

राज - अपनी मम्मी के पेट पर हाथ फेरता हुआ उसकी आँखो में देख कर, पर मम्मी आपका पेट तो बहुत ही मुलायम और उठा हुआ है मुझे इस पर हाथ फेरने में बहुत अच्छा लगता है

राज रजनी के पूरे नंगे पेट पर हाथ फेर कर बाते कर रहा था और रजनी की फूली हुई चूत अपने बेटे की बाते सुन कर बैठे-बैठे ही पानी चोदने लगी थी,

रजनी- बेटे में मोटी हो गई हूँ ना


राज - अपनी मम्मी को उपर से नीचे तक प्यासी नज़रो से उसी के सामने देखता हुआ, नही मम्मी आप तो बहुत अच्छी लगती हो और अपने मन में, मम्मी आप तो पूरी मस्त चोदने लायक हो एक बार अगर पूरी नंगी हो जाओ तो सचमुच में यहीं अपना पानी छोड दूँगा, जब तुम्हारा पेट इतना गुदाज और उठा हुआ है तो फिर तुम्हारी फूली हुई चूत कितनी गदराई और फूली हुई होगी

रजनी- चाइ का कप रख कर बेटे एक बार और फेर ना अपना हाथ मेरे पेट पर

राज - मुस्कुराकर क्यो आपको अच्छा लगता है क्या

रजनी- हाँ

राज - अच्छा आप मेरे सामने आकर खड़ी हो जाओ फिर में फेरता हूँ

रजनी राज के सामने खड़ी हो जाती है और उसकी साड़ी उसकी नाभि से 2 इंच नीचे बँधी होती है राज एक हाथ को अपनी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड से लगा कर दूसरे हाथ से अपनी मम्मी के मुलायम पेट को सहलाने लगता है और रजनी मस्त होने लगती है,

राज बेड पर पेर लटकाए अपनी मम्मी को अपने सामने खड़ी करके उसके पेट को अपने हाथ की हथेलियो से पकड़ कर मसल्ते हुए वाकई मम्मी बहुत हो मुलायम पेट है आपका और फिर राज अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के दोनो पाटो को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी मम्मी के पेट को जब अपने मुँह से चूमता है तो उसे एक पल तो ऐसा लगता है जैसे वह अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को चूम रहा है,

अपने बेटे द्वारा अपना गुदाज पेट चूमने से रजनी की आँखे एक दम से बंद हो जाती है और राज लगातार अपनी मम्मी का पेट सहलाता रहता है और रजनी की मस्तानी चूत अपने बेटे द्वारा सहलाए जाने से फूल कर पानी-पानी हो रही थी,


तभी रश्मि रूम के अंदर आ कर

रश्मि- क्या हो रहा है यह

रश्मि को एक दम से देख कर रजनी घबरा जाती है और फिर

राज - कुछ नही गुड़िया रानी मम्मी के पेट में दर्द है वही देख रहा था

रजनी- राज के जवाब पर उसको आश्चर्य से देखने लगती है और फिर थोड़ा मुस्कुराकर बेटे तू एक काम कर मेरे पेट की थोड़ी मालिश कर्दे शायद दर्द ख़तम हो जाए

रश्मि- राज को देख कर भैया आप मम्मी के पेट की मालिश करो में ज़रा नेहरू पार्क से आती हूँ, अभी
कोमल का फोन आया था वह वही मुझे बुला रही है और फिर रश्मि राज को आँख मारती हुई बाहर निकल जाती है

राज - खड़ा होकर अपनी मम्मी की दोनो बाँहो को पकड़ कर, मम्मी क्या सच में आपका पेट दर्द कर रहा है

रजनी- हाँ बेटे इसीलिए तो मेने तुझे सहलाने के लिए कहा था

राज - अच्छा चलो आप लेट जाओ में आपके पेट को थोड़ा दबा देता हूँ शायद आराम मिल जाए

रजनी- बिना कुछ कहे बेड पर लेट जाती है और अपनी साड़ी को थोड़ा और नीचे सरका लेती है

