वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

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rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

Ankit wrote: 27 Sep 2017 17:09superb update
vikashchverma wrote: 27 Sep 2017 17:22Super
Shukriya dosto
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »

ज़ाहिद अब अपनी अम्मी की गान्ड के छेद को मज़े ले ले कर चाटने के दोरान अपनी ज़ुबान की नौक से अपनी अम्मी की गान्ड की मोरी को खोलने की कोशिश भी कर रहा था.

"आह,और्र्रर,हाआन्ं.में तो इस पल के लिए तरस रही थी, और चाटो मेरी गान्ड, अह्ह्ह्ह तुम्हे मेरी गान्ड बहुत पसंद है ना,तो काट खाओ मेरी मोटी गान्ड को,ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” अपनी गान्ड की मोरी पर अपने बेटे की गरम ज़ुबान को फेरते हुए महसूस कर के रज़िया बीबी मज़े से सिसकारी और उस ने अपनी गान्ड को ढीला छोड़ दिया.

रज़िया बीबी अपने जवान बेटे की ज़ुबान की गर्मी से बेहाल हो कर अपनी गान्ड के दर्द को तकरीबन भुला बैठी थी. और बिस्तर पर उसी तरह झुकी हुई मज़े से सिसकारटी “अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह” कर रही थी.

"ओह तुम्हारे चूतड़ तो जैसे मेरी जान ही ले लेंगे, दिल करता है कि तुम्हारे इन मोटे चुतड़ों की पूजा करूँ,इन की आरती उतारू " अपनी अम्मी की बात सुन कर ज़ाहिद ने जोश से अपनी अम्मी की गान्ड में ज़ुबान घुमाते हुए बोला.

"पूजा बाद में करना, पहले मेरी गान्ड की प्यास तो बुझा दो, अब ना तरसाओ मुझे और मेरी कंवारी गान्ड फाड़ ही दो मेरे रजाआाआआआअ” रज़िया बीबी ने अपनी भारी गान्ड को ज़ाहिद के मुँह पर फेरते हुए कहा.

ज़ाहिद तो इसी मोके की तलाश में था. इसीलिए ज्यों ही मज़े से कराहते हुए रज़िया बीबी ने अपनी गान्ड के छेद को ढीला छोड़ा.

तो ज़ाहिद ने एक दम फिर अपनी अम्मी की गान्ड के उपर अपने लंड को रखते हुए फिर धक्का मारा.

इस बार ज़ाहिद का लंड किसी तेज चाकू की तरह अपनी अम्मी की गान्ड में फिसलता हुआ अंदर चला गया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईई में माररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गैिईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई” ज़ाहिद का लंड ज्यों ही अपनी अम्मी की कुँवारी गान्ड को खोलता हुआ पहली बार आधा अंदर दाखिल हुआ.

तो बिस्तर पर झुकी रज़िया बीबी चलती हुई एक झटके के साथ बिस्तर से उपर उठी. जिस वजह से उस की कमर अपने पीछे खड़े अपने जवान बेटे ज़ाहिद की सख़्त छाती से टकरा गई.

"ओह अपना सारा बदन ढीला छोड़ दो ,और गहरी साँस लो, जानंनननणणन्" ज्यों ही रज़िया बीबी का जिस्म ज़ाहिद के जिस्म से टकराया. तो ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के भारी वजूद को अपनी बाहों में काबू करते हुए रज़िया बीबी के कान में सरगोशी की.



इस के साथ ही ज़ाहिद ने अपने लेफ्ट हाथ से अपनी अम्मी के हवा में झूलते हुए भारी राइट पोस्तान (मम्मे) को काबू किया.

जब कि अपने राइट हॅंड को अपनी अम्मी की चूत पर ला कर अपनी अम्मी की गरम फुद्दि के फूले हुए दाने को अपने हाथ से रगड़ने लगा.

"आआआहह माआआआअ फाड़ र्र्र्र्र्ररर दो मेरी गान्ड को ज़ाहिद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड" ज्यों ही ज़ाहिद के हाथ की उंगलियों ने अपनी अम्मी के फुद्दे को छुआ. तो मज़े की शिदता बे हाल हो कर रज़िया बीबी अपनी गान्ड के दर्द को भूल गई और सिसकियाँ लेने लगी.

“हाईईईईईईईईईईईईईईई आप की गान्ड में तो आप की फुद्दि से ज़्यादा गर्मी मौजूद है राजूऊऊओ बेगम्म्म्म” ज़ाहिद के लंड को ज्यों ही उस की अम्मी की गान्ड ने अपनी आगोश में लिया. तो अपनी अम्मी की गान्ड की अन्द्रुनि गर्मी को अपने सख़्त लंड पर महसूस कर के ज़ाहिद भी सिसकार उठा.

