ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की कलाई को पकड़ कर अपनी तरफ खींचा. तो बिस्तर पर बैठी रज़िया बीबी एक दम दुबारा से ज़ाहिद के साथ ही बिस्तर पर जा गिरी.
अपनी अम्मी को अपने साथ बिस्तर पर लिटा कर ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के नंगे वजूद का सुबह की रोशनी में जायज़ा लिया.
तो ज़ाहिद का लंड भी सुबह सुबह अपनी अम्मी के फूले हुए बदन को अपनी आगोश में देख कर हल्के हल्के अपनी नींद से बे दार होने लगा.
अपनी अम्मी को अपने पहलू में लिटा कर ज़ाहिद जल्दी से अपने बिस्तर से उठ बैठा. और अपनी अम्मी को अपनी बाहों में खींचते हुए बोला “अपनी अज्दावगी ज़िंदगी की पहली नई सुबह मुबारक हो मेरी जान”
“आप को भी अपनी दूसरी शादी का पहला दिन मुबादक हो मेरे जानू” रज़िया बीबी ने भी ज़ाहिद के प्यार का जवाब प्यार से देते हुए कहा.
“सुखी मुबारक से काम नही चले गा, चलो जल्दी से अपना और मेरा मुँह मीठा करो मेरी जान” ज़ाहिद अपनी अम्मी के गोल गोल मम्मो को अपने हाथ से दबाते हुए कहा.
“सुबह सुबह मुँह मीठा केसे करूँ मेरी जान” रज़िया बीबी ने ज़ाहिद की बात ना समझते हुए पूछा.
“तुम मेरा लंड चूस कर अपना मुँह मीठा करो, और में तुम्हारी चूत को चाट कर अपना मुँह मीठा करूँगा बेगम” ये कहते हुए ज़ाहिद ने रज़िया बीबी का हाथ पकड़ कर अपने तने हुए लंड पर रख दिया.
ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी अम्मी के हाथ में अपना मोटा लंड थमाया. तो रज़िया बीबी ने जल्दी से अपने आप को ज़ाहिद की बाहों से अलग करते हुए अपनी नज़रें ज़ाहिद के मोटे लंड पर जमा दीं.
ये ज़ाहिद का वो ही मोटा,ताज़ा और सख़्त लंड था. जिस ने कल रात उस की अम्मी रज़िया बीबी का दम ही निकाल दिया था. जिस की वजह से रज़िया बीबी को अब अपनी चूत और गान्ड दोनो ही काफ़ी सूजी सूजी लग रही थी.
अपनी रात वाली चुदाई को याद करते ही रज़िया बीबी की चूत भी मचल उठी. और उस ने एक दम अपना सर झुका कर ज़ाहिद के मोटे लंड को अपने मुँह में भर लिया.
ज़ाहिद के जवान लंड को मुँह में भर कर रज़िया बीबी की पेशवर गश्ती की तरह “शरप शरप” कर के अपने बेटे के सख़्त लंड की चुसाइ लगाने लगी.
“उफफफफफफफफ्फ़ मज़े दार्रर्र्र्र्र्र्र्र्ररर, हाईईईईईईईईईई ऐसे ही चाटूऊओ” अपने लंबे लंड की मोटी टोपी को अपनी वल्दा के गरम मुँह में आगे पीछे करते हुए बिस्तर पर पड़ा ज़ाहिद बुरी तरह सिसकारने लगा.
कुछ देर अपनी अम्मी से अपने लंड चुसवाने के बाद ज़ाहिद ने रज़िया बीबी को बिस्तर पर सीधा लिटाया. और फिर ज़ाहिद ने अपनी अम्मी की चूत को एक बार फिर चाट कर सुबह सुबह अपने मुँह भी मीठा कर लिया.
जब ज़ाहिद ने रज़िया बीबी की चूत को चाट चाट कर काफ़ी गीली कर दिया. तो ज़ाहिद बिस्तर पर लेटी रज़िया बीबी के जिस्म के पीछे आ गया.
अपनी अम्मी के जिस्म के पीछे आ कर ज़ाहिद ने रज़िया बीबी के जिस्म को थोड़ा तिरछा हो कर लेटने का कहा.
ज़ाहिद के कहने के मुताबिक रज़िया बीबी ज्यों ही बिस्तर पर करवट बदलते हुए एक साइड पर लेटी.
तो ज़ाहिद अपनी अम्मी से दुबारा बोला “ज़रा अपनी एक टाँग उठा कर अपनी चूत को मेरे लंड के लिए खोल दो बेगम”
“जो हुकम मेरे आका” रज़िया बीबी ने एक कनीज़ की तरह अपने मालिक का हुकम मानते हुए अपनी मोटी रान को एक हाथ से पकड़ कर हवा में उठा दिया.
रज़िया बीबी अपनी टाँग को कमरे की छत की तरफ उठाए हुई थी. कि ज़ाहिद ने एक दम से अपने मोटे लंड की फूली हुई टोपी को पीछे से रज़िया बीबी की चूत के मुँह पर रख दिया.
बिस्तर पर करवट वाले अंदाज़ में लेटी अपनी अम्मी के मोटे और सूजे हुए फुद्दे पर अपना लंड रखते ही ज़ाहिद ने रज़िया बीबी से पूछा “बेगम एक बार फिर पूरा डाल दूं अंदर.?”
“ये चूत अब तुम्हारी है, अब जैसे और जब चाहो इसे इस्तेमाल करो मेरे राजा”रज़िया बीबी ने भी अपने शोहार नमदार को मस्ती में जवाब दिया.
रज़िया बीबी के “हां” कहने की देर थी कि ज़ाहिद ने हल्का सा झटका दिया.
और ज़ाहिद का मोटा और लंबा लंड रज़िया बीबी की फूली हुई चूत में उतर गया.
ज्यों ही ज़ाहिद का साथ लंड अपनी बीवी रज़िया बेगम की चूत में गया.
तो मज़े की शिद्दत से अपनी टाँग पर रखे हुए हाथ पर रज़िया बीबी की गिरफ़्त कमजोर पड़ गई. जिस वजह से रज़िया बीबी की हवा में उठी हुई टाँग उस के हाथ से गिर कर रज़िया बीबी की दूसरी टाँग पर आ गई.
वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
आगे क्या हुआ ……………अगली कड़ी के लिए उत्सुकता से प्रतीक्षा में . . .
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )
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