राज का मोटा लंड अपनी मम्मी का गुदाज उठा हुआ पेट और गदराई जवानी देख कर तन जाता है और वह अपनी मम्मी के पास बैठ कर उसके मसल गोरे-गोरे उठे हुए पेट को अपने हाथो से सहलाते हुए दबोचने लगता है, रजनी की चूत फूल कर कुप्पा हो जाती है और वह अपनी आँखे बंद किए हुए दर्द का बहाना करती हुई आह हाँ बेटे यही नाभि के थोड़ा नीचे ही ज़्यादा दर्द है,

राज अपनी मम्मी के पेट को अपने सख़्त हाथो से खूब कस-कस कर दबोच रहा था और उसका लंड अपनी मम्मी की नंगी फूली हुई चूत की कल्पना कर-कर के पागल हो रहा था, उसका मन कर रहा था कि अभी अपनी गदराई मम्मी के उपर चढ़ कर खूब कस-कस कर उसकी चूत मार दे, उसकी मम्मी के दूध ब्लौज फाड़ने को तैयार दिख रहे थे वह राज को लगभग नंगी ही नज़र आ रही थी, रजनी अपनी आँखे बंद किए हुए अपने बेटे के मोटे लंड के बारे में सोच रही थी और अपने मन में बेटे अपनी मम्मी को पूरी नंगी करके अपने मोटे लंड से उसकी चूत को खूब कस कर चोद दे बेटा में बहुत तड़प रही हूँ तेरे मोटे लंड से चुदने के लिए


रजनी- बेटे एक काम कर तू भी मेरे पास लेट कर मेरा पेट सहला दे बैठे-बैठे कब तक करता रहेगा

राज अपनी मम्मी से चिपक कर लेट जाता है और उसके गुदाज पेट को अपनी हथेलियो में भर-भर कर सहलाने लगता है और अपनी मम्मी के रसीले होंठो को देख कर उसका मन करता है कि अभी उसके रस भरे होंठो को अपने मुँह में भर कर खूब कस-कस कर चूसे, वह अपने मन में सोचता है मम्मी आज रात को तुम सो जाओ उसके बाद आज में तुम्हारे मस्त फूले हुए भोस्डे को ज़रूर देखूँगा कितनी गदराई चूत होगी तुम्हारी और फिर राज अपनी मम्मी से कस कर चिपक जाता है और रजनी भी उसे अपनी बाँहो में भर लेती है, दोनो काफ़ी देर तक चिपके हुए पड़े रहते है, फिर रजनी उठ कर बैठ जाती है और

राज - क्या हुआ मम्मी ज़्यादा दर्द कर रहा है क्या

रजनी- नही बेटे अब कुछ ठीक है में ज़रा बाथरूम से आती हूँ और फिर रजनी उठ कर बाथरूम में
चली जाती है और अपनी साड़ी उठाकर सीधे अपनी फूली हुई चूत में दो उंगलिया डाल कर सहलाती है और फिर अपनी चूत में पानी के छींटे मारती हुई एक तेज धार के साथ मूतने लगती है, इधर राज अपने लंड को बाहर निकाल कर देखता है और जब थोड़ा दबाता है तो पानी की बूंदे उसके लंड से बाहर आ जाती है और वह अपने लंड से पानी पोछ कर वापस उसे अंदर कर लेता है और रूम से बाहर निकल कर टीवी ऑन करके टीवी के सामने बैठ जाता है, तभी सामने से उसे रश्मि और कोमल आती हुई नज़र आती है.
कोमल- हेलो राज भैया घूम आए कश्मीर