“तो चूत की तरह मेरी गान्ड की गर्मी भी निकाल दो ना मेरे जानुउऊुुुुउउ” अपनी गान्ड को अपने पीछे ख्रे ज़ाहिद के लंड पर फिराते हुए रज़िया बीबी ने जवाब दिया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईई मुझे तो यकीन नही हो रहा , कि जिस मोटी और उभरी हुई गान्ड को चोदने के लिए में पिछले कई महीनों से मचल रहा था, आज हक़ीकत में उसी कंवारी गान्ड को अपने लंड से खुद खोल रहा हूँ”



अपनी अम्मी के कान को अपने मुँह से चूमते और सरगोशी करते हुए ज़ाहिद ने अपने हाथ का दबाव रज़िया बीबी की मोटी फुद्दि के अकडे हुए दाने पर बढ़ा दिया.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई इस पूरी दुनिया में शाज़िया के बाद सिर्फ़ आप ही की चूत और गान्ड ऐसी है, जिस ने मेरा पूरा लंड अपने अंदर लिया है अम्म्मी जान”ज्यों ही ज़ाहिद का लंड पहली बार जड़ तक उस की अम्मी की गान्ड में गया. तो मज़े से पागल होते हुए ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की गान्ड मारते हुए कहा.

ज़ाहिद का लंड जब पहली बार रज़िया बीबी की गान्ड में गया था. तब दर्द की वजह से रज़िया बीबी का दिल चाहा कि वो ज़ाहिद का लंड अपनी गान्ड से निकलवा दे.

मगर ज्यूँ ज्यूँ ज़ाहिद का हाथ उस की अम्मी की चूत के दाने को मसलता रहा. त्यु त्यु गरम हो हो कर रज़िया बीबी अपनी गान्ड को पीछे से अपने बेटे के मोटे लंड के लिए खोलती चली गई.

फिर कुछ ही देर में ज़ाहिद का पूरा लंड उस की अम्मी की गान्ड के अंदर जा चुका था. जिस की वजह से अब रज़िया बीबी अपनी गान्ड मरवाने में मज़ा आने लगा था.

“ओह मुझे पता होता कि गान्ड मरवाने में इतना मज़ा है, तो में कब की तुम से अपनी गान्ड मरवा लेती, मेरे सैयाँ” ये कहते हुए तालीफ़ और मज़े के दरमियाँ वाली काफियत रज़िया बेगम अब अपनी गान्ड को नीचे करते हुए बिस्तर पर पूरी सीधी लेट गई.


और बिस्तर पर पेट के बल लेट कर अपनी गान्ड को पीछे से उपर उठा उठा कर ज़ाहिद से अपनी मोटी गान्ड चुदवाने लगी.
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

Post by rajaarkey »


ज़ाहिद अब अपनी अम्मी की गान्ड को अपने लंड से पूरा खोलने के बाद अब पूरी ताक़त से अपनी अम्मी की गान्ड में कस कस कर झटकों पर झटके मार रहा था.

जब कि ज़ाहिद से अपनी गान्ड मरवाते वक्त रज़िया बीबी की लज़्ज़त भरी चीखे पूरे कमरे मे गूँज रही थी.

रज़िया बीबी की चीखों से सॉफ लग रहा था. कि ये दर्द की आवाज़ नही.बल्कि ये तो गॉश और मस्ती से भरी चुदाई का मज़ा लेने वाली चीखे हैं.

ज़ाहिद अब पागलों की तरह अपनी अम्मी की गान्ड को ऐसे चोद रहा था. जैसे वो आज अपनी अम्मी की गान्ड में से ही अपना बच्चा निकाल कर रहे गा.

जब की उस के सामने बिस्तर पर लेटी उस की बीवी माँ अपने चूतड़ उठा उठा कर अपने जवान बेटे के लंड को अपनी गान्ड के अंदर ले रही थी.

माँ बेटे के लंड और गान्ड के मिलाप के इस हसीन मंज़र ने कमरे का पूरा माहौल रगीन बना दिया था.

“अब मुझे अपनी अम्मी की गान्ड में अपने लंड का पानी खारिज कर ही देना चाहिए” जब अपनी अम्मी की गान्ड को चोद चोद कर ज़ाहिद थक गया. तो उस के दिल में ख्याल आया.