राज - हाँ कोमल, रश्मि तो बहुत खुश थी वहाँ

कोमल- अरे भैया जन्नत में जा कर कौन खुश नही होगा

रश्मि- कोमल काश तू भी हमारे साथ चलती तो बड़ा मज़ा आता

कोमल- हाँ यार पर मेरे ऐसे नसीब कहाँ

राज - फिकर ना करो कोमल अगली बार अगर हम गये तो तुम्हे भी साथ ले चलेगे

कोमल- मुस्कुराकर ठीक है भैया कुछ देर कोमल बैठती है फिर अपने घर चली जाती है, रश्मि उसे
दरवाजे तक छोड़ कर सीधी राज की गोद में आकर बैठ जाती है और उधर से रजनी आते हुए उसे देख लेती है, रजनी को देख कर रश्मि उठ कर राज के बगल में बैठ जाती है,
राज भी उठता हुआ मम्मी में ज़रा मार्केट से आता हूँ कुछ लाना तो नही है
रजनी बैठते हुए नही बेटा कुछ नही लाना
राज जब बाहर निकल जाता है तो रजनी रश्मि की पीठ पर मारते हुए

रजनी- क्यो री बेशरम अपने भैया की गोद में क्यो चढ़ कर बैठी थी

रश्मि- मुस्कुराते हुए यो क्या हुआ मम्मी आख़िर में उनकी छोटी बहन हूँ अगर अपने भैया की गोद में बैठ भी गई तो क्या हो गया

रजनी- अरे बेशरम ज़रा अपने भारी-भारी चुतड़ों को देख तुझे ज़रा भी शरम नही आती इतनी बड़ी जवान घोड़ी हो गई है और एक जवान लड़के के उपर चढ़ि जा रही है, क्या सोचता होगा राज

रश्मि- ऑफ हो मम्मी, अगर तुम्हे इतना ही बुरा लगता है तो तुम भी क्यो नही भैया की गोद में बैठ जाती, और अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतड़ों पर चिकोटी काटती हुई, तुम्हारे चूतड़ तो मुझ से भी बड़े है भैया को तो मज़ा आ जाएगा,

रजनी- उसकी पीठ पर मारती हुई, कमिनि कुछ तो सोच समझ कर बोला कर, तू ऐसी हरकत करती है क्या यह अच्छी बात है

रश्मि- मुस्कुराते हुए क्या करूँ मम्मी भैया से चिपकने में मुझे बहुत मज़ा आता है, ट्रेन में भी हम दोनो एक ही सीट पर चिपक कर सोए थे जब भैया ने मुझे अपने सीने से दबा लिया तो में क्या बताऊ मुझे कितना मज़ा आया था

रजनी- अपना मुँह फाडे रश्मि को देखती हुई, क्या तू अपने भैया से चिपक कर सोई थी

रश्मि- मम्मी तुम तो ऐसी बात करती हो क्यो तुम भैया से चिपक कर नही सोती हो क्या

रजनी- अपना मुँह इधर उधर करते हुए, तो क्या हुआ वह तो मेरा बेटा है

रश्मि- बस इसी तरह वह भी मेरा भाई है, जब तुम अपने बेटे से चिपक सकती हो तो फिर में अपने भाई से क्यो नही चिपक सकती

रजनी- गुस्से से उसे देखती हुई, कमिनि तेरा जो मन करे वह कर जा अपने भैया के सामने नंगी होकर खड़ी हो जा

रश्मि- मुस्कुरा कर, क्या तुम भैया के सामने नंगी होकर खड़ी हो जाती हो, जब तुम भैया के सामने नंगी चली जाओगी तो में भी चली जाउन्गी

रजनी- थोड़ा मुस्कुराकर चुप हो जा बेशरम कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा, तुझ से तो बात ही करना बेकार है,

रश्मि- मम्मी एक बात पुछु

रजनी- क्या

रश्मि- मम्मी आज तुम भैया से अपना पेट क्यो मसलवा रही थी

रजनी- सकपका कर वो तो मेरे पेट में दर्द था इसलिए

रश्मि- मुस्कुराकर मम्मी भैया बहुत अच्छी मालिश करते है ना

रजनी- उसका मुँह देखते हुए तुझे कैसे पता

रश्मि- जब हम कश्मीर में थे ना तब एक दिन मेरी कमर में दर्द था मेने भैया को बताया तो उन्होने मेरी कमर में इयोडीक्स लगाकर बहुत अच्छी मालिश की थी मुझे तो पता भी नही चला कब नींद आ गई, पता नही भैया कब तक मेरी कमर को दबाते रहे

रजनी- उस दिन क्या पहन रखा था तूने

रश्मि- मुस्कुराकर मम्मी मैं तो पूरी नंगी थी

रजनी- उसे मुस्कुराकर मारती हुई कमिनि कहीं की

रश्मि- मुस्कुराकर अरे मम्मी मेने अपनी टीशर्ट और स्कर्ट पहन रखी थी
रजनी- कुछ सोचते हुए, अच्छा रश्मि एक बात सच-सच बता तेरा भैया तुझे भी यहाँ वहाँ छूता है क्या

रश्मि- मुस्कुराकर मुझे क्या पता, पर वो मुझे प्यार बहुत करते है

रजनी- रश्मि अब आगे से तू अपने भैया के साथ रात को नही सोएगी

रश्मि- क्यो में नही सोउंगी तो क्या तुम सोओगी

रजनी- समझा कर बेटी एक जवान लड़की को एक जवान लड़के के साथ एक ही बेड पर नही सोना चाहिए

रश्मि- क्यो नही सोना चाहिए

रजनी- अरे पगली अब तू जवान हो गई है, कही राज ने कुछ उल्टा सीधा कर दिया तो लेने के देने पड़ जाएगे

रश्मि- क्या उल्टा सीधा करेगे भैया

रजनी- अरे अब में तुझे कैसे समझाऊ तू तो मेरी बात समझती ही नही है

रश्मि- में नही जानती में तो आज से भैया से मेद्स की पढ़ाई करूँगी और नींद आएगी तो उन्ही के पास सो जाउन्गी

रजनी- गुस्सा कर जा सो मेरा क्या जाता है जब किसी दिन तुझे पकड़ कर .......

रश्मि- मंद-मंद मुस्कुराती हुई, क्या पकड़ कर मम्मी

रजनी- चुप कर घोड़ी अब मेरे मुँह से मत कुछ कहलवा

रश्मि- अच्छा ठीक है मम्मी एक काम करते है भैया रात को 12 बजे तक मुझे पढ़ा देंगे उसके बाद में उनके रूम में ही अपनी पढ़ाई करके वही सो जाया करूँगी और भैया को तुम्हारे पास सोने भेज दूँगी, तुम्हारे साथ तो सो सकते है ना भैया,

रजनी- मुस्कुराते हुए उसके गाल खीच कर बदमाश कही की, तेरी जो मर्ज़ी हो वह करना, तुझे भला अपनी मन मर्ज़ी करने से कोई रोक पाया है

रश्मि- मुस्कुराकर में जानती हूँ तुम्हे भैया के साथ सोने का मन करता है

रजनी- उसको आँखे फाड़ कर देखती हुई, क्या जानती है

रश्मि- भोली बनती हुई, में जानती हूँ मम्मी में शुरू से ही तुम्हारे साथ सोती आई हूँ और तुम भैया से इतना प्यार करती हो, तुम्हारा भी मन अपने बेटे को अपने सीने से लगा कर सुलाने का मन करता होगा ना

रजनी- मुस्कुराकर चल अब बंद कर अपनी बड़ी-बड़ी बाते

रश्मि- नही मम्मी दरअसल भैया भी तुम्हारे साथ सोने में खुस रहते है

रजनी- तुझे कैसे पता क्या राज मेरे बारे में तुझसे कुछ कह रहा था क्या

रश्मि- अपने मन में मम्मी तुम कितनी चुदासी हो अपने बेटे का मस्त लंड अपनी फूली हुई चूत में लेने के लिए कैसे तड़प रही हो, पर तुम फिकर ना करो में भैया से कह दूँगी कि वह तुम्हे पूरी नंगी करके खूब कस-कस कर चोदे, तुम्हारी चूत को पूरी तरह फाड़ कर रख दे,.