ये ख्याल जेहन में आने की देर थी. कि ज़ाहिद ने एक दम अपनी अम्मी की गान्ड में से अपना मोटा लंड बाहर निकाला.

और एक तेज धार के साथ अपने लंड का गहरा वीर्य बिस्तर पर ओन्धे मुँह लेटी अपनी अम्मी रज़िया बीबी की भारी गान्ड पर छोड़ दिया.

अपनी अम्मी की उपर को उठी हुई चौड़ी गान्ड की गहरी पहाड़ियों में अपने लंड का वीर्य उडेलने के बाद ज़ाहिद भी बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई रज़िया बीबी के जिस्म पर ढेर हो गया.

ज्यों ही ज़ाहिद ने पीछे से अपनी अम्मी की हवा में उठी हुई गान्ड पर अपने जिस्म का सारा बोझ डाला. तो ज़ाहिद के वज़न तले दबी रज़िया बीबी की मोटी गान्ड एक दम नीचे हुई.

ज्यों ही रज़िया बीबी के भारी वजूद ने अपने आप नीचे को धँसाते हुए बिस्तर की चादर को छुआ. तो रज़िया बीबी की फूली हुई चूत को नीचे से बिस्तर की रगड़ लगी.

रज़िया बीबी के मोटे फुद्दे को लगने वाली रगड़ इतनी अचानक और शदीद थी. कि ज़ाहिद के लंड के साथ साथ रज़िया बीबी की चूत का मुँह भी खुल गया. जिस ने बिस्तर पर बिछी सफेद चादर को भी पूरा भिगो दिया.

अब कमरे में हालत ये थी. कि कमरे में बिछे बिस्तर पर दोनो माँ बेटा के पसीने में भीगे हुए बदन एक दूसरे पर पड़े अपनी बिखरी सांसो को संभालने की कॉसिश में मसरूफ़ थे.

और ज़ाहिद अपनी अम्मी की गान्ड की दरार में अपने ढीले पड़ते हुए लंड को रगड़ने के साथ साथ रज़िया बीबी की गर्दन को पीछे से चूम भी रहा था.

“कैसा लगा गान्ड मरवाई का ये तजुर्वा रज़िया बेगम” ज़ाहिद ने अपनी दूसरी बीवी रज़िया बीबी की गान्ड के छेद में अपने लंड को ऊपर नीचे फिराते हुए पूछा.

“हाईईईईईईईईईईईईईईईईई काश मुझे पता होता कि गान्ड मरवाने में इतना मज़ा मिलता है, तो शाज़िया से पहले में अपनी गान्ड मरवा लेती तुम से मेरे जानू” रज़िया बीबी ने नीचे से अपनी गान्ड को ऊपर उठा कर ज़ाहिद के लंड को अपनी गान्ड की मोटी पहाड़ियों में मज़ीद घुसाते हुए जवाब दिया.तो ज़ाहिद का लंबा लंड रज़िया बीबी की गान्ड के छेद से नीचे होते हुए पीछे से रज़िया बीबी की चूत के दाने को छूने लगा.

“उफफफफफफफफफफफ्फ़ दो दफ़ा फारिग होने के बावजूद तुम्हारे गधे जैसे लंड में तो अभी तक काफ़ी सख्ती है मेरे सरताज” ज्यों ही ज़ाहिद के लंड ने अपनी अम्मी की चूत के दाने पर चोट लगाई. तो रज़िया बीबी फिर से सिसकार उठी.

“जब इस लंड को अपने ही घर में दो दो बीवियाँ नसीब होगीं, तो ये बहन और माँ चोद अपना पानी छोड़ने के बावजूद अकडे ना तो और क्या करे मेरी जान”अपनी अम्मी की बात का जवाब देते हुए ज़ाहिद फिर से अपनी अम्मी के बिखरे बालों में अपना मुँह घुमाते हुए अपने लंड को अपनी अम्मी की गान्ड और चूत पर आहिस्ता आहिस्ता रगड़ने लगा.

थोड़ी देर यूँ ही पड़े रहने के बाद ज़ाहिद रज़िया बीबी के भारी वजूद से उठा. तो रज़िया बीबी भी सकून की सांस लेते हुए सीधी हो कर बिस्तर पर लेट गई.

ज्यों ही रज़िया बीबी कमर के बल सीधी हो कर बिस्तर पर लेटी. तो रज़िया बीबी के बराबर लेटे ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के बड़े बड़े मम्मों में अपने सर रख कर सकून से अपनी आँखे बंद कर लीं.
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