रजनी- क्या सोचने लगी बोलती क्यो नही क्या कह रहा था राज

रश्मि- अरे मम्मी भैया कह रहे थे कि रश्मि में जब मम्मी से चिपक कर सोता हूँ और मम्मी मेरे सर को अपने हाथो से सहलाती है तो बहुत मस्त नींद आती है, मम्मी का भरा हुआ बदन बहुत मुलायम है मुझे उनके बदन से चिपक कर सोने में बहुत अच्छा लगता है

रजनी- और क्या कह रहा था तुझ से

रश्मि- और तो कुछ नही कह रहे थे हाँ लेकिन मम्मी जब भैया मेरे साथ मुझसे चिपक कर सोते है तो मेरे चुतड़ों पर अपना हाथ ज़रूर फेरते है लगता है उन्हे मेरे चुतड़ों पर हाथ फेरना बहुत पसंद है, क्या वह जब तुमहरे साथ सोते है तो तुम्हारे भी चुतड़ों पर हाथ फेरते है

रजनी को रश्मि की बाते बहुत अच्छी लग रही थी और उसकी चूत गीली हो रही थी, और इस बात को रश्मि अच्छी तरह समझ रही थी

रजनी- हाँ बेटे किसी-किसी की आदत होती है, पर राज और कहाँ-कहाँ हाथ लगता है तुझे

रश्मि- और तो कहीं हाथ नही लगते लेकिन एक दिन रात को जब में उनके साथ सो रही थी तब वह मुझसे पीछे से कस कर चिपके हुए थे और उनके हाथ में मेरा एक दूध था और वह मुझे चूमते हुए मम्मी, मम्मी कर रहे थे, मेने सोचा शायद नींद में आपको याद कर रहे होंगे

रश्मि की बात सुन कर रजनी अपने मन में ज़रूर राज मुझे सपने में पूरी नंगी करके चोद रहा होगा, तो क्या राज भी मुझे चोदना चाहता है, हो सकता है वह मुझे खूब कस-कस कर चोदना चाहता हो, हो सकता है में उसे बहुत अच्छी लगती हौं, में अपने बेटे को खूब अपनी चूत पिलाउन्गी कैसे मेरी दोनो जंघे फैला कर मेरी फूली हुई चूत को चाटेगा मेरा बेटा, कितना मोटा लंड है उसका मेरा तो खूब मन कर रहा है पूरी नंगी होकर अपने बेटे के मोटे लंड पर चढ़ने का

रश्मि- क्या सोच रही हो मम्मी
prkin

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Shukriya dost
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रजनी- कुछ नही रे में अभी बाथरूम से आती हूँ और रजनी बाथरूम के अंदर जाती है और बिना दरवाजा बंद किए जैसे ही अपनी साड़ी को अपनी कमर तक उठाती है रश्मि झट से अपने मोबाइल को लेकर अपनी मम्मी के पीछे जाकर मम्मी एक मिनट रुकना ज़रा और रजनी अपनी मोटी गान्ड को खोले हुए रश्मि को पलट कर देखती है और रश्मि उसकी मस्तानी उठी हुई नंगी गान्ड का फोटो खींच लेती है

रजनी- गुस्से से चिल्लाती हुई, कमिनि ये क्या कर रही है क्यो खींचा मेरा फोटो

रश्मि- मुस्कुराकर मम्मी तुम मुझे घोड़ी कहती हो ना अब देखो अपनी मोटी गान्ड का फोटो कितनी गदराई और चौड़ी है तुम्हारी गान्ड

रजनी उसके मोबाइल में फोटो देखने लगती है और फिर हाँ देख चुकी अब उसे डेलीट कर दे

रश्मि- नही करूँगी

रजनी- आश्चर्य से देखते हुए, क्यो नही करेगी

रश्मि- भैया को भी दिखाउन्गी

रजनी- गुस्साते हुए मार खाएगी रश्मि बेशरम कहीं की डेलीट कर उसे

रश्मि- अच्छा-अच्छा करती हूँ और फिर रश्मि बटन दबा कर डेलीट दिया

रजनी- उसको देख कर मुस्कुराते हुए अब जा यहाँ से मूतने भी नही देगी क्या

रश्मि- हाँ तो मुतो ना मेने कौन सा तुम्हारी चूत पकड़ रखी है और फिर जैसे ही रजनी अपने मोटे-मोटे गदराए चूतड़ को खोल कर बैठ जाती है रश्मि चुपके से उसके दो-तीन फोटो और खींच लेती है और फिर आकर बैठ जाती है

रजनी- वापस आकर तूने डेलीट कर दिया है ना

रश्मि- हाँ मम्मी, आप पागल हो क्या भला में आपकी मोटी गान्ड को भैया को कैसे दिखा सकती हूँ, पर मम्मी अगर भैया आपकी मोटी गान्ड देख लेते तो क्या करते, .

रजनी- चुप कर बेशरम, जब देखो बिना मतलब की बात करती रहती है जा रिमोट उठा के ला और टीवी ऑन कर दे

रश्मि- रिमोट उठा कर टीवी चला देती है और फिर दोनो टीवी देखने लगती है.





रात को खाना खाने के बाद रश्मि अपनी मम्मी से कहती है मम्मी में जा रही हूँ भैया से मेद्स पढ़ने, भैया पढ़ा कर फिर आपके पास आ जाएगे, रजनी उसकी बात सुन कर कुछ नही बोलती और अपने रूम में चली जाती है, रश्मि राज के रूम में जाकर जाते ही उससे चिपक जाती है और राज भी उसे अपनी बाँहो में भर कर पागलो की तरह चूमते हुए उसके कठोर चूचे को अपने हाथो में भर कर मसल्ने लगता है,

राज - रश्मि मम्मी कहाँ है

रश्मि- वह तो अपने रूम में चली गई है

राज - जा जाकर दरवाजा तो बंद कर दे

रश्मि- उठ कर दरवाजा बंद कर देती है और फिर अपने भैया के सामने पूरी नंगी हो कर, भैया में कैसी लग रही हूँ

राज - अपने लंड को मसलता हुआ, मुस्कुराकर बहुत ही सेक्सी और खूबसूरत

रश्मि जाकर राज की गोद में बैठ जाती है और राज उसके मोटे-मोटे चूचे को अपने हाथो से खूब कस-कस कर दबाने लगता है, रश्मि राज का पेंट खोल कर उसके लंड को बाहर निकाल कर अपने हाथो से दबाने लगती है, .

राज - रश्मि तू पूरी नंगी क्यो हो गई कहीं मम्मी आ गई तो

रश्मि- फिकर मत करो मम्मी 12 बजे तक तुम्हारे आने का वेट करेगी

राज - वो क्यो

रश्मि- इस लिए की मम्मी अपनी फूली हुई चूत तुमसे मराने के लिए मरी जा रही है, वह रोज रात को तुम्हारे साथ ही सोना चाहती है

राज - क्या यह सब तुझसे मम्मी ने कहा है

रश्मि- हाँ, और मेने कह दिया कि में पहले भैया से मेद्स पढ़ूंगी उसके बाद में तुम्हारे पास उन्हे भेज दूँगी और में देर तक अपनी पढ़ाई करूँगी और फिर भैया के बेड पर ही सो जाउन्गी

राज - मुस्कुराते हुए यह सब तेरा ही आइडिया है ना

रश्मि- क्या करूँ अपने प्यारे भैया को एक मस्त चूत दिलवाना है तो कुछ तो करना ही पड़ेगा ना, अच्छा भैया मम्मी की मोटी गान्ड को नंगी देखना है

राज - हाँ लेकिन कैसे

रश्मि- अभी दिखा देती हूँ और फिर रश्मि उसे अपने मोबाइल में खींचे हुए फोटो दिखाने से पहले एक मिनट भैया में नीचे बैठ कर आपके लंड को चुसूगी और आप मम्मी को फोटो देखते हुए यह सोचना कि आपका मोटा लंड मम्मी चूस रही है फिर देखना आपको कितना मज़ा आएगा, राज अपने दोनो पेर बेड से लटकाए बैठा था और रश्मि नीचे उतर कर उसकी जाँघो में अपने हाथो की कोहनी रख कर अपने घुटनो के बल खड़ी उसके लंड को अपने मुँह में भर लेती है और उसे मोबाइल दे देती है, राज जल्दी से पिक्स वाले फोल्डर को खोल कर जैसे ही अपनी मम्मी की गदराई मोटी गान्ड देखता है उसका लंड अपनी बहन के मुँह में मस्त होने लगता है वह बड़ी गौर से अपनी मम्मी की नंगी गोरी-गोरी मोटी जंघे और मस्त गदराई उठी हुई गान्ड को देखने लगता है रश्मि उसके लंड को अपने मुँह से निकाल कर अपने हाथो से तेज़ी से मूठ मारते हुए क्यो भैया कैसी है मम्मी की मोटी गान्ड, है ना जबरदस्त, अब बोलो चोदोगे मम्मी को पूरी नंगी करके, .

राज - हाँ रश्मि मम्मी कितनी गदराई हुई है उसे तो पूरी नंगी करके रात भर खूब कस-कस कर चोदना है मुझे, पर रश्मि तूने यह फोटो कैसे खींच लिया,

रश्मि- अरे तुम कहो तो उसकी पूरी नंगी फोटो खींच कर तुम्हे दिखा सकती हूँ

राज - हाँ रश्मि एक बार मम्मी का पूरा नंगा फोटो खींच कर दिखा दे तो मज़ा आ जाएगा

रश्मि- भैया आज रात को मम्मी की मोटी गान्ड को तोड़ा अच्छे से सहलाना मेने मम्मी से कह दिया है कि भैया को मोटे-मोटे चूतड़ सहलाने में बड़ा मज़ा आता है

राज - तो फिर मम्मी क्या बोली

रश्मि- मुझसे कहती है कि भैया के साथ मत सोया कर अब तू जवान हो गई है कही तेरा भैया कुछ उल्टा सीधा ना कर दे

राज - तो फिर तूने क्या बोला

रश्मि- मेने भी कह दिया कि जब तुम खुद भैया से चिपक कर सोती हो तब कुछ नही

राज - फिर मम्मी ने क्या कहा

रश्मि- कहने लगी कि वह तो मेरा बेटा है इसलिए में उसे अपने सीने से लगा कर सो सकती हूँ, तो मेने भी कह दिया मेरा भी वह भाई है और में भी उसके साथ चिपक कर सो सकती हूँ

राज - मुस्कुराकर उसके गाल को सहलाते हुए तू बहुत चतुर है रश्मि, फिर मम्मी ने क्या कहा

रश्मि- कुछ नही गुस्सा कर कहने लगी तेरी जो मर्ज़ी हो वह कर जा अपने भैया के सामने नंगी खड़ी होज़ा
राज - मुस्कुराता हुआ फिर तूने क्या कहा

रश्मि- मेने भी कह दिया अगर तुम मम्मी के सामने नंगी खड़ी हो जाओ तो में भी हो जाउन्गी


राज - तू इतनी बाते कैसे कर लेती है मम्मी के साथ

रश्मि- भैया सच कहने में में क्यो दारू खूब बेटा-बेटा कह कर तुम्हारे लंड पर नंगी होकर चढ़ना चाहती है और मुझे भसन देती है, .

राज - मुस्कुराते हुए, चल अब उपर आ जा मुझे भी तेरी फूली हुई चूत को पीना है
रश्मि झट से उपर आ जाती है और राज उसकी जाँघो को खूब कस कर फैला देता है और रश्मि अपनी दोनो टाँगो को मोड़ कर अपने सीने से लगाती हुई अपने भैया को अपने हाथो से अपनी फूली हुई चूत फैला कर दिखाते हुए लो भैया पी लो अपनी बहन की चूत और राज रश्मि की मस्त चूत को चूसने लगता है और रश्मि आह आह करती हुई सीसीयाने लगती है, राज कुछ देर तक रश्मि की चूत चूस्ता है और फिर रश्मि उठ कर राज को लेटा देती है और अपनी गान्ड उसके मुँह पर धर कर उल्टी उसके उपर लेट जाती है और राज उसकी गान्ड और चूत को फैला-फैला कर चाटने लगता है और रश्मि राज का लंड पीने लगती है,
(¨`·.·´¨) Always
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(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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